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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 107:1-3

पाँचवाँ भाग

(भजनसंहिता 107–150)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह उत्तम है।
    उसका प्रेम अमर है।
हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने बचाया है, इन राष्ट्रों को कहे।
    हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने अपने शत्रुओं से छुड़ाया उसके गुण गाओ।
यहोवा ने निज भक्तों को बहुत से अलग अलग देशों से इकट्ठा किया है।
    उसने उन्हें पूर्व और पश्चिम से, उत्तर और दक्षिण से जुटाया है।

भजन संहिता 107:23-32

23 कुछ लोग अपने काम करने को अपनी नावों से समुद्र पार कर गये।
24 उन लोगों ने ऐसी बातों को देखा है जिनको यहोवा कर सकता है।
    उन्होंने उन अद्भुत बातों को देखा है जिन्हें यहोवा ने सागर पर किया है।
25 परमेश्वर ने आदेश दिया, फिर एक तीव्र पवन तभी चलने लगी।
    बड़ी से बड़ी लहरे आकार लेने लगी।
26 लहरे इतनी ऊपर उठीं जितना आकाश हो
    तूफान इतना भयानक था कि लोग भयभीत हो गये।
27     लोग लड़खड़ा रहे थे, गिरे जा रहे थे जैसे नशे में धुत हो।
    खिवैया उनकी बुद्धि जैसे व्यर्थ हो गयी हो।
28 वे संकट में थे सो उन्होंने सहायता पाने को यहोवा को पुकारा।
    तब यहोवा ने उनको संकटों से बचा लिया।
29 परमेश्वर ने तूफान को रोका
    और लहरें शांत हो गयी।
30 खिवैया प्रसन्न थे कि सागर शांत हुआ था।
    परमेश्वर उनको उसी सुरक्षित स्थान पर ले गया जहाँ वे जाना चाहते थे।
31 यहोवा का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये धन्यवाद करो
    उन अद्भुत कामों के लिये जिन्हें वह लोगों के लिये करता है।
32 महासभा के बीच उसका गुणगान करो।
    जब बुजुर्ग नेता आपस में मिलते हों उसकी प्रशंसा करों।

अय्यूब 29:1-20

अय्यूब अपनी बात जारी रखता है

29 अपनी बात को जारी रखते हुये अय्यूब ने कहा:

“काश! मेरा जीवन वैसा ही होता जैसा गुजरे महीनों में था।
    जब परमेश्वर मेरी रखवाली करता था, और मेरा ध्यान रखता था।
मैं ऐसे उस समय की इच्छा करता हूँ जब परमेश्वर का प्रकाश मेरे शीश पर चमक रहा था।
    मुझ को प्रकाश दिखाने को उस समय जब मैं अन्धेरे से हो कर चला करता था।
ऐसे उन दिनों की मैं इच्छा करता हूँ, जब मेरा जीवन सफल था और परमेश्वर मेरा निकट मित्र था।
    वे ऐसे दिन थे जब परमेश्वर ने मेरे घर को आशीष दी थी।
ऐसे समय की मैं इच्छा करता हूँ, जब सर्वशक्तिशाली परमेश्वर अभी तक मेरे साथ में था
    और मेरे पास मेरे बच्चे थे।
ऐसा तब था जब मेरा जीवन बहुत अच्छा था, ऐसा लगा करता था कि दूध—दही की नदियाँ बहा करती थी,
    और मेरे हेतू चट्टाने जैतून के तेल की नदियाँ उँडेल रही हैं।

“ये वे दिन थे जब मैं नगर—द्वार और खुले स्थानों में जाता था,
    और नगर नेताओं के साथ बैठता था।
वहाँ सभी लोग मेरा मान किया करते थे।
    युवा पुरुष जब मुझे देखते थे तो मेरी राह से हट जाया करते थे।
    और वृद्ध पुरुष मेरे प्रति सम्मान दर्शाने के लिये उठ खड़े होते थे।
जब लोगों के मुखिया मुझे देख लेते थे,
    तो बोलना बन्द किया करते थे।
10 यहाँ तक की अत्यन्त महत्वपूर्ण नेता भी अपना स्वर नीचा कर लेते थे,
    जब मैं उनके निकट जाया करता था।
हाँ! ऐसा लगा करता था कि
    उनकी जिहवायें उनके तालू से चिपकी हों।
11 जिस किसी ने भी मुझको बोलते सुना, मेरे विषय में अच्छी बात कही,
    जिस किसी ने भी मुझको देखा था, मेरी प्रशंसा की थी।
12 क्यों? क्योंकि जब किसी दीन ने सहायता के लिये पुकारा, मैंने सहायता की।
    उस बच्चे को मैंने सहारा दिया जिसके माँ बाप नहीं और जिसका कोई भी नहीं ध्यान रखने को।
13 मुझको मरते हुये व्यक्ति की आशीष मिली,
    मैंने उन विधवाओं को जो जरुरत में थी,
    मैंने सहारा दिया और उनको खुश किया।
14 मेरा वस्त्र खरा जीवन था,
    निष्पक्षता मेरे चोगे और मेरी पगड़ी सी थी।
15 मैं अंधो के लिये आँखे बन गया
    और मैं उनके पैर बना जिनके पैर नहीं थे।
16 दीन लोगों के लिये मैं पिता के तुल्य था,
    मैं पक्ष लिया करता था ऐसे अनजानों का जो विपत्ति में पड़े थे।
17 मैं दुष्ट लोगों की शक्ति नष्ट करता था।
    निर्दोष लोगों को मैं दुष्टों से छुड़ाता था।

18 “मैं सोचा करता था कि सदा जीऊँगा
    ओर बहुत दिनों बाद फिर अपने ही घर में प्राण त्यागूँगा।
19 मैं एक ऐसा स्वस्थ वृक्ष बनूँगा जिसकी जड़े सदा जल में रहती हों
    और जिसकी शाखायें सदा ओस से भीगी रहती हों।
20 मेरी शान सदा ही नई बनी रहेगी,
    मैं सदा वैसा ही बलवान रहूँगा जैसे,
    मेरे हाथ में एक नया धनुष।

प्रेरितों के काम 20:1-16

पौलुस का मकिदुनिया और यूनान जाना

20 फिर इस उपद्रव के शांत हो जाने के बाद पौलुस ने यीशु के शिष्यों को बुलाया और उनका हौसला बढ़ाने के बाद उनसे विदा ले कर वह मकिदुनिया को चल दिया। उस प्रदेश से होकर उसने यात्रा की और वहाँ के लोगों की उत्साह के अनेक वचन प्रदान किये। फिर वह यूनान आ गया। वह वहाँ तीन महीने ठहरा और क्योंकि यहूदियों ने उसके विरुद्ध एक षड्यन्त्र रच रखा था।

सो जब वह जल मार्ग से सीरिया जाने को ही था कि उसने निश्चय किया कि वह मकिदुनिया को लौट जाये। बिरिया के पिरूस का बेटा सोपत्रुस, थिसलुनिकिया के रहने वाले अरिस्तर्खुस और सिकुन्दुस, दिरबे का निवासी गयूस और तिमुथियुस तथा एशियाई क्षेत्र के तुखिकुस और त्रुफिमुस उसके साथ थे। ये लोग पहले चले गये थे और त्रोआस में हमारी परीक्षा कर रहे थे। बिना ख़मीर की रोटी के दिनों के बाद हम फिलिप्पी से नाव द्वारा चल पड़े और पाँच दिन बाद त्रोआस में उनसे जा मिले। वहाँ हम सात दिन तक ठहरे।

त्रोआस को पौलुस की अन्तिम यात्रा

सप्ताह के पहले दिन जब हम रोटी विभाजित करने के लिये आपस में इकट्ठे हुए तो पौलुस उनसे बातचीत करने लगा। उसे अगले ही दिन चले जाना था सो वह आधी रात तक बातचीत करता ही रहा। सीढ़ीयों के ऊपर के कमरे में जहाँ हम इकट्ठे हुए थे, वहाँ बहुत से दीपक थे। वहीं युतुखुस नामक एक युवक खिड़की पर बैठा था वह गहरी नींद में डूबा था। क्योंकि पौलुस बहुत देर से बोले ही चला जा रहा था सो उसे गहरी नींद आ गयी थी। इससे वह तीसरी मंजिल से नीचे लुढ़क पड़ा और जब उसे उठाया तो वह मर चुका था।

10 पौलुस नीचे उतरा और उस से लिपट गया। उसे अपनी बाहों में ले कर उसने कहा, “घबराओ मत क्योंकि उसके प्राण अभी उसी में हैं।” 11 फिर वह ऊपर चला गया और उसने रोटी को तोड़ कर विभाजित किया और उसे खाया। वह उनके साथ बहुत देर, पौ-फटे तक बातचीत करता रहा। फिर उसने उनसे विदा ली। 12 उस जीवित युवक को वे घर ले आये। इससे उन्हें बहुत चैन मिला।

त्रोआस से मितुलेने की यात्रा

13 हम जहाज़ पर पहले ही पहुँच गये और अस्सुस को चल पड़े। वहाँ पौलुस को हमें जहाज़ पर लेना था। उसने ऐसी ही योजना बनायी थी। वह स्वयं पैदल आना चाहता था। 14 वह जब अस्सुस में हमसे मिला तो हमने उसे जहाज़ पर चढ़ा लिया और हम मितेलेने को चल पड़े। 15 दूसरे दिन वहाँ से चल कर हम खियुस के सामने जा पहुँचे और अगले दिन उस पार सामोस आ गये। फिर उसके एक दिन बाद हम मिलेतुस आ पहुँचे। 16 क्योंकि पौलुस जहाँ तक हो सके पिन्तेकुस्त के दिन तक यरूशलेम पहुँचने की जल्दी कर रहा था, सो उसने निश्चय किया कि वह इफ़िसुस में रुके बिना आगे चला जायेगा जिससे उसे एशिया में समय न बिताना पड़े।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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