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पाँच हजार स जिआदा क भोज

(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; यूहन्ना 6:1-14)

10 फिन जब प्रेरितन लौटिके आएन तउ उ पचे जउन कछू किहे रहेन, सब ईसू क बताएन। तउ उ ओनका हुवाँ स आपन संग लइके चुप्पे बैतसैदा नाउँ क सहर चला गवा। 11 मुला भीड़ क पता लग गवा तउ उ भी ओनके पाछे होइ गइ। ईसू ओनकइ सुआगत किहेस अउ परमेस्सर क राज्य क बारे मँ ओनका बताएस। अउर जेनका दवाई क जरूरत रही ओनका नीक किहेस।

12 जब दिन ओनवइ लाग तउ उ पचे बारहु ओकरे लगे आएन अउर बोलेन, “भीड़ क बिदाई दइ द्या जइसे उ सबइ नगिचे क गाउँन अउर खेतन मँ जाइके ठहरइ क ठिकाना अउर खइया क पाइ सकइँ काहेकि हम हिआँ बहोत दूर सुनसान जगह मँ अही।”

13 मुला उ ओनसे कहेस, “तू ही ऍनका खइया क द्या।”

उ पचे बोलेन, “हमरे लगे बस पाँच रोटी अउर दुइ मछरी क छोड़िके अउर कछू भी नाहीं अहइ। या तू इ तउ नाहीं चाहत अहा कि हम पचे जाई अउर इ सबन बरे खइया के मोल क लइ आई।” 14 (हुवाँ करीब पाँच हजार पुरुसन रहेन।)

मुला ईसू आपन चेलन स कहेस, “ओनका पचास पचास क दल मँ बइठाइ द्या।”

15 तउ उ पचे वइसा ही किहेन अउर हर कउनो क बइठाइ दिहन। 16 फिन ईसू पाँच रोटी अउर दुइ मछरी क लइके सरगे कइँती लखत भवा ओनके बरे धन्यबाद दिहेस अउर फिन ओनके टुकड़न मँ तोरत भवा ओनका आपन चेलन क दिहस कि उ पचे मनइयन क परोस देइँ। 17 मनइयन खुब जिअरा भरिके खाएन अउर बचा भवा टुकड़न स ओकर चेलन बारह झउआ भरेन।

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