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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
व्यवस्था विवरण 19-21

सुरच्छा बरे तीन ठु सहर

19 “यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क उ देस देत अहइ जउन दूसर रास्ट्रन क अहइ। यहोवा ओन रास्ट्रन क बरबाद करी। तू पचे हुआँ रहब्या जहाँ उ सबइ लोग रहत हीं। तू पचे ओनकइ सहरन अउर घरन क लइ लेब्या। जब अइसा होइ, 2-3 तब तू पचन्क भुइँया क तीन हींसा मँ बाँटइ चाही। तब तू पचन्क हर एक हींसा मँ सबहिं लोगन्क निअरे परइवाला सहर उ छेत्र मँ चुनइ चाही अउर तू पचन्क उ सहरन तलक सड़कन बनावइ चाही तब कउनो भी मनई जउन कउनो दूसर मनई क मारत ह हुआँ पराइके जाइ सकत ह।

“जउन मनई कउनो क मारत ह उ सुरच्छा बरे इ तीन सहरन मँ स कउनो मँ भी पराइके पहोंच सकत ह। उ सुरच्छा पा सकत ह। जदि उ बिना इरादा क साथ कउनो मनई क मारि डावइ अउर उ ओसे पहिले स घिना नाहीं करत रहेन। एक ठु उदाहरण बा: कउनो मनई कउनो मनई क संग जंगल मँ लकड़ी काटइ जात ह। ओनमाँ स एक मनई लकड़ी काटइ बरे कुल्हरी क एक ठु बृच्छ पइ चलावत ह, मुला कुल्हरी हाथे स छूट जात ह। कुल्हरी क धार दूसर मनई पइ लग जात ह अउर ओका मार डावत ह। उ मनई जउन कुल्हरी चलाएस, ओन नगरन मँ पराइ सकत ह अउर आपन क सुरच्छित कइ सकत ह। मुला अगर सहर बहोत दूर होइ, तउ उ आवस्यकतानुसार तेज नाहीं पराइ सकी। मारा भवा मनई क कउनो नजदीक क रिस्तेदार[a] ओकर पाछा कइ सकत ह अउर सहर मँ ओकरे पहोंचइ स पहिले ही ओका धरि सकत ह। रिस्तेदार आपन किरोध मँ उ मनई क कतल कइ सकत ह। मुला उ मनई क मउत क सजा उचित नाहीं अहइ। उ उ मनई स पहिले घिना नाहीं करत रहा जेका उ मारेस ह। एह बरे मइँ आदेस देत हउँ कि तीन खास सहरन क चुना।

“यहोवा तोहार परमेस्सर तोहरे पुरखन क इ बचन दिहस कि मइँ तू पचन्क चउहद्दी क विस्तार करब। उ तू लोगन क सारा देस देइ जेका देइ क बचन उ तोहरे पुरखन क दिहस। उ इ करी, अगर तू ओन नेमन क पालन पूरी तरह करब्या जेनका मइँ तू पचन्क आजु दइ देत हउँ यानी अगर तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर स पिरेम करब्या अउर ओकरे राहे पइ चलत रहब्या। अगर यहोवा तोहरे देस क बड़ावत ह तउ तू पचन्क तीन दूसर नगर सुरच्छा बरे चुनइ चाही। उ सबइ सुरच्छा बरे पहिले तीन सहरन क इलावा होइ चाही। 10 तबहिं निर्दोख लोग उ देस मँ नाहीं मारा जइहीं जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क आपन बनावइ बरे देत बाटइ अउर तू पचे कउनो भी मउत बरे अपराधी नाहीं होब्या।

11 “किन्तु एक मनई कउनो मनई स घिना कइ सकत ह। उ मनई क मारइ बरे इन्तजार मँ लुका रहि सकत ह जेहसे उ घिना करत ह। उ उ मनई प हमला कइ सकत ह अउ ओका पीटइ अउर मारि सकत ह। ओकर पाछे सुरच्छा बरे चुने इ सहरन मँ पहोंच सकत ह। 12 अगर अइसा होत ह, तउ उ मनई क सहर क मुखिया क, कउनो क ओका धरइ क अउर सुरच्छत क सहर स ओका बाहेर लिआवइ बरे पठइ चाहीं। सहर क मुखिया ओका मरे भए क नजिक क रिस्तेदारे क दइ चाहीं। हत्तियारा जरुर मारा जाइ चाही। 13 ओकरे बरे तू पचन्क दुःखी नाहीं होइ चाही। तू पचन्क निर्दोख मनई क मारइ क अपराध क इस्राएल स हटावइ चाही। तब इ तोहरे बरे नीक रही।

जायदाद क चीन्हा

14 “तू पचन्क पड़ोसी क जायदाद क चीन्हा क नाहीं हटावइ चाही। उ चउहद्दी उ समइ मँ स्थापित कीन्ह जात रहा जउन तू उ भुइँया मँ कब्जा कीन्ह रहा। यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क रहइ बरे देइ अउर जउन तोहार होई।

गवाह

15 “अगर कउनो मनई कछु अन्याय या पाप क दोखी ठहरावइ जात ह जेका अपराध उ किहेस ह, तउ एक गवाह एक साबित करइ बरे काफी नाहीं होइ कि उ दोखी अहइ। उ सिद्ध करइ बरे दुइ या तीन गवाह जरुर होइ चाही।

16 “कउनो झुठी गवाह कउनो मनई प झुठी मत क अपराध ठहरइ सकत ह। 17 अगर अइसा होत ह तउ तहत्तुक करइवाले दुइनउँ मनई क यहोवा क मौजूदगी मँ खड़ा होइ चाही अउर ओनके मोकद्दमन क फइसला याजकन अउ उ समइ क मुख्य निआवाधीसन क जरिये होइ चाही। 18 निआवाधीसन क होसियारी स पूछ-ताछ करइ चाही। उ पचे पता लगाइ सकत हीं कि गवाह दूसर मनई क खिलाफ झूठ बोलेस ह। अगर गवाह झूठ बोलेस ह तउ, 19 तू पचन्क ओका सजा देइ चाही। तू पचन्क ओका उहइ हानि पहोंचावइ चाही जउन उ दूसर मनई क पहोंचावइ चाहत रहा। इ तरह तू पचे आपन बीच स कउनो भी बुरी बात निकारिके बाहेर कइ सकत ह। 20 दूसर सबहिं लोग ऍका सुनिहीं अउर डेराइ जइहीं, अउर तोहमाँ स कउनो भी फुन वइसी बुरी बात नाहीं करी।

21 “तू पचे ओह पइ दाया-दृस्टि जिन कर्या जेका बुराई बरे तू पचे ओका सजा देत अहा। जिन्नगी बरे जिन्नगी, आँखी बरे आँखी, दाँत बरे दाँत, हाथ बरे हाथ अउर गोड़वा बरे गोड़ लीन्ह जाइ चाही।

जुद्ध बरे नेम

20 “जब तू पचे आपन दुस्मनन क खिलाफ जुद्ध मँ जा, अउर आपन फउज स जियादा घोड़न, रथ, मनइयन क लखा, तउ तू पचन्क डेराइ नाहीं चाही। काहेकि यहोवा तोहार परमेस्सर तोहरे संग अहइ अउर उहइ एक अहइ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर निकारि लिआवा।

“जब तू पचे जुद्ध क निचके आवा, तब याजक क लोगन क लगे जाइ चाही अउर ओनसे बात करइ चाही। याजक कही, ‘इस्राएल क लोगो, मोरी बात सुना। आजु तू लोग आपन दुस्मनन क खिलाफ जुद्ध मँ जात अहा। आपन हिम्मत जिन तजा। जिन डरा। आतंकित जिन ह्वा। दुस्मनन स जिन डेराअ! काहेकि यहोवा तोहार परमेस्सर दुस्मनन क खिलाफ लड़इ बरे तोहरे संग जात अहइ। यहोवा तोहार परमेस्सर तोहार रच्छा करी।’

“उ पचे अफसरन फउजियन स इ कइहीं, ‘का हिआँ कउनो अइसा मनई अहइ जउन नवा घर बनाइ लिहे अहइ, मुला अब तलक ओका अर्पण नाहीं किहे अहइ? उ मनई क आपन घरे लउट जाइ चाही। उ जुद्ध मँ मारा जाइ सकत ह अउर तब दूसर मनई ओकरे घरे क अर्पित करी। का कउनो मनई हिआँ अइसा अहइ जउन अंगूरे क बगिया लगाए अहइ, मुला अबहिं तलक ओसे कउनो अंगूर नाहीं पाएस ह? उ मनई क घर लउटि जाइ चाही। अगर उ मनई जुद्ध मँ मारा जात ह तउ दूसर मनई ओकरे बगिया क फले क भोग करी। का हिआँ कउनो अइसा मनई अहइ जेकरे बियाहे क क बात पक्की होइ चुकी अहइ। मुला उ लड़की क नाहीं बियाहेस ह? उ मनई क घरे लउटि जाइ चाही। अगर उ जुद्ध मँ मारा जात ह तउ दूसर मनई उ मेहरारु स बियाह करी जेकरे संग ओकरे बियाहे क बात पक्की होइ चुकी बाटइ।’

“अफसरन क लोगन स इ पूछइ चाही, ‘का हिआँ कउनो अइसा मनई अहइ जउन हिम्मत हरि चुका अहइ अउर डेरान अहइ। ओका घर लउटि जाइ चाही। तब उ दूसर फउजियन क हिम्मत हार जाइ मँ सहायक न होइ।’ जब अफसर फउजियन स बात करब खतम कइ लेइ तब उ पचे लोगन क अगवाइ बरे सैनिक क सेनापतियन चुनइँ।

10 “जब तू पचे सहर पइ हमला करइ जा तउ हुआँ क लोगन क समन्वा सान्ति क प्रस्ताव रखा। 11 अगर उ पचे तोहार प्रस्ताव अंगिकार कइ लेत हीं अउर आपन फाटक खोलि देत हीं तब उ सहर मँ बसइयन सब लोग तोहार दास होइ जइहीं अउर तोहार काम करइ बरे मजबूर कीन्ह जइहीं। 12 मुला अगर सहर सान्ति प्रस्ताव अंगीकार करइ स इन्कार करत ह अउर तू सबन्स लड़त ह तउ तू सबन्क सहर घेरि लेइ चाही। 13 अउर जब यहोवा तोहार परमेस्सर सहर पइ तोहार कब्जा करावत ह तब तू पचन्क सबहिं मनसेधुअन क मारि डावइ चाही। 14 तू पचे आपन बरे मेहररुअन, गदेलन, गोरुअन अउर सहर क कउनो भी चीज लइ सकत ह। तू पचे इ सबइ चीजन्क बइपर सकत ह। यहोवा तोहार परमेस्सर इ सबइ चीजन तू पचन्क दिहे अहइ। 15 जउन सहर तोहरे प्रदेस मँ नाहीं अहइ अउर बहोत दूर अहइँ, ओन सबन्क संग तू पचे अइस बेउहार करब्या।

16 “मुला जब तू पचे उ सहर उ प्रदेस मँ लेत ह जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क दइ देत अहइ तब तू पचन्क हर एक क मारि डावइ चाही। 17 तू पचन्क हित्ती, एमोरी कनानी, परिज्जी, हिब्बी अउर यबूसी सबहिं लोगन्क पूरी तरह बरबाद कइ देइ चाही। यहोवा तोहार परमेस्सर, इ करइ क तू पचन्क आदेस दिहे अहइ। 18 एह बरे तब उ पचे तू सबन्क यहोवा तोहारे परमेस्सर क खिलाफ घृणित कार्य क सिच्छा तू पचन्क नाहीं दइ सकत जउन उ पचे आपन देवतन क पूजा क समइ करत हीं।

19 “जब तू पचे कउनो सहर क खिलाफ जुद्ध करत रहब्या तउ तू पचे लम्बा समइ तलक ओकर घेरा डाए रहि सकत ह। तू पचन्क सहर क चारिहुँ कइँती क फलदार बृच्छन क नाहीं काटइ चाही। तू पचन्क एनसे फल खाइ चाही मुला काटिके भहरावइ नाहीं चाही। इ सबइ बृच्छ दुस्मन नाहीं अहइँ। एह बरे ओनके खिलाफ जुद्ध जिन लड़ा। 20 मुला ओन बृच्छन क काटि सकत ह जेनका तू पचे जानत अहा कि इ सबइ फलदार नाहीं अहइँ। तू पचे एनकइ उपयोग उ सहर क खिलाफ घेराबंदी मँ कइ सकत ह, जब तलक ओकर पतन न होइ जाइ।”

अगर कउनो मनई मरा भवा पावा जाइ

21 “उ देस मँ जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क रहइ बरे देत अहइ, कउनो मनई मइदान मँ हत्तिया कीन्ह भवा लास पाइ जाइ सकत ह। मुला कउनो क इ पता नाहीं चल सकत कि ओका कउन मारेस। तब तोहार पचन्क मुखियन अउर निआवाधीसन मारे भए मनई क चारिहुँ कइँती स सहरन क दूरी क नाप-जोख करइ चाही। जब तू पचे इ जानि जाब कि मरे भए मनई क सबन त निचके क कउन सा सहर अहइ। तब उ सहर क मुखियन आपन झुण्डन मँ स एक गइया लेइहीं। जेकर उपयोग कबहुँ भी कउनो कामे मँ न कीन्ह गवा होइ। या उ प कबहुँ जुआ न रखा गवा ह। उ सहर क मुखियन उ गइया क बहता भवा पानीवाली घाटी मँ लइहीं। इ अइसी घाटी होइ चाही जेका कबहुँ जोता न गवा होइ अउर न ओहमाँ पेड़-पौधा रोपा गवा होइँ। तब मुखियन क उ घाटी मँ हुअँइ उ गइया क गर्दन तोड़ देइ चाही। लेवी बंसी याजकन क हुआँ जाइ चाही। (यहोवा तोहार परमेस्सर इ याजकन क आपन सेवा बरे अउर आपन नाउँ पइ आसीर्बाद देइ बरे चुनेस ह। याजक सबहिं वाद-विवाद अउ नोस्कान क मुकद्दमा क निहचय करिहीं।) मारे भए मनई क सबन त निचके क सहर क सबई मुखियन आपन हाथन क उ गइया क ऊपर धरिहीं जेकर गर्दन घाटी मँ तोड़ दीन्ह गवा रहा। इ सबइ मुखिया स जरूर कइहीं, ‘हम इ मनई क नाहीं मारा अउर हम पचे एकर मारा जाब नाहीं देखा। यहोवा, इस्राएल क लोगन क छिमा कर, जेनकइ तू उद्धार किहा ह। आपन लोगन मँ स कउनो निर्दोख मनई क दोखी न ठहरावइ द्या।’ तब उ पचे कतल बरे दोखी नाहीं ठहरावा जइहीं। इ सबइ मामलन मँ उ करब ही तोहरे पचन्क बरे नीक अहइ। अइसा कइके तू पचे कउनो निर्दोख क हत्या करइके दोखी नाहीं रहब्या।

जुद्ध मँ मिली मेहररुअन

10 “तू पचे आपन दुस्मनन स जुद्ध करउब्या अउर यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर ओनका तू पचन्स हरवाइ देइ। तब तू पचे दुस्मनन क बन्दी क रुप मँ लिअउब्या। 11 अउर तू पचे जुद्ध मँ बन्दी कउनो सुन्नर मेहरारु क लख सकत ह। तू पचे ओका पाउब चाह सकत ह अउर आपन मेहरारु क रुप मँ रखइ क इच्छा कइ सकत ह। 12 तू पचन्क ओका आपन परिवार मँ आपन घरे लिआवइ चाही। ओका आपन बार छोलवावइ चाही अउर आपन नह कटवावइ चाही। 13 ओका आपन बन्दी भए ओढ़नन क उतारइ चाही। ओका तोहरे घरे मँ रहइ चाही अउर एक महीना तलक आपन महतारी अउर बाप बरे रोवइ चाही। ओकरे बाद तू ओकरे संग यौन सम्बन्ध कायम कइ सकत ह अउर ओकर भतार होइ सकत ह्या। अउर उ तोहार पत्नी बन जाइ। 14 मुला अगर तू पचे ओसे खुस नाहीं होत्या तउ तू पचे ओका जहाँ उ जाइ चाही जाइ देइ। मुला तू ओका वास्तविक रूप मँ बेच नाहीं सकत्या। तू ओकरे बरे दासी क तरह बेउहार नाहीं कइ सकत्या। काहेकि तोहार ओकरे संग यौन सम्बन्ध रहा।

एक ठु मनई क दुइ पत्नियन क गदेलन

15 “एक ठु मनई क दुइ पत्नियन होइ सकत हीं अउर उ एक पत्नी स दूसर पत्नी क अपेच्छा जियादा पिरेम कइ सकत ह। दुइनउँ पत्नियन स ओकरे गदेलन होइ सकत हीं अउर पहिला गदेला उ पत्नी क होइ सकत ह जेहसे उ जियादा पिरेम न करत होइ। 16 जब उ आपन सम्पत्ति आपन गदेलन मँ बाँटी तउ उ इ घोसणा नाहीं करइ सकत ह कि जे पत्नी क उ जियादा पिरेम करत ह ओका गदेला पहिलौटी अहइ अउर जेका उ पिरेम नाहीं करत ही ओका गदेला नाहीं। 17 उ मनई क दुतकारी पत्नी क गदेला क ही पहिलौटी क गदेला अंगीकार करइ चाही। उ मनई क आपन चीजन क दुइ हींसा पहिलौटी पूत क देइ चाही। काहेकि उ बड़का गदेला अहइ। अउ पहिलौटी क अधिकार रखत अहइ।

आग्या न मानइवाला पूत

18 “कउनो मनई क अइसा पूत होइ सकत ह जउन जिद्दी अउर आग्या क न मानइवाला होइ। इ पूत आपन महतारी अउर बाप क आग्या न मानी। महतारी अउर बाप ओका दण्ड देत हीं मुला पूत फुन भी ओनकइ कछू नाहीं सुनत। 19 ओकरे महतारी अउर बाप क ओका सहर क फाटक पइ सहर क मुखियन क लगे लइ जाइ चाही। 20 ओनका सहर क मुखियन स कहइ चाही: ‘हमार पूत जिद्दी अहइ अउर आग्या नाहीं मानत। उ कउनो काम नाहीं करत जेका हम करइ बरे कहित ह। उ जरुरत स जियादा खात अउ मद पिअत ह।’ 21 तब सहर क लोगन क उ पूत क पाथरन स मारि डावइ चाही। अइसा कइके तू पचे आपन मँ स बुराई क हटाइ देइहीं। इस्राएल क सबहिं लोग ऍका सुनिहीं अउ डेराइ जइहीं।

अपराधियन मारा जात अउ लटकावा जात हीं

22 “कउनो मनई अइसा पाप करइ क अपराधी होइ सकत ह जेका मउत क सजा दीन्ह जाइ। जब उ मारि डावा जाइ तब ओकर देह पेड़े पइ लटकावा जाइ सकत ह। 23 जब अइसा होत ह तउ ओकरे देह क रात भइ पेड़े पइ नाहीं रहइ चाही। तू पचन्क ओका उहइ दिन निहचय ही दफनाइ देइ चाही। काहेकि जउन मनई पेड़े पइ लटकावा जात ह उ परमेस्सर स अभिसाप पावा होत ह। तू पचन्क उ देस क बे पवित्तर नाहीं करइ चाही जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क रहइ बरे देत ह।

मरकुस 13:21-37

21 “उ दिनन मँ जदि कउनो तोसे कहइ कि, ‘देखा, इ रहा मसीह!’ या ‘उ अहइ मसीह।’ तू ओकर बिसवास न कर्या। 22 काहेकि झूठे मसीहन अउर झूठे नबियन देखॉइ देइहीं अउर उ सबइ अइसा अद्भुत चीन्हन देखइहीं अउर अचरज कारजन करिहीं कि जदि होइ जाए तउ उ पचे चुना गएन मनइयन क भी अड़पेंचे मँ डाइ देइहीं। 23 एह बरे तू सब होसियार रहा। मइँ समइ स पहिले ही तो पचन्क सब कछू बताइ दीन्ह।

24 “उ दिनन मँ दारून कस्ट क समइ क पाछे:

‘सूरज करिया पड़ि जाई,
    चंदा स ओकर चाँदनी न निकसी।
25 अकास स तारे टूटइ लगिहीं,
    अउर अकासे मँ बड़वार सक्ती झकाझोरि दीन्ह जइहीं।’ (A)

26 “तब्बइ मनइयन मनई क पूत क महासक्ती अउर महिमा क संग बदरवन मँ निहरिही। 27 फिन उ आपन दूतन क पठइके चारहु दिसा मँ धरती क छोरे स दूसर छोरे तक सब कइँती स आपन चुना भवा मनइयन क जमा करी।

28 “अंजीरे क बिरवा स उपदेस ल्या कि जबहिं ओकर टहनियन नरम अउर हरिअर होइ जात हीं तउ ओह पइ कोंपर फूटइ लागत हीं। तउ तू पचे जान लेत ह्या कि गर्मी क रितु आवइ क अहइ। 29 अइसे ही जबहिं तू पचे इ सब कछू होत लख्या तउ समझ लिहा कि उ समइ नगिचे आइ ग अहइ, मुला ठीक स दरवज्जे प। 30 मइँ तोसे सच-सच कहत हउँ कि इ सब घटना इत मनइयन क जिअते जी होइहीं. 31 धरती अउर अकास बरबाद होइ जइहीं लेकिन मोर बचन कबहुँ न टारे टरी।

32 “उ दिन या उ घड़ी क बारे मँ कउनो कछू गियान नाहीं, न सरग क दूतन अउर न अबहिं मनई क पूत क, सिरिफ परमपिता जानत बाटइ। 33 होसियार! जागत रहा काहेकि तू नाहीं जनत्या कि उ समइया कब आइ जाई।

34 “ई अइसे अहई कि जइसे कउनो मनई कउनो जात्रा प जात जात आपन नउकरन प आपन घरवा छोड़ि जाए अउर हर मनई क ओकर आपन आपन काम बाँटि दे अउर चौकीदार क हुकुम दइ जाए कि तू जागत रहा। 35 एह बरे तू जागत रहा काहेकि घरे क मालिक न जानी कब आइ जाए। चाहे सांझ होई, की आधी रात की मुर्गन क बाँग क समइ की फिन दिन निकरि आवइ। 36 जदि उ अचानक आइ जा तउ अइसा करा कि जेसे उ तोहका सोवत न पावइ। 37 जउन मइँ तोसे कहत हउँ, उहइ सबते कहत हउँ, ‘जानत रहा!’”

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