M’Cheyne Bible Reading Plan
मीकायाह राजा अहाब क चिताउनी देत ह
18 यहोसापात क लगे सम्पत्ति अउ सम्मान रहा। उ राजा अहाब क संग बियाह क जरिये एक ठु सन्धि किहस। 2 कछू बरिस पाछे, यहोसापात सोमरोन नगर मँ अहाब स भेंटइ गवा। अहाब बहोत स भेड़िन अउर गोरुअन क बलि यहोसापात अउ ओकरे संग क मनइयन क बरे चढ़ाएस। अहाब यहोसापात क गिलाद क रामोद नगर पइ हमला बरे प्रोत्साहित किहस। 3 अहाब यहोसापात स कहेस, “का तू मोरे संग गिलाद क रामोत पइ हमला करइ चलब्या?” अहाब इस्राएल क अउर यहोसापात यहूदा क राजा रहा। यहोसापात अहाब क जवाब दिहस, “मइँ तोहरि तरह हउँ अउर हमरे लोग तोहरे लोगन क तरह अहइँ। हम जुद्ध मँ तोहार साथ देब।” 4 यहोसापात अहाब स इ कहेस, “आवा, पहिले हम यहोवा स सँदेसा प्राप्त करी।”
5 एह बरे अहाब चार सौ नबियन क बटोरेस। अहाब ओनसे कहेस, “का हम क गिलाद क रामोत नगर क बिरुद्ध जुद्ध मँ जाइ चाही या नाहीं?”
नबियन अहाब क उत्तर दिहन, “जा, काहेकि यहोवा गिलाद क रामोत क तोहका पराजित करइ देइ।”
6 किन्तु यहोसापात कहेस, “का कउनो हिआँ यहोवा क नबी अहइ? हम लोग ओकरे नबियन मँ स एक क जरिये यहोवा स पूछइ चाहित ह।”
7 तब राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “हिआँ हमार लगे सिरिफ एक मनई अहइ। हम ओकरे माध्यम स यहोवा क पूछ सकित ह। किन्तु मइँ इ मनई स घिना करत हउँ काहेकि इ कबहुँ मोका यहोवा स कउनो अच्छा सँदेसा नाहीं दिहस। इ सदा ही बुरा सँदेसा मोरे बरे दिहस ह। इ आदमी क नाउँ मीकायाह अहइ। जउन कि यिम्ला क पूत अहइ।”
किन्तु यहोसापात कहेस, “अहाब, तोहका अइसा नाहीं कहइ चाही।”
8 तब इस्राएल क राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क बोलाएस अउ कहेस, “हाली करा, यिम्ला क पूत मीकायाह क हिआँ लिआवा।”
9 इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात अपने राजसी ओढ़ना पहिर रखे रहेन। उ पचे अपने सिंहासनन पइ खरिहान मँ सोमरोन नगर क सम्मुख दुआरे क निचके बइठे रहेन। उ सबइ चार सौ नबी आपन सँदेसा दुइनउँ राजा लोगन क समन्वा देत रहेन। 10 कनान क पूत सिदकिय्याह लोहा क कछू सींगन बनाएस। सिदकिय्याह कहेस, “इहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: ‘तू लोग लोहे क सींगन क उपयोग तब तलक अस्सूर क लोगन मँ घोंपइ क बरे करब्या जब तलक उ पचे नस्ट न होइ जाइँ।’” 11 सबहिं नबियन इहइ बात कहेन। उ पचे कहेन, “गिलाद क रामोत नगर क जा। तू लोग सफल होब्या अउर जितब्या। यहोवा राजा अउ अस्सूर क लोगन क हरावइ देइ।”
12 जउन दूत मीकायाह क लिआवइ गवा रहा उ ओहसे कहेस, “मीकायाह, मोका, सबहिं नबी एक ही बात कहत रहत हीं। उ पचे कहत रहत हीं कि राजा क कामयाबी मिली। एह बरे उहइ कहा जउन उ पचे कहत रहत हीं। तू भी अच्छी बात कहा।”
13 किन्तु मीकायाह जवाब दिहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया मइँ उहइ कहब जउन मोर परमेस्सर कहत ह।”
14 तब मीकायाह राजा अहाब क लगे आवा। राजा ओहसे कहेस, “मीकायाह, का हम क जुद्ध करइ बरे गिलाद क रामोत नगर क जाइ चाही या नाहीं?”
मीकायाह कहेस, “जा अउर हमला करा। यहोवा तोहका ओन लोगन क हरावइ देइ।”
15 राजा अहाब मीकायाह स कहेस, “कइउ दाई मइँ तोहसे प्रतिग्या करवाई रही कि तू यहोवा क नाउँ पइ मोका सिरिफ फुरइ बतावा।”
16 तब मीकायाह कहेस, “मइँ इस्राएल क सबहिं लोगन क पहाड़न पइ बिखेर भए लखेउँ। उ पचे गड़रियन क बिना भेड़ी क नाई रहेन। यहोवा कहेस, ‘ओनकर कउनो नेता नाहीं अहइ। हर एक मनई क ओकरे घरे मँ सुरच्छित लउटइ द्या।’”
17 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ कहे रहेउँ कि मीकायाह मोरे बरे यहोवा स बढ़िया सँदेसा नाहीं पाइ। उ मोरे बरे सिरिफ बुरे सँदेसा रखत ह।”
18 मीकायाह कहेस, “यहोवा क सँदेसा सुना: मइँ यहोवा क अपने सिंहासने पइ बइठे लखेउँ। सरग क पूरी फउज ओकरे चारिहुँ कइँती खड़ी रही। कछू ओकरे दाहिन कइँती अउर कछू ओकरे बाईं कइँती। 19 यहोवा कहेस, ‘इस्राएल क राजा अहाब क कउन बहकाएस? जेहसे उ गिलाद क रामोत नगर पइ हमला करब अउर उ हुवाँ मार दीन्ह देब?’ यहोवा क चारिहुँ कइँती खड़े अलग-अलग अतिमा अलग-अलग मस्वरा दिहन। 20 तब एक आतिमा आइ अउर उ यहोवा क समन्वा खड़ी भइ। उ आतिमा कहेस, ‘मइँ अहाब क धोखा देब।’ यहोवा आतिमा स पूछेस, ‘कइसे?’ 21 उ आतिमा जवाब दिहस, ‘मइ बाहेर जाब अउर अहाब क नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाली आतिमा बनब’ अउर यहोवा कहेस, ‘तोहका अहाब क धोखा देइ मँ कामयाबी मिली। एह बरे जा अउर एका करा।’
22 “अहाब, अब धियान द्या, यहोवा तोहरे नबियन क मुँहे मँ झूठ बोलइवाली आतिमा प्रवेस कराएस ह। यहोवा कहेस ह कि तोहरे संग बुरा घटी।”
23 तब सिदकिय्याह मीकायाह क लगे गवा अउर ओकरे मुँहे पइ मारेस। कनाना क पूत सिदकिय्याह कहेस, “मीकायाह, यहोवा क आतिमा मोका तजिके तोहसे बातचीत करइ कइसे आइ?”
24 मीकायाह जवाब दिहस, “सिदकिय्याह, तू उ दिन एका जनब्या जब तू एक भीतरी घरे मँ छुपइ जाब्या।”
25 तब राजा अहाब कहेस, “मीकायाह क ल्या अउर ऍका नगर क प्रसासक आमोन अउ राजा क पूत योआस क लगे पठइ द्या। 26 आमोन अउ योआस स कहा, ‘राजा इ कहत हीं: मीकायाह क बन्दीघरे मँ डाइ द्या। ओका सेटी अउ पानी क अलावा तब तलक कछू खाइ क जिन द्या जब तलक मइँ जुद्ध स सुरच्छित न लउटउँ।’”
27 मीकायाह जवाब दिहस, “अहाब, जदि तू जुद्ध स सुरच्छित लउटि आवत ह तउ यहोवा मोरे जरिये नाहीं कहेस ह। तू सबहिं लोग सुना अउर मोरे बचन क याद रखा।”
अहाब गिलाद क रामोद मँ मारा गवा
28 एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात गिलाद क रामोत नगर पइ हमला किहस। 29 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ जुद्ध मँ जाइ क पहिले आपन रुप बदल देब। किन्तु तू अपना राजवस्त्र ही पहिरा।” एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अपना रुप बदल दिहस अउर दुइनउँ राजा जुद्ध मँ गएन।
30 अराम क राजा अपने रथन क रथपतियन क आदेस दिहस। उ ओनसे कहेस, “कउनो भी मनइ स चाहे उ बड़ा फउज होइ या छोट फउज होइ ओहसे जुद्ध जिन करा। किन्तु सिरिफ इस्राएल क राजा अहाब स जुद्ध करा।” 31 जब रथपतियन यहोसापात क लखेन उ पचे सोचेन, “उहइ इस्राएल क राजा अहाब अहइ।” उ पचे यहोसापात पइ हमला करइ क बरे ओकरी कइँती मुड़ेन। किन्तु यहोसापात उद्घोस किहस अउर यहोवा ओकर मदद किहस। परमेस्सर रथपतियन क यहोसापात क समन्वा स दूर मुड़ जाइ दिहस। 32 जब उ पचे समुझेन कि यहोसापात इस्राएल क राजा नाहीं अहइ उ पचे ओकर पाछा करब छोड़ दिहन।
33 किन्तु एक फउजी स बिना कउनो लच्छ बेध क धनुस स बाण छूट गएन। उ बाण इस्राएल क राजा अहाब क बेध दिहस। इ, अहाब क कवच क खुले आग मँ बेधेस। अहाब अपने रथे क सारथी स कहेस, “पाछे मुड़ा अउर मोहसे जुद्ध स बाहेर लइ चला। मइँ घायल होइ गवा अहउँ।”
34 उ दिन जुद्ध घमासान होइ गवा। इस्राएल क राजा आपन रथ मँ अरामियन क सामना करत भए साँझ तलक अपने क सँभारे रखेस। तब अहाब सूरज बूड़ाइ पइ मर गवा।
इस्राएल क 1,44,000 मनइयन
7 एकरे बाद धरती क चारउँ कोनन प चार सरगदूतन क मइँ खड़े देखेउँ धरती क चारउँ हवा क उ पचे पकड़े रहेन जइसे कि धरती प, समुद्दर प अथवा पेड़न प ओनमाँ स कउनउँ हवा चलइ न पावइ। 2 फिन मइँ देखेउँ कि एक अउर सरगदूत अहइ जउन पूरब दिसा स आवत अहइ। उ जिअत परमेस्सर क मोहर लिहे रहा। अउर उ ओन चारउ सरगदूतन स जेनका धरती अउर आसमान क नस्ट कइ देइ क अधिकार दीन्ह ग रहा, जोर स पुकार क कहत रहा, 3 “जब तक हमने अपने परमेस्सर क सेवकन क माथे प मोहर नाहीं लगाइ देइतन, तब तलक तू धरती, समुद्दर अउर पेड़न क नुकसान न पहुँचावा।”
4 फिन जउन मनइयन प मोहर लगाई ग रही, मइँ औनकइ तादाद सुनेउँ। उ 1,44,000 रहेन जेनकइ ऊपर मोहर लगाई ग रही, उ सब इस्राएल क सब परिवार समूहन स रहेन:
5 यहूदा क परिवार समूह क 12,000
रुबेन क परिवार समूह क 12,000
गाद क परिवार समूह क 12,000
6 आसेर परिवार समूह क 12,000
नप्ताली परिवार समूह क 12,000
मनस्से परिवार समूह क 12,000
7 समौन परिवार समूह क 12,000
लेवी परिवार समूह क 12,000
इस्साकार परिवार समूह क 12,000
8 जबूलून परिवार समूह क 12,000
यूसुफ परिवार समूह क 12,000
बिन्यामीन परिवार समूह क 12,000
भयंकर भीड़
9 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि मोरे सामने एक बहुत बड़ी भीड़ रही जेकर कउनउँ गनती नाही कइ सकत रहा। इ भीड़ मँ हर जाति क, हर वंस क, हर कुल अउर हर भाखा क मनई रहेन। उ पचे उ सिंहासन अउर उ मेमना क आगे खड़ा रहेन। उ सबेन्ह सफेद चोगा पहिरे रहेन अउर अपने हाथे मँ खजूर क टहनी लिहे रहेन। 10 उ सबेन्ह बोलावत रहेन, “सिंहासन प बइठा हमरे परमेस्सर क जय होइ अउर मेमना क जय होइ।”
11 सभी सरगदूतन सिंहासन, बुजुर्गन अउर ओन चार प्रानीयन क घेरे खड़ा रहेन। सिंहासन क सामने झुकिके प्रणाम कइके ओन सरगदूतन परमेस्सर क आराधना किहेन। 12 उ पचे कहेन, आमीन हमरे परमेस्सर क, “स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, पराक्रम अउर सक्ति हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन!”
13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”
14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”
इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई अही जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ। 15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी। 16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह। 17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”
महायाजक क बारे मँ दर्सन
3 तब उ मोका महायाजक यहोसू क दिखाया। उ यहोवा क सरगदूत क समन्वा खड़ा भवा रहा। सइतान हुआँ यहोसू क जरिये कीन्ह गए बुरे करमन बरे दोख देइ बरे ओकर दहिना कइँती खड़ा रहा। 2 तब यहोवा क सरगदूत कहेस, “सइतान, यहोवा तोहका फटकारइ। यहोवा जउन यरूसलेम क चुने रहा, तोहका फटकारइ। का इ मनई आगी स निकरा भवा बरत काठे क नाईं नाहीं बाटइ?”[a]
3 यहोसू सरगदूत क समन्वा खड़ा रहा अउर ओकरे ओढ़नन गन्दा रहेन। 4 तब आपन निअरे खड़े भए दूसर सरगदूतन स सरगदूत कहेस, “यहोसू स गन्दा ओढ़नन क उतारि ल्या।” तब सरगदूत यहोसू स बातन किहेस। उ कहेस, “मइँ तोहरे अपराधन क छोरि लिहेउँ ह अउर मइँ तोहका नवा ओढ़ना देइउँ ह।”
5 तब उ कहेस, “ओकरे मूँड़ी पइ एक ठु साफ पगड़ी रखइ द्या।” यह बरे जब यहोवा क सरगदूत हुवाँ खड़ा रहा, उ पचे एक ठु साफ पगड़ी ओकरे मुँड़ी पइ रखेस अउर उ पचे ओका नवा ओढ़ना पहिराएन। 6 तब यहोवा क सरगदूत यहोसू स अधिकार क संग कहेन:
7 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह:
“अगर तू मोर आदेसन क पालन करब्या
अउर ओन बातन क करब्या जेका मइँ आदेस दिहेउँ ह,
तउ तू मोर घरे पइ सासन करब्या
अउर तू मोर मन्दिर क आँगन क अधिकारी होब्या।
अउर मइँ तोहका ओन लगोन मँ आवइ-जावइ देब्या
जउन हिआँ खड़ा अहइँ।
8 हे महायाजक यहोसू, सुना!
तू अउर तोहका मीतन जउन तोहार समन्वा बइठा अहइ
इ बात क प्रतीक अहइ कि इ सबइ बात होब्या!
सच ही, मइँ आपन सेवक क लइ आउब जउन ‘साख’ कहा जात ह।
9 उ पाथर हिआँ अहइ जेका मँ यहोसू क समन्वा राखेउँ।
इ पाथर मँ सात आँखन अहइँ।
मइँ एह पइँ एक लेख खोदब।
एक दिना मइँ ओह भूइँया प स पापन क खत्म करब”
सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह।
10 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“उ दिना तोहमाँ स
प्रत्येक आपन पड़ोसियन क
आपन दाख-लता
अउर अंजीर क बृच्छ क नीचे आमंत्रित करब्या।”
पाँच हजार स जियादा मनइयन क भोजन
(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17)
6 ओकरे बाद ईसू गलील क झील यानी कि तिबिरियास क दूसरे पार चला गवा। 2 अउर ओकरे पाछे पाछे बहुत बड़ी भीड़ चल दिहेस, काहेकि उ सब तमाम मरीजन क नीक होत समइ तमाम अचरज भरा चीन्हन देखे रहेन्ह। 3 ईसू पहाड़ प चला गवा अउर हुँवा अपने चेलन क साथ बइठ गवा। 4 यहूदियन क फसह क त्यौहार निचके रहा।
5 जबहीं ईसू आँख उठाइके देखेस कि एक बहुत बड़ी भीड़ ओकरी तरफ चली आवत अहइ तउ उ फिलिप्पुस स पूछेस, “इ सब लोगन्हे क खइया खियावइ क बरे रोटी कहाँ स खरीदी जाइ सकत ह?” 6 (ईसू इ बात ओकर परीच्छा लेइ क बरे पूछेस, उ तउ जानत रहा कि उ क करइ जात अहइ।)
7 फिलिप्पुस जवाब दिहेस, “दुई सौ चाँदी क सिक्कन स ऍतनी रोटी न मिली कि सब मनई क एक टुकड़े स तनिकउ जियादा मिल सकइ।”
8 ईसू क एक दूसर चेला समौन पतरस क भाई अन्द्रियास कहेस, 9 “हियाँ एक नान्ह क लरिका क लगे पाँच ठु जौ क रोटी अउर दुइ ठु मछरी अहइँ, मुला खाइवाले तउ बहुत जियादा मनई अहइँ ओनके बरे इ बहुत कम अहइ।”
10 ईसू जवाब दिहेस, “सब लोगन्ह क बैठावा।” उ जगह प अच्छी खासी घास रही सब मनई हुवाँ बइठ गएन उ सब कुल मिलाइके करीब पांच हजार मनई रहेन्ह।
11 फिन ईसू रोटी लिहेस, अउर हुवाँ बइठे भए मनइयन क आवस्यकतानुसार सुक्रिया दइके रोटी परोस दिहेस। इहइ तरह जेतना उ सब जेतना चाहत रहेन, ओतनी मछलियन ओनका दइ दिहेस।
12 जब ओनके सबके पेट भरि गएन तउ ईसू अपने चेलन स कहेस, “जउऩ टुकड़ा बचा अहइँ, ओनका बटोर ल्या जइसे उ बेकार स बरबाद न होइँ।” 13 फिन चेलन लोगन क परोसी गइ जो क पांच रोटियन क बचे भएन टुकड़न स बारह टोकरी भरि दिहसे।
14 ईसू क ऍतना अद्भुत कराज क देखिके सब मनइयन कहइ लागेन, “जरूर इ मनई उहइ नबी अहइ जेका इ दुनियाँ मँ आवइ क रहा।”
15 ईसु जब इ जानेस कि लोग आवइवाला अहइँ अउर ओनका लइ जाइके राजा बऩावा चाहत अहइँ, तउ उ अकेलेही पहाड़ प चला गवा।
ईसू क पानी प चलब
(मत्ती 14:22-27; मरकुस 6:45-52)
16 जब साँझ क बेला भइ अउर ओनके सब चेलन झील प चला गएन 17 अउर एक ठु नाव प बइठके वापस झील क पार कफरनहूम क तरफ चला गएन। मजे क अंधेरा होइ ग रहा, मुला ईसू अबहीं तलक लौटिके ओनके सबन क पास नाहीं आवा रहा। 18 तूफानी हवा बहत रही जेकरे कारण झील मँ लहर खूब तेज होत रहिन्ह। 19 जब उ पचे करीब पांच-छ: किलोमीटर आगे चला गएन तउ देखेन कि ईसू झील प चलत अहइ अउर नाव क पास आवत रहा। इ देखिके उ पचे डेराइ गएन। 20 मुला ईसू ओन सबसे कहेस, “इ मइँ अहउ, डेरा जिन।” 21 फिन उ पचे ओका जल्दी स नाव प चढ़ाइ लिएन्ह अउर नाव जल्दी स हुवाँ पहुँच गइ जहाँ ओका जाइ क रहा।
ईसू क खोज
22 दूसरे दिन सब मनइयन क भीड़ जउन झील क पार बच गइ रही, इ देखेस कि हुवाँ एक ठु नाव अकेले रही अउर अपने चेलन क साथ ईसू उ नाव प नाहीं सवार भवा बल्कि ओकर चेलन अकेल्ले ही रवाना भएन। 23 तिबिरियास क कई ठु नाव उ जगह प आइके रूकिन जउने जगह प उ पचे पर्भू क धन्यबाद दिहे क बाद रोटी खाए रहेन। 24 इ तरह जब उ भीड़ देखेस कि न तउ हुवाँ ईसू अहइ अउर न तउ ओनकइ चेलन अहइँ, तउ उ पचे नाव प चढ़िके अउर ईसू क दूँढ़त कफ़रनहूम क तरफ चल पड़ेन।
ईसू जीवन क रोटी
25 जब उ पचे ईसू क झील क दूसरे पार पाएन तउ ओसे कहेन, “हे गुरू, तू हियाँ कब आया?”
26 ऍकरे जबाव मँ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच्ची बात बतावत अहउँ, तू पचे मोका इ बरे नाहीं खोजत अहा कि तू सब अदभुत कारजन देखे अहा, मुला तू पचे इ बरे मोका दूँढ़त अहा, काहेकि तू सब पेट भरिके रोटी खाए अहा। 27 उ खाना क बरे मेहनत न करइ चाही जउन खराब होइ जाइ मुला ओकरे बरे जतन करइ चाही जउन हमेसा उत्तिम बना रहत ह अउर अनन्त जीवन देत ह, जउन तोहका सबक मनई क पूत देई। काहेकि परमपिता ओका मानके आपन मोहर ओह पइ लगाइ दिहे अहइ।”
28 मनइयन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क कारज क बरे हम सब का करी?”
29 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “जउन परमेस्सर चाहत ह कारज इ अहइ कि तू पचे ओह पइ बिसवास करा जेहिका उ भेजे अहइ।”
30 तउ उ पचे ओसे कहेन, “फिन तू कउन स अद्भुत कारज देखॉवत अहा जेहिका देखिके हम तोह पर बिसवास करी? तू कउन स कारज देखॉवत अहा? 31 हमार पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना[a] खाएन, जइसे कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, ‘परमेस्सर ओनका खाइ क बरे सरग स रोटी दिहेस।’(A)”
32 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ कि मूसा नाहीं, मुला मोर परमपिता तोहका सरग स सच्ची रोटी देत ह। 33 उ रोटी जउन परमेस्सर देत ह, उ सरग स उतरी अहइ, अउर इ संसार क जीवन देत ह।” 34 तउ उ पचे ओसे कहेन, “हे पर्भू, अब हम पचे क उ रोटी द्या अउर हमेसा देत रहा।”
35 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत। 36 मइँ तोह सबन क पहले स बताइ चुका अहउँ कि तू मोका देख लिए अहा, तबहूँ मोहमाँ बिसवास नाहीं करत्या। 37 एक एक मनई जेहिका परमपिता मोका सौंपे अहइ, मोरे पास आई जउन मोरे पास आवत ह, मइँ ओका कबहूँ न लौटाउब। 38 मइँ सरग स अपनी मर्जी स काम करइ नाहीं आइ अहउँ, मइँ तउ ओकर मरजी क पूरा करइ आइ बाटेउँ, जउन मोका हिआँ भेजे अहइ। 39 अउर उ भेजइवाले क इच्छा इ बाटइ कि जेका जेका उ मोका सौपे अहइ, ओहमाँ म एकउ क न खोइ देउँ अउर आखिरी दिन ओनका सबका जिन्दा कइ देउँ। 40 इहइ मोरे परमपिता क इच्छा अहइ कि हर एक मनई जउन पूत क देखत ह अउर ओहमाँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पाई अउर आखिरी दिन मइँ ओका जियाइ देइ।”
41 इ सुनिके यहूदियन ईसू प बड़बड़ाय लागेन, काहेकि उ कहत रहा, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन सरग स उतरी अहउँ।” 42 अउर उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क पूत ईसू न अहइ का हम एनके महतारी बाप क नाहीं जानित? फिन इ कइसे कहत बा कि ‘मइँ सरग स उतरा हउँ’?”
43 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “एक दूसरे प बड़बड़ाब छोड़ द्या, 44 मोरे लगे तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तक मोका भेजइवाला परमपिता ओका मोरे तरफ न खींचइ। मइँ आखिरी दिन ओका फिन जियाइ देब। 45 नबियन लिखे अहइँ, ‘अउर उ सब परमेस्सर दवारा सिखावा भए होइहीं।’(B) 46 जउन मनई परमपिता क सुनत ह, अउर ओसे सीखत ह, मोरे पास आवत ह। मुला सच-सच जेहिका परमपिता भेजे अहइ, ओका छाँड़िके कउनो नाहीं लखे अहइ। परमपिता क बस उहइ लखे अहइ।
47 “मइँ तोहसे सच-सच कहत बाटेउँ कि जउन मनई बिसवास करत ह उ अनन्त जीवन पावत ह। 48 मइँ उ रोटी अहउँ जउऩ जीवन देत ह। 49 तोहार पचेन्क पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाए रहेन्ह तबहूँ उ पचे मरि गएन। 50 इ उ रोटी अहइ जउन सरग स उतरत ह जउने कि मनई ओहमाँ स खात ह उ न मरी। 51 जीवन क रोटी जउन सरग स उतरी अहइ, उ मइँ अहउँ। जउऩ मनई इ रोटी खाई, उ हमेसा जीवित रही, अउर जउऩ रोटी मइँ दुनिया क जिन्नगी क बरे देब, उ मोर माँस अहइ। इहइ संसार जिअत रही।”
52 इ सुनिके यहूदियन आपस मँ झगड़ा करइ लागेन कि “कइसे इ मनई हम पचेन्क आपन माँस खाइ क बरे देत ह?”
53 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच-सच कहत अहउँ, जब तक तू पचे मनई क पूत क माँस न खाब्या अउर ओकर लहू न पीब्या, तब तक तोहरे मँ असली जीवन नाहीं आई। 54 जउन मोर माँस खात ह अउर हमार लहू पियत ह, अनन्त जीवन उहइ पावत ह अउर आखिरी दिन ओका मइँ फिन जीवित करि देब। 55 काहेकि मोर माँस सब खाइवाली चीज अहइ अउर मोर लहू सच-सच पियइवाली चीज अहइ। 56 जउन मोर माँस खात ह अउर मोर लहू पियत ह, उ मोरे मँ रहत ह अउर मइँ ओहमाँ समाइ जाइत हउँ।
57 “इ बात बिल्कुल उहइ तरह अहइ कि जइसे जिअत-पिता मोका भेजे अहइ, अउर उहइ परमपिता क कारण मइँ जीवित अहउँ ठीक उहइ तरह जउन मनई खात रही, उ मोरे कारण जीवित रही। 58 इ उहइ रोटी अहइ जउन सरग स उतरी अहइ। इ रोटी वइसे नाहीं अहइ जइसे मोरे पचे क पूर्वजन खाए रहेन। अउर बाद मँ उ सब मरि गएन। जउन मनई इ रोटी क खात रही, उ हमेसा जिन्दा रही।”
59 ईसू इ सब बात कफरनहूम आराधनालय मँ सिच्छा देत कहे रहा।
अनन्त जीवन क उपदेस
60 जब ईसू क चेलन क इ बात पता चली तउ उ कहेन्ह, “इ सिच्छा बहुतइ कठिन अहइ, एका कउन सुनि सकत ह?”
61 ईसू क खुदइ पता चलि गवा रहा कि ओनके चेलन क उपदेस क बारे मँ सिकायत रही। एह बरे उ ओनसे कहेस, “का इ उपदेस तोहका ठेस पहुँचावत ह? 62 अइसी बात अहइ कि तउ तोहका अगर मनई क पूत क जहाँ उ पहिले रहा, हुवाँ फिन लौटत देखइ क पड़इ तउ का होई? 63 आतिमा उहइ अहइ जउन जीवन देत ह। सरीर क कउनो उपयोग नाहिं बाटइ। जउन बात मइँ तोहसे कहे बाटेउँ, उहइ आतिमा अहइ अउर उहइ जीवन देत ह। 64 मुला तोहरे पचे क बीच मँ कछू मनई अइसे अहइँ, जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन।” (ईसू तउ सुरू मँ इ जानत रहा कि उ पचे कउन मनई अहइँ, जउन बिसवास नाहीं करत अहइँ अउर उ मनई कउन बा जउन ओका धोखा देइ।) 65 ईसू फिन कहेस, “इहइ बरे मइँ तोहसे कहे अहउँ, ‘मोरे पास तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तलक कि परमपिता ओका मोरे पास आवइ क इजाजत न देइ।’”
66 इहइ कारण रहा कि ईसू क ढेर चेलन लौट गएऩ। अउर फिन कबहूँ ओकरे पाछे नाहीं चलेन।
67 फिन ईसू अपने बारहु प्रेरितन स कहेस, “का तू पचे भी जाइ चाहत अहा?”
68 समौन परतस जवाब दिहेस, “पर्भू हम पचे केहिके लगे जाइ? उ सब्दन तउ तोहरे लगे अहइँ जउन अनन्त जीवन देत ही। 69 अब हम पचे तोह पर बिसवास करित ह अउर हम जानित ह कि तू सबसे पवित्तर अहा जेहिका परमेस्सर भेजे अहइ।”
70 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “का तोहका बारहु प्रेरितन का मइँ नाहीं चुने अहउँ। मुला तोहरे बीचे मँ एक ठु सइतान अहइ।” 71 उ समौन इस्करियोती क बेटवा यहूदा क बारे मँ कहत रहा, जउन ईसू क धोखा देइवाला रहा। बारह प्रेरितन मँ उहइ एक रहा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.