Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निआवाधीसन 13-15

सिमसोन क जनम

13 फुन इस्राएल क लोग उहइ कार्य किहेन जुउन यहोवा क नज़र मँ बुरा रहा। एह बरे यहोवा पलिस्ती लोगन क ओन पइ चालीस बरिस तलक सासन करइ दिहस।

एक मनई सोरा नगर क निवासी रहा। उ मनई क नाउँ मानोह रहा। उ दान क परिवार समूह स रहा। मनोह क एक ठु मेहरारू रही। मुला उ कउनो संतान पइदा नाहीं कइ सकत रही। यहोवा क सरगदूत मानोह क मेहरारू क समन्वा परगट भवा अउर उ कहेस, “तू सन्तान उत्पन्न नाहीं कइ सकत अहा। मुला तू गर्भ धारण करबिउ अउर तोहका एक ठु पूत होइ। तू दाखरस या कउनो नसीली पिअइ क चीज जिन पिआ। कउनो भी असुद्ध भोजन[a] क न खा। काहेकि तू फुरइ गर्भ धारण करबिउ अउर तोहका एक ठु पूत होइ। परमेस्सर बरे एक खास रूप मँ समर्पित होइ। उ एक नाज़ीर[b] होइ। एह बरे तोहका ओकरे बाल कबहुँ नाहीं काटइ चाही। उ पइदा होइ स पहिले परमेस्सर क मनई होइ। उ इस्राएल क लोगन क पलिस्ती लोगन क सक्ती स अजाद कराई।”

तब उ मेहरारू आपन भतार क लगे गइ अउर जउन कछू भवा रहा, बताएस। उ कहेस, “परमेस्सर क निअरे स एक ठु मनई मोरे लगे आवा। उ परमेस्सर क एक सरगदूत क तरह मालूम होत रहा। उ बहोतइ अद्भुत देखाइ पड़त रहा अउर मइँ डेराइ गइ रही। मइँ ओहसे इ नाहीं पूछेउँ कि, तू कहाँ स आवा अहा। उ मोका आपन नाउँ नाहीं बताएस। मुला उ मोसे कहेस, ‘तू गर्भ धारण करे अहा अउर तोहका एक ठु पूत होइ। कउनो दाखरस या नसीली चीज पिअइ क जिन पिआ। कउनो असुद्ध खइया जिन खा, काहेकि उ गदेला बिसेस रूप स परमेस्सर क समर्पित होइ। उ लड़का जनम क पहिले स लइके मरइ क दिन तलक परमेस्सर क नाज़ीरी होइ।’”

तब मानोह यहोवा स पराथना किहेस, “हे यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू परमेस्सर क मनई क हम लोगन क लगे फिन भेजा। हम चाहित ह कि उ हमका सिखावइ कि हम लोगन क हिआँ जउन बहोत हाली ही जनम लेइवाले गदेलन अहइ ओकरे संग हमका का करइ चाही?”

परमेस्सर मानोह क पराथना सुनेस। परमेस्सर क सरगदूत फुन उ मेहरारू क लगे, तब आता जब व खेते मँ बइठी रही। किन्तु ओकर भतार मानोह ओकरे संग नाहीं रहा। 10 एह बरे उ मेहरारू आपन भतारे स इ कहइ खातिर दउड़ी, “उ मनई लउटा ह। जउन मनई दूसर दिना मोरे लगे आवा रहा, उ हिआँ अहइ।”

11 मानोह उठा अउर आपन मेहरारू क पाछे चला। जब उ उ मनई क लगे पहोंचा तउ उ कहेस, “का तू उहइ मनई अहा जउन मोर मेहरारू स बातन किहे रही।”

सरगदूत कहेस, “मइँ ही अहउँ।”

12 एह बरे मानोह कहेस, “मोका आसा अहइ कि जउन तू कहत अहा उ होइ। इ बतावा कि उ लड़का कैसी जिन्गी बिताइ? उ का करब?”

13 यहोवा क सरगदूत मानोह स कहेस, “तोहार मेहरारू क उ सब आदेस क पालन करइ चाही, जउन मइँ ओका करइ क कहेउँ ह। 14 ओका अंगूर क बेल पइ उगी कउनो चीज नाहीं खाइ चाही। ओका दाखरस या कउनो नसीली पिअइ क चीज नाहीं पिअइ चाही। ओका कउनो ऐसे खइया क नाहीं खाइ चाही जउन असुद्ध होइ। ओका उ सब करइ चाही, जउन करइ क आदेस मइँ दिहे अहँउ।”

15 तब मानोह यहोवा क सरगदूत स कहेस, “हम इ चाहित ह कि तू तनिक देर अउर रूका। हम लोग तोहरे भोजन बरे नया बोकरा पकाउब चाहत हीं।”

16 तब यहोवा क सरगदूत मानोह स कहेस, “जदि तू हिआँ स जाइ स मोका रोकब्या तउ भी मइँ तोहार खइया नाहीं खाउब। किन्तु जदि तू कछू तइयार करइ चाहत अहा तउ यहोवा क होमबलि द्या।” (मानोह नाहीं समुझेस कि उ मनई फुरइ यहोवा क सरगदूत रहा।)

17 तब मानोह यहोवा क सरगदूत स कहेस, “तोहार नाउँ का अहइ? हम लोग एह बरे जानइ चाहित ह कि हम तोहार सम्मान तब करि सकब, जब तोहार वचन सच्च होब्या।”

18 यहोवा क सरगदूत मानोह स कहेस, “तू मोर नाउँ काहे पूछत अहा? इ अद्भुत अहइ।”[c]

19 तब मानोह चट्टाने पइ एक ठु बोकरा क बलि दिहस। उ यहोवा क कछू अन्न भी भेंट क रूप मँ दिहस। अउर जब मनोह अउर ओकर पत्नी देखत रहेन तउ उ एक अद्भुत काम किहस। 20 जइसी आगी क लपटन वेदी स अकास तलक उठिन, वइसे ही यहोवा क सरगदूत आगी मँ स आकास क चला गवा।

जब मानोह अउ ओकर मेहरारू इ लखेन तउ उ पचे धरती पइ भहराइ गएन। उ पचे अपने मूँड़े क धरती स लगाएन। 21 मानोह अन्त मँ समुझेस कि उ मनई फुरइ यहोवा क दूत रहा। यहोवा क सरगदूत फुन मानोह अउर ओकरे पत्नी क समन्वा परगट नाहीं भवा। 22 मानोह कहेस, “हम लोग परमेस्सर क लखे अही! निहचइ ही इ कारण स हम लोग मरब।”

23 लेकिन ओकर मेहरारू ओहसे कहेस, “यहोवा हम लोगन क मारइ नाहीं चाहत। जदि यहोवा हम लोगन क मारइ चाहत तउ उ हम लोगन क होमबलि अउर अन्नबलि अंगीकार न करत। उ हम लोगन क उ सब न देखाए होत, अउर हम लोगन स इ सबइ बातन न कहे होत।”

24 एह बरे मेहरारू क एक ठु पूत भवा। उ ओकर नाउँ सिमसोन धरेस। सिमसोन बड़ा भवा अउर यहोवा ओका आसीर्वाद दिहेस। 25 यहोवा क अतिमा सिमसोन क हिलाना डोलाना सुरू किहेस, जब उ महनेदान नगर मँ रहत रहा। उ नगर सोरा अउ एसताओल नगर क बीच अहइ।

सिमसोन क बियाह

14 सिमसोन तिम्ना नगर क गवा। उ हुवाँ एक ठु पलिस्ती जुवती क लखेस। जब उ वापस लउटा तउ उ आपन महतारी बाप स कहेस, “मइँ एक पलिस्ती लड़की क तिम्ना मँ लखेउँ ह। मइँ चाहत हउँ तू ओका मोरे बरे लिआवा। मइँ ओहसे बियाह करइ चाहत हउँ।”

ओकर बाप अउ महतारी जवाब दिहेन, “निहचय ही हमार सम्बंधियन मँ या हमार लोगन मँ स एक लड़की अहइ जेहसे तू बियाह कइ सकत ह। का तू पलिस्ती लोगन मँ स एक ठु लड़की स बियाह करब्या? पलिस्ती लोगन मँ स कउनो क भी खतना नाहीं भएस ह।”

किन्तु सिमसोन कहेस, “मोरे खातिर उहइ लड़की लिआवा। मइँ ओका ही चाहत हउँ।” (सिमसोन क महतारी-बाप नाहीं समझुत रहेन कि यहोवा अइसा ही होइ देइ चाहत ह। यहोवा एक पलिस्ती लोगन क खिलाफ जाई बरे कारण खोजइ चाहत रहा। उ समइ पलिस्ती लोग इस्राएल क लोगन पइ हुकूमत करत रहेन।)

सिमसोन आपन महतारी-बाप क संग तिम्ना नगर क गवा। उ पचे नगर क निचके अंगूर क खेतन तलक पहँचन। उ ठउरे पइ एक ठु जवान सेर गरज उठा अउर सिमसोन पइ कूदा। यहोवा क आतिमा क बड़की ताकत स सिमसोन पइ उतरी। उ अपने खाली हाथन स सेर क चीर डाएस। इ ओकरे बरे सहल मालूम भवा। इ वइसा सहल मालूम भवा जइसा एक ठु बोकरी क बच्चा क चीरब। किन्तु सिमसोन आपन महतारी-बाप क नाहीं बताएस कि उ का किहेस ह।

एह बरे सिमसोन नगर मँ गवा अउ पलिस्ती लड़की स बातन किहेस। उ ओका खुस किहेस। कईउ दिना पाछे सिमसोन उ पलिस्ती लड़की क संग बियाह करइ वापस आवा। आवत समइ रास्ता मँ मरा सेर क लखइ गवा। उ मरे सेर क तने मँ मधुमकिाखयन क एक ठु छत्ता पाएस। उ सबइ कछू सहद तइयार कइ लिहे रहिन। सिमसोन अपने हाथे स कछू सहद निकारेस। उ सहद चाटत भवा रास्ते पइ चल पड़ा। जब उ आपन महतारी-बाप क लगे आवा तउ उ ओनका कछू सहद दिहस। उ पचे भी ओका खाएन किन्तु सिमसोन अपने महतारी-बाप क नाहीं बताएस कि उ मरे सेर क तने स सहद लिहस ह।

10 सिमसोन क बाप पलिस्ती लड़की क लखइ गवा। दूल्हे बरे इ रिवाज रहा कि ओका एक दावत देब होत ह। एह बरे सिमसोन दावत दिहेस। 11 जब लोग लखेन कि उ एक ठु दावत देत अहइ तउ उ पचे ओकरे संग तीस मनई पठएन।

12 तब सिमसोन ओन तीस मनइयन स कहेस, “मइँ तू पचन्क एक ठु पहेली सुनावइ चाहत हउँ। मोर दावत सात दिन तलक चली। उ समइ ही जवाब हेरइ क कोसिस कर्या। जदि तू पचे पहेली क जवाब उ समइ क अन्दर दइ सक्या तउ मइँ तू पचन्क तीस ठु सूती कमीजन, तीस ओढ़नन क जोड़ा देब। 13 किन्तु जदि तू पचे एकर जवाब न निकारि सक्या तउ तू पचन्क तीस सूती कमीजन अउ तीस जोड़ी ओढ़नन मोका देइ क होइ।” एह बरे तीस मनइयन कहेन, “पहिले आपन पहेली सुनावा, हम एका सुनइ चाहित ह।”

14 सिमसोन इ पहेली सुनाएस:

“खाइवालन मँ स कछू खाइ क चीज।
    अउर ताकतवर मँ स कछू मधुर चीज निकरेस।”

एह बरे तीस मनइयन तीन दिना तलक एकर जवाब हेरइ क जतन किहेन, किन्तु उ पचे कउनो जवाब न पाइ सकेन।

15 चउथे दिन[d] उ सबइ मनई सिमसोन क मेहरारू क निचके आएन। उ पचे कहेन, “का तू हम पचन्क गरीब बनावइ खातिर हिआँ हम क बोलाया ह? तू अपने भतार क, हम लोगन क पहेली क जवाब देइ बरे फुसलावा। जदि तू हम लोगन बरे जवाब नाहीं निकारतिउ तउ हम लोग तोहका अउर तोहरे बाप क घरे मँ रहइवालन सबहिं लोगन क बार देब।”

16 एह बरे सिमसोन क मेहरारू ओकरे लगे गइ अउर रोवइ-चिचियाइ लाग। उ कहेस, “तू मोहसे सिर्फ घिना करत अहा। तू मोहसे सच्चा पिरेम नाहीं करत अहा। तू मोरे लोगन क एक ठु पहेली सुनाया ह अउर तू ओकर जवाब मोका नाहीं बताइ सकत्या।”

सिमसोन जवाब दिहेस, “किन्तु मँ आपन माता-पिता क भी नहीं बताएस, फुन फिर मोका इ तोहका काहे बताइ चाही।”

17 सिमसोन क मेहरारू दावत क आखिर सात दिना तलक रोवत चिचियात रही। एह बरे आखिर मँ उ सतएँ दिन पहेली क जवाब ओका दिहस। उ बताइ दिहस काहेकि उ ओका बराबर परेसान करत रही। तब उ आपन लोगन क बीच गइ अउर ओनका पहेली क जवाब दइ दिहस।

18 इ तरह दावत वाले सतएँ दिन सूरज बूड़इ स पहिले पलिस्ती लोगन क लगे पहेली क जवाब रहा। उ पचे सिमसोन क लगे आएन अउर उ पचे कहेन,

“सहद स मीठ का बाटइ?
    सेर स ताकतवर कउन अहइ?”

तब सिमसोन ओनसे कहेस,

“जदि तू पचे मोरी गइया क न जोते होत्या तउ,
    मोरी पहेली क जवाब नाही निकार पाए होत्या।”

19 सिमसोन बहोतइ कोहाइ गवा। यहोवा क आतिमा ओकरे ऊपर बड़की ताकत क संग आइ। उ आस्कलोन नगर क गवा। उ नगर मँ उ ओनकर तीस पलिस्तिय मनइयन क मारेस। तब उ ल्हासन स सारे ओढ़नन अउ सारी दौलत लिहस। उ ओन ओढ़नन क लइके लउटा अउर ओन मनइयन क दिहस, जउन पहेली क जवाब दिहे रहेन। तब उ आपन बाप क घर लउटा। 20 सिमसोन आपन मेहरारू क नाहीं लइ गवा। बियाह समारोह मँ हाजिर सब स नीक मनई ओका रख लिहस।

सिमसोन पलिस्तीयन बरे बिपत्ति पइदा करत ह

15 गोहूँ क फसल तइयार होइ क समइ सिमसोन अपनी मेहरारू स भेंटइ गवा। उ आपन संग उपहार मँ एक ठु बोकरी क बच्चा लइ गवा। उ कहेस, “मइँ अपनी मेहरारू क कमरा मँ जात अहउँ।”

किन्तु ओकर बाप ओका अन्दर नाहीं जाइ देइ चाहत रहा। ओकर बाप सिमसोन स कहेस, “मइँ सोचेउँ कि तू फुरइ अपनी मेहरारू स घिना करत अहा एह बरे बियाह मँ सामिल सब स जियादा नीक मनई क मइँ ओका मेहरारू क रूप मँ दइ दिहेउँ। ओकर नान्ह बहिन ओहसे जियादा सुन्नर अहइ। ओकर छोटकी बहिन क लइ ल्या।”

किन्तु सिमसोन ओहसे कहेस, “तू पलिस्ती लोगन पइ प्रहार करइ क मोरे लगे अब उचित कारण बाटइ। अब कउनो मोका दोखी नाही बताई।”

सिमसोन बाहेर निकारेस अउर तीन सौ लोखरियन क धरेस। उ दुइ लोखरियन क एक दाई एक संग लिहस अउर ओनकर जोड़ा बनावइ बरे ओनकर पूँछ एक संग बाँध दिहस। तब उ लोखरियन क हर जोड़न क पूँछन क बीच एक-एक मसाल बाँधेस। सिमसोन लोखरियन क पूँछ क बीच क मसालन क बारेस। तब उ पलिस्ती लोगन क खेतन मँ लोखरियन क छोड़ दिहस। इ तरह उ ओनकर खड़ी फसलन अउर ओनकर अनाज क ढेरन क बार दिहस। उ ओनकर अंगूरे क खेतन अउर जइतून क बृच्छन क भी बार डाएस।

पलिस्ती लोग पूछेन, “इ कउन किहस?”

कउनो ओनसे कहेस, “तिम्ना क मनई क दामाद सिमसोन इ किहस ह। उ इ एह बरे किहस कि ओकर ससुर सिमसोन क मेहरारू क ओकरे बियाह क समइ हाजिर सब स नीक मनई क दइ दिहस।” एह बरे पलिस्ती सिमसोन क मेहरारू अउ ओकरे ससुर क बारिके मार डाएन।

तब सिमसोन पलिस्ती क लोगन स कहेस, “तू लोग इ बुरा किहा। एह बरे मइँ तू लोगन पइ प्रहार करब। मइँ तब तलक नाहीं रूकब जब तक तू लोगन स मइँ आपन बदला नाहीं लेइ लउब!”

तब सिमसोन पलिस्ती लोगन पइ हमला किहस। उ ओनमाँ स बहोतन क मार डाएस। तब उ गवा अउर एक ठु गुफा मँ ठहरा। उ गुफा “एताम क चट्टान” नाँउ क ठउरे पइ रही।

तब पलिस्ती लोग यहूदा क भुइँया मँ गएन। उ पचे लही नाउँ क ठउरे पाइ रूकेन। ओनकर फउज हुवाँ डेरा डाएस अउर जुद्ध बरे तइयारी किहस। 10 यहूदा परिवार समूह क लोग ओनसे पूछेस, “तू पलिस्तीयो, हम लोगन स जुद्ध करइ काहे आया ह?”

उ पचे जवाब दिहन, “हम लोग सिमसोन क धरइ आए अही। हम लोग ओका आपन बन्दी बनावइ चाहित ह। हम लोग ओका ओकर बदला चुकावइ चाहित ह जउन उ हमरे लोगन क संग किहेस ह।”

11 तब यहूदा परिवार समूह क तीन हजार मनई सिमसोन क लगे गएन। उ पचे एताम क चट्टान क लगे क गुफा मँ गएन। उ पचे ओहसे कहेन, “तू हम लोगन बरे का किहेस ह? का तोहका पता नाहीं अहइ कि पलिस्ती लोग, हम पइ सासन करत हीं?”

सिमसोन जवाब दिहस, “उ पचे मोरे संग जउन किहेन ओकर मइँ बदला दिहेउँ।”

12 तब उ पचे सिमसोन स कहेन, “हम तोहका बन्दी बनावइ आए अही। हम लोग तोहका पलिस्ती लोगन क दइ देब।”

सिमसोन यहूदा क लोगन स कहेस, “प्रतिग्या करा कि तू लोग खुद मोह पइ प्रहार नाही करब्या।”

13 तब यहूदा क मनइयन कहेन, “हम अंगीकार करित ह। हम लोग सिरिफ तोहका बाँधब अउर तोहका पलिस्ती लोगन क दइ देब। हम प्रतिग्या करित ह कि हम तोहका जान स न मारब।” एह बरे उ पचे सिमसोन क दुइ नवी रस्सियन स बाँधा। उ पचे ओका चट्टान क गुफा स बाहर लइ गएन।

14 जब सिमसोन लही नाउँ क ठउरे पइँ पहोंचा तउ पलिस्ती लोग ओहसे मिलइ आएन। उ पचे खुसी स सोर मचावत रहेन। तब यहोवा क आतिमा बड़की ताकत स सिमसोन मँ आएस। ओकरे ऊपरे क लसुरियन अइसी कमजोर होइ गइन अइसे माना उ सबइ जल गइ होइँ। वासुरियन ओकर हाथन स अइसे गिरिन माना उ सबइ गल गइ होइँ। 15 सिमसोन क उ गद्धा क जबड़ा क हाड़ मिला जउन मरा पड़ा रहा। उ जबड़ा क हाड़ लिहस अउर ओहसे एक हजार पलिस्ती लोगन क मार डाएस।

16 तब सिमसोन कहेस,

“एक ठु गद्धा क जबड़ा क हाड़,
    स मइँ एक हजार मनइयन क मार दिहेउँ ह।
एक ठु गद्धा क जबड़ा क हाड़ स मइँ
    ओनकर ल्हासन क एक ठु ऊँचा ढेर लगाइ दिहेउँ ह।”

17 जब सिमसोन बोलब खतम किहेस तब उ जबड़ा क हाड़ क लोकाइ दिहस। एह बरे उ ठउरे क नाउँ रामत लही पड़ा।

18 सिमसोन क बहोत पिआस लाग। एह बरे उ यहोवा क गोहराएस। उ कहेस, “मइँ तोहार सेवक हउँ। तू मोका इ बहोत बड़की विजय दिहा ह। का अब मोका पिआस स मरब पड़ी? का मोका ओनसे धरा जाइ क होइ जेनकर खतना नाहीं भवा ह?”

19 लही मँ धरती मँ एक ठु छेद रहा परमेस्सर एका खोलेस अउर पानी बाहेर आइ गवा। सिमसोन पानी पिएस अउर सुसताएस अउर उ फुन से सक्ति अनुभव किहेस। एह बरे उ पानी क सोते क नाउँ एनहक्कोरे रखेस। इ सब तलक आजु भी लही नगर मँ बाटइ।

20 इ तरह सिमसोन इस्राएल क लोगन क निआवाधीस बीस बरिस तलक रहा। उ पलिस्ती लोगन क समइ मँ रहा।

लूका 6:27-49

आपन बैरी स पिरेम करा

(मत्ती 5:38-48; 7:12a)

27 “ओ सुनवइया लोगो, मइँ तोहसे कहत हउँ आपन बैरी स भी पिरेम करा। जउन तोहसे घिना करत हीं ओनके संग भलाई करा। 28 ओनका भी आसीर्बाद द्या जउन तोहका सरापत हीं। ओनके बरे पराथना करा जउन तोहरे संग नीक ब्यौहार नाहीं करतेन। 29 जदि कउनो तोहरे एक गाले प थप्पड़ियावइ तउ तू दूसर गाल भी ओकरे अगवा कइ द्या। जदि कउनो तोहार कोट तोहसे लइ लेइ तउ ओहका कुर्ता भी लइ लेइ द्या। 30 जदि कउनो तोसे माँगइ, ओका द्या। जदि कउनो तोहार कछू राखि लेइ तउ ओसे ओका वापस जिन माँगा। 31 तू आपन बरे जइसा ब्यौहार दूसरन स चाहत बाट्या, तोहका वइसा ही दूसर क संग ब्यौहार करइ चाही।

32 “जदि तू बस ओनही क पिआर करत ह, जउन तोहका पिआर करत हीं, तउ ऍहमा तोहार कउन बड़कई? काहेकि आपन स पिरेम करइवालन स पिरेम तउ पापी मनई तलक करत हीं। 33 जदि तू बस ओनहीं क भला करत ह, जउन तोहार भला करत हीं, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसा तउ पापी तलक करत हीं। 34 जदि तू सिरिफ ओनही क उधार देत ह, जेनसे तोहका वापस मिल जाइ क आसा बा, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसे तउ पापी भी पापी मनइयन क देत हीं कि ओनका ओनकी पूरी रकम वापस मिलि जाइ।

35 “मुला आपन दुस्मन स भी पिआर करा, ओनके संग भलाई करा। कछू भी वापस मिलि जाइके आसा तजिके उधार द्या। इ तरह तोहार फल महान होइ जाई अउर तू सर्वोच्च (परमेस्सर) क संतान बनब्या काहेकि परमेस्सर एहसाने क मानइवालन अउर दुस्ट मनइयन प भी दाया करत ह। 36 जइसे तोहार परमपिता दयालु बा, वइसे ही तू दयालु बना।

आपन क पहिचाना

(मत्ती 7:1-5)

37 “कओ क दोखी जिन कहा तउ तोहका भी दोखी नाहीं कहा जाइ। कओ क नोक्तचीनी जिन करा तउ तोहार भी नोक्ताचीनी नाहीं कीन्ह जाइ। छमा करा, तोहका छमा मिली। 38 द्या तोहका भी दीन्ह जाइ। उ पचे तोहरे झोरी मँ पूरा नाप दबाइ दबाइ के, हलाइके बाहेर निकसत भइ उड़ेरिहीं काहेकि जउने नापे स तू दूसरन क नापत ह, उहइ स तोहका नापा जाइ।”

39 उ ओनसे एक ठु दिस्टान्त कथा अउर कहेस: “का कउनो आँधर कउने दूसरे आँधर क राह देखाइ सकत ह? का उ सबइ दुइनउँ ही कउनो गड़हा मँ नाहीं भहरइहीं? 40 कउनो भी पढ़वइया आपन पढ़ावइवालन स बड़वार नाहीं होइ सकत, मुला जबहिं कउनो मनई पूरी तरह हुसियार होइ जात ह तउ उ आपन गुरु क नाई होइ जात ह।

41 “तू आपन भाई क आँखी मँ कउनो ढेंढ़ा काहे लखत ह अउर आपन आँखी क लट्ठा भी तोहका नाहीं चोंधरात। 42 तउ आपन भाई स तू कइसे कहि सकत ह ‘भाई तू अपन आँखी क तिनका मोका निकारइ द्या।’ जब तू आपन आँखी क लट्ठा क नाहीं निहरत्या। अरे कपटी, पहिले आपन आँखी क लट्ठा दूर करा, तब तोबका आपन भाई क आँखी क ढेढ़ा बाहेर निकारइ बरे देखॉइ पड़ी।

दुइ किसिम क फर

(मत्ती 7:17-20; 12:34b-35)

43 “कउनो भी अइसा उत्तिम बृच्छ नाहीं अहइ जेह पइ बुरा फर लागत होइ। न ही कउनो अइसा बुरा बृच्छ बाटइ, जेइ पइ उत्तिम फर आवति होइ। 44 हर बृच्छ आपन फर स पहिचाना जात ह। मनइयन कँटेहरी झारी स अंजीर नाहीं बटोरतेन। न ही कउनो झरबेली स मनई अंगूर बटोरत हीं। 45 एक नीक मनई क मन मँ अच्छाइ क भंडार बाटइ। अउर एक खोटा मनई, जउ ओकरे मने मँ बुराई बाटइ, उहइ स बुराई पइदा करत ह। काहेकि एक मनई मुँहना स उहइ बोलत ह, जउन ओकरे हिरदइ मँ उफनाइ के बाहेर आवत ह।

आपन क पहिचाना

(मत्ती 7:24-27)

46 “तू मोका, ‘पर्भू पर्भू’ काहे पुकारत ह अउर जउन मइँ कहत हउँ, ओह प नाहीं चलत्या। 47 हर कउनो जउन मोरे लगे आवत ह अउर मोर उपदेस सुनि लेत ह अउर ओह पर आचरण करत ह, उ कउने तरह क होत ह, मइँ तोहका बताउब। 48 उ उहइ मनई क नाई अहइ जउन मकान बनावत बाटइ। उ गहिर खुदाई किहेस अउर चट्टानें प नेंव डाएस। फिन जब बाढ़ आइ अउर नदी मकाने प टकरान तउ ओका हलाइ नाहीं पाएस, काहेकि उ बहोत अच्छी तरह स बना रहा।

49 “मुला जउन मोर उपदेस सुनत ह अउर ओहॅ प चलत नाहीं उ ओ मनई क नाई अहइ जउन बे नेंव धरे धरती प मकान बनाएस। नदी ओसे टकरान अउर उ फउरन ढहाइ गवा अउर पूरी तरह बरबाद होइ गवा।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.