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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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फ़िलिप्पॉय 2:1-11

आपसी एकता के संरक्षण के लिए बुलाहट

इसलिए यदि मसीह में ज़रा सा भी प्रोत्साहन, प्रेम से उत्पन्न धीरज, आत्मा की सहभागिता तथा करुणा और कृपा है तो एक मन, एक सा प्रेम, एक ही चित्त तथा एक लक्ष्य के लिए ठान कर मेरा आनन्द पूरा कर दो. स्वार्थ और झूठी बड़ाई से कुछ भी न करो, परन्तु विनम्रता के साथ तुम में से हर एक अपनी बजाय दूसरे को श्रेष्ठ समझे. तुम में से हर एक सिर्फ अपनी ही भलाई का नहीं परन्तु दूसरों की भलाई का भी ध्यान रखे.

तुम्हारा स्वभाव वैसा ही हो, जैसा मसीह येशु का था:

जिन्होंने परमेश्वर के स्वरूप में होते हुए भी,
    परमेश्वर से अपनी तुलना पर अपना अधिकार बनाए रखना सही न समझा
परन्तु अपने आप को शून्य कर,
    दास का स्वरूप धारण करते हुए और मनुष्य की समानता में हो गया
    और मनुष्य के शरीर में प्रकट हो कर
अपने आप को दीन करके मृत्यु—क्रूस की मृत्यु—तक,
        आज्ञाकारी रह कर स्वयं को शून्य बनाया.

इसलिए परमेश्वर ने उन्हें सबसे ऊँचे पद पर आसीन किया,
    तथा उनके नाम को महिमा दी कि वह हर एक नाम से ऊँचा हो
10 कि हर एक घुटना येशु नाम की वन्दना में झुक जाए—स्वर्ग में, पृथ्वी में और पृथ्वी के नीचे—और,
11 हर एक जीभ पिता परमेश्वर के प्रताप के लिए स्वीकार करे कि मसीह येशु ही प्रभु हैं.

लूकॉ 19:41-48

41 जब वह येरूशालेम नगर के पास आए तो नगर को देख वह यह कहते हुए रो पड़े, 42 “यदि तुम, हाँ तुम, आज इतना ही समझ लेते कि शान्ति का मतलब क्या है! किन्तु यह तुमसे छिपाकर रखा गया है. 43 वे दिन आ रहे हैं जब शत्रु सेना तुम्हारे चारों ओर घेराबन्दी करके तुम्हारे निकलने का रास्ता बन्द कर देगी. 44 वे तुम्हें तथा तुम्हारी सन्तानों को धूल में मिला देंगे. वे तुम्हारे घरों का एक भी पत्थर दूसरे पत्थर पर न छोड़ेंगे क्योंकि तुमने तुम्हें दिए गए सुअवसर को नहीं पहचाना.”

दूसरी बार मसीह येशु द्वारा मन्दिर की शुद्धि

(मत्ति 21:12-17; मारक 11:15-19)

45 मन्दिर में प्रवेश करने पर मसीह येशु ने सभी विक्रेताओं को यह कहते हुए वहाँ से बाहर करना प्रारम्भ कर दिया, 46 “लिखा है: मेरा घर प्रार्थना का घर होगा किन्तु तुमने तो इसे डाकुओं की गुफ़ा बना रखी है!”

47 मसीह येशु हर रोज़ मन्दिर में शिक्षा दिया करते थे. प्रधान याजक, शास्त्री तथा जनसाधारण में से प्रधान नागरिक उनकी हत्या की योजना कर रहे थे, 48 किन्तु उनकी कोई भी योजना सफल नहीं हो रही थी क्योंकि लोग मसीह येशु के प्रवचनों से अत्यन्त प्रभावित थे.

Saral Hindi Bible (SHB)

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