Add parallel Print Page Options

ईसू क पानी प चलब

(मत्ती 14:22-33; यूहन्ना 6:16-21)

45 फिन तुरंत ईसू आपन चेलन नाउ मँ बइठाएस जेहसे उ सबइ जब भिरिया क बिदाई पहिले झील क ओह पार बैतसैदा चला जाइँ। 46 ईसू भीर क बिदाई क बाद पहाड़ी प पराथना बरे गवा।

47 जब सांझ भइ, नाउ झिलिया क मँझधर मँ रही अउर उ भुइयाँ प अकेल्ले रहा। 48 उ ओनका नाउ खेवत क मुसीबते मँ देखेस, काहेकि हवा ओनके खिलाफ बहत रही। लगभग तीन स छ बजे क समइ भिंसारेउ ओनके निअरे झिलिया प चलत आवा। जइसे हि ओनके निअरे स जाइ क भवा, 49 उ पचे ओका पानी प चलत भवा निहारेन। उ सब अंजाद लगाएन कि कउनो बड़वार दुस्ट आतिमा अहइ। ऍसे उ पचे डेरात भए चिचिआनेन। 50 मुला उ पचे ओका निहारेन अउर उ सब ससाइ गएन। तुरंतहि उ ओनसे बोला, “हिम्मत रखा। इ मइँ हउँ जिन डेराअ।” 51 फिन उ ओनके संग नाउ प चढ़ि गवा, तब आँधी पटाइ गइ। ऍसे उ सबइ अचरज मँ पड़ि गएन। 52 उ पचे रोटियन क अद्भुत कारज क बारे मँ समझ पाएन नाहीं। ओनके दिमाग कठोर होइ गवा।

Read full chapter