Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
जब दाऊद अबीमेलेक क समन्वा पागल होइ क देखाँवा किहस। जेहसे अबीमेलेक ओका भगाइ देइ, इ प्रकार दाऊद ओका तजिके चला गवा। उहइ अवसर पइ दाऊद क एक ठु पद।
1 मइँ यहोवा क सदा धन्न कहब।
मोरे ओंठन पइ सदा ओकर स्तुति अहइ।
2 हे नम्र लोगो! सुना अउ खुस होइ जा।
मोर सेखी यहोवा क बारे मँ अहइ।
3 मोरे संग यहोवा क गरिमा क गुणगान करा।
आवा, हम एक साथ घोसना करी कि उ केतॅना अच्छा अहइ।
4 मइँ परमेस्सर क लगे मदद माँगइ गएउँ, उ मोर सुनेस।
उ मोका ओन सबहिं बातन स बचाएस जेनसे मइँ डेरात हउँ।
5 गरीब लोग ओकरे कइँती मदद बरे लखत हीं।
ओनकर फीका चेहरन खुसी स गाइ उठेन
काहेकि उ ओनका उत्तर दिहस।
6 इ दीन जन यहोवा क मदद बरे पुकारेस,
अउर यहोवा मोर सुनि लिहस।
अउर उ सब विपत्तियन स मोर रच्छा किहस।
7 यहोवा क दूत ओकरे भगत जनन क चारिहुँ कइँती डेरा डाए रहत ह।
अउर यहोवा क दूत ओन लोगन क रच्छा करत ह।
8 चखा अउर समझा कि यहोवा केतॅना भला बाटइ।
उ मनई जउन यहोवा क भरोसे अहइ फुरइ खुस रही।
19 होइ सकत ह सज्जन भी बिपदन मँ घिर जाइँ।
मुला यहोवा ओन सज्जन लोगन क ओनकर हर समस्या स रच्छा करी।
20 यहोवा ओनकइ सब हाड़न क रच्छा करी।
ओनकर एक भी हाड़ नाहीं टूटी।
21 दुट्ठता दुटठ लोगन बरे मउत लावत ह।
सज्जन क विरोधी नस्ट होइ जइहीं।
22 यहोवा आपन हर दास क आतिमा बचावत ह।
जउन लोग ओह पइ भरोसा रखत हीं, उ ओन लोगन क नस्ट नाहीं होइ देइ।
नहेमायाह क बिनती
1 इ सबइ हकल्याह क पूत नहेमायाह क बचन अहइँ: मइँ, नहेमायाह, किसलवे नाउँ क महीने मँ सूसन नाउँ क राजधानी नगरी मँ रहेउँ। इ उ समई रहा जब अर्तछत्र नाउँ क राजा क राज क बीसवाँ बरिस चलत रहा। 2 मइँ जब अबहिं सूसन मँ रहेउँ तउ हनानी नाउँ क मोर एक भाई अउर कछू दूसर लोग यहूदा स हुवाँ आएन। मइँ ओनसे हुवाँ रह रहे यहूदियन क बारे मँ पूछेउँ। इ सबइ उ सब लोग रहेन जउन बन्धुआई स बच निकरे रहेन अउर अबहिं तलक यहूदा मँ रहत रहेन। मइँ ओनसे यरूसलेम नगरी क बारे मँ भी पूछे रहेउँ।
3 हनानी अउ ओकरे संग क लोग बताएन, “हे नहेमायाह, उ सबइ यहूदी जउन बंधुआई स बच निकरे रहेन अउर जउन यहूदा मँ रहत अहइँ, गहन बिपत्ति मँ प़ड़ा अहइँ। ओन लोगन क समन्वा बहोत स समस्या अहइँ अउर उ पचे बड़े लज्जित होत अहइँ। काहेकि यरूसलेम क नगर परकोटा ढह गवा अहइ अउर ओकर प्रवेस दुआर आगी स जरिके राखी होइ गए अहइँ।”
4 मइँ जब यरूसलेम क लोगन अउर नगर परकोटन क बारे मँ उ सबइ बातन सुनेउँ तउ मइँ बहोत बियाकुल होइ उठेउँ। मइँ बइठ गएउँ अउर रोइ उठेउँ। मइँ बहुत दिना तलक विलाप करत रहउँ। बहोत दिना तलक मइँ सरग क परमेस्सर स पराथना करत भए उपवास करत रहेउँ। 5 एकरे पाछे मइँ इ पराथना किहेउँ:
“हे यहोवा, हे सरग क परमेस्सर, तू महान अहा अउर तू सक्तीसाली परमेस्सर अहा जउन ओन लोगन क संग अपने पिरेम क वाचा क पालन करत ह जउन तोहसे पिरेम करत हीं अउर तोहरे आदेसन पइ चलत ही।
6 “आपन आँखिन अउ अपने कान खोला। कृपा कइके तोहरे समन्वा तोहार सेवक राति दिन जउन पराथना करत रहत ह, ओह पइ कान द्या। मइँ तोहार सेवक, इस्राएल क लोगन क बरे बिनती करत हउँ। मइँ ओन पापन क स्वीकार करत हउँ जेनका हम इस्राएल क लोग तोहरे खिलाफ किहन ह। अउर मइँ इ भी स्वीकार करत हउँ कि मइँ तोहरे खिलाफ पाप किहेउँ ह, अउर इ भी कि मोरे बाप क परिवार क दूसरे लोग तोहरे खिलाफ पाप किहेन ह। 7 हम इस्राएल क लोग तोहरे बरे बहोत बुरे रहेन ह। हम तोहरे ओन आदेसन अउ नेमन क पालन नाहीं किहे अही जेनका तू अपने सेवक मूसा क दिहे रह्या।
8 “तू अपने सेवक मूसा क जउन सिच्छा दिहे रह्या, कृपा कइके ओका याद करा। तू ओहसे कहे रह्या, ‘जदि इस्राएल क लोग आपन बिस्सास नाहीं बनाए रख्या तउ मइँ तोहका तितर-बितर कइके दूसर देसन मँ फइलाइ देब। 9 मुला जदि इस्राएल क लोग मोरी कइँती लउटइँ अउर मोरे आदेसन पइ चलइँ, तउ मइँ अइसा करब: मइँ तोहरे ओन लोगन क, जेनका अपने घरन क छोड़इ बरे अउर धरती क दूसरे छोरन तलक निर्वासन होइ बरे मज़बूर कीन्ह ग रहेन बटोरब अउर ओन जगह स उ जगह पइ वापस लइ आउब मइँ जउने जगह क आपन नाउँ स्थापित करइ बरे चुनेउँ ह।’
10 “इस्राएल क लोग तोहार सेवक अहइँ अउर उ पचे तोहरे ही लोग अहइँ। तू अपनी महासक्ती दुआरा ओन लोगन क बचाएस ह अउर ओका सुरच्छित जगह पइ लइ आवा ह। 11 एह बरे हे यहोवा, कृपा कइके अब मोर बिनती सुना। मइँ तोहार सेवक अहउँ अउर कृपा कइके अपने सेवकन क बिनती पइ कान द्या जउन तोहरे नाउँ क मान देइ चाहत ही। जब मइँ राजा स सहारा माँगब तब तू मोर सहायता करा। मोका सफल बनावा। मोका सहायता द्या ताकि मइँ राजा क बरे प्रसन्नतादायक बना रहउँ।”
तब मइँ राजा क दाखरस सेवक रहा।
11 अगर लेवी सम्बन्धी याजकता द्वारा पूर्णता पाइ जाइ सकत काहेकि इही क अधार प लोगन क व्यवस्था दीन्ह गवा रहा। त कउनो दुसर याजक क आवइ क जरूरत इ का रही? एक अइसेन याजक क जउन मलिकिसिदक क परम्परा क होइ, न कि हारून क परम्परा क। 12 काहेकि जब याजकता भी बदलत ह, तउ व्यवस्था मँ भी परिवर्तन होइ चाही। 13 जेकरे बिषय मँ इ सबइ बात कही गइ बाटिन, उ कउनो दुसरे गोत्र क अहइ, अउर ओह गोत्र क कउनो मनई कबहुँ वेदी क सेवक नाहीं रहा। 14 काहेकि इ तउ स्पस्ट इ बा कि हमार पर्भू यहूदा क बंसज रहा अउर मूसा तउ ओह-गोत्र क बरे याजकन क बारे मँ कछू नाहीं किहे रहा।
ईसू मलिकिसिदक क जइसनएक याजक हयेन
15 अउर जउन कछू हमहूँ कहे हई अउर उ स्पस्ट बा कि मलिकिसिदक क जइसेन एक दुसर याजक प्रकट होत ह। 16 उ आपन वंसावली क नियम क आधार प नाहीं बल्कि एक अनन्त जीवन क सक्ती क आधार प याजक बना अहइ। 17 काहेकि घोसित कीन्ह गवा रहा, “तू अहा एक याजक सास्वत मलिकिसिदक क जइसा।”(A)
18 पहिला नियम एह बरे रद्द कइ दीन्ह गवा काहेकि उ कमजोर अउर बेकार रहा। 19 काहेकि व्यवस्था तउ कउनो क सम्पूर्ण सिद्ध नाहीं किहेस अउर एक अच्छी आसा क सूत्रपात किन्ह गवा जेकरे द्वारा हम परमेस्सर क लगे खिंचित ह।
20 इ बात भी महत्वपूर्ण बा कि परमेस्सर तउ ईसू क सपथ क द्वारा महायाजक बनाए रहा। जबकि अउरन क बिना सपथ कउनो महायाजक बनावा गवा रहा। 21 मुला ईसू तब एक सपथ स याजक बना रहा, जब परमेस्सर तउ ओसे कहे रहा,
“पर्भू तउ लिहे अहइ सपथ
अउर उ कबहुँ नाहीं बदली निज मत
‘तू अह एक ठु याजक सास्वत।’” (B)
22 इ सपथ क कारण ईसू एक अउर अच्छा करार क जमानत बन गवा बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.