M’Cheyne Bible Reading Plan
1 परमेसर के बेटा यीसू मसीह के सुघर संदेस के सुरूआत। 2 जइसने यसायाह अगमजानी के किताब म लिखे हवय:
“देखव, मेंह अपन संदेसिया ला तोर आघू पठोवत हंव, जऊन ह तोर खातिर रसता बनाही।[a] 3 सुनसान जगह म एक संदेसिया अवाज देवत रिहिस कि परभू के रसता ला बनावव अऊ ओकर रसता ला सीधा करव।”[b]
4 इही संदेसिया यूहन्ना रिहिस, जऊन ह सुनसान जगह म रहत रिहिस। अऊ बतिसमा देके सिखोवत रिहिस कि पाप के छेमा खातिर पछताप के बतिसमा लेवव। 5 यरूसलेम सहर अऊ यहूदिया छेत्र के जम्मो झन निकरके ओकर करा गीन। अऊ अपन-अपन पाप ला मानके यरदन नदी म ओकर ले बतिसमा लीन। 6 यूहन्ना ह ऊंट के रोआं के बने कपड़ा पहिरय अऊ अपन कनिहां म चमड़ा के बने पट्टा बांधय, ओह फांफा अऊ जंगली मंधरस खावय। 7 अऊ ओह ए बतात फिरत रिहिस कि मोर बाद एक झन अवइया हवय, जऊन ह मोर ले अऊ महान ए। मेंह एकर लइक घलो नो हंव कि निहरके ओकर पनही के फीता ला खोलंव। 8 मेंह तुमन ला पानी म बतिसमा देवत हंव, पर ओह तुमन ला परमेसर के पबितर आतमा म बतिसमा दिही।
यीसू के बतिसमा अऊ परिछा
(मत्ती 3:13–4:11; लूका 3:21-22; 4:1-13)
9 ओ समय म, यीसू ह गलील के नासरत नगर ले आईस अऊ यरदन नदी म यूहन्ना ले बतिसमा लीस। 10 जब यीसू ह पानी ले निकरके ऊपर आईस, तभे ओह स्वरग ला खुलत अऊ परमेसर के आतमा ला पंड़की सहीं अपन ऊपर उतरस देखिस। 11 अऊ स्वरग ले ए अवाज आईस: “तेंह मोर मयारू बेटा अस, तोर ले मेंह बहुंत खुस हवंव।”
12 तब आतमा ह तुरते ओला सुनसान ठऊर म पठोईस। 13 अऊ सुनसान जगह म चालीस दिन तक सैतान ह ओकर परिछा लीस। ओह जंगली पसुमन संग रहत रिहिस अऊ स्वरगदूतमन ओकर सेवा करत रिहिन।
यीसू के पहिली चेला
(मत्ती 4:18-22; लूका 5:1-11)
14 पाछू जब यूहन्ना ला जेल म डाले गीस, त यीसू ह गलील प्रदेस म जाके परमेसर के सुघर-संदेस के परचार करिस। 15 अऊ कहिस, “समय ह पूरा हो चुके हवय; परमेसर के राज ह लकठा आ गे हवय। मन-फिरावव अऊ सुघर-संदेस म बिसवास करव।”
16 गलील के झील के तीरे-तीर जावत, ओह सिमोन अऊ ओकर भाई अन्द्रियास ला झील म जाल डारत देखिस, काबरकि ओमन मछुआर रिहिन। 17 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मोर पाछू आवव, मेंह तुमन ला मनखेमन के मछुआर बनाहूं।” 18 ओमन तुरते जाल ला छोंड़के ओकर पाछू हो लीन। 19 थोरकन आघू जाय के बाद, ओह जबदी के बेटा याकूब अऊ ओकर भाई यूहन्ना ला डोंगा म जाल सिलत देखिस। 20 यीसू ह तुरते ओमन ला बलाईस, अऊ ओमन अपन ददा जबदी ला बनिहारमन संग डोंगा म छोंड़के ओकर पाछू चल दीन।
यीसू परेत आतमा ला निकारथे
(लूका 4:31-37)
21 ओमन कफरनहूम सहर म आईन अऊ यीसू ह बिसराम के दिन, यहूदीमन के सभा घर म जाके उपदेस देवन लगिस। 22 मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रहंय, काबरकि ओह कानून के गुरूमन सहीं नइं, पर अधिकार के संग उपदेस देवत रिहिस। 23 ओही बेरा ओमन के सभा घर म, एक झन मनखे रिहिस, जेकर भीतर परेत आतमा रहय। 24 ओह चिचियाके कहिस, “हे नासरत के यीसू! हमर ले तोर का काम? का तेंह हमन ला नास करे बर आय हवस? मेंह जानत हंव, तेंह कोन अस? तेंह परमेसर के पबितर मनखे अस।” 25 यीसू ह ओला दबकारके कहिस, “चुपे रह! अऊ ओम ले निकर जा।” 26 तब परेत आतमा ह ओला अइंठके, अब्बड़ चिचियावत ओम ले निकर गीस। 27 एला देखके, जम्मो मनखेमन चकित होवत, एक दूसर ले पुछन लगिन, “एह का बात ए? एह तो कोनो नवां उपदेस ए। ओह अधिकार के संग परेत आतमामन ला हुकूम देथे, अऊ ओमन ओकर बात ला मानथें।” 28 तुरते गलील के जम्मो इलाका म ओकर समाचार फइल गीस।
यीसू ह अब्बड़ झन ला चंगा करथे
(मत्ती 8:14-17; लूका 4:38-41)
29 तब ओह सभा घर ले निकरके, याकूब अऊ यूहन्ना संग सिमोन अऊ अन्द्रियास के घर गीस। 30 उहां सिमोन के सास ह अब्बड़ जर के खातिर बेमार पड़े रहय, अऊ ओमन यीसू ला ओकर बारे म बताईन। 31 ओह ओकर करा जाके, ओकर हांथ ला धरके उठाईस, ओतकीच म ओकर जर ह उतर गीस अऊ ओह उठके, ओमन बर खाना बनाय लगिस। 32 संझा के बेरा, जब बेर बुड़ गे, त मनखेमन जम्मो बेमरहा अऊ जऊन मन ला भूत धरे रहय, यीसू करा लानिन। 33 अऊ उहां कफरनहूम सहर के एक बड़े भीड़ घर के दुवारी के आघू म जुर गीस। 34 यीसू ह कतको बेमरहामन ला बने करिस अऊ बहुंत परेत आतमामन ला निकारिस, पर ओह परेत आतमामन ला बोलन नइं दीस, काबरकि ओमन ह ओला चिनहत रिहिन।
पराथना करे बर यीसू एकांत म जाथे
(लूका 4:42-44)
35 बड़े बिहनियां, बेर निकरे के पहिली, यीसू ह उठके एक सुनसान ठऊर म गीस अऊ उहां पराथना करन लगिस। 36 सिमोन अऊ ओकर संग के मन ओला खोजत रिहिन। 37 जब ओह मिलिस, त ओला कहिन, “जम्मो झन तोला खोजत हवंय।” 38 यीसू ह कहिस, “आवव, तीर-तार के गांव म घलो जाई कि मेंह उहां घलो परचार कर सकंव, काबरकि मेंह एकरे खातिर आय हवंव।” 39 अऊ ओह जम्मो गलील प्रदेस म, ओमन के सभा घर म जा-जाके परचार करिस अऊ परेत आतमामन ला निकारिस।
एक कोढ़ी के चंगई
(मत्ती 8:1-4; लूका 5:12-16)
40 एक कोढ़ी मनखे ओकर करा आईस अऊ ओकर आघू म माथा टेकके बिनती करिस, “यदि तें चाहबे, त मोला बने कर सकथस।” 41 यीसू ह ओकर ऊपर तरस खाके अपन हांथ ला बढ़ाईस अऊ ओला छुके कहिस, “मेंह चाहत हंव कि तेंह बने हो जा।” 42 ओतकीच बेरा ओकर कोढ़ ह खतम हो गीस अऊ ओह बने हो गीस। 43 यीसू ह ओला चेताके तुरते बिदा करिस अऊ ओेला कहिस, 44 “एकर बारे म कोनो ला कुछू झन कहिबे, पर जाके पुरोहित ला देखा, अऊ कोढ़ीमन के बने होय के बारे म जइसने मूसा ह ठहराय हवय, वइसने बलिदान चघा, तब मनखेमन के आघू म तोर बने होय के गवाही होही।” 45 पर ओह बाहिर जाके अपन चंगा होय के बारे म खुलके बताय लगिस, जेकर कारन, यीसू ह फेर नगर म खुल्लम-खुल्ला नइं जा सकिस; ओला नगर के बाहिर एकांत जगह म रहे पड़िस। तभो ले चारों कोति ले मनखेमन ओकर करा आवत रिहिन।
1 ए चिट्ठी ह मसीह यीसू के सेवक पौलुस के तरफ ले अय, जऊन ह प्रेरित होय बर बलाय गे हवय, अऊ परमेसर के सुघर संदेस के परचार करे बर अलग करे गे हवय।
2 परमेसर ह बहुंत पहिली ले अपन अगमजानीमन के जरिये पबितर बचन म ए सुघर संदेस के वायदा करे रिहिस। 3 ए सुघर संदेस ह ओकर बेटा हमर परभू यीसू मसीह के बारे म अय, जऊन ह मनखे रूप धरके दाऊद के बंस म पैदा होईस, 4 अऊ पबितर आतमा के मुताबिक, ओह सामरथ के संग परमेसर के बेटा ठहरिस, जब परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस। 5 ओकरे जरिये हमन ला अनुग्रह अऊ प्रेरित के पद मिलिस, ताकि ओकर नांव के हित म, हमन जम्मो जाति के मनखेमन ला बलावन कि ओमन बिसवास करंय अऊ ओकर हुकूम ला मानंय। 6 तुम्हर घलो गनती ओमन म होथे, जऊन मन यीसू मसीह के होय बर बलाय गे हवंय।
7 ए चिट्ठी ह ओ जम्मो झन ला लिखे जावत हे, जऊन मन रोम सहर म हवंय अऊ परमेसर के मयारू अंय अऊ संत होय बर बलाय गे हवंय।
हमर ददा परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह कोति ले, तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलत रहय।
पौलुस के रोम सहर जाय के ईछा
8 सबले पहिली, मेंह तुमन जम्मो झन बर यीसू मसीह के दुवारा अपन परमेसर के धनबाद करत हंव, काबरकि तुम्हर बिसवास के चरचा जम्मो संसार म होवत हवय। 9 परमेसर, जेकर सेवा मेंह अपन जम्मो हिरदय ले, ओकर बेटा के सुघर संदेस के परचार करे के दुवारा करथंव; ओह मोर गवाह हवय कि मेंह अपन पराथना म हमेसा तुमन ला सुरता करथंव 10 अऊ पराथना करथंव कि कोनो किसम ले, परमेसर के ईछा ले, मोला तुम्हर करा आय के मऊका मिलय।
11 तुमन ला देखे के, मोर बहुंत ईछा हवय ताकि मेंह तुम्हर संग कुछू आतमिक बरदान बांट सकंव कि तुमन बिसवास म मजबूत होवव। 12 मोर कहे के मतलब ए अय कि तुमन अऊ में आपस म एक-दूसर के बिसवास ले उत्साहित होवन। 13 हे भाईमन हो! मेंह तुमन ला बताय चाहथंव कि कतको बार मेंह तुम्हर करा आय के सोचेंव ताकि मोला तुम्हर बीच म परभावसाली रूप से काम करे के मऊका मिलय, जइसने आने आनजातमन के बीच म मोला मिलिस। पर अभी तक ले, मोला तुम्हर करा आय बर रोके गे हवय।
14 मेंह यूनानी अऊ गैर यूनानी के अऊ बुद्धिमान अऊ मुरुख दूनों मनखेमन बर बचनबद्ध हंव। 15 एकरसेति, मेंह तुमन ला घलो जऊन मन रोम म रहत हवव, सुघर संदेस सुनाय बर उत्सुक हवंव।
16 मेंह सुघर संदेस सुनाय बर नइं लजावंव, काबरकि जऊन मन एकर ऊपर बिसवास करथें, ओमन के उद्धार बर एह परमेसर के सामरथ अय: पहिली यहूदीमन बर, तब फेर आनजातमन बर 17 काबरकि सुघर संदेस म, परमेसर के धरमीपन ह बिसवास के दुवारा सुरू ले आखिरी तक परगट होथे, जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: “धरमी मनखे ह बिसवास के दुवारा जीयत रहिही।”[a]
मनखे जात ऊपर परमेसर के कोरोध
18 परमेसर के कोरोध ह स्वरग ले ओ मनखेमन के जम्मो अभक्ति अऊ बुरई ऊपर परगट होवत हवय, जऊन मन सत ला अपन बुरई के दुवारा दबाय रखथें। 19 परमेसर के बारे म जऊन बात जानना चाही, ओ बात साफ हवय, काबरकि परमेसर ह ओ बात ओमन ऊपर परगट करे हवय। 20 जब ले संसार के सिरिस्टी होईस, तब ले परमेसर के अनदेखे गुन, ओकर सनातन सक्ति अऊ ईसवरीय सुभाव ला साफ-साफ देखे गे हवय अऊ ओकर बनाय चीजमन के दुवारा एला समझे जावत हवय। एकरसेति मनखेमन करा कोनो बहाना नइं ए।
21 हालाकि ओमन परमेसर ला जानत रिहिन, पर ओमन परमेसर के न तो आदर करिन अऊ न ही ओला धनबाद दीन; ओमन के सोच-बिचार ह बेकार हो गीस अऊ ओमन के मुरुख हिरदय ह अंधियार हो गीस। 22 ओमन अपन-आप ला बुद्धिमान जताईन, पर ओमन मुरुख बन गीन, 23 अऊ अजर-अमर परमेसर के महिमा करे के बदले, ओमन नासमान मनखे, चिरई, पसु अऊ रेंगइया जीव-जन्तु मन के मूरती बनाके ओमन के महिमा करिन।
24 एकरसेति परमेसर ह ओमन ला ओमन के हिरदय के पापमय ईछा म छोंड़ दीस ताकि ओमन बेभिचार करके असुध हो जावंय अऊ आपस म अपन देहें के अनादर करंय। 25 ओमन परमेसर के सच्चई ला लबारी म बदल दीन, अऊ सिरिस्टी के पूजा अऊ सेवा करिन, न कि ओ सिरजनहार के, जेकर बड़ई सदाकाल ले होवत हवय। आमीन।
26 एकरे कारन परमेसर ह ओमन ला निरलज वासना म छोंड़ दीस। इहां तक कि ओमन के माईलोगनमन सुभाविक संबंध ला छोंड़के असुभाविक वासना करन लगिन। 27 वइसने मरदमन घलो माईलोगनमन संग सुभाविक संबंध ला छोंड़के एक-दूसर के संग काम वासना म जरन लगिन; मरदमन दूसर मरद संग निरलज काम करिन अऊ अपन खराप काम के सजा खुदे भोगिन।
28 जब ओमन परमेसर के गियान म बने रहना उचित नइं समझिन, त परमेसर ह ओमन ला एक नीच मानसिकता म छोंड़ दीस ताकि ओमन अनुचित चाल चलंय। 29 ओमन जम्मो किसम के दुस्टता, बुरई, लोभ अऊ नीचता ले भर गे हवंय। ओमन जलन, हतिया, झगरा, छल अऊ दुरभाव ले भरे हवंय। ओमन बकवादी, 30 बदनाम करइया, परमेसर ले घिन करइया, बेजत्ती करइया, घमंडी अऊ डींगमार अंय। ओमन खराप काम करे के उपाय खोजथें। ओमन अपन दाई-ददा के बात नइं मानंय। 31 ओमन मुरुख, बिगर बिसवास के, बिगर मया के अऊ निरदयी अंय।
32 हालाकि ओमन परमेसर के ए फैसला ला जानत हवंय कि जऊन मन अइसने कुकरम करथें, ओमन मिरतू के भागी होहीं, तभो ले ओमन न सिरिप खुदे अइसने काम करथें, पर अइसने काम करइयामन ले ओमन खुस होथें।
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