Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 78 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'लैव्यव्यवस्था 26:1-20' not found for the version: Saral Hindi Bible
1 तिमोथियॉस 2:1-6

प्रार्थना पद्धति

इसलिए सबसे पहिली विनती यह है कि सभी के लिए विनती, प्रार्थनाएँ, दूसरों के लिए प्रार्थनाएँ और धन्यवाद प्रस्तुत किए जाएँ, राजाओं तथा अधिकारियों के लिए कि हमारा जीवन सम्मान तथा परमेश्वर की भक्ति में शान्ति और चैन से हो. यह परमेश्वर, हमारे उद्धारकर्ता को प्रिय तथा ग्रहणयोग्य है, जिनकी इच्छा है कि सभी मनुष्यों का उद्धार हो तथा वे सच को उसकी भरपूरी में जानें. परमेश्वर एक ही हैं तथा परमेश्वर और मनुष्यों के मध्यस्थ भी एक ही हैं—देहधारी मसीह येशु; जिन्होंने स्वयं को सबके छुटकारे के लिए बलिदान कर दिया—ठीक समय पर प्रस्तुत एक सबूत.

मत्तियाह 13:18-23

18 “अब तुम किसान का दृष्टान्त सुनो: 19 जब कोई व्यक्ति राज्य के विषय में सुनता है किन्तु उसे समझा नहीं करता, शैतान आता है और वह, जो उसके हृदय में रोपा गया है, झपट कर ले जाता है. यह वह है जो मार्ग के किनारे गिर गया था. 20 पथरीली भूमि वह व्यक्ति है, जो सन्देश को सुनता है तथा तुरन्त ही उसे खुशी से अपना लेता है 21 किन्तु इसलिए कि उसकी जड़ है ही नहीं, वह थोड़े दिन के लिए ही उसमें टिक पाता है. जब सन्देश के कारण यातनाएँ और सताहट प्रारम्भ होते हैं, उसका पतन हो जाता है. 22 वह भूमि, जहाँ बीज कँटीली झाड़ियों के बीच गिरा, वह व्यक्ति है जो सन्देश को सुनता तो है किन्तु संसार की चिन्ताएँ तथा सम्पन्नता का छलावा सन्देश को दबा देते हैं और वह बिना फल के रह जाता है. 23 वह उत्तम भूमि, जिस पर बीज रोपा गया, वह व्यक्ति है, जो सन्देश को सुनता है, उसे समझता है तथा वास्तव में फल लाता है. यह उपज सौ गुणी, साठ गुणी, तीस गुणी होती है.”

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.