Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 42 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 43 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'उत्पत्ति 24:1-21' not found for the version: Saral Hindi Bible
रोमियों 2:17-29

व्यवस्था और यहूदी

17 किन्तु तुम—यदि तुम यहूदी हो तथा व्यवस्था का पालन करते हो; परमेश्वर से अपने सम्बन्ध का तुम्हें गर्व है; 18 तुम्हें परमेश्वर की इच्छा मालूम है, तुम अच्छी-अच्छी वस्तुओं के समर्थक हो क्योंकि तुम्हें इनके विषय में व्यवस्था से सिखाया गया है; 19 तुम्हें यह निश्चय है कि तुम दृष्टिहीनों के लिए सही पथप्रदर्शक हो; जो अन्धकार में हैं उनके लिए ज्योति हो; 20 मन्दबुद्धियों के गुरु तथा बालकों के शिक्षक हो क्योंकि तुमने व्यवस्था में उस ज्ञान तथा उस सच्चाई के नमूने को पहचान लिया है; 21 इसलिए तुम, जो अन्यों को शिक्षा देते हो, स्वयं को शिक्षा क्यों नहीं देते? तुम, जो यह उपदेश देते हो, “चोरी मत करो,” क्या तुम स्वयं ही चोरी नहीं करते! 22 तुम, जो यह सिखाते हो, “व्यभिचार अनुचित है,” क्या तुम स्वयं ही व्यभिचार में लीन नहीं हो! तुम, जो मूर्तियों से घृणा का दिखावा करते हो, स्वयं ही उनके मन्दिर नहीं लूटते! 23 तुम, जो व्यवस्था पर गर्व करते हो, क्या तुम स्वयं ही व्यवस्था भंग कर परमेश्वर की ही प्रतिष्ठा भंग नहीं करते! 24 जैसा कि पवित्रशास्त्र का ही लेख है: तुम अन्यजातियों के बीच परमेश्वर की निंदा के कारण हो.

ख़तना द्वारा छुड़ौती नहीं

25 इसमें सन्देह नहीं कि ख़तना का अपना महत्व है—उसी स्थिति में, जब तुम व्यवस्था का पालन करते हो; किन्तु यदि तुमने व्यवस्था भंग कर ही दी तो तुम्हारा ख़तना ख़तनारहित समान हो गया. 26 इसलिए यदि कोई बिना ख़तना का व्यक्ति व्यवस्था के आदेशों का पालन करता है, तब क्या उसका बिना ख़तना के होना ख़तना होने जैसा न हुआ? 27 तब शारीरिक रूप से बिना ख़तना के वह व्यक्ति, जो शारीरिक रूप से व्यवस्था का पालन करने वाला है, क्या तुम पर उँगली न उठाएगा—तुम, जो स्वयं पर व्यवस्था की छाप लगाए हुए तथा ख़तना किए हुए भी हो और फिर भी व्यवस्था भंग करते हो?

28 वास्तविक यहूदी वह नहीं, जिसका मात्र बाहरी स्वरूप यहूदियों-सा है और न वास्तविक ख़तना वह है, जो बाहरी रूप से मात्र शरीर में ही किया गया है; 29 यहूदी वह है, जो अपने मन में यहूदी है तथा ख़तना वह है, जो पवित्रात्मा के द्वारा हृदय का किया जाता है, न कि वह, जो मात्र व्यवस्था के अन्तर्गत किया जाता है. इस प्रकार के व्यक्ति की प्रशंसा मनुष्यों द्वारा नहीं, परन्तु परमेश्वर द्वारा की जाती है.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.