M’Cheyne Bible Reading Plan
अस्सूर क राजा यहूदा पइ कब्जा करत ह
32 इ सबइ चिजियन क पाछे हिजकिय्याह बहोत बिस्सास पूर्वक कार्य किहस। अस्सूर क राजा सन्हेरीब यहूदा देस पइ हमला करइ आवा। सन्हेरीब अउर ओकर फउज किला क बाहेर डेरा डाएस। उ इ एह बरे किहस कि उ नगरन क जीतइ चाहत रहा। 2 हिजकिय्याह जानत रहा कि उ यरूसलेम, एह पइ हमला करइ आवा ह। 3 तब हिजकिय्याह आपन अधिकारियन अउर फउज क अधिकारियन स सलाह लिहस। उ पचे एकमत होइ गएन कि यरूसलेम क बाहेर क सोतन क पानी रोक दीन्ह जाइ। ओन अधिकारियन अउर फउज क अधिकारियन हिजकिय्याह क मदद किहन। 4 बहोत स लोग एक संग आएन अउर झरनन अउर सोतन क जउन नगर क बीच स होइके बहत रहेन, रोक दिहन। उ पचे कहेन, “अस्सूर क राजा क हिआँ आए पइ बहोत जियादा पानी नाहीं मिली।” 5 हिजकिय्याह यरूसलेम क पहिले स जियादा मजबूत बनाएस। इ उ इ तरह किहस: उ देवार क टूटे हींसन क फुन बनवाएस। उ देवारन पइ मीनारन बनाएस, उ पहली देवार क बाहेर दूसर देवार बनवाएस। उ फुन पुरान यरूसलेम क पूरब कइँती दूसर देवार बनवाएस। उ अनेक हथियार अउर ढारन बनवाएस। 6 हिजकिय्याह फउज क अधिकारियन क लोगन क अधीच्छक होइ बरे चुनेस। उ एन अधिकारियन स नगर दुआर क बाहेर खुली जगह मँ मिला। हिजकिय्याह ओन अधिकारियन स सलाह किहस अउर ओनका उत्साहित किहस। 7 उ कहेस, “मजबूत अउर साहसी बना। अस्सूर क राजा या ओकरे संग क बिसाल फउज स जिन डेरावा, न ही ओहसे चिन्ता ह्वा। अस्सूर क राजा क लगे जउन सक्ती अहइ ओहसे भी बड़की सक्ती हम लोगन क संग अहइ! 8 अस्सूर क राजा क लगे सिरिफ मनई अहइँ। किन्तु हम लोगन क संग यहोवा, आपन परमेस्सर अहइ। हमार परमेस्सर हमार मदद करी। उ हमार जुद्ध खुद लड़ी।” इ तरह यहूदा क राजा हिजकिय्याह लोगन क उत्साहित किहस अउर ओनका पहिले स जियादा सक्तीसाली होइ क अनुभव कराएस।
9 अस्सूर क राजा सन्हेरीब अउर ओकर सारी फउज लाकीस नगर क लगे डेरा डाए पड़ी रही ताकि उ पचे एका हराइ सकइँ। तउ उ यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे अउर यहूदा क सबहिं लोगन क लगे आपन अधिकारियन पठएस। सन्हेरीब क अधिकारियन हिजकिय्याह अउर यरूसलेम क सबहिं लोगन क बरे एकठु सँदेसा लइ आएन।
10 उ पचे कहेन, “अस्सूर क राजा सन्हेरीब इ कहत ह: ‘तू केहमाँ बिस्सास करत अहा जउन तोहमाँ यरूसलेम मँ जुद्ध क स्थिति मँ ठहरब सिखावत ह 11 हिजकिय्याह तू पचन्क मूरख बनावत ह। तू पचन्क यरूसलेम मँ ठहरे रखइ क बरे धोखा दीन्ह जात अहइ। इ तरह तू पसे भूख पियास स मार जाब्या। हिजकिय्याह तू पचन्स करत ह, “यहोवा, हमार परमेस्सर हम क अस्सूर क राजा स बचाई।” 12 हिजकिय्याह खुद यहोवा क ऊँच जगहियन अउर वेदियन क हटाएस ह। उ यहूदा अउ यरूसलेम क तू लोगन स कहेस कि तू लोगन क सिरिफ एक वेदी पइ उपासना करइ अउर सुगन्धि बारइ चाही। 13 निहचइ ही, तू पचे जानत अहा कि मोर पुरखन अउर मइँ दूसर देसन क लोगन क संग का किहेउँ ह दूसर देसन क देवता अपने लोगन क नाहीं बचाइ सकेन। उ सबइ देवता मोका ओनके लोगन अउ ओकर देसन क नस्ट करइ स नाहीं रोक सकतेन। 14 मोर पुरखन ओन देसन क नस्ट किहन। कउनो भी अइसा देवता नाहीं जउन मोहसे अपने लोगन क नस्ट होइ स बचाइ लेई। एह बरे का तू सोचत ह कि तोहार देवता तोहका मोसे बचाइ लेई? 15 हिजकिय्याह क तू पचन्क मूरख बनावइ अउर गुमराह करइ जिन द्या। ओह पइ बिस्सास न करा काहेकि कउनो रास्ट्र या राज्ज क कउनो देवता कबहुँ हम स या हमरे पुरखन स अपने लोगन क बचावइ मँ समर्थ नाहीं भवा ह। एह बरे इ जिन सोचा कि तोहार देवता मोका तू पचन्क नस्ट करइ स रोक लेइ।’”
16 अस्सूर क राजा क सेवक लोग एहसे भी बुरी बातन यहोवा परमेस्सर अउ परमेस्सर क सेवक हिजकिय्याह क खिलाफ कहेन। 17 अस्सूर क राजा अइसे पत्र भी लिखेस जउन इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क अपमान करत रहेन। अस्सूर क राजा ओन पत्रन मँ स जउन कछू लिखा रहा उ इ अहइ: “दूसर राज्जन क देवता मोहसे नस्ट होइ स अपने लोगन क न बचाइ सकेन। उहइ तरह हिजकिय्याह क परमेस्सर अपने लोगन क मोरे जरिये नस्ट कीन्ह जाइ स नाहीं रोक सकत।” 18 तब अस्सूर क राजा क सेवक यरूसलेम क ओन लोगन पइ जोर स नरियानेन जउन नगर क देवार पइ रहेन। ओन सेवकन उ समइ हिब्रू भासा क प्रयोग किहन जब उ पचे देवार पइ क लोगन क बरे नरियानेन। अस्सूर क राजा क ओन सेवकन इ सब एह बरे किहन कि यरूसलेम क लोग डरि जाइँ। उ पचे उ सबइ बातन एह बरे कहेन कि यरूसलेम नगर पइ अधिकार कइ सकइँ। 19 उ अधिकारियन ओन देवतन क बिरूद्ध बुरी बातन कहेन जउन संसार क लोगन दुआरा पूजा जात रहेन। उ सबइ देवता सिरिफ अइसी चिजियन अहइँ जेनका मनइयन अपने हाथे स बनाएन ह। इहइ तरह ओन अधिकारियन भी यरूसलेम क परमेस्सर क खिलाफ बुरी बातन कहेन।
20 राजा हिजकिय्याह अउ आमोस क पूत यसायाह नबी इ समस्या क बारे मँ पराथना किहन। उ पचे जोर स सरग क गोहराएन। 21 तब यहोवा अस्सूर क राजा क खेमे मँ एक ठु सरगदूत क पठएस। उ सरगदूत अस्सूर क फउज क सब अधिकारियन, प्रमुखन अउर फउजियन क मार डाएन। एह बरे अस्सूर क राजा अपने देस मँ अपने घर लउट गवा अउर ओकर लोग ओहसे बहोत लजानेन। उ अपने देवता क मन्दिर मँ गवा अउर उहइ क पूतन मँ स कउनो ओका हुवाँ तरवार स मार डाएस। 22 इ तरह यहोवा हिजकिय्याह अउर यरूसलेम क लोगन क राजा सन्हेरीब अस्सूर क राजा अउर सबहिं दूसर लोगन स बचाएस। यहोवा हिजकिय्याह अउर यरूसलेम क लोगन क देखभाल किहस। 23 बहोत स लोग यरूसलेम मँ यहोवा क बरे भेट लिआएन। उ पचे यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे कीमती चिजियन लइ आएन। उ समइ क पाछे सबहिं रास्ट्र हिजाकिय्याह क सम्मान दिहन।
24 ओन दिन हिजकिय्याह बहोत बेराम पड़ा अउर मउत क निचके रहा। उ यहोवा स पराथना किहस। यहोवा हिजकिय्याह स बोला अउर ओका एकठु चीन्हा दिहस। 25 मुला हिजकिय्याह क हिरदइ घमण्ड स भरि गवा एह बरे उ परमेस्सर क कृपा बरे परमेस्सर क धन्नवाद नाहीं किहस। इहइ कारण अहइ कि परमेस्सर हिजकिय्याह अउ यरूसलेम अउ यहूदा क लोगन पइ कोहाइ गवा। 26 मुला हिजकिय्याह अउ यरूसलेम मँ रहइवाले लोग आपन हिरदइ अउ जिन्नगी क बदल दिहेन। उ पचे बिनम्र होइ गएन अउर घमण्ड करब तजि दिहन। एह बरे जब तलक हिजकिय्याह जिअत रहा यहोवा क किरोध ओह पइ नाहीं उतरा।
27 हिजकिय्याह क बहोत धन अउ सम्मान प्राप्त रहा। उ चँदी, सोना, कीमती रतन, मसालन, ढारन अउर दूसरी कीमती चिजियन क रखइ बरे महल बनाए रहेन। 28 हिजकिय्याह लोगन क जरिये पठए गए अनाज, नवा दाखरस अउ तेल क बरे भण्डारण भवन बनाएन। ओकरे लगे गोरुअन क बरे पसु-सालन अउर भेड़िन क बरे भेड़-सालन रहिन। 29 हिजकिय्याह बहोत स नगर भी बनाएस अउर ओका अनेक गोरुअन क झुण्ड अउ भेड़िन क रवेड़न मिलिन। परमेस्सर हिजकिय्याह क बहोत जियादा धन दिहस। 30 इ हिजकिय्याह ही रहा जउन यरूसलेम मँ गिहोन सोते क ऊपरी जलधारन क उद्गमन क रोकेस अउर ऍकर जलधारन क नगर क भीतर स दाऊद नगर क पच्छिम क कइँती मोड़ दिहेस। अउर हिजकिय्याह ओन सब मँ सफल रहा जउन कछू उ किहस।
31 कउनो समइ बाबुल क प्रमुखन हिजकिय्याह क लगे दूत पठएन। ओन दूतन एक चमत्कारिक चिन्ह क बारे मँ पूछेन जउन रास्ट्रन मँ परगट भवा रहा।[a] जब उ पचे आएन तउ परमेस्सर हिजकिय्याह क अकेले छोड़ दिहस जेहसे कि उ अपनी जाँच कइ सकइ अउर उ सब कछू जान सकइ जउन हिजकिय्याह क हिरदइ मँ रहा।
32 हिजकिय्याह क बाकी कामन अउर कइसे उ यहोवा क पिरेम किहस क विवरण आमोस क पूत यसायाह नबी क दर्सन ग्रन्थ अउर यहूदा अउ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास क किताब मँ लिखा भावा ह। 33 हिजकिय्याह मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। लोग हिजकिय्याह क उ पहाड़ी पइ दफनाएन जहाँ दाऊद क पूतन क कब्रन अहइँ। जब उ मरा तउ यहूदा क सबहिं लोग अउ यरूसलेम क रहइवालन हिजकिय्याह क सम्मान दिहन। हिजकिय्याह क जगह पइ पनस्से नवा राजा भवा। मनस्से हिजकिय्याह क पूत रहा।
बेबीलोन क नास
18 एकरे बाद मइँ एक अउर सरगदूत क अकास स बड़ा भव्यता स नीचे उतरत देखेउँ। ओकरी महिमा स समूची धरती चमकइ लाग। 2 जउने जोरदार आवाज़ स पुकारत उ बोला:
“मिट गइ!
बेबिलोन महानगरी मिट गइ!
उ दुस्ट आतिमन क रहस्य क घर बन गइ रही,
उ असुद्ध मनइयन क आत्मा क बसेरा बन गइ रही,
अउर नफरत करइ लायक चिड़ियन क घर बन गइ रही।
उ तमाम गन्दा, निन्दा करइ लायक जनावरन क बसेरा बन गइ रही।
3 काहेकि उ सबक व्यभिचार क क्रोध क मदिरा पिआए रही।
जउने इ दुनिया क राजा क खुदइ जगाए रही,
ओकरे साथे व्यभिचार करे रहेन सासक लोग
अउर ओनके भोगइ स इ दुनिया क धनी व्यापारी बना रहे।”
4 अकास स मइँ एक अउर अवाज़ सुनेउँ जउन कहत रही:
“अरे मोर मनइयन! तू उ सहर स बाहर निकर जा,
ओनके पापन्ह क कतहूँ तू गवाहन न बनब्या,
कतहूँ अइसा न होइ, कि जउन ओके नास रहेन, तोहरेन ऊपर न गिर जाइँ।
5 काहे बरे कि ओकरे पाप क गठरी आसमान तक ऊँची अहइ।
परमेस्सर ओकरे बुरा काम क याद करत अहइ।
6 अरे! जइसेन कि उ तोहरे साथे करे रहा, वइसेन तू भी ओनके साथ करा
उ तोहरे साथे जइसेन करे रहा, तू ओकर दुगना ओकरे साथे करा,
दूसरे क बरे उ तोहका जउने कटोरा मँ तीत दाखरस पिआए रह्या,
तू ओका ओसे दुगुना तीत दाखरस पिआवा।
7 काहे बरे कि उ खुदइ क जउन महिमा अउर वैभव दिहेस,
तू ओका यातना कहर अउर पीड़ा द्या।
काहे बरे कि उ खुदइ स कहति रही ह, ‘मइँ खुदइ राजा क आसन प बइठी महारानी अहउँ,
मइँ विधवा न करबइ,
इ बरे सोक न करा।’
8 इही बरे जउन नास होइ क तय होइ ग अहइ,
उ एक ही दिन मँ ओका घेर लेइहीं।
महामृत्यु, महारोदन अउ दुर्भिच्छ भीसण अउर कइ देइहीं ओनका जलाय क राख, काहे बरे
कि परमेस्सर पर्भू बहोत ताकतवर अहइ, अउर ओनही ओकर निआव करत अहइँ।”
9 “जउन धरती क राजा जउन ओकरे साथ यौन-पाप करे रहेन अउर ओकरे भोग विलास मँ हिस्सा बटाए रहेन, ओकरे जल जाइ क धुँआ जउ देखिइहीं तउ ओकरे बरे रोइहीं अउ चिल्लाइही। 10 उ पचे ओकरे कस्ट स ड़ेराइके हुवाँ स बहोत दूर खड़ा रहिहइँ:
‘ओ! ताकतवर नगर बेबीलोन!
भयावह अउर भयानक हाय!
तोहार दण्ड तोहका तनिक देर मँ मिल गवा।’
11 “इ धरती क व्यापारी ओकरे कारन रोइहीं अउ चिल्लइहइँ काहे बरे कि ओनके कउनो चीज केउ अउर मोल न लेई, 12 न तउ केहू कउनो चीज लेइ-सोने क, चाँदी क, बेसकीमती रत्न, मोती, मलमल, बैंजनी, रेसमी अउर किरमिजी कपरा हर तरह क महकउआ लकड़ी, हाथी क दाँत क बनी तमाम चीज, अनमोल लकड़ी, काँसा, लोहा अउर संगमरमर सी बनी तमाम चीज, 13 दारचीनी, गुलमेंहदी, महकोरा, धूप, रसगन्धक, लोहबान, दाखरस, जइतून क तेल, मइदा, गोहूँ मवेसी, भेड़ी, घोड़ा अउर रथ, दास अउर मनई क सरीर अउर आतिमा क व्यापारिन कहिहीं:
14 ‘अरे बेबीलोन! उ सब चीजन अच्छी स अच्छी, जउने मँ तोहार दिल रम ग रहा,
तोहका छोड़के सब चली गइ अहइ।
तोहार बहुमूल्य अउर बहुमूल्य वस्तुअन तोहरे हाथ स चली गइन ह।’
15 “उ व्यौपारी जउन एकइ सबकइ व्यौपार करत रहेन अउर एहसे धनी बन ग रहेन, उ दूर खड़ा रहिहइँ काहे बरे कि उ कस्ट स डेराइ ग अहइ। उ रोअत चिल्लात 16 कहिहइँ:
‘केतना डरावना अहइ अउर केतना भयानक अहइ, महानगरी इ उहीं क बरे हहइ।
जउन नीक नीक मलमली कपड़ा पहनत रही,
जउने रंग बैंजनी अउत किरमीजी रहा!
अउर जउन सोने स सजत रही, बेसकीमती रत्नन स, सजी मोतियन स
17 अउर इ सारी सम्पत्ति तनिक देर मँ मिट गइ।’
“फिन जहाज क हर कप्तान या हर उ मनई जउन जहाज स चाहे जहाँ कहूँ जाइ सकत ह अउर सबइ मनई जउन समुद्र स आपन जीविका चलावन हीं, उ नगरी स दूर खड़ा रहेन। 18 अउर जउ उ पचे ओकरे जरे स उठत धुँआ क उठत भए देखेन तउ जोर स चिल्लाइ उठेन, ‘इ बड़ी नगरी क तरह अउर कउन नगरी अहइ?’ 19 फिन उ पचे आपने मूँडे प धूल डावत जोर स चिल्लानेन, अउर कहेन:
‘महानगरी! हाय, इ केतॅनी भयानक अहइ! उ रोअत अउर सोक मनावत भए कहेन: हाय, हाय!
महान नगरी जेकरे सम्पत्ति स सब जहाजवाले धनवान होइ गए रहेन!
अब घण्टा भर ही मँ उजर गई।
20 हे सरग, प्रेरितन! अउर नबियन! ओकरे बरे खुसी मनावा,
परमेस्सर क लोगन खुसी मनावा!
काहेकि परमेस्सर ओका उहइ तरह दण्ड दइ दिहेन जइसेन दण्ड उ तोहका दिहे रहा।’”
21 फिन एक ताकतवर सरगदूत चक्की क पाट जइसी एक जबर क चटृान उठायेस अउर ओका समुद्दर मँ फेंकत कहेस,
“महानगरी! अरी बेबीलोन महानगरी! तोहका क इहइ गति स बलपूर्वक फेंक दीन्ह जाई,
अउर तू नस्ट होइ जाबू, फिन स मिलन पउबू।
22 अउर तुझमाँ बीणा बादकन, संगितगन बँसुरी बजावइवालन
अउर तुरही फूँकइवालन क स्वर
फिन कबहुँ सुनाई पड़ी,
न कउनो कला सिल्पी तोहरे मँ पावा जाई
न तोहमाँ न कउनो
चक्की क आवाज़ सुनाइ देई।
23 अउर कबहुँ फिन दिया क ज्योति न चमकी,
अउर न तउ कबहुँ फिन
दुल्हा दुलहिन क मीठी आवाज़ गूँजी।
तोहरे न व्यपारी जे दुनिया
महान लोगन मँ स रहेन
तोहार जादूगरी जाति भरमाई गइन रहीं।
24 इ नगरी मँ नबियन क खून बहावा पावा ग रहा, अउर परमेस्सर क पवित्तर मनइयन क लहू बहावा ग रहा,
अउर उ सबहिं जेका इ धरती प बलि चड़ाइ दीन्ह ग रही।”
निर्णय क दिन
14 लखा, यहोवा क एक दिन आवत ह जब तोहार कीमती चीज तोहरे समन्वा तोड़ि जाइहीं। 2 मइँ सबहिं रास्ट्रन क यरूसलेम क खिलाफ लड़इ बरे एक संग लिआउब। सहर पइ अधिकार कीन्ह जाब्या, घरन क लूट लीन्ह जाब्या, मेहररुअन क बलात्कार होब्या; आधा लोग बन्दी क रूप मँ देस निस्कासन मँ जाइहीं, किन्तु बचा भवा लोग सहर स हटावा नाहीं जाब्या। 3 तब यहोवा जाब अउ ओन रास्ट्रन क विरुद्ध वइसा ही जुद्ध करब जइसा उ पहले किहे रहेन। 4 उ दिना, उ जइतून क पहाड़ पइ खड़ा होइ, जउन यरूसलेम क पूरब अहइ। जइतून क पर्वत एक गहिरा घाटी क दुआरा दुइ ठु हींसा मँ पूरब स पच्छिम तलक बटि जाइँ। एह बर आधा पर्वत उत्तर कइँती अउर आधा दक्खिन कइँती बढ़िहीं। 5 जइसे-जइसे उ पहाड़ी घाटी तू पचन क निगचे आइ, तू पचे पराइ जाइ क जतन करब्या। तू पचे उहइ समइ क नाईं पराब्या, जइसे तू पचे यहूदा क राजा उज्जियाह क सासन क समइ मँ भुइँडोल स पराइ ग रह्या। जब यहोवा, मोर परमेस्सर आइ, अउर ओकर सबहि पवित्तर ओकरे संग होइहीं।
6 उ दिना न गर्मी या न ठंडा या न ही पाला होइ। 7 उ लगातार दिन होइ। एक दिन जउन सिरिफ यहोवा ही जानत ह। हुवाँ न ही दिन होइ न रात। हुवाँ हमेसा उजियारा होइ हिवाँ तलक कि साँझ मँ भी। 8 उ समइ, यरूसलेम स लगातार पानी बही। उ धार बँटि जाइ अउर एक हींसा पूरब कइँती बही अउर एक हींसा पच्छिम क भूमध्म सागर तलक जाइ अउर पूरे साल गर्मी अउ सर्दी मँ बही 9 अउर यहोवा उ समइ संसार क राजा होइ। यहोवा एक अहइ। ओकर नाउँ “एक” अहइ। 10 समूचई भूइँया गेब स लइके रिम्मोन तलक जउन यरूसलेम क दक्खिन कइँती बाटइ, रब्बा मइदान क नाईं सपाट होइ जाब। किन्तु यरूसलेम आपन ऊँचा जगह पइ ही बिन्यामीन दुआर स पहिले दुआर, (जउन कोना क दुआर अहइ) अउर हननेल क मीनार स राजा क दाखरस निकारइवाला तलक रहब्या। 11 प्रतिबंध उठाइ लीन्ह जाइ अउर लोग हुआँ आपन घर बनइहीं। यरूसेलम सुरच्छित होइ।
12 मुला यहोवा ओन रास्ट्रन क सजा देइ जउन यरूसलेम क खिलाफ लड़ेन। उ ओनका भयंकर बीमारी लगाइ देइ। खड़ा खड़ा ओनकर बदन गलि जाइ। ओनकर आँखिन ओनके कोटरे मँ गलिहीं अउर ओनकर जीभ ओनके मुँहना मँ गली। 13-15 उ खउफनाक बेरामी दुस्मनन क डेरन मँ होइ अउर ओनकर घोड़न, खच्चरन, ऊँटन अउर गदहन क ड खउफनाक बेरामी लगि जाइ।
उ समइ, उ सबइ लोग, फुरइ, यहोवा स डेरइहीं। उ पचे एक दूसर क गटइ दबइहीं। उ पचे एक दूसर पइ वार करइ बरे हथवा उठइहीं। यहूदा क लोग यरूसलेम मँ जुद्ध करिहीं, मुला उ पचे सहर क चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन स धन पइहीं। उ पचे बहोत जियादा सोना, चाँदी अउर ओढ़ना पइहीं। 16 अउर सबइ रास्ट्रन स बचा भवा कछू लोग जउन यरूसलेम क खिलाफ जुद्ध करइ अइहीं, हर बरिस उ पचे राजा क अराधना करइ बरे, सर्वसक्तीमान यहोवा क उपासना क करइ बरे जइहीं, कुटीर क त्यौहार मनावइ जाइहीं। 17 अउर अगर धरती क कउनो परिवार क लोग राजा क, सर्वसक्तीमान यहोवा क उपासना करइ यरूसलेम नाहीं जइहीं, तउ उ पचे बर्खा स बंचित होइ जाइहीं। 18 अउर जदि मिस्र क कउनो परिवार नाहीं उठिहीं अउर नाहीं आइहीं, तउ ओनका उहइ महामारी जउन यहोवा दूसर रास्ट्रन बरे भेजे रहा जउन कुटीर क त्यौहार मनावइ बरे नाहीं आवत रहा, कस्ट पहोंचाउब। 19 इ सज़ा मिस्र बरे होइहीं अउर इ सज़ा उ समूचइ रास्ट्र बरे जउन कुटीर क त्यौहार मनावइ नाहीं आइ।
20 उ दिना, “यहोवा बरे पवित्तर” घोड़ा क घंटियन पइ भी खुदा होइ। अउर यहोवा क मन्दिर पकावइ क बर्तन वेदी क समन्वा रखा भवा पियाला क समान होइ। 21 यहूदा अउ यरूसलेम क हर बर्तन सर्वसक्तीमान यहोवा बरे पवित्तर होइ। जउन कउनो बलिदान चढ़ावइ बरे आइ ओनमाँ स लेइ लेब अउर ओह मँ ही पकाउब्या।
उ दिना, सर्वसक्तीमान यहोवा क मन्दिर कउनो बइपारी नाहीं होइ।
अपने चेलन क बरे ईसू क पराथना
17 इ सब बातन कहिके ईसू अकास कइँती निहारेस अउर बोला, “हे परमपिता, उ घड़ी आइ पहुँची अहइ, अपने पूत क महिमा द्या ताकि तोहार पूत तोहार महिमा करि सकइ। 2 तू ओका समूची मानव जाति प अधिकार दिहे अहा कि उ सबका हर एक मनई क जेका तू ओका दिहे अहा, अनन्त जीवन देइ। 3 अनन्त जीवन इ अहइ कि उ सबेन्ह तोहमँ एक ही सच्चा परमेस्सर अउर ईसू मसीह, जेका तू भेजे अहा, जानि सकइँ। 4 जउन काम तू मोका सौपे रह्या, ओनका पूरा कइके दुनिया मँ मइँ तोहका महिमावान करे अही। 5 इ बरे अब तू अपने साथ मोहूँ क महिमावान करा। हे परमपिता, उहइ महिमा मोका द्या जउऩ दुनिया स पहले तोहरे साथ मोका मिली रही।
6 “दुनिया स जउऩ मनइयन क तू मोका दिए अहा, मइँ ओनका तोहरे नाउँ क बोध कराएउँ। उ पचे लोग्ग तोहार रहेन, मुला तू ओनका मोका दिहा अउर उ सबेन्ह तोहरी आग्या क मानेन। 7 अब उ पचे जानत अहइँ कि उ चीज जउन तू मोका दिए अहा, उ तू ही स पइदा होत ह। 8 मइँ ओनका उहइ उपदेस दिए अही जउन तू मोका दिए रह्या अउर उ सबेन्ह ओका स्वीकार कइ लिहेन्ह। उ सबेन्ह अच्छी तरह बिसवास करत हीं कि तू मोका पठए अहा। 9 मइँ ओनके बरे पराथना करत अही। मइँ दुनिया क बरे पराथना नाहीं करत अही, मइँ तउ ओनही क बरे पराथना करत अही, जेका तू मोका दिए अहइ, काहेकि उ सबइ तोहार अहइँ। 10 सब चिज जउन कछू मोरी अहइँ, उ तोहार अहइँ, अउर जउन तोहार अहइँ, उ मोर अहइँ। अउर मइँ ओनही स महिमा पाए अही।
11 “मइँ अउर जियादा समइ तलक दुनिया मँ न रहब मुला उ पचे दुनिया मँ अहइँ, अउर मइँ तोहरे पास आवत अही। हे पवित्तर परमपिता अपने उ नाउँ क ताकत स ओनकइ रच्छा करा, जउन तू मोका दिए अहा ताकि मइँ अउर तू एक अहीं, वइसे ओनहू पचे एक होइ जाइँ। 12 जब मइँ ओनके साथ रहेउँ मइँ तोहरे नाउँ क ताकत स ओनकइ रच्छा कीन्ह, जउन तू मोका दिए रह्या। मइँ रच्छा कीन्ह अउर ओनके मँ स कउनो क नास नाहीं भवा, ओका छोड़के जउने क बिनास क पूत रहा, ताकि पवित्तर सास्तर क बात सच होइ सकइ।
13 “अब मइँ तोहरे लगे आवत अही, मुला इ सब बात मइँ दुनिया मँ रहि क कहत अही जइसे कि उ सबेन्ह अपने दिलन मँ मोर पूरा आनन्द पाइ सकइँ। 14 मइँ तोहार बात ओनसे बताइ दिए अही, मुला दुनिया ओनसे नफरत करेस काहेकि उ पचे संसारिक नाहीं अहइँ। वइसेन जइसेन कि मइँ दुनिया क न अही।
15 “मइँ इ पराथना नाहीं करत अही कि तू ओनका दुनिया स निकार द्या, मुला इ बरे कि तू दुस्ट आतिमा स ओनकर रच्छा करा। 16 उ पचे दुनिया क न अहीं जइसे कि मइँ दुनिया क न अही। 17 सच्चाई क जरिए तू ओनका सबेन्ह अपने सेवा मँ लगाइ द्या। तोहार बचन सच्चा अहइ। 18 जइसेन तू मोका दुनिया मँ भेजे अहा, वइसेन मइँ ओनका इ दुनिया मँ भेजे अही। 19 मइँ ओनके बरे खुदइ क तोहरी सेवा मँ लगावत अही, जइसे कि ओनहू पचे सच्चाई क जरिए खुद क तोहरी सेवा मँ लगाइ सकइँ।
20 “मुला मइँ केवल ओनही क बरे पराथना नाहीं करत अही, मुला ओनके बरे पराथना करत अही जउन एनके उपदेस स मोरे मँ बिसवास करिहीं। 21 उ सबेन्ह एक होइ जाइँ। वइसे जइसे हे परमपिता तू मोरे मँ अहा अउर मइँ तोहरे मँ अही। उ पचे मोरे सबके साथ एक होइ जाइँ। जइसे दुनिया बिसवास कर सकइ कि मोका तू भेजे अहा। 22 महिमा जउन तू मोका दिए अहा, मइँ ओनका दिए अही, जइसे ओनहू पचे एक होइ सकइँ, जइसे तू अउर मइँ एक अही। 23 मइँ ओनके मँ रही अउर तू मोरे मँ रहब्या, जइसे कि उ पचे पूरी तरह एक होइ जाइँ अउर इ दुनिया जान जाइ कि मोका तू भेजे अहा अउर तू ओनका वइसेन पिरेम करे अहा जेनता तू मोसे पिरेम करत ह।
24 “हे परमपिता, जेनका तू मोका सौपे अहा, मइँ चाहित ही कि मइँ रहउँ, उ पचे मोरे साथ ओनहू रहइँ जइसे कि ओनहू पचे मोर उ महिमा देख सकइँ जउन तू मोका दिहे अहा। इ दुनिया क रचना क पहलेन स तू मोका पिरेम करे अहा। 25 हे धार्मिक परमपिता, इ दुनिया तोहका नाहीं जानत मुला मइँ तोहका जानित ही अउर मोर चेलन जानत हीं कि मोका तू भेजे अहा। 26 मइँ ओनका तोहरे नाउँ क अकेले जानकारी नाहीं दिए अही, मइँ इ बात क जानकारी देत रहब जइसे कि जउन पिरेम पू मोसे करत ह ओनहू स करा। अउर मइँ खुदइ ओनही मँ स एक रहउँ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.