Old/New Testament
होमबलि क नेम
1 यहोवा परमेस्सर मूसा क मिलापवाला तम्बू स बोलाएस अउ ओसे कहेस। यहोवा कहेस, 2 “इस्राएल क मनइयन क निदेर्स द्या कि जब तू लोगन मँ स कउनो मनई यहोवा बरे भेंट लइ आवइ तउ उ ओकर झुण्ड या खरका स होइ चाही।
3 “अगर कउनो मनई आपन झुण्ड मँ स कउनो क होमबलि देइ तउ उ नर होइ चाही अउ गोरु मँ कउनो दोख नाहीं होइ चाही। उ मनई क चाही कि गोरु क मिलापवाला तम्बू क दुआरे प लइ जाइ। तब यहोवा भेंट क अंगीकार करी। 4 इ मनई क आपन हाथ क गोरु क मूँड़ि प धरइ चाही। जब एकॉ बलि दीन्ह जाइ क होइ। यहोवा होमबलि क ओकर पाप बरे प्रायस्चित क खातिर अंगीकार करी।
5 “मनई क चाही कि बछवा क यहोवा क समन्वा मारइ। तब हारून क याजक बेटवन क बछवा क रकत मिलापवाला तम्बू क दुआरे प वेदी क चारिहुँ कइँती बहावइ चाही। 6 याजक उ गोरु क चाम हटाइ देइ अउ ओका टूका मँ काटी। 7 हारून क याजक बेटहनन क वेदी प काठ अउ आगी धरइ चाही। 8 हारून क याजक बेटहनन क उ सबइ टूकन, (मूँड़ि अउ चबीर्र्) क काठे प धरइ चाही। उ काठ वेदी प आगी क ऊपर होत ह। 9 याजक क गोरू क भितरे क हींसा अउ गोड़ी क पानी स धोवइ चाही। तब याजक क गोरू क इ सबइ हींसा क वेदी प बारइ चाही। इहइ होमबलि अहइ यानी एक ठु उपहार, यहोवा क खुस करइ बरे एक ठु सुगन्ध।
10 “अगर कउनो मनई भेड़ी या बोकरी क होमबलि चढ़ावइ तउ उ एक अइसा नर गोरु क भेंट देइ जेहमाँ कउनो दोख न होइ। 11 उ मनई क वेदी क उत्तर कइँती यहोवा क समन्वा गोरु क मारइ चाही। हारून क याजक बेटवन वेदी क चारिहुँ कइँती रकत छिड़कइ चाही। 12 तब याजक क चाही कि उ गोरु क टूकन मँ काटइ। गोरु क मूँड़ी अउ चबीर् काठे क ऊपर सिलसिला स धरइ चाही। काठ वेदी प आगी क ऊपर रहत ह। 13 याजक क गोरु क भीतर क हींसन क अउ ओकरे गोड़े क पानी स धोवइ चाही। तब याजक क चाही कि उ गोरु क इ सबहिं हींसन क वेदी प बारइ। इ होमबलि अहइ यानी एक ठु उपहार यहोवा क खुस करइ बरे एक ठु सुगन्ध।
14 “अगर कउनो व्यक्ति यहोवा क एक ठु पंछी होमबलि क रूप चढ़ावत ह तउ इ पंछी फाख्ता या नान्ह कबूतर होइ चाही। 15 याजक भेंट क वेदी प लिआइ। याजक पंछी क मूँड़ि क काट देइ। तब उ पंछी क वेदी प बारी। पंछी क खून वेदी कइँती बहइ चाही। 16 याजक क पंछी क गटइ क थइली अउ ओकरे पखना क वेदी क पूरब कइँती लोकइ देइ चाही। इ उहइ जगह अहइ जहाँ उ पचे वेदी स निकारिके राखी रखई जात हीं। 17 तब याजक क पखना क लगे पंछी क जरूर काटइ चाही, मुला पंछी क दुइ हींसा मँ नाहीं बाँटइ चाही। याजक क वेदी क ऊपर आगी प धरी काठे क ऊपर पंछी क जरूर बारइ चाही। इ होमबालि अहइ यानी एक ठु उपहार, यहोवा क खुस करइ बरे एक ठु सुगन्ध।
अन्नबलि क नेम
2 “जब कउनो मनई यहोवा क अन्न बलि चढ़ावइ तउ ओकर भेंट पातर आटा क होइ चाही। उ मनई उ आटे प तेल नावइ अउ ओह प लोहबान धरइ। 2 तब उ ऍका हारून क याजक बेटवन क लगे जरूर लिआवइ चाही। तब याजक तेल अउ लोहबान स मिला भवा एक मूठी आटा लेइ अउर एकॉ वेदी प स्मृति भेंट क रुप मँ बारइ देइ। इ यहोवा बरे एक भेंट एक सुहावना सुगन्ध होइ। 3 बची भई अन्नबलि हारून अउ ओकरे पूतन बरे होइ। इ भेटं यहोवा क दीन्ह जाइवाली भेंटन मँ स सब त परमपवित्तर होइ।
चूल्हा मँ पकी अन्नबलि क नेम
4 “जबहिं तू चूल्हा मँ पकी भइ अन्नबलि क भेंट लिआवा तउ इ बे खमीरे तेल मिला भवा बढ़िया आटा क फुलका या ऊपर स तेल डावा भवा बिना खमीरा क पतला केक होइ चाही। 5 अगर तू भूँजइ वाली कड़ाही स अन्नबलि लिआवत ह तउ इ तेल स मिला भवा बे खमीरे क गेहूँ क बढ़ियाँ आटा क केक होइ चाही। 6 तोहका ऍका टूका कइके कइउ हींसा मँ तोड़इ चाही अउ ऍन प तेल चुपरइ चाही। इ अन्नबलि अहइ। 7 अगर तू अन्नबलि क भूँजइ वाली कड़ाही स लिआवत ह तउ इ तेल स मिला भवा गेहूँ क बढ़ियाँ आटा क होइ चाही।
8 “तू इ चीजन स बनी अन्नबलि यहोवा खातिर लइ अउब्या। तू इ चीजन क याजक क लगे लइ अउब्या अउ उ ओनका वेदी प धरी। 9 फिन याजक उ अन्नबलि मँ स ऍकर कछू हींसा लइके ओका स्मृति भेंट क रुप मँ वेदी प बारि देइ। अउर इ एक ठु उपहार, यहोवा क खुस करइ बरे एक ठु सुगन्ध होइ। 10 बची भइ अन्नबलि हारून अउ ओकरे बेटवन बरे होइ। इ भेंट यहोवा बरे चढ़ाई जाइवाली भेंटन मँ स परमपवित्तर होइ।
11 “तोहका यहोवा क खमीर स या मधु स बना भवा अन्नबलि क भेंट क रूप मँ नाहीं चढ़ावइ चाही। 12 तू पहिली फसल क खमीर स बना भवा अन्न भेंट यहोवा बरे भेंट क रूप मँ लाइ सकत ह, मुला एका खुस करइ बरे सुगन्ध क रुप मँ वेदी प बारइ नाहीं चाही। 13 तोहका आपन लिआइ भइ हर एक अन्नबलि प नोन भी जरूर धरइ चाही। यहोवा स तोहरे करार क मुताबिक नोन क जरूरत क अनुसार अन्नबलि मँ धरइ स तोहका नाहीं रोकइ चाही। तोहका आपन सबहिं भेंटन प नोन धरइ चाही।
पहली पकी फसल स अन्नबलि क नेम
14 “अगर तू पहिली पकी फसल स अन्नबलि लिआवत ह तउ तोहका भूँजी भइ ताजा अनाज लिआवइ चाही। इ अनाजे क दरिके नान्ह नान्ह टूकन मँ तोरा जाइ चाही। इ भेंट तोहार पहिली पकी फसल क जइसा अन्नबलि होइ। 15 तोहका ऍह प तेल नावइ अउ लोहबान जरूर धरइ चाही। इ अन्नबलि अहइ। 16 अउर याजक क चाही कि उ स्मृति भेंट क रुप मँ दरा भवा अनाजे क कछू हींसा, तेल अउ ऍह पइ धरा पूरा लोहबान क बारइ। इ यहोवा बरे उपहार होइ।
मेलबलि क नेम
3 “अगर कउनो मनई आपन झुण्ड मँ स एक ठु नर या मादा जनावर यहोवा क समन्वा मेलबलि क रूप मँ भेंट चढ़ावत ह तउ ओहमाँ कउनो दोख नाहीं होइ चाही। 2 इ मनई क आपन हाथ गोरु क मूँड़ि प जरूर धरइ चाही। मिलापवाला तम्बू क दुआरे प उ मनई क जरिये उ गोरु क जरूर मारि डावइ चाही। तब हारून क याजक पूतन क वेदी क चारिहुँ कइँती रकत बहावइ चाही। 3 मेल बलि मँ स यहोवा क उपहार क रूप मँ भीतरी हींसन क ढाँपइ वाली अउ भितरे क हींसा मँ रहइवाली चबीर् क भेंट जरूर चढ़ावइ चाही। 4 ओका दुइनउँ गुर्दन अउर ओका ढाँकइ वाला चर्बी क अउर पुट्ठा के चर्बी क भी भेंट चढ़ावइ चाही। तउ उ झिल्ली जउन करेजा स चिपका भवा ह ओका भी गुर्दन क संग निकारि लेइ चाही। 5 तब हारून क बेटवन चबीर् क वेदी प बरिहीं। उ पचे चर्बी क आगी प धरी भइ लकड़ी प राखी। इ एक उपहार अहइ। एकर सुगन्धि यहोवा क खुस रखत ह।
6 “अगर एक मनई यहोवा बरे आपन झुण्ड मँ स मेलबलि क रुप मँ नर अउर मादा गोरु लिआवत ह तब ओका सिरिफ उ गोरु क भेंट देइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। 7 अगर उ आपन बलि क रूप मँ एक ठु मेमना लिआवत ह तउ ओका यहोवा क समन्वा बलि देइ चाही। 8 ओका आपन हाथ गोरु क मूँड़े प धरइ चाही अउ मिलापवाला तम्बू क समन्वा ओका मारइ चाही। तब हारून क बेटवन वेदी प चारिहुँ कइँती गोरु क रकत बहावइ चाही। 9 इ मनई क चबीर् स भरी पूरी पूँछ गोरु क पिछली हड्डी क आखरी हींसा स कटा भवा चर्बी, अउ उ चर्बी जउन भीतरी हींसा क ढाँपि रहत ह अउ उ सबइ चर्बी जउन भितरे मँ अहइ क यहोवा क उपहार क रूप मँ भेंट चढ़ावइ चाही। 10 ओका दुइनउँ गुर्दन अउर ओनका ढाँपइ वाला चर्बी क अउर पुट्ठा क चर्बी क भी भेंट चढ़ावइ चाही। उ झिल्ली जउन करेजा स चिपका भवा ह ओका भी निकारि लेइ चाही अउर गुर्दन क संग चढ़ावई चाही। 11 तब याजक वेदी प ऍका जरूर बारी। इ खइया अहइ, इ यहोवा बरे एक ठु उपहार होइ।
12 “अगर ओकर बली एक ठु बोकरा अहइ तउ उ ओका यहोवा क समन्वा जरूर भेंट देइ। 13 उ व्यक्ति क बोकरा क मूँड़ी प हाथ धरइ चाही। ओका मिलापवाला तम्बू क समन्वा एकॉ मारइ चाही। तब्बइ हारून क बेटवन बोकरा क रकत वेदी प चारिहुँ कइँती बहाइहीं। 14 तब उ व्यक्ति क बोकरा क एक हींसा यहोवा बरे उपहार क रुप मँ चढ़ावइ बरे लिआवइ चाही। इ मनई क भीतरी हींसा क अउ ओकरे चारिहुँ कइँती क चबीर् क भेंट जरूर चढ़ावइ चाही। 15 ओका दुइनउँ गुर्दन अउर ओनका ढाँपइ वाला चर्बी क अउर पुट्ठा के चर्बी क भी भेंट चढ़ावइ चाही। उ झिल्ली जउन करेजा स चिपका भवा ह ओका भी निकारि लेइ चाही अउर गुर्दन क संग चढ़ावी चाही। 16 याजक क वेदी प बोकरा क हींसा क जरूर बारइ चाही। इ खइया अहइ, यहोवा बरे एक ठु उपहार। सबहिं चर्बी यहोवा क अहइ। 17 इ नेमॅ तोहार सबहिं अगुवा पीढ़ियन मँ हमेसा चलत रही। तू जहाँ कहूँ भी रहा, तोहका खून या चबीर् नाहीं जरूर खाइ चाही।”
ईसू मंदिरे क बिनास क भविस्सबाणी किहेस
(मरकुस 13:1-31; लूका 21:5-33)
24 मंदिर क छोड़िके ईसू जब हुवाँ स होइके जात रहा तउ ओकर चेलन ओका मँदिर क इमारत देखॉवइ ओकरे लगे आएन। 2 एह प ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे इ इमारतन क सोझ खड़ी देखत अहा? मइँ तोहका सच सच कहत हउँ, हिआँ तलक एक पाथर प दूसर पाथर टिक नाहीं पाई। एक एक गिराइ दीन्ह जाई।”
3 ईसू जब जैतून पहाड़ प बइठा रहा तउ अकेल्ले मँ ओकर चेलन लगे आएन अउर बोलेन, “हमका बतावा इ कब होई? जब तू लउटि अउब्या अउर इ संसारे क अंत होई तउ कइसे संकेत परगट होइहीं?”
4 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “होसियार! तू पचन क कउनो भरमाइ न पावइ। 5 मइँ इ यह बरे कहत हउँ कि अइसे बहोतन अहइँ जउन मोरे नाउँ स अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह हउँ’ अउर उ सबइ बहोतन क भरमइहीं। 6 तू सबइ नगीचे क जुद्ध क बातन या दूरि क जुद्ध क अफवाह सुनब्या पर देखा तू घबराया जिन। अइसा तउ होइ मुला अबहिं अंत नाहीं आवा अहइ। 7 हर रास्ट्र दूसर रास्ट्र क खिलाफ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ खड़ा होई। अकाल पड़ी। हर कतहूँ भुँइडोल आई। 8 मुला इ सब बातन उहइ तरह अहइ जइसे नया पइदा होय क पहले की सुरुआती पीडा।
9 “उ समइ उ पचे तोहका सजा देवॉवइ बरे पकड़वइहीं अउर उ पचे तोहका मरवाइ देइहीं। काहेकि तू सबइ मोर चेलन अहा। सबहिं रास्ट्र क लोग तोहसे घिना करिहीं। 10 उ समइ बहोत मनइयन क मोह टूटी जाई अउर ओहहि समइ बहुत स बिसवासियन क बिसवास डिग जाई। उ पचे एक दूसर क अधिकारियन क हाथे मँ दइ देइहीं अउ आपस मँ घिना करिहीं। 11 बहोत स झूठे नबियन खड़ा होइ जइहीं, अउर मनइयन क ठगिहीं। 12 काहेकि बुराई क बाढ़ आइ जाए स पिरेम घटि जाई। 13 मुला जउन अंत तक टिका रही ओकर उद्धार होई। 14 सरगे क राज्य क इ सुसमाचार समूचे संसार मँ साच्छी रूप मँ प्रचार कीन्ह जाई। ऍसे सब राजन क साच्छी रही अउर तबहीं अंत होइ जाई।
15 “एह बरे जबहिं तू लोग ‘खौफनाक बिनास करइवाली चीज’[a] क पवित्तर स्थान प खड़ा होइके देखा, जेकरे बारे मँ दानिय्येल नबी बताएन ह, (पढ़इया खुद समुझ जाई कि एकर अरथ का बाएइ।) 16 तब जउन मनई यहूदिया मँ होइँ, ओनका पहाड़े प भाग जाइ चाही। 17 जउन आपन घरे क छत प होईं, उ घरवा स बाहेर कछू भी लइ जाइके तर खाले न आवइँ। 18 अउ जउन बाहेर खेतन मँ काम करत होइँ, उ पाछे मुड़िके आपन ओढ़ना तक न लेइँ।
19 “ओन स्त्रियन बरे जेकरे कोखे मँ गरभ होइ या जेकर लरिकन दूध पिअत होइँ, उ दिनन कस्टे क होइहीं। 20 पराथना करा कि तोहका जाड़े क दिनन मँ या सबित क दिन पराइ क न पड़इ। 21 उ दिनन मँ अइसी बिपत आई जइसी जबते परमेस्सर सृस्टि रचेस ह, आजु तक कबहुँ नाहीं आइ अउ न कबहुँ आई।
22 “अउर जदि परमेस्सर उ दिनन क घटावइ क पक्का इरादा न कइ लिहे होत तउ कउनो भी न बच पावत किन्तु चुना भएन क कारण उ दिनन मँ कमती कइ देइ।
23 “उ दिनन मँ जदि कउनो तू पचन स कहइ, देखा, इ रहा मसीह या उ राह मसीह। तउ ओकर बिसवास जिन किहा। 24 मइँ इ कहत हउँ काहेकि कपटी मसीह अउप कपटी नबी खड़ा होइहीं अउर अइसे अचरज कारजन देखइहीं अउर अद्भुत कारजन करिहइँ कि बन पड़इ तउ चुने भएन क भी चकमा दइ देइँ। 25 देखा, मइँ तोहका पहिले ही चेतावनी दइ चुका अहउँ।
26 “तउ जदि उ सबइ तोहसे कहइँ, ‘देखा, मसीह जंगल मँ बा!’ फन हुवाँ जिन जाया अउर जदि उ कहइँ, ‘देखा उ पचे कोठरी मँ छुपा बाटइ!’ तउ ओनकइ बिसवास जिन कर्या। 27 मइँ इ कहत हउँ काहेकि जइसे बिजुली पुरब मँ सुरू होइके पच्छिम क अकासे तक चमक जात इ वइसे ही मनई क पूत भी परगट होई। 28 जहाँ कहूँ ल्हास होई हुआँ गिद्ध एकट्ठा होइहीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.