Old/New Testament
संजोग स भवा पाप बरे पापबलि क नेम
4 यहोवा मूसा स कहेस, 2 “इस्राएल क मनइयन स कहा: अगर कउनो व्यक्ति स संजोग क कारण कउनो अइसा पाप होइ जाइ जेका यहोवा न करइ क हुकुम दिहे अहइ तउ उ व्यक्ति क नीचे लिखी भई बात करइ चाही:
3 “अगर अभिसिक्त याजक स कउनो पाप भवा होइ अउ इ लोगन क बुरा बनावत हीं तउ ओका आपन कीन्ह गए पाप बरे यहोवा क बलि चढ़ावइ चाही। ओका एक बछवा यहोवा क भेंट मँ जरूर देइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। ओका यहोवा क बछवा पापबलि क रुप मँ जरूर चढ़ावइ चाही। 4 अभिसिक्त याजक क उ बछवा क यहोवा क समन्वा मिलापवाला तम्बू क दुआरे प जरूर लावइ चाही। ओका आपन हाथ उ बछवा क मूँड़े प जरूर धरइ चाही अउ यहोवा क समन्वा ओका मारि देइ चाही। 5 तब अभिसिक्त याजक क बछवा क कछू रकत जरूर लेइ चाही अउ मिलापवाला तम्बू क अन्दर लइ जाइ चाही। 6 याजक क आप अँगुरी खून मँ डावइ चाही अउ महा पवित्तर ठउर क पर्दा क समन्वा खून क सात दाई परमेस्सर क समन्वा छिछकारइ चाही। 7 याजक क कछू खून महकउआ धूप क वेदी क सींगन प जरूर लगावइ चाही। (इ वेदी यहोवा क समन्वा मिलापवाला तम्बू क अन्दर अहइ।) याजक क बछवा क सारा खून होमबलि क वेदी क आधार प जरूर उड़ेरइ चाही। (इ वेदी मिलापवाला तम्बू क दुआर प अहइ।) 8 अउर ओका पापबलि कीन्ह गइ बछवा क सारी चबीर् जरूर निकारि लेइ चाही। ओका भितरे क हींसा क ढाँपि भइ चर्बी अउ ओकरे चारिहुँ कइँती क चबीर् क निकारि लेइ चाही। 9 ओका दुइनउँ गुर्दन अउर ओनका ढाँपइ वाला चबीर् अउ पुट्ठा प क चबीर् क भी भेंट चढ़ाई चाही। ओका उ झिल्ली जउन करेजा स चिपका भवा ह ओका भी निकारि लेइ चाही अउर गुर्दन क संग चढ़ावइ चाही। 10 याजक क इ सबइ चीजन ठीक उहइ तरह लेइ चाही जउने तरह उ इ सबइ चीजन मेलबलि क बछवा स लिहे रहा। याजक क होमबलि क वेदी प गोरु क भितरे क हींसन क जरूर बारि देइ चाही। 11 मुला याजक क बछवा क चाम, मूँड़, गोड़, भीतर क हींसन अउ तने क बेकार हींसा जरूर निकारि देइ चाही। 12 याजक क डेरा क बाहेर खास ठउरे इ हींसन जउन बछवा क सरीर क बचा भवा हींसा अहइ क हुँआ लइ जाइ चाही जहाँ राखी डारी जात ह। याजक क हुआँ काठ क आगी पइ जहाँ राखी क डारी दीन्ह गवा ह इन हींसन क जरूर बारइ चाही।
13 “अइसा होइ सकत ह कि समूचइ इस्राएल रास्ट्र स बे जाने भए कउनो अइसा पाप होइ जाइ जेका न करइ बरे परमेस्सर हुकुम दिहे होइ। मुला अइसा होइ जात ह तउ उ सबइ दोखी होइहीं। 14 जदि ओनका इ पापे क पता लगि जात ह तउ समूचइ रास्ट्र बरे एक ठु बछवा पापबलि खातिर चढ़ावा जाइ चाही। ओनका बछवा क मिलापवाला तम्बू क समन्वा लइ आवइ चाही। 15 बुर्जुगन क बछवा क मूँड़े प आपन हाथ धरइ चाही। बछवा क यहोवा क अगवा मारइ चाही। 16 तबहिं अभिसिक्त याजक क बछवा क तनिक खून मिलापवाला तम्बू मँ लइ आवइ चाही। 17 याजक क आपन अँगुरियन रकत मँ जरूर बोरइ चाही अउ पर्दा क समन्वा सात दाई रकत क छिछकारइ चाही। इ यहोवा क अहइ। 18 तब याजक क कछू रकत वेदी क सिंगियन प डावइ चाही। (उ वेदी मिलापवाला तम्बू मँ यहोवा क समन्वा बा।) याजक क सारा रकत होमबलि क वेदी क नींव प डावइ चाही। (उ वेदी मिलापवाला तम्बू क दुआरे प बा।) 19 तब याजक क गोरु क सारी चबीर् निकारि लेइ चाही अउ ओका वेदी प बारइ चाही। 20 उ बछवा क संग जरूर वइसा ही करी जइसा उ पापबलि क रूप मँ चढ़ावा भवा बछवा क संग किहे रहा। इ तरह याजक मनइयन क पाप क पछतावा करत ह एहसे लोग छिमा पाइहीं। 21 याजक डेरा क बाहेर बछवा क लइ जाइ अउर ओका हुआँ बारि देइ। इ पहिले क तरह होइ। इ पूरे समाज बरे पापबलि होइ।
22 “जब कउनो सासक यहोवा आपन परमेस्सर क हुकुम तोड़इ क पाप अनजाने मँ करत ह, तउ उ दोखी समुझा जाई। 23 अगर सासक क इ पाप क पता लागत ह तब ओका एक अइसा बोकरा जरूर लावइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। इहइ ओकर भेंट होइ। 24 सासक क बोकरा क मूँड़ि प हाथ जरूर धरइ चाही अउ ओका उ ठउरे प मारइ चाही जहाँ उ पचे होमबलि क यहोवा क समन्वा मारत हीं। इ एक पापबलि अहइ। 25 याजक क पापबलि क कछू रकत आपन अँगुरियन प जरूर लेइ चाही। याजक क होमबलि क वेदी क सिंगियन प रकत जरूर छिछकारइ चाही। याजक क बचा भवा रकत होमबलि क वेदी क आधार प जरूर डावइ चाही। 26 अउ याजक क बोकरा क सारी चबीर् वेदी प जरूर बारइ चाही। ओका एका उहइ तरह बारइ चाही जउने तरह उ मेलबलि क चबीर् बारत ह। इ तरह याजक सासक क पाप क पछतावा करत ह अउ सासक छिमा पाइहीं।
27 “अइसा होइ सकत ह कि साधारण जनता मँ स कउनो मनई स संजोग स कउनो अइसा पाप होइ जाइ जेका यहोवा न करइ क हुकुम दिहेस ह। 28 अगर उ व्यक्ति क आपन पाप क पता लगि जाइ तउ उ एक ठु मादा बोकरी जरूर लियावइ जेहमाँ कउनो दोख न होइ। इ उ व्यक्ति क पापबलि होइ। उ इ बोकरी क उ पाप खातिर लियावइ जउन उ किहस ह। 29 ओका आपन हाथ गोरु क मूँड़ी प धरइ चाही अउ होमबलि क ठउरे प ओका बाँधइ चाही। 30 याजक क उ बोकरी क कछू रकत आपन अँगुरियन प जरूर लेइ चाही अउ याजक क होमबलि क वेदी क सिंगियन प रकत जरूर छिड़कइ चाही। याजक क बचा भवा रकत होमबलि क आधार प जरूर डावइ चाही। 31 तब याजक क बोकरी क सारी चबीर् उहइ तरह निकारइ चाही जउने तरह मेलबलि स चर्बी निकारी जात रहा। याजक क ऍका यहोवा बरे सुहावना सुगंध क रूप मँ धूप क वेदी प बारइ चाही। इ तरह याजक उ मनई क पापे क पछतावा कइ देइ अउ व्यक्ति छिमा पाइहीं।
32 “अगर उ मनई पापबलि क रुप मँ एक ठु भेड़ी क बच्चा लिआवत ह तउ ओका एक मादा भेड़ी क बच्चा लइ आवइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। 33 मनई क ओकरे मूँड़ी प हाथ धरइ चाही अउ ओका उ ठउरे प पापबलि क रुप मँ मारइ चाही जहाँ उ पचे होमबलि क गोरु क मारत हीं। 34 याजक क उ बोकरी क कछू रकत आपन अँगुरियन प जरूर लेइ चाही अउ याजक क होमबलि क वेदी क सिंगियन प रकत जरूर छिड़करइ चाही। याजक क बचा भवा रकत होमबलि क आधार प जरूर डावइ चाही। 35 याजक क मेमना क सारी चबीर् उहइ तरह लेइ चाही जउने तरह मेलबलि क चबीर् लीन्ह जात ह। याजक क मेमना क सारी चर्बी क यहोवा क उपहार क रूप मँ जरूर बारइ चाही। इ तरह याजक उ व्यक्ति क पापे क पछतावा करी अउ उ व्यक्ति छिमा पाइहीं।
एक मनई दुआरा अनजाने मँ कीन्ह गवा पाप
5 “जदि कउनो मनई अदालत मँ गवाही देइ बरे बोलावा जात ह अउ जउन कछू उ लखेस ह या अनकेस ह, ओका नाहीं बतावत तउ उ पाप करत ह। ओका ओकरे अपराध बरे जरुर ही सजा भोगइ क होइ।
2 “जदि कउनो व्यक्ति कउनो असुद्ध चिजियन क जइसे जंगली जनावर या घरेलू जनावर या रेंगइवाला कउनो जनावर क ल्हास क अनजाने मँ छुवत ह तउ उ व्यक्ति, जदि ओका ऍकर पता नाहीं भी लागत तउ भी उ दोखी होइ।
3 “एक व्यक्ति अलग-अलग चिजियन स असुद्ध होइ सकत ह। अगर कउनो प्रकार क मानव अनजाने मँ किसी असुद्ध मनई क छुअत ह, तउ जे टेम मँ ओका इ पता चली उ दोखी होइ।
4 “अगर एक व्यक्ति कउनो व्यक्ति स कछू नीक या खोट करइ क बचन करत ह अउ ओका बिसरि जात ह, जब उ आपन बचन क सुमिरइ तब उ दोखी होइ। 5 एह बरे, अगर उ एनमाँ स कउनो चिजियन क दोखी बाटइ तउ ओका आपन बुराई जेका उ किहेस ह क कबूल लेइ चाही। 6 ओका आपन झुण्ड मँ स एक ठु मादा मेमना या एक ठु बोकरी पापबलि बरे लावइ चाही। इ उ यहोवा बरे आपन दोख बरे किहेस ह। तब याजक उ व्यक्ति क पापे क पछतावा करी।
7 “अगर कउनो मनई भेड़ी क बच्चा भेंट करइ मँ समरथ नाहीं अहइ तउ ओका दुइ फाक़्ता या कबूतरे क दुइ बच्चा यहोवा क भेंटे मँ देइ चाही। इ ओकरे पाप बरे दोखबलि होइ। एक ठु पंछी दोखबलि बरे होइ चाही अउ दूसर होमबलि बरे होइ चाही। 8 उ मनई क चाही कि उ ओन पंछियन क याजक क लगे लइ जाइ। पहिले याजक क दोखबलि क रुप मँ एक पंछी चढ़ावइ चाही। याजक पंछी क गटई क मरोड़ देइ। मुला याजक पंछी क दुइ हींसा मँ न बाँटी। 9 तब याजक क पापबलि क कछू रकत क वेदी क सिरन कइँती प जरूर डावइ चाही। तब याजक क बचा भवा रकत क वेदी क आधार प जरूर डावइ चाही। इ एक दोखबलि अहइ। 10 तब याजक क नेम क मुताबिक होमबलि क रुप मँ यहोवा क दूसर पंछी क भेंट चढ़ावइ चाही। इ तरह याजक उ व्यक्ति क पापे क पछतावा करी अउ उ व्यक्ति छिमा पाइहीं।
11 “अगर कउनो व्यक्ति दुइ फाख़ता या दुइ कबूतर क भेंट चढ़ावइ मँ समरथ न होइ तउ ओका एपा[a] क दसवाँ हींसा महीन आटा जरूर भेंट चाही। इ ओकर पापबलि होइ। उ मनई क आटा प तेल नाहीं डावइ चाही। ओका ऍह प लोहबान नाहीं डावइ चाही काहेकि इ पापबलि बाटइ। 12 मनई क आटा याजक क लगे जरूर लावइ चाही। याजक एहमाँ स मुट्ठी भइ आटा निकारी। इ स्मृति भेंट होइ। याजक यहोवा क उपहार क रूप मँ वेदी क ऊपर आटा क बारी। इ पापबलि अहइ। 13 इ तरह याजक उ व्यक्ति क पाप क अपराध बरे पछतावा करी अउ उ छिमा पाइहीं। बची भइ आटा याजक बरे अन्नबलि क जइसा ही होइ।”
14 यहोवा मूसा स कहेस, 15 “एक व्यक्ति गलती स यहोवा क पवित्तर चीजन मँ स एक ठु चीज लइ सकत ह। अइसा हालत मँ उ व्यक्ति क एक ठु बिना दोख क भेड़ा लइ आवइ चाही। इ भेड़ा यहोवा बरे ओकर दोखबलि होइ। तोहका उ भेड़ा क कीमत तय करइ बरे पवित्तर स्थान क सेकेल क अनुसार बइपरइ चाही। 16 उ व्यक्ति क पवित्तर चीजन बरे भुगतान जरुर करइ चाही अउर जउने चीजन क उ लिहस ह। ओका कीमत मँ पाँचवाँ हींसा जोरि देइ चाही अउर ओका इ धन याजक क देइ चाही। इ तरह याजक दोखबलि क भेड़ा क जरिये उ मनई क पाप क पछतावा करी अउ उ व्यक्ति छिमा पाइहीं।
17 “अगर कउनो व्यक्ति पाप करत ह अउ जउन चीजन क न करइ क हुकुम यहोवा दिहे अहइ, ओनका करत ह तउ इ बात क कउनो महत्व नाहीं कि उ एकॉ नाहीं जानत। उ मनई अपराधी अहइ अउर आपन पाप क जिम्मेदार होइ। 18 उ व्यक्ति क एक ठु उचित कीमत क निदोर्ख भेड़ा आपन झुण्ड स याजक क लगे लइ आवइ चाही। भेड़ा दोखबलि होइ। इ तरह याजक उ व्यक्ति क उ पाप बरे पछतावा करी जेका उ अनजाने मँ किहेस ह अउ उ छिमा पाइहीं। 19 मनई अपराधी अहइ चाहे उ इ न जानत होइ कि उ पाप करत बा। एह बरे ओका यहोवा क दोखबलि देइ क होइ।”
29 “उ दिनन जउन मुसीबत पड़ी, ओकरे फउरन बाद:
‘सूरज करिया पड़ि जाई,
चन्दा स चाँदनी न निकसी,
अकासे स तारा टुटिहीं,
अउ अकास मँ आसमानी सक्ति झकझोर दीन्ह जइहीं।’[a]
30 “उ समइ मनई क पूत क आवइ क चीन्हा अकास मँ परगट होई। तबहिं भुइयाँ प सब जातिन क मनइयन फूटि फूटि क रोइहीं अउर उ सबइ मनई क पूत क सक्ती अउर महिमा क संग सरग क बदरन मँ परगट होत देखिहीं। 31 उ ऊँच सुर क तुरूही क संग आपन दूतन क पठइ। फिन उ पचे सरग क एक छोर स दूसर छोर तलक सब कहूँ स आपन चुना भवा मनइयन क ऍकट्ठा करी।
32 “अंजीरे क बृच्छ स उपदेस ल्या। जइसे ही ओकर टहनियन सुऋुवार होइ जात हीं अउर कोंपर फूटइ लागत हीं। तू लोग जान जात ह कि गर्मी आवइ क अहइ। 33 वइसे ही जब तू इ सब घटत देख्या तउ समुझ लिहा कि उ समइ नगिचे आइ ग बाटइ, मुला ठीक दुआर तलक। 34 मइँ तू लोगन्स सच कहत हउँ कि इ पीढ़ी क खतम होइ क पहिले इ सब बातन होइ जइहीं। 35 धरती अउर अकास तउ मिट सकत हीं मुला मोर बचन कबहुँ न मिटी।”
सिरिफ परमेस्सर जानत ह कि उ समइ कब आई
(मरकुस 13:32-37; लूका 17:26-30,34-36)
36 “उ दिना या घड़ी क बारे मँ कउनो कछू न जानत! न सरगे क दूतन अउर न खुद पूत। सिरिफ परमपिता जानत ह।
37 “जइसे नूह क दिना मँ भवा, वइसे ही मनई क पूत क अवाई भी होई। 38 वइसे ही जइसे मनई जल बाढ आवइ स पहिले क दिनन ताईं खात पिअत रहेन, बियाह सादी करावत रहेन जब तलक नूह नाउ प नाहीं चढ़ गवा। 39 ओनका तब ताईं कछू पता नाहीं लगि सका जब ताईं प्रलय नाहीं आइ गइ अउर ओन सबन क बहाइके नाहीं लइ गइ।
“मनई क पूत क अवाई भी अइसे ही होई। 40 उ समइ खेते मँ काम करत दुइ मनइयन मँ स एक क लइ लीन्ह जाई अउर एक क हुवँइ छोड़ि दीन्ह जाई। 41 चकरी पीसत दुइ स्त्रियन मँ एक क धइ लीन्ह जाई अउ एक हुवँइ पाछे छोड़ि दीन्ह जाई।
42 “तउ तू लोग होसियार रहा काहेकि तू नाहीं जनत्या कि तोहार स्वामी कब आई। 43 याद राखा अगर घरे क स्वामी जानत होत कि राति क कउनो घड़ी मँ चोर आइ जाई तउ उ जागत रहत अउर चोरे क आपन घरवा मँ सेंध नाही लगावइ देत। 44 एह बरे तू भी तइयार रहा काहेकि जब तू पचे सोच भी नाहीं रहब होब्या, मनई क पूत आइ जाई।
निक अउर खराब सेवक
(लूका 12:41-48)
45 “तब सोचा उ भरोसामंद अउ समझदार सेवक कउन बाटइ, जेका स्वामी आपन घरवा क सेवक क ऊपर ठीक समइ प ओनका खइया क देइ बरे लगाएस ह। 46 धन्य अहइ उ सेवक जेका ओकर स्वामी जब आवत ह तउ ओका दियाभया काज करत पावत ह। 47 मइँ तोहसे सच कहत हउँ उ स्वामी ओका आपन समूचे धन दौलत क अधिकारी बनाईं देई।
48 “दूसर कइँती सोचा एक ठु बुरा सेवक अहइ, जउन अपना मनवा मँ कहत ह मोर स्वामी बहोत दिना स लुटि क नाहीं आवत ह। 49 अइसे उ आपन संगी साथी सेवकन स मारपीट करइ लागत ह अउर सराबियन क संग खाब पिअब सुरू कइ देत ह। 50 तउ ओकर स्वामी अइसे दिन आइ जाई जउने दिन उ ओकरे अवाई क सोचत तलक नाहीं अउ जेकर ओका पत तलक नाहीं। 51 अउर ओकर स्वामी ओका बुरे ढंग स सजा देई अउर कपटियन क बीचउबीच ओकर ठउर ठहराई जहाँ लोग रोवत होइहीं अउर दँतवन क किड़किड़ावत रइहीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.