Chronological
प्रस्तावना
1 1-3 मइँ बूजी क पूत याजक यहेजकेल हउँ। मइँ देस स निकारा गवा रहेउँ। मइँ उ समइ बाबुल मँ कबार नदी पइ रहेउँ जब मोरे बरे सरग खुला अउर मइँ परमेस्सर क दर्सन किहेउँ। इ तीसवे बरिस क चउथे महीने जुलाई क पाँचवा दिन रहा। राजा यहोयाकीम क देस स निकारे गए पँचएँ बरिस अउर महीना क पँचए दिन यहेजकेल क यहोवा क सँदेसा मिला। उ ठउरे पइ ओकरे ऊपर यहोवा क सक्ति आइ।
यहोवा क रथ अउर ओकर सिंहासन
4 मइँ (यहेजकेल) एक आँधी उत्तर स आवत लखेउँ। इ एक बिसाल बादर रहा अउर ओहमाँ स आगी चमकत रही। एकरे चारिहुँ कइँती प्रकास जगमगात रहा। इ आगी मँ चमकत तपत धातु क तरह देखात रहा। 5 बादरे क भीतर चार प्राणी रहेन। उ पचे मनइयन क तरह देखात रहेन। 6 किन्तु हर एक प्राणी क चार मुँह अउर चार पखना रहेन। 7 ओनकर गोड़ सोझ रहेन। ओनकर गोड़ बछवा क गोड़ जइसे देखात रहेन अउर उ पचे झलकत भए पीतर क तरह चमकत रहेन। 8 ओनकर पखना क खाले मनई क हाथ रहेन। हुआँ चार प्राणी रहेन अउर हर एक प्राणी क चार मुँह अउर चार पखना रहेन। 9 ओनकर पखना एक दूसर क छुअत रहेन। जब प्राणियन चलत रहेन तउ उ पचे मुड़त नाहीं रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन जेका लखत रहेन।
10 हर एक प्राणी क चार मुँह रहेन। समन्वा कइँती ओनकर चेहरा मनई क रहा। दाई कइँती सेर क चेहरा रहा। बाई कइँती बर्धा क चेहरा रहा अउर पाछे कइँती उकाब क चेहरा रहा। 11 प्राणियन क पखना ओनके ऊपर फइले भए रहेन। उ सबइ दुइनउँ पखनन स अपने लगे क प्राणी क दुइ पखनन क छुए भए रहेन अउ दुइ क आपन तन क ढाँपइ बरे उपयोग मँ लिहे रहेन। 12 उ सबइ प्राणी जब चलत रहेन तउ मुड़त नाहीं रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन जेका उ पचे लखत रहेन। उ पचे हुँवइ जात रहेन जहाँ आतिमा ओनका लइ जात रही। 13 हर एक प्राणी इ तरह देखात रहा।
ओन प्राणियन क बीच क जगह मँ बरत भइ कोयला क आगी सा देखात रही। इ आगी नान्ह-नान्ह मसालन क तरह ओन प्राणियन क बीच चलत रही। आगी बड़के प्रकास क संग चमकत रही अउर बिजुरी क तरह कौंधत रही। 14 उ सबइ प्राणी बिजुरी क तरह तेजी स पाछे अउ अगवा कइँती दउड़त रहेन।
15-16 जब मइँ प्राणियन क लखेउँ तउ चार चक्र लखेउँ। हर एक प्राणी बरे एक ठु चक्र रहा। चक्र भुइयाँ क छुअत रहेन अउर सबइ चक्र एक तरह क रहेन। चक्र अइसे देखात रहेन माना पिअर सुद्ध मणि क बना होइँ। उ सबइ अइसे देखात रहेन माना एक चक्र क भीतरे दूसर चक्र होइ। 17 उ सबइ चक्र कउनो भी दिसा मँ घूम सकत रहेन। किन्तु उ सबइ प्राणी जब चलत रहेन तउ मुड़त नाहीं रहेन।
18 ओन चक्रन क घेरन ऊँच अउर डेरावइवाला रहेन। ओन चारिहुँ चक्रन क घेरन मँ आँखिन ही आँखिन रहिन।
19 चक्र हमेसा प्राणियन क संग चलत रहेन। जदि प्राणी ऊपर हवा मँ जातेन तउ चक्र भी ओनके संग जातेन। 20 उ सबइ हुवँइ जातेन, जहाँ आतिमा ओनका लइ जात चाहत अउर चक्र ओनके संग जात रहेन। काहेकि प्राणियन क आतिमा चक्र मँ रही। 21 एह बरे जदि प्राणी चलत रहेन तउ चक्र भी चलत रहेन। जदि प्राणी रूक जात रहेन तउ चक्र भी रूक जात रहेन। जदि चक्र हवा मँ ऊपर जातेन तउ प्राणी ओनके संग जात रहेन। काहेकि आतिमा चक्र मँ रही।
22 प्राणियन क मूँड़ि क ऊपर एक अचरज करइवाली चीज रही। उ एक ठु उल्टे खोरे क नाई रही। खोरा बिल्लोर की नाईं स्वच्छ रहेन। 23 इ खोरा क खाले हर एक प्राणी क सोझ पखना रहेन जउन दूसर प्राणी तलक पहोंचत रहेन। हर एक क दूसर दुइ ठु पखना रहेन जउन ओकर तने क ढाँपत रहेन।
24 जब कबहुँ उ सबइ प्राणी चलत रहेन, ओनकर पखना बड़की तेज अवाज करत रहेन। मइँ उ अवाज क सुनेस। इ समुद्दर क गर्जना जइसी पइदा होत रही। उ सर्वसक्तीमान परमेस्सर क निचके स निकरइ क वाणी क नाई रही। उ कउनो फउजे क जन-समूह क सोर क तरह रही। जब उ प्राणी चलब बन्द करत रहेन तउ उ पचे आपन पखनन क आपन बगल मँ नीचे कइ लेत रहेन।
25 ओन प्राणियन चलब बन्द किहेन अउर आपन पखनन क समेटेन अउर हुवाँ फुन भीसन अवाज भइ। उ अवाज उ खोरे स भइ जउन मूँड़ि क ऊपर रहा। 26 उ खोरे क ऊपर हुवाँ कछू रहा जउन एक सिहांसन क तरह देखात रहा। इ नीलमणि क तरह नीला रहा। हुवाँ कउनो रहा जउन उ सिहांसने पइ बइठा भवा एक ठु मनई क तरह देखात रहा। 27 अउर मइँ ओका ओकर कमर क ऊपर लखेउँ। वह तप्त धातु की तरहा दिखा, मानो ओकरे चारिहुँ कइँती आगी होइ। अउर नीचे स कमर तलक उ आगी क नाईं दिखावइ देत रहा। अउर ओकरे चारिहुँ कइँती प्रकास जगमग करत रही। 28 ओकरे चारिहुँ कइँती चमकत प्रकास बादरन मँ इन्दर धनुस जइसा रहा। इ यहोवा क महिमा जइसा देखात रहा। जइसेन ही मइँ उ लखेउँ, मइँ धरती पइ भहराइ गएउँ। मइँ धरती पइ आपन माथा टेकेउँ। तब मइँ एक अवाज सम्बोधित करत भए सुनेउँ।
2 उ वाणी कहेस, “मनई क पूत, खड़ा होइ जा अउर मइँ तोहसे बातन करब।”
2 तब आतिमा मोका गोड़न पइ सोझ खड़ा कइ दिहस अउर मइँ ओका सुनेउँ जउन मोहसे बातन करत रहा। 3 उ मोहसे कहेस, “मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क परिवार स कछू कहइ बरे पठवत हउँ। उ सबइ लोग कइउ दाईँ मोरे खिलाफ भएन। ओनकर पुरखन भी मोरे खिलाफ भएन। उ पचे मोरे खिलाफ कइउ दाईँ पाप किहेन अउर उ पचे आजु तलक मोरे खिलाफ अब भी पाप करत अहइँ। 4 मइँ तोहका ओन लोगन स कछू कहइ बरे पठवत हउँ। किन्तु उ पचे बहोत हठी अहइँ। उ पचे बड़के कठोर चित्तवाले अहइँ। किन्तु तोहका ओन लोगन स बातन करब अहइ। तोहका कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन बतावत ह।’ 5 उ सबइ लोग तोहार सुनिहीं या न भी सुनिहीं। काहेकि उ पचे बहोत बिद्रोही लोग अहइँ, उ पचे सदा मोरे खिलाफ होइ जात हीं। मुला तोहका उ सबइ बातन कहइ चाही जेहसे उ पचे समुझ सकइँ कि ओनके बीच मँ कउनो नबी रहत बाटइ।
6 “मनई क पूत ओन लोगन स डेराअ नाहीं। जउन उ पचे कहइँ ओहसे डेराअ नाहीं। इ फुरइ अहइ कि उ पचे तोहरे खिलाफ होइ जइहीं अउर तोहका चोट पहोंचाउब चइहीं। तू अइसा सोचब्या कि तू बीछियन क बीच रहत अहा। मुला उ पचे जउन कहइँ ओनसे डेराअ नाहीं। उ पचे बिद्रोही लोग अहइँ। किन्तु ओनसे डेराअ नाहीं। 7 तोहका ओनसे उ बात कहइ चाही जउन मइँ कहत हउँ। चाहे उ पचे तोहार सुनि या ना सुनि। काहेकि उ पचे बिद्रोही लोग अहइँ।
8 “मनई क पूत, तोहका ओन बातन क सुनइ चाही जेनका मइँ तोहसे कहत हउँ। ओन बिद्रोही लोगन क तरह मोरे खिलाफ जिन जा। आपन मुँह खोला जउन बात मइँ तोहसे कहत हउँ, अंगीकार करा अउर ओन बचनन क लोगन स कहा। एन बचनन क खाइ ल्या।”
9 तब मइँ (यहेजकेल) एक भुजा क आपन कइँती बढ़त लखेउँ। उ एक ठु गोल कीन्ह भवा लम्बा पत्र जेह पइ बचन लिखे रहेन, धरे भए रहा। 10 मइँ उ गोल कीन्ह भए पत्र क खोलेउँ अउर ओह पइ समन्वा अउ पाछे बचन लिखे रहेन। ओहमाँ सबहिं तरह क करूण गीत, सबइ कथा अउर चितउनियन रहिन।
3 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, जउन तू लखत अहा ओका खाइ जा। इ गोल कीन्ह गए पत्र क खाइ जा अउर तब जाइके इस्राएल क लोगन स इ सबइ बातन कहा।”
2 एह बरे मइँ आपन मुँह खोलेउँ अउर उ गोल कीन्ह गए पत्र क मुँह मँ रखेस। 3 तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, मइँ तोहका इ गोल कीन्ह गए पत्र क देत अहउँ। एक लील जा। इ गोल कीन्ह गए पत्र क आपन तने मँ भर जाइ द्या।”
एह बरे मइँ गोल कीन्ह गए पत्र क खाइ गएउँ। इ मोरे मुँह मँ सहद क तरह मीठा रहा।
4 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार मँ जा। मोर कहे भए बचन ओनसे कहा। 5 मइँ तोहका कउनो बिदेसियन मँ नाहीं पठवत हउँ जेनकर बातन तू समुझ न सका। तोहका दूसर भाखा सीखइ नाहीं पड़ी। मइँ तोहका इस्राएल क परिवार मँ पठवत हउँ। 6 मइँ तोहका बहोत स रास्ट्र मँ नाहीं पठवत हउँ जहाँ लोग अइसी भाखा बोलत हीं कि तू समुझ नाहीं सकत्या। जदि तू ओन लोगन क लगे जाब्या अउर ओनसे बातन करब्या तउ उ पचे तोहार सुनिहीं। किन्तु तोहका ओन कठिन सबइ भाखा क नाहीं समुझब अहइ। 7 नाहीं। मइँ तउ तोहका इस्राएल क परिवार मँ पठवत हउँ। केवल वे ही लोग ही कठोर चित्त चाले अहइँ-उ पचे बहोत हठी अहइँ अउर इस्राएल क लोग तोहार सुनइ स इन्कार कइ देइहीं। उ पचे मोर सुनब नाहीं चाहतेन। 8 मुला मइँ तोहका ओतना ही हठी बनाउब जेतना उ पचे अहइँ। तोहार चित्त ठीक ओतना ही कठोर होइ जेतना ओनकर। 9 हीरा आगी क चट्टान से भी जियादा कठोर होत ह। उहइ तरह तोहार चित्त ओनकर चित्त स जियादा कठोर होइ। तू ओनसे जियादा हठी होब्या। एह बरे तू ओन लोगन स नाहीं डेराअ। तू ओन लोगन स नाहीं डेराब्या जउन हमेसा मोरे खिलाफ जात हीं।”
10 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, तोहका मोर हर एक बात, जउन मइँ तोहसे कहत हउँ, सुनइ क होइ अउर तोहका ओन बातन क याद रखब होइ। 11 तब तू आपन ओन सबहिं लोगन क बीच जा जउन देस-निकारा अहइँ। ओनके लगे जा अउर कहा, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह,’ उ पचे मोर नाहीं सुनिहीं अउर उ पचे पाप करब बन्द नाहीं करिहीं। किन्तु तोहका इ सबइ बातन कहब अहइ।”
12 तब आतिमा मोका ऊपर उठाएस। तब मइँ आपन पाछे एक आवाज सुनेउँ। इ बिजुरी क कड़क क तरह बहोत तेज रही। उ कहेस, “ओकरे स्थान स यहोवा क महिमा क गुनगान करा।” 13 तब प्राणियन क पखना हिलब सुरू भएन। पखनन, जब एक दूसर क छुएन, तउ उ पचे बड़की तेज अवाज क अउर ओनके समन्वा क चक्र बिजुरी क कड़क क तरह प्रचण्ड घोस करइ लागेन। 14 आतिमा मोका उठाएन अउर दूर लइ गइ। मइँ उ जगह तजेउँ। मइँ बहोत दुःखी रहेउँ अउर मोर आतिमा बहोत असान्त रही किन्तु यहोवा क सक्ति मोरे भीतर प्रबल रही। 15 मइँ इस्राएल क ओन लोगन क लगे गएउँ जेका तेलाबीब मँ कबार नदी क किनारे रहइ क मजबूर कीन्ह ग रहेन। मइँ ओन लोगन क बीच मँ सात दिना तलक सोक मँ बइठा रहा।
16 सात दिना पाछे यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस, 17 “मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क सन्तरी बनावत हउँ। मइँ ओन बुरी सबइ घटना क बताउब जउने ओनके संग घटित होइहीं अउर तोहका इस्राएल क ओन सबइ घटना क बारे मँ चितउनी देइ चाही। 18 जदि मइँ कहत हउँ, ‘इ बुरा मनई मरी।’ तउ तोहका इ चितउनी ओका देइ चाही। तोहका ओहसे कहइ चाही कि उ आपन जिन्नगी बदलइ अउर बुरा करम करब बन्द करइ। जदि तू उ मनई क चितउनी नाहीं देब्या तउ उ मरि जाइ। उ मरी काहेकि उ पाप किहस। किन्तु मइँ तोहका भी ओकर मउत क बरे उत्तरदायी बनाउब। काहेकि तू ओकरे लगे नाहीं गया अउर ओकरे जिन्नगी क नाहीं बचाया।
19 “इ होइ सकत ह कि तू कउनो मनई क चितउनी देब्या, ओका ओकरे जिन्नगी क बदलइ बरे समुझउब्या अउर बुरा काम न करइ क कहब्या। जदि उ मनई तोहार अनसुनी करत ह तउ मरि जाइ। उ मरी काहेकि उ पाप किहे रहा। किन्तु तू ओका चितउनी दिहा, एह बरे तू आपन जिन्नगी बचाइ लिहा।
20 “या इ होइ सकत ह कि कउनो नीक मनई अच्छा बनब रहइ तज देइ। मइँ ओकरे समन्वा कछू अइसा लाइके रख देउँ कि उ ओकर पतन करइ। उ बुरे करम करब सुरू करी। एह बरे उ मरी। उ मरी, काहेकि उ पाप करत अहइ अउर तू ओका चितउनी नाहीं दिहा। मइँ तोहका ओकर मउत बरे जिम्मेदार बनाउब, अउर लोग ओकरे जरिये कीन्ह गए सबहिं नीक कार्यन क याद नाहीं करिहीं।
21 “किन्तु जदि तू उ नीक मनई क चितउनी देत अहा अउर ओका पाप करब बन्द करइ क कहत अहा, अउर जदि उ पाप करब बन्द कइ देत ह, तब उ नाहीं मरी। काहेकि तू ओका चितउनी दिहा अउर उ तोहार सुनेस। इ तरह तू आपन जिन्नगी बचाया।”
22 तब यहोवा क सक्ति मोरे ऊपर आई। उ मोहसे कहेस, “उठा अउर घाटी मँ जा। मइँ तोहसे उ ठउरे पइ बात करब।”
23 एह बरे मइँ खड़ा भएउँ अउर बाहेर घाटी मँ गएउँ। यहोवा क महिमा हुआँ परगट भइ ठीक वइसेन ही, जइसा मइँ ओका कबार नदी क सहारे लखे रहेउँ। एह बरे मइँ धरती पइ आपन मूँड़ि निहुराएउँ। 24 किन्तु “आतिमा” आइ अउर उ मोका उठाइके मोरे गोड़न पइ खड़ा कइ दिहेस। उ मोहसे कहेस, “घर जा अउर आपन क अपने घरे क ताले क भीतर बन्द कइ ल्या। 25 मनई क पूत, लोग रस्सी क संग अइहीं अउर तोहका बाँध देइहीं। उ पचे तोहका लोगन क बीच बाहेर जाइ नाहीं देइहीं। 26 मइँ तोहार जीभ क तोहरे तालु स चिपकाइ देब, तू बात करइ जोग्ग नाहीं रहब्या। एह बरे तू लोगन क ओनकर मार्ग क सुधारइ बरे कछू कहइ क जोग्य नाहीं रहब्या। काहेकि उ पचे लोग सदा मोरे खिलाफ जात अहइँ। 27 किन्तु मइँ तोहसे बातचीत करब तब मइँ तोहका बोलइ देब। किन्तु तोहका ओनसे कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह।’ जदि कउनो मनई सुनइ चाहत ह तउ इ बहोत अच्छा अहइ। जदि कउनो मनई एका नाहीं सुनइ चाहत, तउ न सुनइ। किन्तु उ सबइ लोग सदा मोरे खिलाफ जात रहेन।
4 “मनई क पूत, एक ठु ईंटा ल्या। एह पइ एक चित्र खींचा। एक नगर क, अर्थात यरूसलेम क एक ठु चित्र बनावा 2 अउर तब उ तरह कार्य करा माना तू उ नगर क घेरा डाए भए फउज अहा। नगर क चारिहुँ कइँती एक ठु माटी क देवार एह पइ हमला करइ मँ मदद बरे बनावा। नगर क देवार तलक पहोंचइ वाली एक ठु ढलान बनावा। तोड़ फोड़ करइवाले लट्ठन क लिआवा अउर नगर क चारिहुँ कइँती फउजी डेरन क खड़ा करा 3 अउर तब तू एक ठु लोहा क कड़ाही ल्या अउर एका आपन अउर नगर क बीच रखा। इ एक लोहा क देवार क तरह होइ, जउन तोहका अउर नगर क अलग करी। इ तरह तू इ प्रदर्सित करब्या कि तू उ नगर क खिलाफ अहा। तू उ नगर क घेरब्या अउर ओह पइ हमला करब्या। काहेकि इ इस्राएल क परिवार बरे एक ठु उदाहरण होइ। इ प्रदर्सित करी कि मैं (परमेस्सर) यरूसलेम क नस्ट करब।
4 “तब तोहका आपन बाईं करवट ओलरइ चाही। तउ तू इस्राएल क लोगन क पापन्क क घोसणा करा। तू ओनकइ पाप क सारे दिनन तलक ढोउब्या जेतने दिनन तलक तू आपन बाईं करवट ओलरब्या। 5 तू इ तरह इस्राएल क पाप क तीन सौ नब्बे दिनन तलक घोसणा करब्या। इ तरह मइँ तोहका बतावत हउँ कि इस्राएल, एक दिन एक बरिस क बराबर क केतने लम्बे समय तलक दण्डित होइ।
6 “उ समइ क पाछे तू आपन दाहिन करवट चालीस दिनन तलक ओलरब्या। इ समइ क दौरान तू यहूदा क पापन्क बरे घोसणा करब्या। इ तरह स मइँ तोहका बतावत हउँ कि यहूदा क केतने लम्बे बरिस बरे दण्ड देइ चाही। एक दिन एक बरिस क होइ।”
7 परमेस्सर फिन बोला। उ कहेस, “अब, आपन आस्तानन क मोड़ ल्या अउर आपन हाथन क ईंटा क ऊपर उठावा। अइसा देखावा माना तू यरूसलेम नगर पइ हमला करत अहा। एका इ देखावइ बरे करा कि तू मोर नबी क रूप मँ लोगन स बातन करत अहा। 8 एँह पइ धियान राखा, मइँ तोहका लसुरियन स बाँधत अहउँ। तू तब तलक एक बगल स दूसरी बगल करवट नाहीं लइ सकत्या जब तलक तोहरे नगर पइ हमला खतम नाहीं हो।”
9 परमेस्सर इ भी कहेस, “तोहका रोटी बनावइ बरे कछू अन्न लिआवइ चाही। कछू गोहूँ, जौ, सेम, मसूर, तिल, बजरी अउर कठिया गोहूँ लिआवा। इ सबहिं क एक ठु खोरा मँ मिलावा अउर ओनका पीसिके आटा बनावा। तोहका इ आटे क उपयोग रोटी बनावइ बरे करइ क होइ। तू सिरिफ इहइ रोटी क तीन सौ नब्बे दिनन तलक आपन बगल क सहारे ओलरे भए खाब्या। 10 तोहका सिरिफ एक पियाला उ आटा रोटी बनावइ बरे प्रतिदिन उपयोग करइ क होइ। तू उ रोटी क पूरे दिन मँ समइ-समइ पइ खाब्या। 11 अउर तू सिरिफ तीन पियाला पानी प्रतिदिन पी सकत ह। 12 तोहका प्रतिदिन आपनी रोटी बनावइ चाही। तोहका मनई क झुरान मैला लिआइके बारइ चाही। तब तोहका उ जरत मैला पइ आपन रोटी पकावइ चाही। तोहका इ रोटी क लोगन क समन्वा खाइ चाही।” 13 तब यहोवा कहेस, “इ प्रदर्सित करी कि इस्राएल क परिवार विदेसन मँ अपवित्तर रोटियन क खाइ अउर मइँ ओनका इस्राएल क तजइ अउर ओन देसन मँ जाइ क बिवस किहे रहेउँ।”
14 तब मइँ (यहेजकेल) अचरज स कहेउँ, “किन्तु मोरे सुआमी यहोवा, मइँ अपवित्तर खइया क कबहुँ नाहीं खाएउँ। मइँ कबहुँ उ जनावरे क माँस नाहीं खाएउँ, जउन कउनो रोग स मरा होइ या जंगली जनावर मारि डाए होइ। मइँ बचपन स लइके अब तलक कबहुँ अपवित्तर माँस नाहीं खाएउँ ह। मोरे मुँहे मँ कउनो भी वइसा बुरा माँस कबहुँ नाहीं गवा ह।”
15 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “ठीक बाटइ। मइँ तोहका रोटी पकावइ बरे गइया क झुरान गोबर उपयोग मँ लिआवइ देब। तोहके मनई क झुरान मैला क उपयोग नाहीं करब होइ।”
16 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, मइँ यरूसलेम क रोटी क आपूर्ति क नस्ट करत हउँ। लोगन क लगे खाइ बरे रोटियन नाहीं क बराबर होइहीं। उ पचे आपन भोजन आपूर्ति बरे बहोत परेसान होइहीं अउर ओनके बरे पानी नाहीं क बराबर अहइ। उ पचे उ पानी क पिअत समइ बहोत भयभीत होइहीं। 17 काहेकि लोगन बरे पर्याप्त भोजन अउ पानी नाहीं होइ। लोग एक दूसर क लखिके भयभीत होइहीं काहेकि उ पचे आपन पापन क कारण एक दूसर क नस्ट होत भवा लखिहीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.