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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यसायाह 18-22

इथोपिया बरे परमेस्सर क सँदेसा

18 उ धरती क लखा जउन इथोपिया क नदियन क साथ-साथ फइली अहइ। इ धरती मँ कीड़े-मकोड़े भरे पड़ा अहइँ। तू ओनके पखनन क भिन्नाहट सुन सकत ह। इ धरती लोगन क सरकण्डन क नइयन स सागर क पार पर पठवत ह।

हे तेज चलइवाले हरकारो, एक अइसी जाति क लोगन क लगे जा
    जउन लम्बे अउर सक्तीसाली अहइँ!
    एन लम्बे सक्तिसाली लोगन स सब कहूँ क लोग डेरात हीं।
उ पचे एक बलवान जाति क लोग अहइँ।
    ओनकर जाति दूसर जातियन क हराइ देत ह।
    उ पचे एक अइसे देस क अहइँ जेका नदियन बाँट देत हीं।
उ अइसे ओन लोगन क सावधान कइ द्या कि ओनके संग कउनो बुरी घटना घटइ क अहइ।
    उ जाति क साथ घटत भइ इ घटना क दुनिया क सब लोग लखिहीं।
लोग एका इ तरह साफ साफ लखिहीं, जइसे पहाड़ पइ लगे भए झण्डे क लोग निहारत हीं।
    एन लम्बे अउर सक्तीसाली मनइयन क साथ जउन बातन घटिहीं,
    ओनके बारे मँ इ धरती क सबहिं निवासी सुनिहीं।
एका उ पचे ऍतनी स्पस्टता स सुनिहीं
    जेतनी स्पस्टता स जुद्ध स पहिले बजइवाले नरसिंहे क अवाज सुनाई देत ह।

यहोवा कहेस, “जउन ठउर मोरे बरे तइयार कीन्ह ग अहइ, मइँ उ ठउर पइ होब। मइँ चुपचाप एन बातन क घटत भए लखब। गर्मी क एक सुहावने दिन दोपहर क समय जब लोग अराम करत रहे होइहीं (यह तब होइ जब कटनी क गर्म समय होइ, बर्खा नाहीं होइ, बस अलख सुबह क ओस ही पड़ी।) तबहिं कउनो बहोत भयानक बात घटी। इ उ समय होइ जब फूल खिल चुका होइहीं अउर ओनकर बढ़त होत रही होइ। किन्तु फसल उतारइ क समय स पहिले ही दुस्मन आइ अउर एन पउधन क काटि डाइ। सत्रु आइके अंगूरे क सबइ लता क तोरि डाइ अउर ओनका कहूँ दूर लोकाइ देइ। अंगूरे क इ सबइ बेलन सिकारी पहाड़ी पंछियन अउर जंगली जानवरन क खाइ बरे छोड़ि दीन्ह जाइ। गर्मियन मँ पंछी एन दाख क सबइ लता मँ बसेरा करिहीं अउर उ सर्दी मँ जंगली पसु एन दाख क सबइ लता क चरिहीं।”

उ समय, लम्बे अउर सक्तीमान लोगन क सर्वसक्तिमान यहोवा क एक खास भेंट क रूप मँ चढ़ाई जाइँ। सब कहूँ क लोग एन लोगन स डेरात हीं। इ सबइ एक सक्तीसाली रास्ट्र क लोग अहइँ। उ पचे बिदेसी भासा बोलइ। इ रास्ट्र दूसर रास्ट्र क लोगन क जीतइ लेइ। इ सबइ एक अइसे देस क अहइँ, जउन नदियन स बँटा अहइँ। इ भेंट यहोवा क ठउर, सिय्योन पर्वत पइ स्वीकार करी जाइँ।

मिस्र बरे परमेस्सर क सँदेसा

19 मिस्र क बारे मँ दुःखद सँदेसा: लखा! एक उड़त भए बादर पइ यहोवा आवत अहइ। यहोवा मिस्र मँ प्रवेस करी अउर मिस्र क सारे लबार देवता डर स थर थर काँपइ लगिहीं। मिस्र वीर रहा किन्तु ओकर बहादुरी मोम क तरह टेघरिके बहि जाइ।

परमेस्सर कहत ह, “मइँ मिस्र क लोगन क आपुस मँ ही एक दूसर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुस्काउब। लोग आपन ही भाइयन स लड़िहीं। पड़ोसी, पड़ोस क विरोध मँ होइ जाइ। नगर, नगर क विरोध मँ अउर राज्ज, राज्ज क खिलाफ होइ जाइ। मिस्र क लोग चक्कर मँ पड़ि जइहीं। उ सबइ लोग आपन लबार देवतन क अउर बुद्धिमान लोगन स पूछिहीं कि ओनका का करइ चाही। उ पचे लोग आपन ओझन अउ जादूगरन स पूछताछ करिहीं किन्तु ओनकर सलाह बेकार होइ।” सुआमी, सर्वसक्तीमान यहोवा कहेस: “मइँ (परमेस्सर) मिस्र क कठोर सुआमियन क सौंपब। एक सक्तीसाली राजा लोगन पइ राज करी।”

नील नदी क पानी झुराइ जाइ। नदी क तल मँ पानी नाहीं रही। सबहिं नदियन स दुर्गन्ध आवइ लागी। मिस्र क नहरन झुराइ जइहीं। हवाँ पानी नाहीं रहइँ। पानी क सबहिं पउधन सड़ जइहीं। उ पचे सबहिं पउधन जउन नदी क किनारे उगे होइहीं, झुराइके उड़ि जइहीं। हिआँ तलक कि उ सबइ पउधन भी, जउन नदी क सबन ते चौड़े हीँसा मँ होइहीं, बेकार होइ जइहीं।

“मछुआरे, अउर उ सबइ लोग जउन नील नदी स मछरियन पकड़ा करत हीं, दुःखी होइके त्राहि-त्राहि कइ उठिहीं। उ पचे आपन भोजन बरे नील नदी क सहारे पइ अहइँ किन्तु उ झुराइ जाइ। उ सबइ लोग जउन कपड़ा बनावा करत हीं, बहोत जियादा दुःखी होइहीं। एन लोगन क सन क कपड़ा बनावइ बरे पटसन क जरूरत होइ किन्तु नदी क झुराइ जाइ स सने क पौधन क बढ़ोतरी नाहीं होइ पाई। 10 पानी ऍकट्ठा करइ बरे बाँध बनावइवाले लोगन क पास काम नाहीं रहि जाइ। तउ उ पचे बहोत दुःखी होइहीं।

11 “सोअन नगर क मुखिया मूरख अहइँ। फिरौन क बुद्धिमान मन्त्री गलत सलाह देत हीं। उ सबइ मुखिया लोग कहत हीं कि उ पचे बुद्धिमान अहइँ। ओनकर कहब अहइ कि उ पचे पुराना राजा लोगन क सन्तान अहइँ। किन्तु जइसा उ पचे सोचत हीं, वइसे बुद्धिमान नाहीं अहइँ।” 12 हे मिस्र, तोहार बुद्धिमान मनसेधू कहाँ अहइँ? ओन बुद्धिमान लोगन क सर्वसक्तीमान यहोवा मिस्र बरे जउन जोजना बनाएस ह, ओनकर पता होइ चाही। ओन लोगन क, जउन होइवाला अहइ, तू पचन्क बतावइ चाही।

13 सोअन क मुखिया मूर्ख बनाइ दीन्ह ग अहइँ। नोप क मुखिया लोग झूठी बातन पइ बिस्सास किहेन ह। तउ मुखिया लोग मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात हीं। 14 यहोवा मुखिया लोगन क उलझन मँ डाइ दिहस ह। उ सबइ भटक ग अहइँ अउर मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात अहइँ। उ पचे नसे मँ धुत अइसे लोगन क नाई अहइ जउन बेरामी क कारण धरती मँ लउटत अहइँ। 15 मिस्र क बरे कउनो वुछ नाहीं कइ पाइ। (फिन चाहे उ सबइ मूँड़ होइँ या पूँछ, “खजूरे क डारि होइ या सरकंडा।” अर्थात् “महत्व स पूर्ण होइ या बगैर महत्व क लोग।”)

16 उ समय, मिस्र क निवासी डेरान मेहररूअन क नाई होइ जइहीं। उ सबइ सर्वसक्तिमान यहोवा स डेरइहीं। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे हाथ उठाइ अउर लोग डेराइ जइहीं। 17 मिस्र मँ सब लोगन बरे यहूदा क प्रदेस भय क कारण होइ। मिस्र मँ कउनो भी यहूदा क नाउँ सुनिके डेराइ जाइ। अइसा एह बरे होइ काहेकि सर्वसक्तीमान यहोवा सबइ खउफनाक घटना क घटावइ बरे जोजना बनाएस ह। 18 उ समइ मँ, मिस्र मँ अइसे पाँच सहर होइहीं जहाँ लोग कनान क भाखा (यहूदी भाखा) बोलिहीं। एनॅ नगरन मँ एक नगर क नाउँ “नास क नगरी”[a] होइ। लोग सर्वसक्तीमान यहोवा क अनुसरण क प्रतिग्या करिहीं।

19 उ समय मिस्र क बीच मँ यहोवा बरे एक वेदी होइ। मिस्र क सीमा पइ यहोवा क आदर देइ बरे एक ठु स्मारक होइ। 20 इ इ बात क प्रतीक होइ कि सर्वसक्तिमान यहोवा सक्तिमान कार्य करत ह। जब कबहुँ लोग मदद बरे यहोवा क गोहरइहीं, यहोवा मदद पठई। यहोवा लोगन क बचावइ अउर ओनकर रच्छा करइ बरे एक मनई पठइ। उ मनई ओन मनइयन क ओन दूसर लोगन स बचाई जउन ओने साथ बुरी बातन करत हीं।

21 फुरइ उ समय, मिस्र क लोग यहोवा क जानिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर स पिरेम करिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर क सेवा करिहीं अउर बहोत स बलियन चढ़इहीं। उ सबइ लोग यहोवा क मनौतियन मनिहीं अउर ओन मनौतियन क पालन करिहीं। 22 यहोवा मिस्र क लोगन क सजा देइ। फुन यहोवा ओनका (चंगा) छिमा कइ देइ अउर उ पचे यहोवा कइँती लउटि अइहीं। यहोवा ओनकर पराथनन सुनी अउर ओनका छिमा कइ देइ।

23 उ समय, हुवाँ एक अइसा राजमार्ग होइ जउन मिस्र स अस्सूर जाइ। फुन अस्सूर स लोग मिस्र मँ जइहीं अउर मिस्र स अस्सूर मँ। मिस्र अस्सूर क लोगन क संग परमेस्सर क उपासना करी। 24 उ समय, इस्राएल अस्सूर अउ मिस्र आपुस मँ एक होइ जइहीं अउर पृथ्वी पइ सासन करिहीं। इ सासन धरती बरे वरदान होइ। 25 सर्वसक्तिमान यहोवा एन देसन क आसीर्बाद देइ। उ कही, “हे मिस्रियो! तू पचे मोर लोग अहा। हे अस्सूर क लोगो, उ मइँ हउँ जउन तोहका बनाएस। हे इस्राएलियो, तू अहा। मइँ तू सबन क आसीर्बाद देउँ ह!”

अस्सूर मिस्र अउ इथोपिया क हराइ

20 सर्गोन अस्सूर क राजा रहा। सर्गोन तर्तान क नगर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे असदोद पठएस। तर्तान हुवाँ जाइके सहर पइ कब्जा कइ लिहस। उ समय आमोस क पूत यसायाह क जरिये यहोवा कहेस, “जा, अउर अपने कमर स सोक वस्त्र उतारिके लोकावा। अपने गोड़न क जूतियन उतारि द्या।” यसायाह यहोवा क हुकुम क पालन किहस अउर उ बगैर कपड़न अउ बगैर जूतन क एहर-ओहर घूमा।

फुन यहोवा कहेस, “यसायाह तीन बरिस तलक बगैर कपड़न अउर बगैर जूतियन पहिरे एहर-ओहर घूमत रहा ह। मिस्र अउ इथोपिया बरे इ एक संकेत अहइ कि अस्सूर क राजा मिस्र अउ इथोपिया क हराइ। अस्सूर हुवाँ क बंदियन क लइके, ओनकर देसन स दूर लइ जाइ। बूढ़े मनई अउ जवान लोग बगैर कपड़न अउ नंगे गोड़न लइ जावा जइहीं। उ पचे पूरी तरह स नंगा होइहीं। मिस्र क लोग लजाइ जइहीं। जउन लोग मदद बरे इथोपिया कइँती लखा करत रहेन, उ सबइ टूट जइहीं। जउन लोग मिस्र क महिमा स चकित रहेन उ पचे लज्जित होइहीं।”

समुद्दर क लगे बसइया लोग, उ पचे कहिहीं, “हम मदद बरे ओन देसन पइ बिस्सास कीन्ह। हम पचे ओनके लगे धावत गए ताकि उ पचे हमका अस्सूर क राजा स बचाइ लें किन्तु ओन देसन क लखा कि ओन देसन पइ ही जब कब्जा कइ लीन्ह गवा तब हम कइसे बच सक्ति रहे”

परमेस्सर क बाबुल क सँदेसा

21 सागर क रेगिस्तान क बारे मँ दुःखद सँदेसा:

रेगिस्ताने स कछू आवइवाला अहइ, इ नेगव स आवत हवा जइसा आवति बाटइ।
    इ कउनो खउफनाक देस स आवति अहइ।
मइँ कछू लखेउँ ह जउन बहोत ही भयानक अहइ अउर घटइ ही वाला अहइ।
    मोका गद्दार तोहका धोखा देत भए देखॉत हीं।
    मइँ लोगन क तोहार पचन्क धन छोरत भए लखत हउँ।

एलाम, तू जा अउर जुद्ध करा!
    मादै, तू आपन फउजन लइके नगर क घेरि ल्या अउर ओका हरावा।
    मइँ उ बुराई क अन्त करब जउन उ नगर मँ बाटइ।

मइँ इ सबइ भयानक बातन लखेउँ अउर अब मइँ बहोत डेराइ गएउँ ह।
    डर क मारे पेट मँ दर्द होत अहइ।
    इ दर्द जच्चा क पीरा जइसा अहइ।
जउन बातन मइँ सुनत हउँ, उ सबइ मोका बहोत डेरावत अहइ।
    जउन बातन मइँ लखत हउँ, ओनके कारण मइँ डर क मारे काँपइ लागत हउँ।
मइँ चिन्तित हउँ अउर भय स थर-थर काँपत हउँ।
    मोर सुहावनी साँझ डर क रात बन गई ह।

लोगन सोचत हीं, सब कछू ठीक अहइ।
    लोग कहत हीं, “चौकी तइयार करा
    अउर ओह पइ आसन बिछावा, खा, पिआ।”
    किन्तु मोर कहब अहइ,
“मुखिया लोगो! खड़ा ह्वा अउर जुद्ध क तइयारी करा।”
    उहइ समय फउजी कहत अहइँ,
“पहरूअन क तैनात करा।
    अधिकारी लोगो, खड़ा होइ जा अउर आपन ढालन क झलकावा!”

मोर सुआमी मोका इ सबइ बातन ह, “जा अउर नगर क रच्छा बरे कउनो मनई क हेरा। जदि उ रखवारा घुड़सवारन क, गदहन क या ऊँटन क कतारन क लखइँ तउ ओका होसियारी क साथ सुनइ चाही।”

तउ फुन उ पहरूआ जोर स बोला पहरूआ कहेस,

“मोर सुआमी, मइँ हर दिन चौकीदार क बुर्ज पइ चौकादारी करत आएउँ ह।
    हर राति मइँ खड़ा भवा पहरा देत रहत हउँ।
मुला लखा! उ पचे आवत अहइँ।
    मोका घुड़सवारन क कतारन देखॉइ देत अहइँ।”

फुन सँदेसवाहक कहेस,
    “बाबुल हार गवा,
    बाबुल धरती पइ ध्वस्त कीन्ह गवा।
ओकरे मिथ्या देवन क सबहिं मूरतियन धरती पइ लुढ़काइ दीन्ह गइन
    अउर उ सबइ चकनाचूर हो गइन ह।”

10 यसायाह कहेस, “हे खरिहाने मँ अनाज क तरह रौंदे भए मोर लोगो, मइँ सर्वसक्तीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर स जउन कछू सुना ह, सबइ तू पचन्क बताइ दीन्ह ह।”

एदोम क परमेस्सर क सँदेसा

11 दूमा बरे दुःखद सँदेसा।

सेईर स मोका कउनो गोहराएस।
    उ मोहसे कहेस, “हे पहरू, रात अबहिं केतॅनी बाकी बची बाटइ?
    अबहिं अउर केतनी देर इ रात रही।”

12 पहरूआ कहेस,
    “भोर होइ क अहइ मुला राति फुन स आई।
अगर तोहका कउनो बात पूछब अहइ
    तउ लउट आवा अउर मोहसे पूछ ल्या।”

अरब बरे परमेस्सर क सँदेसा

13 अरब बरे दुःखद सँदेसा

हे ददानी क काफिले,
    तू रात क रेगिस्तान मँ कछू बृच्छन क लगे गुजार ल्या।
14 कछू पियासे यात्रियन क पिअइ क पानी द्या।
    तेमा क लोगो, ओन लोगन क खइया क द्या जउन जात्रा करत अहइँ।
15 उ सबइ लोग अइसी तरवारन स परात अहइँ
    जउन ओनका मारइ क तत्पर रहेन।
उ सबइ लोग ओन धनुसन स बचिके परात रहेन
    जउन ओन पइ छूटइ बरे तने भए रहेन।
उ सबइ भीसण लड़ाइ स परात रहेन।

16 मोर सुआमी यहोवा मोका बताए रहा कि अइसी बातन घटिहीं। यहोवा कहे रहा, “एक बरिस मँ (एक अइसा ढंग जेहसे मजदूर किराये क समय क गनत ह।) केदार क वैभव बर्बाद होइ जाइ। 17 उ समय केदार क थोड़े स धनुसधारी, प्रतापी फउजी ही जिअत बच पइहीं।” इस्राएल क परमेस्सर यहोवा मोका इ सबइ बातन बताए रहा।

यरूसलेम बरे परमेस्सर क सँदेसा

22 दिव्य दर्सन क घाटी क बारे मँ दुःखद सँदेसा:

तू लोगन क साथ का भवा ह?
    काहे तू पचे आपन घरन क छतन पइ छिपत अहा?
बीत गए समय मँ इ सहर बहोत व्यस्त सहर रहा।
    इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
किन्तु अब बातन बदलि गइन।
    तोहार लोग मारा गएन
किन्तु तरवारन स नाहीं,
    अउर उ पचे मारा गएन किन्तु जुद्ध मँ लड़ते समय नाहीं।
तोहार सबहिं सैनिक अधिकारी पराइ गएन,
    किन्तु उ सबहिं बिना हथियारन क पकड़ि गवा।
उ सबहिं खोजा गएन अउर एक साथ पकड़ा गएन,
    जबकि उ फ़राइके कहूँ दूर भाग गए रहेन।

एह बरे मइँ कहत हउँ, “मोरी कइँती जिन लखा,
    बस मोका रोवइ द्या!
यरूसलेम क बिनास पइ मोका सान्त्वना देइ बरे
    मोरी कइँती जिन लपका।”

यहोवा एक खास दिन चुनेस ह। उ दिन हुवाँ बगावत अउर भगदड़ मचि जाइ। दिव्य दर्सन क घाटी[b] मँ लोग एक दूसर क रौंद डइहीं। नगर क चार दीवारी ओकर नीव स उखाड़ फेंकी जाइ। घाटी क लोग पहाड़े पइ के लोगन क ऊपर चिल्लाइहीं। एलाम क घुड़सवार फउजी आपन-आपन तरकसन लइके घोड़न पइ चढ़े भए जुद्ध क प्रस्थान करिहीं। किर क लोग आपन ढालन स आवाज करिहीं। तोहार इ खास घाटी मँ फउजन आइ जुटिहीं। घाटी रथन स भरि जाइ। घुड़सवार फउजी क नगर दुआरन क समन्वा तैनात कीन्ह जइहीं। तब यहूदा क रच्छा-अवरण[c] हटाइ लेइ जाइ। लोग जंगल-महल मँ जमा कइ भए हथियारन क लइ बरे जाब्या।

9-11 तू पचन्क दाऊद क नगर क चहारदीवारी क दरारन क लख सकत हीं। तउ तू पचे मकानन क गनइ सुरू करब्या यह तय करइ बरे कि ओहमाँ स कँतना मकान क धवस्त करइ क जरूरत, दीवार क मरम्मत करइ बरे होइ। तू पचे निचली तालाब[d] स पानी भी जमा करइ सुरू करब्या। तू पचे दूसर तालाब[e] दीवारन क बीच मँ सहर क निचला भाग मँ पुराने तालाब[f] स पानी जमा करइ बरे बनाउब्या। फुन भी उ परमेस्सर पइ तोहार पचन्क भरोसा नाहीं होइ जउन ऍन सबइ वस्तुअन क बनाएस ह। तू पचे ओकरी (परमेस्सर) कइँती नाहीं लखब्या जउन बहोत पहिले ऍन सबइ वस्तुअन क रचना किहे रहा। 12 तउ, मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा लोगन स ओनके मरे भए मीतन बरे बिलाप करइ अउर दुःखी होइ बरे कही। लोग आपन मूँड़ि मुँड़वाइ लेइहीं अउर सोक-वस्त्र धारण करिहीं। 13 किन्तु लखा! अब लोग खुस अहइँ। लोग खुसियन मनावत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ:

“मवेसियन क मारा, भेड़िन क बध करा।
    हम उत्सव मनाउब।
तू पचे आपन खइया क खा अउर आपन दाखरस पिआ।
    खा अउर पिआ काहेकि भियान तउ हमका मरि जाब अहइ।”

14 सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन मोहसे कहे रहा अउर मइँ ओनका अपने काने स सुने रहेउँ: “तू पचे बुरे करम करइ क अपराधी अहा अउर मइँ निहचय क साथ कहत हउँ कि इ अपराध क छिमा कीन्ह जाइ स पहिले ही तू पचे मरि जाब्या।” मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।

सेबना बरे परमेस्सर क सँदेसा

15 मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस। उ सेबना नाउँ क सेवक क लगे जा। उ महल क प्रबन्ध-अधिकारी अहइ। 16 ओहसे पूछ्या, “उ का करत अहा? का हिआँ ओकरे परिवार क कउनो मनइ गड़ा भवा अहइ? उ हिआँ एक कब्र काहे बनावत अहा?”

यसायाह कहेस, “लखा इ मनई क! इ एक ऊँच जगहिया पइ आपन कब्र बनावत अहइ। आपन कब्र बनावइ बरे इ चट्टान क काटत अहइ।

17-18 “हे मनसेधू, यहोवा तोहका कुचरि डाइ। यहोवा तोहका बाँधिके एक ठु नान्ह स गेंदे क तरह गोल बनाइके कउनो बिसाल देसे मँ लोकाइ देइ अउर हुवाँ तोहार मउत होइ जाइ।”

यहोवा कहेस, “तोहका आपन रथन पइ बड़ा अभिमान रहा। किन्तु उ दूर देस मँ तोहरे नवे सासक क लगे अउर भी नीक रथ अहइँ। ओकरे महल मँ तोहार रथ महत्वपूर्ण नाहीं देखाइ देइहीं। 19 हिआ मइँ तोहका तोहार महत्व स पूर्ण काम स ढकेल के बाहेर करब। तोहरे महत्व क पूर्ण काम स तोहार नवा मुखिया तोहका दूर कइ देइ। 20 उ समय मइँ आपन सेवक एल्याकीम क जउन हिज्जिक्याह क पूत अहइ, बोलाउब 21 अउर तोहार चोगा लइके उ सेवक क पहिराइ देब। तोहार राजदण्ड भी मइँ ओका दइ देव। जउन महत्वक पूर्ण काम तोहरे पास अहइ, मइँ ओका भी उहइ क दइ देब। उ सेवक यरूसलेम क लोगन अउर यहूदा क परिवार बरे पिता क समान होइ।

22 “यहूदा क भवन क चाभी मइँ उ मनसेधू क गले मँ डाइ देब। अगर उ कउनो दुआर क खोली तउ उ दुआर खुला ही रही। कउनो भी मनई ओका बंद नाही कइ पाई। जदि उ कउनो दुआर क बंद करी तउ उ दुआर बंद होइ जाइ। कउनो भी मनई ओका खोल नाहीं पाई। उ सेवक पिता क घरे मँ एक सिंहासन क समान होइ। 23 मइँ ओका एक अइसी खूँटी क समान सुदृढ़ बनाउब जेका बहोत सख्त तखत मँ ठोका गवा ह। 24 ओकरे पिता क घर क सबहिं माननीय अउर महत्व स पूर्ण वस्तुअन ओकरे ऊपर लटकिहीं। सबहिं वयस्क अउर नान्ह बच्चन ओह पइ निर्भर रहिहीं। उ सबइ लोग अइसे होइहीं जइसे नान्ह नान्ह पात्र अउर बड़ी बड़ी सुराहियन ओकरे ऊपर लटकत होइँ।

25 “उ समय, उ खूँटी (सेबना) जउन अब एक बड़े कठोर तख्ते मँ गाड़ी भइ खूँटी अहइ, दुर्बल होइके टूट जाइ। उ खूँटी धरती पइ गिर पड़ी अउर उ खूँटी पइ लटकी भइ सबहिं वस्तुअन बर्बाद होइ जइहीं। तब उ प्रत्येक बात जउन मइँ उ सँदेसा मँ बताए रहेउँ, घटित होइ। इ सबइ बातन घटिहीं काहेकि एनका यहोवा कहे अहइ।”

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