M’Cheyne Bible Reading Plan
जुग के अंत के चिन्हांमन
(मरकुस 13:1-2; लूका 21:5-6)
24 जब यीसू ह मंदिर म ले निकरके जावत रिहिस, त ओकर चेलामन ओकर करा आईन अऊ ओला मंदिर के बनावट ला दिखाईन। 2 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ए जम्मो चीज ला देखत हवव? मेंह तुमन ला सच कहत हंव, इहां एको ठन पथरा अपन जगह म नइं रहय। जम्मो ला गिरा दिये जाही।”
3 जब यीसू ह जैतून पहाड़ ऊपर बईठे रिहिस, त ओकर चेलामन अकेला ओकर करा आईन अऊ पुछिन, “हमन ला बता कि एह कब होही? तोर आय के समय अऊ ए जुग के अंत के का चिन्हां होही।”
4 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “सचेत रहव। कोनो तुमन ला धोखा झन देवय। 5 कतको झन मोर नांव म आहीं अऊ कहिहीं, ‘मेंह मसीह अंव’, अऊ कतको झन ला धोखा दिहीं। 6 तुमन लड़ई के बारे म सुनहू अऊ लड़ई के झूठ-मूठ खबर सुनहू, पर देखव, एकर ले झन घबरावव। अइसने बात के होवई जरूरी अय, पर ओह अंत के समय नो हय। 7 एक देस ह दूसर देस ऊपर अऊ एक राज ह दूसर राज ऊपर चढ़ई करहीं। कतको जगह म दुकाल पड़ही अऊ भुइंडोल होही। 8 ए जम्मो ह छुवारी होय के पीरा के सुरूआत के सहीं अय।
9 तब ओमन तुमन ला सताय बर पकड़वाहीं अऊ तुमन ला मार डारहीं। मोर कारन जम्मो जाति के मनखेमन तुम्हर ले घिन करहीं। 10 ओ समय कतको झन अपन बिसवास ला छोंड़ दिहीं। ओमन एक-दूसर के संग बिसवासघात करहीं अऊ एक – दूसर ले घिन करहीं। 11 अऊ कतको लबरा अगमजानीमन आहीं अऊ कतको झन ला धोखा दिहीं। 12 अधरम के बढ़े के कारन, बहुंत झन के मया ह कम हो जाही। 13 पर जऊन ह आखिरी तक अडिग बने रहिही, ओकरेच उद्धार होही। 14 परमेसर के राज के ए सुघर संदेस के परचार जम्मो संसार म करे जाही, ताकि जम्मो जाति के मनखेमन बर एक गवाही होवय, अऊ तब अंत के बेरा आ जाही।
15 एकरसेति जब तुमन ‘ओ बिनासकारी घिन चीज’ ला पबितर जगह म ठाढ़े देखव, जेकर बारे म दानिएल ह कहे हवय, त पढ़इया ह समझ जावय। 16 तब जऊन मन यहूदिया प्रदेस म हवंय, ओमन पहाड़ ऊपर भाग जावंय। 17 जऊन ह अपन घर के छानी ऊपर होवय, ओह अपन घर के चीजमन ला लेय बर खाल्हे झन उतरय। 18 जऊन ह खेत म होवय, ओह अपन कपड़ा ला लेय बर वापिस झन जावय। 19 ओ माईलोगनमन बर कतेक भयंकर बात होही, जऊन मन ओ दिन म देहें म होहीं अऊ जऊन मन लइकामन ला गोरस पीयावत होहीं। 20 पराथना करव कि तुमन ला जड़काला म या बिसराम के दिन म भागे ला झन पड़य। 21 काबरकि ओ समय अइसने भयंकर तकलीफ होही, जइसने संसार के सुरू ले अभी तक कभू नइं होय हवय अऊ न कभू फेर होही। 22 यदि ओ दिनमन ला कम नइं करे जातिस, त कोनो मनखे नइं बांचतिन; पर चुने गय मनखेमन के कारन, परमेसर ह ओ दिनमन ला कम कर दिही। 23 ओ समय, यदि कोनो तुमन ला ए कहय, ‘देखव, मसीह ह इहां हवय या ओह उहां हवय।’ त ओकर बात ला बिसवास झन करव। 24 काबरकि लबरा मसीह अऊ लबरा अगमजानीमन आहीं अऊ अइसने बड़े-बड़े चिन्हां अऊ चमतकार देखाहीं कि यदि हो सकय त चुने गय मनखेमन ला घलो बहका देंय। 25 देखव, मेंह तुमन ला पहिली ले बता चुके हवंव।
26 एकरसेति, यदि ओमन तुमन ला ए कहंय, ‘देखव, मसीह ह उहां सुनसान जगह म हवय।’ त उहां झन जावव; या यदि ओमन कहंय, ‘मसीह ह इहां भीतर के खोली म हवय।’ त ओमन के बात ला बिसवास झन करव। 27 काबरकि जइसने बिजली ह पूरब ले निकरथे अऊ पछिम तक चमकथे, वइसने मनखे के बेटा के अवई होही। 28 जिहां लास होथे, उहां गिधवामन जुरथें।
29 ओ दिनमन म, तकलीफ के तुरते बाद, सूरज ह अंधियार हो जाही, अऊ चंदा ह अपन अंजोर नइं दिही, तारामन अकास ले गिर जाहीं, अऊ अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं।[a]
30 तब ओ समय, मनखे के बेटा के चिन्हां ह अकास म दिखही अऊ धरती के जम्मो जाति के मनखेमन सोक मनाहीं। ओमन मनखे के बेटा ला सामरथ अऊ बड़े महिमा के संग अकास के बादर म आवत देखहीं। 31 अऊ ओह तुरही के बड़े अवाज के संग अपन स्वरगदूतमन ला पठोही, अऊ ओमन अकास के एक छोर ले लेके दूसर छोर तक, चारों दिग ले ओकर चुने मनखेमन ला संकेलहीं।
32 अंजीर के रूख ले ए बात ला सिखव: जब एकर छोटे डारामन कोंवर बन जाथें अऊ ओम पान निकरे लगथें, त तुमन जान लेथव कि घाम के महिना ह अवइया हवय। 33 ओहीच किसम ले, जब तुमन ए जम्मो घटनामन ला देखव, त जान लेवव कि ओ समय ह लकठा म हवय, पर दुवारी म आ गे हवय। 34 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ए जम्मो बातमन पूरा नइं हो जाहीं, तब तक ए पीढ़ी के अंत नइं होवय। 35 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बचन ह कभू नइं टरय।”
दिन अऊ समय के जानकारी नइं अय
(मरकुस 13:32-37; लूका 17:26-30, 34-36)
36 “ओ दिन या समय के बारे म कोनो नइं जानंय; न तो स्वरग के दूत अऊ न ही बेटा, पर सिरिप ददा ह एला जानथे। 37 जइसने नूह के समय म होय रिहिस, वइसनेच मनखे के बेटा के अवई होही। 38 ओ समय जल परलय होय के पहिली, नूह के पानी जहाज म चघे के दिन तक, मनखेमन खावत-पीयत रिहिन अऊ ओमन के बीच म सादी-बिहाव होवत रिहिस; 39 जब तक जल परलय नइं आईस अऊ ओ जम्मो ला बोहाके नइं ले गीस, तब तक ओमन कुछू नइं जानत रिहिन। वइसनेच मनखे के बेटा के अवई ह घलो होही। 40 ओ बखत दू झन मनखे खेत म होहीं; एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर ला छोंड़ देय जाही। 41 दू झन माईलोगनमन चक्की म आंटा पीसत होहीं; एक झन ला ले लिये जाही, अऊ दूसर ला छोंड़ देय जाही।
42 एकरसेति, सचेत रहव, काबरकि तुमन नइं जानव कि तुम्हर परभू ह कोन दिन आही। 43 पर ए बात ला समझ लव: यदि घर के मालिक ला मालूम होतिस कि चोर ह रात के कतेक बेरा आही, त ओह सचेत रहितिस अऊ अपन घर म सेंध नइं लगन देतिस। 44 एकरसेति तुमन घलो तियार रहव, काबरकि मनखे के बेटा ह ओ समय आ जाही, जब तुमन ओकर आय के आसा नइं करत होहू।
45 तब कोन ह बिसवास के काबिल अऊ बुद्धिमान सेवक अय, जऊन ला मालिक ह अपन घर के आने सेवकमन ऊपर मुखिया ठहराय हवय ताकि ओह ओमन ला सही समय म खाना देवय। 46 धइन अय ओ सेवक, जऊन ला ओकर मालिक ह लहुंटके आय के पाछू, अइसने करत पाथे। 47 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओह ओ सेवक ला अपन जम्मो संपत्ति के मुखिया ठहराही। 48 पर यदि ओ सेवक ह दुस्ट अय अऊ अपन मन म ए कहय, ‘मोर मालिक के अवई म देरी हवय’, 49 अऊ तब ओह अपन संगी सेवकमन ला मारन-पीटन लगय अऊ मतवालमन के संग खावय-पीयय, 50 तब ओ सेवक के मालिक ह अइसने दिन म आ जाही, जब ओह ओकर आय के आसा नइं करत होही अऊ अइसने समय, जऊन ला ओह नइं जानत होही। 51 तब मालिक ह ओला सजा दिही, अऊ ओला ढोंगीमन के संग ठऊर दिही, जिहां ओह रोही अऊ अपन दांत पीसही।”
फेलिक्स के आघू म मुकदमा
24 पांच दिन के बाद महा पुरोहित हनन्याह ह कुछू अगुवा अऊ तिरतुल्लुस नांव के एक वकील ला लेके कैसरिया आईस। ओमन राजपाल फेलिक्स के आघू म, पौलुस के बिरोध म दोस लगाईन। 2 जब पौलुस ला बलाय गीस, तब वकील तिरतुल्लुस ह फेलिक्स के आघू म दोस लगाके कहिस, “तोर सासन म हमन ला अब्बड़ सांति मिले हवय, अऊ तोर कुसल परबंध के कारन ए देस म कतको सुधार के काम होय हवय। 3 हे महा परतापी फेलिक्स! ए बात ला हमन हर जगह अऊ हर किसम ले धनबाद के संग मानत हवन। 4 मेंह तोर अऊ समय नइं लेय चाहत हवंव, पर मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि दया करके हमर दू-एक बातमन ला सुन ले।
5 हमन ए मनखे ला उपद्रव करइया अऊ संसार के जम्मो यहूदीमन म बलवा करइया पाय हवन। अऊ एह नासरीमन के दल के मुखिया ए। 6 अऊ त अऊ एह मंदिर ला असुध करे के कोसिस करे हवय, एकरसेति हमन एला बंदी बना लेन। 7 (हमन अपन कानून के मुताबिक एकर नियाय करे चाहत रहेंन, पर सेनापति लुसियास ह आके एला जबरन हमर करा ले गीस अऊ एकर ऊपर दोस लगइयामन ला तोर करा पठोय हवय)। 8 ए जम्मो बात ला, जेकर बारे म हमन एकर ऊपर दोस लगावत हन, तेंह खुद एकर जांच करके सच ला जान लेबे।”
9 यहूदीमन घलो वकील के संग सहमत होके कहिन कि ए जम्मो बात सही ए।
10 जब राजपाल ह पौलुस ला बोले बर इसारा करिस, त पौलुस ह जबाब दीस, “मेंह जानत हंव कि तेंह बहुंत साल ले ए देस के नियायधीस अस; एकरसेति, खुसी से मेंह अपन सफई देवत हंव। 11 तेंह असानी से जान सकत हस कि बारह दिन ले जादा नइं होवत हवय, जब मेंह यरूसलेम ला अराधना करे बर गेंव। 12 यहूदीमन मोला न तो मंदिर म, न सभा घर म, न सहर म काकरो संग बिवाद करत या भीड़ लगावत पाईन। 13 ओमन जऊन बात के दोस मोर ऊपर लगावत हवंय, ओला तोर आघू म सच साबित नइं कर सकंय। 14 तभो ले मेंह मान लेवत हंव कि जऊन पंथ ला, ओमन कुपंथ कहत हवंय, ओकरे मुताबिक मेंह हमर पुरखामन के परमेसर के अराधना करथंव। जऊन बातमन कानून ले मेल खाथें अऊ अगमजानीमन के किताब म लिखे हवंय, ओ जम्मो बात ऊपर मेंह बिसवास करथंव, 15 अऊ मोर घलो ओमन सहीं परमेसर म आसा हवय कि धरमी अऊ अधरमी दूनों मरे के बाद फेर जी उठहीं। 16 एकरसेति मेंह हमेसा ए कोसिस करथंव कि परमेसर अऊ मनखेमन के आघू म मोर बिवेक ह साफ रहय।
17 बहुंत साल के बाद, मेंह गरीबमन बर अपन मनखेमन के दान पहुंचाय अऊ मंदिर म भेंट चघाय बर यरूसलेम आय रहेंव। 18 जब यहूदीमन मंदिर म मोला ए करत पाईन, त रीति-बिधि के मुताबिक मेंह सुध रहेंव। मोर संग कोनो भीड़ नइं रिहिस अऊ मेंह कोनो दंगा नइं करत रहेंव। 19 पर एसिया प्रदेस के कुछू यहूदीमन रिहिन; यदि ओमन ला मोर बिरोध म कुछू कहना रिहिस, त इहां तोर आघू म आके ओमन ला मोर ऊपर दोस लगाना चाही।
20 या आज जऊन मन इहां हाजिर हवंय, ओमन खुद बतावंय कि जब मेंह धरम-महासभा के आघू म ठाढ़े रहेंव, त ओमन मोर म का दोस पाईन? 21 एके ठन बात के छोंड़, जऊन ला मेंह ओमन के बीच म ठाढ़ होके चिचियाके कहे रहेंव कि मरे मन के जी उठे के बारे म, आज मोर तुम्हर आघू म मुकदमा होवत हवय।”
22 राजपाल फेलिक्स ह ए पंथ के बात ला ठीक-ठीक जानत रहय। ओह ओ मुकदमा ला बंद करके कहिस, “जब सेनापति लुसियास ह आही, त तुम्हर मामला के फैसला करहूं।” 23 ओह सेना के अधिकारी ला हुकूम दीस कि पौलुस ला हवालात म रखे जावय, पर ओला कुछू सुतंतरता दिये जावय अऊ ओकर संगीमन ला ओकर जरूरत के चीजमन के पूरती करे के अनुमती दिये जावय।
24 कुछू दिन के बाद, फेलिक्स ह अपन घरवाली दुरसिल्ला के संग आईस। दुरसिल्ला ह एक यहूदिनी रिहिस। फेलिक्स ह पौलुस ला बलाईस अऊ ओकर ले ओ बिसवास के बारे म सुनिस, जऊन ह मसीह यीसू म हवय।
25 पर जब पौलुस ह धरमीपन, संयम अऊ अवइया नियाय के बारे म चरचा करिस, त फेलिक्स ह डर्रा गीस अऊ कहिस, “अब तेंह जा। जब मऊका मिलही, त मेंह तोला फेर बलाहूं।”
26 फेलिक्स ला पौलुस ले घूस म कुछू रूपिया मिले के आसा घलो रहय, एकरसेति, ओह पौलुस ला घेरी-बेरी बलाय अऊ ओकर ले बात करय।
27 जब दू साल बीत गे, त फेलिक्स के जगह म पुरकियुस फेसतुस राजपाल बनिस। पर फेलिक्स ह यहूदीमन ला खुस करे चाहत रहय, ओकर सेति ओह पौलुस ला जेल म ही छोंड़ गीस।
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