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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
व्यवस्था विवरण 17

बलियन बरे गोरु निदोर्ख होइ चाही

17 “तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर क कउनो एक अइसी गाय या भेड़, बलि मँ नाहीं चढ़ावइ चाही जेहमाँ कउनो दोख या कमी होइ। काहेकि यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर एहसे घिना करत ह।

मूरति क पुजवइया क सज़ा

“तू पचे ओन सहरन मँ स कउनो बुरी बात होइ क सूचना पाइ सकत ह जेनका यहोवा परमेस्सर तू पचन्क देत अहइ। तू पचे इ सुनि सकत ह कि तू पचन मँ स कउनो मेहरारु या मनसेधू यहोवा क खिलाफ पाप किहस ह। तू पचे इ सुनि सकत ह कि उ पचे यहोवा स करार तोड़ेत ह यानी उ पचे दूसर देवतन क पूजा किहेन ह। या इ होइ सकत ह कि उ पचे सूरज, चन्द्रमा या तारन क पूजा किहे होइँ। इ यहोवा क आदेस क खिलाफ अहइ जेका मइँ तोहे सबन्क दिहे अहउँ। अगर तू पचे अइसी बुरी खबर सुनत ह तउ तू सबन्क ओकर जाँच होसियारी स करइ चाही। तू पचन्क इ जान लेइ चाही कि का इ फुरइ अहइ कि इ खौफनाक काम इस्राएल मँ होइ चुका अहइ। अगर तू पचे ऍका साबित कइ सकत ह कि इ फुरइ अहइ, तब तू पचन्क उ मनसेधू या मेहरारु क जरूर सजा देइ चाही जउन इ बुरा काम किहे अहइ। तू पचन्क उ मनसेधू या मेहरारु क सहर क दुआरे क लगे लइ जाइ चाही अउर ओका पाथरन स मारि डावइ चाही। मुला अगर एक ही गवाह इ कहत ह कि उ बुरा काम किहस ह तउ ओका मउत क सजा नाहीं दीन्ह जाइ। अगर दुइ या तीन गवाह इ कहत हीं कि इ फुरइ अहइ तउ उ मनई क फाँसी पइ चढ़ाइ देइ चाही। गवाह क पहिला पाथर उ मनई क मारि डावइ बरे लोकावइ चाही। तबहिं दूसर लोगन क ओकर मउत पूरी करइ बरे पाथरन क लोकावइ चाही। इ तरह तू पचन्क उ बुराई क आपन बीच स दूर करइ चाही।

जटिल मुकदमा

“कबहुँ अइसी समस्या आइ सकत ह कि जउन तोहरे अदालत बरे फइसला देइ मँ एतना कठिन होइ कि फइसला ही न देइ सकइँ। इ दूसर तरह खून-खराबा क मुकदमा, कउनो प्रकार क आकामण, कउनो दावा क पूरा होवइ सकत ह। जब इ मुकदमन पइ तोहरे सहरन मँ बहस होत ह तउ तोहार निआव क जज होइ सकत ह, फइसला न कइ सकइँ कि ठीक का अहइ? तब तू पचन्क उ खास ठउरे पइ जाइ चाही जेका यहोवा तोहार परमेस्सर क जरिये चुना ग होइ। तू पचन्क लेवी परिवार समूह क याजकन अउ उ समइ क निआव क जज क लगे जाइ चाही। तउ मुकदमा क ओनका देइ चाही। अउर उ मुकदमन क फइसला प्रस्तुत करब्या। 10 यहोवा क खास ठउरे पइ उ पचे आपन फइसला तू पचन्क सुनइहीं। जउन भी उ पचे कहइँ ओका तू पचन्क करइ चाही। तू पचन्क ओनकर फइसला स्वीकारइ चाही अउर ओनकर निर्देर्स क ठीक ठीक मानइ चाही। 11 तोहका ओकर निर्देर्सन अउ फइसलन क सही-सही मानइ चाही। तू पचन्क ओनसे अलग कछू भी नाहीं करइ चाही जउन उ सबइ तू पचन्क करइ क कहत हीं।

12 “तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर क सेवा क करइया उ समइ क याजक अउ निआव क निआधीसन क आग्या मानइ स इन्कार करइवाला क जउन अभिमान पूर्वक कार्य करइ, सजा देइ चाही। उ मनई क मरइ चाही। इही प्रकार तू इस्राएल स बुराई क हटाउब्या। 13 सबहिं लोग इ सजा क बारे मँ सुनिहीं अउर अहंकारी कार्य करइ बरे डेरइहीं।

राजा कइसे चुनइँ

14 “तू पचे उ प्रदेस मँ जाब्या जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क दइ देत अहइ। तू पचे उ देस पइ कब्जा करब्या अउर ओहमाँ रहब्या। तब तू पचे कहब्या, ‘हम लोग अपने ऊपर एक ठु राजा वइसेन ही रखब जइसेन हमरे चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन मँ अहइ।’ 15 जब अइसा होइ तब तू पचन्क इ पक्का निहचय होइ चाही कि तू पचे ओका ही राजा चुन्या ह जेका यहोवा तोहार परमेस्सर चुनत ह। तोहार राजा तू पचन्क आपन लोगन मँ स होइ चाही। तू पचन्क बिदेसियन क आपन राजा नाहीं बनावइ चाही। 16 राजा क बहोत जियादा घोड़न क अपने बरे नाहीं राखइ चाही अउर ओका लोगन क जियादा घोड़न क लियावइ बरे मिस्र नाहीं पठवइ चाही। काहेकि तू पचन्स यहोवा कहेस ह, ‘तू पचन्क उ राहे पइ कबहुँ नाहीं लउटब अहइ।’ 17 राजा क बहोत पत्नियन क भी नाहीं राखइ चाही। काहेकि इ काम ओका यहोवा स दूर हटाइ अउर राजा क सोना, चाँदी स आपन क मालामाल नाही बनावइ चाही।

18 “जब राजा हुकूमत सुरु करइ लागइ, तउ ओका एक किताबे मँ आपन बरे नेमन क नकल कइ लेइ चाही। ओका याजकन अउ लेवी बंसियन क समन्वा नकल कइ चाही 19 राजा क उ किताबे क आपन संग रखइ चाही। ओका उ किताबे क जिन्नगी भइ पढ़इ चाही। काहेकि तब राजा यहोवा आपन परमेस्सर क सम्मान करब सीखी अउर उ नेम क हुकुमन क पूरा पालन करइ सीखी। 20 तब राजा इ न सोची कि उ आपन लोगन मँ कउनो स भी जियादा नीक बाटइ। उ नेम क खिलाफ न जाइ बल्कि ठीक तरह स मानी। तब उ राजा अउर ओकर संतानन इस्राएल क राज्ज पइ लम्बा समइ तलक हुकूमत करी।

भजन संहिता 104

हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।
    हे यहोवा, हे मोरे परमेस्सर, तू अति महान अहा।
तू महिमा अउ आदर क ओढ़ना पहिरे अहा।
    जइसे कउनो मनई चोगा पहिरत ही वइसा ही उ प्रकास क पहिरत हीं।
पर्दा क नाईं उ आकासे क फइलावत ह।
    उ ओनके ऊपर आपन निवास स्थान बनाएस।
उ गहिर बादर क प्रयोग आपन रथ बनावइ मँ करत ह।
    उ पवन क पखना पइ चढ़िके अकास पार करत ह।
उ निज सरगदूतन क पवन क नाईं बनावत ह।
    उ निज सेवक क पवन क नाई बनाएस।
इ उहइ अहइ जउन धरती क ओकरी नेंव पइ निर्माण किहस।
    इ कबहुँ न गिरी।
उ जल क चादर स धरती क ढकेस।
    जल पहाड़न क ढाँकि लिहस।
तू आदेस दिहा अउर जल दूरि हट गवा।
    तू जल पइ गरज्या, अउर जल दूर भागा।
पहाड़न स खाले घाटियन मँ ओन सबइ ठउरन पइ
    जेका तू ओकरे बरे तइयार किहे रहा या जल बहा।
तू समुद्दर क चउहद्दी बाँध दिहा
    अउर फुन जल कबहुँ धरती क ढाँकइ नाहीं जाई।

10 उ पानी क पठवत ह
    जउन कि झरनन स पहाड़ियन क बीच मँ घाटियन मँ बहत ह।
11 सबहिं जंगली पसुअन क सबइ धारा पानी देत हीं,
    जेनमाँ जंगली गदहा तलक आइके पिआस बुझावत हीं।
12 जंगल क परिन्दा तलाबन क किनारे रहइ बरे आवत हीं।
    अउ निचके ठाड़ भए बृच्छन क डालियन पइ गावत हीं
13 तू पहाड़न क ऊपर बर्खा पठया ह
    अउर ओन चिजियन ओनका दिहा जेका तू बनाया जउन ओनका चाही।
14 परमेस्सर, पसुअन क खाइ बरे घास उपजाया,
    हम स्रम करित ह अउर उ हमका पैाधा देत ह।
    इ सबइ पौधन उ भोजन अहइँ जेका हम धरती स पाइत ह।
15 परमेस्सर, हमका दाखरस देत ह, जउन हमका खुस करत ह।
    हमार चाम नरम रखइ क तू हमका तेल देत ह।
    हमका पुट्ठ करइ क उ हमका खइया क देत ह।

16 परमेस्सर लबानोन क जउन देवदारू क बिसाल बृच्छ लगाएस ह।
    ओन बिसाल बृच्छ खातिर ओनकर बढ़वार बरे बहोत पानी रहत ह।
17 पंछी ओन बृच्छन पइ आपन घोंसला बनावत हीं।
    देवदार क बृच्छन पइ सारस क बसेरा अहइ।
18 बनैले पहाड़ी बोकरन क घर ऊँच पहाड़ मँ बना अहइँ।
    बीछियन खुद क बड़की चट्टान क आड़ मँ छुपावत अहइँ।

19 तू मौसम क पता लगावइ बरे चाँद क रच्या ह।
    सूरज सदा जानत ह कि ओका कहाँ बूढ़ब अहइ।
20 तू अँधियारा बनाया जेहसे रात होइ
    ताकि जंगल क बनैला पसु एहर-ओहर घूमि सकिहीं।
21 उ पचे झपटत सेर जब दहाड़त हीं तब अइसा लगत ह जइसे उ पचे यहोवा क पुकारत होइँ,
    जेका माँगइ स उ ओनका अहार देत।
22 अउर पउ फाटइ पइ जीवजन्तु वापिस घरन क
    लउटत अउ आराम करत हीं।
23 फिन लोग आपन काम करइ क बाहेर निकरत हीं।
    साँझ तलक उ पचे काम मँ लगा रहत हीं।

24 हे यहोवा, तू अचरज भरा बहुतेरा काम किहा।
    धरती तोहरी वस्तुअन स भरी पड़ी अहइ।
    तू जउन कछू करत अहा, ओहमा आपन विवेक देखाँत ह।
25 इ समुद्दर क लखा, इ केतॅना बिसाल अहइ!
    हुआँ बहुतेरी जीव-जन्तु अहइ जेका गना नाहीं जाइ सकिहीं।
    ओहमाँ कछू बिसाल अहइँ अउर कछू नान्ह।
26 समुद्दर क ऊपर जलपोत तैरत हीं,
    अउर लिब्याथान[a] जेका तू बनाएस ह
    समुद्दर मँ खेल-खेलत ह।

27 यहोवा, इ सब कछू तोहरे आसरे पइ अहइ।
    हे परमेस्सर, ओन सबहीं जीवन क खाना तू ठीक समइ पइ देत अहा।
28 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन सबइ जीव-जन्तुअन क खाना जेका उ पचे खात हीं,
    उपलब्ध करावत अहा।
29 फुन जब तू ओनसे मुँह मोड़ लेत अहा तब उ पचे डेराइ जात हीं।
    ओनकर साँस रुकि जात हीं।
उ पचे दुर्बल होइ जात हीं अउर मर जात हीं।
    अउर ओनकर देह फुन धूरि मँ बदलि जात हीं।
30 जब तू आपन आतिमा भेज्या ह, उ ओहसे जीवित होइ जात ह अउर
    धरती पइ जिन्नगी क संग फुन नवा कइ दीन्ह जात ह।

31 यहोवा क महिमा सदा-सदा बनी रहइ।
    यहोवा आपन रचना स सदा आनन्द मँ रहइ।
32 यहोवा क दृस्टि स इ धरती काँप उठी।
    पहाड़न स धुआँ उठइ लग जाइ।

33 मइँ जिन्नगी भइ यहोवा बरे गाउब।
    मइँ जब तलक जिअत हउँ यहोवा क गुण गावत रहब।
34 मोर सोच-बिचार ओका खुस करी।
    मइँ यहोवा क संग खुस अहउँ।
35 धरती स पाप क लोप होइ जाइ।
    दुट्ठ लोग सदा बरे मिटि जाइँ।

हे मोर आतिमा,
    यहोवा क स्तुति करा।

यसायाह 44

सिरिफ यहोवा ही परमेस्सर अहइ

44 “याकूब, तू मोर सेवक अहा। इस्राएल, मोर बात सुना। मइँ तोहका चुनेउँ ह। जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ धियान द्या। मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ तोहका बनाएउँ ह। तू जउन कछू अहा ओहका बनावइवाला मइँ ही हउँ। जब तू महतारी क देह मँ ही रह्या, मइँ तबहिं स तोहार सहायता किहे रहेउँ। मोर सेवक याकूब डेराअ जिन। यसरून (इस्राएल) तोहका मइँ चुनेउँ ह।

“जइसे मइँ पियासे लोगन बरे पानी बरसाउब अउर जइसे झुरान धरती पइ मइँ जलधारन बहाउब, उसी तरह तोहरी संतानन पइ मइँ आपन आतिमा डाउब। मोर आसीर्बाद तोहार गदेलन पइ अइसा ही बहब जइसा पानी क टंकी स पानी बहत ह। उ पचे हर मोसम मँ चिनार क बृच्छन क नाई बढ़त भए होइहीं।

“लोगन मँ कउनो कही, ‘मइँ यहोवा क अहउँ।’ तउ दूसर मनई ‘याकूब’ क नाउँ लेइ। कउनो मनई आपन हाथे पइ लिखी, ‘मइँ यहोवा क हउँ’ अउर दूसर मनई ‘इस्राएल’ नाउँ क उपयोग करी।”

यहोवा इस्राएल क राजा अहइ। सर्वसक्तीमान यहोवा इस्राएल क रच्छा करत ह। यहोवा कहत ह, “परमेस्सर केवल मइँ ही हउँ। अन्य कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। मइँ ही आदि हउँ। मइँ ही अंत अहउँ। मोरे जइसा परमेस्सर कउनो दूसर नाहीं अहइ अउर जदि कउनो अहइ तउ ओका अब बोलइ चाही। ओका आगे आइके कउनो प्रमाण देइ चाही कि उ मोरे जइसा अहइ। भविस्स मँ का कछू होइवाला अहइ ओका बहुत पहले ही कउन बनाइ दिहे रहा? तउ उ पचे हम का अब बताइ देइँ कि अगवा का होइ?

“डेराअ जिन, चिंता जिन करा। जउन कछू घटइवाला अहइ, उ मइँ तू पचन्क सदा बताएउँ ह। तू लोग मोर साच्छी अहा। कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। केवल मइँ ही हउँ। कउनो दूसर ‘सरण स्थान’ नाहीं अहइ। मइँ जानत हउँ केवल मइँ ही हउँ।”

लबार देवता बेकार अहइँ

कछू लोग मूरति (लबार देवता) बनाबा करत हीं। किन्तु उ पचे बेकार अहइँ। लोग ओन भूतन स पिरेम करत हीं किन्तु उ सबइ भूत बेकार अहइँ। उ सबइ लोग ओन बुतन क साच्छी अहइँ किन्तु उ सबइ लख नाहीं पउतेन। उ पचे लज्जित होइहीं।

10 एन लबार देवतन क कउनो काहे गढ़ी? एन बेकार क बुतन क कउनो काहे ढाली? 11 ओन देवतन क कारीगरन गढ़ेन ह अउर उ सबइ कारीगर तउ मात्र मनई अहइँ, न कि देवता। जदि उ पचे सबहिं एकजुट होइके पक्ति मँ आवइँ अउर एन बातन पइ विचार क लेन-देन करइँ तउ उ सबइ लजाइ जइहीं अउर डर जइहीं।

12 कउनो एक कारीगर कोयलन पइ लोहा क तपावइ बरे आपन अउजारन क उपयोग करत ह। उ मनई धातु क पीटइ बरे आपन हथौड़ा कामे मँ लिआवत ह। एकरे बरे उ आपन बाँहन क सक्ति क प्रयोग करत ह। किन्तु उहइ मनई क जब भूख लागत ह, ओकर सक्ति जात रहत ह। उहइ मनई अगर पानी न पियइ तउ कमजोर होइ जात ह।

13 दूसर मनई आपन रेखा पटकइ क सूत क उपयोग करत ह। उ तख्ते पइ रेखा हींचइ बरे परकार क काम मँ लिआवत ह। इ रेखा ओका बतावत ह कि उ कहाँ स काटइ। फिन उ मनई निहानियन क उपयोग करत ह अउर काठे मँ मूरतियन क उभारत ह। उ मूरतियन क नापइ बरे परकार क प्रयोग करत ह अउर इ तरह उ कारीगर लकड़ी क ठीक मनई क रूप दइ देत ह। फुन मनई क सा इ मूरति घरे मँ बइठाइ दीन्ह जात ह।

14 कउनो मनई देवदार, सनोवर अथवा बाँज क बृच्छ क काट गिरावत ह। (किन्तु उ मनई ओन बृच्छन क उगावत नाहीं। इ सबइ बृच्छ बन मँ खुद अपने आप उगत हीं। जदि कउनो मनई बृच्छ उगावइ तउ ओकर बढ़वार बर्खा करत ह न कि उ मनई।)

15 फुन उ मनई उ बृच्छ क आपन बारइ क काम मँ लिआवत ह। उ मनई उ बृच्छ क काटिके काठे क मुढ्ढियन बनावत ह अउर ओनका भोजन बनावइ अउर खुद क गरमावइ क काम मँ लिआवत ह। मनई थोड़ी सी लकड़ी क आगी सुलगाइ के आपन रोटियन सेंकत ह। किन्तु तउ भी मनई उहइ लकड़ी स देवता क मूरति बनावत ह अउर फुन उ देवता क पूजा करइ लागत ह। इ देवता तउ एक मूरति अहइ जेका उ मनई बनाएस ह। किन्तु उहइ मनई उ मूरति क आगे आपन माथा नवावत ह। 16 उहइ मनई आधी लकड़ी क आगी मँ बारि देत ह अउर उ आगी पइ माँस पकाइके भर पेट खात ह अउर फुन अपने आप क गरमावइ बरे मनई उहइ लकड़ी क बारत ह अउर फुन उहइ कहत ह, “बहोत अच्छे! अब मइँ गरम हउँ अउर आगी क लपटन क लखि सकत हूँ।” 17 किन्तु थोड़ी बहोत लकड़ी बच जात ह। तउ लकड़ी स मनई एक मूरति बनाइ लेत ह अउर ओका आपन देवता कहइ लागत ह। उ उ देवता क आगे माथा नवावत ह अउर ओकर पूजा करत ह। उ उ देवता स पराथना करत भए कहत ह, “तू मोर देवता अहा, मोर रच्छा करा।”

18 इ सबइ लोग इ नाहीं जानतेन कि इ सबइ का करत अहइँ? इ सबइ का करत अहइ: इ सबइ लोग समझतेन नाहीं। अइसा अहइ जइसे एनकर आँखिन बंद होइँ अउर इ सबइ कछू लख ही नाहीं पावत होइँ। एनकर मन समुझइ क जतन ही नाहीं करत। 19 एन वस्तुअन क बारे मँ इ सबइ लोग कछू सोचत ही नाहीं ह। इ सबइ लोग ना समुझ अहइँ। एह बरे एन लोग आपन मने मँ कबहुँ नाहीं सोचेन। “आधी लकड़ियन मइँ आगी मँ बारि डाएउँ। दहकत कोयलन क प्रयोग मइँ रोटी सेकइ अउर माँस पकावइ मँ किहेउँ। फुन मइँ माँस खाएउँ अउर बची भइ लकड़ी क प्रयोग मइँ भ्रस्ट वस्तु (मूर्ति) बनावइ मँ किहेउँ। अरे, मइँ तउ एक लकड़ी क टूका क पूजा करत हउँ।”

20 इ तउ बस उ राख क खाइ जइसा अहइ। उ मनई इ नाहीं जानत कि उ का करत अहइ? उ भ्रम मँ पड़ा भवा अहइ। एह बरे ओकर मन ओका गलत राह पइ लइ जात ह। उ मनई आपन बचाव नाहीं कइ पावत ह अउर उ इ देख नाहीं पावत ह कि उ गलत काम करत अहइ। उ मनई नाहीं कही, “इ मूरति जेका मइँ थामे हउँ एक लबार देवता अहइ।”

सच्चा परमेस्सर यहोवा इस्राएल क सहायक अहइ

21 “हे याकूब, इ सबइ बातन याद रखा।
    इस्राएल, याद रखा कि तू मोर सेवक अहा।
मइँ तोहका बनाएँउ, तू मोर सेवक अहा।
    एह बरे इस्राएल, मइँ तोहका नाहीं बिसराउब।
22 तोहार पाप एक बड़के बादर जइसे रहेन।
    किन्तु मइँ तोहरे पापन्क उड़ाइ दिहेउँ।
तोहार पाप बादर क नाई हवा मँ बिलाइ गएन।
    मइँ तोहका बचाएउँ
अउर तोहार रच्छा किहेउँ।
    एह बरे मोरे लगे लउटि आवा।”

23 अकास खुस अहइ, काहेकि यहोवा महान काम किहेस।
    धरती अउ हिआँ तलक कि धरती क तले बहोत गहिर ठउर भी खुस अहइँ।
पर्वत परमेस्सर क धन्यवाद देत भए गावा।
    बने क सबहिं बृच्छ तू पचे भी खुसी गवा।
काहेकि यहोवा याकूब क बचाइ लिहस ह।
    यहोवा इस्राएल बरे महान कार्य किहे अहइ।
24 जउन कछू भी तू अहा यहोवा तोहका बनाएस।
    यहोवा इ किहेस जब तू अबहिं महतारी क गरम मँ ही रह्या।
यहोवा तोहार रखवारा कहत ह, “मइँ यहोवा सब कछू बनाएउँ।
    मइँ ही हुआँ अकास तानेउँ ह,
    अउर आपन समन्वा धरती क बिछाएउँ।”

25 लबार नबी सगुन देखाया करत हीं किन्तु यहोवा दर्सावत ह कि ओकर सगुन झूठ अहइँ। जउन लोग जादू टोना कइके भविस्स बतावत हीं, यहोवा ओनका मूरख सिद्ध करी। यहोवा तथाकथित बुद्धिमान मनइयन तलक क भ्रम मँ डाइ देत ह। उ पचे सोचत हीं कि उ पचे बहोत कछू जानत हीं किन्तु यहोवा ओनका अइसा बनाइ देत ह कि उ पचे मूरख देखाइ देइँ। 26 यहोवा आपन सेवकन क लोगन क सन्देस सुनावइ बरे पठवत ह अउर फुन यहोवा ओन सन्देसन क फुरइ कइ देत ह। यहोवा लोगन क का करइ चाही ओनका इ बतावइ बरे दूत पठवत ह अउर फुन यहोवा देखाइ देत ह कि ओनकर सम्मति अच्छी अहइ।

परमेस्सर कुसू क यहूदा क पुनःनिर्माण बरे चुनत ह

यहोवा यरूसलेम स कहत ह, “लोग तोहमाँ आइके फुन बसिहीं।”
    यहोवा यहूदा क नगरन स कहत ह, “तोहार फुन स निर्माण होइ।”
    यहोवा ध्वस्त भए नगरन स कहत ह, “मइँ तू सबइ नगरन क फुन स उठाउब।”
27 यहोवा गहिर सागर स कहत ह, “झुराइजा
    मइँ तोहार जल धारन क सूखा बनाइ देब।”
28 यहोवा कुसू स कहत ह, “तू मोर चरवाहा अहा।
    जउन मइँ चाहत हउँ तू उहइ काम करब्या।
तू यरूसलेम स कहब्या, ‘तोहका फुन स बनावा जाइ।’
    तू मन्दिर स कहब्या, ‘तोहार नींवन क फुन स निर्माण होइ।’”

प्रकासित वाक्य 14

छुट्ठा मनइयन क गाना

14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा सिय्योन पर्वत प मेमना खड़ा अहइ। ओकरे साथे 1,44,000 मनई खड़ा रहेन जेकरे माथे प ओकर अउर ओकरे बाप क नाम लिखा रहा।

फिन मइँ एक आकासबाणी सुनेउँ ओकर महानाद एक विसाल जल प्रपात क तरह रहा यो भयंकर बादर क गरजइ क तरह रहा। जउन महानाद मइँ सुनेउँ रहा उ तमाम वीणा बादकन क बजावा वीणा स पइदा संगीत क तरह रहा। उ सबेन्ह सिंहासन चारउँ प्रानीयन अउर बुजुर्गन क सामने एक ठु नवा गना गावत रहेन। जउने 1,44,000 मनइयन क धरती प फिरौती दइके बन्धन स छुड़ाइ लीन्ह ग रहा, जउने क कउनउँ मनई उ गाना क नाहीं सिख सकत रहा।

उ अइसेन मनई रहेन जउन कि कउनउँ स्त्री क संसर्ग स आपन का दूसित नाहीं किए रहेन साथ जुड़ा नाहीं रहेन, उ पचे कुँवारा रहेन, जहाँ जहाँ मेमना जात रहा ओकर पीछा करत रहेन। पूरी मनइयन क जाति स ओनका फिरौती दइके बंधन स छुटकारा दीन्ह ग रहा। उ पचे परमेस्सर अउर मेमना क बरे फसल क पहिला फल रहेन। उ कबहुँ झूठ नाहीं बोले रहेन, अउर निर्दोस रहेन!

तीन सरगदूत

फिन मइँ आसमान मँ उँची उड़ान भरत एक अउर सरगदूत देखेउँ। ओकरे लगे धरती प रहइ वालेन, हर देस, जाति, भाखा अउर सभी कुल क मनइयन क बरे अनन्त सुसमाचार क एक संदेस रहा। ऊँची आवाज मँ उ बोला, “परमेस्सर स डेराअ अउर ओकर स्तुति करा। काहेकि ओकरे निआव क समइ आइ ग अहइ। ओकर आराधाना करा जे आसमान, धरती, समुद्दर अउर जल स्रोत क बनाएस।”

एकरे बाद ओकरे पाछे एक अउर सरगदूत आवा अउर बोला, “ओकर पतन होइ चुका अहइ! महान नगरी बाबुल क पतन होइ चुका अहइ। उ सब जाति क अपने पइदा अनैतिक व्यभिचार स परमेस्सर क गुस्सा क वासना भरी दाखरस पिआएस।”

उ दूइनउँ क बाद फिन अउर एक सरगदूत आवा अउर जोर स बोला, “जदि केहू जानवर अउर जानवर क मूर्ति क पूजा करत ह अउर अपन हाँथे मँ माथे प ओकर मोहर लगवाए रहत ह। 10 अउर उ भी परमेस्सर क गुस्सा क दाखरस पिई। अइसी सुद्ध तीखी दाखरस जउन परमेस्सर क गुस्सा क कटोरिया मँ बनाई ग अहइ। उ मनई क पवित्तर सरगदूनत अउर मेमनन क सामने धधकत गंधक मँ यातना दीन्ह जाई। 11 जुग जुग तलक ओनकी यातना स धूँआ उठत हमेसा रही। अउर जउने पे जानवर क नाउँ क छाप छपी रही अउर उ जानवर अउ ओकर अउर ओकरी मूर्ति क पूजा करत रही। ओनका दिन रात कबहूँ चइन न मीली।” 12 इ ही क माने है कि परमेस्सर क पवित्तर लोग क धीरज अउर सहनसीलता धरइ क जरुरत अहइ जउन परमेस्सर क हुकुमन अउर ईसू मँ बिसवास क पालन करत हीं।

13 फिन एक आकासबाणी क मइँ इ कहत सुनेउँ, “एका लिखा: धन्य अहइ उ सबइ मृतक जउन अबसे पर्भू मँ मरस्थित होइके अहइँ।”

आदिमा कहत ह, “हाँ, इ ठीक अहइ। ओनका मेहनत क कारण आराम मिली काहे बरे कि ओनकर काम, ओनके साथे अहइ।”

धरती क फसल क कटनी

14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा हुवाँ एक सफेद बादर रहा। अउर उ बादर प एक ठु मनई बइठा रहा जउन मनई क पूत जइसेन दीख पड़त रहा। उ अपने माथे प एक सोने क मुकुट धारण करे रहा अउर ओकरे हाथे मँ एक तेज हँसिया रही। 15 तबहिं मंदिर मँ स एक ठु अउर सरगदूत बाहेर निकला। उ बदरे प बइठे मनई स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “हँसिया चलावा अउर फसल एकट्ठी करा, काहे बरे कि फसल काटइ क समइ आइ ग अहइ। धरती क फसल पक चुकी अहइ।” 16 इ बरे जउन बदरे प बइठा रहा, उ धरती प आपन हँसिया हिलाएस अउर धरती क फसल काट लीन्ह गइ।

17 फिन सरग क मन्दिर मँ स एक अउर सरगदूत बाहेर निकला ओकरे लगे भी एक तेज हँसिया रही। 18 उहइ समइ प वेदी स एक अउर सरगदूत आवा। उ सरगदूत क आगी पइ अधिकार रहा। उ सरगदूत स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “अपने जोरदार हँसिया क चलावा अउर धरती क बेल स अंगूर क गुच्छा उतारा ल्या काहे बरे कि एकर अंगूर पक चुका अहइँ।” 19 इ बरे उ सरगदूत धरती प आपन हँसिया झुलाएस अउर धरती क अंगूर उतारी लिहेस अउर ओनका परमेस्सर क भयंकर कोप क विसाल रसकुण्ड मँ डाइ दिहेस। 20 अगूंर सहर क बाहेर क धानी मँ रौंद क निचोड़ लीन्ह गएन। धानी मँ स खून बहै लाग। खून घोड़ा क लगाम जेतना ऊपर चड़ि गवा अउर लगभग तीन सौ किलोमीटर क दूरी तलक फइल गवा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.