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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
लैव्यव्यवस्था 26:27 - गिनती 8:14

27 “यदि तुम इतने पर भी मेरी बातें सुनना अस्वीकार करते हो, और मेरे विरुद्ध रहते हो 28 तो मैं वस्तुत: अपना क्रोध प्रकट करूंगा! मैं, हाँ, मैं (यहोवा) तुम्हें तुम्हारे पापों के लिए सात गुना दण्ड दूँगा। 29 तुम अपने पुत्र पुत्रियों के शरीरों को खाओगे। 30 मैं तुम्हारे ऊँचे स्थानों को नष्ट करूँगा। मैं तुम्हारी सुगन्धित वेदियों को काट डालूँगा। मैं तुम्हारे शवों को तुमहारी निर्जीव मूर्तियों के शवों पर डालूँगा। तुम मुझको अत्यन्त घेनौने लगोगे। 31 मैं तुम्हारे नगरों को नष्ट करूँगा। मैं ऊँचे पवित्र स्थानों को खाली कर दूँगा। मैं तुम्हारी भेंटों की मधुर सुगन्ध को नहीं लूँगा। 32 मैं तुम्हारे देश को इतना खाली कर दूँगा की तुम्हारे शत्रु तक जो इसमें रहने आएंगे, वे इस पर चकित होंगे। 33 और मैं तुम्हें विभिन्न प्रदेशों में बिखेर दूँगा। मैं अपनी तलवार खीचूँगा और तुम्हें नष्ट करूँगा। तुमहारी भूमि ख़ाली हो जाएगी और तुम्हारे नगर उजाड़ हो जाएंगे।

34 “तुम अपने शत्रु के देशों में ले जाये जाओगे। तुमहारी धरती खाली हो जायेगी और वह अंत में उस विश्राम को पायेगी। 35 जिसे तुमने उसे तब नहीं दिया था जब तुम उस पर रहते थे। 36 बचे हुए व्यक्ति अपने शत्रुओं के देश में अपना साहस खो देंगे। वह हर चीज से भयभीत होंगे। वह हवा में उड़ती पत्ती की तरह चारों ओर भागेंगें। वे ऐसे भागेंगे मानों कोई तलवरा लिए उनका पीछा कर रहा हो। 37 वे एक दूसरे पर तब भी गिरेंगे जब कोई भी उनका पीछा नहीं कर रहा होगा।

“तुम इतने शक्तिशाली नहीं रहोगे कि अपने शत्रुओं के मुकाबले खड़े रह सको। 38 तुम अन्य लोगों में विलीन हो जाओगे। तुम अपने शत्रुओं के देश में लुप्त हो जाओगे। 39 इस प्रकार तुमहारी सन्तानें तुम्हारे शत्रुओं के देश में अपने पापों में सड़ेंगी। वे अपने पापों में ठीक वैसे ही सड़ेंगी जैसे उनके पूर्वज सड़े।

आशा सदा रहती है

40 “सम्भव है कि लोग अपने पाप स्वीकार करें और वे अपने पूर्वजों के पापों को सवीकार करेंगे। सम्भव हे वे यह स्वीकार करें कि वे मेरे विरुद्ध हुए सम्भव है वे यह स्वीकार करें कि उन्होंने मेरे विरुद्ध पाप किया है। 41 सम्भव है कि वे स्वीकार करें कि मैं उनके विरुद्ध हुआ और उन्हें उनके शत्रुओं के देश में लाया। उन लोगों ने मेरे साथ अजनबी का सा व्यवहार किया। यदि वे विनम्र[a] हो जाएं और अपने पापों के लिए दण्ड स्वीकर करें 42 तो मैं याकूब के साथ के अपनी वचा को याद करूँगा। इसहाक के साथ के अपनी वाचा को याद करुँगा। इब्राहिम के साथ की गई वाचा को मैं याद करूँगा और मैं उस भूमि को याद करूँगा।

43 “भूमि खाली रहेगी। भूमि आराम के समय का आनन्द लेगी। तब तुम्हारे बचे हुए लोग अपने पाप के लिए दण्ड स्वीकार करेगें। वे सीखेंगे कि उन्हें इसलिए दण्ड मिला कि उन्होंने मेरे व्यवस्था से घृणा की और नियमों का पालन करना अस्वीकार किया। 44 उन्होंने सचमुच पाप किया। किन्तु यदि वे मेरे पास सहायता के लिए आते हैं तो मैं उनसे दूर नहीं रहूँगा। मैं उनकी बातें तब भी सुनूँगा जब वे अपने शत्रुओं के देश में भी होगें। मैं उन्हें पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा। मैं उनके साथ अपनी वाचा को नहीं तोड़ूँगा। क्यों? क्योंकि में उनका परमेश्वर यहोवा हूँ। 45 मैं उनके पूर्वजों के साथ की गई वाचा को याद रखूँगा। मैं उनके पूर्वजों को इसलिए मिस्र से बाहर लाया कि मैं उनका परमेश्वर हो सकूँ। दूसरे राष्ट्रों ने उन बातों को देखा। मैं यहोवा हूँ।”

46 ये वे विधियाँ, नियम और व्यवस्थाएं हैं जिन्हें यहोवा ने इस्राएल के लोगों को दिया। वे नियम इस्राएल के लोगों और यहोवा के बीच वाचा है। यहोवा ने उन नियमों को सीनै पर्वत पर दिया था। उसने मूसा को नियम दिए और मूसा ने उन्हें लोगों को दिया।

वचन महत्वपूर्ण हैं

27 यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल के लोगों से कहो: कोई व्यक्ति यहोवा को विशेष वचन दे सकता है। वह व्यक्ति यहोवा को किसी व्यक्ति को अर्पित करने का वचन दे सकता है। वह व्यक्ति यहोवा की सेवा विशेष ढंग से करेगा। याजक उस व्यक्ति के लिए विशेष मूल्य निश्चित करेगा। यदि लोग उसे यहोवा से वापस खरीदना चाहते हैं तो वे मूल्य देंगे। बीस से साठ वर्ष तक की आयु के पुरुष का मूल्य पचास शेकेल चाँदी होगी। (तुम्हें चाँदी को तोलने के लिए पवित्र स्थान से प्रामाणिक शेकेल का उपयोग करना चाहिए।) बीस से साठ वर्ष की आयु की स्त्री का मूल्य तीस शेकेल है। पाँच से बीस वर्ष आयु के पुरुष का मूल्य बीस शेकेल है। पाँच से बीस वर्ष आयु की स्त्री का मूल्य दस शेकेल है। एक महीने से पाँच महीने तक के बालक का मूल्य पाँच शेकेल है। एक बालिका का मूल्य तीन शेकेल है। साठ या साठ से अधिक आयु के पुरूष का मूल्य पन्द्रह शेकेल है। एक स्त्री का मूल्य दस शेकेल है।

“यदि व्यक्ति इतना गरीबत है कि मूल्य देने में असमर्थ है तो उस व्यक्ति को याजक के सामने लाओ। याजक यह निश्चित करेगा कि वह व्यक्ति कितना मूल्य भुगतान में दे सकता है।

यहोवा को भेंट

“कुछ जानवरों का उपयोग यहोवा की बलि के रूप में किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति उन जानवरों में से किसी को लाता है तो वह जानवर पवित्र हो जाएगा। 10 वह व्यक्ति यहोवा को उस जानवर को देने का वचन देता है। इसलिए उस व्यक्ति को उस जानवर के स्थान पर दूसरा जानवर रखने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। उसे अच्छे जानवर को बुरे जानवर से नहीं बदलना चाहिए। उसे बुरे जानवर को अच्छे जानवर से नहीं बदलना चाहिए। यदि वह व्यक्ति दोनों जानवरों को बदलना ही चाहता है तो दोनों जानवर पवित्र हो जाएंगे। दोनों जानवर यहोवा के हो जाएंगे।

11 “कुछ जानवर यहोवा को बलि के रूप में नहीं भेंट किए जा सक्ते। यदि कोई व्यक्ति उन अशुद्ध जानवरों में से किसी को यहोवा के लिए लाता है तो वह जानवर याजक के सामने लाया जाना चाहिए। 12 याजक उस जानवर का मूल्य निश्चित करेगा। इससे कोई जानवर नहीं कहा जाएगा कि वह जानवर अच्छा है या बूरा, यदि याजक मूल्य निश्चित कर देता है तो जानवर का वही मूल्य है। 13 यदि व्यक्ति जानवर को वापस खरीदना चाहता है।[b] तो उसे मूल्य में पाँचवाँ हिस्सा और जोड़ना चाहिए।

यहोवा को भेंट किए गए मकान का मूल्य

14 “यदि कोई व्यक्ति अपने मकान को पवित्र मकान के रूप में यहोवा को अर्पित करता है तो याजक को इसका मूल्य निश्चित करना चाहिए। इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता कि मकान अच्छा है या बुरा, यदि याजक मूल्य निश्चित करता है तो वही मकान का मूल्य है। 15 किन्तु वह व्यक्ति जो मकान अर्पित करता है यदि उसे वापस खरीदना चाहता है तो उसे मूल्य में पाँचवाँ हिस्सा जोड़ना चाहिए। तब घर उस व्यक्ति का हो जाएगा।

भूसम्पत्ति का मूल्य

16 “यदि कोई व्यक्ति अपने खेत का कोई भाग यहोवा को अर्पित करता है तो उन खेतों का मूल्य उनको बोने के लिए आवश्यक बीज पर आधारित होगा। एक होमेर जौ के बीज की कीमत चाँदी के पचास शेकेल होगी। 17 यदि व्यक्ति जुबली के वर्ष खेत का दान करता है तब मूल्य वह होगा जो याजक निश्चित करेगा। 18 किन्तु व्यक्ति यदि जुबलि के बाद खेत का दान करता है तो याजक को वास्तविक मूल्य निश्चित करना चाहिए। उसे अगले जुबली वर्ष तक के वर्षों को गिनना चाहिए। तब वह उस गणना का उपयोग मूल्य निश्चित करने के लिए करेगा। 19 यदि खेत दान देने वाला व्यक्ति खेत को वापस खरीदना चाहे तो उसके मूल्य में पाँचवाँ भाग और जोड़ा जाएगा। 20 यदि वह व्यक्ति खेत को वापस नहीं खरीदता है तो खेत सदैव याजकों का होगा। यदि खेत किसी अन्य को बेंचा जाता है तो पहलपा व्यक्ति उसे पापस नहीं खरीद सकता। 21 यदि व्यक्ति खेत को वापस नहीं खरीदता है तो जुबली के वर्ष खेत केवल यहोवा के लिए पवित्र रहेगा। यह सदैव याजकों का रहेगा। यह उस भूमि की तरह होगा जो पूरी तरह यहोवा को दे दी गई हो।

22 “यदि कोई अपने खरीदे खेत को यहोवा को अर्पित करता है जो उसकी निजी सम्पत्ति[c] का भाग नहीं है। 23 तब याजक को जुबली के वर्ष तक वर्षों को गिनना चाहिए और खेत का मूल्य निश्चित करना चाहिए। तब वह खेत योहवा का होगा। 24 जुबली के वर्ष वह खेत मूल भूस्वामी के पास चला जाएगा। वह उस परिवार को जाएगा जो उसका स्वामी है।

25 “तुम्हें पवित्र स्थान से प्रामाणिक शेकेल का उपयोग उन मूल्यों को अदा करने के लिए करना चाहिए। पवित्र स्थान के प्रामाणिक शेकेल का तोल बीस गेरा[d] है।

जानवरों का मूल्य

26 “लोग मवेशियों और भेड़ों को यहोवा को दान दे सकते हैं, किन्तु यदि जानवर पहलौठा है तो वह जानवर जन्म से ही यहोवा का है। इसलिए लोग पहलौठा जानवर का दान नहीं कर सकते। 27 लोगों को पहलौठा जानवर यहोवा को देना चाहिए। किन्तु यदि पलौठा जानवर अशुद्ध है तो व्यक्ति को उस जानवर को वापस खरीदना चाहिए। याजक उस जानवर का मूल्य निश्चित करेगा और व्यक्ति को उस मूल्य का पाँचवाँ भाग उसमें जोड़ना चाहिए। यदि व्यक्ति जानवर को वापस नहीं खरीदता तो याजक को अपने निश्चित किए गाए मूल्य पर उसे बेच देना चाहिए।

विशेष भेंटें

28 “एक विशेष प्रकार की भेंट है जिसे लोग योहवा को चढ़ाते हैं। वह भेंट पूरी तरह यहोवा की है। वह भेंट न तो वापस खरीदी जा सकती है न ही बेची जा सकती है। वह भेंट यहोवा की है। उस प्रकार की भेटें ऐसे लोग, जानवर और खेत हैं, जो परिवार की सम्पत्ति है। 29 यदि वह विशेष प्रकार की योहवा को भेंट कोई व्यक्ति है तो उसे वापस खरीदा नहीं जा सकता। उसे अवश्य मार दिया जाना चाहिए।

30 “सभी पैदावारों का दसवाँ भाग यहोवा का है। इसमें खेतों, फसलें और पेड़ों के फल सम्मिलित हैं। वह दसवाँ भाग यहोवा का है। 31 इसलिए यदि कोई व्यक्ति अपना दसवाँ भाग वापस लेना चाहता है तो उसके मूल्य का पाँचवाँ भाग उसमें जोड़ना चाहिए और वापस खरीदना चाहिए।

32 “याजक व्यक्तियों के मवेशियों और भेड़ों में से हर दसवाँ जानवर लेगा। हर दसवाँ जानवर यहोवा का होगा। 33 मालिक को यह चिन्ता नहीं करनी चाहिए कि वह जानवर अच्छा है या बुरा। उसे जानवर को अन्य जानवर से नहीं बदलना चाहिए। यदि वह बदलने का निश्चय करता है तो दोनों जानवर यहोवा के होंगे। वह जानवर वापस नहीं खरीदा जा सकता।”

34 ये वे आदेश हैं जिन्हें यहोवा ने सीनै पर्वत पर मूसा को दिये। ये आदेश इस्राएल के लोगों के लिए हैं।

इस्राएल की गिनती की जाती है

यहोवा ने मूसा से मिलापवाले तम्बू में बात की। यह सीनै मरुभूमि में हुई। यह बात इस्राएल के लोगों द्वारा मिस्र छोड़ने के बाद दूसरे वर्ष के दूसरे महीने के पहले दिन की थी। यहोवा ने मूसा से कहा: “इस्राएल के सभी लोगों को गिनो। हर एक व्यक्ति की सूची उसके परिवार और उसके परिवार समूह के साथ बनाओ। तुम तथा हारून इस्राएल के सभी पुरुषों को गिनोगे। उन पुरुषों को गिनो जो बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं। (ये वे हैं जो इस्राएल की सेना में सेवा करते हैं।) इनकी सूची इनके समुदाय[e] के आधार पर बनाओ। हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति तुम्हारी सहायता करेगा। यह व्यक्ति अपने परिवार समूह का नेता होगा। तुम्हारे साथ रहने और तुम्हारी सहायता करने वाले व्यक्तियों के नाम ये हैं:

रूबेन परिवार समूह से शदेऊर का पुत्र एलीसूर;

शिमोन परिवार समूह से—सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल;

यहूदा के परिवार समूह से—अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन;

इस्साकार के परिवार समूह से सूआर का पुत्र नतनेल;

जवूलून के परिवार समूह से—हेलोन का पुत्र एलीआब;

10 यूसुफ के वंश से,

एप्रैम के परिवार समूह से—अम्मीहूद का पुत्र एप्रैम;

मनश्शे के परिवार समूह से—पदासूर का पुत्र गम्लीऐल;

11 बिन्यामीन के परिवार समूह से—गिदोनी का पुत्र अबीदान;

12 दान के परिवार समूह से—अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर;

13 आशेर के परिवार समूह से—ओक्रान का पुत्र पगीएल;

14 गाद के परिवार समूह से दूएल[f] का पुत्र एल्यासाप;

15 नप्ताली के परिवार समूह से—एनाम का पुत्र अहीरा।”

16 ये सभी व्यक्ति अपने लोगों द्वारा अपने परिवार समूह के नेता चुने गए। ये लोग अपने परिवार समूह के नेता हैं। 17 मूसा और हारून ने इन व्यक्तियों (और इस्राएल के लोगों) को एक साथ लिया जो नेता होने के लिये आये थे। 18 मूसा और हारून ने इस्राएल के सभी लोगों को बुलाया। तब लोगों की सूची उनके परिवार और परिवार समूह के अनुसार बनी। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की सूची बनी। 19 मूसा ने ठीक वैसा ही किया जैसा यहोवा का आदेश था। मूसा ने लोगों को तब गिना जब वे सीनै की मरुभूमि में थे।

20 रूबेन के परिवार समूह को गिना गया। (रूबेन इस्राएल का पहलौठा पुत्र था।) उन सभी पुरुषों की सूची बनी जो बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के थे और सेना में सेवा करने योग्य थे। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 21 रूबेन के परिवार समूह से गिने गए पुरुषों की संख्या छियालीस हजार पाँच सौ थी।

22 शिमोन के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 23 शिमोन के परिवार समूह को गिनने पर सारे पुरुषों की संख्या उनसठ हजार तीन सौ थी।

24 गाद के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 25 गाद के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या पैंतालीस हजार छः सौ पचास थी।

26 यहूदा के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 27 यहूदा के परिवार समूह को गिनने पर सारी संख्या चौहत्तर हजार छः सौ थी।

28 इस्साकार के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार समूह के साथ बनी। 29 इस्साकार के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या चौवन हजार चार सौ थी।

30 जबूलून के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 31 जबूलून के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या सत्तावन हजार चार सौ थी।

32 एप्रैम के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार समूह के साथ बनी। 33 एप्रैम के परिवार समूह को गिनने पर सारी संख्या चालीस हजार पाँच सौ थी।

34 मनश्शे के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार समूह के साथ बनी। 35 मनश्शे के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या बत्तीस हजार दो सौ थी।

36 बिन्यामीन के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 37 बिन्यामीन के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या पैंतीस हजार चार सौ थी।

38 दान के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 39 दान के परिवार समूह को गिनने पर सारी संख्या बासठ हजार सात सौ थी।

40 आशेर के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुषों के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 41 आशेर के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या एकतालीस हजार पाँच सौ थी।

42 नप्ताली के परिवार समूह को गिना गया। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य सभी पुरुष के नामों की सूची बनी। उनकी सूची उनके परिवार और उनके परिवार समूह के साथ बनी। 43 नप्ताली के परिवार समूह को गिनने पर पुरुषों की सारी संख्या तिरपन हजार चार सौ थी।

44 मूसा, हारून और इस्राएल के नेताओं ने इन सभी पुरुषों को गिना। वहाँ बारह नेता थे। (हर परिवार समूह से एक नेता था।) 45 इस्राएल का हर एक पुरुष जो बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र और सेना में सेवा करने योग्य था, गिना गया। इन पुरुषों की सूची उनके परिवार समूह के साथ बनी। 46 पुरुषों की सारी संख्या छः लाख तीन हजार पाँच सौ पचास थी।

47 लेवी के परिवार समूह से परिवारों की सूची इस्राएल के अन्य पुरुषों के साथ नहीं बनी। 48 यहोवा ने मूसा से कहा था: 49 “लेवी के परिवार समूह के पुरुषों को तुम्हें नहीं गिनना चाहिए। इस्राएल के अन्य पुरुषों के एक भाग के रुप में उनकी संख्या को मत जोड़ो। 50 लेवीवंश के पुरुषों से कहो कि वे साक्षीपत्र के पवित्र तम्बू के लिए उत्तरदायी हैं। वे उसकी और उसमें जो चीजें हैं, उनकी देखभाल करेंगे। वे मिलापवाले तम्बू और उसकी सभी चीजें लेकर चलेंगे। वे अपना डेरा उसके चारों ओर डालेंगे तथा उसकी देखभाल करेंगे। 51 जब कभी वह पवित्र तम्बू कहीं ले जाया जाएगा, तो लेवीवंश के पुरुषों को ही उसे उतारना होगा। जब कभी मिलापवाला तम्बू किसी स्थान पर लगाया जाएगा तो लेवीवंश के पुरुषों को ही यह करना होगा। वे ही ऐसे पुरुष हैं जो मिलापवाले तम्बू की देखभाल करते हैं। यदि कोई ऐसा अन्य पुरुष तम्बू के निकट आना चाहता है जो लेवी के परिवार समूह का नहीं है तो वह मार डाला जाएगा। 52 इस्राएल के लोग अपने डेरे अलग—अलग समूहों में लगाऐंगे। हर एक व्यक्ति को अपना डेरा अपने परिवार के झण्डे के पास लगाना चाहिए। 53 किन्तु लेवी के लोगों को अपना डेरा पवित्र तम्बू के चारों ओर डालना चाहिए। लेवीवंश के लोग साक्षीपत्र के पवित्र तम्बू की रक्षा करेंगे। वे पवित्र तम्बू की रक्षा करेंगे जिससे इस्राएल के लोगों का कुछ भी बुरा नहीं होगा।”

54 इसलिए इस्राएल के लोगों ने उन सभी बातों को माना जिसका आदेश यहोवा ने मूसा को दिया था।

डेरे की व्यवस्था

यहोवा ने मूसा और हारून से कहाः “इस्राएल के लोगों को मिलापवाले तम्बू के चारों ओर अपने डेरे लगाने चाहिए। हर एक समुदाय का अपना विशेष झण्डा होगा और हर एक व्यक्ति को अपने समूह के झण्डे के पास अपना डेरा लगाना चाहिए।

“यहूदा के डेरे का झण्डा पूर्व में होगा, जहाँ सूरज निकलता है। यहुदा के लोग वहीं डेरा लगाएंगे। यहूदा के लोगों का नेता अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन है। इस समूह में चौहत्तर हजार छः सौ पुरुष थे।

“इस्साकार का परिवार समूह यहूदा के लोगों के ठीक बाद में होगा। इस्साकार के लोगों का नेता सूआर का पुत्र नतनेल है। इस समूह में चौवन हजार चार सौ पुरुष थे।

“जबूलून का परिवार समूह भी यहूदा के परिवार समूह से ठीक बाद में अपना डेरा लगाएगा। जबूलून के लोगों नेता हेलोन का पुत्र एलीआब है। इस समूह में सत्तावन हजार चार सौ पुरुष थे।

“यहूदा के डेरे में एक लाख छियासी हजार चार सौ पुरुष थे। ये सभी अपने अलग अलग परिवार समूह में बंटे हुए हैं। यहूदा पहला समूह होगा जो उस समय आगे चलेगा जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे।

10 “रूबेन का झण्डा पवित्र तम्बू के दझिण में होगा। हर एक समूह अपने झण्डे के पास आपना डेरा लगाएगा। रूबेन के लोगों का नेता शदेऊर का पुत्र एलीसूर है। 11 इस समूह में छियालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

12 “शिमोन का परिवार समूह रुबेन के परिवार समूह के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। शिमोन के लोगों का नेता सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल है। 13 इस समूह में उनसठ हजार तीन सौ पुरुष थे।

14 “गाद का परिवार समूह भी रूबेन के लोगों के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। गाद के लोगों का नेता रूएल का पुत्र एल्यासाप है। 15 इस समूह में पैंतालीस हजार चार सौ पचास पुरुष थे।

16 “रूबेन के डेरे में सभी समूहों के एक लाख इकयावन हजार चार सौ पचास पुरुष थे। रूबेन का डेरा दूसरा समूह होगा जो उस समय चलेगा जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे।

17 “जब लोग यात्रा करेंगे तो लेवी का डेरा ठीक उसके बाद चलेगा। मिलापवाला तम्बू दूसरे अन्य डेरों के बीच उनके साथ रहेगा। लोग अपने डेरे उसी क्रम में लगाएंगे जिस क्रम में वे चलेंगे। हर एक व्यक्ति अपने परिवार के झण्डे के साथ रहेगा।

18 “एप्रैम का झण्डा पश्चिम की ओर रहेगा। एप्रैम के परिवार के समूह वहीं डेरा लगाएंगे। एप्रैम के लोगों का नेता अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा है। 19 इस समूह में चालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

20 “मनश्शे का परिवार समूह एप्रैम के परिवार के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। मनश्शे के लोगों का नेता पदासूर का पुत्र गम्लीएल है। 21 इस समूह में बत्तीस हजार दो सौ पुरुष थे।

22 “बिन्यामीन का परिवार समूह भी एप्रैम के परिवार के ठीक बाद अपन डेरा लगाएगा। बिन्यामीन के लोगों का नेता गिदोनी का पुत्र अबीदान है। 23 इस समूह में पैंतीस हजार चार सौ पुरुष थे।

24 “एप्रैम के डेरे में एक लाख आठ हजार एक सौ पुरुष थे। यह तीसरा परिवार होगा जो तब चलेगा जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे।

25 “दान के डेरे का झण्डा उत्तर की ओर होगा। दान के परिवार का समूह वहीं डेरा लगाएगा। दान के लोगों का नेता अम्मीशद्दै का पुत्र अहीऐजेर है। 26 इस समूह में बासठ हजार सात सौ पुरुष थे।

27 “आशेर का परिवार समूह दान के परिवार समुह के ठीक बाद अपना डेरा लगाएगा। आशेर के लोगों का नेता ओक्रान का पुत्र पगीएल है। 28 इस समूह के एकतालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

29 “नप्ताली का परिवार समूह भी दान के परिवार समूह के ठीक बाद अपने डेरे लगाएगा। नप्ताली के लोगों का नेता एनान का पुत्र अहीरा है। 30 इस समूह में तिरपन हजार चार सौ पुरुष थे।

31 “दान के डेरे में एक लाख सत्तावन हजार छः सौ पुरुष थे। जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करेंगे तो यह चलने वाला आखिरी परिवार होगा। ये अपने झण्डे के नीचे अपना डेरा लगाएंगे।”

32 इस प्रकार ये इस्राएल के लोग थे। वे परिवार के अनुसार गिने गये थे। सभी डेरों में अलग—अलग समूहों के सभी परिवारों के पुरुषों की समूची संख्या थी छः लाख तीन हजार पाँच सौ पचास। 33 मूसा ने इस्राएल के अन्य लोगों में लेवीवंश के लोगों को नहीं गिना। यह यहोवा का आदेश था।

34 यहोवा ने मूसा को जो कुछ करने को कहा उस सबका पालन इस्राएल के लोगों ने किया। हर एक समूहों ने अपने झण्डों के नीचे अपने डेरे लगाए और हर एक व्यक्ति अपने परिवार और अपने परिवार समूह के साथ रहा।

हारून का याजक परिवार

जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत पर मूसा से बात की, उस समय हारून और मूसा के परिवार का इतिहास यह है।

हारून के चार पुत्र थे। नादाब पहलौठा पुत्र था। उसके बाद अबीहू, एलीआजार और ईतामार थे। ये पुत्र चुने हुए याजक थे। इन्हें याजक के रूप में यहोवा की सेवा का विशेष कार्य सौंपा गया था। किन्तु नादाब और अबीहू यहोवा की सेवा करते समय पाप करने के कारण मर गए। उन्होंने यहोवा को भेंट चढ़ाई, किन्तु उन्होंने उस आग का उपयोग किया जिसके लिए यहोवा ने आज्ञा नहीं दी थी। इस प्रकार नादाब और अबीहू वहीं सीनै की मरुभूमि में मर गए। उनके पुत्र नहीं थे, अतः एलीआज़ार और ईतामार याजक बने और यहोवा की सेवा करने लगे। वे यह उस समय तक करते रहे जब तक उनका पिता हारून जीवित था।

लेवीवंशी—याजकों के सहायक

यहोवा ने मूसा से कहा, “लेवी के परिवार समूह के सभी लोगों को याजक हारून के सामने लाओ। वे लोग हारून के सहायक होंगे। लेवीवंशी हारून की उस समय सहायता करेंगे जब वह मिलाप वाले तम्बू में सेवा करेगा और लेवीवंशी इस्राएल के सभी लोगों की इस समय सहा। ता करेंगे जिस समय वे पवित्र तम्बू में उपासना करने आएंगे। इस्राएल के लोग मिलापवाले तम्बू की हर एक चीज की रक्षा करेंगे, यह उनका कर्तव्य है। किन्तु इन चीजों की देखभाल करके ही लेवीवंश के लोग इस्राएल के लोगों की सेवा करेंगे। पवित्र तम्बू में उपासना करने की उनकी यही पद्धति होगी।

“इस्राएल के सभी लोगों में से लेवीवंशी चुने गए थे। ये लेवी, हारून और उसके पुत्रों की सहायता के लिए चुने गए थे।

10 “तुम हारून और उसके पुत्रों को याजक नियुक्त करोगे। वे अपना कर्तव्य पूरा करेंगे और याजक के रूप में सेवा करेंगे। कोई अन्य व्यक्ति जो पवित्र चीज़ों के समीप आने का प्रयत्न करता है,[g] मार दिया जाना चाहिए।”

11 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 12-13 “मैंने तुमसे कहा कि इस्राएल का हर एक परिवार अपना पहलौठा पुत्र मुझ को देगा, किन्तु अब मैं लेवीवंश को अपनी सेवा के लिए चुन रहा हूँ। वे मेरे होंगे। अतः इस्राएल के सभी अन्य लोगों को अपना पहलौठा पुत्र मुझको नहीं देना पड़ेगा। जब तुम मिस्र में थे, मैंने मिस्र के लोगों के पहलोठों को मार डाला था। उस समय मैंने इस्राएल के सभी पहलौठों को अपने लिए लिया। सकभी पहलौठे बच्चे और सभी पहलौठे जानवर मेरे हैं। किन्तु अब मैं तुम्हारे पहलौठे बच्चों को तुम्हें वापस करता हूँ और लेवीवंश को अपना बनाता हूँ। मैं यहोवा हूँ।”

14 यहोवा ने फिर सीनै की मरुभूमि में मूसा से बात की। यहोवा ने कहा, 15 “लेवीवंश के सभी परिवार समुहों और परिवारों को गिनो। प्रत्येक पुरुष या लड़कों को जो एक महीने या उससे अधिक के हैं, उनको गीनो।” 16 अतः मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। उसने उन सभी को गिना।

17 लेवी के तीन पुत्र थेः उनके नाम थेः गेर्शोन, कहात और मरारी।

18 हर एक पुत्र परिवार समूहों का नेता था।

गेर्शोन के परिवार समूह थेः लिब्नी और शिमी।

19 कहात के परिवार समूह थेः अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, उज्जीएल।

20 मरारी के परिवार समूह थेः महली और मूशी।

ये ही वे परिवार थे जो लेवी के परिवार समूह से सम्बन्धित थे।

21 लिब्नी और शिमियों के परिवार गेर्शोन के परिवार समूह से सम्बन्धित थे। वे गेर्शोनवंशी परिवार समूह थे। 22 इन दोनों परिवार समूहों में एक महीने से अधिक उम्र के लड़के या पुरुष सात हजार पाँच सौ थे। 23 गेर्शोन वंश के परिवार समूहों को पश्मि में डेरा लगाने के लिये कहा गया। उन्होंने पवित्र तम्बू के पीछे अपना डेरा लगाया। 24 गेर्शोन वंश के परिवार समूहों का नेता लाएल का पुत्र एल्यासाप था। 25 मिलापवाले तम्बू में गेर्शोन वंशी लोग पवित्र तम्बु, आच्छादन और बाहरी तम्बू की देखभाल का कार्य करने वाले थे। वे मिलापवाले तम्बू के प्रवेश द्वार के पर्दे कि भी देखभाल करते थे। 26 वे आँगन के पर्दे की देखभाल करते थे। वे आँगन के द्वार के पर्दो की भी देखभाल करते थे। यह आँगन पवित्र तम्बू और वेदी के चारों ओर था। वे रस्सियों और पर्दे के लिए काम में आने वाली हक एक चीज़ की देखभाल करते थे।

27 अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों और उज्जीएल के परिवार कहात के परिवार से सम्बन्धित थे। वे कहात परिवार समूह के थे। 28 इस परिवार समूह में एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरूष आठ हजार छः सौ थे। कहात वंश के लोगों को पवित्र स्थान की देखभाल का कार्य सौंपा गया। 29 कहात के परिवार समूहों को “पवित्र तम्बू” के दक्षिण का क्षेत्र दिया गया। यह वह क्षेत्र था जहाँ उन्होंने डेरे लगाए। 30 कहात के परिवार समूह का नेता उज्जीएल का पुत्र एलीसापान था। 31 उनका कार्य पवित्र सन्दूक, मेज, दीपाधार, वेदियों और पवित्र स्थान के उपकरणों की देखभाल करना था। वे पर्दे और उनके साथ उपयोग में आने वाली सभी चीजों की भी देखभाल करते थे।

32 लेवीवंश के प्रमुखों का नेता हारून का पुत्र एलीआजार था। वह याजक था एलीआजार पवित्र चीज़ों की देखभाल करने वाले सभी लोगों का अधीक्षक था।

33-34 महली और मूशियों के परिवार समूह मरारी परिवार से सम्बन्धित थे। एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरुष महली परिवार समूह में छः हजार दो सौ थे। 35 मरारी समूह का नेता अबीहैल का पुत्र सूरीएल था। इस परिवार समूह को पवित्र तम्बू के उत्तर का क्षेत्र दिया गया था। यही वह क्षेत्र है जहाँ उन्होंने डेरा लगाया। 36 मरारी लोगों को पवित्र तम्बू के ढाँचे की देखभाल का कार्य सौंपा गया। वे सभी छड़ों, खम्बों, आधारों और पवित्र तम्बू के ढाँचे में जो कुछ लगा था, उन सब की दखभाल करते थे। 37 पवित्र तम्बू के चारों ओर के आँगन के सभी खम्भों की भी देखभाल किया करते थे। इनमें सभी आधार, तम्बू की खूटियाँ और रस्सियाँ शामिल थीं।

38 मूसा, हारून और उसके पुत्रों ने मिलापवाले तम्बू के सामने पवित्र तम्बू के पूर्व में अपने डेरे लगाए। उन्हें पवित्र स्थान की देखभाल का काम सौंपा गया। उन्होंने यह इस्राएल के सभी लोगों के लिए किया। कोई दूसरा व्यक्ति जो पवित्र स्थान के समीप आता, मार दिया जाता था।

39 यहोवा ने लेवी परिवार समूह के एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़कों और पुरुषों को गिनने का आदेश दिया। सारी संख्या बाइस हजार थी।

लेवीवंशी पहलौठे पुत्र का स्थान लेते हैं

40 यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल में सभी एक महीने या उससे अधिक उम्र के पहलौठे लड़के और पुरुषों को गिनो। उनके नामों की एक सूची बनाओ। 41 अब मैं इस्राएल के सभी पहलौठे लड़कों और पुरुषों को नहीं लूँगा। अब मैं अर्थात् यहोवा लेवीवंशी को ही लूँगा। इस्राएल के अन्य सभी लोगों के पहलौठे जानवरों को लेने के स्थान पर अब मैं लेवीवंशी के लोगों के पहलौठे जानवरों को ही लूँगा।”

42 इस प्रकार मूसा ने वह किया जो यहोवा ने आदेश दिया। मूसा ने इस्राएल के पहलौठी सारी सन्तानों को गिना। 43 मूसा ने सभी पहलौठे एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़कों और पुरुषों की सूची बनाई। उस सूची में बाइस हजार दो सौ तिहत्तर नाम थे।

44 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 45 “मैं अर्थात् यहोवा यह आदेश देता हुँ: इस्राएल के अन्य परिवारों के पहलौठे पुरुषों के स्थान पर लेवीवंशी के लोगों को लो और मैं अन्य लोगों के जानवरों के स्थान पर लेवीवंश के जानवरों को लूँगा। लेवीवंशी मेरे हैं। 46 लेवीवंश के लोग बाइस हजार हैं और अन्य परिवारों के बाइस हजार दो सौ तिहत्तर पहलौठे पुत्र हैं। इस प्रकार केवल दो सौ तिहत्तर पहलौठे पुत्र लेवीवंश के लोगों से अधिक हैं। 47 इसलिए पहलौठे दो सौ तिहत्तर पुत्रों में से हर एक के लिए पाँच शेकेल[h] चाँदी दो। यह चाँदी इस्राएल के लोगों से इकट्ठा करो। 48 वह चाँदी हारून और उसके पुत्रों को दो। यह एस्राएल के दो सौ तिहत्तर लोगों के लिए भुगतान है।”

49 मूसा ने दो सौ तिहत्तर लोगों के लिए धन इकट्ठा किया। क्योंकि यहाँ इतने लेवी नहीं थे जो दूसरे परिवार समूह के दो सौ तिहत्तर पहलौठों की जगह ले सकें। 50 मूसा ने इस्राएल के पहलौठे लोगों से चाँदी इकट्ठा की। उसने एक हजार तीन सौ पैंसठ शेकेल चाँदी “अधिकृत भार” का उपयोग करके इकट्ठा की। 51 मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। मूसा ने यहोवा के आदेश के अनुसार वह चाँदी हारून और उसके पुत्रों को दी।

कहात परिवार के सेवा—कार्य

यहोवा ने मूसा और हारून से कहाः “कहात परिवार समूह के पुरुषों को गिनो। (कहात परिवार समूह लेवी परिवार समूह का एक भाग है।) अपने सेवा कर्तव्य का निर्वाह करने वाले तीस से पचास वर्ष की उम्र वाले पुरुषों को गिनो। ये व्यक्ति मिलापवाले तम्बू में कार्य करेंगे। उनका कार्य मिलापवाले तम्बू के सर्वाधिक पवित्र स्थान की देखभाल करना है।

“जब इस्राएल के लोग नए स्थान की यात्रा करें तो हारून और उसके पुत्रों को चाहिए कि वे पवित्र तम्बू में जाएँ और पर्दे को उतारें और साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को उससे ढकें। तब वे इन सबको सुइसों के चमड़े से बने आवरण में ढकें। तब वे पवित्र सन्दूक पर बिछे चमड़े पर पूरी तरह से एक नीला वस्त्र फैलाएंगे और पवित्र सन्दूक में लगे कड़ों में डंडे डालेंगे।

“तब वे एक नीला कपड़ा पवित्र मेज के ऊपर फैलाएंगे। तब वे उस पर थाली, चम्मच, कटोरे और पेय भेंट के कलश रखेंगे। वे विशेष रोटी भी मेज पर रखेंगे। तब तुम इन सभी चिज़ों के ऊपर एक लाल कपड़ा डालोगे। तब हर एक चीज़ को सुइसों के चमड़े से ढक दो। तब मेज के कड़ों में डंडे डालो।

“तब दीपाधार और दीपकों को नीले कपड़े से ढको। दीपक जलने के लिए उपयोग में आनेवाली सभी चीजों और दीपक के लिए उपयोग में आने वाले तेल के सभी घड़ों को ढको। 10 तब सभी चीजों को सुइसों के चमड़े में लेपेटो और इन्हें ले जाने के लिये उपयोग में आने वाले डंडो पर इन्हें रखो।

11 “सुनहरी वेदी पर एक नीला कपड़ा फैलाओ। उसे सुइसों के चमड़े से ढको। तब वेदी को ले जाने के लिए उसमें लगे हुए कड़ो में डंडे डालो।

12 “पवित्र स्थान में उपासना के उपयोग में आने वाली सभी विशेष चीज़ों को एक साथ इकट्ठा करो। इन्हें एक साथ इकट्ठा करो और इनको नीले कपड़े में लपेटो। तब इसे सुइसों के चमड़े से ढको। इन चीजों को ले जाने के लिए इन्हें एक ढाँचे पर रखो।

13 “काँसेवाली वेदी से राख को साफ कर दो और इसके ऊपर एक बैंगनी रंग का कपड़ा फैलाओ। 14 तब वेदी पर उपासना के लिए उपयोग में आने वाली चीजों को इकट्ठा करो। आग के तसले, माँस के लिए काँटे, बेलचे और चिलमची हैं। इन चीजों को काँसे की वेदी पर रखो। तब वेदी के ऊपर सुइसों के चमड़े का आवरण फैलाओ। वेदी में लगे कड़ों में, इसे ले जाने वाले डंडे डालो।

15 “जब हारून और उसके पुत्र पवित्र स्थान की सभी पवित्र चीज़ों को ढकना पुरा कर लें तब कहात परिवार के व्यक्ति अन्दर आ सकते हैं और उन चीज़ों को ले जाना आरम्भ कर सकते हैं। इस प्रकार वे इस पवित्र वस्तुओं को छुएंगे नहीं। सो वे मरेंगे नहीं।

16 “याजक हारून का पुत्र एलीअज़ार पवित्र तम्बू के लिए उत्तरदायी होगा। वह पवित्र स्थान और इसकी हर एक चीज़ के लिए उत्तरदायी होगा। वह दीपक के तेल, मधुर सुगन्धवाली सुगन्धि तथा दैनिक बलि और अभिषेक के तेल के लिये उत्तरदायी होगा।”

17 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, 18 “सावधान रहो! इन कहातवंशी व्यक्तियों को नष्ट मत होने दो। 19 तम्हें यह इसलिए करना चाहिए ताकि कहातवंशी सर्वाधिक पवित्र स्थान तक जाएँ और मरें नहीं: हारून और उसके पुत्रों को अन्दर जाना चाहिए और हर एक कहातवंशी को बताना चाहिए कि वह क्या करे। उन्हें हर एक व्यक्ति को वह चीज़ देनी चाहिए जो उसे ले जानी है। 20 यदी तुम ऐसा नहीं करते हो तो कहातवंशी अन्दर जा सकते हैं और पवित्र चीज़ों को देख सकते हैं। यदि वे एक क्षण के लिए भी उन पवित्र वस्तुओं की ओर देखते हैं तो उन्हें मरना होगा।”

गेर्शोन परिवार के सेवा—कार्य

21 यहोवा ने मूसा से कहा, 22 “गेर्शोन परिवार के सभी लोगों को गिनो। उनकी सूची परिवार और परिवार समूह के अनुसार बनाओ। 23 अपना सेवा कतर्व्य कर चुकने वाले तीस वर्ष से पचास वर्ष तक के पुरुषों को गिनो। ये लोग मिलापवाले तम्बू की देखभाल का सेवा—कार्य करेंगे।

24 “गेर्शोन परिवार को यही करना चाहिए और इन्हीं चीज़ों को ले चलना चाहिएः 25 इन्हें पवित्र तम्बू के पर्दे, मिलापवाले तम्बू, इसके आवरण और सुइसों के चमड़ें से बना आवरण ले चलना चाहिए। उन्हें मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे भी ले चलना चाहिए। 26 उन्हें आँगन के उन पर्दों को, जो पवित्र तम्बू और वेदी के चारों ओर लगे हैं, ले चलना चाहिए। उन्हें आँगन के प्रवेश द्वार का पर्दा भी ले चलना चाहिए। उन्हें सारी रस्सियाँ और पर्दे के साथ उपयोग में आनेवाली सभी चीजें ले चलनी चाहिए। गेर्शोन वंश के लोग उस किसी भी चीज़ के लिए उत्तरदायी होंगे जो इन चीज़ों से की जानी हैं। 27 हारून और उसके पुत्र इन सभी किए गए कार्यों की निगरानी करेंगे। गोर्शोन वंश के लोग जो कुछ ले जाएंगे और जो दूसरे कार्य करेंगे उनकी निगरानी हारून और उसके पुत्र करेंगे। तुम्हें उनको वे सभी चीज़े बतानी चाहिए जिनके ले जाने के लिये वे उत्तरदायी हैं। 28 यही काम है जिसे गेर्शोन वंश के परिवार समूह के लोगों को मिलापवाले तम्बू के लिए करना है हारून का पुत्र ईतामार याजक उनके काम के लिए उत्तरदायी होगा।”

मरारी परिवार के सेवा—कार्य

29 “मरारी परिवार समूह के परिवार ओर परिवार समूह के पुरुषों को गिनो। 30 सेवा—कर्तव्य कर चुके तीस से पचास वर्ष के सभी पुरुषों को गिनो। ये लोग मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करेंगे। 31 जब तुम यात्रा करोगे तब उनका यह कार्य है कि वे मिलापवाले तम्बू के तख्ते ले चलें। उन्हें तख्ते, खम्भों और आधारों को ले चलना चाहिए। 32 उन्हें आँगन के चारों ओर के खम्भों को भी ले चलना चाहिए। उन्हें उन तम्बू की खूंटियों, रस्सियों और वे सभी चीजें जिनका उपयोग आँगन के चारों ओर के खम्भों के लिए होता है, ले चलना चाहिए। नामों की सूची बनाओ और हर एक व्यक्ति को बताओ कि उसे क्या—क्या चीज़े ले जाना है। 33 यही बातें हैं जिसे मरारी वंश के लोग मिलापवाले तम्बू के कार्यों में सेवा करने के लिए करेंगे। हारून का पुत्र ईतामार याजक इनके कार्य के लिए उत्तरदायी होगा।”

लेवी परिवार

34 मूसा, हारून और इस्राएल के लोगों के नेताओं ने कहातवंश के लोगों को गिना। उन्होंने उनको परिवार और परिवार समूह के अनुसार गिना। 35 उन्होंने अपना सेवा—कर्तव्य कर चुके तीस से पचास पर्ष के उम्र के लोगों को गिना। इन लोगों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने को दिए गए।

36 कहात परिवार समूह में जो इस कार्य को करने की योग्यता रखते थे, दो हजार सात सौ पचास पुरुष थे। 37 इस प्रकार कहात परिवार के इन लोगों को मिलापवाले तम्बु के बिशेष कार्य करने के लिए दिए गए। मूसा और हारून ने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवाने मूसा से करने को कहा था।

38 गेर्शोन परिवार समूह को भी गिना गया। 39 सभी पुरुष जो अपना कर्तव्य सेवा कर चुके थे और तीस से पचास वर्ष की उम्र के थे, गिने गए। इन लोगों को मिलापवाले तम्बू में विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया। 40 गेर्शोन परिवार समूह के परिवारों में जो योग्य थे, वे दो हजार छः सौ तीस पुरुष थे। 41 इस प्रकार इन पुरुषों को जो गेर्शोन परिवार समूह के थे, मिलापवाले तम्बू में विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य सौंपा गया। मूसा और हारून ने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा को करने को कहा था।

42 मरारी के परिवार और परिवार समूह भी गिने गए। 43 सभी पुरुष जो अपना सेवा—कर्तव्य कर चुके थे और तीस से पचास वर्ष की उम्र के थे, गिने गए। इन व्यक्तियों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया।

44 मरारी परिवार समूह के परिवारों में जो लोग योग्य थे, वे तीन हजार दो सौ व्यक्ति थे। 45 इस प्रकार मरारी परिवार समूह के इन लोगों को विशेष कार्य दिया गया। मूसा और हारून ने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा से करने को कहा था।

46 मूसा, हारून और इस्राएल के लोगों के नेताओं ने लेवीवंश परिवार समूह के सभी सदस्यों को गिना। उन्होंने प्रत्येक परिवार और प्रत्येक परिवार समूह को गिना। 47 सभी व्यक्ति जो अपने सेवा—कर्तव्य का निर्वाह कर चुके थे और जो तीस वर्ष से पचास वर्ष उम्र के थे, गिने गए। इन व्यक्तियों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया। उन्होंने मिलापवाले तम्बू को ले चलने का कार्य तब किया जब उन्होंने यात्रा की। 48 पुरुषों की सारी संख्या आठ हजार पाँच सौ अस्सी थी। 49 यहोवा ने यह आदेश मूसा को दिया था। हर एक पुरुष को अपना कार्य दिया गया था और हर एक पुरुष से कहा गया था कि उसे क्या—क्या ले चलना चाहिए। इसलिए यहोवा ने जो आदेश दिया था उन चीज़ों को पूरा किया गया। सभी पुरुषों को गिना गया।

शुद्धता सम्बन्धी नियम

यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं इस्राएल के लोगों को, उनके डेरे बीमारियों व रोगों से मुक्त रखने का आदेश देता हूँ। इस्राएल के लोगों से कहो कि हर उस व्यक्ति को जो बुरे चर्म रोगों, शरीर से निकलने वाले स्रावों या किसी शव को छूने के कारण अशुद्ध हो गये हैं, उन्हें डेरे से बाहर निकाल दो, चाहे वे पुरुष हों चाहे स्त्री। उन्हें डेरे से बाहर निकाल दो ताकि वे जिस डेरे में मेरा निवास है उसे वे अशुद्ध न कर दें। मैं तुम्हारे डेरे में तुम लोगों के बीच रह रहा हूँ।”

अतः इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर का आदेश माना। उन्होंने उन लोगों को डेरे के बाहर भेज दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।

अपराध के लिए अर्थ—दण्ड

यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल के लोगों को यह बताओः जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का कुछ बुरा करता है तो वस्तुतः वह यहोवा के विरूद्ध पाप करता है। वह व्यक्ति अपराधी है। इसलिए वह व्यक्ति लोगों को अपने किए गए पाप को बताए। तब यह व्यक्ति अपने बुरे किए गए काम का पूरा भुगतान करे। वह भुगतान में पाँचवाँ हिस्सा जोड़े और उसका भुगतान उसे करे जिसका बुरा उसने किया है। किन्तु जिस व्यक्ति का उसने बुरा किया है, वह मर भी सकता है और सम्भव है उस मृतक का कोई नजदीकी सम्बन्धी न हो जिसे भुगतान किया जाए। उस स्थिति में, बुरा करने वाला व्यक्ति यहोवा को भुगतान करेगा। वह व्यक्ति पूरा भूतगन याजक को करेगा। याजक को क्षमादान रुपी मेढ़े की बली देनी चाहिए। बुरा करने वाले व्यक्ति के पापों को ढकने के लिए इस मेढ़े की बलि दी जानी चाहिए किन्तु याजक बाकी बचे भुगतान को अपने पास रख सकता है।

“यदि इस्राएल का कोई व्यक्ति यहोवा को विशेष भेंट देता है तो वह याजक जो उसे स्वीकार करता है उसे अपने पास रख सकता है। यह उसकी है। 10 किसी व्यक्ति को ये विशेष भेंट देनी नहीं पड़ेगी। किन्तु यदि वह उनको देता है तो वह याजक की होगी।”

शंकालु पति

11 तब यहोवा ने मूसा से कहाः 12 “इस्राएल के लोगों से यह कहो, किसी व्यक्ति की पत्नी पतिव्रता नहीं भी हो सकती है। 13 उस का किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक सम्बन्ध हो सकता है और वह इसे अपने पति से छिपा सकती है। कोई ऐसा व्यक्ति भी नहीं होता जो कहे कि उसने यह पाप किया। उसका पति उसे कभी जान भी नहीं सकता जो बुराई उसने की है और वह स्त्री भी अपने पति से अपने पाप के बारे में नहीं कहेगी। 14 किन्तु पति शंका करना आरम्भ कर सकता है कि उसकी पत्नी ने उसके विरुद्ध पाप किया है। वह उसके प्रति ईर्ष्या रख सकता है। चाहे वह सच्ची हो चाहे नहीं। 15 यदि ऐसा होता है तो वह अपनी पत्नी को याजक के पास ले जाए। पति एक भेंट भी ले जाएगा। यह भेंट 1/10 एपा[i] जौं का आटा होगा। यह उसे जौं के आटे पर तेल या सुगन्धित नहीं डालनी चाहिये। यह जौं का आटा यहोवा को अन्नबलि है। यह इसलिए दिया जाता कि पति ईर्ष्यालु है। यह भेंट यही संकेत करेगी कि उसे विस्वास है कि उसकी पत्नी पतिव्रता नहीं है।

16 “याजक स्त्री को यहोवा के सामने ले जाएगा और स्त्री यहोवा के सामने खड़ी होगी। 17 तब याजक कुछ विशेष पानी लेगा और उसे मिट्टी के घड़े में डालेगा। याजक पवित्र तम्बू के फर्श से कुछ मिट्टी पानी में डालेगा। 18 याजक स्त्री को यहोवा के सामने खड़ा रहने के लिए विवश करेगा। तब वह उसके बाल खोलेगा और उसके हाथ में अन्नबलि देगा। यह जौ का आटा होगा जिसे उसके पति ने ईर्ष्या के कारण उसे दिया था। उसी समय वह विशेष कड़वे जल वाले मिट्टी के घड़े को पकड़े रहेगा। यह विशेष कड़वा जल ही है जो स्त्री को परेशानी पैदा करता है।

19 “तब याजक स्त्री से कहेगा कि उसे झूठ नहीं बोलना चाहिए। उसे सत्य बोलने का वचन देना चाहिए। याजक उससे कहेगाः यदि तुम दूसरे व्यक्ति के साथ नहीं सोई हो, और तुमने अपने पति के विरुद्ध पाप नहीं किया है, जबकि तुम्हारा विवाह उसके साथ हुआ है, तो यह कड़वा जल तुमको हानि नहीं पहुँचाएगा। 20 किन्तु यदि तुमने अपने पति के विरुद्ध पाप किया है, यदि तुम किसी अन्य पुरुष के साथ सोई हो तो तुम शुद्ध नहीं हो। क्यों क्योंकि जो तुम्हारे साथ सोया है तुम्हारा पति नहीं है और उसने तुम्हें अशुद्ध बनाया है। 21 इसलिए जब तुम इस विशेष जल को पीओगी तो तुम्हें बहुत परेशानी होगी। तुम्हारा पेट फूल जाएगा[j] और तुम कोई बच्चा उत्पन्न नहीं कर सकोगी। यदि तुम गर्भवती हो, तो तुम्हारा बच्चा मर जाएगा। तब तुम्हारे लोग तुम्हे छोड़ देंगे और वे तुम्हारे बारे में बुरी बातें कहेंगे।

“तब याजक को स्त्री से यहोवा को विशेष वचन देने के लिए कहना चाहिए। स्त्री को स्वीकार करना चाहिए कि ये बुरी बातें उसे होंगी, यदि वह झूठ बोलेगी। 22 याजक को कहना चाहिए, तुम इस जल को लोगी जो तुम्हारे शरीर में परेशानी उत्पन्न करेगा। यदि तुमने पाप किया है तो तुम बच्चों को जन्म नहीं दे सकोगी और यदि तुम्हारा कोई बच्चा गर्भ में है तो वह जन्म लेने के पहले मर जाएगा। तब स्त्री को कहना चाहिएः मैं वह स्वीकार करती हूँ जो आप कहते हैं।

23 “याजक को इन चेतावनियों को चर्म—पत्र पर लिखनी चाहिए। फिर उसे इस लिखावट को पानी में धो देना चाहिए। 24 तब स्त्री उस पानी को पीएगी जो कड़वा है। वह पानी उसमें जाएगा और यदि वह अपराधी है, तो उसे बहुत परेशानी उत्पन्न करेगा।

25 “तब याजक उस अन्नबलि को उससे लेगा। (ईर्ष्या के लिए भेंट) और उसे यहोवा के सामने उठाएगा और उसे वेदी तक ले जाएगा। 26 तब याजक अपनी उंजली में अन्न भरेगा और उसे वेदी पर रखेगा। तब वह उसे जलाएगा। उसके बाद, वह स्त्री से पानी पीने को कहेगा। 27 यदि स्त्री ने पति के विरुद्ध पाप किया होगा, तो पानी उसे परेशान करेगा। पानी उसके शरीर में जाएगा और उसे बहुत कष्ट देगा और कोई बच्चा जो उसके गर्भ में होगा, पैदा होने से पहले मर जाएगा और वह कभी बच्चे को जन्म नहीं दे सकेगी। सभी लोग उसके विरुद्ध हो जायेंगे। 28 किन्तु यदि स्त्री ने पति के विरुद्ध पाप नहीं किया है तो वह पवित्र है, फिर याजक घोषणा करेगा कि वह अपराधी नहीं है और बच्चों को जन्म देने के योग्य हो जाएगी।

29 “इस प्रकार यह ईर्ष्या के विषय में नियम है। तुम्हें यही करना चाहिए यदि कोई विवाहित स्त्री अपने पति के विरूद्ध पाप करती है। 30 या यदि कोई व्यक्ति ईर्ष्या करता है और अपनी पत्नी के सम्बन्ध में शंका करता है कि उसने उसके विरुद्ध पाप किया है तो व्यक्ति को यही करना चाहिए। याजक को कहना चाहिए कि वह स्त्री यहोवा के सामने खड़ी हो। तब याजक इन सभी कार्यों को करेगा। यही नियम है। 31 पति कोई बुरा करने का अपराधी नहीं होगा। किन्तु स्त्री कष्ट उठाएगी, यदी उसने पाप किया है।”

नाज़ीरों का वंश

यहोवा ने मूसा से कहा, “ये बातें इस्राएल के लोगों से कहोः कोई पुरुष या स्त्री कुछ समय के लिए किन्हीं अन्य लोगों से अलग रहना चाह सकता है। इस अलगाव का उद्देश्य यह हो कि वह व्यक्ति पूरी तरह अपने को उस समय के लिए यहोवा को समर्पित कर सके। वह व्यक्ति नाज़ीर कहलाएगा। उस काल में व्यक्ति को कोई दाखमधु या कोई अधिक नशीली चीज़ नहीं पीनी चाहिए। व्यक्ति को सिरका जो दाखमधु से बना हो या किसी अधिक नशीले पेय को नहीं पीना चाहिए। उस व्यक्ति को अंगूर का रस नहीं पीना चाहिए और न ही अंगुर या किशमिश खाने चाहिए। उस अलगाव के विशेष काल में उस व्यक्ति को अंगूर से बनी कोई चीज नहीं खानी चाहिए। उस व्यक्ति को अंगूर का बीज या छिलका भी नहीं खाना चाहिए।

“उस अलगाव के काल में उस व्यक्ति को अपने बाल नहीं काटने चाहिए। उस व्यक्ति को उस समय तक पवित्र रहना चाहिए जब तक अलगाव का समय समाप्त न हो। उसे अपने बालों को लम्बे होने देना चाहिए। उस व्यक्ति के बाल, परमेस्वर को दिए गये उसके वचन का एक विशेष भाग हैं। वह उन बालों को परमेस्वर के लिए भेंट के रुप में देगा। इसलिए वह व्यक्ति अपने बालों को तब तक लम्बा होने देगा जब तक अलगाव का समय समाप्त न होगा।

“इस अलगाव के काल में नाज़ीर को किसी शव के पास नही जाना चाहिए। क्यों क्योंकि उस व्यक्ति ने अपने को पूरी तरह यहोवा को समर्पित कर दिया है। यदि उसके अपने पिता, अपनी माता, अपने भाई या अपनी बहन भी मरें तो भी उसे उनको छूना नहीं चाहिए। यह उसे अपवित्र करेगा। उसे यह दिखाना चाहिए कि उसे अलग किया गया है और अपने को पूरी तरह परमेस्वर को समर्पित कर चुका है। जिस पूरे काल में वह अलग किया गया, वह पूरी तरह अपने को यहोवा को समर्पित किए हुए है। यह संभव है कि नाजीर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ हो और वह दूसरा व्यक्ति अचानक मर जाए। यदि नाज़ीर मरे व्यक्ति को छुएगा तो वह अपवित्र हो जाएगा। यदि ऐसा होता है तो नाजीर को सिर से अपने बाल कटवा लेना चाहिए। वे बाल उसके विशेष दिए गए वचन के भाग थे। उसे अपने बालों को सातवें दिन काटना चाहिए क्योंकि उस दिन वह पवित्र किया जाता है। 10 तब आठवें दिन उसे दो फाख्ते या कबूतर के दो बच्चे याजक के पास लाने चाहिए। उसे याजक को उन्हें मिलापवाले तम्बू के द्वार पर देना चाहिए। 11 तब याजक एक को पापबलि के रूप में भेंट करेगा। वह दूसरे को होमबलि के रूप में भेंट करेगा। यह होमबलि उस व्यक्ति द्वारा किये गये पाप के लिए भुगतान होगी। उसने पाप किया क्योंकि वह शव के पास था। उस समय वह व्यक्ति फिर वचन देगा कि सिर के बालों को परमेस्वर को भेंट करेगा। 12 इसका यह तात्पर्य हुआ कि उस व्यक्ति को फिर अलगाव के दूसरे समय के लिए अपने आपको यहोवा को समर्पित कर देना चाहिए। उस व्यक्ति को एक वर्ष का एक मेढ़ा लाना चाहिए। वह इसे पाप के लिए भेंट के रूप में देगा। उसके अलगाव के सभी दिन भुला दिये जाते हैं। उस व्यक्ति को नये अलगाव के समय का आरम्भ करना होगा। यह अवश्य किया जाना चाहिए क्योंकि उसने अलगाव के प्रथम काल में एक शव का स्पर्श किया।

13 “जब व्यक्ति के अलगाव का समय पूरा हो तो उसे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर जाना चाहिए। 14 वहाँ वह अपनी भेंट यहोवा को देगा। उसकी भेंट होनी चाहिएः

होमबलि के लिए बिना दोष का एक वर्ष का एक मेढ़ा पापबलि के लिए बिना दोष की एक वर्ष की एक मादा भेड़,

मेलबलि के लिए बिना दोष का एक नर भेड़,

15 अखमीरी रोटियों की एक टोकरी, (तेल से मिश्रित अच्छे आटे के फुलके इन “फुलकों” पर तेल लगाना चाहिए।)

अन्य भेंट तथा पेय भेंट जो इन भेंटों का एक भाग है।

16 “तब याजक इन चीज़ों को यहोवा को देगा। याजक पापबलि और होमबलि चढ़ाएगा। 17 याजक रोटियों की टोकरी यहोवा को देगा। तब वह यहोवा की मेलबलि के रूप में नर भेड़ को मारेगा। वह यहोवा को अन्नबलि और पेय भेंट के साथ इसे देगा। 18 नाजीर को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर जाना चाहिए। वहाँ उसे अपने बाल कटवाने चाहिए जिन्हें उसने यहोवा के लिए बढ़ाया था। उन बालों को मेलबलि के रूप में दी गई बलि के नीचे जल रही आग में डाला जाना चाहिए।

19 “जब नाज़ीर अपने बालों को काट चुकेगा तो याजक उसे नर मेढ़े का एक पका हुआ कंधा और टोकरी से एक बड़ा और एक छोटा ‘फुलका’ देगा। ये दोनों अखमीरी फुलके होंगे। 20 तब याजक इन चीजों को यहोवा के सामने उत्तोलित करेगा। यह एक उत्तोलन भेंट हैं। ये चीजें पवित्र हैं और याजक की हैं। नर भेड़ की छाती और जांघ भी यहोवा के सामने उत्तोलित किये जाएंगे। ये चीज़ें भी याजक की हैं। इसके बाद नाज़ीर दाखमधु पी सकता है।

21 “यह नियम उन व्यक्तियों के लिए है जो नाजीर होने का वचन लेते हैं। उस व्यक्ति को यहोवा को ये सभी भेंट देनी चाहिए यदि कोई व्यक्ति अधिक देने का वचन देता है तो उसे अपने वचन का पालन करना चाहिए। लेकिन उसे कम से कम वह सभी चीज़े देनी चाहिए जो नाज़ीर के नियम में लिखी हैं।”

याजक का आशीर्वाद

22 यहोवा ने मूसा से कहा, 23 “हारून और उसके पुत्रों से कहो। इस्राएल के लोगों को आशीर्वाद देने का ढंग यह है। उन्हें कहना चाहिएः

24 ‘यहोवा तुम पर कृपा करे और तुम्हारी रक्षा करे।
25 यहोवा की कृपादृष्टि तुम पर प्रकाशित हो।
    वह तुमसे प्रेम करे।
26 यहोवा की दृष्टि तुम पर हो।
    वह तुम्हें शान्ति दे।’

27 इस प्रकार हारून और उसके पुत्र इस्राएल के लोगों के सामने मेरा नाम लेंगे और मैं उन्हें आशीर्वाद दूँगा।”

पवित्र तम्बू का समर्पण

जिस दिन मूसा ने पवित्र तम्बू का लगाना पूरा किया, उसने इसे यहोवा को समर्पित किया। मूसा ने तम्बू और इसमें उपयोग आने वाली चीजों को अभिषिक्त किया। मूसा ने वेदी और इसके साथ उपयोग में आने वाली चीजों को भी अभिषिक्त किया। ये दिखाती थी कि ये सभी वस्तुएं केवल यहोवा की उपासना के लिये प्रयोग की जानी चाहिए।

तब इस्राएल के नेताओं ने भेंटें चढ़ाईं। ये अपने—अपने परिवारों के मुखिया थे जो अपने परिवार समूह के नेता थे। इन्हीं नेताओं ने लोगों को गिना था। ये नेता यहोवा के लिये भेंटें लाए। वे चारों ओर से ढकी छः गाड़ियाँ और बारह गायें लाए। (हर एक नेता द्वारा एक गाय दी गई थी। हर नेता ने दूसरे नेता से चारों ओर से ढकी गाड़ी को देने में साझा किया।) नेताओं ने पवित्र तम्बू पर यहोवा को ये चीज़े दीं।

यहोवा ने मूसा से कहा, “नेताओं की इन भेंटों को स्वीकार करो। ये भेंटें मिलावाले तम्बू के काम में उपयोग की जा सकती हैं। इन चीज़ों को लेवीवंश के लोगों को दो। यह उन्हें अपने काम करने में सहायक होंगी।”

इसलिए मूसा ने चारों ओर से ढकी गाड़ियों और गायों को लिया। उसने इन चीज़ों को लेवीवंश के लोगों को दिया। उसने दो गाड़ियाँ और चार गायें गेर्शोन वंशियों को दीं। उन्हें अपने काम के लिए उन गाड़ियों और गायों की आवश्यकता थी। तब मूसा ने चार गाड़ियों और आठ गायें मरारी वंश को दीं। उन्हें अपने काम के लिए गाड़ियों और गायों की आवश्यकता थी। याजक हारून का पुत्र ईतामार इन सभी व्यक्तियों के कार्य के लिए उत्तरदायी था। मूसा ने कहात वंशियों को कोई गाय या कोई गाड़ी नहीं दी। इन व्यक्तियों को पवित्र चीज़े अपने कंधों पर ले जानी थीं। यही कार्य उनको करने के लिए सौंपा गया था।

10 उस दिन के अभिषेक के पश्चात नेता अपनी भेंटे वेदी पर समर्पण के लिए लाए। उन्होंने अपनी भेंटे वेदी के सामने यहोवा को अर्पित कीं। 11 यहोवा ने पहले से ही मूसा से कह रखा था, “वेदी को समर्पण के रूप में दी जाने वाली अपनी भेंट का भाग हर एक नेता एक एक दिन लाएगा।”

12-83 [k] बारह नेताओं में से प्रत्येक नेता अपनी—अपनी भेंटें लाया। वे भेंटें ये हैं:

प्रत्येक नेता चाँदी की एक थाली लाया जिसका वजन था एक सौ तीस शेकेल।[l] प्रत्येक नेता चाँदी का एक कटोरा लाया जिसका वजन सत्तर शेकेल था[m] इन दोनों ही उपहारों को पवित्र अधिकृत भार से तोला गया था हर कटोरे और हर थाली में तेल मिला बारीक आटा भरा हुआ था। यह अन्नबलि के रुप में प्रयोग में लाया जाना था प्रत्येक नेता सोने की एक बड़ी करछी भी लेकर आया जिसका भार दस शेकेल था।[n] इस करछी में धूप भरी हुई थी।

प्रत्यके नेता एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक वर्ष का एक मेमना

84 इस प्रकार ये सभी चीज़ें इस्राएल के लोगों के नेताओं की भेंटें थी। ये चीज़ें तब लाई गई जब मू भी लाया। ये पशु होमबलि के लिए थे। प्रत्येक नेता पापबलि के रूप में इस्तेमाल किये जाने के लिए एक बकरा भी लाया। प्रत्येक नेता दो गाय, पाँच मेढ़े, पाँच बकरे और एक एक वर्ष के पाँच मेमने लाया। इन सभी की मेलबलि दी गयी। अम्मीनादाब का पुत्र नहशोम, जो यहूदा के परिवार समूह से था, पहले दिन अपनी भेंटें लाया। दूसरे दिन सूआर का पुत्र नतनेल जो इस्साकार का नेता था, अपनी भेंटें लाया। तीसरे दिन हेलोन का पुत्र एलीआब जो जबूलूनियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। चौथे दिन शदेऊर का पुत्र एलीसूर जो रूबेनियों का नेता था, अपनी भेटें लाया। पाँचवे दिन सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल जो शमौनियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। छठे दिन दूएल का पुत्र एल्यासाप जो गादियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। सातवें दिन अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा जो एप्रैम के लोगों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। आठवें दिन पदासूर का पुत्र गम्लीएल जो मनश्शे के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। नवें दिन गिदोनी का पुत्र अबीदान जो बिन्यामिन के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। दसवें दिन अम्मीशद्दै का पुत्र आखीआजर जो दान के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। ग्यारहवें दिन

और फिर बारहवें दिन एनान का पुत्र अहीरा जो नप्ताली के लोगों का नेता था, अपओक्रान का पुत्र पजीएल जो आशेर के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। नी भेंटें लेकर आया। सा ने वेदी को विशेष तेल डालकर समर्पित किया। वे बारह चाँदी की तश्तरियाँ, बारह चाँदी के कटोरे और बारह सोने के चम्मच लाए। 85 चाँदी की हर एक तश्तरी का वजन लगभग सवा तीन पौंड़ था और हर एक कटोरे का वजन लगभल पौने दो पौंड़ था। चाँदी की तश्तरियों और चाँदी के कटोरों का कुल अधिकृत भार साठ पौंड था। 86 सुगन्धि से भरे सोने के चम्मचों में से प्रत्येक का अधिकृत भार दस शेकेल था। बारह सोने के चम्मचों का कुल वजन लगभग तीन पौंड था।

87 होमबलि के लिए जानवरों की कुल संख्या बारह बैल, बारह मेढ़े और बारह एक बर्ष के मेमने थे। वहाँ अन्नबलि भी थी। यहोवा को पापबलि के रुप में उपयोग में आने वाले बारह बकरे भी थे। 88 नेताओं ने मेलबलि के रुप में उपयोग और मारे जाने के लिए भी जानवर दिए। इन जानवरों की संख्या थी चौबीस बैल, साठ मेढ़े, साठ बकरे और साठ एक वर्ष के मेमने थे। वेदी के समर्पण काल में ये चीज़ें भेंट के रुप में दी गईं। यह मूसा द्वारा अभीषेक का तेल उन पर डालने के बाद हुआ।

89 मूसा मीलापवाले तम्बू में यहोवा से बात करने गया। उस समय उसने अपने से बात करती हुई यहोवा की वाणी सुनी। वह वाणी साक्षीपत्र के सन्दूक के ऊपर के विशेष ढक्कन पर के दोनों करूबों के मध्य से आ रही थी। इस प्रकार परमेश्वर ने मूसा से बातें की।

दीपाधार

यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून से बात करो और उससे कहो, उन स्थानों पर सात दीपकों को रखो जिन्हें मैंने तुम्हें दिखाया था। वे दीपक दीपाधार के सामने के क्षेत्र को प्रकाशित करेंगे।”

हारून ने यह किया। हारून ने दीपकों को उचित स्थान पर रखा और उनका रुख ऐसा कर दिया कि उससे दीपाधार के सामने का क्षेत्र प्रकाशित हो सके। उसने मूसा को दिये गए यहोवा के आदेश का पालन किया। दीपाधार सोने की पट्टियों से बना था। सोने का उपयोग आधार से आरम्भ हुआ था और ऊपर सुनहरे फूलों तक पहुँचा हुआ था। यह सब उसी प्रकार बना था जैसा कि यहोवा ने मूसा को दिखाया था।

लेबीवंशियों का समर्पण

यहोवा ने मूसा से कहा, “लेवीवंश के लोगों को इस्राएल के अन्य लोगों से अलग ले जाओ। उन लेवीवंशी लोगों को शुद्ध करो। यह तुम्हें पवित्र बनाने के लिए करना होगा। पापबलि से विशेष पानी[o] उन पर छिड़को। यह पानी उन्हें पवित्र करेगा। तब वे अपने शरीर के बाल कटवायेंगे तथा अपने कपड़ों को धोएंगे। यह उनके शरीर को शुद्ध करेगा।

“तब वे एक नया बैल और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्नबलि लेंगे। यह अन्नबलि, तेल मिला हुआ आटा होगा। तब अन्य बैल को पापबलि के रूप में लो। लेवीवंश के लोगों को मिलापवाले तम्बू के सामने के क्षेत्र में लाओ। तब इस्राएल के सभी लोगों को चारों ओर से इकट्ठा करो। 10 तब तुम्हें लेवीवंश के लोगों को यहोवा के सामने लाना चाहिए और इस्राएल के लोग अपना हाथ उन पर रखेंगे।[p] 11 तब हारून लेवीवंश के लोगों को यहोवा के सामने लाएगा वे परमेस्वर के लिए भेंट के रूप में होंगे। इस ढंग से लेवीवंश के लोग यहोवा का विशेष कार्य करने के लिए तैयार होंगे।

12 “लेवीवंश के लोगों से कहो कि वे अपना हाथ बैलों के सिर पर रखें। एक बैल यहोवा को पापबलि के रूप में होगा। दूसरा बैल यहोवा को होमबलि के रूप में काम आएगा। ये भेंटे लेवीवंश के लोगों को शुद्ध करेंगी। 13 लेवीवंश के लोगों से कहो कि वे हारून और उसके पुत्रों के सामने खड़े हों। तब यहोवा के सामने लेवीवंश के लोगों को उत्तोलन भेंट के रूप में प्रस्तुत करो। 14 यह लेवीवंश के लोगों को पवित्र बनायेगा। यह दिखायेगा कि वे परमेस्वर के लिये विशेष रीति से इस्तेमाल होंगे। वे इस्राएल के अन्य लोगों से भिन्न होंगे और लेवीवंश के लोग मेरे होंगे।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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