Chronological
5 1-2 “मनई क पूत आपन उपवास क समइ क पाछे तोहका इ सबइ काम करइ चाही। तोहका एक तेज तरवार लेइ चाही। उ तरवार क उपयोग नाऊ क उस्तरे क तरह करा। तू आपन बार अउ दाढ़ी ओहसे काट ल्या। बारन क तराजू मँ धरा अउ तउला। आपन बारन क तीन हींसा मँ बाँटा। आपन बारन क एक तिहाई हींसा उ ईंटा पइ धरा जेह पइ नगर क चित्र बना ह। उ ‘नगर’ मँ ओन बारन क जरावा। इ प्रदर्सित करत ह कि कछू लोग नगर की भीतर मरिहीं। तब तरवार क उपयोग करा अउर आपन बारन क एक तिहाई क नान्ह-नान्ह टूकन मँ काट डावा। ओन बारन क उ नगर क चारिहुँ कइँती धरा। इ प्रदर्सित करी कि कछू लोग ‘नगर’ क बाहेर मरिहीं। तब आपन बारन क एक तिहाई क हवा मँ उड़ाइ द्या। एनका हवा क दूर उड़ाइ लइ जाइ द्या। इ प्रदर्सित करी कि मइँ आपन तरवार निकारब अउर कछू लोगन क पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ भगाइ देब। 3 किन्तु तब तोहका जाइ चाही अउर ओन बारन मँ स कछू क लिआवइ चाही। ओन बारन क लिआवा, ओनका ढका अउर ओनकर रच्छा करा। इ प्रदर्सित करी कि मइँ आपन मँ स कछू क बचाउब 4 अउर तब ओन उड़े भए बारन मँ स कछू अउर जियादा बारन क लिआवा। ओन बारन क आगी मँ झोंकि द्या। इ प्रदर्सित करत ह कि आगी हुवाँ सुरू होइ अउर इस्राएल क पूरे खानदान क बारिके नस्ट कइ देइ।”
5 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “उ ईटां यरूसलेम अहइ, मइँ इ यरूसलेम नगर क दूसर रास्ट्रन क बीच रखा ह, इ समइ इस्राएल क चारिहुँ ओर दूसर देस अहइँ। 6 यरूसलेम क लोग मोरे आदेसन क बरे विद्रोह किहन। उ पचे दूसर कउनो रास्ट्र स जियादा बुरे रहेन। उ पचे मोरे नेमन क ओहसे भी जियादा तोड़ेन जेतना ओनके चारिहुँ कइँती क कउनो भी देस क लोग तोड़ेन। उ पचे मोरे आदेसन क सुनइ स इनकार कइ दिहन। उ पचे मोर व्यवस्था क पालन नाहीं किहन।”
7 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहेस, “मइँ तू लोगन पइ भयंकर विपत्तियन लिआउब। काहेकि तू मोर आदेसन क पालन नाहीं किहा। तू लोग मोरे नेमन क आपन चारिहुँ कइँती रहइवाले लोगन स भी जियादा तोड़या। तू लोग उ सबइ काम भी किहा जेनका उ सबइ लोग भी गलत कहत हीं।” 8 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “एह बरे मइँ भी तोहरे पचन्क विरूद्ध हउँ, मइँ तू पचन्क इ तरह दण्ड देब जेहसे दूसर लोग भी लखि सकइँ। 9 मइँ तू लोगन क संग उ करब जेका मइँ पहिले कबहुँ नाहीं किहेउँ। मइँ ओन भयानक कामन क फिन कबहुँ नाहीं करब। काहेकि तू पचे ऍतना जियादा भंयकर काम किहा। 10 यरूसलेम मँ लोग भूख स एतना तड़पिही कि महतारी-बाप आपन गदेलन क खाइ जइहीं अउर गदेलन आपन महतारी-बाप क खाइ जइहीं। मइँ तू पचन्क कइउ तरह स दण्ड देब अउर जउन लोग जिअत बचा अहइँ, ओनका मइँ हवा मँ बिखेर देब।”
11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “यरूसलेम, मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। काहेकि तू पचे मोर ‘पवित्तर ठउर’ क खिलाफ भयंकर पाप किहा। तू पचे उ सबइ भयानक काम किहा जउन एका गन्दा बनाइ दिहन। मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ तू पचन्क पइ दाया नाहीं करब। मइँ तू पचन बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। 12 तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग जुद्ध मँ नगर क बाहेर मरिहीं अउर तोहार लोगन क एक तिहाई क मइँ आपन तरवार निकारिके ओनकर पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ खदेड़ देब। 13 सिरिफ तब मइँ तोहरे लोगन पइ किरोधित होब बन्द करब। मइँ समुझ लेब कि उ पचे ओन बुरे कामन क बरे दण्डित भएन ह जउन उ पचे मोर संग किहे रहेन अउर उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन लोगन क बिरोध मँ आपन गैरत क कारण बात किहेउँ।”
14 परमेस्सर कहेस, “यरूसलेम मइँ तोहका नस्ट करब तू पाथरन क ढ़ेर क अलावा दूसर कछू नाहीं रहि जाब्या। तोहरे चारिहुँ कइँती लोग तोहार हँसी उड़ाइ हीं। हर एक मनई जउन तोहरे लगे स गुजरी तोहार हँसी उड़ई। 15 तोहरे चारिहुँ कइँती क लोग तोहार हँसी उड़इहीं, किन्तु ओनके बरे तू एक सबक भी बनब्या। उ पचे लखिहीं कि मइँ कोहान रहा अउर मइँ तोहका दण्ड दिहेउँ। मइँ बहोत कोहान रहा। मइँ तोहका चितउनी दिहे रहेउँ। मोका, यहोवा तोहसे कहे रहा कि मइँ का करउँ। 16 मइँ कहे रहेउँ कि मइँ तोहरे लगे भयंकर भुखमरी क समइ पठउब। मइँ तोहसे कहे रहेउँ, मइँ ओन चीजन क पठउब जउन तोहका नस्ट करिहीं अउर तोहसे कहे रहा कि मइँ तोहार भोजन क आपूर्ति छोर लेब, अउर उ भूखमरी क उ समइ बार-बार आवा। 17 मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि मइँ तोह पइ भूख अउ जंगली पसु पठउब, जउन तोहरे लरिकन क मारि डइहीं। मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि पूरे नगर मँ रोग अउर मउत क राज्ज होइ अउर मइँ ओन दुस्मन-फउजियन क तोहरे खिलाफ लड़इ बरे लिआउब। मोका यहोवा इ कहे रहा, इ सबइ बातन घटित होइहीं अउर सबहिं घटित भइन।”
6 तब यहोवा क बचन मोरे लगे फुन आवा। 2 उ कहेस, “मनई क पूत इस्राएल क पर्वतन कइँती मुड़ा। उनके बिरूध नबूवत करा। 3 ओन पर्वतन स इ कहा: ‘इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा कइँती स इ सँदेसा सुना। मोर सुआमी यहोवा पहाड़ियन, पर्वतन, घाटियन अउर खार-खड्डन स इ कहत ह। धियान द्या। मइँ (परमेस्सर) दुस्मन क तू सबन्क खिलाफ लड़इ बरे लिआवत हउँ। मइँ तोहार सबन्क उच्च ठउरन क नस्ट कइ देब। 4 तोहार सबन्क वेदियन क तोरिके टूका-टूका कइ दीन्ह जाइ तोहार सबन्क सुगन्धि चढ़ावइ क वेदियन ध्वस्त कइ दीन्ह जइहीं। अउर मइँ तोहार सबन्क ल्हासन क तोहार सबन्क गन्दी मूरतियन क समन्वा लोकाउब। 5 मइँ इस्राएल क लोगन क ल्हासन क ओनकर देवतन क गन्दी मूरतियन क समन्वा लोकाउब। मइँ तोहार सबन्क हाड़न क तोहरे पचन्क वेदियन क चारिहुँ ओर बिखेरब। 6 जहाँ कहूँ तोहार लोग रहिहीं ओन पइ विपत्तियन अइहीं। ओनकर नगर पाथरन क ढेर बनिहीं। ओनकर उच्च ठउरन नस्ट कीन्ह जइहीं। काहे एह बरे कि ओन पूजा ठउरन क उपयोग दुबारा न होइ सकइ। उ सबइ सबहिं वेदियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। लोग फुन कबहुँ ओन गन्दी मूरतियन क नाहीं पूजिहीं। ओन सुगन्धि वेदियन क ध्वस्त कीन्ह जाइ। जउन चिजियन तू पचे बनावत ह उ सबइ पूरी तरह नस्ट कीन्ह जइहीं। 7 तोहार लोग मारा जइहीं अउर तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’”
8 परमेस्सर कहेस, “किन्तु मइँ तोहरे कछू लोगन क बच निकरइ देब। उ पचे थोड़े समइ तलक विदेसन मँ रहिहीं। मइँ ओनका बिखेरब अउर दूसर देसन मँ रहइ बरे मजबूर करब। 9 तब उ पचे बचे भए लोग बन्दी बनावा जइहीं। उ पचे बिदेसन मँ रहइ क मजबूर कीन्ह जइहीं। किन्तु उ पचे बचे भए लोग मोका याद रखिहीं। मइँ ओनकर आतिमा क खण्डित किहेउँ। जउने पापन क उ पचे किहेन, ओकरे बरे उ पचे खुद ही घिना करिहीं। बीते समइ मँ उ पचे मोहसे विमुख भए रहेन। अउर दूर होइ ग रहेन। उ पचे आपन गन्दी मूरतियन क पाछे लगे भए रहेन। उ पचे उ समइ मेहरारू क नाई रहेन जउन आपन भतार क तजिके, कउनो दूसर मनई क पाछे धावइ लाग। उ पचे बड़े भयंकर पाप किहन। 10 किन्तु उ पचे समुझ जइहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर उ पचे इ जनिहीं कि जदि मइँ कछू करइ बरे कहब तउ मइँ ओका करब। उ पचे समुझ जइहीं कि उ पचे सब विपत्तियन जउन ओन पइ आई अहइँ, मइँ डाएउँ ह।”
11 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “हाथन स ताली बजावा अउर आपन गोड़ पीटा। ओन सबहिं भयंकर चिजियन क खिलाफ कहा जेनका इस्राएल क लोग किहन ह। ओनका चितउनी द्या कि उ सबइ रोग अउ भूख स मारा जइहीं। ओनका बतावा कि उ पचे जुद्ध मँ मारा जइहीं। 12 दूर क लोग रोग स मरिहीं। समीप क लोग तरवार स मारा जइहीं। जउन लोग नगर मँ बचा रहिहीं, उ पचे भूख स मरिहीं। मइँ तबहिं किरोध करब तजब, 13 अउर सिरिफ तबहिं तू जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ। तू इ तब समुझब्या जब तू आपन ल्हासन क गन्दी मूरतियन क समन्वा अउर वेदियन क चारिहुँ कइँती लखब्या। तोहार पूजा क ओन हर ठउरन क निचके, हर एक ऊँच पहा़ड़ी, पर्वत तथा हर एक हरिअर बृच्छ अउर पत्तेवाले हर एक बाँझ बृच्छ क नीचे, उ सबइ ल्हास होइहीं। ओन सबहिं ठउरन पइ तू आपन बलि-भेंट किहा ह। उ पचे तोहार गन्दी मूरतियन बरे मधुर गन्ध रहिन। 14 किन्तु मइँ आपन हाथ तू लोगन पइ उठाउब अउर तोहका तोहरे लोगन क जहाँ कहूँ उ पचे रहेन, सजा देब। मैं तोहरे देस क नस्ट करब। इ दिबला रेगिस्तान स भी जियादा सूनी होइ। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
7 तब यहोवा क बचन मोका मिला। 2 उ कहेस, “मनई क पूत, अब मोर सुआमी यहोवा क इ सँदेसा अहइ। इ सँदेसा इस्राएल देस बरे अहइ:
“अन्त!
अन्त आइ ग अहइ।
पूरा देस नस्ट होइ जाइ।
3 अब तोहार अन्त आइ ग अहइ।
मइँ देखाउब कि मइँ तोह पइ केतना कोहान हउँ।
मइँ तोहका ओन बुरे कामन बरे दण्ड देब जउन तू किहा।
जउन भयंकर काम तू किहा ओनके बरे मइँ तोहसे भुगतान कराउब।
4 मइँ तोहरे ऊपर तनिक भी दाया नाहीं करब।
मइँ तोहरे बरे अफसोस नाहीं करब।
मइँ तोहका तोहरे बुरे कामन बरे दण्ड देत हउँ।
तू भयानक कामन क किहा ह।
अब तू समुझ जाब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
5 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। “एक क बाद एक बिपत्तियन अइहीं। 6 अन्त आवत अहइ अउर इ बहोत हाली आइ। 7 इस्राएल क लोगो, का तू सीटी सुन्या ह दुस्मन आवत अहइ। उ दण्ड क समइ हाली आवत अहइ। दुस्मन क सोरगुल पर्वतन पइ जियादा स जियादा बढ़त जात अहइ। 8 मइँ हाली ही देखाइ देब कि मइँ केतना कोहान हउँ। मइँ तोहरे खिलाफ आपन पूरे किरोध क परगट करब। मइँ ओन बुरे कामन बरे दण्ड देब जउन तू किहा। मइँ ओन सबहिं भयानक कामन बरे तोहसे भुगतान कराउब जउन तू किहा। 9 मइँ तोह पइ तनिक भी दाया नाहीं करब मइँ तोहरे बरे अफसोस नाहीं करब। मइँ तोहका तोहरे बुरे कामन बरे दण्ड देत हउँ। तू जउन भयानक काम किहा ह, अब तू जानब्या कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ दण्ड भी देत हउँ।
10 “दण्ड क उ समइ आइ गवा। का तू सीटी सुनत अहा? परमेस्सर संकेत दिहस ह। दण्ड आरम्भ होत अहइ। डारी अकुंरित होइ लाग अहइ। घमण्डी राजा (नवूकदनेस्सर) पहिले स ही जियादा सक्तिसाली होत जात रहा। 11 उ हिंसक मनई ओन बुरे लोगन क दण्ड देइ बरे तैयार अहइ। इस्राएल मँ लोगन क गिनती बहोत अहइ, किन्तु उ ओनमाँ स नाहीं अहइ। उ उ भीड़ क मनई नाहीं अहइ। उ ओन लोगन मँ स कउनो महत्वपूर्ण प्रमुख नाहीं अहइ।
12 “उ दण्ड क समइ आइ ग अहइ। उ दिन आइ पहोंचा। जउन लोग चिजियन खरीदन हीं, प्रसन्न नाहीं होइहीं अउर जउन लोग चिजियन बेचत हीं, उ पचे ओनका बेचइ मँ बुरा नाहीं मानिहीं। काहेकि उ भयंकर दण्ड हर एक मनई बरे होइ। 13 जउन लोग आपन स्थायी सम्पत्ति बेचिहीं उ पचे ओका कबहुँ नाहीं पइहीं। जदि कउनो मनई जिअत नाहीं भी बचा रही तउ भी उ आपन स्थायी सम्पत्ति वापस नाहीं पाइ सकत। काहेकि इ दर्सन लोगन क पूरे समूह क बरे अहइ। कउनो भी मनई अन्याय कइके आपन क बलवान नाहीं कइ पाइहीं।
14 “उ सबइ लोगन क चितउनी देइ बरे तुरही बजइहीं। लोग जुद्ध बरे तइयार होइहीं। किन्तु उ पचे जुद्ध करइ क बरे नाहीं निकरिहीं। काहेकि मइँ पूरे जन-समूह क देखाउब कि मइँ केतना कोहान हउँ। 15 तरवार लिए भए दुस्मन नगर क बाहेर अहइँ। रोग अउर भूख नगर क भीतर अहइँ। जदि कउनो जुद्ध क मइदान मँ जाइ तउ सत्रु क फउजी ओका मारि डइहीं। जदि उ नगर मँ रहत ह तउ भूख अउर रोग ओका नस्ट करिहीं।
16 “किन्तु कछू लोग बचि निकरिहीं। उ पचे बचे लोग पराइके पहाड़न मँ चला जइहीं। किन्तु उ सबइ लोग सुखी नाहीं होइहीं। उ पचे आपन पापन क कारण दुखी होइहीं। उ पचे चिजियइहीं अउर कबूतरन क तरह दुःख भरी आवाज निकारिहीं। 17 लोग एतने थके अउर खिन्न होइहीं कि आपन हाथन भी नाहीं उठाइ पइहीं। ओनकर गोड़ पानी क तरह ढीला होइहीं। 18 उ पचे सोक वस्त्र पहिरहीं अउर भयभीत रहिहीं। तू पचे हर मुँहे पइ लज्जा पउब्या। उ पचे सोक प्रदर्सन बरे आपन बार मुड़वाइ लेइहीं। 19 उ पचे आपन चाँदी क देव मूरतियन क सड़कन पइ फेंक देइहीं। उ पचे आपन सोने क मूरतियन क गन्दा चिथरन क तरह समुझिहीं। काहेकि जब यहोवा आपन किरोध परगट किहस उ सबइ मूरतियन ओनका बचाइ नाहीं सकिन। उ सबइ मूरतियन लोगन बरे पतन क जालि के अलावा दूसर कछू नाहीं रहिन। उ सबइ मूरतियन लोगन क भोजन नाहीं देइहीं उ सबइ मूरतियन ओनके पेट मँ अन्न नाहीं पहोंचइहीं।
20 “ओन लोग आपन सुन्नर आभूसण क उपयोग किहन अउर मूरति बनाएन। ओनका आपन मूरति पइ गर्व रहा। उ पचे आपन भयानक मूरतियन बनाएन। ओन लोग ओन गन्दी चिजियन क बनाएन। एह बरे मइँ (परमेस्सर) ओनका गन्दा चिथरन क तरह लोकाइ देब। 21 मइँ ओनका अजनबियन क लेइ देब। उ सबइ अजनबी ओनका लूट लेइहीं। उ सबइ, अजनबी, आपन मने क मुताबिक सबइ कछू लइ लेइहीं अउ पवित्तर स्थान अपवित्तर कइ देइहीं। 22 मइँ ओनसे आपन मुँह फेर लेब, मइँ ओनकर कइँती नाहीं लखब। उ सबइ अजनबी मोरे मन्दिर क नस्ट करिहीं, उ सबइ उ पवित्तर भवन क गोपनीय हींसन मँ जइहीं अउर ओका अपवित्तर करिहीं।
23 “बन्दियन खातिर जंजीर बनावा। काहेकि बहोत स लोग दूसर लोगन क मारइ क कारण दण्डित होइहीं। नगर क हर ठउरन पइ हिंसा भड़की। 24 मइँ दूसर रास्ट्रन स बुरे लोगन क लिआउब अउर उ सबइ लोग इस्राएल क लोगन क सबहिं घरन क लइ लेइहीं। मइँ तू बरिआर लोगन क गर्बीला होइ स रोक देब। दूसर रास्ट्रन क उ सबइ लोग तोहरे पूजा ठउरन क अपवित्तर कइ देइहीं।
25 “तू लोग भय स थर्राइ उठब्या। तू लोग सान्ति चहब्या, किन्तु सान्ति नाहीं मिली। 26 तू पचे एक क पाछे दूसर दुःख कथा क सुनब्या। तू पचे बुरी खबरियन क अलावा कछू नाहीं सुनब्या। तू नबी क खोज करब्या अउर ओहसे दर्सन पुछब्या। किन्तु कउनो मिली नाहीं। याजक क लगे तू पचन्क सिच्छा देइ क कछू भी नाहीं होइ अउर अग्रजन क लगे तू पचन्क कउनो नीक सलाह नाहीं होइ। 27 तोहार पचन्क राजा ओन लोगन बरे रोइ अउर मरि गएन। प्रमुख सोक-वस्त्र पहिरहीं। साधारण लोग बहोत डेराइ जइहीं। काहेकि मइँ ओकर बदल देब जउन उ पचे किहन। मइँ ओनकर दण्ड निहचित करब। अउर मइँ ओनका दण्ड देब। तब उ सबइ समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
8 एक दिना मइँ (यहेजकेल) अपने घरे मँ बइठा रहेउँ अउर यहूदा क अग्रज हुवाँ मोरे समन्वा बइठे रहेन। इ देस-निकारे क छठएँ बरिस क छठएँ महीने क पचँए दिन भवा। अचानक मोर सुआमी यहोवा क सक्ति मोहमाँ उतरी। 2 मइँ कछू लखेउँ जउन आगी क नाई रहा। इ एक मनई क सरीर जइसा देखाइ पड़त रहा। करिहाउँ स खाले उ आगी जइसा रहा। करिहाउँ स ऊपर उ आगी मँ तपत धातु क तरह चमकत अउर कान्तिवाला रहा। 3 तब मइँ कछू अइसा लखेउँ जउन बाहु क तरह रहा। उ बाहु बाहेर बढ़ी अउर उ मोरे मुँड़ि क बारन स मोका धइ लिहस। तब आतिमा मोका हवा मँ उठाइ लिहस अउर परमेस्सर क दर्सन मँ उ मोका यरूसलेम क लइ गइ। उ मोका उत्तर कइँती भीतर फाटक पइ लइ गइ। उ देवमूर्ति, जेहसे परमेस्सर क ईर्स्या होत ह, उ फाटक क सहारे अहइ। 4 किन्तु इस्राएल क परमेस्सर क तेज हुवँइ रहा। उ तेज वइसा ही देखात रहा जइसा दर्सन मइँ घाटी क किनारे कबार नहर क लगे लखे रहेउँ।
5 परमेस्सर मोहसे कहेस। उ कहेस, “मनई क पूत, उत्तर कइँती लखा।” एह बरे मइँ उत्तर कइँती लखेउँ। अउर हुवाँ प्रवेस मार्ग क सहारे वेदी-दुआर क उत्तर मँ उ देवमूर्ति रही जेकरे बरे परमेस्सर क ईर्स्या होत रही।
6 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत का तू लखत अहा कि इस्राएल क लोग कइसा भयंकर काम करत अहइँ? हिआँ उ पचे उ चीज क मोरे मन्दिर क ठीक बगल मँ मोका इ स दूर हटाइ बरे बनाएन ह। जदि तू मोरे संग अउब्या तउ तू अउर भी जियादा भयंकर चिजियन लखब्या।”
7 एह बरे मइँ अँगने क प्रवेस दुआर पइ गएउँ अउर मइँ देवार मँ एक ठु छेद लखेउँ। 8 परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत। उ देवारे क छेद क चारिहुँ कइँती खोदेन।” एह बरे मइँ देवार क उ छेद स होइके गएउँ अउर हुवाँ एक दरवाजा लखेउँ।
9 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “अन्दर जा, अउर ओन भयानक दुट्ठ चिजियन क लखा जेनका लोग हुवाँ करत अहइँ।” 10 एह बरे मइँ अन्दर गएउँ अउर मइँ लखेउँ। मइँ हर एक प्रकार क रेंगइवाले जन्तु अउर जनावरन क देवमूरतियन क लखेउँ जेनके बारे मँ सोचइ स तोहका घिना होत ह। उ सबइ देवमूरतियन अउ गन्दी मूरतियन रहिन जेनका इस्राएल क लोग पूजत रहेन। हुवाँ ओन जनावरन क तस्बीर हर देवारे पइ चारिहुँ कइँती खुदा भए रहेन।
11 तब मइँ एह पइ धियान दिहेउँ कि सापान क पूत याजन्याह अउर इस्राएल क सत्तर अग्रज उ ठउर पइ पूजा करइवालन क साथ रहेन। हुवाँ पइ उ पचे, लोगन क ठीक समन्वा रहेन, अउर हर एक प्रमुख क हाथे मँ आपन सुगन्धि क थाल रहा। बरत सुगन्धि क धुवाँ हवा मँ उठत रहा। 12 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत का तू लखेस ह कि इस्राएल क नेता लोग अँधियारा मँ का करति आवत हीं? हरेक मनई क आपन लबार देवता बरे बिसेस कमरा अहइँ। उ पचे आपुस मँ इ बातन करत ह, ‘यहोवा हम लोगन क नाहीं लखइ सकब्या। यहोवा इ रास्ट्र क तजि दिहस ह।’” 13 तब परमेस्सर न मोह स कहेस, “यदि तुम मोरे संग आउब्या तउ तू ओन लोगन अउर भी जियादा भयानक काम करत भए लखब्या!”
14 तब उ मोका यहोवा क मन्दिर क प्रवेस-दुआर पइ लइ गवा। इ दुआर उत्तर कइँती रहा। हुवाँ मइँ मेहररूअन क बइठे अउर रोवत भए लखेउँ। उ पचे लबार देवता तम्मूज क बारे मँ सोक मनावत रहिन।
15 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, का तू एन भयंकर चिजियन क लखत अहा? मोरे संग आवा अउर तू एनसे भी बुरे करम लखब्या।” 16 तब उ मोका मन्दिरे क भीतरी अँगना मँ लइ गवा। उ ठउरे पइ मइँ पच्चीस मनइयन क खाले निहुरे भए अउर पूजा करत लखेउँ। उ पचे पवित्तर स्थान अउर वेदी क बीच रहेन, किन्तु उ पचे गलत दिसा मँ मुँह किए खड़े रहेन। ओनकर पीठ पवित्तर ठउरे कइँती रहिन। उ पचे सूरज क पूजा करइ बरे खाले निहुरा रहेन।
17 तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, का तू एका लखत अहा? यहूदा क लोग मोरे मन्दिर क एतना महत्वहीन समुझत हीं कि उ पचे मोरे मन्दिर मँ इ भयंकर करम करत हीं। इ देस हिंसा स भरा भवा अहइ। उ पचे लगातार मोका पागल करइवाला काम करत हीं। लखा, उ पचे आपन नाकन मँ लबार देवता क तरह चन्द्रमा क सम्मान करइ बरे बालियन पहिर रखिन ह। 18 मइँ ओन पइ आपन किरोध परगट करब। मइँ ओन पइ कउनो दाया नाहीं करब। मइँ ओनके बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। उ पचे मोका जोर स गोहरइहीं, किन्तु मइँ ओनका सुनइ स इन्कार कइ देब।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.