M’Cheyne Bible Reading Plan
24 “जदि कउनो मनई कउनो मेहरारु स बियाह करत ह, अउर उ मेहरारू ओका खूस नाहीं करत ह, काहेकि उ मनई उ मेहरारू मँ कछू असलीलता पावत ह, तउ उ ओक तलाक पत्र दइ सकत ह अउर ओका आपन घरे स पठइ देइ सकत ह। 2 जब उ ओकर घर तज दिहेस ह तउ उ दूसर मनई क लगे जाइके ओकर पत्नी होइ सकत ह। 3-4 मुला मान ल्या कि नवा भतार भी ओका पसन्द नाहीं करत अउर ओका बिदा कइ देत ह। अगर उ मनई ओका तलाक देत ह तउ भी पहला भतार ओका फुन स पत्नी क रुप मँ नाहीं राखि सकत या अगर नवा भतार मरि जात ह तउ भी पहिला भतार ओका फुन पत्नी क रुप मँ नाहीं रख सकत ह। उ दूसित होइ चुकी बाटइ। अगर उ ओसे बियाह करत ह तउ उ अइसा काम करी जेहसे यहोवा घिना करत ह। तू पचन्क उ देस मँ अइसा पाप नाहीं लावइ चाही जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क रहइ बरे दइ देत अहइ।
5 “नवा बियाहा क फउज मँ नाहीं पठवइ चाही अउर ओका कउनो दूसर खास काम भी नाहीं देइ चाही। काहेकि एक बरिस तलक ओका घरे पइ रहइ क अजाद होइ चाही अउर आपन नई पत्नी क सुखी बनावइ चाही।
6 “अगर कउनो मनई क तू कर्ज द्या तउ गिरवी क रुप मँ ओकर आटा पीसइ क जाँत क कउनो पाट न रखा। काहेकि अइसा करब ओका खइया करइ के तू ओकर जिन्नगी क जरिया लइ लेब्या।
7 “अगर कउनो इस्राएली मनई दूसर इस्राएली मनई क अपहरण करत ह जउन ओकरे देस क अहइ अउर ओकरे संग दूरव्यवहार करत ह या ओका बेच लेत ह तउ अपहरण करइवाला जरुर मारा जाइ चाही। इ तरह तू आपन बीच स इ बुराई क दूर करब्या।
8 “अगर तू पचन्क कोढ़ होइ जाइ तउ तू पचन्क लेवी बंसी याजकन क दीन्ह गइ सारी सिच्छा अंगीकार करइ मँ होसियार रहइ चाही। तू पचन्क होसियारी स ओन सबइ आदेसन क मानइ चाही जेनका देइ बरे मइँ याजकन स कहेउँ ह। 9 इ याद राखा कि यहोवा तोहार परमेस्सर मिरियम क संग का किहेस जब तू पचे मिस्र स बाहेर निकरइ क जात्रा पइ रह्या।
10 “जब तू पचे कउनो मनई क कउनो तरह क कर्ज द्या तउ ओकरे घरे मँ ओकर घरेलू सामान क, गिरवी रखी चीज लेइ बरे जिन जा। 11 तू पचन्क बाहेर ही खड़ा रहइ चाही। तब उ मनई, जेका तू पचे कर्ज दिहा ह, तोहारे लगे गिरवी रखी गइ चीज लिआइ। 12 अगर उ गरीब अहइ तउ उ आपन वस्त्रन क दइ देइ, जेहसे उ आपन क गरम रख सकत ह। तू पचन्क ओकर गिरवी रखी चीज रात क नाहीं रखइ चाही। 13 तू पचन्क हर एक साँझ क ओकर गिरवी धरी चीज क लउटाइ देइ चाही। तब उ आपन ओढ़नन मँ स सोइ सकी। उ तोहार एहसानमंद रही अउर यहोवा तोहार परमेस्सर इ लखी कि तू इ अच्छा काम किह्या ह।
14 “तू पचन्क कउनो गरीब अउ जरुरतवाला मजूर पइ अत्याचार नाही करइ चाही। एकर कउनो महत्व नाहीं कि उ तोहार साथी इस्राएली बाटइ या उ कउनो बिदेसी अहइ जउन तोहरे सहरन मँ स कउनो एक मँ उ रहत बाटइ। 15 सूरज बूड़इ स पहिले हर रोज ओकर मजूरी दइ द्या। काहेकि उ गरीब अहइ अउर उहइ धने पइ ओका सहारा अहइ। अगर तू ओकर भुगतान नाहीं करत्या तउ उ यहोवा स तोहरे खिलाफ सिकाइत करी अउर तू पचे पाप करइ क अपराधी होब्या।
16 “गदेलन क जरिये कीन्ह गए कउनो अपराध बरे बाप क मउत क सजा नाहीं दीन्ह जाइ सकत। अउर गदेला क बाप क जरिये कीन्ह गए अपराध बरे मउत क सजा नाहीं दीन्ह जाइ सकत। कउनो मनई क ओकरे खुद क अपराध बरे ही मउत क सजा दीन्ह जाइ सकत ह।
17 “तू पचन्क प्रवासी अउ अनाथन क संग गलत फइसला नाहीं करइ चाही। तू पचन्क राँइ मेहररु स ओकर ओढ़ना कबहुँ भी गिरवी रखइ क बरे नाहीं लेइ चाही। 18 तू पचन्क सदा सुमिरइ चाही कि तू पचे मिस्र मँ दास रह्या। इ जिन बिसस कि यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क हुआँ स बाहेर लिआवा। इहइ कारण अहइ कि मइँ तू पचन्क इहइ करइ क आदेस देत अहउँ।
19 “तू पचे आपन खेत क फसल बटोरत रहि सकत ह अउर तू पचे तनिक भूलचूक स हुआँ छोड़ि सकत ह। तू पचन्क ओका लेइ नाहीं चाही। इ प्रवासियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन बरे होइ। अगर तू पचे ओनके बरे कछू अन्न छोड़त ह तउ यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क ओन सबहिं कामन मँ असीसी जउन तू पचे करब्या। 20 जब तू पचे आपन जइतून क बृच्छन स फली झरब्या तउ तू पचन्क डारन क फुन जाँच करइ नाहीं जाइ चाही। जउन जइतून तू पचे ओहमाँ तज देब्या उ बिदेसियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन बरे होइ। 21 जब तू पचे आपन अंगूरे क बगियन स अंगूर बटोरब्या तब तू पचन्क ओन अंगूर क लेइ नाहीं जाइ चाही जेनका तू पचे तजि दिहे अहा। उ सबइ अंगूर बिदेसियन, अनाथन अउर राँड मेहररुअन बरे होइहीं। 22 याद राखा कि तू पचे मिस्र मँ दास रह्या। इहइ कारण अहइ कि तू पचन्क इ करइ क आदेस देत अहउँ।
1 जब याकूब क घराना
बिदेसियन क रास्ट्र मिस्र क तजेस।
2 उ समइ यहूदा परमेस्सर क खास मनई बना,
इस्राएल ओकर राज्ज बन गवा।
3 लाल सागर ऍका लखेस, उ पराइ गवा।
यरदन नदी उलटिके बह चली।
4 पर्वत मेमनन क नाई नाच गएन।
पहाड़ी भ़ेड़न क नाई नाचि गइन।
5 हे लाल सागर, तू काहे पराइ गया?
हे यरदन नदी, तू काहे उलटी बहिउ?
6 हे पहाड़ो, काहे तू पचे भ़ेडन क नाई नाच्या?
हे पहाड़ियो, तू पचे काहे मेमनन जइसी नाचिउ?
7 हे धरती, यहोवा याकूब क परमेस्सर,
सुआमी क समन्वा काँप।
8 परमेस्सर ही चट्टानन क चीरिके जल क बाहेर बहाएस।
परमेस्सर पक्की चट्टान स जल क झरना बहाए रहा।
1 यहोवा, हमका कउनो गैारव ग्रहण नाहीं करइ चाही।
गौरव तउ तोहार अहइ।
तोहार पिरेम अउ निस्ठा क कारण गौरव तोहार अहइ।
2 रास्ट्रन काहे कहिइ,
“ओकर परमेस्सर कहाँ अहइ?”
3 मोर परमेस्सर सरगे मँ अहइ।
उ उहइ करत ह जउन कछू उ चाहत ह।
4 ओन जातियन क “देवता” बस सिरिफ पुतला अहइँ जउन सोना चाँदी क बना अहइँ।
उ सबइ बस सिरिफ पुतलन अहइँ जेनका कउनो मनई बनाएस ह।
5 ओन पुतलन क मुँह अहइँ, मुला उ सबइ बोल नाहीं पउतेन।
ओनकर आँखिन अहइँ, पर उ सबइ लखि नाहीं पउतेन।
6 ओनके कान अहइँ, मुला उ सबइ सुन नाहीं सकतेन।
ओनके लगे नाक अहइँ, मुला उ सबइ सूँघ नाहीं पउतेन।
7 ओनके हाथ अहइँ, मुला उ पचे कउनो चीज क छुइ नाहीं सकतेन।
ओनके गोड़ अहइँ, मुला उ पचे चल नाहीं सकतेन।
उ पचे आपन गटइ स कउनो आवाज़ नाहीं निकारइ सकतेन।
8 जउन मनई इ सबइ पुतलन बनावत हीं, अउर ओनमाँ बिस्सास धरत हीं
बिल्कुल इ सबइ मूरतियन जइसे बन जइहीं।
9 ओ इस्राएल क लोगो, यहोवा मँ भरोसा रखा।
यहोवा इस्राएल क मदद देत ह अउर ओकर रच्छा करत ह।
10 ओ हारून क घराने, यहोवा मँ भरोसा रखा।
हारून क घराने क यहोवा सहारा देत ह, अउ ओकर रच्छा करत ह।
11 हे यहोवा क सबइ मनवइयो, ओनमाँ भरोसा रखा।
उ सहारा देत ह अउर आपन लोगन क रच्छा करत ह।
12 यहोवा हमका याद राखत ह।
यहोवा हमका वरदान देइ,
यहोवा इस्राएल क आसीसित करी।
यहोवा हारून क परिवार क आसीसित करी।
13 उ ओन लोगन क आसीसित करी जउन ओहसे डेरात ह,
छोटा स लइके बरा तलक।
14 मोका आसा अहइ यहोवा तोहार बढ़ोतरी करी अउर मोका आसा अहइ,
उ तोहार संतानन क भी जियादा स जियादा देइ।
15 यहोवा जउन सरग अउ धरती क बनाएस ह,
तोहका आसीस देइ।
16 सरग यहोवा क अहइ।
मुला उ धरती क मानव जाति क दिहेस ह।
17 मरे भए लोग यहोवा क गुण नाहीं गउतेन।
कब्र मँ पड़े भए लोग यहोवा क गुणगान नाहीं करतेन।
18 मुला हम अबहुँ यहोवा क स्तुति करति ह,
अउर हम ओकर स्तुति सदा-सदा करब!
इस्राएल क इब्राहीम क जइसा होइ चाही
51 “मोर सुन्या, तोहमाँ स जउन लोग उत्तिम जिन्नगी जिअइ क कठिन प्रयत्न करत अहा अउर यहोवा क मदद खोजत अहा। अगर तू सही तरीके से जिअइ क उदाहरण चहात ह, लखा चट्टा (इब्राहीम) क जेहसे तू पचन्क काटि गवा अहइ, लखा खोखला चट्टान (सारा) क जेहसे तू पचन्क तरासत भवा अहइ। 2 हाँ, लखा आपन पिता इब्राहीम अउर आपन माँ सारा क जउन तू पचन्क जन्म दिहेस ह। उ इब्राहीम ही अकेला रहा जेका मइँ बोलाए रहा। किन्तु मइँ ओका वरदान दिहा अउर ओका एक बड़के रास्ट्र बनाइ दिहस।”
3 सिय्योन पर्वत क यहोवा वइसे ही आसीर्वाद देइ। यहोवा क यरूसलेम अउर ओकरे खंडहरन क बरे खेद होइ अउर उ नगर बरे कउनो बहोत बड़ा काम करी। यहोवा रेगिस्तान क बदल देइ। उ रेगिस्तान अदन क उपवन क जइसे एक उपवन मँ बदल जाइ। उ उजाड़ स्थान यहोवा क बगीचे जइसा होइ जाइ। लोग बहोत जियादा खुस होइहीं। लोग हुवाँ आनन्द परगट करिहीं। उ सबइ लोग धन्नबाद अउर विजय क गीत गइहीं।
4 “हे मेरे लोगो, मोर सुना! मइँ तू पचन क आपन उपदेसन क देब।
मइँ आपन नेमन क प्रकास क तरह बनाउब जउन लोगन क देखइहीं कि कइसे ठीक तरह स जिया जात ह।
5 मइँ हाली ही परगट करब कि मइँ निआव स पूर्ण हउँ।
मइँ हाली ही तोहार पचन्क रच्छा करब।
मइँ आपन सक्ति क काम मँ लिआउब अउर मइँ सबहिं रास्ट्रन क निआव करब।
सबहिं दूर-दूर क देस मोर बाट जोहत अहइँ।
ओनकर मोर सक्ति क प्रतीच्छा अहइ जउन ओनका बचाई।
6 ऊपर अकासन क लखा,
अकास अइसे लोप होइ जाइ जइसे धुआँ क एक बादर खोइ जात ह।
अउर धरती अइसे ही बेकार होइ जाइ
जइसे पुरान ओढ़ना बगैर कीमत क होत हीं।
धरती क वासी आपन प्राण तजिहीं
किन्तु मोर मुक्ति सदा ही बनी रही।
मोर उत्तिमता कबहुँ नाहीं मिटी।
7 अरे ओ उत्तिमता क समुझइवाले लोगो, तू पचे मोर बात सुना।
अरे ओ मोर सिच्छन पइ चलइवालो, तू पचे उ सबइ बातन सुना जेनका मइँ बतावत हउँ।
दुट्ठ लोगन स तू पचे जिन डेराअ।
ओन बुरी बातन स जेनका उ पचे तू पचन्स कहत हीं, तू पचे भयभीत जिन ह्वा।
8 काहेकि उ पचे पुराना कपड़न क नाईं होइहीं।
ओनका किरवन खाइ जइहीं, उ पचे ऊन क जइसे होइहीं जेका किरवन चाट जइहीं।
संसार क लोग मरिहीं, किन्तु मोर मुक्ति सदा ही बना रही।
मोर अच्छाइ निरन्तर बनी रही।”
परमेस्सर क सामर्थ्य ओकरे लोगन क रच्छा करत ह
9 यहोवा क भुजा जाग-जाग।
आपन सक्ति क सज्जित करा।
तू आपन सक्ति क प्रयोग करा।
तू वइसे जाग जा जइसे तू बहोत बहोत पहिले जागा रह्या।
तू उहइ सक्ति अहा जउन रहाब क छक्कन छुड़ाए रहा।
तू भयानक मगरमच्छ क ध्वाये रह्या।
10 तू सागरे क सुखाया।
तू गहिर समुद्दर क जलहीन बनाइ दिहा।
तू सागर क गहिर सतह क एक राहे मँ बदल दिहा अउर तोहार लोग उ राह स पार भएन अउर बच गए रहेन।
11 यहोवा आपन लोगन क रच्छा करी।
उ पचे सिय्योन पर्वत कइँती आनन्द मनावत भए लउटि अइहीं।
इ सबइ सबहिं आनन्द मँ मगन होइहीं।
सारे ही दुःख ओनसे दूर कहूँ भाग जइहीं।
12 यहोवा कहत ह, “मइँ उहइ हउँ जउन तू पचन्क चइन दिया करत ह।
एह बरे तू पचन्क दूसर लोगन्स काहे डेराइ चाही?
उ पचे तउ बस मनइयन अहइँ जउन जिया करत हीं अउर मरि जात हीं।
उ पचे वइसे मरि जात हीं जइसे घास मरि जात ह।”
13 यहोवा तू पचन्क रचेस ह।
उ निज सक्ति स इ धरती क बनाएस ह।
उ निज सक्ति स धरती पइ अकास तान दिहस।
किन्तु तू पचे ओका अउर ओकर सक्ति क बिसरि गवा।
एह बरे तू पचे सदा ही उ मनइयन स भयभीत रहत ह जउन तू पचन्क हानि पहोंचावत हीं।
तोहार नास करइ क ओन लोग जोजना बनाएन,
किन्तु आजु उ पचे कहाँ अहइँ? उ पचे सबहिं चलि गए रहेन!
14 लोग जउन बन्दी अहइँ, हाली ही मुक्त होइ जइहीं।
ओन लोगन क मउत काल कोठरी मँ नाहीं होइ अउर न ही उ पचे कारागार मँ सड़त रइहीं।
ओन लोगन्क लगे खाइके पर्याप्त होइ।
15 “मइँ ही यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर हउँ।
मइँ ही सागर क झकोरत हउँ अउर मइँ ही लहरन उठावन हउ।”
ओकर नाउँ सर्वसक्तीमान यहोवा अहइ।
16 “मोर सेवक, मइँ तोहका उ सबइ सब्द देब जेनका मइँ तोहसे कहलवावइ चाहत हउँ। मइँ तोहका आपन हाथन स ढकिके तोर रच्छा करब। मइँ तोहसे नवा अकास अउ नई धरती बनवाउब। मइँ तू पचन क जरिये सिय्योन क इ कहलवा वइ बरे कि तू पचे मोर लोग अहा, ‘तोहार उपयोग करब।’”
परमेस्सर इस्राएल क दण्ड दिहस
17 जागा। जागा।
यरूसलेम जाग उठा।
यहोवा तोहसे बहोत ही कोहान रहा।
एह बरे तोहका दण्ड दीन्ह गवा।
उ दण्ड अइसा रहा जइसा जहर क कउनो पियाला होइ अउर उ तोहका पिअइ पड़इ
अउर ओका तू पी लिहा।
18 यरूसलेम मँ बहोत स लोग हुआ करत रहेन किन्तु ओनमाँ स कउनो भी मनई ओकर अगुवाई नाहीं कइ सका। उ पाल-पोसके जउन गदेलन क बड़ा किहे रहा, ओनमाँ स कउनो भी ओका राह नाहीं देखाइ सका। 19 दुइ जोड़ा बिपत्ति यरूसलेम पइ टूट पड़ी अहइँ, लूटपाट अउर अनाज क परेसानी अउर भयानक भूख अउ सबइ हत्तिया।
जब तू विपत्ति मँ पड़ी रही, कउनो भी तोहका सहास नाहीं दिहस, कउनो भी तोह पइ तरस नाहीं खाएस। 20 तोहार लोग दुर्बल होइ गएन। उ पचे हुवाँ धरती पइ भहराइ पड़ा अहइँ अउर हुँवइ पड़ा रइहीं। उ सबइ लोग हर गली का नुक्कड़ पर पड़ा अहइँ। उ सबइ लोग अइसे अहइँ जइसे कउनो जाल मँ फँसा हरिन होइ। ओन लोगन पइ यहोवा क कोप क मार तब तलक पड़त रही, जब तलक उ पचे अइस न होइ गएन कि दण्ड झेल ही न सकइ। परमेस्सर जब कहेस कि ओनका अउर दण्ड दीन्ह जाइ तउ उ पचे बहोत कमजोर होइ गएन।
21 बेचारे यरूसलेम, तू मोर सुन। तू कउनो धूत्त मनई क समान दुर्बल अहा किन्तु तू दाखरस पीके धुत्त नाहीं भवा अहा, बल्कि तू तउ “जहर क उ पियाला का पीके” अइसा दुर्बल होइ गवा अहा।
22 तोहार पचन्क परमेस्सर अउर सुआमी उ यहोवा आपन लोगन बरे जुद्ध करी। उ तू पचन्क कहत ह, “लखा! मइँ ‘जहर क इ पियाला’ (दण्ड) क तू पचन्स दूर हटावत हउँ। मइँ आपन किरोध क तू पचन्पइ स हटावत अहउँ। अब मोरे किरोध स तू पचन्क अउर दण्ड नाहीं भोगइ क होइ। 23 अब मइँ आपन किरोध क मार ओन लोगन पइ डाउब जउन तू पचन्क दुःख पहोंचावत हीं। उ सबइ लोग तू पचन्क मार डावइ चाहत रहेन। ओ लोग तू पचन्स कहे रहेन, ‘हमरे अगवा निहुरि जा। हम तू पचन्क कुचरि डाउब।’ आपन समन्वा निहुरावइ बरे उ पचे तू पचन्क मजबूर किहन। फुन ओ लोग तू पचन्क पीठ क अइसा बनाइ डाएन जइसे धूर-माटी होइ ताकि उ पचे तू पचन्क रौंद सकइँ। ओनके बरे चलइ क वास्ते तू पचे कउनो राहे क जइसा होइ गए रह्या।”
नवा यरुसलेम
21 फिन मइँ एक नवा सरग अउर नवा धरती देखेउँ। काहे बरे पहिला सरग अउर पहली धरती खतम होइ ग रहेन। अउर कब क समुद्दर उ नाहीं रहा। 2 मइँ यरुसलेम क उ पवित्तर नगरी नवा यरुसलेम क आकास क बाहर निकरिके परमेस्सर कइँती स नीचे उतरत देखेउँ। उ नगरी क अइसे सजावा ग रहा जइसे कउनो दुलहिन क ओकरे पति स मिलइ क बर सजावा ग होइ।
3 तबइ मइँ आकास मँ एक जोरदार आवाज़ सुनेउँ। उ कहत रही, “देखा अउर परमेस्सर क मन्दिर आदमियन क बीच मँ अहइ अउर उ ओनही क बीच मँ रही। उ पचे ओकर लोग रइहीं अउर परमेस्सर ओनकइ परमेस्सर होइहीं। अउ खुदइ परमेस्सर ओनकइ परमेस्सर होइहीं। 4 ओनकी आँख क एक-एक आँसू उ पोंछ ड़ाई। अउर हुवाँ अउर न तउ कबहुँ मउत होई न सोक इ बजह स केहू क रोवइ धोवइ क न पड़ी। काहे बरे कि उ सब पुरानी बात अब खतम होइ चुकी बाटिन।”
5 एकरे ऊपर जउन सिंहासन प बइठा रहा, उ बोला, “देखा मइँ सब कछू नवा कइ देत अहउँ।” उ फिन कहेस, “एका लिख ल्या काहे बरे कि इ वचन विसवास लायक अहइ अउर इ सच्चा अहइ।”
6 फिन उ मोसे बोला, “सब कछू पूरा होइ चुका अहइ। मइँ अलफा अहउँ अउर मइँ ओमेगा अहउँ। मइँ आदि अहउँ अउर मइँ अन्त अहउँ। जउन मनई जे पिआसा अहइ, मइँ ओका जीवन-जल क झरना स सेंत-मेत मँ खुले मन स जल पिआउब। 7 जउन विजयी होई, उ सब चीज क मालिक बनी। मइँ ओकर परमेस्सर होब अउर मोरे पूत होई, 8 मुला कायरन, अबिसवासियन, मूरखन, हत्यारन, व्यभिचारिय, जाद-टोना करइवालेन, मूरति क पूजा करइवालेन अउर झूठ बोलइवालन क भभकत गंधक क जलत झील मँ आपन हिस्सा बँटावइ क होई। इ दूसरी मउत बाटइ।”
9 फिन उ सात सरगदूतन मँ स एक, जेनके लगे सात आखिरी विनास क कटोरा रहेन्न, एक ठु आगे आवा अउर मोसे बोला, “हिआँ आवा! मइँ तोहका उ दुलहिन देखाइ देइ जउन मेमना क दुलहिन अहइ।” 10 अबहीं मइँ आतिमा क आवेस मँ रहे कि उ मोका एक बिसाल अउर ऊँचे पर्वत प लइ गवा। फिन उ मोका यरुसलेम क पवित्तर नगरी क दर्सन कराएस। उ परमेस्सर क तरफ स आकास स नीचे उतरत रहीं।
11 उ परमेस्सर क महिमा स चमकत रही। उ बिल्कुल निर्मल यसब नामक महामूल्यावान रत्नन तरह चमकत रही। 12 नगरी क चारिहुँ कइँती एक बड़ा क ऊँचा परकोटा रहा जेहमाँ बाहर दरवाजा रहेन। उ बारहउँ दरवाजन प बारह सरगदूत रहेन। अउर बारहउँ दरवाजा प इस्राएल क बारह कुलन क नाउँ छपा रहेन। 13 एहमाँ स तीन दरवाजन पूरब क तरफ रहेन, तीन दरवाजन उत्तर कइँती तीन दरावाजन दच्छिन कइँती अउर तीन दरवाजन पच्छिम कइँती रहेन। 14 नगर क परकोटा बारह नीव प बनावा ग रहा अउर ओनके ऊपर मेमना क बारह प्रेरितन क नाउँ छपा रहेन।
15 जउन सरगदूत मोसे बतियात रहा, ओकरे लगे सोना क बनी नापइ क एक छड़ी रही जउने स उ नगर क फाटक अउर परकोटा क नाप सकत रहा। 16 नगर क वर्गाकार बसावा ग रहा। इ जेतना लम्बा रहा, ओतना चौड़ाई रहा। उ सरगदूत उहइ छड़ी स नगर क नापेस। ओकर लम्बाई करीब बारह हजार स्टोडिया पाई गइ। ओकर लम्बाई, चौड़ाई अउर ऊँचाई एकई तरह रही। 17 सरगदूत फिन ओकरे परकोटा क नापेस। उ करीब 144 हाथ रहा। ओका मनई क हाथन क लम्बाई स नापा ग रहा जउन हाथ सरगदूतन क हाथ अहइ। 18 नगर क परकोटा यसब नाउँ क रत्नन क बना रहा अउर नगर क काँच क तरह चमकत सुद्ध सोना स बनावा ग रहा।
19 नगर क परकोटे क नींव हर तरह क बेसकीमती रत्नन स सुसज्जित रहिन। नींव क पहला पाथर यसाब क बना रहा, दूसरा नीलम स, तीसरा स्फटिक स, चउथा पन्ना स, 20 पाँचवा गोमेद स छठा मानक स सातवाँ मणि स, आठवाँ पेरोज स, नवाँ पुखराज स, दसवाँ लहसनिया स, ग्यारहवाँ धूम्रकान्त स अउर बारहवाँ चन्द्रकान्ता मणि स बना रही। 21 बारहउँ दरवाजा, बारह मोतियन स बना रहेन, हर दरवाजा एक एक मोती स बना रहेन। नगर क गलियन साफ काँच जइसे सुद्ध सोने स बनी रहिन।
22 नगर मँ मइँ कउनो मन्दिर नाहीं देखाई पड़ा। काहे बरे कि सबसे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर अउर मेमना ओकर मन्दिर मँ रहेन। 23 उ नगर क कउनो सूरज या चाँद क जरुरत नाहीं रही जउन ओका रोसनी देइ काहे बरे कि उ परमेस्सर क महिमा स खुदइ प्रकासित रहा। अउर मेमना उ नगर क दिया बाटइ।
24 सब जातियन क मनई इहइ दीपक क रोसनी क सहारे आगे बड़िहइँ। अउर इ धरती क राजा आपन सुन्दरता इ नगर मँ लइ अइहीं। 25 दिन क समइ एकर दरवाजा कबहूँ बन्द न होइहीं अउ हुवाँ रात तउ कबहूँ होइ न करी। 26 जातियन क वैभव अउर धन सम्पत्ति क उ नगर मँ लिआवा जाई। 27 कउनो गन्दी चीज ओहमाँ घुसइ न पाई। अउर न तउ लज्जा भरा काम करइवालेन अउर झूठ बोलइवालेन ओहमाँ घुसइ न पाइही। ओहमाँ ओनहीं मनई घुसइ पाइहीं जउने क नाउँ मेमना जीवन क पुस्तक मँ लिख अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.