Book of Common Prayer
आलस्य तथा मन मुटाव के विरुद्ध चेतावनी
6 प्रियजन, मसीह येशु के नाम में हम तुम्हें यह आज्ञा देते हैं कि तुम ऐसे हर एक व्यक्ति से दूर रहो, जो अनुचित चाल चलता है, जो हमारे द्वारा दी गई शिक्षाओं का पालन नहीं करता. 7 यह तुम्हें मालूम है कि तुम्हारे लिए हमारे जैसी चाल चलना सही है क्योंकि तुम्हारे बीच रहते हुए हम निकम्मे नहीं रहे. 8 इतना ही नहीं, हमने किसी के यहाँ दाम चुकाए बिना भोजन नहीं किया परन्तु हमने दिन-रात परिश्रम किया और काम करते रहे कि हम तुममें से किसी के लिए भी बोझ न बनें. 9 यह इसलिए नहीं कि तुमसे सहायता पाना हमारा अधिकार नहीं है परन्तु इसलिए कि हम स्वयं को तुम्हारे सामने आदर्श स्वभाव प्रस्तुत करें और तुम हमारी सी चाल चलो. 10 यहाँ तक कि जब हम तुम्हारे बीच में थे, हम तुम्हें यह आज्ञा दिया करते थे: किसी आलसी को भोजन न दिया जाए.
11 सुनने में यह आया है कि तुममें से कुछ की जीवनशैली आलस भरी हो गई है—वे कोई भी काम नहीं कर रहे, वस्तुत: वे अन्यों के लिए बाधा बन गए हैं. 12 ऐसे व्यक्तियों के लिए मसीह येशु में हमारी विनती भरी आज्ञा है कि वे गम्भीरता पूर्वक काम पर लग जाएँ तथा वे अपने ही परिश्रम से कमाया हुआ भोजन करें. 13 किन्तु, प्रियजन, तुम स्वयं वह करने में पीछे न हटना, जो सही और भला है.
14 यदि कोई व्यक्ति हमारे इस पत्र के आदेशों को नहीं मानता है, उस पर विशेष ध्यान दो. उसका साथ न दो कि वह लज्जित हो. 15 इतना सब होने पर भी उसे शत्रु न मानो परन्तु एक भाई समझ कर उसे समझाओ.
आशीर्वचन
16 शान्ति के परमेश्वर स्वयं तुम्हें हर एक परिस्थिति में निरन्तर शान्ति प्रदान करते रहें. प्रभु तुम सबके साथ हों.
17 मैं, पौलॉस, अपने हाथों से नमस्कार लिख रहा हूँ. मेरे हर एक पत्र का पहचान चिह्न यही है. यही मेरे लिखने का तरीका है.
18 हमारे प्रभु मसीह येशु का अनुग्रह तुम सब पर बना रहे.
31 “शिमोन, शिमोन, सुनो! शैतान ने तुम सबको गेहूं के समान अलग करने की आज्ञा प्राप्त कर ली है. 32 किन्तु शिमोन, तुम्हारे लिए मैंने प्रार्थना की है कि तुम्हारे विश्वास का पतन न हो. जब तुम पहले जैसी स्थिति पर लौट आओ तो अपने भाइयों को भी विश्वास में मजबूत करना.”
33 पेतरॉस ने मसीह येशु से कहा, “प्रभु, मैं तो आपके साथ दोनों ही को स्वीकारने के लिए तत्पर हूँ—बन्दीगृह तथा मृत्यु!”
34 मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “सुनो, पेतरॉस, आज रात, मुर्ग तब तक बाँग न देगा, जब तक तुम तीन बार इस सच को कि तुम मुझे जानते हो, नकार न चुके होगे.”
35 मसीह येशु ने उनसे प्रश्न किया, “यह बताओ, जब मैंने तुम्हें बिना बटुए, बिना झोले और बिना जूती के बाहर भेजा था, क्या तुम्हें कोई अभाव हुआ था?”
“बिल्कुल नहीं,” उन्होंने उत्तर दिया.
36 तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “किन्तु अब जिस किसी के पास बटुआ है, वह उसे साथ ले ले. इसी प्रकार झोला भी और जिसके पास तलवार नहीं है, वह अपना वस्त्र बेच कर तलवार मोल ले. 37 मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि यह जो लेख लिखा है—उसकी गिनती अपराधियों में हुई—का मुझमें पूरा होना ज़रूरी है क्योंकि मुझसे सम्बन्धित सभी लेखों का पूरा होना अवश्य है.”
38 शिष्यों ने कहा, “प्रभु, देखिए, ये दो तलवारें हैं.” मसीह येशु ने उत्तर दिया, “पर्याप्त हैं.”
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