M’Cheyne Bible Reading Plan
इस्राएलियन क वापसी क बचन
30 “जउन मइँ कहेउँ ह तू पचन पइ होइके रही। तू पचे आसीर्बाद स बढ़िया चीजन पउब्या अउ अभिसाप स बुरी चीजन पउब्या। यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क दूसर रास्ट्रन मँ पठई। तब तू पचे एकरे बारे मँ सोचब्या। 2 उ समइ तू पचे अउर तोहार संतानन यहोवा, आपन परमेस्सर क लगे लौटिहीं। तू पचे पूरा तन-मन स ओन आदेसन क मनब्या जउन आजु हम पचे दीन्ह ह। 3 तबहिं यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर तू पचन्पइ दयालु होइ। यहोवा तू पचन्क फुन अजाद करी। उ ओन रास्ट्रन स तू पचन्क लउटाई जहाँ उ तू पचन्क पठए रहा। 4 चाहे तू पचे पृथ्वी क सब त दूर जगह पइ पठइ दीन्ह गवा होइ, यहोवा तोहार परमेस्स तू पचन्क बटोरी अउर तू पचन्क हुआँ स वापस लिआइ। 5 यहोवा तू पचन्क उ देस मँ लिआइ जउन तोहरे पुरखन क रहा अउर उ देस तोहार होइ। यहोवा तोहार भला करी अउर तोहरे लगे ओसे जियादा होइ, जेतॅना तोहरे पुरखन क लगे रहा अउर तोहरे रास्ट्र मँ ओसे जियादा लोग जेतना ओनके लगे कबहुँ रहेन। 6 यहोवा तोहार परमेस्सर, तू पचन्क अउ तोहरे संतानन क हिरदय क खतना[a] करी कि उ सबइ ओकरी अगया मानइ चइहीं। तब तू पचे यहोवा क आपन सम्पूर्ण हिरदय अउ आतिमा स पिरेम करब्या अउर तू पचे जिअत रहब्या!
7 “अउर यहोवा तोहार परमेस्सर इ सबइ अभिसापन क तोहरे ओन दुस्मनन पइ उतारी जउन तोहसे घिना करत हीं अउर तू पचन्क परेसान करत हीं 8 अउर तू फुन यहोवा क आग्या क मनब्या। तू पचे ओन सबहिं आदेसन क मनब्या जेनका मइँ आजु तू पचन्क दिहेउँ ह। 9 यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क ओन सब मँ सफल बनाई जउन तू पचे करब्या। उ तू पचन्क बहोत स गदेलन बरे, तोहरे गोरुअन क बहोत बछवन अउर तोहरे खेतन क नीक फसल होइ क वरदान देइ। यहोवा तोहरे बरे भला होइ। यहोवा तोहार भला करइ मँ वइसेन ही खुस होइ जइसेन खुस उ तोहरे पुरखन क भला करइ मँ होत रहा। 10 मुला तू पचन्क उ सब कछू जरूर करइ चाही जउन यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्स करइ बरे कहत ह। तू पचन्क ओकरे अउ हुकुमन जउन व्यवस्था क किताबे मँ लिखे भए क जरूर मानइ चाही। तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर कइँती आपन पूरा हिरदय अउर आतिमा स अर्पित होइ जाइ चाही।
जिअब या मरब
11 “आजु जउन आदेसन क मइँ तू पचन्क देत हउँ, उ तोहरे बरे बहोत कठिन नाहीं बा। इ तोहरी पहोंच क बाहेर नाहीं अहइ। 12 इ आदेस सरग मँ नाहीं अहइ जेहसे तू पचन्क कहइ क पड़इ ‘हम लोगन बरे सरगे मँ कउन जाइ अउ ओका हम लोगन क लगे लिआइ जेहसे हम पचे ओका सुनि सकी अउर ओकर पालन करइ सकी?’ 13 इ आदेस समुद्दर क दूसरे पार नाहीं अहइ जेहसे तू पचे इ कहा कि ‘हमरे बरे समुद्दर कउन पार करी अउर ऍका लिआइ जेहसे हम पचे ऍका सुनि सकी अउर कइ सकी?’ 14 नाहीं, यहोवा क बचन तोहरे लगे अहइ। इ तोहरे मुँह अउर तोहरे हिरदय मँ अहइ जेहसे तू पचे ऍका कइ सका।
15 “मइँ आजु तोहरे पचन्क समन्वा जिन्नगी अउ मउत, समृद्धि अउ विनास धइ दिहेउँ ह। 16 मइँ आजु तू पचन्क आदेस देत अहउँ कि यहोवा आपन परमेसर स पिरेम करा, ओकरे राहे पइ चला अउ ओकरे आदेसन, नेमन अउ हुकुमन क माना। तब तू पचे जिअत रहब्या अउ तोहार रास्ट्र जियादा तादाद मँ होइ। अउर यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क उ देस मँ आसीर्बाद देइ जेका आपन बनावइ बरे तू पचे हुआँ जात अहा। 17 मुला अगर तू पचे यहोवा स मुँह फेरत अहा अउ ओकर नाफरमानी करत अहा अउर दूसर देवतन क सेवा अउ पूजा मँ बहकावा जात अहा। 18 तब तू पचे पूरी तरह बरबाद कइ दीन्ह जाब्या। मइँ चिताउनी देत अहउँ, तू पचे यरदन नदी क पार क उ देस मँ लम्बे समइ तलक नाहीं रहब्या जेहमाँ आवइ बरे तू पचे तइयार अहा अउर जेका तू पचे आपन बनउब्या।
19 “आजु मइँ तू पचन्क दुइ राहन क चुनइ क छूट देत हउँ। मइँ धरती अउ अकास क तोहरे साच्छी बरे बुलाए हउँ। तू पचे जिन्नगी क चुन सकत ह, या तू पचे मउत क चुन सकत ह। जिन्नगी क चुनब वरदान लिआइ अउर मउत क चुनब अभिशाप। एह बरे जिन्नगी क चुना। तबहिं सिरिफ तू पचे अउर तोहार गदेलन जिअत रइहीं। 20 तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर स पिरेम करइ चाही अउ ओकर आग्या मानइ चाही। ओसे अउर ओसे चिपक जा। काहेकि यहोवा तोहार जिन्नगी अहइ, अउर यहोवा तू पचन्क उ देस मँ लम्बा जीवन देइ जेका उ तोहरे पुरखन इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क देइ क बचन दिहे रहा।”
योध
73 हे यहोवा, तू मोका बनाया ह मोर स्थापना आपन निज हाथन स किह्या ह।
आपन आग्यन क पढ़इ समुझ मँ तू मोर मदद करा।
74 हे यहोवा, तोहार भगत मोका लखत हीं, अउर उ पचे खुस अहइँ,
काहेकि मइँ तोहार बातन पइ भरोसा रखत हउँ।
75 हे यहोवा, मइँ इ जानत हउँ कि तोहार फइसला हमेसा नीक अउ खरा होत हीं।
एह बरे इ मोरे बरे उचित रहा कि तू मोका कस्ट दिहा ह।
76 अब, आपन सच्चे पिरेम स मोका आराम द्या।
मोका आराम द्या जइसा तू आपन सेवक स किह्या ह।
77 मोह पइ कृपा करा तइ मइँ जी सकेउँ।
फुरइ मइँ तोहार उपदेसन मँ आनन्दित अहउँ।
78 ओन लोगन क जउन सोचा करत हीं कि उ पचे मोसे उत्तिम बाटेन, ओनका लजाइ द्या।
काहेकि उ पचे मोरे बारे मँ झूठी बातन कहेन ह।
हे यहोवा, मइँ तोहरे उपदेसन क बिचार किहेउँ ह।
79 आपन भगतन क मोरे लगे लउटि आवइ द्या।
अइसे ओन लोगन क मोरे लगे लउटि आवइ द्या, जेनका तोहरी करार क जानकारी अहइ।
80 मोरे हिरदय क हमेसा तोहार कानून क मानइ द्या,
ताकि मइँ कबहुँ लज्जित न होबेउँ।
काफ़
81 मइँ तोहार इन्तज़ार करइ मँ कमज़ोर होइ गवा हउँ कि तू मोका बचउब्या।
मुला यहोवा, मोका तोहार वचन पइ भरोसा बा।
82 जउन बातन क तू वचन दिहे रह्या, मइँ ओनकर बाट जोहत रहत हउँ।
मुला मोर आँखिन दुर्बल होइ गइ अहउँ। तू मोका कब आराम देब्या?
83 हिआँ तलक जब मइँ कचड़ा क धुआँ पइ क दाखरस क झुरान मसक जइसा हउँ,
बूढ़ा अउर झुर्रीदार तबहुँ भी तोहरे कानून क न भूलब।
84 मइँ कब तलक जिअब?
हे यहोवा, कब सज़ा देब्या तू अइसे ओन लोगन क जउन मोहका सतावत हीं?
85 कछू अहंकारी लोग आपन फंदन स मोह पइ वार किहे रहेन।
इ तोहरी सीखन क खिलाफ अहइ।
86 हे यहोवा, सब लोग तोहरी आग्यन क भरोसे कइ सकत हीं।
उ पचे मोका बिना कउनो कारण सतावत रहत हीं। मोर मदद करा।
87 ओन सबइ लोग धरती स करीब करीब मोका बर्बाद कइ दिहन ह।
तउ प भी मइँ तोहरे उपदेसन क नाहीं तजेउँ।
88 हे यहोवा, आपन बिस्सासी पिरेम क मोह पइ परगट करा।
अउर मोका जिन्नगी द्या।
तउ मइँ तोहार करार क पालन कइ सकेउँ।
लामेध
89 हे यहोवा, तोहरे वचन सरग मँ, उ सबइ सदा रहत हीं।
90 तू हमेसा हमेसा बरे बिस्सासी अहा।
तू ही धरती ओकरे जगह पइ रच्या अउर इ हमेसा स हिआँ रहत रह्या।
91 तोहरे फइसलन क कारण ही अब तलक सबहिं वस्तु मौजूद अहइँ।
काहेकि सबहिं चिजियन तोहार सेवक अहइँ।
92 अगर तोहार सीखन मीत जइसी नाहीं होतिन,
तउ मोर संकट मोका बर्बाद कइ डउतेन।
93 हे यहोवा, तोहरे आदेसन क मइँ कबहुँ नाहीं बिसरब।
काहेकि उ सबइ ही मोका जिअत राखत हीं।
94 हे यहोवा, मइँ तउ तोहार अहउँ, मोर रच्छा करा।
काहेकि तोहरे उपदेसन पइ चलइ क मइँ कठिन जतन करत हउँ।
95 दुट्ठ जन मोका विनास करइ क इन्तज़ार करत हीं,
मुला मइँ तोहार करार क समुझइ बरे ओहे पइ विचार करत हउँ।
96 सब कछू क सीमा अहइ,
किन्तु तोहरी आग्यन आपन छेत्र मँ असीमित अहइँ।
इस्राएल परमेस्सर क नाहीं मानत ह
57 अच्छे लोग चला गएन
किन्तु एक भी अइसा नाहीं अहइ जउन एह पइ धियान दिहस।
लोग समुझत नाहीं अहइँ कि का कछू घटत अहइ।
भले लोग बटोरा गएन।
लोग समुझतेन नाहीं कि बिपत्तियन आवत अहइँ।
ओनका पता तलक नाहीं अहइ कि भले लोग रच्छा बरे बटोरा गएन।
2 किन्तु सान्ति आइ अउर लोग अराम स आपन बिछउनन मँ सोइहीं
अउर लोग उहइ तरह जिइहीं जइसे परमेस्सर ओनसे चाहत ह।
3 “हे चुड़ैलियन क गदेलनों, एँह कइँती आवा।
तोहार पचन्क पिता बिभिचार क पापी अहइ।
तोहार पचन्क महतारी आपन देह यौन बइपार मँ बेचा करत ह। एहर आवा।
4 हे विद्रोहियो अउर झूठी सन्तानों,
तू पचे मोर हँसी उड़ावत अहा।
मोह पइ आपन मुँह चिढ़ावत अहा।
तू पचे मोह पइ जिभिया निकारत अहा।
5 तू पचे सबहिं हरिअर बृच्छन क खाते
लबार देवतन क कारण कामातुर होत अहा।
हर नदी क तीर पइ तू पचे बाल बध करत अहा
अउर चट्टानी जगहियन पइ ओनकर बलि देत अहा।
6 नदी क गोल बट्टियन क तू पूजइ चाहत अहा।
तू ओन पइ दाखरस ओनकर पूजा बरे चढ़ावत अहा।
तू ओन पइ बलियन क चढ़ावा करत अहा किन्तु तू ओनके बदले बस पाथर ही पावत अहा।
का तू इ सोचत अहा कि मइँ एहसे खुस होत हउँ? नाहीं।
इ मोका खुस नाहीं करत अहइ।
तू हर कउनो पहाड़ी अउर हर ऊँच पर्वत पइ आपन बिछउना बनावत अहा।
7 तू ओन ऊँची जगहन पइ जावा करत अहा
अउर तू हुवाँ बलियन चढ़ावत अहा।
8 अउर फुन तू ओन बिछउनन क बीच जात अहा
अउर मोरे विरुद्ध तू पाप करत अहा।
ओन देवन स तू पिरेम करत अहा।
उ पचे देवता तोहका भावत हीं।
तू मोरे संग रह्या किन्तु ओनके संग होइ क बरे तू मोका तजि दिहा।
ओन सबहिं बातन पइ तू परदा डाइ दिहा जउन तोहका मोर याद दिआवत ह।
तू ओनके दुआरन क पाछे अउर दुआर क चउखटन क पाछे छुपाया
अउर तू ओन लबार देवतन क लगे ओनके संग वाचा करइ जात अहा।
9 तू आपन तेल अउ फुलेल लगावत अहा
ताकि तू आपन लबार देवता मोलक क समन्वा नीक देखाअ।
तू आपन दूत दूर-दूर देसन क पठया ह
अउर एहसे तू ही नरक मँ, मउत क देस मँ गिरब्या। इस्राएल क परमेस्सर पइ बिस्सास करइ चाही मूरति यन पइ नाहीं
10 एन बातन क करइ मँ तू परिस्रम किहा ह।
फुन भी तू कबहुँ नाहीं थक्या।
तोहका नई सक्ति मिलत रही
काहेकि एन बातन मँ तू रस लिहा।
11 तू मोका कबहुँ नाहीं याद किहा
हिआँ तलक कि तू मोह पइ धियान तलक नाहीं दिहा।
तउ तू केकरे बारे मँ चिन्तित रहा करत रह्या?
तू केहसे भयभीत रहत रह्या?
तू झूठ काहे कहत रह्या?
लखा मइँ बहोत दिनन स चुप रहत आवा हउँ
अउर फुन तू मोर आदर नाहीं किहा।
12 मोका तोहार ‘अच्छे कर्मन’ अउर तोहरे ओन उपलब्धियन क तारीफ करत रहइ क लाइके होइ चाही।
किन्तु उ सबइ बातन जउन तू किहेस ह बेकार अहइ अउर तोहका कउनो लाभ नाहीं देत ह।
13 जब तोहका सहारा चाटी तउ
तू ओन लबार देवन क जेनका तू आपन चारिहुँ कइँती जुटाया ह,
काहे नाहीं गोहरावत अहा।
किन्तु मइँ तोहका बतावत हउँ कि ओन सब क आँधी उड़ाइ देइ।
हवा क एक झोका ओनका तोहसे छोर लइ जाइ।
किन्तु उ मनई जउन मोरे सहारे अहइ,
धरती क पाई।
अइसा ही मनई मोर पवित्तर पर्वते क पाई।”
यहोवा आपन भकतन क रच्छा करी
14 रास्ता साफ करा। रास्ता साफ करा।
मोरे लोगन बरे राह साफ करा।
15 उ जउन ऊँच अहइ अउर जेहका ऊपर उठावा गवा ह,
उ जउन अमर अहइ,
उ जेकर नाउँ पवित्तर अहइ,
उ इ कहत ह: “मइँ एक ऊँच अउर पवित्तर जगह पइ रहा करत हउँ
किन्तु मइँ ओन लोगन क बीच रहा करत हउँ जउन दुःखी अउर विनम्र अहइँ।
अइसे ओन लोगन क मइँ नई जिन्नगी देब जउन मने स विनम्र अहइँ।
अइसे ओन लोगन का मइँ नई जिन्नगी देब जउन हिरदय स दुःखी अहइँ।
16 मइँ सदा-सदा ही मुकद्दमा लड़त रहब।
सदा-सदा ही मइँ तउ किरोधित नाहीं रहब।
जदि मइँ कोहान ही रहउँ
तउ मनई क आतिमा यानी उ जिन्नगी जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह, मोरे समन्वा ही मरि जाई।
17 उ पचे लालच स हिंसा स भरा स्वारथ साधे रहेन
अउर मोका किरोधित कइ दिहे रहेन।
मइँ इस्राएल क दण्ड दिहेउँ।
मइँ ओका निकार दिहेउँ
काहेकि मइँ ओह पइ कोहान रहेउँ अउर इस्राएल मोका तजि दिहस।
जहाँ कहूँ इस्राएल चाहत रहा, चला गवा।
18 मइँ इस्राएल क राहन लखि लिहे रहेउँ।
किन्तु मइँ ओका छिमा करब।
मइँ ओका चैन देब अउर अइसे बचन बोलब जेहसे ओका आराम मिलइ अउर मइँ ओका राह देखाउब।
फुन ओका अउर ओकरे लोगन क दुःख नाहीं छुइ पाई।
19 ओन लोगन्क मइँ एक नवा सब्द सान्ति सिखाउब।
अउर मइँ ओन सबहिं लोगन क आसीर्बाद देब जउन सान्ति क साथ मोरे पास या दूर अहइँ।”
यहोवा इ सब कहेस,
“मइँ ओन सबहिं लोगन क छिमा करब!”
20 किन्तु दुट्ठ लोग किरोधित सागरे क जइसे होत हीं।
उ पचे चुप या सान्त नाहीं रहि सकतेन।
उ पचे किरोधित रहत हीं
अउर समुद्र क तरह कींचा उछारत रहत हीं।
21 मोर परमेस्सर क कहब अहइ:
“दुट्ठ लोगन बरे कहूँ कउनो सान्ति नाहीं अहइ।”
ईसू क उपदेस
(लूका 6:20-23)
5 ईसू जब भारी भीड़ देखेस उ एक पहाड़े प चला गवा। हुवाँ उ बैठि गवा अउर ओकर चेलन ओकरे नगिचे आएन। 2 तबहिं ईसू उपदेस देत भवा कहेस:
3 “धन्य अहइँ उ पचे जउन दीन अहइँ,
काहेकि सरगे क राज्य अहइ ओनके बरे।
4 धन्य अहइँ उ सबइ जउन सोक करत हीं
काहेकि परमेस्सर ओनका धीरज बँधावत ह।
5 धन्य अहइँ उ सबइ जउन नम्र अहइँ
काहेकि इ धरती ओनही क अहइ।
6 धन्य अहइँ उ सबइ जउन नीति क बरे भूखा अउर पियासा जउन रहत ही।
काहेकि परमेस्सर ओनका संतोस देइ, अउर तृप्ति देइ।
7 धन्य अहइँ जउन दयालु अहइँ
काहेकि ओन पइ अकास स दया बरसी।
8 धन्य अहइँ जउन हिरदय स सुद्ध अहइँ
काहेकि उ सबइ परमेस्सर क दरसन करिहीं।
9 धन्य अहइँ जउन सान्ति बरे काम काज करत हीं
काहेकि उ सबइ परमेस्सर क पूत कहा जइहीं।
10 धन्य अहइँ जउन धर्म क कारण सतावा जात हीं
काहेकि सरगे क राज्य ओनही क अहइ।
11 “अउर तू पचे धन्य अहा काहेकि जब लोग तोहका पचन्क बेज्जत करइँ, तोहका पचन्क सतावइँ अउर मोरे बरे तोहरे खिलाफ सब प्रकार क झूठी बातन कहइँ बस एह बरे तू सबइ मोर मनवइया अहा। 12 तब तू सबइ खुस रह्या, आनन्द मँ रह्या, काहेकि सरगे मँ तोहका पचन्क एकरे बरे अच्छा होई। इ वइसे ही बाटइ जइसे तोहरे पहिले क नबियन क मनइयन सताएन ह।
तू नोन क नाईं अहा, तू प्रकास क नाईं अहा
(मरकुस 9:50; 4:21; लूका 14:34-35; 8:16)
13 “तू सबइ समुच्चइ मानवता बरे नमक अहा। मुला जदि नोन नोनखार न होइ तउ ओका फिन नोन कइसे बनाइ जाइ सकत ह। उ फिन कउनो कामे क न रही। सिरिफ एह बरे कि ओका मनई क गोड़वा तले फेंक दीन्ह जाइ।
14 “तू संसार क प्रकास अहा। एक ठु अइसा सहर जउन पहाड़े क चोटी प बसा अहइ, उ छिपाए स छिप नाहीं सकत। 15 लोग दिया बारि के ओका बाल्टी तले नाहीं रखतेन मुला ओका डीबट प धइ देत हीं। अउर उ घरे क सब मनइयन क प्रकास देत ह। 16 मनई क समन्वा तोहार प्रकास अइसा चमकइ कि उ पचे तोहरे नीक कामन्क निहारइँ अउर सरगे मँ बइठा भवा तोहरे परमपिता क महिमा बखानइ।”
ईसू अउर पवित्तर धरम सास्तर
17 “इ जिन सोचा कि मइँ मूसा क व्यवस्था या नबियन क लिखा भवा क नस्ट करइ आइ हउँ। मइँ ओन सबन्क नस्ट करइ नाहीं आइ हउँ मुला ओनके पूरा पूरा अरथ क समझावइ आइ अहउँ। 18 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब ताईं इ धरती अउर अकास नस्ट नाहीं होइ जातेन, व्यवस्था क एक एक सब्द अउर एक एक अच्छर बना रही, उ तब ताईं बना रही जब ताईं उ पूरा नाहीं होइ जात।
19 “एह बरे जउन एन हुकुमन स इ छोटवार स छोटवार हुकुमन क तोड़त ह अउर लोगन्क वइसा ही करइ सिखावत ह, उ सरगे क राज्य मँ कउनो का बड़कई न पाई। मुला जउन ओह पइ चलत ह अउ दूसरन मनइनयन क ओनपइ चलइ क उपदेस देत ह, उ सरगे क राज्य मँ बड़क्का समुझा जाई। 20 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब ताईं तू पचे धरमसास्तिरयन अउर फरीसियन क धरम मानइ स अगवा जिन जा, कि तू सरगे क राज्य मँ घुसइ न पउब्या।
किरोध
21 “तू पचे सुन चुक्या ह कि हमरे पूर्वजन स कहा गवा रहा, ‘हत्या जिन करा(A) अउर जदि कउनो हत्या करत ह तउ ओका अदालत मँ जवाब दिहे होई।’ 22 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि जउन मनई आपन भाई प किरोध करी, ओहका भी अदालत मँ एकरे बरे जवाब दिहे होई। अउर जउन आपन भाई क बेज्जत करी ओका सबते ऊँच अदालत मँ जवाब दिहे होई। जदि कउनो आपन भाई स कहइ, ‘अरे जाहिल, मूर्ख’ तउ नरके क आगी क बीच ओह पइ एका जवाब दिहे होई।
23 “एह बरे जदि तू वेदी प आपन भेंट चढ़ावत ह अउर हुवाँ तोहका याद आइ जाइ कि तोहरे मन मँ तोहरे भाई खातिर कउनो खिलाफ बात बाटइ 24 तउ तू उपासना भेंट क वेदी के सामने छाँड़ि द्या अउर पहिले जाइके आपन भाई स सुलह कइ ल्या अउर फिन आइके भेंट चढ़ावा।
25 “जब ताईं तू मुद्दई क संग रस्ता मँ रहा, झटपट ओसे मेल कइ ल्या। कहूँ अइसा न होइ कि उ तोहका हाकिम स सौंप देइ अउर हाकिम तोहका सिपाही क। फिन तू जेल मँ धाँध दीन्ह जा। 26 मइँ तोहका सच सच बतावत हउँ कि जब तक तू पाई-पाई क हिसाब न कइ देब्या तब तलक तू जेल स न छूटि पउब्या।
व्यभिचार
27 “तू सुनि लिहा कि इ कहा गवा अहइ, ‘व्यभिचार जिन करा।’(B) 28 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि जदि कउनो स्त्री क बुरी निगाह स देखत ह तउ उ आपन मन मँ पहिले ही ओकरे संग संभोग कइ चुका अहइ। 29 यह बरे जदि तोहार दाहिन आँख तोसे पाप करवावइ तउ ओका निकारि क फेंक द्या। काहेकि तेरे बरे इ नीक बाटइ कि तोहरे बदन क एक ठु अंग नस्ट होइ जाइ एकरे बजाय तोहार सारा बदन नरक मँ नाइ दीन्ह जाइ। 30 अउ जदि तोहार दाहिन हाथ तोहसे पाप करवावइ तउ ओका काटिके फेंकि डारा। काहेकि तोहरे बरे इ नीक अहइ कि तोहरे बदन क एक अंग नस्ट होइ जाइ बजाए कि तोहार समूचा बदन नरक मँ जाइ।
तलाक
(मत्ती 19:9; मरकुस 10:11-12; लूका 16:18)
31 “कहा गवा अहइ, ‘जबहि कउनो आपन पत्नी क तलाक देत ह तउ आपन पत्नी क लिखिके तलाक देइ चाही।’(C) 32 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि हर मनई जउन आपन पत्नी क तलाक देत ह, जदि उ तलाक ओकरे व्यभिचारी करइ क कारण नाहीं दिहेस तउ जब उ पत्नी दूसरा बियाह करत ह, तउ समुझ ल्या कि उ मनई ओसे व्यभिचार करत ह। अउर जउन कउनो उ छोड़ी भई स्त्री स बियाह करत ह तउ भी व्यभिचार करत ह।
सपथ
33 “तू सबइ इहउ सुन्या ह क हमरे पूर्वजन स कहा गवा रहा, ‘तू सपथ जिन तोड़ा मुला पर्भू स कीन्ह सपथन पूरा करा।’[a] 34 मुला मइँ तू सबन स कहत हउँ सपथ जिन ल्या। सरगे क सपथ जिन खा काहेकि उ परमेस्सर क सिंहासन अहइ। 35 धरती की सपथ जिन खा काहेकि उ ओकरे गोड़वा क चौकी बाटइ। यरूसलेम क सपथ जिन खा काहेकि इ महाराजाधिराजा क सहर बाटइ। 36 आपन मूँड़ क सपथ जिन खा, काहेकि तू एक ठू बारे तक द सफेद या करिया नाहीं कइ सकत्या। 37 जदि तू हाँ चाहत ह तउ सिरिफ ‘हाँ’ कहा अउर ना चाहत ह तउ सिरिफ ‘ना’। काहेकि जउन कछू ऍसे जिआदा होत अहइ उ दुस्ट (सइतान) स आवत अहइ।
बदला लेइ क भावना जिन रखा
(लूका 6:29-30)
38 “तू पचे सुन्या ह कि कहा बाटइ, ‘आँखी क बदले आँखी अउर दाँत बदले दाँत’(D) 39 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि कउनो बुरा मनई क विरोध जिन करा। मुला कउनो तोहरे दाहिन गाले प थप्पड़ लगावइ तउ दूसर गाले क ओकरे कइँती घुमाइ द्या। 40 जदि कउनो तोह प मुकदमा चलाइ के तोहार कुर्ता उतरवावइ चाहइ तउ तू ओका आपन चोगा तलक दइ द्या। 41 जदि कउनो तोहका बेगार मँ एक मील चलावइ तउ तू ओकरे संग दुइ मील जा। 42 जदि कउनो तोसे कछू माँगइ तउ ओका उ दइ द्या। जउन तोसे उधार लेइ चाहइ, ओका मना जिन करा।
सबते पिरेम राखा
(लूका 6:27-28,32-36)
43 “तू पचे सुन्या ह कि कहा गा बाटइ, ‘तू आपन पड़ोसी स पिरेम करा(E) अउर दुस्मन स घिना कर।’ 44 मुला मइँ कहत हउँ आपन दुस्मन स भी पिरेम करा। जउन तोहका सतावत हीं, ओनके बरे भी पराथना करा। 45 काहेकि सरगे मँ बसइया आपन परमपिता क संतान होइ सका। उ सूरज क प्रकास बुरा अउर भला सब पइ चमकावत ह। उ पापी अउर धर्मी सब पइ बसकाला मँ पानी बरसावत ह। 46 इ मइँ यह बरे कहत हउँ कि जदि तू ओनही स पिरेम करब्या जउन तोहसे पिरेम करत हीं तउ तोहका का फल मिली? का अइसा तउ चुंगी (टैक्स) क उगाहिया[b] भी नाहीं करतेन? 47 जदि तू आपन मीतन क बरे नीक बाट्या तउ दूसर मनई स नीक नाहीं बाट्या। का अइसा विधर्मी भी नाहीं करतेन? 48 यह बरे आपन मँ परिपूर्ण बना जइसे तोहार सरगे क परमपिता परिपूर्ण बाटइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.