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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यसायाह 35-36

परमेस्सर आपन लोगन क सुख देइ

35 झुरान रेगिस्तान बहोत खुसहाल होइ जाइ। रेगिस्तान खुस रही अउर एक फूल क नाई विकसित होइ। उ रेगिस्तान खिलत भए फूलन स भरि उठी अउर आपन खुसी देखावइ लागी। अइसा लागी जइसे रेगिस्तान आनन्द मँ भरा नाचत होइ। इ रेगिस्तान अइसा सुन्नर होइ जाइ जइसा लबानोन क बन बाटइ, कर्मेल क पहाड़ अहइ अउर सारोन क घाटी अहइ। अइसा एह बरे होइ, काहेकि सबहिं लोग यहोवा क महिमा क दर्सन करिहीं। लोग हमरे परमेस्सर क महानता क लखिहीं।

दुर्बल बाँहन क फुन स सक्ति स भरा बनावा। दुर्बल घुटनन क मजबूत करा। लोग डेरान अहइँ अउर असमंजस मँ पड़ा अहइँ। ओन लोगन स कहा, “सक्तिसाली बना। डेराअ जिन।” लखा तोहार पचन्क परमेस्सर आइ अउर तोहार पचन्क दुस्मनन क जउन उ पचे किहन ह, ओकर सजा देइ। उ आइ अउर तू पचन्क तोहार सबन्क प्रतिफल देइ अउर तोहार पचन्क रच्छा करी। फुन तउ आँधर लखइ लगिहीं। ओनकर आँखिन खुल जइहीं। लूले लंगड़े लोग हिरन क तरह नाचइ लगिहीं अउर अइसे लोग जउन अबहिं गूँगन अहइ, खुसी क गीत गावइ मँ आपन वाणी क उपयोग करइ लगिहीं। अइसा उ समय होइ जब मरूभूमि मँ पानी क झरनन बहइ लगिहीं। झुरान धरती पइ झरनन बहि चलिहीं। लोग अबहिं जत क रूप मँ मृग मरीचिका क लखत हीं किन्तु उ समय जल क फुरइ सरोवर होइहीं। झुरान धरती पइ कुअँन होइ जइहीं। झुरान धरती स जल फूट बही। जहाँ एक समय जंगली जनावरन क राज रहा, हुवाँ लम्बे लम्बे पानी क पउधन जमि पइहीं।

उ समय, हुवाँ एक राह बन जाइ अउर इ राजमार्ग क नाम होइ “पवित्तर मार्ग।” उ राह पइ असुद्ध लोगन क चलइ क अनुमति नाहीं होइ। कउनो भी मूरख उ राहे पइ नाहीं चली। बस परमेस्सर क पवित्तर लोग ही ओह पइ चला करिहीं। उ सड़क पइ कउनो खतरा नाहीं होइ। लोगन क नोस्कान पहोंचावइ बरे उ सड़क पइ सेर नाहीं होइहीं। कउनो भी भयानक जन्तु हुवाँ नाहीं होइ। उ सड़क ओन लोगन बरे होइ जेनका परमेस्सर अजाद किहेस ह।

10 परमेस्सर आपन लोगन क अजाद करी अउर उ सबइ लोग फुन लउटिके हुवाँ अइहीं। लोग जब सिय्योन पइ अइहीं तउ उ पचे खुस होइहीं। उ पचे सदा-सदा बरे खुस होइ जइहीं। ओनकर खुसी ओनकर माथन पइ एक मुकुट क नाई होइ। उ पचे आपन खुसी अउ आनन्द स पूरी तरह भरि जइहीं। सोक अउ दुःख ओनसे दूर बहुत दूर चले जइहीं।

अस्सूर क यहूदा पइ हमला

36 हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा अउर सन्हेरीब अस्सूर क राजा रहा। हिजकिय्याह क सासन क चउदहवें बरिस मँ सन्हेरीब यहूदा क किलाबन्द नगरन स जुद्ध किहन अउर उ ओन नगरन क हराइ दिहन। लाकीस स सन्हेरीब आपन सेनापति अउर बहोत सारे सेना क यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे आपन माँगन क बतावइ बरे पठएस। उ ऊपरवाले तालाब क कइँती जात भवा नाला[a] पइ रुक गएस जउन धोबी लोगन क खेत क सड़क पइ रहा।

यहूदा क तीन अधिकारी ओसे मिलइ बरे गएन। इ सबइ लोग रहेन: महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम, लिपिकार सेब्ना, अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह।

सेनापति ओनसे कहेस, “तू लोग, राजा हिजकिय्याह स जाइके इ सबइ बातन कहा: महान राजा अस्सूर क राजा कहत ह:

“‘तू आपन सहायता बरे कउने पइ भरोसा रखत ह? मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि जदि जुद्ध मँ तोहार बिस्सास सक्ति अउर वुसल जोजनन पइ अहइ तउ उ बेकार अहइ। उ सबइ कोरे सब्दन क अलावा कछू नाहीं अहइँ। एह बरे तू मोहसे काहे जुद्ध करत अहा? अब मइँ तोहसे पूछत हउँ, तू मदद पावइ बरे कउने पइ भरोसा करत अहा? का तू मदद बरे मिस्र क सहारे अहा? मिस्र तउ एक टूटी भइ लाठी क नाई अहइ। जदि तू सहारा पावइ क ओह पइ टिकब्या तउ उ तू पचन्क बस नोस्कान ही पहोंचाइ अउर तोहरे हाथे मँ एक ठु छेद बनाइ देइ। मिस्र क राजा फिरौन पइ कउनो भी मनई क जरिये मदद पावइ क भरोसा नाहीं कीन्ह जाइ सकत।

“‘मुला होइ सकत ह तू कहा, “हम मदद पावइ बरे आपन यहोवा परमेस्सर पइ भरोसा रखित ह।” किन्तु मइँ सुना अहइ कि हिजकिय्याह यहोवा क वेदियन क अउर आराधना क ऊँच ठउरन[b] क बर्बाद कइ दिहस ह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन स कहेस, “तू हिआँ यरूसलेम मँ बस एक इहइ वेदी पइ उपासना किया करब्या।”

“‘अगर तू अब भी मोर सुआमी स जुद्ध करइ चाहत अहा तउ अस्सूर क राजा तोहसे इ सौदा करइ चाही: राजा क कहब अहइ, जदि जुद्ध मँ तोहरे लगे घुड़सवार पूरा अहइँ तउ मइँ तू पचन्क दुइ हजार घोड़न दइ देब। किन्तु एतना होइ पइ तू मोर सुआमी क एक सेवक तलक क नाहीं हराइ पउब्या। ओकर कउनो नान्ह स नान्ह अधिकारी तलक क तू नाहीं हराइ पउब्या। एह बरे तू मिस्र क घुड़सवार अउर रथन पइ आपन भरोसा काहे बनाए रखत अहा।

10 “‘अउर अब लखा जब मइँ इ देस मँ आवा रहेउँ अउर मइँ जुद्ध किहे रहेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। जब मइँ नगरन क उजाड़ेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। यहोवा मोहसे कहा कहत रहा, “खड़ा ह्वा। इ नगरी मँ जा अउर एक ध्वस्त कइ द्या।”’”

11 यहूदा क तीनहुँ अधिकारियन, एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह सेनापति स कहेस, “कृपा कइके हमरे संग अरामी भासा मँ ही बात करा ताकि एका हम समुझ सकित। तू यहूदी भासा मँ हम से जिन बोला। जदि तू यहूदी भासा क प्रयोग करब्या, तउ नगर दीवारे क पार क सबहिं लोग एका समुझ जइहीं।”

12 एह पइ सेनापति कहेस, “मोर सुआमी मोहसे इ सबइ बातन बस तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क सुआमी हिजकिय्याह क ही सुनावइ बरे नाहीं पठएस ह। मोर सुआमी मोका एन बातन क ओनका बतावइ बरे पठएस ह जउन लोग नगर परकोटन पइ बइठा अहइँ। ओन लोगन क न तउ पूरा खइया क मिलत ह अउर न पानी। तउ ओनका आपन मलमूत्र क तोहरे पचन्क तरह खाब-पिअब होइ।”

13 फुन सेनापति खड़ा होइके ऊँच सुर मँ कहेस। उ यहूदी भासा मँ बोला। सेनापति कहेस,

“महासम्राट अस्सूर क राजा क सब्दन क सुना: 14 तू आपन खुद क हिजकिय्याह क जरिये मूरख जिन बनइ द्या, उ तू पचन्क बचाइ नाहीं पाइ। 15 हिजकिय्याह जब इ कहत ह, ‘यहोवा मँ बिस्सास राखा। यहोवा अस्सूर क राजा हमार रच्छा करी। यहोवा अस्सूर क राजा क हमरे नगर क हरावइ नाहीं देइ तउ ओह पइ बिस्सास जिन करा।’

16 “हिजकिय्याह क एन सब्दन क अनसुनी करा। अस्सूर क राजा क सुना। अस्सूर क राजा क कहब अहइ, हमका एक ठु सन्धि करइ चाही। तू लोग नगर स बाहेर निकरिके मोरे लगे आवा। फुन हर मनई आपन घरे जाइ क अजाद होइ। हर मनई आपन अंगूर क बेलन स अंगूर खाइ क अजाद होइ अउर हर मनई आपन अंजीर क बृच्छन क फल खाइ क अजाद होइ। खुद आपन कुआँ क पानी पिअइ क हर मनई अजाद होइ। 17 जब तलक मइँ आइके तू पचन्क तोहरे पचन्क जइसे एक देस मँ न लइ जाउँ, तब तलक तू पचे अइसा करत रहि सकत ह। उ नवा देस मँ तू पचे बढ़िया अनाज अउर नवा दाखरस पउब्या। उ धरती पइ तू पचन्क रोटी अउ अंगूर क खेत मिलिहीं।

18 “हिजकिय्याह क तू आपन क मूरख जिन बनावइ द्या। उ कहत ह, ‘यहोवा हमार रच्छा करी।’ किन्तु मइँ तोहसे पूछत हउँ का कउनो दूसर देस क कउनो भी देवता हुवाँ क लोगन क अस्सूर क राजा क सक्ति स बचाइ पाइ नाहीं। हम हुवाँ क हर मनई क हराइ दीन्ह। 19 हमात अउ अर्पाद क देवता आजु कहाँ अहइँ? ओनका हराइ दीन्ह गवा अहइ। सपर्वेम क देवता कहाँ अहइँ? उ सबइ हराइ दीन्ह ग अहइँ अउर का सोमरोन क देवता हुवाँ क लोगन क मोर सक्ति स बचाइ पाएन? नाहीं। 20 कउनो भी देस अथवा जाति क अइसे कउनो भी एक देवता क नाउँ मोका बतावा जउन हुवाँ क लोगन क मोर सक्ति स बचाएस ह। मइँ सबन्क हराइ दिहेउँ। एह बरे लखा मोर सक्ति स यरूसलेम क यहोवा नाहीं बचाइ पाइ।”

21 यरूसलेम क लोग एक दम चुप रहेन। उ पचे सेनापति क कउनो जवाब नाहीं दिहन। हिजकिय्याह लोगन क हुकुम दिहे रहा कि उ पचे सेनापति क कउनो जवाब न देइँ।

22 एकरे पाछे महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम लिपिकार सेब्ना अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह इ देखावइ बरे कि उ दुःखी रहेन आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। उ पचे तीनउँ मनइयन हिजकिय्याह क लगे गएन अउर सेनापति जउन कछू ओनसे कहे रहा, उ सब ओका कहि सुनाएन।

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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.