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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 थेस्सलोनि 4:1-12

प्रेम तथा अलग की हुई जीवनशैली

अन्ततः:, प्रियजन, तुमने हमसे अपने स्वभाव तथा परमेश्वर को प्रसन्न करने के विषय में जिस प्रकार के निर्देश प्राप्त किए थे—ठीक जैसा तुम्हारा स्वभाव है भी—प्रभु मसीह येशु में तुमसे हमारी विनती और समझाना है कि तुम इनमें और भी अधिक उन्नत होते चले जाओ. तुम्हें वे आज्ञाएं मालूम ही हैं, जो हमने तुम्हें प्रभु मसीह येशु की ओर से दिए थे.

परमेश्वर की इच्छा है कि तुम पवित्रता की स्थिति में रहो—तुम वेश्यागामी से अलग रहो; कि तुममें से हर एक को अपने-अपने शरीर को पवित्रता तथा सम्मानपूर्वक संयमित रखने का ज्ञान हो कामुकता की अभिलाषा में अन्यजातियों के समान नहीं, जो परमेश्वर से अनजान हैं. इस विषय में कोई भी सीमा उल्लंघन कर अपने साथी विश्वासी का शोषण न करे क्योंकि इन सब विषयों में स्वयं प्रभु बदला लेते हैं, जैसे हमने पहले ही यह स्पष्ट करते हुए तुम्हें गम्भीर चेतावनी भी दी थी. परमेश्वर ने हमारा बुलावा अपवित्रता के लिए नहीं परन्तु पवित्र होने के लिए किया है. परिणामस्वरूप वह, जो इन निर्देशों को नहीं मानता है, किसी मनुष्य को नहीं परन्तु परमेश्वर ही को अस्वीकार करता है, जो अपना पवित्रात्मा तुम्हें देते हैं.

भाईचारे के विषय में मुझे कुछ भी लिखने की ज़रूरत नहीं क्योंकि स्वयं परमेश्वर द्वारा तुम्हें शिक्षा दी गई है कि तुम में आपस में प्रेम हो 10 वस्तुत: मकेदोनिया प्रदेश के विश्वासियों के प्रति तुम्हारी यही इच्छा है. प्रियजन, हमारी तुमसे यही विनती है कि तुम इसी में और अधिक बढ़ते जाओ.

11 शान्त जीवनशैली तुम्हारी बड़ी इच्छा बन जाए. सिर्फ अपने ही कार्य में मगन रहो. अपने हाथों से परिश्रम करते रहो, जैसा हमने तुम्हें आज्ञा दी है 12 कि तुम्हारी जीवनशैली अन्य लोगों की दृष्टि में तुम्हें सम्मान्य बना दे तथा स्वयं तुम्हें किसी प्रकार का अभाव न हो.

मत्तियाह 5:38-48

बदला लेने के विषय में शिक्षा

38 “तुम्हें यह तो मालूम है कि यह कहा गया था: आँख के लिए आँख तथा दाँत के लिए दाँत 39 किन्तु मेरा तुमसे कहना है कि बुरे व्यक्ति का सामना ही न करो. इसके विपरीत, जो कोई तुम्हारे दायें गाल पर थप्पड़ मारे, दूसरा गाल भी उसकी ओर कर दो. 40 यदि कोई तुम्हें न्यायालय में घसीट कर तुम्हारा कुर्ता लेना चाहे तो उसे अपनी चादर भी दे दो. 41 जो कोई तुम्हें एक किलोमीटर चलने के लिए मजबूर करे उसके साथ दो किलोमीटर चले जाओ. 42 उसे, जो तुमसे कुछ माँगे, दे दो और जो तुमसे उधार लेना चाहे, उससे अपना मुख न छिपाओ.

शत्रुओं से प्रेम करने की शिक्षा

(लूकॉ 6:27-36)

43 “तुम्हें यह तो मालूम है कि यह कहा गया था: अपने पड़ोसी से प्रेम करो और अपने शत्रु से घृणा 44 किन्तु मेरा तुमसे कहना है कि अपने शत्रुओं से प्रेम करो[a] और अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना 45 कि तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान हो जाओ क्योंकि वह बुरे और भले, दोनों ही पर सूर्योदय करते हैं. इसी प्रकार वह धर्मी तथा अधर्मी, दोनों ही पर वर्षा होने देते हैं. 46 यदि तुम प्रेम मात्र उन्हीं से करते हो, जो तुमसे प्रेम करते हैं तो तुम किस प्रतिफल के अधिकारी हो? क्या चुंगी लेने वाले भी यही नहीं करते? 47 यदि तुम मात्र अपने बन्धुओं का ही नमस्कार करते हो तो तुम अन्यों की आशा कौन सा सराहनीय काम कर रहे हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा ही नहीं करते? 48 इसलिए ज़रूरी है कि तुम सिद्ध बनो, जैसे तुम्हारे स्वर्गीय पिता सिद्ध हैं.

Saral Hindi Bible (SHB)

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