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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 योहन 4:7-16

सच्चा प्रेम

प्रियजन, हम में आपस में प्रेम रहे: प्रेम परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है. हर एक, जिसमें प्रेम है, परमेश्वर से जन्मा है तथा उन्हें जानता है. वह जिसमें प्रेम नहीं, परमेश्वर से अनजान है क्योंकि परमेश्वर प्रेम हैं. हम में परमेश्वर का प्रेम इस प्रकार प्रकट हुआ: परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में भेजा कि हम उनके द्वारा जीवन प्राप्त करें. 10 प्रेम वस्तुत: यह है: परमेश्वर ने हमारे प्रति अपने प्रेम के कारण अपने पुत्र को हमारे पापों के लिए प्रायश्चित-बलि होने के लिए भेज दिया—यह नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया है. 11 प्रियजन, यदि हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम इतना अधिक है तो सही है कि हम में भी आपस में प्रेम हो. 12 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा. यदि हम में आपस में प्रेम है तो हमारे भीतर परमेश्वर का वास है तथा उनके प्रेम ने हम में पूरी सिद्धता प्राप्त कर ली है.

13 हमें यह अहसास होता है कि हमारा उनमें और उनका हम में वास है क्योंकि उन्होंने हमें अपना आत्मा दिया है. 14 हमने यह देखा है और हम इसके गवाह हैं कि पिता ने पुत्र को संसार का उद्धारकर्ता होने के लिए भेज दिया. 15 जो कोई यह स्वीकार करता है कि मसीह येशु परमेश्वर-पुत्र हैं, परमेश्वर का उसमें और उसका परमेश्वर में वास है. 16 हमने अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम को जान लिया और उसमें विश्वास किया है. परमेश्वर प्रेम हैं. वह, जो प्रेम में स्थिर है, परमेश्वर में बना रहता है तथा स्वयं परमेश्वर उसमें बना रहता हैं.

योहन 3:31-36

31 जिनका आगमन स्वर्ग से हुआ है वही सबसे बड़ा हैं, जो पृथ्वी से है, वह पृथ्वी का है और पृथ्वी ही से सम्बन्धित विषयों की बातें करता है. वह, जो परमेश्वर से आए हैं, वह सबसे ऊपर हैं. 32 जो उन्होंने देखा और सुना है वह उसी की गवाही देते हैं, फिर भी कोई उनकी गवाही ग्रहण नहीं करता. 33 जिन्होंने उनकी गवाही ग्रहण की है, उन्होंने यह साबित किया है कि परमेश्वर सच्चा है. 34 वह, जिन्हें परमेश्वर ने भेजा है परमेश्वर के वचनों का प्रचार करते हैं, क्योंकि परमेश्वर उन्हें बिना किसी माप के आत्मा देते हैं. 35 पिता को पुत्र से प्रेम है और उन्होंने सब कुछ उसके हाथ में सौंप दिया है. 36 वह, जो पुत्र में विश्वास करता है, अनन्त काल के जीवन में प्रवेश कर चुका है किन्तु जो पुत्र को नहीं मानता है, वह अनन्त काल का जीवन प्राप्त नहीं करेगा परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहेगा.

Saral Hindi Bible (SHB)

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