M’Cheyne Bible Reading Plan
यहोवा इस्राएल क मनइयन क साथ देइ
9 “धियान द्या, इस्राएल क मनइयो! आजु तू पचे यरदन नदी क पार करब्या। तू पचे उ देस मँ अपने स बड़का अउ सक्तीवाला क दबाव डाइके हटावइ बरे जाब्या। ओनकइ सहर बड़वार अउ अकासे क छुअत ऊँची दीवार स किलेबन्द अहइ। 2 उ देस क मनई लम्बा अउ बरिआर अहइँ। उ पचे अनाकी लोग अहइँ। तू सबइ इ सबइ लोगन क बाबत जानत अहा। इ कहत भवा सुनेस, ‘कउनो मनई अनाकी लोगन क मुकाबिला नाहीं कइ सकत ह।’ 3 मुला तू पचे जान सकत ह कि यहोवा तोहार परमेस्सर भसम करइवाली आगी क नाई तोहरे आगे नदी क पार जात अहइ। यहोवा ओन रास्ट्रन क बरबाद कइ देइ। उ ओनका तोहरे समन्वा हराइ देइ। तू सबइ ओनँ क बाहर खदेर देब्या अउ हाली ही ओका बारबाद कइ देब्या जइसन ही यहोवा तोहका कहिहीं।
4 “यहोवा तोहार परमेस्सर जब ओन रास्ट्रन क दबाव डाइके तू पचन्स दूर हटाइ देइ। तउ अपने मने मँ इ न सोच्या कि, ‘यहोवा हम लोगन्क इ देस मँ रहइ बरे, एह बरे लिआएस कि हम लोगन्क रहइ क तरीका ठीक अहइ।’ यहोवा ओन रास्ट्रन क तू लोगन्स दूर दबाव डाइके काहे हटाएस? काहेकि उ पचे दुस्टपूर्ण तरीका स रहत रह्या। 5 तू सबइ ओनकइ देस कब्जा बरे जात अहा, मुला एह बरे नाहीं कि तू पचे नीक अहा अउ उचित तरीका स रहत अहा। यहोवा तोहार परमेस्सर उ रास्ट्रन क ओकर आपन दुस्टता क कारण तोहका हुवाँ जाई स पहिले ओका उ रास्ट्र स खदेर देब अउर तू ओकर देस पइ कब्जा कइ लेब्या काहेकि उ चाहत रहा कि जउन बचन उ तोहरे पुरखन इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क दिहस उ पूरा होइ। 6 यहोवा तोहार परमेस्सर उ बढ़िया देस क तू सबन्क रहइ बरे देत अहइ, मुला तू सबन्क इ जानइ चाही कि अइसा तोहरी जिन्नगी क ठीक तरीका क होइ क कारण नाहीं होत अहइ। सच्चाइ इहइ अहइ कि तू सबइ अड़ियल लोग अहा।
यहोवा क किरोध याद रखा
7 “याद रखा अउ इ जिन बिसरा कि तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर क रेगिस्ताने मँ कोहाइ दिहा। तू सबइ उहइ दिना स जउने दिन स मिस्र स बाहेर निकइया अउर इ जगह पइ आवइ क दिन तलक यहोवा क हुकुम क मानइ स इन्कार कइ दिह्या ह। 8 तू पचे यहोवा क होरेब पहाड़े पइ भी कोहाइ दिह्या। यहोवा तू पचन्क बरबाद कइ देइ क हद तलक कोहाइ ग रहा। 9 मइँ पाथरे क सिलन क लेइ बरे पहाड़े क ऊपर गएउँ। जउन वाचा यहोवा तोहरे संग किहेस, ओन सिलन पइ तरासा भवा रहेन। मइँ हुआँ पहाड़े पइ चालीस दिन अउ चालीस रात ठहरेउँ। न तउ मइँ रोटी खाएउँ, अउर न ही पानी पिएउँ। 10 तब यहोवा मोका दुई पाथर क सिलन दिहस। यहोवा ओन सिलन पइ खुद आपन अगुंरियन स लिखेस ह, उ हर उ एक बात क लिखेस ह जेनका उ आगी मँ स कहे रहा, जब तू पचे पहाड़ी क चारिहुँ कइँती बटुरा रह्या।
11 “एह बरे, चालीस दिन अउ चालीस रात क आखीर मँ यहोवा मोका वाचा क दुइ ठु पाथर क सिलन दिहस। 12 तब यहोवा मोसे कहेस, ‘उठा अउ जल्दी स हिआँ स खाले जा। जउन मनइयन क तू पचे मिस्र स बाहेर लिआया ह उ मनइयन खुद क पाछे ही बरबाद कइ लिहेस ह। उ पचे ओन बातन स पराइ ग अहइँ, जेनके बरे मइँ हुकुम दिहे अहउँ। उ पचे एक ठु धातू क मूत्तिर् बनाइ लिहे अहइँ।’
13 “यहोवा मोसे इ भी कहेस, ‘मइँ इ लोगन पइ आपन निगाह रखेउँ ह। उ पचे बहोतइ अड़ियल अहइँ। 14 मोका अकेला रहइ द्या। मइँ इ मनइयन क पूरी तरह बरबाद करइ क चाहत अहउँ। ताकि कउनो मनई ओनकइ नाउँ कबहुँ याद नाहीं करी। तब मइँ तू पचन्स रास्ट्र बनाउबउँ जउन ओनके रास्ट्र स बड़का अउ जियादा सक्तीवाला होइ।’
सोने क बछवा
15 “तब मइँ मुड़ेउँ अउ पहाड़े स खाले आएउँ। पहाड़ आगी स बरत रहा। वाचा क दुइनउँ पाथर मोर दुइनउँ हाथे मँ रहीं। 16 जब मइँ नजर डालेउँ, तउ लखेउँ कि तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर क खिलाफ पाप किहे रहा। तू पचे अपने बरे धातू एक ठु बछवा बनाया ह। यहोवा जउन हुकुम दिहे अहइ ओसे तू पचे दूर पराइ ग अहा। 17 एह बरे मइँ दुइनउँ सिलन क लिहेउँ अउ ओनका नीचे फैंकि दहेउँ। हुआँ तोहरी आँखियन क समन्वा सिलन क टूका होइ गएन। 18 तब मइँ यहोवा क समन्वा निहुरेउँ अउ आपन चेहरा क जमीन पइ कइके चालीस दिन अउ चालीस रात वइसे ही बिताउँ। मइँ न तउ रोटी खाएउँ, अउ न ही पानी पिएउँ। मइँ इ एह बरे किहेउँ, कि तू पचे ऍतना बुरा पाप किह्या ह। तू पचे यहोवा बरे बुरा किहा अउर ओका कोहाइ दिह्या। 19 मइँ यहोवा क खउफनाक किरोध स डेराइ ग रहेउँ। उ तोहरे पचन्क खिलाफ ऍतना कोहाइ ग रहा कि तू पचन्क नास कइ देत। मुला यहोवा मोर बात फुन सुनेस। 20 यहोवा हारून पइ बहोत कोहान रहा। उ काफी किरोधित रहा अउ ओका बरबाद करइ चाहत रहा। एह बरे उ समइ मइँ हारून बरे भी पराथना किहे रहा। 21 मइँ उ पापे स भरा भए तोहार बनवा सोना क बछवा क लिहेउँ अउ ओका आगी मँ बारि दिहेउँ। मइँ ओका नान्ह नान्ह टूकन मँ तोड़ेउँ अउ मइँ बछवा क टूकन क तब तलक कुचर दिहेउँ जब तलक उ सबइ धूरि नाहीं बन गएन अउर तब मइँ उ धूरि क पहाड़े स खाले बहइवाली नदी मँ फेकेउँ।
मूसा परमेसस्र स छिमा माँगत ह
22 “मस्सा, तबेरा अउ किब्रोत-हतावा पइ तू पचे फिन यहोवा क किरोधी कइ दिहा। 23 अउर जब यहोवा तू पचन्स कादेसबर्ने तजइ क कहेस तब तू पचे ओकरी आग्या क नाहीं मान्या। उ कहेस, ‘अगवा बढ़ा अउ उ देस मँ रहा जेका मइँ तोहका पचन्क दिहेउँ ह।’ मुला तू पचे ओह पइ बिस्सास नाहीं किह्या। तू पचे ओकरे आदेस क अनसुनी किह्या। 24 पूरा समइ जबहिं स मइँ तू पचन्क जानत हउँ तू लोगो यहोवा क आग्या क मानइ स इन्कार किहा ह।
25 “एह बरे मइँ चालीस दिन अउ चालीस रात यहोवा क समन्वा निहुरा रहा। काहेकि यहोवा कहेस कि उ तू पचन्क नास करी देब्या। 26 मइँ यहोवा स पराथना किहेउँ। मइँ कहेउँ: ‘यहोवा, मोर सुआमी, आपन लोग, आपन मीरास क बरबाद जिन करा। तू आपन बड़की ताकत अउ सक्ती स ओनका अजाद किहा अउ मिस्र स लिआया। 27 तू आपन सेवकन इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क याद करा। कृपा कइके तू इ लोगन क हठीलापन क भूल जा। 28 अगर तू आपन लोगन क सजा देब्या तउ मिस्री कहि सकत हीं, “यहोवा आपन लोगन क लइ जाइ मँ समर्थ नाहीं रहा, जेहमाँ लइ जाइ क बचन दिहे रहा। उ ओनसे घिना किहेस। एह बरे उ ओनका मारइ बरे रेगिस्तान मँ लइ गवा।” 29 मुला उ सबइ तोहार लोगन अहइँ। यहोवा उ तोहार सम्बंधित अहइँ। तू आपन बड़की ताकत अउ मजबूती स ओनका मिस्र स बाहेर लिआया।’
सबित क दिन बरे एक ठु स्तुति गीत।
1 यहोवा क महिमा क स्तुति करइ नीक अहइ।
हे सर्वोच्च परमेस्सर, तोहरे नाउँ क गुणगान बरे नीक अहइ।
2 भोर मँ तोहरे पिरेम क गीत गाउब
अउ राति मँ तोहरे बिस्सास क गीत गाउब नीक अहइ,
3 हे यहोवा तोहरे बरे दस तार वाद्य यंत्रन, सारंगियन
अउ वीणन पइ संगीत बजाउब नीक बाटइ।
4 हे यहोवा, तू फुरइ हमका आपन कीन्ह कामन स आनन्दित करत ह।
हम आनन्द स भरिके ओन गीतन क गाइत ह, जउन काम तू किहा ह।
5 हे यहोवा, तू महान कारज किहा ह।
तोहार सोच-बिचार हमरे बरे समुझि पावइ आसान नाहीं अहइँ।
6 लोग मूरख गोरुअन क जइसे अहइँ।
मूरख जइसे तोहार सोच-बिचार क नाहीं समुझ पाइत।
7 दुट्ठ जन घास क नाई पनपत हीं।
उ पचन्क दुआरा कीन्ह भवा सबइ बेकार अबहीं फलत-फूलत हीं,
किन्तु सदा-सदा बरे खतम होइ जइहीं।
8 मुला हे यहोवा, अनन्त काल तलक तोहार आदर रही।
9 हे यहोवा, तोहार दुस्मनन बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं।
उ सबहिं मनई जउन बुरा काम करत हीं, तितर-बितर कइ दीन्ह जइहीं।
10 मुला तू मोका जंगली बर्धा क नाईं मज़बूत बनाया ह।
हम बरियार भेड़ा स बन जाब जेकर कर्रे सींग होत हीं तू मोह पइ खास तेल उड़ेर्या ह जउन ठंडापन देत ह।
11 मइँ लखेउँ ह कि मोर दुस्मन मोका लखत हीं;
मइँ सुनेउँ ह कि दुट्ठ लोग मोह पइ हमला करइ बरे तइयार बाटेन।
12 नीक मनइयन लबानोन क बड़वार देवदार बृच्छ क तरह अहइँ
जउन यहोवा क मन्दिर मँ रोपा ग अहइँ।
13 नीक मनइयन बाढ़त भए ताड़ क बृच्छ क नाई अहइँ,
जउन हमार परमेस्सर क मन्दिर क आँगन मँ फलदार होत अहइँ।
14 उ पचे जब तलक बुढ़वा होइहीं तब तलक उ पचे फल देत रइहीं।
उ पचे हरे भरे मोटा बृच्छ जइसे होइहीं।
15 उ पचे हर कउनो क इ देखाँवइ बरे हुआँ अहइँ कि यहोवा बिस्सास योग्य अहइ।
उ मोर चट्टान अहइ।
ओहमाँ कछू बुराइ नाहीं बाटइ।
1 यहोवा सासन करत ह!
उ महिमा अउर सक्ति क पहिर लिहस
ताकि धरती स्थिर रहइ
अउर गिरे नाहीं।
2 हे परमेस्सर, तोहार साम्राज्य अनादि काल स टिका भवा अहइ।
तू सदा जिअत अहा।
3 हे यहोवा, नदियन क गर्जन बहोत तीव्र बा।
ओनकर लहरन क
नस्ट करइया अहइ।
4 समुद्र क पछारा खात भइ लहरन गरजत हीं, अउर उ सबइ सक्तिसाली अहइँ।
मुला ऊपर वाला यहोवा जियादा सक्तिसाली अहइ।
5 हे यहोवा, तोहार कानून बहोत स्थिर अहइ।
तोहार पवित्तर मन्दिर लम्बी समई तलक खड़ा रही।
हिजकिय्याह क परमेस्सर स पराथना
37 हिजकिय्याह जब सेनापति क सँदेसा सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फाड़ि डाएस। फुन बिसेस सोक वस्त्र धारण कइके उ यहोवा क मंदिर मँ गवा।
2 हिजकिय्याह महल क सेवक एल्याकीम क राजा क सचिव सेब्ना क अउर याजकन क अग्रजन क आमोस क पूत यसायाह नवी क लगे पठएस। एन तीनउँ ही लोग बिसेस सोक-वस्त्र पहिरे भरे रहेन। 3 एन लोगन यसायाह स कहेन, “राजा हिजकिय्याह कहेस ह कि आजु क दिन सोक अउर दुःख क एक बिसेस दिन होइ। इ दिन एक अइसा दिन होइ जइसे जब एक बच्चा जन्म लेत ह। किन्तु बच्चा क जन्म देइवाली महतारी मँ जेतनी सक्ति होइ चाही ओहमाँ ओतनी ताकत नाहीं होत। 4 सम्भव अहइ तोहार परमेस्सर यहोवा, सेनापति क जरिये कही बातन क सुन लेइ। अस्सूर क राजा सेनापति क साक्षात परमेस्सर क बेज्जत करइ पठएस ह। होइ सकत ह तोहार परमेस्सर यहोवा ओन बुरी अपमान स भरी बातन क सुन लिहस ह अउर उ ओनका एकर सजा देइ। कृपा कइके इस्राएल क ओन थोड़े स लोगन बरे पराथना करा जउन बचे भए अहइ।”
5-6 हिजकिय्याह क सेवक यसायाह क लगे गएन। यसायाह ओनसे कहेस, “अपने मालिक क इ बताइ द्या: ‘यहोवा कहत ह तू पचे सेनापति स जउन सुन्या ह, ओन बातन स जिन डेराअ। अस्सूर क राजा क लरिकन मोर अपमान करइ बरे जउन बातन कहेन ह, ओन बातन स जिन डेराअ। 7 लखा अस्सूर क राजा क मइँ एक अफवाह सुनवाउब। अस्सूर क राजा क एक अइसी रपट मिली जउन ओकरे देस पइ आवइ वाले खतरा क बारे मँ होइ। एहसे उ अपने देस वापस लउटि जाइ। उ समय मइँ ओका, ओकरे आपन ही देस मँ तरवार स मउत क घाट उतार देब।’”
अस्सूर क सेना क यरूसलेम क तजब
8-9 अस्सूर क राजा क एक खबर मिली, सूचना मँ कहा ग रहा, “इथोपिया क राजा तिर्हाका जुद्ध करइ आवति अहइ।” तउ अस्सूर क राजा लाकीस क तजिके लिबना चला गवा। सेनापति इ सुनेस अउर लिबना नगर क चला गवा जहाँ अस्सूर क राजा जुद्ध करत रहा। फुन अस्सूर क राजा हिजकिय्याह क लगे दूत पठएस। राजा ओन दूतन स कहेस, 10 “यहूदा क राजा हिजकिय्याह स तू पचे इ बातन कहया:
‘जउने देवता पइ तोहार बिस्सास अहइ, ओहसे तू पचे मूरख जिन बना। अइसा जिन कहा कि “अस्सूर क राजा परमेस्सर यरूसलेम क पराजित नाहीं होइ देइ।” 11 लखा, तू पचे अस्सूर क राजा लोगन क बारे मँ सुन ही चुका अहा। उ पचे हर कउनो देस मँ लोगन क संग का कछू किहेन ह। ओनका उ पचे बुरी तरह हराएन ह। का तू पचे ओनसे बचि पउब्या? नाहीं, कदापि नाहीं। 12 का ओन लोगन क देवतन ओनकर रच्छा किहे रहेन? नाहीं। मोर पुरखन ओनका नस्ट कइ दिहन। मोर लोग गोजान, हारान अउ रेसेप क नगरन क बुरी तरह हराइ दिहे रहेन अउर उ पचे एदेन क लोग जउन तलस्सार मँ रहा करत रहेन, ओनका भी हराइ दिहे रहेन। 13 हमात अउर अर्पाद क राजा कहाँ गएन। सपरवैम क राजा आज कहाँ अहइ? हेना अउर इव्वा क राजा अब कहाँ अहइँ? ओनकर अन्त कइ दीन्ह गवा। उ पचे सबहिं बर्बाद कइ दीन्ह गएन।’”
हिजकिय्याह क परमेस्सर स पराथना
14 हिजकिय्याह ओन लोगन स उ सँदेसा लइ लिहस अउर ओका बाँचेस। फुन हिजकिय्याह यहोवा क मंदिर मँ चला गवा। हिजकिय्याह उ सँदेसा क खोलेस अउर यहोवा क समन्वा रख दिहस। 15 फुन हिजकिय्याह यहोवा स पराथना करइ लाग। हिजकिय्याह बोला: 16 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा, तू राजा क समान करूब सरगदूतन पइ बिराजत अहा। तू अउर बस तू ही परमेस्सर अहा, जेकर धरती क सबहिं राज्जन पर सासन अहइ। तू सरगन अउर धरती क रचना किहा ह। 17 मोर सुना। आपन आँखिन खोला अउर लखा, कान लगाइके सुना इ सँदेसा क सब्दन क, जेका सन्हेरीब मोका पठएस ह। एहमाँ तू साक्षात परमेस्सर क बारे मँ अपमान स भरी बुरी बुरी बातन कहया ह। 18 हे यहोवा, अस्सूर क राजा लोग असल मँ सबहिं देसन अउर हुवाँ क धरती क तबाह कइ दिहेस ह। 19 अस्सूर क राजा लोग ओन देसन क देवतन क बारि डाएन ह किन्तु उ पचे सच्चे देवतन नाहीं रहेन। उ पचे तउ सिरिफ अइसे मूरतियन रहेन जेनका लोग बनाए रहेन। उ सबइ तउ कोरी काठ रहेन, कोरे पाथर रहेन। एह बरे उ पचे खतम होइ गएन। उ सबइ बर्बाद होइ गएन। 20 तउ अब हे हमार परमेस्सर यहोवा। अब कृपा कइके अस्सूर क राजा क सक्ति स हमार रच्छा करा। ताकि धरती क सबहिं राज्जन क पता चलि जाइ कि तू यहोवा अहा अउर तू ही हमार एकमात्र परमेस्सर अहा।”
हिजकिय्याह क परमेस्सर क उत्तर
21 फुन आमोस क पूत यसायाह हिजकिय्याह क लगे इ सँदेसा पठएस, “इ उ अहइ जेका इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस ह, ‘अस्सूर क राजा सन्हेरीब क बारे मँ तू मोका पराथना किहेस ह।’
22 “तउ मोका जउन सन्हेरीब विरोध मँ कहेस,
‘उ इ अहइ: सिय्योन क कुवाँरी पुत्री तोहका तुच्छ जानत ह।
उ तोहार हँसी उड़ावत ह।
यरूसलेम क पुत्री
तोहार हँसी उड़ावत ह।
23 तू मोरे बरे विरोध मँ बुरी बातन कह्या।
तू बोलत रह्या।
तू आपन आवाज मोरे विरोध मँ उठाए रह्या।
तू मोका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क अभिमान भी आँखिन स घूरे रह्या।
24 मोर सुआमी यहोवा क बारे मँ तू बुरी बातन कहलवावइ बरे तू आपन सेवकन क प्रयोग किहा।
तू कह्या
“मइँ बहोत सक्तिसाली हउँ!
मोरे लगे बहोत स रथ अहइँ।
मइँ आपन सक्ति स लबानोन क हराया
जब मइँ आपन रथन क लबानोन क महान पर्वत क ऊँच सिखरन क ऊपर लइ आएउँ।
मइँ लबानोन क सबहिं महान बृच्छ काट डाएउँ।
मइँ उच्चतम सिखर स लइके गहिर
जंगलन तलक प्रवेस कइ चुका हउँ।
25 मइँ बिदेसी धरती पइ कुअँन खनेउँ अउर पानी पिएउँ।
मइँ मिस्र क नदियन सुखाइ दिहेउँ
अउर उ देस पइ चलिके गएउँ ह।”
26 ‘इ सबइ उ जउन तू कह्या।
का तू इ नाहीं सुन्या कि परमेस्सर का कहेस?
मइँ (परमेस्सर) बहोत बहोत पहिले ही इ जोजना बनाइ लिहेउँ रहे।
बहोत बहोत पहिले ही मइँ एका तइयार कइ लिहे रहेउँ अब एका मइँ घटित किहेउँ ह।
मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क नस्ट करइ दिहेउँ
अउर मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क पाथरन क देर मँ बदलइ दिहेउँ।
27 ओन नगरन क निवासी कमजोर रहेन।
उ सबइ लोग भयभीत अउर लज्जित रहेन।
उ पचे खेते क पउधन जइसे रहेन,
उ पचे नई घास क जइसे रहेन।
उ पचे उ घासे क नाई रहेन जउन मकानन क छतन पइ जमा करत हीं।
उ घास लम्बी होइ स पहिले ही रेगिस्तान क गरम हवा झुलसाइ दीन्ह जात ह।
28 तोहार सेना अउ तोहरे जुद्ध क बारे मँ मइँ सब कछू जानत हउँ।
मोका पता अहइ जब तू विस्राम किहे रह्या।
जब तू जुद्ध बरे गवा रह्या, मोका तब क भी पता अहइ।
तू जुद्ध स घरे कब लउट्या, मइँ इ भी जानत हउँ।
मोका एकर भी गियान अहइ कि तू मोह पइ कोहान अहा।
29 तू मोहसे खुस नाहीं अहा अउर
मइँ तोहार अहंकार स भरा अपमान क सुना ह।
तउ मइँ तोहका सजा देब।
मइँ तोहरे नाके मँ नकेल डाउब।
मइँ तोहरे मुँहे पइ लगाम लगाउब अउर तब मइँ तोहका मजबूर करब
कि तू जउने राहे स आया रह्या, उहइ राहे स मोरे देस क तजिके वापिस चला जा।’”
हिजकिय्याह बरे यहोवा क संदेस
30 एह पइ यहोवा हिजकिय्याह स कहेस, “हिजकिय्याह, तू इ देखावइ बरे कि इ सबइ सब्द सच्चा अहइँ, मइँ तोहका एक संकेत देब। इ बरिस तू खाइ बरे कउनो अनाज नाहीं बोया। तउ इ बरिस तू पिछले बरिस क फसल स यूँ ही जम आए अनाजे क खाब्या। अगले बरिस भी अइसा ही होगा किन्तु तीसरे बरिस तू उ अनाजे क खाब्या जेका तू जमाए होब्या। तू आपन फसलन क कटब्या। तोहरे लगे खाइ क भरपूर होइ। तू अंगूरे क बेलन रोपब्या अउर ओनकर फल खाब्या।
31 “यहूदा क परिवार क कछू लोग बच जइहीं। उ पचे ही लोग बढ़त भए एक बड़की जाति क रूप लइ लेइहीं। उ पचे लोग ओन बृच्छन क नाई होइहीं जेनकर जड़न धरती मँ बहोत गहिर जात हीं अउर जउन बहोत तगड़े होइ जात हीं अउर बहोत स फल देत हीं। 32 यरूसलेम म कछू ही लोग जिअत बचिके बाहेर जाइ पइहीं। सिय्योन पर्वते स बचे भए लोगन क एक समूह ही बाहेर जाइ पाइ।” सर्वसक्तिमान यहोवा क सुदृढ़ पिरेम ही अइसा करी।
33 तउ यहोवा अस्सूर क राजा क बारे मँ इ कहेस:
“उ इ नगर मँ नाहीं आइ।
उ इ नगर पइ एक भी बाण नाहीं छोड़ी!
उ आपन दालन क मुँह इ नगर कइँती नाहीं करी।
उ इ नगर पइ हमला करइ क बरे माटी क टीला खड़ा नाहीं करी।
34 उहइ राहे स जेहसे उ आवा रहा, उ वापस आपन नगर क लउटि जाइ।
इ नगर मँ उ प्रवेस नाहीं करी।
इ सँदेसा यहोवा कइँती स अहइ।
35 यहोवा कहत ह, मइँ बचाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।
मइँ अइसा खुद आपन बरे अउर आपन सेवक दाऊद बरे करब।”
अस्सूर क फउजी
36 तउ यहोवा क सरगदूत अस्सूर क सिबिर मँ जाइके एक लाख पचासी हजार फउजी मनइयन क मार डाएस। अगली सुबह जब लोग उठेन, तउ उ पचे लखेन कि ओनके चारिहुँ कइँती मरे भए फउजियन क ल्हासन बिखरी अहइँ। 37 एह पइ अस्सूर क राजा सन्हेरीब वापस लउटिके आपन घरे नीनवे चला गवा अउर हुँवइ रहइ लाग।
38 एक दिन, जब सन्हेरीब आपन देवता निस्रोक क मंदिर मँ ओकर पूजा करत रहा, उहइ समय ओकर पूत अद्रम्मेलेक अउर सरेसेर तरवार स ओकर कतल कइ दिहस अउर फुन उ पचे असरात क भुइँया मँ पराइ गएन। एह बरे सन्हेरीब क पूत एसर्हद्देन (अस्सूर क) नवा राजा बन गवा।
इस्राएल क 1,44,000 मनइयन
7 एकरे बाद धरती क चारउँ कोनन प चार सरगदूतन क मइँ खड़े देखेउँ धरती क चारउँ हवा क उ पचे पकड़े रहेन जइसे कि धरती प, समुद्दर प अथवा पेड़न प ओनमाँ स कउनउँ हवा चलइ न पावइ। 2 फिन मइँ देखेउँ कि एक अउर सरगदूत अहइ जउन पूरब दिसा स आवत अहइ। उ जिअत परमेस्सर क मोहर लिहे रहा। अउर उ ओन चारउ सरगदूतन स जेनका धरती अउर आसमान क नस्ट कइ देइ क अधिकार दीन्ह ग रहा, जोर स पुकार क कहत रहा, 3 “जब तक हमने अपने परमेस्सर क सेवकन क माथे प मोहर नाहीं लगाइ देइतन, तब तलक तू धरती, समुद्दर अउर पेड़न क नुकसान न पहुँचावा।”
4 फिन जउन मनइयन प मोहर लगाई ग रही, मइँ औनकइ तादाद सुनेउँ। उ 1,44,000 रहेन जेनकइ ऊपर मोहर लगाई ग रही, उ सब इस्राएल क सब परिवार समूहन स रहेन:
5 यहूदा क परिवार समूह क 12,000
रुबेन क परिवार समूह क 12,000
गाद क परिवार समूह क 12,000
6 आसेर परिवार समूह क 12,000
नप्ताली परिवार समूह क 12,000
मनस्से परिवार समूह क 12,000
7 समौन परिवार समूह क 12,000
लेवी परिवार समूह क 12,000
इस्साकार परिवार समूह क 12,000
8 जबूलून परिवार समूह क 12,000
यूसुफ परिवार समूह क 12,000
बिन्यामीन परिवार समूह क 12,000
भयंकर भीड़
9 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि मोरे सामने एक बहुत बड़ी भीड़ रही जेकर कउनउँ गनती नाही कइ सकत रहा। इ भीड़ मँ हर जाति क, हर वंस क, हर कुल अउर हर भाखा क मनई रहेन। उ पचे उ सिंहासन अउर उ मेमना क आगे खड़ा रहेन। उ सबेन्ह सफेद चोगा पहिरे रहेन अउर अपने हाथे मँ खजूर क टहनी लिहे रहेन। 10 उ सबेन्ह बोलावत रहेन, “सिंहासन प बइठा हमरे परमेस्सर क जय होइ अउर मेमना क जय होइ।”
11 सभी सरगदूतन सिंहासन, बुजुर्गन अउर ओन चार प्रानीयन क घेरे खड़ा रहेन। सिंहासन क सामने झुकिके प्रणाम कइके ओन सरगदूतन परमेस्सर क आराधना किहेन। 12 उ पचे कहेन, आमीन हमरे परमेस्सर क, “स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, पराक्रम अउर सक्ति हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन!”
13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”
14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”
इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई अही जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ। 15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी। 16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह। 17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.