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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यसायाह 13-17

बाबुल क परमेस्सर क दर्सन

13 परमेस्सर क बाबुल क बारे मँ इ सोक संदेस अहइ। इ दर्सन आमोस क पूत यसायाह दुआरा लखा ग रहा। परमेस्सर कहेस:

“इ बंजर पर्वत पइ ध्वज उठावा।
    ओन लोगन क गोहरइ
अउर आपन हाथ संकेत क रूप मँ हलाइ के ओन लोगन क बतावा कि
    उ पचे सज्जन मनइयन क प्रवेस दुआर पइ अहइँ।

“मइँ इ सबइ फउजन क आदेस दिहउँ
    जउन जुद्ध बरे आपन आपका समर्पित कइ दिहेस ह।
उ मइ हउँ जउन इ सबइ जोद्धन क बोलाएस ह।
    मइँ आपन गुस्सा देखाउब्या।
    मइँ उ जोद्धन पइ गर्व करत हउँ जउन मोर सेवा करइ बरे बहोत खुस अहइ।

“पहाड़ मँ एक जोरदार सोर भवा ह।
    तू उ सोर क सुना।
    इ सोर अइसा लागत ह जइसे बहोत ढेर सारे लोगन क।
बहोत सारे देसन क लोग आइके बटुरा अहइँ।
    सर्वसक्तिमान यहोवा आपन फउज क एक संग बोलावत अहइ।
यहोवा अउर इ सेना कउनो दूर क देस स आवत अहइँ।
    इ सबइ लोग छितिज क पार स किरोध परगट करइ आवति अहइँ।
यहोवा इ सेना क उपयोग अइसे करी जइसे कउनो किसी सस्त्र क उपयोग करत ह।
    इ फउज सारे देस क बर्बाद कइ देइ।”

यहोवा क निआव क खास दिन आवइ क अहइ। एह बरे रोआ। अउ खुद आपन बरे दुःखी ह्वा। समय आवत अहइ जब सत्रु तोहार सम्पत्ति चुराइ लेइ। सर्वसक्तीमान परमेस्सर वइसा करवाइ। लोग आपन हिम्मत छोड़ि देइहीं अउर डर लोगन क दुर्बल बनाइ देइ। हर कउनो भयभीत होइ। डर स लोगन क अइसे दुःखइ लगिहीं जइसे कउनो बच्चा क जन्मइवाली महतारी क पेट दुःखइ लागत ह। ओनकर मुँह लाल होइ जइहीं, जइसे कउनो आगी होइ। लोग अचरजे मँ पड़ि जइहीं काहेकि ओनकर सबहिं पड़ोसियन क मुँहे पइ भी भय देखाई देइ।

बाबुल क खिलाफ परमेस्सर क निआव

लखा, यहोवा क खास दिन आवइ क अहइ। उ एक खउफनाक दिन होइ। परमेस्सर महान किरोध मँ देस क बिनास कइ देब। उ पाप क उ भुइँया स निकार देब। 10 आकास करिया पड़ि जइहीं, सूरज अउ चाँद नाहीं चमकिहीं। तारन आपन तारा-मण्डल मँ नाहीं टिमटिमाइ।

11 परमेस्सर कहेस, “मइँ इ दुनियाँ लोगन क उ बुरा चिजियन जउन उ किहेस ह क बरे जिम्मवार ठहरउब। मइँ लोगन क उ सेखी क नस्ट करब जउन दूसर लोगन बरे अरथ होइ। 12 हुवाँ बस थोड़े स लोग ही बचिहीं। जइसे सोना क मिलब दुरलभ अहइ, वइसे ही हुवाँ लोगन का मिलब दुर्लभ होइ जाइ। किन्तु जउन लोग मिलिहीं, उ पचे निखालिस सोना स भी जियादा मूल्यवान होइहीं। 13 आपन किरोध स मइँ आकास क हलाइ देबउँ। धरती आपन धुरी स डिगाइ दीन्ह जाइ।”

इ सब उ समय घटी जब सर्वसक्तीमान यहोवा आपन किरोध दर्साइ। 14 तब बाबुल क निवासी अइसे परइहीं जइसे घायल हिरन परात ह। उ पचे अइसे परइहीं जइसे बगैर गड़रिये क भेड़ी परात ह। हर कउनो मनई पराइके आपन देस अउर आपन लोगन कइँती मुड़ आई। 15 किन्तु बाबुल क लोगन क पाछा ओनकर दुस्मन नाहीं छोड़िहीं अउर जब सत्रु कउनो मनई क धर पकड़ी तउ उ ओका तलवार क घाट उतारि देइ। 16 ओनकर घरे क हर वस्तु चुराइ लीन्ह जाइ। ओनकर पत्नियन क संग कुकरम कीन्ह जाइ अउर ओनकर नान्ह नान्ह गदेलन क लखत पीटि पीटिके मार डावा जाइ।

17 परमेस्सर कहत ह, “लखा, मइँ मादी क फउजन स बाबुल पइ हमला कराउब। मादी क फउजन जदि सोना अउ चाँदी क भुगतान लइ भी लेइहीं तउ भी उ पचे ओन पइ हमला करब बंद नाहीं करिहीं। 18 फउजन बाबुल क नउजवान मनइयन क धनुस क छिन-भिन कइ देब्या। उ पचे नान्ह लरिकन पइ दाया नाहीं देखाँइ या गदेलन तलक भी करूणा नाहीं करिहीं।

19 “तब बाबुल, सबइ समराज्ज मँ सबन त सुन्नर, कसदी क चमत्कारी गर्व क पूरी तरह स बर्बाद कइ दीन्ह जाब। इ उहइ तरह होइ जइसा परमेस्सर सदोम अउर अमोरा क नास किहे रहा! 20 किन्तु बाबुल क सुन्नरपन बना नाहीं रही। भविस्स मँ हुवाँ लोग नाहीं रइहीं। अराबी क लोग हुवाँ आपन तम्बू नाहीं गड़िहीं। गड़रियन चरावइ बरे हुवाँ आपन भेड़िन क नाहीं लिअइहीं। 21 जउन पसु हुवाँ रइहीं उ सबइ बस रेगिस्तान क पसु ही होइहीं। बाबुल मँ आपन घरन मँ लोग नाहीं रहि पइहीं। घरन मँ जंगली कुत्तन अउ बड़के कुकुरन चिल्लइहीं। घरन क भितरे जंगली बोकरन बिहार करिहीं। 22 बाबुल क बिसाल भवनन मँ जंगली कुकुरन अउर सियारन गुर्राइ। बाबुल बर्बाद होइ जाइ। बाबुल क अंत निअरे अहइ अब बाबुल क बिनास मँ अउर जियादा देरी नाहीं होइ।”

इस्राएल घरे लउटी

14 जब यहोवा याकूब क सुख देइ अउर इस्राएल क फुन आपन लोगन क रूप मँ चुनी उ ओनका क ओकर आपन धरती मँ बसाइ। उ समइ मँ कछू बिदेसियन ओकर संग सामिल होइ जाइ अउर याकूब क परिवार क निअँबर बन जाइ। उ सबइ जातियन इस्राएल क धरती बरे इस्राएल क लोगन क फुन वापस लइ लेइहीं। दूसर जातियन क उ सबइ मेहरारू मनसेधू इस्राएल क दास होइ जइहीं। बीते भए समय मँ ओन लोग इस्राएल क लोगन क बलपूर्वक आपन दास बनाए रहेन। इस्राएल क लोग ओन जातियन क हरइहीं अउर फुन इस्राएल ओन पइ हुकूमत करी। यहोवा तोहरे मेहनत क खतम करी अउर तोहका आराम देइ। पहिले तू दास हुवा करत रह्या, लोग तोहका कड़ी मेहनत करइके मजबूर करत रहेन किन्तु यहोवा तोहार इ कड़ी मेहनत क अब खतम कइ देइ।

बाबुल क राजा क बारे मँ एक गीत

उ समय बाबुल क राजा क बारे मँ तू इ गीत गावइ लगब्या:

उ राजा दुट्ठ रहा जब उ हमार सासक रहा।
    किन्तु अब ओकरे राज्ज क अन्त भवा।
यहोवा दुट्ठ सासकन क राज दण्ड तोड़ देत ह।
    यहोवा ओनसे ओनकर सक्ति छोरि लेत ह।
बाबुल क राजा किरोध मँ भरिके लोगन क पीटा करत ह।
    उ दुट्ठ सासक लोगन क पीटब कबहुँ बंद नाहीं किहस।
उ दुट्ठ राजा किरोध मँ भरिके लोगन पइ राज किहस।
    उ लोगन क साथ बुरे कामन क करब नाहीं तजेस।
किन्तु अब सारा देस आराम मँ अहइ।
    देस मँ सान्ति अहइ।
    लोग अब उत्सव मनाउब सुरू किहेन ह।
तू एक बुरा सासक रह्या,
    अउर अब तोहार अन्त भवा ह।
हिआँ तलक की चीड़ क बृच्छ भी सुस्त अहँइ।
    लबानोन मँ देवदार का बृच्छ भगन अहइँ।
बृच्छ इ कहत हीं, “जउन राजा हमका गिराए रहा।
    आजु उ राजा क हीं पतन होइ ग अहइ,
    अउर अब उ राजा कबहुँ खड़ा नाहीं होइ।”
अधोलोक, यानी मउत क प्रदेस उत्तेजित अहइ
    काहेकि तू आवत अहा।
अधोलोक तोहार बरे संसार क
    प्रमुखन क आतिमा क उठावत रहा हीं।
अधोलोक तोहार स्वागत करइ बरे
    सिंहासन स ओन प्राचीन राजा लोगन क खड़ा करत हीं।
10 इ सबइ प्रमुख तोह पइ हँसी उड़इ अउर कहिहीं,
    “तू भी अब हमरी तरह मरा भवा सरीर अहा।
    अब लोग तोहार बरे भी उहइ गीतन लेखब जउन उ पचे मोरे बरे लेखेस ह।”
11 तोहरे अभिमान क मउत क लोक मँ खाले उतारा गवा।
    तोहार अभिमानी आतिमा क अवाइ क घोसणा तोहरी वीजन क संगीत करत ह।
तोहरे बदन क माखियन खाइ जइहीं।
    तू ओन पइ अइसे ओलरब्या माना उ पचे तोहार बिछउना होइँ।
    कीरन अइसे तोहरी देह क ढक लेइहीं माना कउनो कमरी होइ।
12 हे भोर क तारा,
    तू धरती पइ भहराइ पड़्या।
हे पेड़ तू सबहिं रास्ट्र क कमज़ोर बनाइ दिहेस,
    किन्तु तोहका अब काटिके गिराइ दीन्ह गवा!
13 तू हमेसा आपन स कहत रह्या,
    “मइँ अकासन पइ आरोहण करब
अउर परमेस्सर क तारन क ऊपर अपना सिंहासन कायम करब
    अउर देवी पर्व जप्पा क चोटी पइ बैठब,
    जहाँ पइ जप्पा क सबन त ऊँची चोटीयन पइ देवतन अकत्र होत ह।
14 मइँ बादरन क वेदी तलक जाब।
    मइँ सर्वोच्च परमेस्सर जइसा बनब।”

15 किन्तु वइसा नाहीं भवा।
    तू परमेस्सर क संग ऊपर अकासे मँ नाहीं जाइ पाया।
    तोहका अधोलोक क खाले गहिर पताल मँ लइ आवा गवा।
16 लोग जउन तोहका टकटकी लगाइके लखा करत हीं,
    उ सबइ तोहरे बरे सोचा करत हीं।
लोगन क आजु इ देखॉत ह कि तू बस मरा भवा अहा, अउर लोग कहा करत हीं,
    “का इहइ उ मनई अहइ जउन धरती क सारे राज्जन मँ भय फइलावा भवा अहइ?
17 का इ उहइ मनई अहइ जउन नगर बर्बाद किहेस
    अउर जउन धरती क उजाड़ मँ बदल दिहस?
का इ उहइ मनई अहइ जउन लोगन क जुद्ध मँ बन्दी बनाएस
    अउर ओनका आपन घरन मँ नाहीं जाइ दिहस?”
18 धरती क हर राजा सान स मउत क पाएस।
    हर कउनो राजा क मकबरा बना अहइ।
19 किन्तु हे बुरे राजा, तोहका तोहरी कब्र स निकारि बहावा दीन्ह ग अहइ।
    तू एक ठु गिरी भई ल्हास अहा
जेका जुद्ध मँ मारा गवा,
    अउर दूसर फउजी ओका रौंदन चला गएन।
अब तू अइसा देखॉवत अहा जइसे दूसर मरे मनई देखॉत हीं।
    तोहका कफन मँ लपेटा गवा ह।
20 बहोत स अउर भी राजा लोग मरेन।
    ओनके लगे आपन-आपन कब्र अहइँ।
    किन्तु तू ओनमाँ नाहीं मिलब्या।
काहेकि तू आपन ही देस क बिनास किह्या।
    आपन ही लोगन क तू बध किहा ह।
जइसा बिनास तू मचाए रह्या।

21 ओकरी सन्तानन क बध तइयारी करा।
    तू ओनका मउत क घाट उतारा काहेकि ओनकर पिता अपराधी अहइ।
अब कबहुँ ओकरे पूत नाहीं होइहीं।
    ओकर सन्तानन अब कबहुँ भी संसार क आपन नगरन स नाहीं भरिहीं।
    तोहार सन्तानन वइसा करत नाहीं रहिहीं।
    तोहरी सन्तानन क वइसा करइ स रोक दीन्ह जाइ।

22 सर्वसक्तिमान यहोवा कहेस, “मइँ खड़ा होब अउर ओन लोगन क खिलाफ लड़ब। मइँ मसहूर नगर बाबुल क उजारि देबउँ। बाबुल क सबहिं लोगन क मइँ नस्ट कइ देब। मइँ ओनकर सन्तानन, पोते-पोतियन अउर सन्तानन क मेट देबउँ।” इ सबइ सब बातन यहोवा खुद कहे रहा।

23 यहोवा कहे रहा, “मइँ बाबुल क बदल डाब। उ ठउरे मँ पसुअन क बास होइ, न कि मनइयन क। उ ठउर दलदल क प्रदेस बनि जाइ। मइँ ‘विनास क झाड़ू’ स बाबुल क बाहेर कइ देब।” सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।

परमेस्सर अस्सूर क भी दण्ड देइ

24 सर्वसक्तिमान यहोवा एक बचन दिहे रहा। यहोवा कहे रहा, “मइँ बचन देत हउँ, कि इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं, जइसे मइँ एनका सोचेउँ ह। इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं जइसे कि मोर योजना अहइ। 25 मइँ आपन देस मँ अस्सूर क राजा क नास करब आपन पहाड़न पइ मइँ अस्सूर क राजा क आपन गोड़न तले कुचरि डाउब। उ राजा मोरे लोगन क आपन दास बनाइके ओनकर कन्धन पइ एक जूआ रख दिहेस ह। यहूदा क गर्दन स उ जूआ उठाइ लीन्ह जाइ। उ बिपत्ति क उठावा जाइ। 26 मइँ आपन लोगन बरे अइसी ही जोजना बनावत हउँ। सबहिं जातियन क सजा देइ बरे, मइँ आपन सक्ति क प्रयोग करब।”

27 यहोवा जब कउनो जोजना बनावत ह तउ कउनो भी मनई उ जोजना क रोक नाहीं सकत। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे जब आपन हाथ उठावत ह तउ कउनो भी मनई ओका रोक नाहीं सकता।

पलिस्तियन क परमेस्सर क सँदेसा

28 इ दुःखद सँदेसा उ बरिस दीन्ह गवा रहा जब राजा आहाज क मउत भइ रही।

29 हे, पलिस्तियो क प्रदेसो! तू बहोत खुस अहा काहेकि जउन राजा तोहका मार लगावा करत रहा, आजु मर चुका अहइ। किन्तु तोहका असलियत मँ खुस नाहीं होइ चाही। इ फुरइ अहइ कि ओकरे सासन क अंत होइ चुका अहइ। किन्तु उ राजा क पूत अबहिं आइके राज करी अउ उ एक अइसे साँप क समान होइ जउन खउफनाक नागन क जन्म दिया करत ह। इ नवा राजा तू लोगन बरे एक ठु बड़के फुर्तीले खउफनाक नाग क जइसा होइ। 30 किन्तु मोरे दीन जन सुरूच्छा पूर्वक खात पिअत रहि पइहीं। ओनकर सन्तानन भी सुरच्छित रइहीं। मोरे दीनजन, सोइ सकिहीं अउर सुरच्छित अनुभव करिहीं। किन्तु तोहरे परिवार क भूख स मार डाउब अउर तोहार सबहिं बचे भए लोग मरि जइहीं।

31 हे नगर दुआर क बासियो, रोवा!
    नगर मँ बसइयो तू लोग, चीखा-चिल्ला!
पलिस्ती क तू सब लोगो डेराइ जाब्या।
    तोहार हिम्मत गरम मोम क नाई टेघरिके ढल जाइ।

उत्तर दिसा कइँती लखा!
    हुवाँ धूरि क एक बादर अहइ।
लखा, अस्सूर स एक फउज आवति अहइ।
    उ फउज क सबहिं लोग बलवान अहइँ।
32 उ फउजी आपने नगर मँ दूत पठइहीं।
    दूत आपन लोगन स का कहिहीं?
    उ पचे एलान करिहीं: पलिस्ती हार गवा, किन्तु यहोवा सिय्योन क सुदृढ़ बनाएस ह,
    अउर ओकर दीन्ह जन हुवाँ रच्छा पावइ क गएन।

मोआब क परमेस्सर क सँदेसा

15 इ दुःखद संदेस मोआब क बारे मँ अहइ:

एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा,
    उ तहस नहस कइ दीन्ह गवा।
एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा,
    उ नगर तहस नहस कइ दीन्ह गवा।
राजा क घराना अउ दिबोन क निवासी आपन दुःख रोवइ क ऊँचके पइ पूजा ठउरन पइ चला गएन।
    मोआब क निवासी नबो अउर मेदबा बरे रोवत हीं।
    ओन सबहिं लोग आपन दाढ़ी अउ मूँड़ आपन सोक दर्सावइ बरे मुड़वाए रहेन।
मोआब मँ सब कहूँ घरन अउ गलियन मँ,
    लोग सोक वस्त्र पहिरिके हाय हाय करत हीं।
हेसबोन अउ एलाले नगरन क निवासी बहोत ऊँच सुर मँ विलपत अहइँ।
    बहोत दूर यहस क नगरी तलक उ विलाप उनका जाइ सकत ह।
हिआँ तलक कि फउजी भी डेराइ ग अहइँ।
    उ सबइ फउजी भय स काँपत अहइँ।

मोर मन दुःख स मोआब बरे रोवत अहइ।
    लोग कहूँ सरण पावइ बरे दउड़त अहइँ।
    उ पचे सुदूर जोआर मँ जाइ क भागत अहइँ।
लोग दूर क देस एग्लतसलीसिय्या क परात अहइँ।
लोग लूहीत क पहाड़ी चढ़ाइ पइ रोवत बिलखत भए परात अहइँ।
    लोग होरोनैम क मार्ग पइ अउर उ पचे बहोत ऊँच ऊँच सुर मँ बिलखत भए जात अहइँ।
निम्रीम क नाला अइसे झुराइ गवा जइसे रेगिस्तान झुरान होत ह।
    सबहिं गेहुँअन क पउधा काटइ क पहिले मुरझा गएन।
सबइ घास खतम होइ गएन।
    हुवाँ कछू भी हरा नाहीं बचा बाटइ।
तउ लोग जउन कछू ओनके लगे अहइ ओका बटोरा करत हीं, अउर मोआब क तजत हीं।
    ओन वस्तुअन क लइके उ पचे नाले (पाप्लर या अराबा) स सीमा पार करत अहइँ।

मोआब मँ हर कहूँ विलाप ही सुनाई देत ह।
    दूर क नगर एगलैम मँ लोग बिलखत बाटेन। बेरेलीम नगर क लोग विलाप करत अहइँ।
दीमोन[a] नगर क जल खून मँ बदलि गवा अहइ।
    अउर मइँ दीमोन पइ अबहिं अउर बिपत्तियन डाउब।
मोआब क कछू निवासी सत्रु स बचि गवा अहइँ।
    मइँ ओन लोगन क खाइ बरे सेरन क पठउब।

16 सेला क नगर स मेमनन यहूदा क नवा राजा बरे नज़राना पठावा; तू पचन्क रेगिस्तान स होत भए सिय्योन क बिटिया क पठवा।

मोआब क मेहररूअन उ बे सहारे नान्ह चिरइयन क जइसा अहइँ
    जउन आपन घोंसला स धरती पइ गिर गवा ह।
    उ पचे अर्नीन नदी क पार करइ बरे इधर-उधर दउड़त अहइ।
उ सबइ विन्ती करत अहइँ, “हमार मदद करा!
    बतावा हम का करी!
तू हमका मुसीबत स अइसा बचावा
    जइसा दोपहर क धूप स एक आंधर छाया हमका बचावत ह।
हम सत्रुअन स भागत अही।
    तू हमका छुपाइ ल्या।
    हम का तू सत्रुअन क हाथन मँ पड़इ न द्या।”
ओन मोआब बासियन क आपन घर तजइ क मजबूर कीन्ह गवा रहा।
    एह बरे तू ओनका आपन धरती पइ रहइ द्या।
    तू ओनके सत्रुअन क छुपाइ ल्या।

इ लूट रुक जाइ।
    सत्रु हार जइहीं अउर अइसे मनसेधू दूसर क नोस्कान करत हीं,
    इ धरती स उखड़िहीं।

फुन एक ठु नवा राजा आइ।
    इ राजा दाउद क घराने स होइ।
    उ सच्चाई स पूर्ण, करूणावाला अउ दयालु होइ।
इ राजा निआव कर्ता अउ निस्पच्छ होइ।
    उ खरे अउ नीक काम करी।

हम सुना ह कि मोआब क लोग
    बहोत अभिमानी अउ घमण्डी अहइँ।
इ सबइ लोग हिंसक अहइँ अउ बड़ा बोले भी।
    एनकर बड़ा बोल फुरइ नाहीं अहइ।
समूचा मोआब देस आपन अभिमान क कारण कस्ट उठाई।
    मोआब क सारे लोग विलाप करिहीं।
    उ सबइ लोग बहोत दुःखी रइहीं।
उ पचे अइसी वस्तुअन क इच्छा करिहीं जइसी ओनके लगे पहिले हुवा करत रहीं।
    उ पचे कीरहरासत मँ बने भए अंजीर क पूड़न क इच्छा करिहीं।
उ सबइ लोग बहोत दुःखी रहा करिहीं काहेकि हेसबोन क खेत अउर सिबमा क अंगूर क बेलन मँ अंगूर नाहीं लगाइ पावत अहइँ।
    बाहेर क सासकन अंगूर क बेलन क काट फेकेन ह।
याजेर क नगरी स लइके रेगिस्ताने मँ दूर दूर तलक सत्रु क फउजन फइल गइ अहइँ।
    उ पचे सागर क किनारे तलक जाइ पहोंची अहइँ।
“मइँ ओन लोगन क साथ बिलाप करब जउन याजेर अउ सिबमा क निवासी अहइँ
    काहेकि अंगूर नस्ट कीन्ह गएन।
मइँ हेसबोन अउ एलाले क लोगन क साथ सोक करब
    काहेकि हुवाँ फसल नाहीं होइ।
हुवाँ गर्मी क कउनो फल नाहीं होइ।
    हुवाँ पइ आनन्द क ठहाके भी नाहीं होइहीं।
10 अंगूरे क बगिया मँ आनन्द नाहीं होइ अउर न ही हुवाँ गीत गावा जइहीं।
    मइँ कटनी क समय क सारी खुसी खतम कइ देब।
दाखरस बनवइ बरे अंगूर तउ तइयार अहइँ,
    किन्तु उ सबइ बर्बाद होइ जइहीं।
11 एह बरे मइँ मोआब बरे बहोत दुःखी हउँ।
    मइँ कीरहरैम बरे बहोत दुःखी हउँ।
    मइँ ओन नगरन बरे बहोत जियादा दुःखी हउँ।
12 मोआब क निवासी आपन ऊँचे पूजा क ठउरन पइ जइहीं।
    उ सबइ लोग पराथना करइ क जतन करिहीं।
किन्तु उ सबइ ओन सबहिं बातन क लखिहीं।
    जउन कछू घटि चुकी अहइ, अउर उ पचे पराथना करइ क दुर्बल होइ जइहीं।”

13 यहोवा मोआब क बारे मँ पहिले अनेक दाई इ सबइ बातन कहे रहा। 14 अउर अब यहोवा कहत ह, “तीन बरिस मँ (उ रीति स जइसे किराये क मजदूर समय गनत ह) उ पचे सबहिं मनई अउर ओनकर उ सबइ वस्तुअन जेन पइ ओनका गर्व रहा, नस्ट होइ जइहीं। हुवाँ बहोत थो़डे स लोग बचिहीं, बहोत स नाहीं।”

आराम बरे परमेस्सर क सँदेसा

17 इ दमिस्क बरे दुःखद सँदेसा अहइ। यहोवा कहत ह कि दमिस्क क साथ मँ बातन घटिहीं:

“दमिस्क जउन आज नगर अहइ किन्तु कल उ उजड़ि जाइ।
    दमिस्क मँ बस टूटे फूटे भवन ही बचिहीं।
अरोएर क नगरन क लोग तजि जइहीं।
    ओन उजड़े भए नगरन मँ भेड़िन क खरका खुली घुमिहीं।
    हुवाँ कउनो ओनका डरावइवाला नाहीं होइ।
समारिया, एप्रैम क गढ़ नगर ध्वस्त होइ जइहीं।
    दमिस्क क सासन क अन्त होइ जाइ।
इस्राएल अउर आराम दुइनउँ देसन मँ इ सबहिं घटना एक समान घटिहीं।
    दुइनउँ देस आपन सक्ति अउर महिमा खोइ देब।”
    सर्वसक्तीमान यहोवा बताएस कि इ सबइ बातन होइहीं।

ओन दिनन याकूब अपनी सारी सम्पत्ति खोइ देइ।
    याकूब वइसा होइ जाइ जइसा मनई रोग स दुबला होइ।

उ समय क सज़ा अइसा होइ जइसे रपाईम घाटी मँ फसल काटइ क समय होत ह। मजदूर ओन पउधन क बटोरत हीं जउन खेते मँ उपजत हीं। फुन उ पचे ओन पउधन क बालन क काटत हीं अउर ओनसे अनाजे क दाना निकारत हीं।

उ समय ओह समय क समान होइ जब लोग जैतून क फसल उतारत हीं। लोग जैतून क बृच्छन स जैतून झाड़त हीं। किन्तु बृच्छ क चोटी पइ प्राय: कछू फल तब भी बचा रहत हीं। चोटी क कछू डारन पइ चार पाँच जइतून क फल छूट जात हीं। ओन नगरन मँ भी अइसा ही होइ। सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।

उ समय लोग परमेस्सर कइँती निहरिहीं। परमेस्सर, जउन ओनकर रचना किहेस ह। उ सबइ इस्राएल क पवित्तर कइँती मदद खातिर लखिहीं। लोग ओन वेदियन पइ बिस्सास करब खतम कइ देइहीं जेनका उ पचे खुद आपन हाथन स बनाए रहा। असेरा देवी क जेन खम्मन अउ धूप बारइ क बेदियन क उ पचे आपन अँगुरियन स बनाए रहा, उ पचे ओन पइ भरोसा करब बंद कइ देइहीं। उ समय, सबहिं गढ़-नगर उजड़ जइहीं। उ सबइ नगर अइसे पर्वत अउर जंगलन क समान होइ जइहीं, जइसे उ पचे इस्राएलियन क आवइ स पहिले हुवा करत रहेन। बीते भए दिनन मँ हुवाँ स सबहिं लोग दूर भाग गए रहेन काहेकि इस्राएल क लोग हुवाँ आवत रहेन। भविस्स मँ इ देस फुन उजड़ जाइ। 10 अइसा एह बरे होइ काहेकि तू आपन उद्धारकर्ता परमेस्सर क बिसराइ दिहा ह। तू इ याद नाहीं राख्या कि परमेस्सर ही तोहार सरणस्थल अहइ।

तू सुदूर जगहन स बहोत नीक अंगूर क बेलन लिआए रह्या। तू अंगूरे क बेलन क रोप सकत ह किन्तु ओन पउधन मँ बढ़वार नाहीं होइ। 11 एक दिन तू आपन अंगूर क ओन बेलन क रोपब्या अउर ओनकर बढ़वार क जतन करब्या। अगवा दिन, उ सबइ पउधन बड़इ भी लगिहीं किन्तु फसल उतारइ क समय जब तू ओन बेलन क फल बटोरइ जाब्या तब लखब्या कि सब कछू झुराइ चुका अहइ। एक बेरामी सबहिं पउधन क अंत कइ देइ।

12 हे लोगन क भीड़ क सुना,
    उ गर्जत भवा समुद्दर क नाईं आवाज करत हीं!
    हे भीड़ क सोर सुना, उ सागर क ज्वार-भाट क टकराइ क नाईं आवाज करत ह।
13 हाँ उ भीड़ ओनहीं लहरन जइसे अहइ।
    मुला उ पचे सबहिं लहरन क नाईं पराइ जाइ जब परमेस्सर ओनका झिड़की!
    लोग उ भूसे क नाई होइहीं जेकरी पहाड़ी पइ हवा उड़ावत फिरत ह।
लोग वइसे ही होइ जइही जइसे आँधी क जरिया वस्तुअन क उखाड़े जात अहइ।
    आँधी ओनका उड़ावत ह अउर दूर लइ जात ह।
14 उ रात लोग बहोत ही डेराइ जइहीं।
    सुबह होइस पहिले, कछू भी नाहीं बच पाई।
तउ सत्रुअन क हुवाँ कछू भी हाथ नाहीं आई।
    उ पचे हमार धरती कइँती अइहीं, किन्तु हुवाँ भी कछू नाहीं होइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.