Chronological
इथोपिया बरे परमेस्सर क सँदेसा
18 उ धरती क लखा जउन इथोपिया क नदियन क साथ-साथ फइली अहइ। इ धरती मँ कीड़े-मकोड़े भरे पड़ा अहइँ। तू ओनके पखनन क भिन्नाहट सुन सकत ह। 2 इ धरती लोगन क सरकण्डन क नइयन स सागर क पार पर पठवत ह।
हे तेज चलइवाले हरकारो, एक अइसी जाति क लोगन क लगे जा
जउन लम्बे अउर सक्तीसाली अहइँ!
एन लम्बे सक्तिसाली लोगन स सब कहूँ क लोग डेरात हीं।
उ पचे एक बलवान जाति क लोग अहइँ।
ओनकर जाति दूसर जातियन क हराइ देत ह।
उ पचे एक अइसे देस क अहइँ जेका नदियन बाँट देत हीं।
3 उ अइसे ओन लोगन क सावधान कइ द्या कि ओनके संग कउनो बुरी घटना घटइ क अहइ।
उ जाति क साथ घटत भइ इ घटना क दुनिया क सब लोग लखिहीं।
लोग एका इ तरह साफ साफ लखिहीं, जइसे पहाड़ पइ लगे भए झण्डे क लोग निहारत हीं।
एन लम्बे अउर सक्तीसाली मनइयन क साथ जउन बातन घटिहीं,
ओनके बारे मँ इ धरती क सबहिं निवासी सुनिहीं।
एका उ पचे ऍतनी स्पस्टता स सुनिहीं
जेतनी स्पस्टता स जुद्ध स पहिले बजइवाले नरसिंहे क अवाज सुनाई देत ह।
4 यहोवा कहेस, “जउन ठउर मोरे बरे तइयार कीन्ह ग अहइ, मइँ उ ठउर पइ होब। मइँ चुपचाप एन बातन क घटत भए लखब। गर्मी क एक सुहावने दिन दोपहर क समय जब लोग अराम करत रहे होइहीं (यह तब होइ जब कटनी क गर्म समय होइ, बर्खा नाहीं होइ, बस अलख सुबह क ओस ही पड़ी।) 5 तबहिं कउनो बहोत भयानक बात घटी। इ उ समय होइ जब फूल खिल चुका होइहीं अउर ओनकर बढ़त होत रही होइ। किन्तु फसल उतारइ क समय स पहिले ही दुस्मन आइ अउर एन पउधन क काटि डाइ। सत्रु आइके अंगूरे क सबइ लता क तोरि डाइ अउर ओनका कहूँ दूर लोकाइ देइ। 6 अंगूरे क इ सबइ बेलन सिकारी पहाड़ी पंछियन अउर जंगली जानवरन क खाइ बरे छोड़ि दीन्ह जाइ। गर्मियन मँ पंछी एन दाख क सबइ लता मँ बसेरा करिहीं अउर उ सर्दी मँ जंगली पसु एन दाख क सबइ लता क चरिहीं।”
7 उ समय, लम्बे अउर सक्तीमान लोगन क सर्वसक्तिमान यहोवा क एक खास भेंट क रूप मँ चढ़ाई जाइँ। सब कहूँ क लोग एन लोगन स डेरात हीं। इ सबइ एक सक्तीसाली रास्ट्र क लोग अहइँ। उ पचे बिदेसी भासा बोलइ। इ रास्ट्र दूसर रास्ट्र क लोगन क जीतइ लेइ। इ सबइ एक अइसे देस क अहइँ, जउन नदियन स बँटा अहइँ। इ भेंट यहोवा क ठउर, सिय्योन पर्वत पइ स्वीकार करी जाइँ।
मिस्र बरे परमेस्सर क सँदेसा
19 मिस्र क बारे मँ दुःखद सँदेसा: लखा! एक उड़त भए बादर पइ यहोवा आवत अहइ। यहोवा मिस्र मँ प्रवेस करी अउर मिस्र क सारे लबार देवता डर स थर थर काँपइ लगिहीं। मिस्र वीर रहा किन्तु ओकर बहादुरी मोम क तरह टेघरिके बहि जाइ।
2 परमेस्सर कहत ह, “मइँ मिस्र क लोगन क आपुस मँ ही एक दूसर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुस्काउब। लोग आपन ही भाइयन स लड़िहीं। पड़ोसी, पड़ोस क विरोध मँ होइ जाइ। नगर, नगर क विरोध मँ अउर राज्ज, राज्ज क खिलाफ होइ जाइ। 3 मिस्र क लोग चक्कर मँ पड़ि जइहीं। उ सबइ लोग आपन लबार देवतन क अउर बुद्धिमान लोगन स पूछिहीं कि ओनका का करइ चाही। उ पचे लोग आपन ओझन अउ जादूगरन स पूछताछ करिहीं किन्तु ओनकर सलाह बेकार होइ।” 4 सुआमी, सर्वसक्तीमान यहोवा कहेस: “मइँ (परमेस्सर) मिस्र क कठोर सुआमियन क सौंपब। एक सक्तीसाली राजा लोगन पइ राज करी।”
5 नील नदी क पानी झुराइ जाइ। नदी क तल मँ पानी नाहीं रही। 6 सबहिं नदियन स दुर्गन्ध आवइ लागी। मिस्र क नहरन झुराइ जइहीं। हवाँ पानी नाहीं रहइँ। पानी क सबहिं पउधन सड़ जइहीं। 7 उ पचे सबहिं पउधन जउन नदी क किनारे उगे होइहीं, झुराइके उड़ि जइहीं। हिआँ तलक कि उ सबइ पउधन भी, जउन नदी क सबन ते चौड़े हीँसा मँ होइहीं, बेकार होइ जइहीं।
8 “मछुआरे, अउर उ सबइ लोग जउन नील नदी स मछरियन पकड़ा करत हीं, दुःखी होइके त्राहि-त्राहि कइ उठिहीं। उ पचे आपन भोजन बरे नील नदी क सहारे पइ अहइँ किन्तु उ झुराइ जाइ। 9 उ सबइ लोग जउन कपड़ा बनावा करत हीं, बहोत जियादा दुःखी होइहीं। एन लोगन क सन क कपड़ा बनावइ बरे पटसन क जरूरत होइ किन्तु नदी क झुराइ जाइ स सने क पौधन क बढ़ोतरी नाहीं होइ पाई। 10 पानी ऍकट्ठा करइ बरे बाँध बनावइवाले लोगन क पास काम नाहीं रहि जाइ। तउ उ पचे बहोत दुःखी होइहीं।
11 “सोअन नगर क मुखिया मूरख अहइँ। फिरौन क बुद्धिमान मन्त्री गलत सलाह देत हीं। उ सबइ मुखिया लोग कहत हीं कि उ पचे बुद्धिमान अहइँ। ओनकर कहब अहइ कि उ पचे पुराना राजा लोगन क सन्तान अहइँ। किन्तु जइसा उ पचे सोचत हीं, वइसे बुद्धिमान नाहीं अहइँ।” 12 हे मिस्र, तोहार बुद्धिमान मनसेधू कहाँ अहइँ? ओन बुद्धिमान लोगन क सर्वसक्तीमान यहोवा मिस्र बरे जउन जोजना बनाएस ह, ओनकर पता होइ चाही। ओन लोगन क, जउन होइवाला अहइ, तू पचन्क बतावइ चाही।
13 सोअन क मुखिया मूर्ख बनाइ दीन्ह ग अहइँ। नोप क मुखिया लोग झूठी बातन पइ बिस्सास किहेन ह। तउ मुखिया लोग मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात हीं। 14 यहोवा मुखिया लोगन क उलझन मँ डाइ दिहस ह। उ सबइ भटक ग अहइँ अउर मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात अहइँ। उ पचे नसे मँ धुत अइसे लोगन क नाई अहइ जउन बेरामी क कारण धरती मँ लउटत अहइँ। 15 मिस्र क बरे कउनो वुछ नाहीं कइ पाइ। (फिन चाहे उ सबइ मूँड़ होइँ या पूँछ, “खजूरे क डारि होइ या सरकंडा।” अर्थात् “महत्व स पूर्ण होइ या बगैर महत्व क लोग।”)
16 उ समय, मिस्र क निवासी डेरान मेहररूअन क नाई होइ जइहीं। उ सबइ सर्वसक्तिमान यहोवा स डेरइहीं। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे हाथ उठाइ अउर लोग डेराइ जइहीं। 17 मिस्र मँ सब लोगन बरे यहूदा क प्रदेस भय क कारण होइ। मिस्र मँ कउनो भी यहूदा क नाउँ सुनिके डेराइ जाइ। अइसा एह बरे होइ काहेकि सर्वसक्तीमान यहोवा सबइ खउफनाक घटना क घटावइ बरे जोजना बनाएस ह। 18 उ समइ मँ, मिस्र मँ अइसे पाँच सहर होइहीं जहाँ लोग कनान क भाखा (यहूदी भाखा) बोलिहीं। एनॅ नगरन मँ एक नगर क नाउँ “नास क नगरी”[a] होइ। लोग सर्वसक्तीमान यहोवा क अनुसरण क प्रतिग्या करिहीं।
19 उ समय मिस्र क बीच मँ यहोवा बरे एक वेदी होइ। मिस्र क सीमा पइ यहोवा क आदर देइ बरे एक ठु स्मारक होइ। 20 इ इ बात क प्रतीक होइ कि सर्वसक्तिमान यहोवा सक्तिमान कार्य करत ह। जब कबहुँ लोग मदद बरे यहोवा क गोहरइहीं, यहोवा मदद पठई। यहोवा लोगन क बचावइ अउर ओनकर रच्छा करइ बरे एक मनई पठइ। उ मनई ओन मनइयन क ओन दूसर लोगन स बचाई जउन ओने साथ बुरी बातन करत हीं।
21 फुरइ उ समय, मिस्र क लोग यहोवा क जानिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर स पिरेम करिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर क सेवा करिहीं अउर बहोत स बलियन चढ़इहीं। उ सबइ लोग यहोवा क मनौतियन मनिहीं अउर ओन मनौतियन क पालन करिहीं। 22 यहोवा मिस्र क लोगन क सजा देइ। फुन यहोवा ओनका (चंगा) छिमा कइ देइ अउर उ पचे यहोवा कइँती लउटि अइहीं। यहोवा ओनकर पराथनन सुनी अउर ओनका छिमा कइ देइ।
23 उ समय, हुवाँ एक अइसा राजमार्ग होइ जउन मिस्र स अस्सूर जाइ। फुन अस्सूर स लोग मिस्र मँ जइहीं अउर मिस्र स अस्सूर मँ। मिस्र अस्सूर क लोगन क संग परमेस्सर क उपासना करी। 24 उ समय, इस्राएल अस्सूर अउ मिस्र आपुस मँ एक होइ जइहीं अउर पृथ्वी पइ सासन करिहीं। इ सासन धरती बरे वरदान होइ। 25 सर्वसक्तिमान यहोवा एन देसन क आसीर्बाद देइ। उ कही, “हे मिस्रियो! तू पचे मोर लोग अहा। हे अस्सूर क लोगो, उ मइँ हउँ जउन तोहका बनाएस। हे इस्राएलियो, तू अहा। मइँ तू सबन क आसीर्बाद देउँ ह!”
अस्सूर मिस्र अउ इथोपिया क हराइ
20 सर्गोन अस्सूर क राजा रहा। सर्गोन तर्तान क नगर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे असदोद पठएस। तर्तान हुवाँ जाइके सहर पइ कब्जा कइ लिहस। 2 उ समय आमोस क पूत यसायाह क जरिये यहोवा कहेस, “जा, अउर अपने कमर स सोक वस्त्र उतारिके लोकावा। अपने गोड़न क जूतियन उतारि द्या।” यसायाह यहोवा क हुकुम क पालन किहस अउर उ बगैर कपड़न अउ बगैर जूतन क एहर-ओहर घूमा।
3 फुन यहोवा कहेस, “यसायाह तीन बरिस तलक बगैर कपड़न अउर बगैर जूतियन पहिरे एहर-ओहर घूमत रहा ह। मिस्र अउ इथोपिया बरे इ एक संकेत अहइ कि 4 अस्सूर क राजा मिस्र अउ इथोपिया क हराइ। अस्सूर हुवाँ क बंदियन क लइके, ओनकर देसन स दूर लइ जाइ। बूढ़े मनई अउ जवान लोग बगैर कपड़न अउ नंगे गोड़न लइ जावा जइहीं। उ पचे पूरी तरह स नंगा होइहीं। मिस्र क लोग लजाइ जइहीं। 5 जउन लोग मदद बरे इथोपिया कइँती लखा करत रहेन, उ सबइ टूट जइहीं। जउन लोग मिस्र क महिमा स चकित रहेन उ पचे लज्जित होइहीं।”
6 समुद्दर क लगे बसइया लोग, उ पचे कहिहीं, “हम मदद बरे ओन देसन पइ बिस्सास कीन्ह। हम पचे ओनके लगे धावत गए ताकि उ पचे हमका अस्सूर क राजा स बचाइ लें किन्तु ओन देसन क लखा कि ओन देसन पइ ही जब कब्जा कइ लीन्ह गवा तब हम कइसे बच सक्ति रहे”
परमेस्सर क बाबुल क सँदेसा
21 सागर क रेगिस्तान क बारे मँ दुःखद सँदेसा:
रेगिस्ताने स कछू आवइवाला अहइ, इ नेगव स आवत हवा जइसा आवति बाटइ।
इ कउनो खउफनाक देस स आवति अहइ।
2 मइँ कछू लखेउँ ह जउन बहोत ही भयानक अहइ अउर घटइ ही वाला अहइ।
मोका गद्दार तोहका धोखा देत भए देखॉत हीं।
मइँ लोगन क तोहार पचन्क धन छोरत भए लखत हउँ।
एलाम, तू जा अउर जुद्ध करा!
मादै, तू आपन फउजन लइके नगर क घेरि ल्या अउर ओका हरावा।
मइँ उ बुराई क अन्त करब जउन उ नगर मँ बाटइ।
3 मइँ इ सबइ भयानक बातन लखेउँ अउर अब मइँ बहोत डेराइ गएउँ ह।
डर क मारे पेट मँ दर्द होत अहइ।
इ दर्द जच्चा क पीरा जइसा अहइ।
जउन बातन मइँ सुनत हउँ, उ सबइ मोका बहोत डेरावत अहइ।
जउन बातन मइँ लखत हउँ, ओनके कारण मइँ डर क मारे काँपइ लागत हउँ।
4 मइँ चिन्तित हउँ अउर भय स थर-थर काँपत हउँ।
मोर सुहावनी साँझ डर क रात बन गई ह।
5 लोगन सोचत हीं, सब कछू ठीक अहइ।
लोग कहत हीं, “चौकी तइयार करा
अउर ओह पइ आसन बिछावा, खा, पिआ।”
किन्तु मोर कहब अहइ,
“मुखिया लोगो! खड़ा ह्वा अउर जुद्ध क तइयारी करा।”
उहइ समय फउजी कहत अहइँ,
“पहरूअन क तैनात करा।
अधिकारी लोगो, खड़ा होइ जा अउर आपन ढालन क झलकावा!”
6 मोर सुआमी मोका इ सबइ बातन ह, “जा अउर नगर क रच्छा बरे कउनो मनई क हेरा। 7 जदि उ रखवारा घुड़सवारन क, गदहन क या ऊँटन क कतारन क लखइँ तउ ओका होसियारी क साथ सुनइ चाही।”
8 तउ फुन उ पहरूआ जोर स बोला पहरूआ कहेस,
“मोर सुआमी, मइँ हर दिन चौकीदार क बुर्ज पइ चौकादारी करत आएउँ ह।
हर राति मइँ खड़ा भवा पहरा देत रहत हउँ।
9 मुला लखा! उ पचे आवत अहइँ।
मोका घुड़सवारन क कतारन देखॉइ देत अहइँ।”
फुन सँदेसवाहक कहेस,
“बाबुल हार गवा,
बाबुल धरती पइ ध्वस्त कीन्ह गवा।
ओकरे मिथ्या देवन क सबहिं मूरतियन धरती पइ लुढ़काइ दीन्ह गइन
अउर उ सबइ चकनाचूर हो गइन ह।”
10 यसायाह कहेस, “हे खरिहाने मँ अनाज क तरह रौंदे भए मोर लोगो, मइँ सर्वसक्तीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर स जउन कछू सुना ह, सबइ तू पचन्क बताइ दीन्ह ह।”
एदोम क परमेस्सर क सँदेसा
11 दूमा बरे दुःखद सँदेसा।
सेईर स मोका कउनो गोहराएस।
उ मोहसे कहेस, “हे पहरू, रात अबहिं केतॅनी बाकी बची बाटइ?
अबहिं अउर केतनी देर इ रात रही।”
12 पहरूआ कहेस,
“भोर होइ क अहइ मुला राति फुन स आई।
अगर तोहका कउनो बात पूछब अहइ
तउ लउट आवा अउर मोहसे पूछ ल्या।”
अरब बरे परमेस्सर क सँदेसा
13 अरब बरे दुःखद सँदेसा
हे ददानी क काफिले,
तू रात क रेगिस्तान मँ कछू बृच्छन क लगे गुजार ल्या।
14 कछू पियासे यात्रियन क पिअइ क पानी द्या।
तेमा क लोगो, ओन लोगन क खइया क द्या जउन जात्रा करत अहइँ।
15 उ सबइ लोग अइसी तरवारन स परात अहइँ
जउन ओनका मारइ क तत्पर रहेन।
उ सबइ लोग ओन धनुसन स बचिके परात रहेन
जउन ओन पइ छूटइ बरे तने भए रहेन।
उ सबइ भीसण लड़ाइ स परात रहेन।
16 मोर सुआमी यहोवा मोका बताए रहा कि अइसी बातन घटिहीं। यहोवा कहे रहा, “एक बरिस मँ (एक अइसा ढंग जेहसे मजदूर किराये क समय क गनत ह।) केदार क वैभव बर्बाद होइ जाइ। 17 उ समय केदार क थोड़े स धनुसधारी, प्रतापी फउजी ही जिअत बच पइहीं।” इस्राएल क परमेस्सर यहोवा मोका इ सबइ बातन बताए रहा।
यरूसलेम बरे परमेस्सर क सँदेसा
22 दिव्य दर्सन क घाटी क बारे मँ दुःखद सँदेसा:
तू लोगन क साथ का भवा ह?
काहे तू पचे आपन घरन क छतन पइ छिपत अहा?
2 बीत गए समय मँ इ सहर बहोत व्यस्त सहर रहा।
इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
किन्तु अब बातन बदलि गइन।
तोहार लोग मारा गएन
किन्तु तरवारन स नाहीं,
अउर उ पचे मारा गएन किन्तु जुद्ध मँ लड़ते समय नाहीं।
3 तोहार सबहिं सैनिक अधिकारी पराइ गएन,
किन्तु उ सबहिं बिना हथियारन क पकड़ि गवा।
उ सबहिं खोजा गएन अउर एक साथ पकड़ा गएन,
जबकि उ फ़राइके कहूँ दूर भाग गए रहेन।
4 एह बरे मइँ कहत हउँ, “मोरी कइँती जिन लखा,
बस मोका रोवइ द्या!
यरूसलेम क बिनास पइ मोका सान्त्वना देइ बरे
मोरी कइँती जिन लपका।”
5 यहोवा एक खास दिन चुनेस ह। उ दिन हुवाँ बगावत अउर भगदड़ मचि जाइ। दिव्य दर्सन क घाटी[b] मँ लोग एक दूसर क रौंद डइहीं। नगर क चार दीवारी ओकर नीव स उखाड़ फेंकी जाइ। घाटी क लोग पहाड़े पइ के लोगन क ऊपर चिल्लाइहीं। 6 एलाम क घुड़सवार फउजी आपन-आपन तरकसन लइके घोड़न पइ चढ़े भए जुद्ध क प्रस्थान करिहीं। किर क लोग आपन ढालन स आवाज करिहीं। 7 तोहार इ खास घाटी मँ फउजन आइ जुटिहीं। घाटी रथन स भरि जाइ। घुड़सवार फउजी क नगर दुआरन क समन्वा तैनात कीन्ह जइहीं। 8 तब यहूदा क रच्छा-अवरण[c] हटाइ लेइ जाइ। लोग जंगल-महल मँ जमा कइ भए हथियारन क लइ बरे जाब्या।
9-11 तू पचन्क दाऊद क नगर क चहारदीवारी क दरारन क लख सकत हीं। तउ तू पचे मकानन क गनइ सुरू करब्या यह तय करइ बरे कि ओहमाँ स कँतना मकान क धवस्त करइ क जरूरत, दीवार क मरम्मत करइ बरे होइ। तू पचे निचली तालाब[d] स पानी भी जमा करइ सुरू करब्या। तू पचे दूसर तालाब[e] दीवारन क बीच मँ सहर क निचला भाग मँ पुराने तालाब[f] स पानी जमा करइ बरे बनाउब्या। फुन भी उ परमेस्सर पइ तोहार पचन्क भरोसा नाहीं होइ जउन ऍन सबइ वस्तुअन क बनाएस ह। तू पचे ओकरी (परमेस्सर) कइँती नाहीं लखब्या जउन बहोत पहिले ऍन सबइ वस्तुअन क रचना किहे रहा। 12 तउ, मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा लोगन स ओनके मरे भए मीतन बरे बिलाप करइ अउर दुःखी होइ बरे कही। लोग आपन मूँड़ि मुँड़वाइ लेइहीं अउर सोक-वस्त्र धारण करिहीं। 13 किन्तु लखा! अब लोग खुस अहइँ। लोग खुसियन मनावत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ:
“मवेसियन क मारा, भेड़िन क बध करा।
हम उत्सव मनाउब।
तू पचे आपन खइया क खा अउर आपन दाखरस पिआ।
खा अउर पिआ काहेकि भियान तउ हमका मरि जाब अहइ।”
14 सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन मोहसे कहे रहा अउर मइँ ओनका अपने काने स सुने रहेउँ: “तू पचे बुरे करम करइ क अपराधी अहा अउर मइँ निहचय क साथ कहत हउँ कि इ अपराध क छिमा कीन्ह जाइ स पहिले ही तू पचे मरि जाब्या।” मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
सेबना बरे परमेस्सर क सँदेसा
15 मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस। उ सेबना नाउँ क सेवक क लगे जा। उ महल क प्रबन्ध-अधिकारी अहइ। 16 ओहसे पूछ्या, “उ का करत अहा? का हिआँ ओकरे परिवार क कउनो मनइ गड़ा भवा अहइ? उ हिआँ एक कब्र काहे बनावत अहा?”
यसायाह कहेस, “लखा इ मनई क! इ एक ऊँच जगहिया पइ आपन कब्र बनावत अहइ। आपन कब्र बनावइ बरे इ चट्टान क काटत अहइ।
17-18 “हे मनसेधू, यहोवा तोहका कुचरि डाइ। यहोवा तोहका बाँधिके एक ठु नान्ह स गेंदे क तरह गोल बनाइके कउनो बिसाल देसे मँ लोकाइ देइ अउर हुवाँ तोहार मउत होइ जाइ।”
यहोवा कहेस, “तोहका आपन रथन पइ बड़ा अभिमान रहा। किन्तु उ दूर देस मँ तोहरे नवे सासक क लगे अउर भी नीक रथ अहइँ। ओकरे महल मँ तोहार रथ महत्वपूर्ण नाहीं देखाइ देइहीं। 19 हिआ मइँ तोहका तोहार महत्व स पूर्ण काम स ढकेल के बाहेर करब। तोहरे महत्व क पूर्ण काम स तोहार नवा मुखिया तोहका दूर कइ देइ। 20 उ समय मइँ आपन सेवक एल्याकीम क जउन हिज्जिक्याह क पूत अहइ, बोलाउब 21 अउर तोहार चोगा लइके उ सेवक क पहिराइ देब। तोहार राजदण्ड भी मइँ ओका दइ देव। जउन महत्वक पूर्ण काम तोहरे पास अहइ, मइँ ओका भी उहइ क दइ देब। उ सेवक यरूसलेम क लोगन अउर यहूदा क परिवार बरे पिता क समान होइ।
22 “यहूदा क भवन क चाभी मइँ उ मनसेधू क गले मँ डाइ देब। अगर उ कउनो दुआर क खोली तउ उ दुआर खुला ही रही। कउनो भी मनई ओका बंद नाही कइ पाई। जदि उ कउनो दुआर क बंद करी तउ उ दुआर बंद होइ जाइ। कउनो भी मनई ओका खोल नाहीं पाई। उ सेवक पिता क घरे मँ एक सिंहासन क समान होइ। 23 मइँ ओका एक अइसी खूँटी क समान सुदृढ़ बनाउब जेका बहोत सख्त तखत मँ ठोका गवा ह। 24 ओकरे पिता क घर क सबहिं माननीय अउर महत्व स पूर्ण वस्तुअन ओकरे ऊपर लटकिहीं। सबहिं वयस्क अउर नान्ह बच्चन ओह पइ निर्भर रहिहीं। उ सबइ लोग अइसे होइहीं जइसे नान्ह नान्ह पात्र अउर बड़ी बड़ी सुराहियन ओकरे ऊपर लटकत होइँ।
25 “उ समय, उ खूँटी (सेबना) जउन अब एक बड़े कठोर तख्ते मँ गाड़ी भइ खूँटी अहइ, दुर्बल होइके टूट जाइ। उ खूँटी धरती पइ गिर पड़ी अउर उ खूँटी पइ लटकी भइ सबहिं वस्तुअन बर्बाद होइ जइहीं। तब उ प्रत्येक बात जउन मइँ उ सँदेसा मँ बताए रहेउँ, घटित होइ। इ सबइ बातन घटिहीं काहेकि एनका यहोवा कहे अहइ।”
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