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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 26

दाऊद क समर्पित।

हे यहोवा, मोर निआव करा, प्रमाणित करा कि मइँ पवित्तर जिन्नगी बिताएउँ ह।
    मइँ यहोवा पइ कबहुँ बिस्सास करब नाहीं तजे रहेउँ।
हे यहोवा, मोका परखा अउर मोर जाँच करा,
    मोर हिरदइ मँ अउर बुद्धि क निचके स लखा।
मइँ तोहरे पिरेम क सदा ही लखत हउँ,
    मइँ तोहरे सत्य क सहारे जिअत रहत हउँ।
मइँ ओन बेकार लोगन मँ स नाहीं अहउँ।
मइँ बुरे लोगन क संगति स घिना करत हउँ।
    मइँ दुस्ट लोगन मँ सामिल नाहीं होत हउँ।

हे यहोवा, मइँ निर्दोखी दिखाइ बरे आपन हथवा धोए हउँ,
    एह बरे सायद मइँ तोहार वेदी पइ आइ सकत हउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रसंसा क गीत गावत हउँ,
    अउर जउन अचम्भा स भरा करम तू किह्या ह, ओनके बारे मँ मइँ गीत गावत हउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहार मनोहर मन्दिर स अउ उ तम्बू स
    जहाँ तोहार महिमा[a] निवास करत ह पिरेम करत हउँ।

हे यहोवा, तू मोका ओन पापियन क दले मँ जिन मिलावा,
    जब तू ओन हत्तियारन क प्राण लेब्या तब मोका जिन मार्या।
10 उ हमेसा दूसर लोगन क धोखा देइ बरे
    अउर रिसवत लेइ बरे तइयार रहत ह।
11 लेकिन मइँ अटल हउँ, तउ हे परमेस्सर,
    मोहे पइ दयालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
12 मइँ नेक जिन्नगी जिअत रहेउँ।
    मइँ तोहरी बड़कई गीत, हे यहोवा, जब भी तोहार भक्त मण्डली साथे मिलि गइ, गावत रहेउँ।

अय्यूब 4

एलीपज क कथन

तब तेमान क एलीपज जवाब दिहेस:

“अगर मइँ तोहका कउनो राय देउँ
    तउ का तू नाराज़ होब्या? अगर अइसा अहइ तउ भी मोका बोलइ चाही।
हे अय्यूब, तू बहोत स लोगन क सिच्छा दिहा
    अउर दुर्बल हाथन क तू सक्ती दिहा।
जउन लोग लड़खड़ात रहत रहेन तोहार सब्दन ओनका हिम्मत बँधाए रहेन
    तू निर्बल गोड़न क आपन उत्साह स सबल किहा।
मुला अब तोह पइ विपत्ति क पहाड़ टूट पड़ा बाटइ
    अउर तोहार हिम्मत टूट गइ अहइ।
विपदा क मार तोह पइ पड़ी
    अउर तू ब्याकुल होइ उठ्या।
तोहका उ परमेस्सर पइ बिस्सास करइ चाही
    जेका तू उपासना करत ह।
आपन ईमानदारी क
    आपन आसा बनने दया।
अय्यूब, इ बात क याद राखा कि कउनो भी निर्दोख कबहुँ नाही नस्ट कीन्ह गएन।
    नीक मनई कबहुँ नाहीं तबाह कीन्ह गवा अहइ।
मइँ अहसे लोगन क लखेउँ ह जउन कस्टन क बढ़ावत हीं
    अउर जउन जिन्नगी क कठिन करत हीं।
    मुला उ पचे सदा ही दण्ड भोगत हीं।
परमेस्सर क दण्ड ओन लोगन क मारि डावत ह,
    अउर ओकर किरोध ओनका नस्ट करत ह।
10 दुर्जन सेर क तरह गुर्रात अउ दहाड़त हीं।
    मुला परमस्सर ओन दुर्जनन क चुप करावत ह।
11 बुरे लोग ओन सेरन क तरह होत हीं जेनके लगे सिकार बरे कछू नाहीं होत।
    उ पचे मरि जात हीं अउर ओनकर गदेलन एहर-ओहर बिखराइ जात हीं।

12 “मोरे लगे एक सँदेसा चुपचाप पहुँचावा गवा,
    अउर मोरे काने मँ ओकर भनक पड़ी।
13 जउने तरह राति क बुरा सपना
    नींद क उड़ाइ देत ह,
14 मइँ डेराइ गएउँ अउ काँपते लगेउँ।
    मोर सबइ हडिडयन हिल गइन।
15 मोरे समन्वा स एक आतिमा जइसी गुजरी
    जेहसे मोरे बदन मँ रोंगटा खड़ा होइ गएन।
16 उ आतिमा मोर समन्वा उठेस,
    मुला मइँ एका नाहीं पहिचान सकउँ।
मोरी आँखिन क समन्वा एक सरुप खड़ा रहा।
    हुवाँ सन्नाटा स छावा रहा।
    फुन मइँ एक बहोत स सान्त आवाज सुनेउँ।
    उ पचे कहेस,
17 ‘का एक मनई परमेस्सर क समन्वा दोखरहित होइ सकत ह?
    का एक मनई आपन सृजनहार स जियादा सुद्ध होइ सकत ह?
18 परमेस्सर आपन सरग क सेवकन तक पइ भरोसा नाहीं कइ सकत।
    परमेस्सर क आपन दूतन तलक मँ दोख मिलि जात हीं।
19 तउ मनई तउ अउर भी जियादा गवा गुजरा बा।
    मनई तउ कच्ची माटा क घरौंदा मँ रहत हीं।
    एँन माटी क घरौंदन क नींव धूरि मँ रखी गइ अहइ।
इ सबइ लोगन क ओहसे भी जियादा आसानी स मसलिके मार दीन्ह जात ह,
    जउने तरह भुनगन मसलिके मार दीन्ह जात ह।
20 लोग भोर स साँझ क बीच मँ मर जात हीं
    मुला ओन पइ कउनो धियान तलक नाहीं देत ह।
    उ पचे मरि जात हीं अउर सदा बरे चला जात हीं।
21 ओनके तम्बूअन क खूंटी उखाड़ दीन्ह जात हीं
    अउर इ सबइ लोग बिना बुद्धि क मरि जात हीं।’

रोमियन 8:1-11

आतिमा स जीवन

एह तरह अब ओनके बरे जउन मसीह ईसू मँ स्थित बाटेन ओनके बरे, कउनउ दण्ड नाहीं बा। काहेकि आतिमा क व्यवस्था त जउन मसीह ईसू मँ जीवन देत ह, मोका पाप क व्यवस्था स जउन मउत क तरफ लइ जात ह, स्वतन्त्र कई दीन्ह बा। जेका मूसा क उ व्यवस्था जउन मनई क भौतिक सुभाऊ क कारण कमजोर बनाइ दीन्ह गइ रही, नाहीं कई सकी ओका परमेस्सर अपने पूत क हमरेन जइसे सरीर मँ पठइ क जेहसे हम पाप करत ह-ओकर भौतिक देह क पापवाली बवाइ क पाप क खतम कइके पूरा किहेस। जेहसे कि हमरे जरिये, देहे क भौतिक पातकी अहम स नाही, बल्कि आतिमा क विधि स जिअत हीं व्यवस्था क जरूरत पूरी कई जाइ सकइ।

काहेकि उ सबइ जउन अपने भौतिक मनई सुभाउ क अनुसार जिअत हीं, ओनकर भौतिक मनई सुभाउ क इच्छा पर टिकी रहत ह परन्तु उ जउन आतिमा क अनुसार जिअत हीं, ओनकर बुद्धि जउन आतिमा चाहत ह ओनहिन इच्छा मँ लगी रहत ह। भौतिक मनई सुभाउ क बस मँ रहइवाला मने क अन्त मउत अहइ, परन्तु आतिमा क बस मँ रहइवाली बुद्धि क परिणाम अहइ जीवन अउ सान्ति। इही तहर भौतिक मनई सुभाउ स अनुसासित मन परमेस्सर क विरोधी अहइ। काहेकि उ न तउ परमेस्सर क व्यवस्था क अधीन बा अउ न होइ सकत ह। अउर उ जउन भौतिक मनइ सुभाउ क अनुसार जिअत हीं परमेस्सर क खुस नाहीं कइ सकत हीं।

परन्तु तू पचे भौतिक मनई सुभाउ क अधीन नाहीं अहा, बल्कि आतिमा क अधीन अहा अगर सही मँ तोहसे परमेस्सर क आतिमा क निवास बा। परन्तु अगर कउनो मँ ईसू मसीह क आतिमा नाहीं बा त उ मसीह क नाहीं बा। 10 दुसरे कइँती अगर तोहमाँ मसीह अहइ तउ चाहे तोहरे देह पाप क बरे मरि चुकी होइ बा पवित्तर आतिमा परमेस्सर क साथे तोहे धार्मिक ठहराइ क खुद तोहरे बरे जीवन बन जात ह। 11 अउर अगर उ आतिमा जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रही, तोहरे भित्तर बास करत ह, तउ उ परमेस्सर जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रहा, तोहरे नासमान सरीरन क आपन आतिमा स जउन तोहरे ही भित्तर बसत ह, जीवन देई।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.