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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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2 पेतरॉस 3:1-10

पत्र का उद्देश्य

प्रियजन, मेरी ओर से यह तुम्हें दूसरा पत्र है. इन दोनों पत्रों के द्वारा मैं तुम्हें दोबारा याद दिलाते हुए तुम्हारे निर्मल मन को छलकाना चाहता हूँ: यह तुम्हारे लिए ज़रूरी है कि तुम पवित्र भविष्यद्वक्ताओं द्वारा पहले से कही बातों तथा प्रेरितों के माध्यम से दिए गए हमारे प्रभु व उद्धारकर्ता के आदेशों को याद करो.

सबसे पहिले, तुम्हारे लिए यह समझ लेना ज़रूरी है कि अन्तिम दिनों में अपनी ही वासनाओं द्वारा नियन्त्रित ठट्ठा करनेवालों का आगमन होगा, जो ठट्ठा करते हुए यह कहेंगे: “क्या हुआ प्रभु के दूसरे आगमन की प्रतिज्ञा का? पूर्वजों की मृत्यु से अब तक सब कुछ वैसा ही चल रहा है जैसा सृष्टि के प्रारम्भ से था.” जब वे जानबूझकर यह भूल जाते हैं कि प्राचीन काल में परमेश्वर के शब्द मात्र द्वारा आकाशमण्डल अस्तित्व में आया तथा शब्द ही के द्वारा जल में से, जल के द्वारा ही पृथ्वी की रचना हुई. यह उनके ठट्ठे का ही परिणाम था कि उस समय का संसार जल की बाढ़ के द्वारा नाश किया गया. इसी शब्द के द्वारा वर्तमान आकाशमण्डल तथा पृथ्वी अग्नि के लिए रखे गए तथा न्याय के दिन पर अधर्मियों के नाश के लिए सुरक्षित रखे जा रहे है.

किन्तु प्रियजन, इस बात को कभी भूलने न देना कि प्रभु के सामने एक दिन एक हज़ार वर्ष और हज़ार वर्ष एक दिन के बराबर हैं. प्रभु अपनी प्रतिज्ञा को पूरी करने में देर नहीं करते जैसा कुछ लोगों का विचार है. वह तुम्हारे प्रति धीरज धरते हैं और नहीं चाहते कि किसी का भी विनाश हो परन्तु यह कि सभी को पाप से मन फिराने का सुअवसर प्राप्त हो.

10 प्रभु का दिन चोर के समान अचानक से आएगा, जिसमें आकाशमण्डल गड़गड़ाहट की तेज़ आवाज़ करते हुए नष्ट हो जाएगा, तत्व बहुत ही गरम होकर पिघल जाएँगे तथा पृथ्वी और उस पर किए गए सभी काम प्रकट हो जाएँगे.

मत्तियाह 25:1-13

दस युवतियों का दृष्टान्त

25 “स्वर्ग-राज्य उस द्वारचार [a]के समान है जिसमें दस कुँवारी युवतियाँ अपने-अपने दीप ले कर द्वारचार के लिए निकलीं. उनमें से पाँच तो मूर्ख थीं तथा पाँच समझदार. मूर्ख युवतियों ने अपने साथ अपने दीप तो लिए किन्तु तेल नहीं; परन्तु समझदार युवतियों ने अपने दीपों के साथ तेल के बर्तन भी रख लिए. वर के पहुँचने में देर होने के कारण उन्हें नीन्द आने लगी और वे सो गईं.

“आधी रात को यह धूमधाम का शब्द सुनायी दिया: ‘वर पहुँच रहा है! उससे भेंट के लिए बाहर आ जाओ.’

“सभी युवतियाँ उठीं और अपने-अपने दीप तैयार करने लगीं. मूर्ख युवतियों ने समझदार युवतियों से विनती की, ‘अपने तेल में से कुछ हमें भी दे दो—हमारे दीप बुझे जा रहे हैं.’

“किन्तु समझदार युवतियों ने उन्हें उत्तर दिया, ‘हमारे और तुम्हारे दोनों के लिए तो तेल पूरा नहीं होगा. भला तो यह होगा कि तुम जा कर व्यापारियों से अपने लिए तेल मोल ले लो.’

10 “जब वे तेल लेने जा ही रही थीं कि वर आ पहुँचा और वे युवतियाँ, जो तैयार थीं, वर के साथ विवाह के भवन में चली गईं और द्वार बन्द कर दिया गया.

11 “कुछ समय बाद वे अन्य युवतियाँ भी आ गईं और विनती करने लगीं, ‘श्रीमन! हमारे लिए द्वार खोल दीजिए.’

12 “किन्तु उसने उन्हें उत्तर दिया, ‘सच तो यह है कि मैं तुम्हें जानता ही नहीं.’

13 “इसलिए इसी प्रकार तुम भी हमेशा जागते तथा सचेत रहो क्योंकि तुम न तो उस दिन को जानते हो और न ही उस घड़ी को.

Saral Hindi Bible (SHB)

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