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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
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लैव्यव्यवस्था 14

भयानक चर्मरोगी क सुद्ध करइ क नेम

14 यहोवा मूसा स कहेस, “इ सबइ ओन लोगन बरे नेम अहइँ जेनका भयानक चर्मरोग रहा अउर जउन नीक होइ गएन। इ सबइ नेम उ मनई क सुद्ध बनावइ बरे अहइँ।

“याजक क उ मनई क लखइ चाही जेका भयानक चर्मरोग अहइ। याजक क उ मनई क लगे डेरा क बाहेर जाइ चाही। याजक क इ लखइ क कोसिस करइ चाही कि उ चर्म रोग नीक होइ ग अहइ। अगर व्यक्ति स्वस्थ अहइ तउ याजक ओका इ करइ क कही। ओका दुइ जिअत सुद्ध पंछी, एक देवदारु क लकड़ी, लाल कपड़ा क एक ठु टूका अउर एक ठु जूफा[a] क पौधा जरूर लइ आवइ चाही। याजक क बहत भए पानी क ऊपर माटी क एक ठु खोरा मँ एक ठु पंछी क मारइ क हुकुम देइ चाही। तब याजक दूसर जिअत पंछी, देवदारु क लकड़ी, लाल कपड़ा क टूकन अउ जूफा क पउधा स्वीकार करी। याजक क जिअत पंछी अउ दूसर चीजन क बहत भए पानी क ऊपर मारा गवा पंछी क रकत मँ बोरइ चाही। याजक उ व्यक्ति प भयानक चर्मरोग स उपचार करइ बरे सात दाई रकत छिरकी। तब याजक क जरूर घोसित करइ चाही कि उ मनई सुद्ध अहइ। तब याजक क खुला मैदान मँ जाइ चाही अउ जिअत पंछी क अजाद करइ देइ चाही।

“ऍकरे पाछे उ व्यक्ति क आपन ओढ़ना जरूर धोवइ चाही। ओका आपन सब बार क मूंडन करावइ चाही अउ पानी स नहाइ चाही। उ पवित्तर होइ जाइ। तब उ व्यक्ति सिबर मँ जाइ सकी। मुला ओका आपन खेमा क बाहेर सात दिना तलक रहइ चाही। सतएँ दिन ओका आपन सारा बार काट डावइ चाही। ओका आपन मूँड़, डाढ़ी, भौंहन क सबहिं बार कटवाइ लेइ चाही। तब ओका आपन कपड़ा धोवइ चाही अउ पानी स नहाइ चाही। तब उ मनई सुद्ध होइ।

10 “अठएँ दिन उ व्यक्ति क दुइ भेड़ी क नर बच्चन लेइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। ओका एक बरिस क एक ठु मादा मेमना भी लेइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। ओका एपा क तीन दसवाँ हींसा तेल मिला भवा उत्तिम आटा लेइ चाही। इ आटा अन्नबलि बरे अहइ। उ व्यक्ति क दुइ तिहाइ पिण्ट[b] जैतून क तेल भी लेइ चाही। 11 याजक क एलान करइ चाही कि उ मनई सुद्ध अहइ। याजक क उ मनई अउ ओकरी बलि क मिलापवाला तम्बू क दुआरे पइ यहोवा क समन्वा लइ आवइ चाही। 12 याजक मेमनन मँ स एक क दोखबलि क रुप मँ चढ़ाई। उ मेमना क अउर उ तेल क यहोवा क समन्वा उत्तोलन बलि क रुप मँ चढ़ाई। 13 तब याजक नर मेमना क उहइ पवित्तर ठउर पइ मारी जहाँ उ पचे पापबलि अउ होमबलि क मारत हीं। दोखबलि, पापबलि क समान अहइ। इ याजक क बाटइ। इ बहोतइ पवित्तर अहइ।

14 “याजक दोखबलि क कछू रकत सुद्ध कीन्ह जाइवाला व्यक्ति क दाहिने काने क लौ मँ कछू रकत दाहिने हाथ क अंगूठा अउ दाहिन गोड़े क अंगूठा पइ लगाइ। 15 याजक कछू तेल भी लेइ अउ आपन बाईर् हथेली पइ डाई। 16 तब याजक आपन दाहिन हाथे क अँगुरियन अपन बाऍ हाथे क हथेली मँ धरे भए तेल मँ बोरी। उ आपन अँगुरी क प्रयोग कछू तेल यहोवा क समन्वा सात दाई छिरकइ बरे करी। 17 याजक आपन हथेली स कछू तेल सुद्ध कीन्ह जाइवाला मनई क दाहिन काने क लौ पइ लगाई। याजक कछू तेल उ मनई क दाहिन हाथे क अंगूठे अउ दाहिन गोड़ क अंगूठे पइ लगाइ। याजक कछू तेल दोखबलि क रकत पइ लगाई। 18 याजक आपन हथेली मँ बचा भवा तेल सुद्ध कीन्ह जाइवाला मनई क मूँड़े प लगाइ। इ तरह याजक उ मनई क पाप क यहोवा क समन्वा प्रायस्चित करी।

19 “ओकरे पाछे याजक पापबलि चढ़ाई अउ मनई क पापन्क प्रायस्चित करी। जेहसे उ सुद्ध होइ जाई। एकरे पाछे याजक होमबलि बरे पसु क मारी। 20 ऍह बरे याजक होमबलि अउ अन्नबलि क वेदी पइ चढ़ाई। इ तरह याजक उ मनई क पापन्क प्रायस्चित करी अउ उ मनई सुद्ध होइ जाई।

21 “अगर व्यक्ति गरीब अहइ अउ ओन बलियन क देइ मँ असमर्थ बाटइ तउ ओका एक ठु नर मेमना दोखबलि क रुप मँ लेइ चाही। इ उत्तोलन बलि उ व्यक्ति क पापन क प्रायस्चिय करइ बरे होइ। ओका एपा क दसवाँ हींसा तेल स मिला भवा उत्तिम महीन आटा लेइ चाही। इ आटा अन्नबलि क रुप मँ उपयोग मँ आई। मनई क दुइ तिहाई पिण्ट जैतून क तेल। 22 अउर दुइ फाख़ता या दुइ ठु कबूतरे क बच्चा लेइ चाही। इ सबइ चिजियन क देइ मँ गरीब लोग समर्थ होइहीं। एक पंछी पापबलि बरे होई अउ दूसर होमबलि बरे होई।

23 “अठएँ दिन, उ मनई ओन चिजियन क याजक क लगे मिलापवाला तम्बू क दुआर पइ लिआई। उ सबई चिजियन यहोवा क समन्वा बलि चढ़ाई जइहीं जेहसे मनई सुद्ध होइ जाई। 24 याजक, दोखबलि क मेमना अउर तेल भी लेई अउर ओनका यहोवा क समन्वा उत्तोलन बलि क रुप मँ चढ़ाई। 25 तब याजक दोखबलि क मेमना मारी। याजक दोखबलि क कछू रकत लेई। याजक एहमाँ स कछू रकत सुद्ध कीन्ह जाइवाला व्यक्ति क दाहिन कान क लौ पइ कछू रकत इ व्यक्ति क दाहिन हाथे क अंगूठा पइ अउर कछू रकत दाएँ गोड़ क अंगूठा पइ लगाई। 26 याजक इ तेल मँ स कछू आपन बाईर् हथेली मँ भी डाई। 27 याजक आपन दाहिन हाथे क अंगुरी क उपयोग आपन हथेली क तेल क यहोवा क समन्वा सात दाई छिरकइ बरे करी। 28 तब याजक आपन हथेली स कछू तेल उहइ जगह पइ लगाइ जहाँ उ पहिले लगाए रहा। उ आपन हथेली स कछू तेल सुद्ध कीन्ह जाइवाला व्यक्ति क दाहिन काने क लौ पइ लगाई। याजक इ तेल मँ स कछू तेल मनई क दाहिन हाथे क अंगूठा अउ ओकरे दाहिन गोड़े क अगूंठा पइ लगाई। याजक दोखबलि क रकत लगा ठउरे पइ एहमाँ स कछू तेल लगाई। 29 याजक क आपन हथेली क बचा भवा तेल क सुद्ध कीन्ह जाइवाला मनई क मूँड़े पइ डावइ चाही। इ तरह याजक यहोवा क समन्वा उ मनई क पापन क प्रायस्चित करी।

30 “तब मनई फ़खतन या कबूतरे क बच्चन मँ स एक क बलि चढ़ाई। (ओका उहइ चढ़ाइ चाही जेका गरीब व्यक्ति देइ मँ समर्थ होइ।) 31 ओका दुइनउँ पंछियन मँ स एक क पापबलि क रुप मँ चढ़ावइ चाही अउ दूसर पंछी क होमबलि क रुप मँ ओका ओनकइ अन्नबलि क संग भेंट चढ़ावइ चाही। इ तरह याजक यहोवा क समन्वा उ मनई क पाप क प्रायस्चित करी। उ मनई सुद्ध होइ जाई।”

32 इ सबइ भयानक चर्मरोग क नीक होइ क पाछे कउनो एक मनई क सुद्ध करइ क नेम अहइँ। इ सबइ नेम ओन मनइयन बरे अहइँ जउन सुद्ध होइ बरे साधारिन बलियन क खर्चा नाहीं उठाइ सकतेन।

घरे मँ लाग फपूँदी क नेम

33 यहोवा मूसा अउ हारून स इ भी कहेस, 34 “मइँ तोहरे लोगन क कनान देस देत अहउँ। तोहरे लोग इ भुइँया पइ जइहीं। उ समइ मँ होइ सकत ह, कछू लोगन क घरन मँ फपूँदी लगी होइ। 35 तउ उ घर क मालिक क याजक क लगे आइके कहइ चाही, ‘मइँ आपन घरे मँ फपूँदी जइसी कउनो चीज देखेउँ ह।’

36 “तब याजक क आदेस जरूर देइ चाही कि घर क खाली कइ दीन्ह जाइ। लोगन क याजक क फपूँदी लखइ जाइके पहिले ही इ जरूर करी। इ तरह घरे क सबहिं चिजियन क याजक क असुद्ध नाहीं कहइ पड़ी। लोगन क घर क खाली कइ दीन्ह जाइ क पाछे याजक घरे क अन्दर जाइ अउर देखइ। 37 याजक फपूँदी क लखी। अगर फपूँदी घरे क दीवारे पइ हरिअर या लाल रंग क चकत्ता बनाइ दिहे अहइँ अउर इ दीवारन क सतह स गहिरा मालूम पड़त अहइ, 38 तउ याजक क घरे स बाहेर निकरि आवइ चाही। अउ सात दिना तलक घर जरूर बन्द कइ देइ चाही।

39 “सतएँ दिन, याजक क हुआँ लौटइ चाही अउर घरे क जाँच करइ चाही। अगर घरे क दीवार पइ फपूँदी फइलि गइ होइ 40 तउ याजक क लोगन क हुकुम देइ चाही कि उ पचे फपूँदी क सात पाथरन क उखाड़ि देइँ अउर ओनका दूर बहाइ देइँ। ओनका ओन पाथरन क सहर स बाहेर विसेस असुद्ध जगह पइ लोकावइ चाही। 41 तब याजक क पूरे घर क भितरे से खुरचवावइ चाही। लोगन क उ लेप क जेका उ पचे खुरचेन ह, लोकाइ देइ चाही। ओनका उ लेप सहर क बाहेर खास असुद्ध जगह पइ डावइ चाही। 42 तबहिं उ मनई क नवा पाथर दीवारे मँ लगावइ चाही अउ ओका ओन दीवारन क नवा लेप स ढाँकि देइ चाही।

43 “होइ सकत ह कउनो मनई पुरान पाथरन अउ लेप क निकारिके नवा पाथरन अउ लेप क लगावइ अउ होइ सकत ह उ फपूँदी उ घरे मँ फिन परगट होइ। 44 तब याजक क आइके उ घरे क जाँच जरूर करइ चाही। अगर फपूँदी घरे क अन्दर मँ फइलि गइ अहइ, तउ इ रोग अहइ जउन दूसरी जगहन मँ जल्दी स फइलत ह। एह बरे घर असुद्ध अहइ। 45 उ मनई क उ घर गिराइ देइ चाही। ओनका सारा पाथर, लेप अउ दूसर लकड़ी क टूकन क सहर स बाहेर असुद्ध जगह पइ लइ जाइ चाही। 46 कउनो मनई जउन ओहमाँ जात ह, साँझ तलक असुद्ध रही। 47 अगर कउनो मनई ओहमाँ खाना खात ह या ओहमाँ सोवत ह तउ उ मनई क आपन ओढ़ना धोवइ चाही।

48 “घरे मँ नवा पाथर अउ लेप लगाए क पाछे याजक क घरे क जाँच करइ चाही। अगर फपूँदी घरे मँ नाहीं फइली अहइ तउ याजक एलान करी कि घर सुद्ध अहइ। काहेकि फपूँदी खतम होइ ग अहइ।

49 “तब घरे क सुद्ध करइ बरे याजक क दुइ ठु पंछी, एक देवदारू क लकड़ी, एक लाल कपड़ा क टूका अउ जूफा क पउधा लेइ चाही। 50 याजक बहत भए पानी क ऊपर माटी क एक ठु खोरा मँ एक पंछी मारी। 51 तब याजक देवदारु क लकड़ी, जूफा क पउधा, लाल कपड़ा क टूका अउ जिअत पंछी क लेई। याजक बहत पानी क ऊपर मारा भए पंछी क रकत मँ ओन चीजन क बोरी। तब याजक उ रकत क उ घरे पइ सात दाई छिरकी। 52 इ तरह याजक ओन चीजन क उपयोग घर क सुद्ध करइ बरे करी। 53 याजक खुला मैदान मँ सहर क बाहेर जाई अउर पंछी क उड़ाई देई। इ तरह याजक घरे बरे प्रायस्चित करी। घर सुद्ध होइ जाइ।”

54 उ सबइ नेम भयानक चर्मरोग क, 55 घर या कपड़ा क टूकन पइ क फपूँदी क बारे मँ अहइँ। 56 उ सबइ नेम सूजन, फुंसियन या चर्मरोग पइ सफेद दाग सम्बंध रखत हीं। 57 उ सबइ नेम सिखावत हीं कि चीजन कब असुद्ध अहइँ अउ कब सुद्ध अहइँ। उ सबइ नेम उ तरह क बेरामी स सम्बंध रखत हीं।

मत्ती 26:51-75

51 फिन जउन मिला ईसू क संग रहेन, ओनमाँ स एक तरवार हींच लिहस अउर वार कर महायाजक क नउकर क कान काट लिहस।

52 तब ईसू ओसे कहेस, “आपन तरवार क मियान मँ घुसेड़ द्या। जउन तरवार चलावत हीं उ पचे तरवारे स मार डावा जइहीं। 53 का तू नाहीं सोचत अहा कि मइँ आपन परमपिता क बोलाइ सकत हउँ अउ उ फउरन सरगे क दुतन क बारहु फउजन स भी जिआदा मोरे लगे पठइ देई? 54 मुला मइँ अइसा करउँ तउ पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बात कइसे पूर होइ जाई कि सब कछू अइसे ही होइ क अहइ?”

55 उहइ समइ ईसू भीड़े स कहेस, “तू पचे तरवारन, लाठियन क संग मोका धरवावइ अइसे काहे आइ अहा जइसे कउनो डाकू क धरइ आवत हीं? मइँ हर दिन मन्दिर मँ बइठा उपदेस देत रहत हउँ अउर तू पचे मोका नाहीं धर्‌या। 56 मुला इ सब कछू घटि गवा कि नबियन क लिखा पूर होइ।” फिन ओकर चेलन ओका तजि क पराय गएन।

यहूदी नेतन क समन्वा ईसू क पेसी

(मरकुस 14:53-65; लूका 22:54-55,63-71; यूहन्ना 18:13-14,19-24)

57 ईसू क जउन धरे रहेन, उ पचे ओका कैफ़ा नाउँ क महायाजक क समन्वा लइ गएन। हुवाँ धरम सास्तिरियन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन भी ऍकट्ठा भएन। 58 पतरस ओसे दूर-दूर रहत ओकरे पाछे-पाछे महायाजक क अंगना क भितरे तलक चला गवा। अउर फिन अंत देखइ हुवाँ पहरेदारन क संग बइठ गवा।

59 मुहायाजकन समूची यहूदी महासभा क संग ईसू क मउत क सजा देइ बरे ओकरे खिलाफ कउनो झूठा जुर्म ढूँढ़इ बरे जतन करत रहेन। 60 मुला ढूँढ नाहीं पाएन। जदपि बहोत स झूठे गवाहन अगवा बढ़िके झूठ बोलेन। आखिर मँ दुइ मनई अगवा आएन। 61 अउर बोलेन, “इ कहे रहा, ‘मइँ परमेस्सर क मंदिर क तहस नहस कइ सकत हउँ अउर तीन दिना मँ फिन बनाइ सकत हउँ।’”

62 फिन महायाजक खड़ा होइके ईसू स पूछेस, “का जवाबे मँ तोहका कछू नाहीं कहइ क अहइ कि इ मनइयन तोहरे खिलाफ इ का साच्छी देत अहइँ?” 63 मुला ईसू खमोस रहा।

फिन महायाजक ओसे पूछेस, “मइँ तोहका साच्छात परमेस्सर क सपथ देत हउँ, हमका बतावा का तू परमेस्सर क पूत मसीह अहा?”

64 ईसू जवाब दिहस, “हाँ, मइँ अहउँ। मुला मइँ तोहका बतावत हउँ कि तू पचे मनई क पूत क उ परम सक्तीवाला क दाहिन कइँती बइठा अउर सरगे क बदखन प आवत हालि ही देखब्या।”

65 महायाजक इ सुनिके ऍतना गुस्साइ गवा कि आपन ओढ़ना फाड़त भवा बोला, “इ जउन बातन कहेस ह उ सब परमेस्सर प कलंक लगाएस ह। अब हमका अउर जिआदा साच्छी न चाही। तू पचे ऍका परमेस्सर क खिलाफ कहत सुन्या ह। 66 तू पचे का सोचत अहा?”

जवाबे मँ उ पचे बोलेन, “इ अपराधी अहइ। ऍका मरि जाइ चाही।”

67 फिन उ सबइ ओकरे मुँहना प थूकेन अउ ओका घूँसा स मारेन। कछू थप्पड़ दिहेन। 68 अउर कहेन, “हे मसीह! भविस्सबाणी करा कि उ कउन अहइ जउन तोहका थोकरेस ह।”

पतरस क ईसू क न मानब

(मरकुस 14:66-72; लूका 22:56-62; यूहन्ना 18:15-18,25-27)

69 पतरस अबहीं अंगना मँ बाहेर बइठा रहा कि एक ठु नउकरानी लगे आइ अउर बोली, “तू भी तउ उहइ गलील क ईसू क संग रह्या।”

70 मुला सबइ क समन्वा पतरस मुकर गवा। उ कहेस, “मोका पता नाहीं तू का कहति अहा।”

71 फिन उ ड्यौढ़ी तलक गवा ही रहा कि एक दूसर मेहरारू देखेस अउर जउन मनई हुवाँ रहेन, ओनसे बोली, “इ मनई नासरत क ईसू क संग रहा।”

72 एक दाईं फिन पतरस इन्कार करेस अउर सपथ खात भवा कहेस, “मइँ उ मनई क नाहीं जानत हउँ।”

73 तनिक देर पाछे हुवाँ खड़ा लोग पतरस क लगे गएन अउर ओसे बोलेन, “तोहार बोलइ क लहजा स साफ लागत ह कि तू असिल मँ ओनही मँ स एक अहा।”

74 तब पतरस आपन क धिक्कारइ लाग अउर सपथ खाएस, “मइँ उ व्यक्ति क नाहीं जानत हउँ!” तबहिं मुर्गा बाँग दिहस। 75 तब्बइ पतरस क उ याद होइ आवा जउन ईसू ओसे कहे रहा, “मुर्गा क बाँग देइ स पहिले तू तीन दाईं मोका नकार देब्या।” तब पतरस बाहेर चला गवा अउ फूट फूट क रोवइ लाग।

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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.