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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 थेस्सलोनि 1

पिता परमेश्वर तथा प्रभु मसीह येशु में थेस्सलोनिकेयुस नगर की कलीसिया को यह पत्र पौलॉस,

सिलवानॉस तथा तिमोथियॉस की ओर से है.

तुम्हें अनुग्रह तथा शान्ति मिलती रहे.

आभार व्यक्ति तथा प्रशंसा

अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हारा वर्णन करते हुए हम हमेशा तुम सभी के लिए परमेश्वर का आभार मानते हैं. हम हमेशा ही परमेश्वर, हमारे पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, प्रेम का परिश्रम तथा हमारे प्रभु मसीह येशु में तुम्हारी दृढ़ आशा को याद करते हैं.

क्योंकि, प्रियजन, परमेश्वर के प्रियो, हमें अहसास है कि तुम परमेश्वर के चुने हुए हो. हमारे द्वारा प्रस्तुत ईश्वरीय सुसमाचार तुम्हें सिर्फ शब्दों में नहीं; परन्तु सामर्थ, पवित्रात्मा तथा पूरे धीरज के साथ पहुँचाया गया था. तुम्हारे बीच निवास करते हुए तुम्हारी ही भलाई के लिए हम किस प्रकार के व्यक्ति साबित हुए थे, यह तुमने स्वयं ही देख लिया है. प्रभु के सन्देश को घोर क्लेश में, पवित्रात्मा के आनन्द में स्वीकार करते हुए तुम स्वयं हमारे तथा प्रभु के शिष्य बन गए थे, जिसका परिणाम यह हुआ कि तुम मकेदोनिया तथा आख़ेया प्रदेश में सभी विश्वासियों के लिए एक आदर्श बन गए. तुम्हारे द्वारा भेजा गया परमेश्वर का सन्देश न केवल मकेदोनिया तथा आख़ेया प्रदेश में सुनाया गया और बढ़ता गया परन्तु परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास भी सबको मालूम हो गया है. परिणामस्वरूप कोई ज़रूरत नहीं रह गई कि इस विषय में अब हम कुछ कहें. वे ही हर जगह इस बात का वर्णन कर रहे हैं कि तुम्हारे द्वारा किया गया हमारा स्वागत कैसा भव्य था तथा यह भी कि किस प्रकार तुम मूर्तियों से दूर होकर परमेश्वर की ओर झुक गए कि जीवित और सच्चे परमेश्वर की सेवा करने लगो 10 और स्वर्ग से उनके पुत्र मसीह येशु के दोबारा आगमन की प्रतीक्षा करो, जिन्हें परमेश्वर ही ने मरे हुओं में से जीवित किया, मसीह येशु, जो हमें आनेवाले क्रोध से बचाते हैं.

मत्तियाह 5:11-16

11 “धन्य हो तुम, जब लोग तुम्हारी निन्दा करें और सताएं तथा तुम्हारे विषय में मेरे कारण सब प्रकार के बुरे विचार फैलाते हैं. 12 हर्षोल्लास में आनन्द मनाओ क्योंकि तुम्हारा प्रतिफल स्वर्ग में है. उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को भी इसी रीति से सताया था, जो तुमसे पहले आए हैं.

नमक और प्रकाश की शिक्षा

13 “तुम पृथ्वी के नमक हो किन्तु यदि नमक नमकीन न रहे तो उसके खारेपन को दोबारा कैसे लौटाया जा सकेगा? तब तो वह किसी भी उपयोग का नहीं सिवाय इसके कि उसे बाहर फेंक दिया जाए और लोग उसे रौंदते हुए निकल जाएँ.

14 “तुम संसार के लिए ज्योति हो. पहाड़ी पर स्थित नगर को छिपाया नहीं जा सकता. 15 कोई भी जलते हुए दीप को किसी बर्तन से ढाँक कर नहीं रखता—उसे उसके निर्धारित स्थान पर रखा जाता है कि वह उस घर में उपस्थित लोगों को प्रकाश दे. 16 लोगों के सामने अपना प्रकाश इस रीति से प्रकाशित होने दो कि वे तुम्हारे भले कामों को देख सकें तथा तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, स्तुति करें.

Saral Hindi Bible (SHB)

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