Chronological
इस्राएल परमेस्सर क खास उपवन
5 अब मइँ आपन मीत बरे एक ठु गीत गाउब। इ गीत मोरे मीत क अंगूर क बागीचा क बारे मँ अहइ।
ओकरे लगे अंगूर क इ बागीचा
बहोत उपजाऊ पहाड़ी पइ अहइ।
2 मोर मीत धरती खोदेस
अउ काँकड़ पाथर हटाइके ओका साफ किहेस
अउर हुवाँ पइ अंगूरे क उत्तिम बेलन रोपि दिहस।
फुन खेत क बीच मँ उ अंगूर क रस निकारइ क कुण्ड बनाएस।
मीत क आसा रही कि हुवाँ उत्तिम अंगूर होइहीं।
किन्तु हुवाँ जउन अंगूर लाग रहेन उ सबइ बुरा रहेन।
3 तउ परमेस्सर कहेस: “हे यरूसलेम क लोगो, अउर यहूदा क बसइयो,
मोर अउ मोरे अंगूर क बाग क बारे मँ निर्णय करा।
4 मइँ अउर क आपन अंगूर क बाग क बरे कइ सकत रहेउँ?
मइँ उ सब किहेउँ जउन कछू भी मइँ कइ सकत रहेउँ।
मोका उत्तिम अंगूरन क लगइ क आसा रही,
किन्तु हुवाँ अंगूर बुरे ही लागेन।
इ अइसा काहे भवा?
5 “अब मइँ तोहका बताउब कि आपन अंगूर क बगीचा बरे मइँ का कछू करउँ:
उ कँटेहरी झाड़ी जउन खेते क रच्छा करत ह
मइँ उखाड़ि देब,
अउर ओन झाड़ियन क आगी मँ बारि देबउँ।
पाथर क परकोटा तोड़िके भहराइ देब।
बगिया क रौंदि दीन्ह जाइ।
6 मइँ अंगूरे क बगीचे क खाली खेते मँ बदली देबउँ।
कउनो पउधन क काटा-छाँटा नाहीं जाइ
अउर नाहीं कुदाल स मिटी क खोदी जाइ।
ऍह बरे हुवाँ सिरिफ काँटा
अउर खरपतवार उगीहीं।
मइँ बादरन क आदेस देब कि उ सबइ हुवाँ न बरिसइँ।”
7 सर्वसक्तीसाली यहोवा क अंगूरे क बगीचा इस्राएल क रास्ट्र अहइ, अउर अंगूरन क बेलन यहूदा क राजा अहइँ।
यहोवा निआव क आसा किहे रहा,
किन्तु हुवाँ हत्तिरा दबदबा रही।
यहोवा निस्पच्छता क आसा किहस,
किन्तु हुवाँ बस मदद माँगइवालन क रोना रहा जेनके संग जुल्म कीन्ह गवा रहा।
8 सराप ओनका जउन मकान दर मकान लेत ही चला जात हीं अउर एक खेत क पाछे दूसर खेत अउर दूसर क पाछे तीसर खेत तब तलक घेरत ही चला जात हीं जब तलक कउनो अउर बरे कछू भी जगह नाहीं बची रहत। अइसे लोगन क इ भूइँया मँ अकेले ही रहइ पड़ी। 9 सर्वसक्तीसाली यहोवा क मइँ मोहसे इ कहत भए सुना ह, “अब लखा हुवाँ बहोत सारे भवन अहइँ किन्तु मइँ तोहसे कसम लइके कहत हउँ कि उ सब सबहिं भवन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। अबहिं हुवाँ बड़के बड़के भव्य भवन अहइँ किन्तु उ सबइ भवन उजड़ जइहीं। 10 उ समय दस एकड़ भुइँया क अंगूरन स एक ही बेरल दाखरस तइयार होइ, अउर दस बोरी बिअन स एक बोरी अनाज पइदा होइ।”
11 तू पचन्क धिक्कार अहइ, तू लोग अलख भिन्सारे उठत ह अउर अब सराब पिअइ क ताक मँ रहत ह। राति क देर तलक जागत भए दाखरस पिअके धुत होत अहा। 12 तू आपन प्रतिभोज मँ दाखरस पीअत ह अउर वीणा, ढोल, बाँसुरी अउर अइसे ही दूसर बाजन यत्रं स संगीत सुनत ह तू पचे ओन बातन पइ दृस्टि नाहीं डउत्या जेनका यहोवा किहस ह! तू उ चिजियन क भी नाहीं लखेस ह जेका यहोवा आपन हाथन स बनाएस ह। ऍह बरे तू लोगन बरे इ बहोत बुरा होइ।
13 यहोवा कहत ह, “मोरे लोगन क बंदी बनाइके कैदी क रूप मँ लइ जावा जाइ, काहेकि उ पचे मोका नाहीं जानतेन। अउ महत्वपूर्ण लोग भूख स झूझत रही। अउर आम लोग बहोत पियासा होइ जइहीं। 14 फुन ओनकर मउत होइ जाइ अउर सियोल, जियादा स जियादा लोगन क निगलि जाइ। मउत क उ प्रदेस आपन असीम मुँह पसारी अउर उ पचे सबहिं महत्वपूर्ण अउर साधारण लोग अउर हुल्लड़ मचावत उ पचे सबहिं खुसियन मनावत अउर सियोल मँ धँसि जइहीं।”
15 ओन लोगन क नीच देखाँवा जाइ। उ सबइ बड़के लोग आपन मूँड़ नीचे लटकाए धरती कइँती लखिहीं। 16 सर्वसक्तीसाली यहोवा निआव क संग निर्णय देइ, अउर लोग जान लेइहीं कि उ महान अहइ। पवित्तर परमेस्सर ओन बातन क करी जउन उचित अहइँ, अउर लोग ओका आदर देइहीं। 17 इस्राएल क लोगन स परमेस्सर ओनका आपन देस छोड़वाइ देइ। धरती वीरान होइ जाइ। भेड़िन जहाँ चइहीं, चली जइहीं। उ धरती जउन कबहुँ धनवान लोगन क रही, ओह पइ भेड़िन घूमा करिहीं।
18 ओन लोगन क बुरा होइ, उ पचे आपन अपराध अउर आपन पापन क आपन पाछे अइसे ढोवत अहइँ जइसे लोग रस्सन स छकड़न हींचत हीं। 19 ओह, तू कहत हीं, “ओका उ हाली करी द्या जे उ करइ बरे जात अहा, ताकि हम एकॉ लख सकत हीं! यहोवा जउन चाहत ह ओका होइ द्या ताकि हम जान सकि कि असल मँ इ का अहइ!”
20 ओन लोगन क बुरा होइ जउन कहा करतेन कि अच्छी बातन बुरी अहइँ, अउर बुरी बातन अच्छी अहइँ। उ सबइ लोग सोचा करत हीं कि प्रकास अँधेरा बाटइ, अउर अँधेरा प्रकास अहइ। ओन लोगन क विचार अहइ कि कड़ुवा, मीठ अहइ अउर मीठ कड़ुवा अहइ। 21 बुरा होइ ओन अभिमानियन क जउन खुद क बहोत चतुर मानत हीं। वे पचे सोचा करत हीं कि उ पचे बहोत बुद्धिमान अहइ। 22 बुरा होइ ओनकर जउन दाखरस पिअइ बरे जाना माना जात हीं। दाखरस क मिस्रन मँ जेनका कुसलता हासिल अहइ। 23 अउर यदि तू पचे ओन लोगन क रिस्वत दइ द्या तउ उ पचे एक अपराधी क भी छोड़ देइहीं। किन्तु उ पचे अच्छे मनई क भी निस्पच्छता स निआव नाहीं होइ देतेन। 24 अइसे लोगन क साथ बुरी बातन घटिहीं। ओनकर सन्तान पूरी तरह वइसे ही बर्बाद होइ जइहीं जइसे घास फूस आगी मँ बारि दीन्ह जात हीं। ओनकर सन्तान उ कंद मूल क तरह नस्ट होइ जइहीं जउन मरिके धूरि बन जात ह। ओनकर सन्तान अइसे बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं जइसे आगी फूलन क बारि डावत ह अउर ओकर राखी हवा मँ उड़ि जात ह।
अइसे लोग सर्वसक्तीसाली यहोवा क उपदेसन क पालन करइ स इन्कार कइ दिहन ह। ओ लोग इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क कथन स बइर किहन ह। 25 एह बरे यहोवा आपन लोगन स बहोत जियादा कोहाइ गवा ह। यहोवा आपन हाथ उठाएस अउर ओनका दण्ड दिहस। हिआँ तक कि पर्वत भी डेराइ ग रहेन। गलियन मँ कूड़न क तरह ल्हासन बिछी पड़ी रहिन। किन्तु यहोवा अबहिं भी कोहान अहइ। ओकर हाथ लोगन क दण्ड देइ बरे अबहिं भी उठा भवा बाटइ।
इस्राएल क सजा देइ बरे परमेस्सर फउजन लिआइ
26 लखा! परमेस्सर दूर देसन क लोगन क संकेत देत अहइ। परमेस्सर एक ठु झण्डा उठावत अहइ, अउर ओन लोगन क बोलावइ बरे सीटी बजावत अहइ।
कउनो दूर देस स दुस्मन आवत अहइ। उ दुस्मन हाली ही देस मँ घुसि आइ। उ पचे बड़ी तेजी स अगवा बढ़त अहइँ। 27 दुस्मन कबहुँ थका नाहीं करत या कबहुँ नीचे नाहीं गिरत। दुस्मन कबहुँ न तउ ओंघात ह अउर न ही सोवत ह। ओनकर हथियारन क कमर बंद सदा कसा रहत हीं। ओनकर जूतन क तस्मन कबहुँ टूटतेन नाहीं ह। 28 दुस्मन क बाण पैना अहइँ। ओनकर सबहिं धनुस बाण छोड़इ बरे तइयार अहइँ। ओनकर घोड़न क खुर चट्टानन जइसे कठोर अहइँ। ओनकर रथन क पाछे धूरि क बादर उठा करत हीं।
29 दुस्मन गरजत ह, अउर ओनकर गरजब सेर क दहाड़ क जइसा अहइ। उ ऍतना तीव्र अहइ जेतना जवान सेर क गरजब। दुस्मन जेनके खिलाफ जुद्ध करत अहइ ओनके ऊपर गुर्गत ह अउर ओन पइ झपट पड़त ह। उ ओनका हुवाँ स घसीट लइ आवत ह अउर हुवाँ बचावइवाला कउनो नाहीं होत। किन्तु ओनके बच पावइ क कउनो वजह नाहीं। 30 तउ, उ दिन उ “सिंह” समुद्दर क तरगन क नाई दहाड़न मारी अउर बंदी बनाए गए लोग धरती ताकत रहि जइहीं, अउर फुन हुवाँ अँधेरा अउर दुःख ही रहि जाइ। इ घने बादर मँ समूचइ प्रकास अँधेरा मँ बदलि जाइ।
यसायाह क नबी बनइ बरे परमेस्सर क बुलावा
6 जउने बरिस उज्जिय्याह क मउत भइ, मइँ आपन अद्भुत सुआमी क दर्सन किहेउँ। उ एक बहोत ऊँच सिंहासन पइ विराजमान रहा। ओकर लम्बे चोगे स मंदिर भर गवा रहा। 2 यहोवा क चारिहुँ कइँती साराप सरगदूतन खड़ा रहेन। हर साराप सरगदूतन क छ: छ: पंख रहेन। एनमाँ स दुइ पंखन क प्रयोग उ पचे आपन मुँह क ढकइ क बरे किया करत रहेन अउर दुइ पंखन क प्रयोग आपन गोड़न क ढकइ बरे करत रहेन अउर दुइ पंखन क उ पचे उड़इ क कामे मँ लिआवत रहेन। 3 हर सरगदूत दूसर सरगदूत स गोहराइ गोहराइ के कहत रहेन, “पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर सर्वसक्तीसाली यहोवा परम पवित्तर अहइ। यहोवा क महिमा सारी धरती पइ फइली अहइ।” सरगदूतन क वाणी क स्वर बहोत ऊँच रहेन। 4 सरगदूतन क आवाज स दुआरे क चौखटन हिल उठिन अउर फुन मंदिर धुआँ स भरइ लाग।
5 मइँ बहोत डेरा गएउँ। मइँ कहेउँ, “अरे, नाहीं। मइँ तउ बर्बाद होइ जाब। मइँ ओतॅना सुद्ध नाहीं हउँ कि परमेस्सर स बातन करउँ अउर मइँ अइसे लोगन क बीच रहत हउँ जउन ओतने सुद्ध नाहीं अहइँ कि परमेस्सर स बातन कइ सकइँ। किन्तु फुन भी मइँ उ राजा, सर्वसक्तीमान यहोवा क दर्सन कइ लिहेउँ ह।”
6 हुवाँ वेदी पइ आगी बरत रही। ओन साराप सरगदूतन मँ स एक उ आगी मँ स चिमटा स एक दहकत भवा कोइला उठाइ लिहेउँ। 7 तब उ दहकत भए कोइला स मोरे मुँहे क धुआइ दिहस अउर कहेस, “जब इ दहकत कोइला तोहरे ओंठन क छुइ, तउ तू जउन बुरे करम किह्या ह, उ सबइ तोहमाँ स खतम होइ जाइ अउर तोहार पाप धोइ जाइ।”
8 एकरे पाछे मइँ आपन यहोवा आवाज सुनेउँ। यहोवा कहेस, “मइँ केका पठइ सकत हउँ? हमरे बरे कउन जाइ?” तउ मइँ कहेउ, “मइँ हिआँ हउँ। मोका पठवा।”
9 फिन यहोवा बोला, “जा अउर लोगन स कहा, ‘धियान स सुना, किन्तु समुझा जिन। निआरे स लखा, किन्तु बूझा जिन।’ 10 लोगन क लोगन क समझइ क छमता क कठिन कइ द्या। ओनका सुनन मँ मुसकिल कइ देइ अउर लखइ नाहीं सकी। जदि तू अइसा नाहीं करब्या, तउ होइ सकत ह उ आपन आँखन स लखि सकत ही, आपन कानन स सुनि सकत हीं, अउर आपन हिरदइ स समुझ सकत हीं अउर तउ उ पचे पछतावा करी अउर चिकित्सा पाइ।”
11 मइँ फुन पूछेउँ, “सुआमी, मइँ अइसा कब तक करत रहउँ?”
यहोवा जवाब दिहेस, “तू तब तलक अइसा करत रहा, जब तलक देस उजरिके बर्बाद न होइ जाइ।”
12 यहोवा लोगन क दूर चले जाइ पइ मजबूर करी। इ देस मँ बड़के-बड़के छेत्र उजड़ जइहीं। 13 उ देस मँ सिरिफ दस प्रतिसत लोग ही बचा रहि जइहीं, अउर दुस्मन ओका बर्बाद करइ बरे फुन स आइ।[a] इ सबइ लोग बँझ बृच्छ क नाई होइहीं। जब उ काट दिहे जाइ अउ ओकर सिरिफ ठूँठ बचा रहि जात ह, उ ठुँठ फुन स नवा टहरी उगात ह अउर एकॉ डार बनाइ डावत ह। इ ठुँठ पवित्तर बिया स बढ़ेस ह।
आराम पइ बिपत्ति
7 आहाज, योताम क पूत रहा। योताम उज्जिय्याह क पूत रहा। ओनहीं दिनन मँ रसीन आराम क राजा भवा रहा अउर इस्राएल पइ रमल्याह क पूत पेकह राजा रहा। जउने दिनन यहूदा पइ आहाज सासन करता रहा, रसीन अउ पेकह जुद्ध बरे यरूसलेम पइ चढ़ बइठेन। किन्तु उ पचे इ सहर क हराइ नाहीं सकेन।
2 दाऊद क साही घराना क इ सँदेसा मिला, “आराम अउ इस्राएल क फउजन आपुस मँ मिली गए रहेन अउर एक संग सिबिर लगाएस ह।”
राजा आहाज जब इ खबर सुनेस तउ उ अउर ओकर प्रजा बहोत डेराइ गएन। उ पचे आँधी मँ हिलत भए जंगल क बृच्छन क नाई डर स काँपइ लागेन।
3 तबहिं यसायाह स यहोवा कहेस, “तोहका अउर तोहार पूत सार्यासूब क आहाज क लगे जाइके बतियाइ चाही। तू उ ठउरे पइ आवा, जहाँ ऊपर क तलाव मँ पानी गिरा करत ह। इ उ गली मँ अहइ जउन धोबी-घाट कइँती जात ह।
4 “आहाज स जाइके कह्या, ‘होसियार रहा, किन्तु साथ ही सान्त भी रहा। डेराअ जिन। ओन दुइनउँ मनइयन रसीन अउ रमल्याह क पूतन स जिन डेराअ। उ पचे दुइ मनई तउ बरी भइ काठन क नाई अहइँ। पहिले उ पचे दहका करत रहेन किन्तु अब उ पचे, बस धुआँ मात्र रहि ग अहइँ। रसीन, आराम अउ रमल्याह क पूत कोहान अहइँ। 5 आराम, एप्रैम क प्रदेसन अउ रमल्याह क पूत तोहरे खिलाफ सबइ योजना बनाइ रखे अहइँ। उ पचे कहेन, 6 “हमका यहूदा पइ चढ़ाई करइ चाही। हम अपने बरे ओका बाँटि लेब। हम ताबेल क पूत क यहूदा क नवा राजा बनाउब।”’”
7 मोर सुआमी यहोवा क कहब बाटइ, “ओकर योजना सफल नाहीं होइ। उ कबहुँ पूरी नाहीं होइ। 8 जब तलक दमिस्क क राजा रसीन अहइ, तब तलक इ नाहीं घटी। इस्राएल अब एक ठु रास्ट्र अहइ किन्तु पैसंठ बरिस क भीतर इ एक रास्ट्र नाहीं रही। 9 जब तलक इस्राएल क राजधानी सोमरीन अहइ अउर जब तलक सोमरोन क राजा रमल्याह क पूत बाटइ तब तलक ओनकर सबइ योजना सफल नाहीं होइहीं। जदि इ संदेस पइ तू बिस्सास नाहीं करब्या तउ लोग तोह पइ बिस्सास नाहीं करिहीं।”
इम्मानुएल – परमेस्सर हमरे संग अहइ
10 यहोवा आहाज स आपन बात जारी राखत भए कहेस, 11 यहोवा बोला, “इ सबइ बातन फुरइ अहइँ, एका खुद साबित करइ बरे कउनो संकेत माँग ल्या। तू जइसा भी चाहा वइसा संकेत माँग सकत ह। उ संकेत चाहे गहिरे मउत क पहँटा स होइ अउर चाहे आकासन स भी ऊँच कउनो ठउरे स।”
12 किन्तु आहाज कहेस, “सबूत क रूप मँ मइँ कउनो संकेत नाहीं माँगब। मइँ यहोवा क परीच्छा नाहीं लेब।”
13 तब यसायाह कहेस, “हे दाऊद क साही परिवार, होसियार होइके सुना। तू लोगन क धीरज क परीच्छा लेत अहा। का इ तोहरे बरे काफी नाहीं अहइ, अब तू मोर परमेस्सर क परीच्छा लेत अहा? 14 ऍह बरे, मोर सुआमी परमेस्सर तू पचन्क इ संदेसा देब:
लखा जवान लड़की क! उ गर्भवती अहइ।
उ एक ठु पूत क जनम देइ।
उ इ पूत क नाउँ इम्मानुएल[b] राखी।
15 इम्मानुएल दहिउ अउ सहद खाइ।
उ इहइ तरह रही जब तलक उ इ नाहीं सीख जात उत्तिम क चुनब अउर बुरे क नकारब।
16 किन्तु जब तलक उ भला क चुनब अउर बुरे क तजब जानी
एप्रैम अउ आराम क धरती उजाड़ होइ जाइ।
“आजु तू ओन दुइ राजा लोगन स डेरात अहा। 17 किन्तु तोहका यहोवा स डेराइ चाही। काहेकि यहोवा तोह पइ बिपत्ति क समय लिआवइवाला अहइ। उ सबइ विपत्तियन तोहरे लोगन पइ अउर तोहरे पचन्क पिता क परिवारे क लोगन पइ अइहीं। विपत्ति क इ समय ओन सबहिं विपत्तियन मँ जियादा बुरा होइ जउन समइ एप्रैम यहूदा स अलग भवा ह, तब स अबइ तलक घटी बाटइ। एकरे बरे परमेस्सर का करी? परमेस्सर अस्सूर क राजा क तोहसे लड़ावइ बरे लिआइ।
18 “उ समय, यहोवा ‘माखियन’ क बुलाइ। (फिलहाल उ सबइ माखियन मिस्र क जलधारन क निअरे अहइँ।) अउर यहोवा ‘मधुमाखियन’ क बुलाइ। (फिलहाल उ सबइ मधुमाखियन अस्सूर देस मँ रहत हीं।) इ सबइ दुस्मन तोहरे देस मँ अइहीं। 19 इ सबइ दुस्मन चट्टानी छेत्रन मँ, रेगिस्ताने मँ जल धारन क निअरे झाड़ियन क आस-पास अउर पानी पिअइ क जगहन क इर्द-गिर्द आपन डेरन डइहीं। 20 यहोवा यहूदा क दण्ड देइ बरे अस्सूर क प्रयोग करी। अस्सूर उस्तरा क नाई प्रयोग करी बरे भाड़े पइ लेइ जाइ। इ अइसा होइ जइसे यहोवा यहूदा क मूँड़ अउ गोड़े क बाल क मूड़न करत होइ। इ अइसा होइ जइसे यहोवा यहूदा क दाढ़ी मूँड़त होइ।
21 “उ समय, एक मनई बस एक जवान गाय अउ दुइ भेड़न ही बस जिअत रखि पाइ। 22 उ सबइ सब ऍतना दूध देइहीं जउन उ मनई क देहिउ खाइ बरे काफी होइ। उ देस मँ बाकी बचा भवा हर मनई देहिउ अउर सहद ही खावा करी। 23 आजु इ धरती पइ हर खेते मँ एक हजार अंगूरे क बेलन अहइँ। अंगूरे क हर बगिया क कीमत एक हजार चाँदी क सिक्का क बराबर अहइँ। किन्तु एन खेतन मँ खरपतवार अउर काँटन भरि जइहीं। 24 इ धरती जंगली होइ जाइ अउर ओकर प्रयोग एक सिकारघर क रूप मँ ही होइ सकी। 25 एक समय रहा जब एन पहाड़ियन पइ लोग काम किया करत रहेन अनाज पइदा करत रहेन। किन्तु उ समय लोग हुआँ नाहीं जावा करिहीं। उ धरती खरपतवारन अउर काँटन स भरि जाइ। ओन ठउरन पइ बस भेड़िन अउर मवेसी ही घूमा करिहीं।”
अस्सूर हाली ही आइ
8 यहोवा मोसे कहेस, “लिखइ बरे माटी क बड़की स तख़्ती ल्या अउर ओह पइ सुआ स इ लिखा, महेर्शालाल्हशबज (अर्थात् ‘हिआँ हाली ही लूटमार अउ चोरियन होइहीं।’”)
2 मइँ कछू अइसे लोग बटोरेउँ जिन पइ साच्छी होइ बरे बिस्सास कीन्ह जाइ सकत रहा। इ सबइ लोग रहेन याजक ऊरिय्याह जकर्याह जउन जेबरेक्याह क पूत रहा। उ लोग मोका निहारत रहेन जउन टेम मँ मइँ ऍन बातन क लखे रहेन। 3 फुन मइँ ओन नबिया क लगे गएउँ। मोर ओकरे संग संग रहइ क पाछे, उ गर्भवती भइ अउर ओकरे एक पूत भवा। तब यहोवा मोसे कहेस, “तू बेटवा क नाउँ महेर्शालाल्हशबज राखा। 4 काहेकि एहसे पहिले कि बचवा, ‘महतारी’ अउर ‘बाप’ कहब सीखइ, ओहसे पहिले ही दमिस्क अउ सोमरोन क समूचइ धनदौलत क छोरि लेइ अउर ओन वस्तुअन क अस्सूर क राजा क दइ देइ।”
5 यहोवा मोसे फुन कहेस। 6 मोर सुआमी कहेस, “इ सबइ लोग सीलोह क तालाब स सान्त पानी क लेइ स इन्कार करत हीं। इ सबइ लोग रसीन[c] अउ रमल्याह पूत क असान्त पानी क लेइ क प्राथमिकता दिहेस। 7 किन्तु एह बरे मइँ, यहोवा, अस्सूर क राजा अउर ओकर समूची सक्ति क तोहरे विरोध मँ लइके आउब। उ पचे परात नदी क खउफनाक बाढ़ क तरह अइहीं। इ अइसा होइ जइसे किनारन क तोड़त बोरत नदी उफना पड़त ह। 8 जउन पानी उ नदी स उफनिके निकरी उ यहूदा मँ भरि जाइ अउर यहूदा क प्राय: बोर देइ।
“इम्मानूएल, इ बाढ़ क पानी तब तलक फइलत चली जाइ जब तलक तोहरे पचन्क समूचइ देस मँ बाढ़ न आ जाइ।” यहोवा अपने सेवकन क रच्छा करत ह
9 हे जातियो, तू सबहिं जुद्ध बरे तइयार रहा।
तू पचन्क हराइ दीन्ह जाइ।
अरे, सुदूर क देसो, सुना,
तू सबहिं जुद्ध बरे तइयार रहा।
तू पचन्क हराइ दीन्ह जाइ।
10 आपन जुद्ध क जोजनन क रचा।
तोहार जोजनन हराइ दीन्ह जइहीं।
तू अपनी फउजन क हुकुम द्या।
तोहार उ सबइ हुकुम बेकार होइ जइहीं।
काहेकि परमेस्सर हमार संग अहइ।
यसायाह क चितउनी
11 यहोवा आपन महान सक्ति क संग मोसे कहेस। यहोवा मोका चितउनी दिहस कि मइँ एन दूसर लोगन क नाई न बनउँ। यहोवा कहेस, 12 “तू पचन क इ नाहीं सोचइ चाही कि इ सडयंत्र सिरिफ इ कारण स रचा गवा अहइँ कि लोग अइसा कहत ह! नाहीं, तू पचन क उ बातन स डेरात नाहीं चाही जे बातन स उ पचे डेरात अहइँ।”
13 तू पचन्क बस सर्वसक्तीमान यहोवा स डेराइ चाही। तू पचन्क बस उहइ क आदर करइ चाही। तू पचन्क उहइ स डेराइ चाही। 14 जदि तू पचे यहोवा क आदर रखब्या अउर ओका पवित्तर मनब्या तउ उ तोहरे पचन बरे एक ठु सुरच्छित ठउर होइ। किन्तु तू पचे ओकर आदर नाहीं करत्या। एह बरे परमेस्सर एक ठु अइसी चट्टान होइ ग अहइ जेकरे ऊपर तू लोग भहराब्या। उ एक अइसी चट्टान होइ ग अहइ जेह पइ इस्राएल क दुइ परिवार ठोकर खइहीं। यरूसलेम क सबहिं लोगन क फँसावइ बरे उ एक फन्दा बन गवा ह। 15 (इ चट्टान पइ बहोत स लोग भहरइहीं। उ पचे गिरहीं अउर चकनाचूर होइ जइहीं। उ पचे जाल मँ पड़ितीं अउर धइ लीन्ह जइहीं।)
16 यसायाह कहेस, “एक ठु समझौता करा अउर ओह पइ मोहर लगाइ द्या। भविस्स बरे, मोरे उपदेसन क रच्छा करा। मोर चेलन क लखत भए क टेँम ही अइसा करा।” 17 उ वाचा इ अहइ:
“मइँ सहायता पावइ बरे यहोवा क प्रतीच्छा करब।
यहोवा याकूब क घराने स लज्जित अहइ।
उ ओनका लखइ तलक नाहीं चाहत ह।
किन्तु मइँ यहोवा क प्रतीच्छा करब।
उ हमार रच्छा करी।”
18 “मइँ अउर मोर बच्चा इस्राएल क लोगन बरे संकेत अउर प्रमाण अहइँ। हम उ सर्वसक्तीमान यहोवा क जरिये पठवा ग अहइ, जउन सिय्योन पर्वते पइ रहत ह।”
19 कछू लोग कहा करत हीं, “भविस्स बतावइवालन अउर जादूगरन स पूछा, ‘का करब अहइ?’” (इ सबइ भविस्स बतावइवालन अउर जादूगर फुस-फुसाइके बोलत हीं। इ सबइ लोगन पइ इ प्रभाव डावइ बरे कि ओनके लगे अर्न्तदृस्टि अहइँ, उ पचे चुपचाप बातन करत हीं।) किन्तु मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि लोगन क आपन परमेस्सर स सहायता माँगइ चाही। उ पचे भविस्स बतावइवालन अउर जादूगर मरे भए लोगन स पूछिके बतावत हीं कि का करइ चाही? किन्तु भला जिअत लोग मरे भएन स कउनो बात काहे पूँछइ। 20 तू पचन्क सिच्छन अउर वाचा क अनुसार चलइ चाही। जदि तू पचे एन हुकुमन क पालन नाहीं करब्या तउ होइ सकत ह तू गलत हुकुमन क पालन करइ लागा। (इ सबइ हुकुमन उ सबइ अहइँ जउन जादूगरन अउ भविस्स बतावइवालन क जरिये मिलत हीं। इ सबइ हुकुमन बेकार अहइँ। ओन हुकुमन पइ चलिके तू पचन्क कछू नाहीं मिली।) 21 जदि तू पचे ओन गलत हुकुमन पइ चलब्या, तउ तोहरे पचन्क देस पइ विपत्ति आइ अउर भूखमरी फइली। लोग भूखा मरिहीं। फुन उ पचे कोहाइ जइहीं अउर आपन राजा अउर आपन देवतन क खिलाफ बातन कहिहीं। एकरे पाछे उ पचे मदद बरे परमेस्सर कइँती निहरिहीं। 22 अगर आपन देस मँ उ पचे चारिहुँ तरफ लखिहीं तउ ओनका चारिहुँ कइँती विपत्ति अउर चिन्ताजनक अँधियारा ही देखाइ देइ। लोगन्क उ अंधकार स भरा दुःख ओनका देस तजइ पइ मजबूर करी अउर उ सबइ लोग जउन उ अँधेरे मँ फँसा होइहीं, आपन आपका ओहसे अजाद नाहीं कराइ पइहीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.