M’Cheyne Bible Reading Plan
यहोसू नवा नेता होइ
31 तब मूसा अगवा बढ़ा अउ इस्राएलियन स इ सबइ बातन कहेस। 2 मूसा ओनसे कहेस, “अब मइँ एक सौ बीस बरिस क अहउँ। मइँ अब आगे तोहार नेता क अगुवाइ नाहीं कइ सकत हउँ। यहोवा मोसे कहेस ह: ‘तू पचे यरदन नदी क पार नाहीं जाब्या।’ 3 यहोवा तोहार परमेस्सर तोहरे आगे चली। उ इ सबइ रास्ट्रन क तोहरे पचन्क बरे बरबाद करी। तू पचे ओनकर देस ओसे हर लेब्या। यहोसू ओह पार तू लोगन क अगवा चली। यहोवा इ कहेस ह।
4 “यहोवा इ रास्ट्रन क लोगन क संग उहइ करी जउन उ एमोरियन क राजा लोगन सीहोन अउ ओग क संग किहस। ओन राजा लोगन क देस क संग उ जउन किहस उहइ हिआँ करी। यहोवा ओनकर प्रदेसन क बरबाद किहस। 5 अउर यहोवा तू पचन्क ओन रास्ट्रन क हरावइ देइ अउर तू पचे ओनके संग उ सब करब्या जेका करइ बरे मइँ कहेउँ ह। 6 मजबूत अउ हिम्मती बना। इ सबइ रास्ट्रन स डेराअ जिन। काहेकि यहोवा तोहार परमेस्सर तोहरे संग जात अहइ। उ तू पचन्क न छोड़ी अउ तजी।”
7 तब मूसा यहोसू क बोलाएस। जउने समइ मूसा यहोसू स बातन करत रहा ओह समइ इस्राएल क सबहिं लोग लखत रहेन। जब मूसा यहोसू स कहेस, “मजबूत अउ हिम्मती बना। तू इ सबइ लोगन क उ देस मँ लइ जाब्या जेका यहोवा ऍनकइ पुरखन क देइ क बचन दिहे रहा। तू इस्राएल क लोगन क मदद उ देस क लेइ अउ आपन बनावइ मँ करब्या। 8 यहोवा आगे चली। उ खुद तोहरे संग अहइ। उ तू पचन्क न मदद देब बन्द करी, न ही तू पचन्क छोड़ी। तू न ही डेरान अउ फिकिर मँ रहब्या।”
मूसा व्यव्सथा लिखत ह
9 तब मूसा इ कानून क लिखेस अउ लेवी क सन्तान याजक क अउर इस्राएल क सबइ बुजुर्गन क दइ दिहस। ओनकर काम यहोवा क करार क सन्दूखे क लइ चलब रहा। 10 मूसा ओनका आदेस दिहस, “हर सात बरिस पाछे, कुटीर क त्यौहार मँ इ सबइ नेमन क बाँचा। 11 उ समइ इस्राएल क सबहिं लोग यहोवा, आपन परमेस्सर स मिलइ बरे उ खास ठउरे पइ अइहीं जेका उ पचे चुनिहीं। तब तू लोगन मँ इ सबइ कानून क अइसे बाँचब जेहसे उ पचे सुनि सकइँ। 12 सबहिं लोगन, मनसेधुअन, मेहररुअन, नान्ह गदेलन अउ आपन नगरन मँ रहइवाले सबहिं प्रवासियन क बटोरा। उ पचे नेमन क सुनिहीं, अउर उ पचे यहोवा तोहरे परमेस्सर क आदर करब सिखिहीं अउर उ पचे इ नेमन क सब्दन क मानइ मँ होसियार रइहीं 13 अउर तब ओनकी संतानन जउन नेमन नाहीं जानत ह, ऍका सुनिहीं अउर उ पचे यहोवा तोहरे परमेस्सर क सम्मान करब सिखिहीं। उ पचे तब तलक सम्मान करिहीं जब तलक तू पचे उ देस मँ रहब्या जेका तू पचे यरदन नदी क ओह पार लेइ बरे तइयार अहा।”
यहोवा मूसा अउ यहोसू क बोलावत ह
14 यहोवा मूसा स कहेस, “अब तोहरे मरइ क समइ निचके आइ ग अहइ। यहोसू क ल्या अउ मिलापवाला तम्बू मँ जा। मइँ यहोसू क बताउब कि उ का करइ।” एह बरे मूसा अउ यहोसू मिलापवाला तम्बू मँ गएन अउर आपन क उपस्थित किहेस।
15 यहोवा बदरन क एक ठु खम्भा क रुप मँ परगट भवा। बदरे क खम्भा तम्बू क दुआरे पइ ठाड़ रहा। 16 यहोवा मूसा स कहेस, “तू हाली ही मरब्या अउर जब तू आपन पुरखन क संग चला जाब्या तउ इ सबइ लोग मोह पइ बिस्सास नाहीं करब्या। उ पचे उ वाचा क तोड़ देइहीं जउन मइँ ऍनकइ संग किहे अहउँ। उ पचे मोका छोड़ देइहीं। अउर दूसर देवतन क पूजा करब सुरु करिहीं, ओन प्रदेसन क बनावटी देवतन क जेनमाँ उ पचे जइहीं। 17 उ समइ, मइँ ऍन पइ बहोत कोहाइ जाब अउर ऍनका छोड़ देब। मइँ ओनकी मदद करब बन्द करब अउर उ पचे बरबाद होइ जइहीं। ओनके संग भयंकर सबइ घटना होइहीं अउर उ पचे विपत्ति मँ पड़िहीं। तब उ पचे कइहीं, ‘इ सबइ बुरी सबइ घटना हम पचन्क संग एह बरे होति अहइँ कि हमार परमेस्सर हमरे संग नाहीं अहइ।’ 18 तब मइँ आपन चेहरा ओन लोगन स छुपाइहीं काहेकि उ पचे बुरा कार्य करिहीं अउर दूसर देवतन क पूजा करिहीं।
19 “एह बरे इ गीत क लिखा अउर इस्राएली लोगन क सिखावा। ओनका इ गाइ द्या। इ इस्राएल क लोगन क खिलाफ मोरे बरे साच्छी रही। 20 मइँ ओनका उ देस मँ जउन मँ दूध अउर सहद बहत ह अउ जेका देइ क वचन मइँ ओनके पुरखन क दिहेउँ ह लइ जाब अउर उ पचे संतुट्ठ होइ तलक खाब्या। उ पचे अमीरी स भरी जिन्नगी बितइहीं। मुला ऍकर बाद उ पचे दूसर देवतन क पूजा अउर ओनकर सेवा करिहीं। उ पचे मोसे मुँहना फेरि लेइहीं अउर मोर वाचा क तोड़िहीं, 21 तब ओन पइ भयंकर आपदा अइहीं अउर उ पचे बड़ी मुसीबत मँ होइहीं। उ समइ ओनके लोग इ गीत क तब भी जनिहीं अउर इ ओनका बताइ कि उ पचे केतॅनी भूल पइ अहइँ। मइँ अभी तलक ओनका उ देस मँ नाहीं पहोंचाएउ हउँ जेका ओनका देइ क बचन मइँ दिहेउँ ह। मुला मइँ पहिले स ही जानत हउँ कि उ पचे हुआँ का करइवाला अहइँ, काहेकि मइँ ओनकी आदत स परिचित अहउँ।”
22 एह बरे मूसा उहइ दिन गीत लिखेस अउ उ गीत क इस्राएल क लोगन क सिखाएउँ।
23 तब यहोवा नून क पूत यहोसू स बातन किहस। यहोवा कहेस, “मजबूत अउ हिम्मती बना। तू इस्राएल क लोगन क उ देस मँ लइ चलब्या जेका ओनका देइ क वचन मइँ दिहेउँ ह अउर मइँ तोहरे संग रहब।”
मूसा इस्राएल क लोगन क चिताउनी देत ह
24 मूसा इ सारे नेमन क सब्दन क एक ठु किताबे मँ लिखेस। जब उ ऍका पूरा कइ लिहस तब 25 उ लेवीबंसियन क आदेस दिहस (सबइ लोग यहोवा क करार क सन्दूखे क देख-रेख करत रहेन।) मूसा कहेस, 26 “इ व्यवस्था क किताबे क ल्या अउर यहोवा, आपन परमेस्सर क करार क सन्दूखे क बगल मँ धरा। तब इ हुआँ तोहरे खिलाफ साच्छी होइ। 27 मइँ जानत हउँ कि तू बहोतइ अड़ियल अहा। मइँ जानत हउँ तू मनमानी करइ चाहत अहा। धियान द्या, आजु जब मइँ तोहरे संग हउँ तब भी तू यहोवा क आग्या मानइ स मना किह्या ह। मोरे मरइ क पाछे तू यहोवा क आग्या मानइ स अउर जियादा इन्कार करब्या। 28 आपन सबहिं परिवार समूहन क प्रमुखन अउ अफसरन क एक संग बोलावा। मइँ ओनका इ सब कछू बताउब अउर मइँ पृथ्वी अउ अकास क ओनके खिलाफ साच्छी होइ बरे बोलाउब। 29 मइँ जानत हउँ कि मोर मउत क पाछे तू सबइ लोग पूरी तरह भ्रस्ट होइ जाब्या। तू पचे उ राहे स बगद जाब्या जेह पइ चलइ क आदेस मइँ दिहेउँ ह। तब भविस्स मँ तोहे सबन पइ आपदा अइहीं। काहेकि तू पचे उ करइ चाहत अहा जेका यहोवा बुरा बतावत ह। तोहार बुरा काम करइ क कारण उ पचे तोहस कोहाइ जाब्या।”
मूसा क गीत
30 तब मूसा इस्राएल क सबहिं लोगन क गीत सुनाएस। उ तब तलक नाहीं रुका जब तलक उ ऍका पूरा नाहीं कइ लिहस।
मेम
97 मइँ तोहरी उपदेसन स बहोत जिआदा पिरेम करत हउँ।
हर घड़ी मइँ ओनकर ही बारे मँ सोचत हउँ।
98 तोहार आदेसन मोका मोर दुस्मनन स जियादा बुद्धिमान बनाएन।
तोहार कानून क वजह स उ सदा मोरे संग रहत ह।
99 मइँ आपन सबइ सिच्छकन स जियादा बुद्धिमान हउँ,
काहेकि मइँ तोहरी करार क अध्ययन किया करत हउँ।
100 मइँ बुजुर्ग प्रमुखन स जियादा समुझत हउँ।
काहेकि मइँ तोहरे आदेसन क मानत हउँ।
101 मइँ तोहार आदेसन क पालन करइ बरे
हर बुरे काम स बचा हउँ।
102 हे यहोवा, तू मोर सिच्छक अहा।
एह बरे मइँ तोहरे फइसलन स नाहीं मुरेउँ ह।
103 तोहार वचन मोर मुहे मँ
मधु स भी जियादा मीठा अहइँ।
104 तोहार उपदेसन क मइँ सावधान पूर्वक अध्यन करत हउँ,
ऍह बरे मइँ झूठापन स घिना करत हउँ।
नून
105 हे यहोवा, तोहार सिच्छन मोका बुद्धिमान बनावत हीं।
तउ झूठी सिच्छन स मइँ घिना किया करत हउँ।
106 तोहार फइसलन बहोत नीक अहइँ।
मइँ ओनका पालन करइ क प्रतिग्या किहेउँ, एह बरे मइँ पालन करब।
107 हे यहोवा, बहोत समइ तलक मइँ विपदन झेलेउँ ह,
कृपा कइके मोका वइसी जिन्नगी द्या जइसा तू देइ क वादा किहा ह।
108 हे यहोवा, मोरी बिनती क तू अंगीकार करा जउन मइँ तोहका भेंट करत हउँ,
अउर मोका आपन फइसलन क सिच्छा द्या।
109 होइ सकत ह कि मइँ हर दिन आपन जीवन जोखिम मँ डालत हउँ,
किन्तु मइँ तोहार उपदेसन क कबहुँ नाहीं बिसरत हउँ।
110 दुट्ठ जन मोका फँसावइ क जतन करत हीं,
मुला मइँ तोहरे उपदेसन नाहीं मुरेउँ ह।
111 तोहार करार सदा बरे मोर खज़ाना अहइ।
इ मोका बहोत खुस किया करत ह।
112 मइँ सदा तोहरे विधान पइ चलइ क
बहोत कठोर जतन करब।
सामेख
113 हे यहोवा, मोका अइसे ओन लोगन स घिना अहइ, जउन पूरी तरह स तोहरे बरे सच्चा नाहीं अहइँ।
मोका तउ तोहार सिच्छन भावत हीं।
114 तू मोर ढाल अउर रच्छक अहा।
मइँ तोहार वचन पइ भरोसा किहउँ ह।
115 दुट्ठ लोगन क मोहसे दूर करा,
ताकि मइँ आपन परमेस्सर क आग्यन क पालन कइ सकेउँ।
116 हे यहोवा, मोका अइसे ही सहारा द्या जइसे तू वचन दिहा, ताकि मइँ जी सकेउँ।
मोका तोहेमाँ बिस्सास अहइ, मोका निरास जिन करा।
117 हे यहोवा, मोका सहारा द्या कि मोर उद्धार होइ।
मइँ सदा तोहरे आदेसन क पाठ किया करब।
118 हे यहोवा, तू हर अइसे मनई स बिमुख होइ जात ह, जउन तोहार नेम तोड़त हीं।
काहेकि उ पचे छल क बियर्थ राहन क पालन करत हीं।
119 हे यहोवा, तू इ धरती स सबहिं दुट्ठ लोगन क अइसा हटावा, जइसेन उ पचे बेकार पदार्थ होइ,
मइँ तोहरी करार स सदा पिरेम करब।
120 हे यहोवा, मइँ तोहसे डेरान हउँ, मइँ डेरात अहउँ,
अउर तोहरे विधान क आदर करत हउँ।
लोगन स कहा कि उ पचे परमेस्सर क अनुसरण करइँ
58 जोर स नरिआअ, जेतना तू गोहराइ सका, आपन क जिन रोका।
जोर स गोहरावा जइसे नरसिंहा बजावत ह।
लोगन क ओनके बुरे कामन क बारे मँ जउन उ पचे किहेन ह, बतावा।
याकूब क घराने क ओनके पापन क बारे मँ बतावा।
2 हरेक अइसा देखाइ देत ह जइसा उ बहोत धर्मी अहइ: हर दिना लोग मोर मदद तलास करत हीं।
उ पचे मोर राहन क समुझइ चाहत हीं।
उ पचे ठीक वइसा ही देखाइ देत ह जइसे उ सबइ लोग कउनो अइसी जाति क होइँ
जउन उहइ करत ह जउन उचित होत ह
अउर जउन अपने परमेस्सर क कानूनन क उल्लंघन नाहीं किहेस ह।
उ पचे मोहसे चाहत हीं कि ओनकर निआव निस्पच्छ होइ अउर परमेस्सर ओनके संग रहइ।
3 अब उ सबइ लोग कहत हीं, “तोहरे बरे आदर देखावइ क बरे हम पचे भोजन करब बंद कइ देइत ह। तू हमार कइँती लखत्या काहे नाहीं? तोहरे बरे आदर परगट करइ क बरे हम आपन देह क छति पहोंचावत अही। तू हमरी कइँती धियान काहे नाहीं देत्या?”
किन्तु यहोवा कहत ह, “उपवास क ओन दिनन मँ उपवास रखत भए तू पचन्क आनन्द आवत ह किन्तु ओनहीं दिनन तू पचे आपन दासन क खून चूसत अहा। 4 तू पचे भोजन बरे भूखा नाहीं अहा। तू पचन्क आपुस मँ झगड़इ बरे अउर आपुस मँ लड़इ बरे उपवास रखत अहइँ। तू पचे आपन अत्याचार क हाथन स लोगन क पीटइ बरे भूखा रहत ह। जदि तू पचे चाहत अहा कि सरग मँ तोहार पचन्क परार्थना क सुनइ जाइ तउ उपवास रखइ क इ तरीका नाहीं अहइ। जइसे तू पचे आजु कल रखत अहा। 5 तू पचे का इ सोचत अहा कि भोजन नाहीं करइ क ओन बिसेस दिनन मँ बस मइँ लोगन क अपने तने क दुःख देत भए लखइ चाहत हउँ? का तू पचे अइसा सोचत अहा कि मइँ लोगन क दुःखी लखइ चाहत हउँ? का तू पचे इ सीचत अहा कि मइँ लोगन क मुरझाए भए पउधन क तरह सिर अउर सोक ओढ़ना पहिरे लखइ चाहत हउँ? का तू इ सोचत अहा कि मइँ लोगन क आपन दुःख परगट करइ क बरे राखी मँ बइठे लखइ चाहत हउँ? इहइ तउ उ सब कछू अहइ जउन तू खइया क न खाइ क दिनन मँ करत अहा। का तू अइसा सोचत अहा कि यहोवा तोहसे बस इहइ चाहत ह?
6 “मइँ तोहका बताउब कि मोका कइसा बिसेस दिन चाही-एक अइसा दिन जब लोगन क अजाद कीन्ह जाइ। मोका एक अइसा दिन चाही जब तू लोगन क बोझ क ओनसे दूर कइ द्या। मइँ एक अइसा दिन चाहत हउँ जब तू दुःखी लोगन क अजाद कइ द्या। मोका एक दिन अइसा चाही जब तू ओनके काँधन स भार उतारि द्या। 7 मइँ चाहत हउँ कि तू भुखान लोगन क संग आपन खाइके चिजियन बाँटा। मइँ चाहत हउँ कि अइसे गरीब लोगन क हेरा जेनके लगे घर नाहीं अहइँ अउर मोर इच्छा अहइ कि तू ओनका आपन घरन मँ लइ आवा। तू जब कउनो अइसे मनई क लखा, जेनके लगे ओढ़ना न होइ तउ ओका आपन ओढ़ना दइ डावा। ओन लोगन क मदद स मुँह जिन मोड़ा, जउन तोहार आपन होइँ।”
8 जदि तू एन बातन क करब्या तउ तोहार प्रकास प्रभात क प्रकास क समान चमकइ लागी। तोहार जखम भर जइहीं। तोहार “नेकी” (परमेस्सर) तोहरे आगे-आगे चलइ लागी अउर यहोवा क महिमा तोहरे पाछे-पाछे चली आइ। 9 तू तबइ यहोवा क जब पुकरब्या, तउ यहोवा तोहका जवाब देइ। जब तू यहोवा क गोहरउब्या तउ उ कही, “मइँ हिआँ हउँ।” परमेस्सर क लोगन क नेकी करइ चाही
तोहका लोगन्क दमन करब अउर लोगन क दुःख देब तजि देइ चाही। तोहका लोगन स कउनो बातन बरे कड़ुआ सब्द बोलब अउर ओन पइ लांछन लगाउब तजि देइ चाही। 10 तोहका भूखन क भूख बरे दुःख क अनुभव करत भए ओनका भोजन देइ चाही। दुःखी लोगन क सहायता करत भए तोहका ओनकर जरूरत क पूरा करइ चाही। जब तू अइसा करब्या तउ अँधियारा मँ तोहार रोसनी चमक उठी अउर तोहका कउनो दुःख नाहीं रहि जाइ। तू अइसे चमक उठब्या जइसे दुपहर क समय धूप चमकत ह।
11 यहोवा सदा तोहार अगुवाई करी। रेगिस्तान मँ भी उ तोहरे मने क पियास बुझाई। यहोवा तोहार हाड़न क मजबूत बनाई। तू एक अइसे बाग क समान होब्या जेहमाँ पानी क बहुतायत अहइ। तू एक अइसे झरना क नाई होब्या जेहमाँ सदा पानी रहत ह।
12 बहोत बरिसन पहिले तोहार नगर उजाड़ दीन्ह ग रहेन। एन नगरन क तू नवा सिरे स बसउब्या। एन नगरन क निर्माण तू एकर पुरान नेबंन पइ तू करब्या। “तू टूटे भए परकोटे क बनावइवाले कहवउब्या अउर तू मकानन अउर रास्ट्रन क बहाल करइवाले कहवउब्या।”
13 अइसा उ समय होइ जब तू सबित क बारे मँ परमेस्सर क नेमन क तोड़इ छोड़ देब्या, जब तू जात्रा करइ अउर अइसा करइ क जइसा तू चाहत ह आराम क दिन मँ छोड़ देब्या। सबित क दिन क तोहका खुसी क साथ यहोवा क आदर करइ चाही, तोहका जात्रा नाहीं करइ चाही, तोहका उ काम नाहीं करइ चाही जेका तू आपन खुसी बरे करत ह, या तोहका दूसर लोगन क आपन बरे काम करइ क आदेस नाहीं देइ चाही। 14 तब तू यहोवा मँ खुसी पउब्या, अउर मइँ यहोवा धरती क ऊँच-ऊँच ठउरन पइ, तोहका लइ जाब। मइँ तोहार पेट भरब। मइँ तोहका अइसी ओन वस्तुअन क देब जउन तोहार बाप याकूब क लगे हुआ करत रहिन।
इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।
ईसू दान उपदेस देत ह
6 “होसियार रहा! अउ परमेस्सर चाहत ह कि उ सब काम काजन्क मनई क समन्वा दिखावा जिन करा। नाहीं तउ तू आपन परमपिता स फल न पउब्या जउन सरगे मँ बाटइ।
2 “एह बरे जब तू कउनो दीन दुखिया क दान दच्छिना देत ह तउ ओकर ढिंढ़ोरवा पीटा जिन। जइसा कि आराधनालयन मँ अउर गलियन मँ कपटी मनई औरन स बड़कइ पावई बरे करत हीं। मइँ तोसे सच कहत हउँ कि ओनका तउ ऍकर पूर-पूर फल पहिले ही दीन्ह जाइ गवा अहइ। 3 मुला जबहिं तू कउनो दीन दुखिया क देत ह तउ तोहार बावाँ हाथ न जान पावइ कि तोहार दाहिन हाथ का करत बाटइ? 4 काहेकि तोहार दान गुपुत रहइ। तोहार उ परमपिता जउन छिपाइ क करत ह, तोहका ओकरे बदले मँ फल देई।
पराथना क महत्व
(लूका 11:2-4)
5 “जब तू पराथना करा तउ कपटी क नाईं जिन करा। काहेकि उ पचे आराधनालयन मँ अउर गलियन क नुक्कड़ प खड़ा होइ क पराथना करइ चाहत हीं। जैसे मनइयन ओनका निहार सकइँ। मइँ तोसे सच सच कहत हउँ कि ओनका तउ ओकरे बदले मँ फल पहिले ही मिल चुका बाटइ। 6 मुला जब तू पराथना करा, आपन कोठरी मँ चला जा अउर फटकवा बंद कइके परमपिता स पराथना करा। फिन तोहार परमपिता जउन तोहार करम क छिपिके निहारत ह, तोहका ओनके बदले फल देई।
7 “जब तू पराथना करत रहा, तउ विधर्मी क नाईं फिजूल बातन क यों ही बार बार जिन दोहरावा। उ सबइ इ सोचत हीं कि ओनके बहोत बोले स ओनकइ सुनि लीन्ह जाइ। 8 यह बरे ओनके जइसा जिन होइ जा काहेकि तोहरे परमपिता तोहारे माँगइ स पहिले जानत ह कि तोहार का जरूरत अहइ। 9 यह बेर इ प्रकार पारथना करा:
‘सरग मँ रहइ वाले हमार परमपिता,
पवित्तर अहइ तोहार नाउँ
10 जग मँ तोहार राज्य आवइ जउन चाहा तू वइसे पूर होइ
इ धरती प जइसे पूर होत रहत तोहार इच्छा सदा सरग मँ।
11 आज तू हमका दिन भर क खइया द्या
12 हमार पापन क छमा करा
जइसे हम छमा कीन्ह आपन अपराधिनक।
13 जिन ल्या कठिन परिच्छा भारी
हमका ओसे बचावा जउ उन दुस्ट (सइतान) स अहइ।’[a]
14 यह बरे जदि तू लोगन्क अपराधे क छमा करब्या तउ तोहार सरगे क परमपिता भी तोहरे पाप छमा करी। 15 मुला अगर तू लोगन्क छमा न करब्या तउ तोहार सरगे क परमपिता भी तोहरे पापन्क छमा न करी।
उपवास क अरथ
16 “जब तू उपवास राखा तउ कपटी क नाईं दुःखी मुँह बनाइके जिन रहा। काहेकि उ पचे तरह स मुह्रँ बिसवत हीं ताकि लोगन्क इ मालूम होइ जाइ कि उ सबइ उपवास करत अहइँ। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि ओनका तउ बदले मँ फल मिलि चुका अहइ। 17 मुला जब तू उपवास राखा तउ आपन मूँड़ प जैतून क तेल लगावा अउर आपन मुँहना धोवा। 18 जेसे लोग इ न भाँप सकइँ कि तू उपवास करत अहा। मुला तोहार परमपिता जेका तू निहार नाहीं सकत्या देखइ कि तू उपवास करत अहा। तबहिं तोहार परमपिता जउन तोहरे छमा भवा कामे क देखत रहत ह, उ तोहका ओकरे बदले मँ फल देई।
परमेस्सर धने स बड़वार अहइ
(लूका 12:33-34; 11:34-36; 16:13)
19 “आपन बरे धरती प भंडारा जिन भरा। काहेकि ओका किरवा अउर जंग नास कइ देइहीं। चोर सेंध लगइहीं अउर चोराय लइ जइहीं। 20 बजाए एँकरे सरग मँ भंडारा भरा। हुवाँ किरवा अउर जंग नास न कइ पइहीं। अउर चोर भी हुवाँ सेंधिया लगाइके नास न कइ पइहीं। 21 याद रखा जहाँ तोहार भंडार होई, हुँवई तोहार जिअरा लागी।
22 “देह बरे प्रकास क सोत आँखी अहइ। एह बरे तोहार आँखी नीक अहइ तउ तोहार देह प्रकास करत रही। 23 मुला जदि तोहार आँखी खराब होइ जाइ तउ तोहार सब देह अँधियर होइ जाइ। यह बरे उ सिरिफ प्रकास जउन तोहरे भीतर अहइ जदि अँधियर होइ जाइ तउ उ केतना गहिर होई।
24 “कउनो भी साथ साथ दुइ सुआमी क नउकर नाहीं होइ सकत काहेकि उ एक स तउ उ घिना करी अउर दूसर स पिरेम। या एक बरे उ न्यौछावर करी अउर दूसरे क धिक्कारी। तू धन अउर परमेस्सर दुइनउँ क सेवा नाहीं कइ पउब्या।
चिंता तजि द्या
(लूका 12:22-34)
25 “यह बरे मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि अपने जिअइ बरे खाइ पिअइ क चिंता तजि द्या। आपन तने क ओढ़ना क फिकिर जिन करा। सचमुच जिन्नगी खइया स अउर तने क ओढ़ना स जिआदा बड़कई क अहइ। 26 लखा! अकासे क पंच्छी न तउ बोआँई करत हीं अउर न कटाई, न ही उ पचे कोठिला मँ अनाज भरि देत हीं मुला तोहार स्वर्गीय पिता ओनकइ भी पेटवा भरत ह। का तू ओनसे जिआदा बड़कवा नाहीं बाट्या? 27 तू सबन मँ का कउनो अइसा अहइ कि फिकिर कइके आपन जिन्नगी मँ एक घड़ी भी अउ बढ़ाइ सकत ह?
28 “अउ तू आपन ओढ़ना क बार मँ काहे सोचत ह? सोचा, जंगले क फूलन क बारे मँ कि उ सबइ कइसे खिल जात हीं? उ सबइ न कउनो काम करत हीं अउर न आपन बरे ओढ़ना बनावत हीं। 29 यह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ कि सुलैमान भी आपन समूची धन दौलत क संग ओहमा स कउनो एक नाईं नाहीं सज सका। 30 तउ जउन जंगली पौधा जउन आज जिअत अहइँ मुला जेनका भियान भारे मँ झोंक दीन्ह जाब अहइ, परमेस्सर अइसा ओढ़ना पहिरावत ह तउ अल्प बिसवास क करवइया मनइयो! का उ तोहका अउर जिआदा बढ़िया ओढ़ना न पहिराई?
31 “यह बरे चिंता करत करत इ जिन कहा, ‘हम का खाबइ’ या ‘हम का पिअब’ या ‘का पहिरब?’ 32 मनई जउन परमेस्सर क नाहीं जनतेन इ सब चीजन्क पाछे दौड़त रहत हीं मुला सरग क बसइया तोहार परमपिता जानत ह कि तोहका इ सब चीजन्क जरूरत अहइ। 33 यह बरे सब ते पहिले परमेस्सर क राज्य अउर तोहसे जउन धरम की खोज उ चाहत ह, ओकर फिकिर करा। इ सब चीजन तउ तोहका खुद ही घेलइया मँ दइ दीन्ह जइहीं। 34 भियान क फिकिर जिन करा, काहेकि भियान क तउ अउर आपन चिंता होइहीं। हर दिन क आपन-आपन परेसानी होत रहत ह।
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