Chronological
1 सुलैमान क स्रेस्ठ गीत।
सस्प्रेमिका क आपन प्रेमी क खातिर
2 ओकरे ओंठन क चुम्बनन स मोका ढाँपि लेइ द्या।
तोहार पिरेम दाखरस स भी मीठा अहइ।
3 तोहार इत्र क सुगन्ध मोहक अहइ,
मुला तोहार नाउँ मोरे बरे मूल्यवान इत्र स भी जियादा मोहक अहइ!
इहइ कारण अहइ कि कुँवरियन तोहसे पिरेम करत हीं!
4 हे मोर राजा, तू मोका आपन संग लइ ल्या।
हाली चला!
राजा मोका आपन कमरा मँ लइ आवा ह।
मनसेधू क बरे यरूसलेम क मेहररूअन
हम तोहमाँ आनन्दित अउ मगन अही।
हम मानत अही कि तोहार पिरेम दाखरस स उत्तिम अहइ।
अच्छा कारण क बरे कुँवरियन तोहसे पिरेम करत हीं।
मेहरारु क बचन मेहररुअन बरे
5 हे यरूसलेम क बिटियो,
मइँ करिया हउँ, मुला मइँ सुन्नर हउँ। मइँ केदार क तम्बुअन जइसा अउ सलमोन[a] क तम्बूअन क पर्दा जइसे करिया हउँ।
6 किन्तु मोका करिया मँ सामिल जिन करा।
इ सूरज अहइ जउन मोका करिया कइ दिहस ह।
मोर भइयन एकर कारण अहइँ।
उ मोका आपन अंगूरे क बगीचन क रखवारी करइ बरे मज़बूर किहेन ह।
एह बरे मइँ आपन क धियान नाहीं रखि सकेउँ।
मेहरारू क बचन मनसेधू क बरे
7 मइँ तोहका आपन पूरी आतिमा स पिरेम करत हउँ।
मोर सच्चा पिरेमी, मोका बतावा कि तू आपन भेड़िन क कहाँ चरावत अहा?
दुपहरिया मँ ओनका आराम करइ बरे कहाँ बइठावत अहा?
मोका अइसी एक ठु लड़िकी क लगे काहे होइ चाही
जउन घूँघट डारिके तोहरे मीतन क झुण्डन क रखवारी करत ह।
मनसेधू क बचन मेहरारू बरे
8 हे मेहररुअन सबन त सुन्नरी,
अगर तू नाहीं जानत ह मइँ कहाँ होब,
तउ भेड़ियन क पथ पाछा करा।
तोहार बोकरियन क बच्चन क गड़रियन क तम्बुअन क लगे चरा।
9 हे मोर प्रिय मइँ तोहार तुलना उ घोड़ी स करत हउँ
जउन घो़ड़िन फिरौन क रथ क हींचइवाल घोड़न क आकर्सित करत ह।
10 मइँ तोहार कल्पना चाँदी अउर रतन स सज़ा भवा घोड़ा स कइ सकत हउँ।
तोहार गाल खूबसूरत आभूसण अउर कर्नफूल स भवा अहइ।
तोहार गर्दन पइ माला बहोत सुन्नर लगत अहइँ।
11 जउन सोना अउर चाँदी क पत्तर लागत ह
खास तोहरे बरे बना अहइँ।
मेहरारू क बचन
12 जब राजा गद्दी पइ लेटत अहइ,
मोरे इत्र क सुगन्ध ओह तलक पहोंचत ह।
13 मोर प्रियतम रस गन्ध क कुप्पे जइसा अहइ।
उ मोरे सीते क बीच सारी रात सोइ।
14 मोर प्रिय मोरे बरे मेंहदी क फूलन क गुच्छन जइसा अहइ
जउन एनगदी क अंगूरे क बगीचे मँ फलत ह।
मनसेधू क बचन
15 मोर प्रिये, तू रमणीय अहा।
ओह, तू केतनी सुन्नर अहा।
तोहार आँखिन कबूतरन क जइसी सुन्नर अहइँ।
मेहरारू क बचन
16 हे मोर प्रियतम, तू केतना सुन्नर अहा।
हाँ, तू केतना मनमोहक अहा।
हमार बिछाउन केतना ताज़ा अउर आनन्दित महक प्रदान करत हीं।
17 हमार घरे क छत देवदारू क पउधन स बना अहइँ।
अउर देवारन सनोवर पउधन स बना अहइँ।
2 मइँ सारोन क केसर क पाटल जइसा हउँ।
मइँ घाटियन क कोका बेली हउँ।
मनसेधू क बचन
2 हे मोर प्रिये, दूसर जुवतियन तुलना मँ
तू वइसी ही अहा माना काँटन क झारी क बीच लिली अहा।
मेहरारू क बचन
3 मोर प्रिय, दूसर नउजवानन क बीच तू अइसे लागत अहा
जइसे जंगले क बृच्छन मँ कउनो सेब क पेड़।
मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे
मोका आपन प्रियतम क छाया मँ बइठब नीक लागत ह;
ओकर फल मोका खाइ मँ बहोत मीठ लागत ह।
4 मोर प्रिय मोका मधुसाला मँ लइ आवा
अउर मोका आपन पिरेम क बारे मँ एक झण्डा क नाईं लहराइके स्पस्ट किह्या।
5 मइँ पिरेम क रोगी हउँ एह बरे किसमिस स मोका मज़बूत बनावा
अउर मीठा सेबन स मोका ताजा करा।
6 ओकरे बाँया हाथ मोर मुड़ि क पिआर स छुअत हीं,
अउर ओकर दाहिन हाथ सरीर क पिआर स छुअत हीं।
7 यरूसलेम क कुँवरियन कुरंगन अउ जंगली हिरनियन क साच्छी मानिके मोका बचन द्या,
पिरेम क जिन जगावा
अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ![b]
मेहरारू क बचन
8 मइँ आपन प्रियतम क अवाज अनकत हउँ।
इ पहाड़न स उछरत भइ
अउर पहाड़ियन स कूदत भइ आवत ह।
9 मोर प्रियतम कुरंग या जवान हरिन जइसा सुन्नर अहइ।
लखा, उ हमरी देवारे क पीछे खड़ा अहइ,
खिरकी स लखत अहइ, पर्दा क छेद स झाँकत अहइ।
10 मोर प्रियतम मोसे बोलत ह:
“हे मोर प्रिये, उठा, हे मोर सुन्नरी,
आवा कहूँ चली।
11 लखा, सीत-रितु बीत गइ अहइ।
बर्खा खतम होइ गइ अउ चली गइ अहइ।
12 धरती पइ फूल खिले भए अहइँ।
चिरइयन क गावइ क समइ आइ ग अहइ।
धरती पइ कबूतरे क अवाज गूँजत अहइ।
13 अंजीर क बृच्छन पइ अंजीर, पकइ लागेन हँ।
अंगूरे क बेल फूलत अहइँ अउर ओनकर भीती गन्ध फइलत अहइ।
मोर प्रिय उठा, हे मोर सुन्नर,
आवा कहूँ दूर चली।”
मनसेधू क बचन
14 हे मोर कबूतर, जउन ऊँच चट्टानन क सबइ गुफा मँ अउर पहाड़न मँ लुकान अहा,
मोका आपन मुँह देखावा
मोका आपन आवाज सुनावा काहेकि तोहार आवाज मीठ
अउ तोहार मुँह सुन्नर अहइ।
मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे
15 जउन नान्ह लोखरियन दाख क बगियन क बिगाड़त ही
हमरे बरे ओनका धरा।
हमार अंगूर क बगियन अब फूलत अहइँ।
16 मोर प्रिय मोर अहइ
अउर मइँ ओकर हउँ।
मोर प्रिय आपन भेड़ी बोकरियन क
कोकाबेलियन क बीच चरावत ह,
17 हे प्रियतम, कुरंग स या जवान हरिन स रहा,
जब तलक दिन नाहीं ढल जात ह
अउर छाया लम्बी अउर खतम नाहीं होइ जात ह
पहाड़न पइ चला।
मेहरारू क बचन
3 हर राति आपन सेज पइ मइँ
आपन मने मँ ओका हेरत हउँ।
जउन मनसेधू मोर प्रिय अहइ,
मइँ ओका हेरेउँ ह, मुला मइँ ओका नाहीं पाएउँ।
2 अब मइँ उठब।
मइँ सहर क चारिहुँ गलियन, बजारन मँ जाब।
मइँ ओका हेरब जेका
मइँ पिरेम करत हउँ।
मइँ उ मनसेधू हेरेउँ
उ मोका नाहीं मिला।
3 मोका सहर क पहरेदारी मिलेन।
मइँ ओनसे पूछेउँ, “का तू उ मनसेधू क लख्या जेका मइँ पियार करत हउँ?”
4 पहरेदारन स मइँ अबहिं तनिक दूर गएउँ
कि मोका मोर प्रियतम मिलि गवा।
मइँ ओका धइ लिहेउँ।
मइँ ओका जाइ क अनुमति नाहीं दिहा
अउर मइँ ओका आपन मताहरी क घरे लइ आवा,
मइँ ओका उ कमरा मँ लइ आवा जहाँ पइ उ मोका जनम दिहे रहा।
मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे
5 हे यरूसलेम क कुँवरियन,
कुरंगन अउ जंगली हिरणियन क साच्छी मानिके मोका बचन द्या,
पिरेम क जिन जगावा अउ उसकावा
जब तलक एकर इच्छा न होइ।
यरूसलेम क मेहररुअन बोलेस:
6 इ मेहरारु कउन अहइ
जउन धूल क बादर क संग रेगिस्तान स होत भए आवत हीं,
अउर गन्धरस अउर लोबान अउ उ सबइ तरह क खुसबू
जउन व्यपारियन रखत ह स सुगन्धित अहइ?
7 सुलैमान क पालकी क लखा।
ओन जात्र क पालकी क साठ फउजी घेरे भए अहइँ। इस्राएल क सक्तीसाली फउजी।
8 उ पचे सबहिं फउजी तरवारन स सुन्नर ढंग स सज्जित अहइँ।
जउन जुद्ध मँ निपुण अहइँ;
हर मनई क बगल मँ तरवार लटकत अहइ,
जउन राति क खउफनाक खतरन बरे तइयार अहइँ।
9 राजा सुलैमान लोगन स एक ठु पालकी
लेबानोन क देवदारू काठे स बनावाए रहा।
10 उ जात्रा क पालकी क बल्लन क चाँदी स बनाएस
अउर ओकर टेक सोना स बनावा गवा।
पालकी क गद्दी क उ बैंगनी ओढ़ना स ढाँपि दिहस
अउर इ यरूसलेम क बिटियन क जरिये पिरेम स बुना गवा रहा।
11 सिय्योन क बिटियो,
बाहेर आइके राजा सुलैमान क ओकरे मुकुट क साथ लखा
जउन ओका ओकर महतारी उ दिन पहिराए रही
जब उ बियाहा गवा रहा,
उ दिन उ बहोत खुस रहा।
मनसेधू क बचन मेहरारू बरे
4 मोर प्रिये, तू बहोत सुन्नर अहा।
घूँघट क ओट मँ तोहार आँखिन कबूतरे क आँखिन जइसी सरल अहइँ।
तोहार केस लम्बा अउ
लहरात भवा अहइँ
जइसे बोकरी क बच्चन
गिलाद क पहाड़ क ऊपर स नाचत उतरत होंइ।
2 तोहार दाँत एक भेड़न क झुण्ड जइसे अहइँ
जउन धोइके निकर आई;
हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं;
ओकर बच्चन मँ स कउनो भी गाएब नाहीं होत हीं।
3 तोहार ओंठ लाल धागा जइसा अहइ।
तोहार मुँह सुन्नर अहइ।
तोहार गाल घूँघट क खाले
अनार क दुइ फाँकन क जइसी अहइँ।
4 तोहार गटइ पातर अउर ऊँच अहइ
जइसा दाऊद क मीनार
जउन कि हज़ारन सुनहरी ढालन क संग
पाथरन क कतारन क ऊपर बना अहइ।
हर ढाल जोद्धन क अहइ।
5 तोहार दुई चूचियन जुड़वा दुई बाल हरिण जइसे अहइँ,
जइसे जुड़वा कुरंग
लिलियन क बीच चरत होइ।
6 मइँ गन्धरस क पहाड पइ जाब।
मइँ पहाड़ी पइ तब तलक जाब
जब तलक सुबह की सुहावनी हवा न बहइ
अउर अंधेरापन फीका न होइ जाइ।
7 मोर प्रिये, तू केतना अद्भुत अहा।
कउनो दोख तोहार सुन्नरता क नाहीं लिहेस ह।
8 ओ मोर दुलहिन, लबानोन स आवा,
लबानोन स मोर संग आइ जा,
मोरे साथ आइ जा, अमाना क चोटी स,
सनीर क ऊँचाई स सेर क गुफन स
अउर चीतन क पहाडन स आवा।
9 हे मोर बहिन, हे मोर दुलहिन,
तू मोका उत्तेजित करति अहा।
तू मोर हिरदइ क आपन आँखिन क सिरिफ एक नज़र स
अउर आपन माला क बस एक ही रतन स,
कब्जा कइ लिहा ह।
10 मोर बहिन,[c] हे मोर दुलहिन,
तोहार पिरेम केतना आनन्दप्रद अहइ!
तोहार पिरेम दाखरस स जियादा उत्तिम बाटइ,
तोहार इत्र क सुगन्ध कउनो भी सुगन्धि स उत्तिम अहइ।
11 तोहारे ओंठन स मधु टपकत ह।
तोहरी जीभ क खाले मँ सहद अउ दूध अहइ।
तोहारे ओढ़नन क गंध लबानोन क देवदारू जइसी अहइ।
12 मोर बहिन, हे मोर दुलहिन,
तू ताला लगा भवा बाग जइसी अहइ।
तू रोका भवा तालाब क जइसा
अउर बंद कीन्ह गवा फ़व्वारा जइसा अहइ।
13 तोहार अंग उ उपवन जइसे अहइँ
जउन अनार अउर मोहक फलन स भरा होइ,
जेहमाँ मेंहदी अउर जटामासी क फूल भरा होइ;
14 जेहमाँ जटामासी, केसर,
मुस्क अउ दालचीनी अउर हर तरह क मसाला,
गन्धरस, अगर अउ सबइ उत्तिम मसाला भरा होइँ।
15 तू एक फव्वारे क बा़ग क नाईं,
एक ताज़ा पानी क कुवाँ क नाईं,
अउर एक झरना होई
जउन लबानोन पहाड़ी स खाले बहत ह।
मेहरारू क बचन
16 जागा, हे उत्तर क हवा।
आवा, तू दक्खिन पवन।
मोरे उपवन पइ बहा।
जेहसे एकर मीठ, गन्ध चारिहुँ ओर फइल जाइ।
मोर प्रिय मोरे उपवन मँ प्रवेस करइ
अउर उ एकर मीठ फल खाइ।
मनसेधू क बचन
5 मोर बहिन, हे मोर दुलहिन, मइँ आपन बा़ग मँ प्रवेस कइ लिहउँ ह।
मइँ आपन गन्धरस क सुगन्धित मसाला बटोरेउँ ह।
मइँ आपन सहद क छत्ता क सहद समेत खाइ चुकेउँ ह;
मइँ आपन दाखरस अउ दुध पी चुकेउँ ह।
मेहररुअन क बचन प्रेमियन बरे
हे मीतो, खा, हे प्रेमियो, पिआ।
पिरेम स मस्त होइ जा।
मेहरारू क बचन
2 मइँ सोवत हउँ
किन्तु मोर दिमाग सपना मँ जागत रहा।
मइँ एक ध्वनि सुनेउँ!
मोर प्रियतम दुआरे पइ दस्तक देत रहा!
“मोरे बरे खोला, मोर बहिन, मोर प्रिये,
मोर फाख़ता, मोर निर्मल!
मोरे सिरे ओस स गीला होइ गवा ह,
मोर केस राति क नमी स भीगा अहइँ।” मेहरारु दबवा देत हीं:
3 मइँ आपन ओढ़ना उतार दिहेउँ ह।
मइँ एक फुन स पहिरइ चाहत हउँ।
मइँ आपन पाँच पखार चुकी हउँ,
फुन स मइँ एका मइला नाहीं करइ चाहत हउँ।
4 मोर प्रियतम किंवाड़ा क चाबी क छेद स हाथ डाएस,
अउर ओकरे बरे मोर प्रेम उमड़ पड़ेस।
5 मइँ आपन प्रियतम बरे दुआर खोलइ बरे उठिउँ।
मोरे हाथन स गन्धरस टपकत ह।
गन्धरस मोर अँगुरियन स
ताल क हत्थे पइ टपकत ह।
6 आपन प्रियतम बरे मइँ दुआर खोल दिहेउँ,
मुला मोर प्रियतम तब तलक जाइ चुका रहा।
जब उ चला गवा
तउ जइसे मोर प्राण निकरि गवा।
मइँ ओका हेरत फिरेउँ
मुला मइँ ओका नाहीं पाएउँ,
मइँ ओका गोहरावत फिरेउँ
किंतु उ मोका जवाब नाहीं दिहस।
7 नगर क पहरेदारन मोका पाएन।
उ पचे मोका मारेन
अउर मोका घायल किहेन।
नगर क परकोटे क पहरेदारन मोहसे
मोर चोगा लइ लिहन।
8 हे यरूसलेम क मेहररुअन, मइँ तू पचन्क आदेस देत हउँ।
अगर तू पचे मोर प्रियतम क पाइ जा तउ तू ओका का बताइ? बताइ द्या कि मइँ ओकरे पिरेम क रोगी हउँ।
यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब
9 हमका कहा कि तोहार प्रियतम
अउरन स कइसे उत्तिम अहइ।
हे सबन त सुन्नर मेहररुअन, तोहार प्रिय अउरन स उत्तिम काहे अहइ?
तू हम पचन स इ बचन काहे करइ क कहेस?
यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब
10 मारे प्रियतम तेजस्वी अउ मज़बूत अहइ।
उ दसियउँ हजार मनसेधुअन मँ एक अहइ।
11 ओकर माथा निखालिस सोना जइसा अहइ।
ओकर घुँघराला केस खजूर क गुच्छन क जइसा अहइ अउ कउअन जइसा करिया अहइँ।
12 ओकरी आँखिन जलधारा क किनारे बइठा फ़ाखतन नाईं अहइ।
ओकर आँखिन दूधे क तालाब मँ नहाए फ़ाखतन क जइसी अहइँ
अउर अइसी अहइँ जइसे सही तरीका स रतन जड़ होइँ।
13 ओकरे गाल बाग क नाईं अहइ
जउन गुल महेन्दी क पउधा क खुसबू स भार अहइ।
ओकर ओंठ लिलियन जइसेन अहइँ
जेनसे गंधरस टपकत ह।
14 ओकर बाँहन सोना क छड़न जइसी अहइँ
जेनमाँ हरितमणि जड़ा होइँ।
ओकर देह नक्कासी कीन्ह भवा हाथी दाँत अहइ
जेहमाँ नीलमनियन जड़ा होइँ।
15 ओकर जाँघन संगमरमर क खम्मन जइसी अहइँ
जेनका उत्तिम सुवर्ण पइ बइठावा गवा होइ।
ओकर ऊँचा कद लबनोन क देवदार जइसा अहइ
जउन देवदार बृच्छन मँ उत्तिम अहइ।
16 ओकर मुँह बहोत मीठा अहइ;
ओकर हर चीज चाहनेयोग्य अहइ।
हे यरूसलेम क मेहररुअन,
उ मोर प्रियतम अहइ!
उ मोर प्रेमी अहइ!
यरूसलेम क बिटियन क ओहसे कहब
6 मेहररुअन मँ सबसे सुन्दर मेहरारू,
बतावा तोहार प्रियतम कहाँ चला गवा?
कउने राह स तोहार प्रियतम चला गवा ह
हमका बतावा ताकि हम तोहरे साथ ओका हेरि सकी।
यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब
2 मोर प्रिय आपन बंगिया मँ चला गवा,
मसालन क खेत मँ
आपन भेड़ी चरावइ बरे
अउर लिलियन क बटोरइ बरे।
3 मइँ आपन प्रियतम स हउँ अउर उ मोर प्रियतम मोसे अहइ।
उ लिलियन क बीच भेड़ चरावा करत ह।
मनसेधू क बचन मेहरारू बरे
4 मोर प्रियतम, तू तिरसा क नाईं सुन्नर अहा।
तू यरूसलेम मँ एक अद्भुत क नाई अहा।
तू ऍतना अजूबा अहा जइसे कउनो फउज झण्डा क संग चलत ह।
5 तू मोह पइ स आपन आँखिन हटाइ ल्या,
उ मोका उत्तेजित करत अहइँ।
तोहार केस ऍतना लम्बा अउ लहरत अहइँ
जइसे गिलाद क पहाड़ी क ढलान स बोकरियन क झुण्ड उछरत भवा उतरत आवत होइ।
6 तोहार दाँत एक भेड़न झुण्ड जइसे अहइँ
जउन धोइके निकर आई;
हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं;
ओन मँ स कउनो एक ठू भी गाएब नाहीं होत हीं।
7 घूँघट क नीचे तोहार गाल
अनार क दुइ ठू फाँकन क तरह अहइँ।
8 होइ सकत ह हुआँ साठ रानियन,
अस्सी रखैलन
अउर अनगिनत जवान कुँवरियन होइँ,
9 किंन्तु हुवाँ ओकरे जइसा कउनो नाहीं अहइ!
उ आपन महतारी क एक खास बिटिया अहइ,
उ ओनमाँ बहोत प्रिय अहइ
जउन ओका जनम दिहेस ह।
कुँवरियन ओका लखेन अउ ओका सराहेन।
हाँ, रानियन अउ सबइ रखैलन भी ओकर तारीफ किहे रहिन।
मेहररूअन क जरिये ओकर तारीफ
10 उ पचे कहेस: “उ कउन अहइ
जउन बढ़त भवा उसा क समान अहइ?
उ कउन अहइ जउन चाँद क नाईं सुन्नर अहइ?
उ कउन अहइ जउन सूर्य क नाईं चमकत अहइ?
उ कउन अहइ जउन फउज जइसा अजूबा अहइ
जउन झण्डा लइ जात अहइ?”
मेहरारू क बचन
11 मइँ अख़रोट क बगीचा स होत भवा
इ देखइ बरे गवा कि
का अंगूर क बेलन खिला अहइ
अउर का अनार क कलियन खिली अहइँ या नाहीं।
12 मोर राजकुमार, मइँ खुसी स भरि गवा
जब तू मोका गन्धरस दिहे रहा।[d]
यरूसलेम क बिटियन ओकरे बरे बोलत ह
13 हे “परिपूर्ण” मोर तरफ लउटि आवा!
मोर तरफ आवा, मोर तरफ आवा, ताकि हम तोहका लखि सकी!
काहे अइसे सुलेम्मिन क घूरति अहा
जइसे उ महनैम क नाच क नर्तकी होइ?
मनसेधू क जरिये सुन्दरता क वर्णन
7 हे सज्जन अउरत, तोहार गोड़ पनहियन मँ केतॅना सुन्नर अहइँ!
तोहार जाँघन क गोलाइ कउनो कलाकार क बना गवा गहना क नाईं अहइँ
2 तोहार नाभी क नीचे क भाग गोल कटोरा क समान अहइँ।
होइ सकत ह एहमाँ कभी मिस्रित दाखरस कमी नाहीं होत।
तोहार पेट गोहूँ क ढेरी क समान अहइ
जेकर चउहददी लिलियन क अहइँ।
3 तोहार चूचियन दुई जवान हिरण क जइसा अहइ,
कुरंगी क जुड़वा।
4 तोहार गटइ हाथी दाँत क मीनार क समान अहइँ।
तोहार आँखिन हेसबोन क उ सबइ कुण्ड क समान अहइ
जउन बेत-रब्बीम क फाटक क लगे अहइ।
तोहार नाक लबानोन क मीनार क जइसा लम्बी अहइ
जउन दमिस्क कइँती मुहँ किहे अहइ।
5 तोहार मूँड़ कर्मेल क पहाड़ क जइसा अहइ।
तोहार मूँड़े क बार
राजा क देवारन पइ लहरत भवा
लम्बा वस्त्र क नाईं अहइ।
6 तू केतनी सुन्नर अउ मनमोहक अहा ओ मोर प्रिय!
तू मोका केतॅॅना आनन्द देति अहा।
7 तू खजूरे क बृच्छ जइसी
लम्बी अहा।
तोहार चूचियन अइसे अहइँ
जइसे खजूर क गुच्छन।
8 मइँ खजूर क बृच्छ पइ चढ़ब,
मइँ एकर डारन क धरब,
तू आपन चूचियन क अंगूरे क गुच्छन स बनइ द्या।
तोहार साँस क गंध सेब क जइसा होइ द्या।
9 तोहार मुँहना उत्तिम दाखरस जइसा होइ द्या,
जउन धीरे स मोर प्रियतम मँ बहत होइ,
जउन ओठंन तलक बहत होइ जब हम साथ सोवत ह।
मेहरारू क बचन मनसेधू क बरे
10 मइँ आपन प्रियतम क अहउँ
अउर उ मोका चाहत ह।
11 आवा, मोर प्रियतम, आवा!
हम खेतन मँ निकरी चली,
हम गाँवन मँ राति बिताइ।
12 हम बहोत हाली उठी अउर अंगूरे क बागन मँ निकरी जाइ।
आवा, हम हुआँ लखी का अगूंरे क बेलन पइ कलियन खिलति अहइँ।
आवा, हम लखी का बहारन खिल गइ अहइँ
अउर का अनार क कलियन चटकति अहइँ।
हुवँइ पइ मइँ आपन पिरेम तोहका अर्पण करबउँ।
13 दोदफलन[e] क सुगन्ध फइल चुका अहइ।
अउर सबहिं प्रकार क कीमती फलन हमरे दुआरन क ऊपर[f] जमा अहइँ।
तोहार बरे नवा अउ पुराना दुइनउँ प्रकार क चीज बचाइ रखेउँ ह,
हे मोर प्रिय।
8 कास, तू मोर सिसु भाइ होत्या, मोर महतारी क छाती क दूध पिअत भए।
अगर मइँ तोहसे हुवँइ बाहेर मिल जाइत
तउ तोहार चुम्बन मइँ लइ लेतेउँ,
अउर कउनो मनई मोर निन्दा नाहीं कइ पावत।
2 तोहका मइँ आपन महतारी क घरे मँ लइ अवतेउँ
जहाँ तू मोका सिच्छा देइ सकतेउँ।
मइँ तोहका पिअइ बरे,
आपन मिस्रित अनारे स निकरा भवा दाखरस देतेउँ।
मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे
3 ओकर बाँया हाथ मोरे मूँड़े क छुअत ह,
अउर ओकर दाहिन हाथ मोरे सरीर क छुअत ह।
4 मइँ तोहका चेताउनी देत हउँ हे यरूसलेम क कुँवरियन:
पिरेम क जिन जगावा
अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ!
यरूसलेम क बिटियन क बचन
5 इ कउन अहइ जउन आपन प्रियतम स लपटा भवा,
रेगिस्तान स चली आवत ह?
मेहरारू क बचन मनसेधू बरे
मइँ तोहका सेब क बृच्छ क खाले जगाए रहेउँ;
हुवाँ तोहार महतारी तोहका गरभ मँ धरेस;
हुवाँ तोहार मताहरी तोहार बरे प्रसव-पीड़ा सहेस अउर तोहार जनम भवा।
6 मोका तू आपन हिरदय मँ महर क नाई धरा।
ताबजि क समान मोका आपन बाँहे बांध ल्या।
काहेकि पिरेम मउत क जइसा मज़बूत अहइ।
भावना कब्र क नाईं तेज होत ह।
एकर चिंगारी आग क लपटन क नाईं होत ह।
एकर धधक धधकत भइ लपटन स होइ जात ह।
7 बाढ़ पिरेम क नाहीं बूझाइ सकत।
नदियन एका नीचा नाहीं कइ सकत।
अगर कउनो मनई पिरेम आपन सारा धन देकर खरीदइ चाही,
तउ पर भी ओकर धन बेकार ही समुझा जाब।
ओकरे भाइयन क बचन
8 हमार एक छोटकी बहिन अहइ,
जेकर चूची अबहिं फूटी नाहीं।
हमका का करइ चाही
जउने दिन ओकर सगाई होइ?
9 अगर उ देवार अहइ तउ
मइँ ओह पइ चाँदी क मीनार बनाइ देब।
अगर उ दुअर अहइ
तउ मइँ ओकरे पइ देवदारू क मुल्यवान पल्ला लगाइ देब।
ओकर आपन भाइयन क जवाब
10 मइँ परकोट हउँ
अउर मोर चूची गुम्बद जइसे अहइँ।
तउ मइँ ओकरे बरे सान्ति क दाता हउँ।
मनसेधू क बचन
11 बाल्हामोन मँ सुलैमान क अंगूरे क बगिया रही।
उ आपन बाग क रखवारी बरे दइ दिहस।
हर रखवारा ओकरे फलन क बदले मँ
चाँदी क एक हजार सेकेल लिआवत रहा।
12 मुला सुलैमान, मोर आपन अंगूर क बाग मोरे बरे अहइ।
हे सुलैमान, मोरी चाँदी क एक हजार सेकेल सब तू ही रख ल्या,
अउर इ सबइ दुइ सौ सेकेल ओन लोगन बरे अहइँ। जउन खेतन मँ फलन क रखवारी करत हीं।
मनसेधू क बचन मेहरारू बरे
13 तू जउन बागे मँ रहति अहा,
मोरे मित्र तोहार आवाज़ धियानपूवर्क सुनत अहइँ;
मोका भी सुनइ दया!
मेहरारू क बचन मनसेधू बरे
14 मोर प्रियतम, हाली आवा!
महकत द्रव्यन क पहाड़े पइ चिकारे या जवान हरिन जइसा बनि जा!
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.