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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 27-28

होम बलि बरे वेदी

27 यहोवा मूसा स कहेस, “बबुरे क काठ बइपरा अउ एक वेदी बनावा। इ वेदी चउकोर होइ चाही। इ पाँच हाथ लम्बी अउ पाँच हाथ चउड़ी अउर तीन हाथ ऊँच होइ चाही। वेदी क चारिहुँ कोने प सींग बनावा। हर एक सींग क एकरे कोने स अइसा जोड़ा कि सबहिं कुछू एक होइ जाइँ। तबहिं वेदी क काँसे स मढ़ि द्या।

“वेदी प काम आवइवाला सबहिं औजार अउ डेकची क काँसा स बनावा। काँसे क बासन, फरूही, खोरा, काँटा अउ तसला बनावा। इ मँ स कुछू वेदी स राखी बहावइ मँ बइपरी जइहीं। वेदी बरे एक झंझरी बनावा। इ काँसा झंझरी जाल क नाईं बनई जाइ। झंझरी क चारिहुँ कोने प काँसे क छल्ला बनावा। झंझरी क वेदी क तले कांगनी क नीचे धरा। झंझरी नीचे से वेदी क आधा हींसा मँ बीच तलक होइ चाही।

“वेदी बरे बबुरे क काठ क बल्ला बनावा अउ ओनका काँसा स मढ़ा। वेदी क दुइनउँ ओर लगा भवा छल्ला मँ इ खम्भन क नाइ द्या। इ खम्भन क वेदी ढोवइ बरे बइपरा। वेदी क भितरे स फोप्फल संदूख क नाई बनवा अउ एकर अगली बगली लकड़ी क पट्टा स बनावा। वेदी वइसइ ही बनावा जइसा मइँ तोहका पहाड़े प देखाएउँ ह।

पवित्तर तम्बू क चारिहुँ कइँती आँगन

“पवित्तर तम्बू बरे एक आँगन बनावा। परदन क दक्खिन कइँती एक सौ हाथ लम्बी होइ चाही। इ परदन क उत्तिम सनी क रेसा क होइ चाही। 10 बीस खम्भा अउ बीस काँसे क कुर्सी क बनावा। खम्भन क हुक अउ पर्दा क छड़ चाँदी क बनइ चाही। 11 उत्तर कइँती पर्दन क दीवार एक सौ हाथ लम्बी होइ चाही। एहमाँ बीस ठु खम्भा अउर बीस काँसे क आधार होइ चाही। खम्भा क फन्दा अउ पर्दन क छड़ चाँदी क बनवइ चाही।

12 “आँगन क पच्छिउँ कइँती पर्दन क दीवार होइ चाही जउन पचास हाथ लम्बी होइ चाही। हुवाँ उ दीवारे क दस खम्भा अउ दस आधार चाँदी क बना होइ चाहिए। 13 आँगन क पूरब कइँती पचास हाथ लम्बाई होइ चाही। 14-15 इ पूरब क सिरा अंगने मँ घुसइ क दुआर होइ। प्रवेस दुआर क एक सिरा क पर्दा पन्द्रह हाथ लम्बी होइ चाही। उ कइँती तीन खम्भा अउर तीन ठु आधार होइ चाही।

16 “एक पर्दा बीस हाथ लम्बे आंगन क प्रवेस दुआर ढाकइ बरे बनावा। इ पर्दा क सनी क उत्तिम रेस अउ नीला, लाल अउ बैगंनी कपरा स बनावा। इ पर्दे प नकसा क काढ़ि द्या। उ पर्दा बरे चार खम्भा अउ चार आधार होइ चाही। 17 अंगने क चारिहुँ कइँती क सबहिं खम्भन चाँदी क छड़े स जोरी जाइ चाही। खम्भन क हुक चाँदी क चाँदी स बनवइ चाही अउ खम्भा क आधार काँसा क होइ चाही। 18 आंगन एक सौ हाथ लम्बा अउ पचास हाथ चौड़ा होइ चाही। अंगने क चारिहुँ कइँती क पर्दन क दीवार पाँच हाथ ऊँच होइ चाही। पर्दा सनी क उत्तिम रेसा क बनवा होइ चाही। सबहिं खम्भन क तले आधार काँसा क होइ चाही। 19 सबहिं औजार पवित्तर तम्बू क खूँटिन, अउ पवित्तर तम्बू मँ लाग भइ हर एक चीज काँसा क ही बनइ चाही। अउर अंगने क चारिहुँ कांइँती क पर्दा बरे खूँटिन काँसा क ही बनई होइ चाही।

दिया बरे तेल

20 “इस्राएल क मनइयन क सब ते बढ़िया तेल लइ आवइ क हुकुम द्या। इ तेले क बइपरब हर साँझे क जरइवाला दिया बरे करा। 21 हारून अउ ओकर बेटवा दिया क रोसन करइ क काम संभरिहीं अउर एकर धियान रखिहीं कि इ ठउरे प यहोवा क समन्वा दिया साँझ स भिन्सारे तलक बराबर जरत रइहीं। उ पचे बइठका वाली तम्बू क पहिले कमरा मँ जइहीं। इ कमरा करार क संदूखे बाला कमरा क बाहेर अहइ जउन उ पर्दा क पीछे अहइ जउन दुइनउँ कमरन क अलगावत ह। इस्राएल क मनइयन अउ ओनकइ औलाद इ नेम क हमेसा मानत रइहीं।”

याजकन क वस्त्र

28 यहोवा मूसा स कहेस, “आपन भाई हारून अउ ओकर बेटवन नादाब, अबीहू, एलिआजार अउ ईतामार क इस्राएल क मनइयन मँ स अपने लगे आवइ क कहा। इ मनइयन मोर सेवा याजकन क रूप मँ करिहीं।

“आपन भाई हारून बरे खास वस्त्र बनावा। इ वस्त्र ओका मान अउ सम्मान अउर सान बरे अहइ। लोगन मँ अइसे कुसल कारीगर अहइँ जउन इ वस्त्र बनइ सकत हीं। मइँ इन मनइयन क खास बुद्धि दीन्ह ह। ओन मनइयन स हारून बरे वस्त्र बनवइ क कहा। इ वस्त्र बतइहीं कि उ मोर सेवा खास रूप स करत अहइँ। उ मोर सेवा याजक क रूप मँ करत अहइ। इ उहइ वस्त्र अहइँ जेका कारीगरन क बनवइ: ‘निआव क थइला’, एपोद, एक नीला रंग क लबादा एक सफेद बुना भवा चोगा, एक पगड़ी अउ एक कमर बंद कुसल मनइयन क इ खास वस्त्र तोहार भाई हारून अउ ओकरे बेटवन बरे जरूर बनवइ चाही। तबहिं हारून अउ ओकर बेटवा मोर सेवा याजकन क रूप मँ कइ सकत हीं। मनइयन स कहा कि उ पचे सनी क उत्तिम रेसा अउ नीला, लाल अउ बैगनी कपरा क बइपरइँ।

एपोद अउ कमरबंद

“एपोद बनवइ बरे सुनहरी धागा, सनी क उत्तिम रेसा अउ नीला, लाल अउ बैगनी कपरा पहिरा। इ खास एपोद क माहिर कारीगर बनइहीं। एपोद क हर एक काँधे प पट्टी लाग होइ। काँधे क इ पट्टियन एपोद क दुइनउँ कोने प बंधी होइहीं।

“कारीगर बड़ी, हुसियारी स एपोद बरे एक कमरबंद बुनिहीं। इ उहइ रूप स बनवाइ चाही जउन रूप मँ एपोद। सुनहरा, नीला, बैगनी अउ लाल धागा अउर उत्तम सनी बइपरा।

“तोहका दुइ गोमेद लेइ चाही। इन नगन प इस्राएल क बारहु बेटवन क नाउँ खोदा। 10 छ: नाउँ एक नग प अउ छ: नाउँ दूसर नग प खोदइ चाही। नाउँ क सब ते बड़का अउ सब ते छोटका बेटवा क हिंसाब स लिखा। 11 इस्राएल क बेटवन क नाउँ इ नगन प खोदवावा। इ उहइ तरह करा जउने तरह उ कुसल दस्तकार मनई जउन मोहर बनावत ह, 12 तब एपोद क दुइ काँधे क पट्टी प इ दुइ नगन क लगावा। हारून यहोवा क समन्वा जब ठाड़ होइ, उ इ खास एपोद क जउन पइ इस्राएल क बेटवन क नाउँवाला दुइनउँ नग यादगारी क तौर पइ पहिरी। 13 बढ़िया सोना ही नगन क एपोद प लागइ बरे बइपरा। 14 गुँथा भवा धागा क तरह निखालिस सोना क जंजीर बटि द्या। सोना क अइसी दुइ जंजीर बनावा अउर सोना क जड़ान क संग एनका बाँधि द्या।

निआव क थइला

15 “बड़का याजक बरे निआव क थइला बनावा। कुसल कारीगर इ निआव क थइला क वइसा इ बनावइँ जइसा एपोद बनए रहेन। उ पचे सोने क तार, सनी क उत्तिम रेसा अउ नीला, लाल अउ बैंगनी कपड़ा क बइपरा। 16 एका चौकोर बनवइ बरे दोहर देइ चाही। निआव क थैला एक बीत्ता लम्बा अउ एक बीत्ता चौड़ा होइ चाही। 17 निआव क थइला प सुन्नर रतन क चार पाँति जड़ा। रतन क पहली पाँति मँ रूबी, पुखराज अउ मरकत मणि होइ चाही। 18 दूसर पाँति मँ फीरोज, नीलम अउ हीरा होइ चाही। 19 तीसर पाँति मँ सूर्यकान्त, अकीक अउ याकूत लगइ चाही। 20 चउथी पाँति मँ लहसुनिया, गोमेदक अउ कपिस मणि लगावइ चाही। निआव क थैला प एनका लगावइ बरे सोना मँ जड़ द्या। 21 निआव क थइला प बारह रतन होइहीं। इस्राएल क बारहु बेटवन क नाउँ उ प नुमाइंदी होइ चाही। एक-एक नगे प इस्राएल क बेटवन मँ स एक-एक नाउँ लिखा। हर एक नगे प एनकइ नाउँ उहइ तरह लिखा जइसे माहिर कारीगर एक मुहर बनावत ह।

22 “निआवा क थइला बरे निखालिस सोना क जंजीर बनावा। इ जंजीरियन बरी भइ लसुरी क नाई होइहीं। 23 दुइ सोना क छल्ला बनावा अउ एनका निआव क थइला प दुइनउँ कोने प लगावा। 24 दुइनउँ सोना क जंजीरियन क निआब क थइला मँ दुइनउँ कोने मँ लगावा। 25 सोने क जंजीर क दुइ सिरा क दुइनउँ खाना मँ जड़वाइ द्या इ एपोद क काँधे क दुइनउँ टुकरन क समन्वा मँ कसा रहइँ। 26 दुइ ठु अउर सोना क छल्ला बनावा अउ ओनका निआव क थइला क दुइनउँ कोने प लगावा। इ निआव क थइला क भीतर क हींसा एपोद क नगिचे होइ। 27 दुइ अउर सोना क छल्ला बनावा अउ ओका काँधे क पाटी क तले एपोद क समन्वा लगावा। सोना क छल्ला क एपोद क बुना भवा पाटी क ऊपर लगावा। 28 निआव क थइला क छल्ला क एपोद क छल्लन स जोड़ा बरे नीला फीता बाँधा। इ तरह निआव क थइला बुना भवा पाटी क लगे लगा होइ अउर एपोद स अलग न होइ।

29 “हारून जब पवित्तर ठउर मँ घुसरत ह, ओका निआव क थइला पहिरे रहइ चाही। इ तरह इस्राएल क बारहु बेटवन क नाउँ ओकरे हिरदय प रइहीं अउर इ हमेसा यहोवा क ओन लोगन क याद दियाई जात रही। 30 ऊरीम अउ तुम्मीम क निआव क थइले मँ रखा। जब हारून यहोवा क समन्वा जाइ तब उ सबइ ओका याद होइहीं। ऍह बरे हारून जब यहोवा क समन्वा होइ तउ उ इस्राएल क मनइयन क निआव करइ क साधन हमेसा अपने साथ राखी।

याजकन क दूसर वस्त्र

31 “एपोद क नीचे पहिरइ क एक नीला एपोद बनावा। 32 मूँड़ डावइ बरे इ चोगा क बीचोबीच एक छेद बनावा। इ छेदे क चारिहुँ कइँती गोटा लगावा। इ गोटा काँलर क नाई होइ अउ फाटइ स रोकी। 33 नीला, लाल अउ बैगनी कपरा क अनार बनावा। इ अनार क चोगा क नीचे क सिरा क चारिहुँ कइँती लटकावा। अउ अनार क बीचोबीच सोना क घंटी लगवावा। 34 इ तरह चोगा क नीचे सिरन मँ चारिहुँ कइँती सोना क घंटी अउ अनार होइहीं जउन इहइ तरह होइ कि दुइ अनार क बीचोबीच एक सोना क घंटी होइ। 35 हारून इ चोगा क पहिरी जब उ याजक क रूप मँ यहोवा क सेवा करी अउ यहोवा क समन्वा पवित्तर ठउर मँ जाइ, तब इ घंटिन बाजै लगिहीं। जब उ पवित्तर ठउर तजि देइ तब इ घंटिन बाजै लगिहीं। इ तरह हारून न मरी।

36 “निखालिस सोना क धारी बनावा। सोना प उहइ तरह सब्द खोदा जइसे मनइयन मुहर बनावत हीं। इ सब्दन क लिखा, यहोवा बरे पवित्तर। 37 सोना क इ धारी क नीला फीता स कस द्या। पगड़ी क चारिहुँ कइँती नीला फीता बाँधा। सोना क धारी क पगड़ी क समन्वा होइ चाही। 38 हारून आपन कपार प इ का बाँधी। हारून जब-जब यहोवा क समन्वा जाइ हमेसा इ पहिरे रही जेहसे यहोवा मनइयन क भेटे क कबूल कइ लेइ। इ तरह स हारून इस्राएल क लोगन क अपराध क सहन करिहीं जदि उ पचे परमेस्सर क गलत रूप मँ भेट दिहे अहइँ या ओकर भेट मँ कउनो खराबी रही अहइ।

39 “सफेद लबादा बुना बरे उत्तिम सनी क बइपरा अउ पगड़ी बरे उत्तिम सनी क बइपरा। बुना भवा पाटी पइ मँ नकसा काढ़ा भवा होइ चाही। 40 हारून क बेटवन बरे कोट, कमरबंद अउ पगड़ी बनावा। इ ओनका मान सम्मान देइहीं। 41 इ पोसाक आपन भाई हारून अउ ओकर बेटवन क पहिरावा। ओकरे पाछे जइतून क तेल ओनके मूँड़े प इ देखाँवइ बरे नावा कि उ पचे याजकन अहइँ। इ ओनका पवित्तर बनई। तबहिं उ पचे मोर सेवा याजकन क रूप मँ करिहीं।

42 “सनी क उत्तिम रेसा क जाँघिया वगैरह बनवावा। इ नीचे क पहिरइ क कपरा करिहाउँ स जाँघ तलक ढाँकिहीं। 43 हारून अउ ओकर बेटवन क इ कपरन क पहिरइ चाही जब कबहुँ उ पचे बइठका क तम्बू मँ जाइँ। ओनका इहइ कपरन क पहिरइ चाही जब कबहुँ उ पचे पवित्तर ठउर मँ याजक क तरह सेवा खातिर वेदी क नगिचे आवइँ। उ पचे इ कपरन क जरूर पहिर चाही ताकि उ पचे अपराधी नाहीं होइ अउर नाहीं मरइ। इ अइसा नेम होइ चाही जउन हारून अउ ओकरे पाछे ओकरे बंस क मनइयन बरे हमेसा बना रही।”

मत्ती 21:1-22

ईसू राजा क नाई यरूसलेम मँ घुसत ह

(मरकुस 11:1-11; लूका 19:28-38; यूहन्ना 12:12-19)

21 ईसू अउर ओकर चेलन जब यरूसलेम क लगे जैतून पहाड़े क नगिचे बैतफगे पहुँच गएन। तउ ईसू आपन दुइ चेलन क इ हुकुम दइके पठएस, “आपन सोझइ समन्वा क गाउँ मँ जा अउर हुवाँ जात भए ही तोहका एक गदही बाँधी मिली। ओकरे लगे ओकर बच्चा भी मिली। ओनका बाँधिके मोरे लगे लइ आवा। जदि कउनो तोहसे कछू कहइ तउ ओसे कह्या, ‘पर्भू क ऍकर जरूरत अहइ। उ फउरन ही लउटाइ देई।’”

अइसा यह बरे भवा कि नबी अइसा कहे रहा:

“सिय्योन क नगरी स कहि द्या,
    ‘देखा तोहार राजा तोहरे लगे आवत बा।
उ नमनसील अहइ, अउर गदहे प सवार अहइ हाँ
    गदहे क बच्चा प जउन एक लादइवाला पसु क बच्चा अहइ।’” (A)

तउ ओकर चेलन चला गएन अउ वइसा ही किहेन जइसा ओनका ईसू बताए रहा। उ पचे गदही अउर ओकरे बच्चा क लइ आएन। अउर ओन प आपन ओढ़ना डार दिहन काहेकि ईसू क बइठब रहा। बहोत मिला आपन ओढ़ना राहे मँ दसाइ दिहेन अउ दूसर मनइयन बृच्छ क टहनी काटेन अउर ओनका राहे प बिछाइ दिहन। जउन मनई ओकरे आगे चलत रहेन अउर जउन मनई पाछे चलत रहेन, सब पुकारि क कहत रहेन:

“दाऊद क पूत क होसन्ना![a]
    ‘धन्य अहइ जउन पर्भू क नाउँ प आवत बाटइ!’ (B)

सरगे मँ बिराजेस परमेस्सर क होसन्ना!”

10 तउ जब उ यरूसलेम मँ घुसा तब समूचा सहर मँ हड़बड़ाइ गवा। लोग पुछइ लागेन, “इ कउन अहइ?”

11 लोग ही जवाब देत रहेन, “इ गलील क नासरत क नबी ईसू अहइ।”

ईसू मन्दिर माँ

(मरकुस 11:15-19; लूका 19:45-48; यूहन्ना 2:13-22)

12 फिन ईसू मन्दिर क अहाते मँ आवा अउर उ मन्दिर क अहाते मँ जउन बेंचत बेसहत रहेन, ओन सबन क बाहेर खदेरेस। उ पइसा क लेवइया देवइया क चउकी उलटि दिहस अउ कबूतरे क दुकानदार क तखता पलटेस। 13 उ ओनसे कहेस, “पवित्तर सास्तरन मँ कहत बा, ‘मोर घर पराथना घर कहा जाई।’(C) मुला तू सबइ ऍका ‘डाकुअन क अड्डा’ बनावत अहा।’(D)

14 मन्दिर मँ कछू आँधर, लँगड़ा लूला ओकरे लगे आएन। जेनका उ नीक किहेस। 15 जब मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन ओकर अचरज कारजन क लखेन जउन उ किहे रहा अउर मन्दिर मँ गदेलन क ऊँची आवाजे मँ कहत सुनेन: “दाऊद क पूत क होसन्ना।”

16 तउ उ पचे कोहाइ गएन अउ ओसे पूछेन, “तू सुनत अहा इ सबन का कहत अहइँ?”

ईसू ओनसे कहेस, “हाँ सुनत अही। का पवित्तर सास्तर मँ तू बचन नाहीं पढ़्या, ‘तू गदेलन अउर दूधमुँहन बचवन स स्तुति कराया ह।’(E)

17 फिन उ ओनका हुवँइ तजिके यरूसलेम सहर स बाहेर बैतनिय्याह चला गवा। जहाँ उ राति बिताएस।

बिसवास क सक्ती

(मरकुस 11:12-14,20-24)

18 दूसर दिन अलख भिन्सारे जब उ सहर लउटत रहा तउ ओका भूख लागि। 19 रस्ता क किनारे अंजीर क बिरवा क लखेस तउ उ ओकरे नगिचे गवा, मुला ओका ओह प पातन क छोड़िके कछू नाहीं मिल सका। तब उ बिरवा स कहेस, “तोह प आगे कछू फल न लागइ।” अउर अंजीरे क बृच्छ फउरन झुराइ गवा।

20 जइसेन चेलन इ निहारेन तउ अचरजे मँ आइके पूछेन, “इ अंजीरे क बिरवा ऍतनी हाली कइसे झुराइ गवा?”

21 ईसू जवाब देत भवा ओन पचेन स कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जदि तोहरे मँ बिसवास अहइ अउ तू संदेस नाहीं करत बाट्या तउ तू न सिरिफ उ कइ सकत ह जउन मइँ अंजीरे क बृच्छ कीन्ह, मुला जदि तू इ पहाड़े स कहि द्या, ‘उठा अउर आपन क सगरे मँ बोर द्या’ तउ उहइ होइ जाई। 22 अउर पराथना करत तू जउन कछू मंगब्या, जदि तोहका बिसवास बा तउ तू पउब्या।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.