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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
व्यवस्था विवरण 32

32 “हे गगन, सुन ल्या मइँ बोलिहउँ,
    पृथ्वी मोरे मुँहना स बात सुनी।
मोरे उपदेस बरसिहइँ बर्खा क नाई,
    ओस समान बही पृथ्वी पइ मोरी वाणी,
नरम घासन पइ बर्खा क मन्द झरी सी,
    हरिअर पौधन पइ बर्खा सी।
मोर वाणी परमेस्सर क नाउँ सुनाई महँ कहब,
    स्तुति कर, परमेस्सर महान अहइ।

“उ (यहोवा) हमार चट्टान अहइ
    ओकर सबहिं काम पूर्ण अहइँ!
    काहेकी ओकर सबहिं राह उचित अहइँ!
उ विस्सास अउ निस्पाप परमेस्सर अहइ
    करत जउन उचित अउ सही अहइ।
तू लोगन ओकर संग दुर्वउहार किह्या तू ओकर संग भ्रस्ट तौर पइ बरताव किहेस।
    तोहार दोस एह बरे नाहीं कि तू पचे ओकर गदेलन अहइ।
    तू एक दुट्ठ अउ पतित पीढ़ी अहा।
का इही बेउहार अहइ जेका तू यहोवा स करइ चाही? नाहीं!
    तू मूरख अउ जड़बुद्धि जन अहा।
यहोवा परम पिता तोहार अहइ,
    उ तू पचन्क बनाएस, उ आपन जन क मजबूत बनाएस तू पचन्क।

“याद करा बीता भवा दिन क
    सोचा बीती भइ पीढ़ियन क बरिसन क,
बुढ़वा पिता स पूछा, उहइ कइहीं आपन प्रमुखन स पूछा;
    उहइ कइहीं।
सवोर्च्च परमेस्सर आपन रास्ट्रन क
    आपन देसन क दिहस,
उ मानव जाति उ विभाजित किहेस
    उ रास्ट्रन मँ इस्राएली क सम्बंध क बीच सरहद बनाएस।
यहोवा क विरासत अहइ ओकर लोग;
    याकूब यहोवा क आपन अहइ।

10 “यहोवा याकूब क रेगिस्तान मँ पाएस,
    सुनसान अउ साँय-साँय करइवाली मरु भुइँया मँ।
यहोवा याकूब क रच्छा बरे ओका चारिहुँ कइँती घेर लिहस
    उ ओका आँखिन क पुतरी क नाइँ रच्छा किहेस।
11 यहोवा उकाब क नाई इस्राएल क रच्छा किहस,
    जइसे उकाब घोंसला स उठावत ह बच्चन क ओनका उड़इ बरे सिखावत ह।
उ बच्चन क लइके रच्छा करत उड़ति ह उ आपन पखना फइलावत ह जब उ पचे ओका पकड़त हीं।
    उ ओनका पखना पइ लइके उड़ति ह अउ सुरच्छित जहग पइ।
    परमेस्सर वइसेन अहइ।
12 अकेल्ले यहोवा याकूब क मारग दरसन किहस,
    कउनो देवता विदेसी ओकरे लगे न रहेन।
13 यहोवा याकूब क पृथ्वी क ऊँच जगहन पइ चढ़ाएस,
    याकूब खेतन क फसल खाएस,
यहोवा याकूब क पुट्ठ चट्टानन क सहद स किहस;
    जइतून-तेल ओका वज्र-चट्टाने स दिहस,
14 माखन खरका स दिहस, दूध झुण्ड स दिहस,
    गोस भेड़ी अउ बोकरन क,
भेड़ा अउ बासान जाति क बोकरन स दिहस-बढ़िया स बढ़िया गोहूँ,
    लाल अंगूरे क दाखरस दिहस।

15 “मुला यसूरुन मोटा भवा, साँड़े क नाई लात मारत,
    उ बाढ़ा अउ उ भारी भी रहा।
उ ऊँच जाति अउ खूब पाला पोसा गवा उ आपन कर्ता क नकारेस अउर चट्टान बरे
    ओका अपमान किहेस, जउन उद्धारकर्त्ता रहा।
16 जलोटा यहोवा क, दूसर देवन क पूजिके बनाएस! ओकर जन;
    कोहाइ दिहन परमेस्सर क आपन मुरतियन स जउन घिनौनी परमेस्सर क रहिन,
17 उ पचे दानवन क बलि दिहन जउन फुरइ देवतन नाहीं रहेन ओन देवतन क बलि दिहन जेकर ओनका गियान नाहीं रहा।
    देवतन उ सबइ जेनका न पूजेन कबहुँ तोहार पुरखन नए रहेन।
18 तू पचे चट्टान क तजि दिहा, तू पचे आपन परमेस्सर क बिसराया
    जउन जिन्नगी दिहस।

19 “यहोवा लखेस इ जन क आपन कहइ स इन्कार किहस,
    ओका ओकर बेटवन अउ बिटियन कोहाइ दिहन।
20 तब यहोवा कहेस, ‘मइँ ऍनसे मुँह मोड़बउँ!
    मइँ लखि सकउँ – ओनका अन्त होइ।
काहेकि भ्रस्ट सबहिं ओनकी पीढ़ियन अहइँ।
    उ सबइ अहइँ अइसा सन्तान जेनका विस्सास नाहीं अहइ!
21 उ पचे मोका मूरतियन स ईर्स्यालु बनएन जउन परमेस्सर नाहीं अहइ।
    उ पचे मोका आपन निरर्थक मूरतियन स नाराज किहेन।
एह बरे मइँ ओन लोगन स जउन इस्राएलियन नाहीं अहइ ईर्स्यालु बनाइ देब।
    मइँ ओन लोगन क मूरख रास्ट्र स नाराज करइ देब।
22 मोर किरोध आगी क नाईं सुलगत अहइ।
    मोर किरोध मोत क ठउर क नाईं गहिर तलक,
मोरे किरोध भुइँया नस्ट करत ह।
    अउ फसल क, अउ पहाड़े क नेंव मँ आगी लगावत ह।

23 “‘मइँ इस्राएलियन प विपत्ति ढाउब,
    मइँ आपन बाण ओन पइ चलाउब।
24 उ पचे भूखन क मारे दूबर स दूबर होइहीं।
    भयंकर महारोग ओनकर विनास करिहीं।
मइँ जंगली जनावर क ओनके खिलाफ पठउब जहरीला साँपन
    अउ रेगंइ वाला जहरीला जंतुअन क ओनका डसइ पठउब।
25 बाहेर सड़कन पइ तरवारे स मारा जइहीं,
    अउ घरे क भीतर भय अउ डर स।
सिपाही मारि डइहीं जवान मनसेधू अउ मेहररुअन।
    उ पचे मारि डइहीं नान्ह गदेलन अउ बुढ़वन क।

26 “‘मइँ कहत हउँ, मइँ ओका तितर-बितर कइ देब।
    इस्राएलियन क लोगन स बिसरि जाइ द्या।
27 मुला मइँ दुस्मन क कोहाइ क आसंका दूर करब,
    जउन होइ सकत ह दुस्मन गलत समुझत हीं।
उ पचे सेखी बघरिहीं अउर कइहीं,
    “हम पचे जीत लीन्ह ह आपन ताकत स,
    यहोवा नाहीं किहस इ काम क।’”

28 “उ मूरख रास्ट्र अहइँ उ पचे
    कछू भी समुझ नाहीं पातन अहइँ।
29 अगर उ समझदार होतेन
    तउ ऍका समुझ पउतेन
    अउर लख लेतेन आपन भविस्स।
30 कइसे एक ठु हजारन क पीछा करत?
    कइसे दस हजार क दुइ ठु भगाइ देतेन?
इ तबइ होत जब सैल
    यहोवा देत ओनका,
अउर ओनका गुलाम बनाइ देत।
31 तोहार ‘चट्टान’ हमार चट्टान क नाइँ नाहीं।
    हमार दुस्मन इ सच्चाई क खुद लखि सकत हीं।
32 ओनकर अंगूरे क लता सदोम क लता स अउ अमोर क खेत स अहइ।
    ओनकर अंगूर बिखैला होत हीं ओनकर अंगूरन क गुच्छन करुआन।
33     ओनकर दाखरस साँपन क बिख जइसी अहइँ अउ नागिन क जहर क नाइँ।

34 “पर्भू कहत बा ‘मइँ उ सजा क सुरच्छित रखेउँ ह।
    मइँ ऍका आपन बस्तू-भण्डारे मँ बन्द किहेउँ ह।
35 सिरिफ मइँ ही देइवाला दण्ड अहउँ मइँ ही लोगन क अपराधन क बदला देत हउँ,
    जब अपराधन मँ ओनकइ गोड़वा फिसल जाइ,
काहेकि विपत्तिकाल ओनके निअरे अहइ
    अउर दण्ड समइ ओनका दौड़ि आइ।’

36 “यहोवा आपन जन क निआव करि।
    उ पचे ओकर सेवक अहइँ, उ दयालु होइ।
उ ओकरे बल क मिटाइ लखिहीं
    तउ उ ओन सबहिं अजाद
    अउ दासन क होत लखी असहाय।
37 उ तब पूछी, ‘लोगन क लबार देवतन कहाँ अहइँ?
    उ “चट्टान” कहाँ अहइ, उ पचे जेकर सरण गएन?
38 मनइयन क इ सबइ देव, बलि क चर्बी खात रहेन,
    अउर दारु, दारु क भेंट की पिअत रहेन।
एह बरे उठइँ इ सबइ देव, मदद तोहार करइँ
    तोहरी इ सबइ रच्छा करइँ!

39 “‘लखा अब मइँ तोहार परमेस्सर अहउँ!
    नाहीं दूसर कउनो भी परमेस्सर
मइँ ही निहचय करब लोगन क
    जिअत राखउँ या मारउँ।
मइँ लोगन क दइ सकत हउ चोट
    अउर ठीक भी रख सकत हउँ।
अउर न बचाइ सकत केउ कउनो क मोरी सक्ति क बाहेर।
40 आकास कइँती हाथ उठाइके मइँ वचन देत हउँ।
    अगर इ फुरइ अहइ कि मइँ सास्वत हउँ।
41 मइँ आपन बिजरी क तरवार क उपयोग करब।
    मइँ निआव पइ रहब।
मइँ एका आपन दुस्मन पइ प्रयोग करब।
    मइ ओका जवाब देब जउन मोहस घिना करत ह।
42 मोर दुस्मनन मारा जइहीं अउर बन्दी होइहीं।
    हमार बाण ओनके रकत स रंग जइहीं।
    मोर तरवार दुस्मन क मूँड़ क काटि देइ।’

43 “सब संसार परमेस्सर क मनइयन स खुस होइ।
    काहेकि उ ओनकी मदद करत ह आपन सेवकन क हत्तियारन क उ सजा देत रहत ह।
उ आपन दुस्मनन स बदला लेत ह
    अउर आपन देस अउर आपन लोगन बरे प्रायस्चित करत ह।”

मूसा लोगन क आपन गीत सिखावत ह

44 मूसा आवा अउ इस्राएल क सबहिं लोगन क सुनइ बरे उ गीत पूरा सुनाएस। नून क पूत यहोसू मूसा क संग रहा। 45 जब मूसा लोगन क इ उपदेस देब खतम किहस 46 तब उ ओनसे कहेस, “तू पचन्क निहचय करइ चाही कि तू ओन सबहिं आदेसन क सुमिरिब्या जेका मइँ आजु तू पचन्क बतावत जरूर हउँ अउर तू पचन्क आपन गदेलन क इ जरूर बतावइ चाही कि ऍन व्यवस्था क सबइ नेमन क होसियारी स उ पचे पूरी तरह मानइँ। 47 इ जिन समुझा कि इ सबइ उपदेस महत्व क नाहीं अहइँ। इ सबइ तोहार जिन्नगी अहइँ। ऍन उपदेसन क जरिया तू पचे उ यरदन नदी क पार क देस मँ लम्बे समइ तक रहब्या जेका लेइ बरे तू पचे तइयार अहा।”

मूसा नबो पहाड़े पइ

48 यहोवा उहइ दिन मूसा स बतियान। यहोवा कहेस, 49 “अबारीम पहाड़े पइ जा। यरीहो सहर स पार होइके मोआब पहँटा मँ नबो पहाड़े पइ जा। तब तू उ कनान प्रदेस क लखि सकत ह जेका मइँ इस्राएल क लोगन क रहइ बरे दइ देत हउँ। 50 तू उ पर्वते पइ मरब्या। तू वइसेन ही ओन लोगन स मिलब्या जउन मरि गए अहइँ जइसे तोहार भाई हारुन होर पहाड़े पइ मरा अउ आपन लोगन स मिला। 51 काहेकि जब तू सीन क रेगिस्तान मँ कादेस क निअरे मरीबा क जलासयन क लगे रह्या तब मोरे खिलाफ पाप किहे रह्या अउ इस्राएल क लोग ओका हुआँ लखे रहेन। तू मोर सम्मान नाहीं किह्या अउर तू इ लोगन क नाहीं देखाया कि मइँ पवित्तर अहउँ। 52 एह बरे अब तू आपन समन्वा उ देस क लखि सकत ह किन्तु तू उ देस मँ जाइ नाहीं सकत्या जेका मइँ इस्राएल क लोगन क देत अहँउ।”

भजन संहिता 119:121-144

ऐन

121 मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जउन नीक अउर खरा अहइँ।
    हे यहोवा, तू मोका अइसेन ओन लोगन क जिन सौंपा जउन मोका हानि पहोंचावइ चाहत हीं।
122 मोका वचन द्या कि तू मोरे बरे अच्छा करब्या।
    मइँ तोहार दास अहउँ।
    हे यहोवा, अहंकारी लोगन क मोह पइ अत्याचार जिन करइ द्या।
123 हे यहोवा, तू आपन अच्छाई स मोका वचन दिहे रह्या कि तू मोर मदद करब्या।
    मुला मोर आँखी तोहार राह निहारत भए थकी गइन।
124 तू आपन बिस्ससनीय पिरेम मोह पइ परगट करा।
    मइँ तोहार दास हउँ।
    तू मोका आपन विधान क सिच्छा द्या।
125 मइँ तोहार सेवक हउँ।
    आपन विवेक स मोका आसीस द्या तउ मइँ तोहार करार क समुझ सकेउँ।
126 कार्यवाही करा, हे यहोवा,
    काहेकि ओन लोग तोहरे कानून क नाफ़रमानी करत हीं।
127 हे यहोवा, उत्तिम सुवर्ण स भी जियादा
    मोका तोहार आदेस भावत हीं।
128 तोहरे सब उपदेसन क बहोत सावधानी स मइँ पालन करत हउँ।
    मइँ सबइ झूठे रास्तन स घिना करत हउँ।

पे

129 हे यहोवा, तोहार करार अद्भुत बा।
    एह बरे मइँ ओकर अनुसरण करत हउँ।
130 तोहार वचन क व्याख्या प्रकास लावत ह।
    तोहार सिच्छन बुद्धिहीन लोगन क समुझ देत ह।
131 हे यहोवा, मइँ तोहरे आदेसन क पालन करइ इच्छुक हउँ।
    मइँ दौड़वालन क नाईं हाँफब।
132 हे परमेस्सर, मोरी कइँती निगाह करा अउर मोह पइ दयालु ह्वा।
    तू ओन लोगन बरे वइसा ही करा जउन ओकरे बरे नीक अहइ जउन तोहार नाउँ स पिरेम किया करत हीं।
133 हे यहोवा, मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोका दुःख देत हीं
    अउर मइँ तोहरे आदेसन क पालन करब।
134 हे यहोवा मोका ओन आदेसन स बचाइ ल्या जउन मोका दुःख देत हीं।
    अउर मइँ तोहरे आदेसन क पालन करब।
135 हे यहोवा, आपन सेवक पइ दाया दिखावा
    अउर आपन विधान तू मोका सिखावा।
136 रोवत रोवत आँसुअन क एक नदी मइँ बहाइ चुका हउँ।
    काहेकि लोग तोहरी सिच्छन क पालन नाहीं करत अहइँ।

सादे

137 हे यहोवा, तू सच्चा अहा
    अउर तोहार फइसला खरा अहइँ।
138 उ सबइ चिजियन उत्तिम अहइँ जउन तू हमका करार मँ दिहा।
    हम पूरी तरह स तोहरे विधान क भरोसे रहि सकित ह।
139 तोहरे बरे मोर धुन मोका बर्बाद करत ह।
    मइँ बहोत बेचैन हउँ, काहेकि मोर दुस्मन लोग तोहरे वचन क बिसराइ दिहन।
140 हे यहोवा, तोहार वचन प्रमाणित अउर फुरइ अउर सच्चा बाटइ,
    अउर मइँ तोहार सेवक एहसे पिरेम करत हउँ।
141 मइँ एक महत्वहीन हउँ अउर लोग मोर आदर नाहीं करत बाटेन।
    मुला मइँ तोहरे उपदेसन क बिसरत नाहीं अहउँ।
142 हे यहोवा, तोहार अच्छाई अनन्त अहइ।
    तोहरे सिच्छन क भरोसे रहा जाइ सकत ह।
143 संकट अउर परेसानी मोका घेरि लिहेस ह।
    मुला, मइँ तोहार उपदेसन क नाहीं बिसारे रहेउँ।
144 तोहार करार हमेसा नीक बाटइ।
    एका समुझइ मँ मोर सहायता करा ताकि मइँ जी सकउँ।

यसायाह 59

दुट्ठ लोगन क आपन जिन्नगी बदलइ चाही

59 लखा, तोहार रच्छा बरे यहोवा क सक्ति काफी अहइ। जब तू मदद बरे ओका गोहरावत ह तउ उ तोहार सुन सकत ह। किन्तु तोहार पचन्क पाप तू पचन्क परमेस्सर स अलग करत हीं अउर इहइ बरे उ तोहरे पचन्क तरफ स कान बन्द कइ लेत ह। तोहार पचन्क हाथ गन्दा अहइँ, उ सबइ खून स सने भए अहइँ। तोहार पचन्क अँगुरियन अपराधन स भरी अहइँ। आपन मुँहे स तू पचे झूठ बोलत अहा। तोहार पचन्क जिभियन बुरी बातन करत हीं। दूसर मनइ क बारे मँ कउनो मनई फुरइ नाहीं बोलत। लोग अदालत मँ एक दूसर क खिलाफ मुकद्दमा करत हीं। आपन मुकद्दमा जीतइ बरे उ पचे झूठे तर्कन पइ आसरा करत हीं। उ पचे एक दूसर क बारे मँ परस्पर झूठ बोलत हीं। उ पचे कस्ट क गर्भ मँ धारण करत हीं अउर बुराइयन क जनम देत हीं। उ पचे सरप क बिख भरे अण्डन क समान बुराई क सेवत हीं। अगर ओनमाँ स तू एक अण्डा भी खाइ ल्या तउ तोहार मउत होइ जाइ अउर अगर तू ओनमाँ स एक अण्डा फोड़ द्या तउ एक जहरीला नाग बाहेर निकरि पड़इ।

लोग झूठ बोलत हीं। इ झूठ मकड़ी क जालन जइसी कपड़े नाहीं बन सकतेन। ओन जालन स तू आपन क ढाँपि नाहीं सकतेन।

कछू लोग बदी करत हीं अउर आपन हाथन स दूसरन क नोस्कान पहोंचावत हीं। अइसी लोग आपन गोड़न क प्रयोग बदी क लगे पहोंचइ बरे करत हीं। इ सबइ लोग निर्दोख मनइयन क मारि डावइ क जल्दी मँ रहत हीं। उ पचे बुरे विचारन मँ पड़े रहत हीं। उ पचे जहाँ जात हीं बिनास अउ बिध्वंस फइलावत हीं। अइसे लोग सान्ति क मारग नाहीं जानतेन। ओनकर जिन्नगी मँ नेकी तउ होत ही नाहीं। ओनकर रास्तन ईमानदारी क नाहीं होतेन। कउनो भी मनई जउन ओनके जइसा जिन्नगी जिअत ह, आपन जिन्नगी मँ कबहुँ सान्ति नाहीं पाई।

इस्राएल क पापन स बिपत्ति क आउब

एह बरे परमेस्सर क निआव अउर मुक्ति हम स दूर अहइ।
हम प्रकास क बाट जोहत अही।
    पर बस केवल अन्धकार फइला अहइ।
हमका चमकत प्रकास क आसा अहइ।
    किन्तु हम अँधियारा मँ चलत अही।
10 हम अइसे लोग अही जेनके लगे आँखिन नाहीं अहइँ।
    नेत्रहीन लोगन क तरह हम देवारन क टटोरित चलत अही।
हम ठोकर खात अही अउर गिर जात अही जइसे इ रात होइ।
    दिन क प्रकास मँ भी
    हम मुर्दन क भाँति गिर पड़ित ह।
11 हम सब बहोत दुःखी अही।
    हम सब अइसे कराहत अही जइसे कउनो रीछ अउर कउनो कबूतर कराहत ह।
हम अइसे उ समय क बाट जोहत अही जब लोग निस्पच्छ होइहीं
    किन्तु अबहिं तलक तउ कतहूँ भी नेकी नाहीं अहइ।
हम उद्धार क बाट जोहत अही
    किन्तु उद्धार बहोत-बहोत दूर अहइ।
12 काहेकि हम आपन परमेस्सर क विरोध मँ बहोत पाप किहे अही।
    हमार पाप बतावत हीं कि हम बहोत बुरे अही।
हमका एकर पता अहइ
    कि हम एन बुरे करमन क करइ क अपराधी अही।
13 हम पाप किहे रहे
    अउर हम आपन यहोवा स मुँह मोड़ लिहे रहे।
यहोवा स हम विमुख भए अउर ओका तजि दीन्ह।
    हम बुरे करमन क जोजना बनाए रहे।
हम अइसी ओन बातन क जोजना बनाए रहे
    जउन हमरे परमेस्सर क विरोध मँ रही।
हम पचे उ सबइ बातन सोचे रहे
    अउर दूसरन क सतावइ क जोजना बनाए रहे।
14 हमसे नेकी क पाछे ढकेला गवा।
    निस्पच्छता दूर ही खड़ी रही।
गलियन मँ सच्चाई गिर पड़ी रही
    माना नगर मँ अच्छाई क प्रवेस नाहीं भवा।
15 सच्चाई चली गइ
    अउर उ सबइ लोग लूटे गएन जउन भला करइ चाहत रहेन।

यहोवा हेरे रहा किन्तु कउनो भी,
    कहीं भी अच्छाई न मिल पाई।
16 यहोवा हेर लखेस किन्तु ओका कउनो मनई नाहीं मिला जउन लोगन क संग खड़ा होइ
    अउर ओनका सहारा देइ।
एह बरे खुद आपन सक्ति क अउर खुद आपन नेकी क प्रयोग किहस
    अउर यहोवा लोगन क बचाइ लिहस।
17 यहोवा नेकी क कवच,
    उद्धार क सिरस्त्रण (टोप),
दण्ड क वस्त्र,
    अउर आपन मज़बूत पिरेम क चोगा पहिरेस।
18 यहोवा आपन दुस्मन पइ कोहान अहइ तउ यहोवा ओनका अइसा दण्ड देइ जइसा ओनका मिलइ चाही।
    यहोवा आपन दुस्मनन स कोहान अहइ
तउ यहोवा सबहिं दूर-दूर क देसन क लोगन क सजा देइ।
    यहोवा ओनका वइसा दण्ड देइ जइसा ओनका मिलइ चाही।
19 फुन पच्छिम क लोग यहोवा क नाम क आदर देइहीं
    अउर पूरब क लोग यहोवा क महिमा स भय विम्हित होइ जइहीं।
यहोवा अइसे ही हाली आइ जाइ जइसे तेज नदी बहत भइ आइ जात ह।
    इ उ तेज हवा क रप्तार सा होइ जेका यहोवा उ नदी क तूफान बहावइ बरे पठवत ह।
20 तब सिय्योन पर्वत पइ एक छुड़ावइवाला आइ।
    उ याकूब क ओन लोगन क लगे आइ जउन पाप तउ किहे
रहेन, किन्तु जउन परमेस्सर कइँती लउटि आए रहेन।
    यहोवा इ सबइ बातन क कहेस।

21 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क संग एक वाचा करब। मइँ बचन देत हउँ मोर आतिमा अउर मोरे सब्द जेनका मइँ तोहरे मुखे मँ रखत हउँ तोहका कबहुँ नाहीं छोड़िहीं। उ पचे तोर संतानन अउर तोहार बच्चन क बच्चन क संग रहिहीं। उ पचे आजु तोहरे साथ रहिहीं अउर सदा-सदा तोहरे साथ रहिहीं।”

मत्ती 7

ईसू क वचन दूसर क दोखी ठहरावइ बरे

(लूका 6:37-38,41-42)

“दूसर प दोख लगावइ क आदत जिन डावा काहेकि तोहरे प दोख न लगावा जाइ। काहेकि तोहार निआव उहइ फैसला प टिका होई, जउन फैसला तू दूसर क निआव प दिहे रहा अउर परमेस्सर तोहका उहइ नपना स नापी जउने नपना स तू दूसर क नाप्या ह।

“तू आपन भाई बंद क आँखी क किरकरी तक क काहे लखत ह? जब कि तोहका आपन आँखी क लट्ठा तलक नाहीं देखाइ पड़त? जबहिं तोहरे आँखी मँ लट्ठा बाटइ तब तू आपन भाई स कइसे कहि सकत ह, ‘तू मोका तोहरी आँखी क किरकिरी निकारइ द्या।’ अरे कपटी! पहिले आपन आँखी क लट्ठा निकार, फिन तू नीक नीक देख पउब्या अउर आपन भाई क आँखी क किरकिरी निकार पउब्या।

“कूकुरन क पवित्तर चीज जिन द्या अउर सुअरन क अगवा मोती जिन बिखरावा। नाहीं तउ उ पचे आपन गोड़ी क तले रौदिहइँ अउर कूकुरन पलटि क तोहरे ऊपर चढ़ी बैठिहीं।

जउन तू चाहत ह परमेस्सर स पराथना करत रहा

(लूका 11:9-13)

“परमेस्सर स माँगत रहा, तोहका दीन्ह जाइ। खोजत रहा, तोहका मिली। खटखटावत रहा, तोहरे बरे दरवाजा खोलि दीन्ह जाई। काहेकि हर कउनो जउन माँगत ह, पावत ह। जउन ढूँढत ह, पावत ह। जउन खटखटावत रहत ह ओकर बरे दरवाजा खोलि दीन्ह जाई।

“तू सबन मँ स अइसा बाप कउन सा अहइ जेकर बेटवा रोटी माँगइ अउर उ बेटवा क पाथर देइ? 10 या जब उ मछरी माँगइ तउ उ ओका साँप दइ देइ। बतावा का कउनो देई? अइसा कउनो न करी! 11 एह बरे चाहे तू बुरा काहे न ह्वा, जानत ह कि आपन गदेलन क नीक भेंट कइसे दीन्ह जात ही। वइसे हीं सचमुच सरगे क बसइया तोहार परमपिता माँगइवालन क नीक नीक चीचन्क जरूर देइ।

नेम धरम क सबते बड़ी उपदेस

12 “एह बरे जइसा बेवहार आपन बरे तू दूसर लोगन्स चाहत ह, वइसा बेवहार तू भी ओनसे करा। यही मूसा क व्यवस्था अउर नबियन दुआरा बतावा गवा बा।

सरग अउर नरक क राह

(लूका 13:24)

13 “सँकरे राह स घुसा! इ मइँ तोहका यह बरे कहत हउँ काहेकि चौड़ा दुआर अउर बड़की राह तउ बिनासे कइँती लइ जात ह। बहोत स मनई उ राहे प चलत हीं। 14 मुला केतॅना सँकरा अहइ उ दुआर अउर केतॅना छोटकी अहइ उ राह जउन जिन्नगी कइँती लइ जात ही अउर कठिन अहइँ उ सबइ मनइयन जउन ओका पावत अहइँ।

करम ही बतावत हीं कि कउन कइसा अहइ

(लूका 6:43-44; 13:25-27)

15 “झूठे नबियन स होसियार रहा। उ पचे तोहरे लगे निर्छल भेड़िन क भेस मँ आवत हीं मुला भीतर उ सबइ खूँखार बड़का कूकुर होत हीं। 16 तू ओनके करमन क फल स पहिचान लेब्या। कउनो कँटेहरी झाड़ी स न तउ अंगूर एकट्ठा कइ पावत ही अउ न गोखरु स अंजीर। 17 अइसे ही बड़िया बिरवा प नीक फल लागत हीं मुला बेकार बिरवा प बेकार फल लागत हीं। 18 एक नीक बिरवा बुरे फल नाहीं पइदा करत अउर न कउनो बेकार बिरवा नीक फल पइदा कइ सकत ह। 19 हर उ बिरवा जेह प नीक फल नाहीं लगतेन, ओका काटि के आगी मँ झोकि दीन्ह जात ह। 20 एह बरे मइँ तू सबन क दुबारा कहत हउँ कि उ लोगन क तू ओनके करमन क फले स पहिचान लेब्या।

21 “पर्भू, पर्भू कहइवाला हर मनई सरगे क राज्य मँ घुस न पाई मुला उहइ सरग जउन सरगे मँ बसा अहइ मोरे परमपिता क इच्छा प चलत ह उहइ ओहमाँ घुसि पाई। 22 उ आखिरी दिना मँ बहोत स मनई मोसे पुछिहीं, ‘पर्भू! पर्भू! का हम तोहरे नाउँ स भविस्सबाणी नाहीं कीन्ह? का तोहरे नाउँ स हम सबन दुस्ट आतिमन क नाहीं निकारा अउर का हम पचे तोहरे नाउँ स अद्भुत कारजन नाहीं कीन्ह?’ 23 तबहिं मइँ ओनसे साफ साफ कहियउँ कि मइँ तू सबन्क नाहीं जानत हउँ, ‘हे कुकरमी मनइयो! हियाँ स भागि जा।’

एक ठु बुद्धिमान अउर एक मूर्ख

(लूका 6:47-49)

24 “यह बरे जउन मोर सब्दन क सुनत ह अउर उ एन प चलत ह ओकर तुलना उ बुद्धिमान स कीन्ह जाई जउन आपन घर चट्टाने प बनएस। 25 बरखा भइ, बाढ़ आइ, आँधी चली अउइ सबई उ घरे स टक्कराइ गएन, मुला घर गिरा नाहीं। काहेकि ओकर नेंव चट्टाने प धरी गइ रही।

26 “मुला उ जउन मोरे सब्दन क सुनत ह मुला ओन प चलत नाहीं, उ मूर्ख मनई क नाईं अहइ जउन आपन घर रेते प बनाएस। 27 बरखा भइ, बाढ़ आइ अउर आँधी चली अउर उ घरे स टकराइ गएन, जेहसे उ घर आवाज कइके समूचइ गिर गवा।”

28 नतीजा इ भवा कि जबहिं ईसू इ बतियन क कहिके पूरी किहेस, तउ ओकरे उपदेसन प भीड़ क लोगन क अचरज भवा। 29 काहेकि उ धरम सास्तिरियन क नाईं नाहीं मुला एक अधिकारी क नाईं उपदेस देत रहा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.