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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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इब्री 2:11-18

11 जो पवित्र करते हैं तथा वे सभी, जो पवित्र किए जा रहे हैं, दोनों एक ही पिता की सन्तान हैं. यही कारण है कि वह उन्हें भाई कहते हुए लज्जित नहीं होते. 12 वह कहते हैं:

“मैं अपने भाइयों के सामने आपके नाम की घोषणा करूँगा,
    सभा के सामने मैं आपकी वन्दना गाऊँगा.”

13 और दोबारा

“मैं उनमें भरोसा करूँगा और दोबारा
    मैं और वे, जिन्हें सन्तान के रूप में परमेश्वर ने मुझे सौंपा है, यहाँ हैं.”

14 इसलिए कि सन्तान लहू और माँस की होती है, मसीह येशु भी लहू और माँस के हो गए कि मृत्यु के द्वारा वह उसे अर्थात् शैतान को, जिसमें मृत्यु का सामर्थ्य था, बलहीन कर दें 15 और वह उन सभी को स्वतन्त्र कर दें, जो मृत्यु-भय के कारण जीवन भर दासत्व के अधीन होकर रह गए थे. 16 यह तो सुनिश्चित है कि वह स्वर्गदूतों की नहीं परन्तु अब्राहाम के वंशजों की सहायता करते हैं. 17 इसलिए हर एक पक्ष में मसीह येशु का मनुष्य के समान बन जाना ज़रूरी था कि सबके पापों के लिए वह प्रायश्चित-बलि[a] होने के लिए परमेश्वर के सामने कृपालु और विश्वासयोग्य महापुरोहित बन जाएँ. 18 स्वयं उन्होंने अपनी परख के अवसर पर दुःख उठाया, इसलिए वह अब उन्हें सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं, जिन्हें परीक्षा में डाल कर परखा जा रहा है.

Saral Hindi Bible (SHB)

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