Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 37 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'निर्गमन 20:1-21' not found for the version: Saral Hindi Bible
कोलोस्सॉय 1:24-2:7

अन्यजातियों की सेवा में पौलॉस का श्रम

24 अब तो मैं तुम्हारे लिए अपने कष्टों में प्रफुल्लित होता हूँ तथा मैं उनकी देह—कलीसिया के लिए अपने शरीर में मसीह की यातनाओं में बाकी रह गई कमी को पूरा करते हुए अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर रहा हूँ. 25 इसी कलीसिया के लिए मैं तुम्हारे लिए परमेश्वर द्वारा सौंपी गई सेवा के लिए सेवक चुना गया कि मैं परमेश्वर के आदेश को पूरी तरह प्रचार कर सकूँ. 26 वह भेद जो युगों और पीढ़ियों से छिपा रहा है किन्तु अब उनके पवित्र लोगों पर प्रकट किया गया है, 27 जिन पर परमेश्वर ने अन्यजातियों के बीच इस भेद के वैभव के धन को प्रकट कर देना सही समझा. वह भेद है तुम में स्थिर बना मसीह, तुम्हारी होने वाली महिमा की आशा.

28 हम बुद्धिमत्तापूर्वक हर एक को चेताते तथा हर एक को शिक्षा देते हुए उन्हीं का प्रचार करते हैं कि हम हर एक व्यक्ति को मसीह में परिपक्व रूप में प्रस्तुत करें. 29 इसी उद्धेश्य से मैं उनके सामर्थ के अनुसार, जो मुझमें प्रबल रूप से कार्य कर रही है, मेहनत करते हुए परिश्रम कर रहा हूँ.

मैं चाहता हूँ कि तुमको यह मालूम हो कि मैं तुम्हारे लिए तथा उन सबके लिए, जो लाओदीकेइया में हैं तथा उन सबके लिए, जिन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं देखा है, कितना कठिन परिश्रम कर रहा हूँ. कि उनके हृदय प्रोत्साहित होकर प्रेम में जुड़कर उस पूरे धन को प्राप्त हो, जो समझ के पूरे निश्चय में और परमेश्वर के भेद का वास्तविक ज्ञान हो, जो स्वयं मसीह है, जिनमें बुद्धि और ज्ञान के सारे भण्ड़ार छिपे है. मैं यह इसलिए कह रहा हूँ कि कोई भी तुम्हें लुभाने वाली बातों के द्वारा भटकाने न पाए. हालांकि शारीरिक रूप से मैं वहाँ अनुपस्थित हूँ तौभी तुम्हारे उत्तम अनुशासन तथा मसीह में तुम्हारे विश्वास की दृढ़ता को देख कर प्रसन्न होते हुए, आत्मा में मैं तुम्हारे साथ हूँ.

गलत शिक्षाओं के विषय में चेतावनी व मसीही स्वभाव के लिए प्रोत्साहन

इसलिए कि तुमने प्रभु मसीह येशु को स्वीकार कर लिया है, अपना जीवन उनमें जीयों उनमें गहराई तक जड़े हुए, और मसीह में उन्नत होते हुए अपने विश्वास में दृढ़ हो जाओ—ठीक जैसी शिक्षा तुम्हें दी गई थी—तथा तुम में धन्यवाद भाव अधिक से अधिक होता रहे.

मत्तियाह 4:1-11

जंगल में शैतान द्वारा मसीह येशु की परख

(मारक 1:12-13; लूकॉ 4:1-13)

इसके बाद पवित्रात्मा के निर्देश में येशु को जंगल ले जाया गया कि वह शैतान द्वारा परखे जाएँ. उन्होंने चालीस दिन और चालीस रात उपवास किया. उसके बाद जब उन्हें भूख लगी, परखने वाले ने उनके पास आकर कहा, “यदि तुम परमेश्वर-पुत्र हो तो इन पत्थरों को आज्ञा दो कि ये रोटी बन जाएँ.”

येशु ने उसे उत्तर दिया, “लिखा है मनुष्य का अस्तित्व सिर्फ़ भोजन से नहीं परन्तु परमेश्वर के मुख से निकले हुए हर एक शब्द से होता है.”

तब शैतान ने येशु को पवित्र नगर में ले जाकर मन्दिर के शीर्ष पर खड़ा कर दिया और उनसे कहा, “यदि तुम परमेश्वर-पुत्र हो तो यहाँ से नीचे कूद जाओ क्योंकि लिखा है

“वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारे सम्बन्ध में
    आज्ञा देंगे तथा वे तुम्हें हाथों-हाथ उठा
    लेंगे कि तुम्हारे पैर को पत्थर से चोट न लगे.”

उसके उत्तर में येशु ने उससे कहा, “यह भी तो लिखा है तुम प्रभु अपने परमेश्वर को न परखो.”

तब शैतान येशु को अत्यन्त ऊँचे पर्वत पर ले गया और विश्व के सारे राज्य और उनका सारा ऐश्वर्य दिखाते हुए उनसे कहा, “मैं ये सब तुम्हें दे दूँगा यदि तुम मेरी दण्डवत्-वन्दना करो.”

10 इस पर येशु ने उसे उत्तर दिया, “हट, शैतान! दूर हो! क्योंकि लिखा है तुम सिर्फ प्रभु अपने परमेश्वर की ही आराधना और सेवा किया करो.”

11 तब शैतान उन्हें छोड़ कर चला गया और स्वर्गदूत आए और उनकी सेवा करने लगे.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.