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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
1 राजा 22

मीकायाह अहाब क चितउनी देत ह

22 अगले दुइ बरिस क भीतर इस्राएल अउ अराम क बीच सान्ति रही। तब तीसरे बरिस यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहाब स भेंटइ गवा।

इ समइ अहाब अपने अधिकारियन स पूछेस, “तू पचे जानत ह कि अराम क राजा गिलाद मँ रामोत क हम स लइ लिहे रहा। हम लोग रामोत वापस लेइ क कछू भी जतन काहे नाहीं किहा? इ हम लोगन क नगर होइ चाही।” एह बरे अहाब यहोसापात स पूछेस, “का आप हमरे संग आउब अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करब?” भेंटइ बरे तैयार अहइँ।

यहोसापात जवाब दिहस, “हाँ, मइँ तोहार साथ देब। मोर फउजी अउर मोर घोड़न तोहरी फउज क संग भेंटइ बरे तैयार अहइ। किन्तु पहिले हम लोगन क यहोवा स सलाह लेइ चाही।”

एह बरे अहाब नबियन क एक बैठक बोलाएस। उ समइ लगभग चार सौ नबी रहेन। अहाब नबियन स पूछेस, “का मइँ जाउँ अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करउँ? या मइँ कउनो दूसर अवसर क प्रतीच्छा करउँ?”

नबियन जवाब दिहन, “तोहका अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय पावइ देइ।”

किन्तु यहोसापात कहेस, “का हिआँ यहोवा क नबियन मँ स कउनो दूसर नबी अहइ? जदि कउनो अहइ तउ हम क ओहसे पूछइ चाही कि परमेस्सर का कहत ह।”

राजा अहाब जवाब दिहस, “एक दूसर नबी अहइ। उ यिम्ला क पूत मीकायाह अहइ। किन्तु ओहसे मइँ घिना करत हउँ। जब कबहुँ उ यहोवा क बारे मँ बतावत ह, उ मोर बारे मँ कछू नीक नाहीं बल्कि बुरा कहत ह। उ सदा ही उहइ कहत ह जेका मइँ पसन्द नाहीं करत।”

यहोसापात कहेस, “राजा अहाब, तोहका इ सबइ बातन नाहीं कहइ चाही।”

एह बरे राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ एक स कहेस जा अउर मीकायाह क जल्दी खोज के लिआवा।

10 उ समइ दुइनउँ राजा अपनी राजसी पोसाक पहिरे रहेन। उ पचे सिंहासने पइ बइठे रहेन। इ सोमरोन क दुआर क लगे निआव करइ क जगह पइ रहा। सबहिं नबी ओकरे समन्ना खड़े रहेन। उ सबइ भविस्सवाणी करत रहेन। 11 नबियन मँ स एक सिदकिय्याह नाउँ क मनई रहा। इ कनान क पूत रहा। सिदकिय्याह कछू लोहा क सींगन बनाएस। तब उ अहाब स कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘तू लोहा एन सींगन क उपयोग अराम क फउज क खिलाफ लड़इ मँ करब्या। तू ओनका हरउब्या अउर ओनका बर्बाद करब्या।’” 12 सबहिं दूसर नबियन ओकर समर्थन किहन जउन कछू सिदकिय्याह कहेस। नबियन कहेन, “तोहार फउज अबहिं कूच करइ। ओनका रामोत मँ अरम क सेना क संग जुद्ध करइ चाही। तू जुद्ध जितब्या। यहोवा तोहका विजय देइ।”

13 जब इ होत रहा तबहिं अधिकारी मीकायाह क हेरइ गवा। अधिकारी मीकायाह क हेर निकारेस अउर ओहसे कहेस, “सबहिं दूसर नबियन कहेन ह कि राजा क जुद्ध जीतब तोहका भी इ कहइ चाही अउर तोहका राजा क बारे मँ अच्छी बातन क भविस्सबाणी करइ चाही।”

14 किन्तु मीकायाह जवाब दिहस, “नाहीं! मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ सिरिफ परमेस्सर क सक्ती क बारे मँ उहइ कहब जउन कहइ बरे यहोवा कहेस ह!”

15 तब मीकायाह राजा अहाब क समन्वा खड़ा भवा। राजा ओहसे पूछेस, “मीकायाह, का मोका अउर राजा यहोसापात क अपनी फउजन एक कइ लेइ चाही? अउर का हम क अराम क फउज स रामोत मँ जुद्ध करइ बरे जाइ चाहीं?”

मीकायाह जवाब दिहस, “हाँ! तोहका जाइ चाही अउर ओनसे अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय स आसिस देइ।”

16 किन्तु अहाब पूछेस, “तू यहोवा क सक्ती स नाहीं बतावत अहा। तू अपनी निजी बात कहत अहा। एह बरे मोहसे फुर कहा। केतनी दाईं मोका तोहसे कहइ क पड़ी? मोहसे उ कहा जउन यहोवा कहत ह।”

17 एह बरे मीकायाह जवाब दिहेस, “मइँ जउन कछू होइ, लखि सकत हउँ। इस्राएल क फउज पहाड़ियन मँ बिखर जाइ। उ पचे ओन भेड़न क तरह होइहीं जेनकर कउनो भी संचालक न होइ। इहइ यहोवा कहत ह: ‘एन मनइयन क अगुवाइ कउनो नाहीं करइ। ओनका घर जाइ चाही अउर जुद्ध नाहीं करइ चाही।’”

18 जब अहाब यहोसापात स कहेस, “लख ल्या। मइँ तोहका बताए रहेउँ। इ नबी मोरे बारे मँ कबहुँ कउनो नीक बात नाहीं कहत। इ सदा उहइ बात कहत ह जेका मइँ सुनइ नाहीं चाहत।”

19 किन्तु मीकायाह यहोवा क माध्यम बना कहत ही रहा। उ कहेस, “सुना! इ सबइ उ सबइ सब्द अहइँ जेनका यहोवा कहेस ह! मइँ यहोवा क सरग मँ अपने सिंहासने पइ बइठा लखेउँ। ओकर दूत ओकरे दाई अउर बाई ओर खड़ा रहेन। 20 यहोवा कहेस, ‘तू पचन मँ स कउन राजा अहाब क चकमा दइ सकत ह? मइँ ओका रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करइ क बरे जाइ देइ चाहत हउँ। तब उ मारा जाइ।’ अलग-अलग सरगदूतन अलग-अलग सुझाव दिहेन। 21 तब एक ठु सरगदूत यहोवा क लगे गवा अउर उ कहेस, ‘मइँ ओका चकमा देब।’ 22 यहोवा पूछेस, ‘तू राजा अहाब क चकमा कइसे देब्या?’ सरगदूत जवाब दिहस, ‘मइँ ओकर सबइ नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाला आतिमा होइ जाब। मइँ नबियन क अहाब स झूठ बोलाउब नबियन क सँदेसन झूठ होइहीं।’ एह बरे यहोवा कहेस, ‘बहोत अच्छा। जा अउर राजा अहाब क चकमा द्या। तू सफल होब्या।’”

23 मीकायाह अपनी कथा पूरी किहस। तब उ कहेस, “एह बरे हिआँ इ सब भवा। यहोवा तोहरे नबियन स तोहका लबार बोलवाइ दिहस ह। यहोवा खुद निर्णय लिहस ह कि तोह पइ बड़की परेसानी लिआवइ।”

24 तब सिदकिय्याह नबी मीकायाह क लगे गवा। सिदकिय्याह मीकायाह क मुँहे पइ मारेस। सिदकिय्याह कहेस, “का तू फुरइ पतियात अहा कि यहोवा क सक्ती मोका तजि दिहस ह अउर तोहरे माध्यम स बात करत अहइ।”

25 मीकायाह जवाब दिहस, “हाली ही बिपद आइ। उ समइ तू पराब्या अउर एक छोटके कमरे मँ छिपब्या अउर तब तू समुझब्या कि मइँ फुर कहत हउँ।”

26 तब राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क मीकायाह क बन्दी बनावइ क आदेस दिहस। राजा अहाब कहेस, “एका बन्दी बनाइ ल्या अउर एका नगर क प्रसासक आमोन अउर राजकुमार योआस क लगे लइ जा। 27 ओनसे कहा कि मीकायाह क बन्दीघर मँ डाइ द्या। ओका खाइ क सिरिफ रोटी अउर पानी द्या। ओका हुवाँ तब तलक राखा जब तलक मइँ जुद्ध स घरे न आइ जाउँ।”

28 मीकायाह जोर स कहेस, “आप सबहिं लोग सुनई जउन मइँ कहत हउँ। राजा अहाब, जदि तू जुद्ध स घरे जिअत लउटि अउब्या, तउ एकर अरथ होइ कि यहोवा मोर जरिया स नाहीं बोले रहा।”

29 तब राजा अहाब अउ राजा यहोसापात जुद्ध मँ अराम क फउज स जुद्ध करइ गएन। इ गिलाद नाउँ क पहँटा मँ रहा। 30 अहाब यहोसापात स कहेस, “हम जुद्ध क तैयारी करब। मइँ अइसे ओढ़ना पहिरब जउन मोका अइसा रुप देइहीं कि मइँ अइसा लगब कि मइँ राजा नाहीं अहउँ। किन्तु तू अपने बिसेस ओढ़ना पहिरा जेहसे तू अइसे लगा कि तू राजा अहा।” इ तरह इस्राएल क राजा जुद्ध क सुरुआत उ मनई क तरह ओढ़ना पहिरके किहन जउन राजा न होइ।

31 अराम क राजा क लगे बत्तीस रथ-सेनापति रहेन। उ राजा एन बत्तीस रथ-सेनापतियन क आदेस दिहस कि उ पचे इस्राएल क राजा क खोज निकारइँ अउर ओका मार डाइँ। उ कहेस कि, “इस्राएल क राजा क इलावा कउनो क संग जिन लड़ा चाहे उ महत्वपूर्ण अहइ या नाहीं।” 32 एह बरे जुद्ध क बीच सेनापतियन राजा यहोसापात क लखेन। सेनापतियन समुझेन कि उहइ इस्राएल क राजा अहइ। एह बरे उ पचे ओका मारइ गएन। यहोसापात चिचिआब सुरू किहस। 33 सेनापतियन समुझ लिहन कि उ राजा अहाब नाहीं अहइ। एह बरे उ पचे ओका नाहीं मारेन।

34 मुला एक ठु फउजी हवा मँ बाण छोड़ेस, उ कउनो खास मनई क आपन लछ्य नाहीं बनावत रहा। किन्तु ओकर बाण इस्राएल क राजा अहाब क जाइ लगा। बाण राजा क उ छोटी जगह मँ भेदेस, जउन तने क हींसा ओकरे कवच स नाहीं ढका रहा। एह बरे राजा अहाब अपने सारथी स कहेस, “मोका एक ठु बाण भेद दिहेस ह। इ छेत्र स रथे क बाहेर लइ चला। हम क जुद्ध स दूर निकरि जाइ चाही।”

35 फउज लगातार जुद्ध करत रहिन। राजा अहाब अपने रथे मँ ठहरा। उ रथ क टेक क सहारा निहुरा भवा रहा। उ अराम क फउज क लखत रहा। ओकर खून खाले बहत रहा अउर उ रथ क तले क ढाँपि लिहस। पाछे, साँझ क राजा मर गवा। 36 साँझ क समइ इस्राएल क फउज क सबहिं मनसेधुअन अपने नगर अउर प्रदेस वापस लउटइ क आदेस दीन्ह गवा।

37 एह बरे राजा अहाब इ तरह मरा। कछू मनई ओकरे ल्हास क सोमरोन लइ आएन। उ पचे ओका हुँवइ दफनाइ दिहन। 38 लोग अहाब क रथे क सोमरोन मँ एक तालाब मँ धोएन, जहाँ रंडियन नहावत हीं। कूकुर राजा अहाब क खून क ओकर रथ स चाटेन। इ सबइ बातन वइसे वइसे ही भइन जइसा यहोवा होइ क कहे रहा।

39 अपने राज्जकाल मँ अहाब जउन कछू किहस उ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ। उहइ किताब मँ राजा अपने महल क जियादा सुन्नर बनावइ बरे जउने हाथी-दाँत क उपयोग किहे रहा, ओकरे बारे मँ कहा गवा ह अउर उ किताबे मँ ओन नगरन क बारे मँ लिखा गवा ह। जेका उ बनाए रहा। 40 अहाब मरा, अउर अपने पुरखन क लगे दफनाइ दीन्ह गवा। ओकर पूत अहज्याह राजा बना।

यहूदा क राजा यहोसापात

41 इस्राएल क राजा अहाब क चउथे बरिस। यहोसापात यहूदा क राजा भवा। यहोसापात आसा क पूत रहा। 42 यहोसापात जब राजा भवा तब उ पैंतीस बरिस क रहा। सिल्ही क बिटिया अजूबा यहोसापात क महतारी रही। उ यरूसलेम मँ पचीस बरिस तलक सासन किहे रहेन। 43 यहोसापात नीक मनई रहा। उ उ सबइ चिजियन क किहेस जउन ओकर बाप किहे रहेन अउर ओका करइ मँ दृढ़ रहेन। उ उहइ किहेन जेका यहोवा नीक समुझत ह। किन्तु यहोसापात ओन जगहन क बर्बाद नाहीं किहस। लोग ओन जगहन पइ बलि-भेंट करब अउर सुगन्धि बारब जारी रखेन।

44 यहोसापात इस्राएल क राजा क संग एक सान्ति-सन्धि किहेस। 45 यहोसापात बहोत वीर रहा अउर उ कई जुद्ध लड़ा। जउन कछू उ किहेस उ, यहूदा क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।

46 यहोसापात मन्दिर क ओन पुरुस अउर स्त्री पतूरिया क मन्दिर स ज़बरदस्ती बाहेर निकारेस। ओन मनइयन ओन मन्दिर मँ तब सेवा किहे रहेन जब ओकर बाप आसा राजा रहा।

47 इ समइ क बीच एदोम देस क कउनो राजा नाहीं रहा। उ देस एक ठु प्रसासक क जरिये सासित होत रहा। प्रसासक यहूदा क राजा क जरिये चुना जात रहा। यहोसापात क समुद्री बेड़ा

48 राजा यहोसापात अइसे समुद्री जहाजन क बनाएस जउन सामानन क ढोवत रहेन। उ चाहत रहेन कि ओकर जहाज ओपीर प्रदेस स सोना लिआवइ। किन्तु जहाजन ओकर ग्रह-बन्दरगाह एस्योनगेबेर मँ बर्बाद होइ गएन। 49 इस्राएल क राजा अहज्याह यहोसापात क मदद देइ क न्योता दिहेन। अहज्याह यहोसापात स कहे रहा कि उ कछू अइसे मनइयन क अपने मनइयन क संग ल्या जउन जहाजी कामे मँ होसियार अहइँ। किन्तु यहोसापात अहज्याह क मनइयन क अंगीकार करइ स इन्कार कइ दिहस।

50 यहोसापात मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। उ दाऊद नगर मँ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। तब ओकर पूत यहोराम राजा बना।

इस्राएल क राजा अहज्याह

51 अहज्याह अहाब क पूत रहा। उ इस्राएल क राजा यहोसापात क यहूदा पइ राज्जकाल क सत्रहवें बरिस मँ राजा बना। अहज्याह सोमरोन मँ दुइ बरिस राज्ज किहस। 52 अहज्याह यहोवा क बिरुद्ध पाप किहस। उ उ सबइ ही पाप किहस जउन ओकर बाप अहाब ओकर महतारी ईज़ेबेल अउ नबात क पूत यारोबाम किहे रहा। इ सबइ सबहिं सासक इस्राएल क लोगन क अउर जियादा पाप कइँती लइ गएन। 53 अहज्याह अपने स पहिले अपने बाप क समान लबार देवता बाल क पूजा अउर सेवा किहेन। एह बरे अहज्याह यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क बहोत जियादा किरोधित किहस। यहोवा अहज्याह पइ वइसा ही कोहाइ गवा जइसा ओकरे पहिले उ ओकर बाप पइ कोहान रहा।

दूसर इतिहास 18

मीकायाह राजा अहाब क चिताउनी देत ह

18 यहोसापात क लगे सम्पत्ति अउ सम्मान रहा। उ राजा अहाब क संग बियाह क जरिये एक ठु सन्धि किहस। कछू बरिस पाछे, यहोसापात सोमरोन नगर मँ अहाब स भेंटइ गवा। अहाब बहोत स भेड़िन अउर गोरुअन क बलि यहोसापात अउ ओकरे संग क मनइयन क बरे चढ़ाएस। अहाब यहोसापात क गिलाद क रामोद नगर पइ हमला बरे प्रोत्साहित किहस। अहाब यहोसापात स कहेस, “का तू मोरे संग गिलाद क रामोत पइ हमला करइ चलब्या?” अहाब इस्राएल क अउर यहोसापात यहूदा क राजा रहा। यहोसापात अहाब क जवाब दिहस, “मइँ तोहरि तरह हउँ अउर हमरे लोग तोहरे लोगन क तरह अहइँ। हम जुद्ध मँ तोहार साथ देब।” यहोसापात अहाब स इ कहेस, “आवा, पहिले हम यहोवा स सँदेसा प्राप्त करी।”

एह बरे अहाब चार सौ नबियन क बटोरेस। अहाब ओनसे कहेस, “का हम क गिलाद क रामोत नगर क बिरुद्ध जुद्ध मँ जाइ चाही या नाहीं?”

नबियन अहाब क उत्तर दिहन, “जा, काहेकि यहोवा गिलाद क रामोत क तोहका पराजित करइ देइ।”

किन्तु यहोसापात कहेस, “का कउनो हिआँ यहोवा क नबी अहइ? हम लोग ओकरे नबियन मँ स एक क जरिये यहोवा स पूछइ चाहित ह।”

तब राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “हिआँ हमार लगे सिरिफ एक मनई अहइ। हम ओकरे माध्यम स यहोवा क पूछ सकित ह। किन्तु मइँ इ मनई स घिना करत हउँ काहेकि इ कबहुँ मोका यहोवा स कउनो अच्छा सँदेसा नाहीं दिहस। इ सदा ही बुरा सँदेसा मोरे बरे दिहस ह। इ आदमी क नाउँ मीकायाह अहइ। जउन कि यिम्ला क पूत अहइ।”

किन्तु यहोसापात कहेस, “अहाब, तोहका अइसा नाहीं कहइ चाही।”

तब इस्राएल क राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क बोलाएस अउ कहेस, “हाली करा, यिम्ला क पूत मीकायाह क हिआँ लिआवा।”

इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात अपने राजसी ओढ़ना पहिर रखे रहेन। उ पचे अपने सिंहासनन पइ खरिहान मँ सोमरोन नगर क सम्मुख दुआरे क निचके बइठे रहेन। उ सबइ चार सौ नबी आपन सँदेसा दुइनउँ राजा लोगन क समन्वा देत रहेन। 10 कनान क पूत सिदकिय्याह लोहा क कछू सींगन बनाएस। सिदकिय्याह कहेस, “इहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: ‘तू लोग लोहे क सींगन क उपयोग तब तलक अस्सूर क लोगन मँ घोंपइ क बरे करब्या जब तलक उ पचे नस्ट न होइ जाइँ।’” 11 सबहिं नबियन इहइ बात कहेन। उ पचे कहेन, “गिलाद क रामोत नगर क जा। तू लोग सफल होब्या अउर जितब्या। यहोवा राजा अउ अस्सूर क लोगन क हरावइ देइ।”

12 जउन दूत मीकायाह क लिआवइ गवा रहा उ ओहसे कहेस, “मीकायाह, मोका, सबहिं नबी एक ही बात कहत रहत हीं। उ पचे कहत रहत हीं कि राजा क कामयाबी मिली। एह बरे उहइ कहा जउन उ पचे कहत रहत हीं। तू भी अच्छी बात कहा।”

13 किन्तु मीकायाह जवाब दिहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया मइँ उहइ कहब जउन मोर परमेस्सर कहत ह।”

14 तब मीकायाह राजा अहाब क लगे आवा। राजा ओहसे कहेस, “मीकायाह, का हम क जुद्ध करइ बरे गिलाद क रामोत नगर क जाइ चाही या नाहीं?”

मीकायाह कहेस, “जा अउर हमला करा। यहोवा तोहका ओन लोगन क हरावइ देइ।”

15 राजा अहाब मीकायाह स कहेस, “कइउ दाई मइँ तोहसे प्रतिग्या करवाई रही कि तू यहोवा क नाउँ पइ मोका सिरिफ फुरइ बतावा।”

16 तब मीकायाह कहेस, “मइँ इस्राएल क सबहिं लोगन क पहाड़न पइ बिखेर भए लखेउँ। उ पचे गड़रियन क बिना भेड़ी क नाई रहेन। यहोवा कहेस, ‘ओनकर कउनो नेता नाहीं अहइ। हर एक मनई क ओकरे घरे मँ सुरच्छित लउटइ द्या।’”

17 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ कहे रहेउँ कि मीकायाह मोरे बरे यहोवा स बढ़िया सँदेसा नाहीं पाइ। उ मोरे बरे सिरिफ बुरे सँदेसा रखत ह।”

18 मीकायाह कहेस, “यहोवा क सँदेसा सुना: मइँ यहोवा क अपने सिंहासने पइ बइठे लखेउँ। सरग क पूरी फउज ओकरे चारिहुँ कइँती खड़ी रही। कछू ओकरे दाहिन कइँती अउर कछू ओकरे बाईं कइँती। 19 यहोवा कहेस, ‘इस्राएल क राजा अहाब क कउन बहकाएस? जेहसे उ गिलाद क रामोत नगर पइ हमला करब अउर उ हुवाँ मार दीन्ह देब?’ यहोवा क चारिहुँ कइँती खड़े अलग-अलग अतिमा अलग-अलग मस्वरा दिहन। 20 तब एक आतिमा आइ अउर उ यहोवा क समन्वा खड़ी भइ। उ आतिमा कहेस, ‘मइँ अहाब क धोखा देब।’ यहोवा आतिमा स पूछेस, ‘कइसे?’ 21 उ आतिमा जवाब दिहस, ‘मइ बाहेर जाब अउर अहाब क नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाली आतिमा बनब’ अउर यहोवा कहेस, ‘तोहका अहाब क धोखा देइ मँ कामयाबी मिली। एह बरे जा अउर एका करा।’

22 “अहाब, अब धियान द्या, यहोवा तोहरे नबियन क मुँहे मँ झूठ बोलइवाली आतिमा प्रवेस कराएस ह। यहोवा कहेस ह कि तोहरे संग बुरा घटी।”

23 तब सिदकिय्याह मीकायाह क लगे गवा अउर ओकरे मुँहे पइ मारेस। कनाना क पूत सिदकिय्याह कहेस, “मीकायाह, यहोवा क आतिमा मोका तजिके तोहसे बातचीत करइ कइसे आइ?”

24 मीकायाह जवाब दिहस, “सिदकिय्याह, तू उ दिन एका जनब्या जब तू एक भीतरी घरे मँ छुपइ जाब्या।”

25 तब राजा अहाब कहेस, “मीकायाह क ल्या अउर ऍका नगर क प्रसासक आमोन अउ राजा क पूत योआस क लगे पठइ द्या। 26 आमोन अउ योआस स कहा, ‘राजा इ कहत हीं: मीकायाह क बन्दीघरे मँ डाइ द्या। ओका सेटी अउ पानी क अलावा तब तलक कछू खाइ क जिन द्या जब तलक मइँ जुद्ध स सुरच्छित न लउटउँ।’”

27 मीकायाह जवाब दिहस, “अहाब, जदि तू जुद्ध स सुरच्छित लउटि आवत ह तउ यहोवा मोरे जरिये नाहीं कहेस ह। तू सबहिं लोग सुना अउर मोरे बचन क याद रखा।”

अहाब गिलाद क रामोद मँ मारा गवा

28 एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात गिलाद क रामोत नगर पइ हमला किहस। 29 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ जुद्ध मँ जाइ क पहिले आपन रुप बदल देब। किन्तु तू अपना राजवस्त्र ही पहिरा।” एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अपना रुप बदल दिहस अउर दुइनउँ राजा जुद्ध मँ गएन।

30 अराम क राजा अपने रथन क रथपतियन क आदेस दिहस। उ ओनसे कहेस, “कउनो भी मनइ स चाहे उ बड़ा फउज होइ या छोट फउज होइ ओहसे जुद्ध जिन करा। किन्तु सिरिफ इस्राएल क राजा अहाब स जुद्ध करा।” 31 जब रथपतियन यहोसापात क लखेन उ पचे सोचेन, “उहइ इस्राएल क राजा अहाब अहइ।” उ पचे यहोसापात पइ हमला करइ क बरे ओकरी कइँती मुड़ेन। किन्तु यहोसापात उद्घोस किहस अउर यहोवा ओकर मदद किहस। परमेस्सर रथपतियन क यहोसापात क समन्वा स दूर मुड़ जाइ दिहस। 32 जब उ पचे समुझेन कि यहोसापात इस्राएल क राजा नाहीं अहइ उ पचे ओकर पाछा करब छोड़ दिहन।

33 किन्तु एक फउजी स बिना कउनो लच्छ बेध क धनुस स बाण छूट गएन। उ बाण इस्राएल क राजा अहाब क बेध दिहस। इ, अहाब क कवच क खुले आग मँ बेधेस। अहाब अपने रथे क सारथी स कहेस, “पाछे मुड़ा अउर मोहसे जुद्ध स बाहेर लइ चला। मइँ घायल होइ गवा अहउँ।”

34 उ दिन जुद्ध घमासान होइ गवा। इस्राएल क राजा आपन रथ मँ अरामियन क सामना करत भए साँझ तलक अपने क सँभारे रखेस। तब अहाब सूरज बूड़ाइ पइ मर गवा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.