M’Cheyne Bible Reading Plan
पहाड़ ऊपर यीसू के उपदेस
5 जब यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला देखिस, त ओह पहाड़ ऊपर चघके उहां बईठ गीस। तब ओकर चेलामन ओकर करा आईन, 2 अऊ ओह ओमन ला ए कहिके उपदेस देवन लगिस:
3 “धइन अंय ओमन, जऊन मन आतमा म दीन अंय,
काबरकि स्वरग के राज ओमन के अय।
4 धइन अंय ओमन, जऊन मन सोक करथें,
काबरकि ओमन ला सांति दिये जाही।
5 धइन अंय ओमन, जऊन मन नरम सुभाव के अंय,
काबरकि ओमन धरती के उत्तराधिकारी होहीं।
6 धइन अंय ओमन, जऊन मन धरमीपन बर भूखन अऊ पीयासन हवंय,
काबरकि परमेसर ह ओमन ला संतोस करही।
7 धइन अंय ओमन, जऊन मन दयालु अंय,
काबरकि ओमन के ऊपर दया करे जाही।
8 धइन अंय ओमन, जऊन मन के हिरदय निरमल हवय,
काबरकि ओमन परमेसर के दरसन करहीं।
9 धइन अंय ओमन, जऊन मन मेल-मिलाप कराथें,
काबरकि ओमन ला परमेसर के बेटा कहे जाही।
10 धइन अंय ओमन, जऊन मन धरमीपन के कारन सताय जाथें,
काबरकि स्वरग के राज ओमन के अय।
11 धइन अव तुमन, जब मनखेमन मोर कारन तुम्हर बेजत्ती करथें, तुमन ला सताथें अऊ झूठ-मूठ के, तुम्हर बिरोध म किसम-किसम के खराप बात कहिथें। 12 आनंद मनावव अऊ खुस रहव, काबरकि स्वरग म तुम्हर बर बड़े इनाम रखे हवय। तुम्हर ले पहिली अगमजानीमन ला मनखेमन अइसनेच सताय रिहिन।”
नून अऊ अंजोर
(मरकुस 9:50; लूका 14:34-35)
13 “तुमन धरती के नून अव। पर कहूं नून ह अपन सुवाद ला गंवा देथे, त फेर एला कोनो किसम ले नूनचूर नइं करे जा सकय। एह कोनो काम के नइं रहि जावय। एला बाहिर फटिक दिये जाथे अऊ एह मनखेमन के गोड़ तरी रउंदे जाथे।
14 तुमन संसार के अंजोर अव। पहाड़ ऊपर बसे सहर ह छिपे नइं रह सकय। 15 अऊ न तो मनखेमन दीया ला बारके कटोरा के तरी म रखथें, पर दीया ला दीवट ऊपर मढ़ाथें, जिहां ले एह घर के हर एक जन ला अंजोर देथे। 16 ओही किसम ले, तुम्हर अंजोर ह मनखेमन के आघू म चमकय, ताकि ओमन तुम्हर बने काम ला देखंय अऊ स्वरग म रहइया तुम्हर ददा के बड़ई करंय।”
मूसा के कानून के पूरा होवई
17 “ए झन सोचव कि मेंह मूसा के कानून या अगमजानीमन के बातमन ला खतम करे बर आय हवंव। मेंह ओमन ला खतम करे खातिर नइं, पर ओमन ला पूरा करे खातिर आय हवंव। 18 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक स्वरग अऊ धरती हवय, तब तक मूसा के कानून के एक छोटे अकछर या बिन्दू घलो पूरा होय बिगर खतम नइं होवय। 19 जऊन ह ए हुकूममन के छोटे ले छोटे बात ला घलो नइं मानय अऊ आने मन ला घलो अइसने करे बर सिखोथे, ओह स्वरग के राज म सबले छोटे समझे जाही, पर जऊन ह ए हुकूममन ला मानथे अऊ आने मन ला माने बर सिखोथे, ओह स्वरग के राज म बड़े समझे जाही। 20 काबरकि मेंह तुमन ला कहत हवंव कि जब तक तुम्हर धरमीपन ह फरीसी अऊ कानून के गुरू मन के धरमीपन ले बढ़ के नइं होवय, तब तक तुमन स्वरग के राज म नइं जा सकव।”
हतिया अऊ गुस्सा
21 “तुमन सुने हवव कि बहुंत पहिले मनखेमन ला ए कहे गे रिहिस, ‘हतिया झन करव, अऊ यदि कोनो हतिया करथे, त ओह कचहरी म दंड के भागी होही।’ 22 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि कोनो अपन भाई ऊपर गुस्सा करथे, त ओह दंड के भागी होही। जऊन कोनो अपन भाई के बेजत्ती करथे, त ओला धरम महासभा के आघू म जबाब देना पड़ही। पर जऊन कोनो अपन भाई ला कहिथे, ‘ए मुरुख!’ ओह नरक के आगी म पड़े के खतरा म होही।
23 एकरसेति, यदि तेंह बेदी म अपन भेंट चघावत हस अऊ उहां तोला सुरता आथे कि तोर भाई के मन म तोर बिरोध म कुछू हवय, 24 त उहां बेदी के आघू म अपन भेंट ला छोंड़ दे अऊ पहिली अपन भाई करा जा अऊ ओकर संग मेल-मिलाप कर, तब आ अऊ अपन भेंट ला चघा। 25 ओ मनखे जऊन ह तोर बिरोध म अदालत जावत हे, ओकर संग जल्दी करके मेल-मिलाप कर ले। कचहरी जावत बेरा डहार म ही ओकर संग मेल-मिलाप कर ले, नइं तो ओह तोला नियायधीस ला सऊंप दिही, अऊ नियायधीस ह तोला पुलिस ला सऊंपही, अऊ तेंह जेल म डाल दिये जाबे। 26 मेंह तोला सच कहत हंव कि जब तक तेंह कौड़ी-कौड़ी नइं चुका देबे, तब तक तेंह उहां ले छुटे नइं सकस।”
छिनारीपन
27 “तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘छिनारी झन करव।’ 28 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन कोनो माईलोगन ला खराप नजर ले देखथे, त ओह अपन मन म ओकर संग छिनारी कर चुकिस। 29 यदि तोर जेवनी आंखी ह तोर पाप म परे के कारन बनथे, त ओला निकारके फटिक दे। तोर बर एह बने अय कि अपन देहें के एक ठन अंग ला गंवा दे, पर तोर जम्मो देहें ह नरक म झन डारे जावय। 30 अऊ कहूं तोर जेवनी हांथ ह तोर पाप म परे के कारन बनथे, त ओला काटके फटिक दे। तोर बर एह बने अय कि अपन देहें के एक ठन अंग ला गंवा दे, पर तोर जम्मो देहें ह नरक म झन चले जावय।”
तलाक
(मत्ती 19:9; मरकुस 10:11-12; लूका 16:18)
31 “ए घलो कहे गे रिहिस, ‘जऊन कोनो अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, त ओह ओला तियाग पतर जरूर देवय।’[a] 32 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन कोनो छिनारीपन के अलावा कोनो आने कारन ले अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, त ओह ओकर छिनारी करे के कारन बनथे, अऊ जऊन ह ओ तियागे गय माईलोगन ले बिहाव करथे, त ओह घलो छिनारी करथे।”
किरिया
33 “तुमन ए घलो सुने हवव कि बहुंत पहिले मनखेमन ला ए कहे गे रिहिस, ‘तुमन झूठ-मूठ के किरिया झन खावव, पर परभू के आघू म करे गे किरिया ला पूरा करव।’ 34 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि किरिया कभू झन खावव; न तो स्वरग के काबरकि ओह परमेसर के सिंघासन अय; 35 न तो धरती के, काबरकि एह परमेसर के गोड़ के चउकी अय; न तो यरूसलेम के, काबरकि ओह महाराजा के सहर अय। 36 अऊ अपन मुड़ के घलो किरिया झन खावव, काबरकि तुमन एको ठन चुंदी ला घलो पंडरा या करिया नइं कर सकव। 37 साफ-साफ तुम्हर गोठ ह हां के हां अऊ नइं के नइं होवय। एकर ले जादा जऊन कुछू होथे, ओह सैतान के तरफ ले होथे।”[b]
बदला लेय के बारे म उपदेस
(लूका 6:29-30)
38 “तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘आंखी के बदला म आंखी अऊ दांत के बदला म दांत।’[c] 39 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि दुस्ट मनखे के सामना झन करव। यदि कोनो तुम्हर जेवनी गाल म थपरा मारथे, त अपन डेरी गाल ला घलो ओकर अंग कर देवव। 40 अऊ यदि कोनो तुम्हर ऊपर मुकदमा चलाके तुम्हर कुरता ला लेय चाहथे, त तुमन ओला अपन कोटी ला घलो लेवन दव। 41 यदि कोनो तुमन ला जबरदस्ती एक मील ले जाथे, त तुमन ओकर संग दू मील चले जावव। 42 जऊन ह तुम्हर ले मांगथे, ओला देवव, अऊ जऊन ह तुम्हर ले उधार मांगथे, ओला उधार देवव।”
बईरीमन बर मया
(लूका 6:27-28, 32-36)
43 “तुमन सुने हवव कि ए कहे गे रिहिस, ‘अपन पड़ोसी ले मया, अऊ बईरीमन ले नफरत करव।’ 44 पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि अपन बईरीमन ले मया करव, अऊ जऊन मन तुम्हर ऊपर अतियाचार करथें, ओमन बर पराथना करव।[d] 45 ताकि तुमन अपन स्वरगीय ददा के संतान बन जावव। ओह खराप अऊ बने दूनों मनखेमन ऊपर अपन सूरज चमकाथे, अऊ धरमी अऊ अधरमी दूनों के ऊपर पानी बरसाथे। 46 यदि तुमन ओमन ला मया करथव, जऊन मन तुम्हर ले मया करथें, त तुमन ला का इनाम मिलही? लगान लेवइया पापीमन घलो अइसने करथें। 47 यदि तुमन सिरिप अपन भाईमन ला ही जोहार करथव, त आने मन ले तुमन का बड़े बुता करथव? का आनजातमन घलो अइसने नइं करंय? 48 एकरसेति, तुमन सिद्ध बनव, जइसने स्वरग म रहइया तुम्हर ददा ह सिद्ध अय।”
हनन्याह अऊ सफीरा
5 हनन्याह नांव के एक मनखे रिहिस। ओह अऊ ओकर घरवाली सफीरा अपन कुछू भुइयां ला बेचिन। 2 हनन्याह ह ओकर दाम म ले कुछू रकम अपन करा रख लीस अऊ ए बात ला ओकर घरवाली घलो जानत रिहिस। ओह रकम के एक भाग ला लानके प्रेरितमन के गोड़ करा मढ़ा दीस।
3 तब पतरस ह कहिस, “हे हनन्याह, सैतान ह तोर मन म, ए बात ला डारिस कि तेंह पबितर आतमा ले लबारी मारय अऊ जमीन म के कुछू रकम ला अपन करा रख ले हवस। 4 जब जमीन ह नइं बेंचाय रिहिस, त का ओह तोर नइं रिहिस? अऊ जब बेंचा गे, त पईसा ह का तोर अधिकार म नइं रिहिस? तेंह ए बात ला अपन मन म काबर सोचय? तेंह मनखे ले नइं, पर परमेसर ले लबारी मारे हवस।”
5 ए बात ला सुनतेच ही हनन्याह ह गिर पड़िस अऊ मर गीस। एला देखके जम्मो सुनइयामन अब्बड़ डर्रा गीन। 6 पर जवानमन उठके ओकर लास ला कपड़ा म लपेटिन अऊ बाहिर म ले जाके ओला माटी दे दीन। 7 लगभग तीन घंटा के पाछू ओकर घरवाली ह पतरस करा घर के भीतर आईस। जऊन कुछू होय रिहिस, ओह ओला नइं जानत रिहिस। 8 पतरस ह ओकर ले पुछिस, “मोला बता, का तें अऊ तोर घरवाला ओ जमीन ला अतकेच म बेंचे रहेव?” त ओह कहिस, “हां, अतकेच म बेंचे रहेंन।”
9 पतरस ह ओला कहिस, “ए का बात ए कि तुमन दूनों परभू के आतमा ला परखे बर एका करे रहेव? देख, तोर घरवाला ला माटी देवइयामन दुवारीच म ठाढ़े हवंय, अऊ ओमन तोला घलो बाहिर ले जाहीं।” 10 तब ओह तुरते ओकर गोड़ तरी गिर पड़िस अऊ ओह घलो मर गीस। तब जवानमन भीतर आके ओला मरे पाईन, अऊ बाहिर ले जाके ओला ओकर घरवाला के लकठा म माटी दे दीन। 11 अऊ जम्मो कलीसिया ऊपर अऊ ए बात के जम्मो सुनइयामन ऊपर अब्बड़ डर हमा गे।
प्रेरितमन कतको बेमरहामन ला बने करथें
12 प्रेरितमन बहुंते चमतकार अऊ अचरज के काम मनखेमन के बीच म करत रिहिन। अऊ ओमन जम्मो झन एक दल होके राजा सुलेमान के मंडप म जुरंय। 13 पर आने मनखेमन ले काकरो ए हिम्मत नइं होवत रिहिस कि आके ओमन के संग मिल जावंय। तभो ले मनखेमन ओमन के बहुंत बड़ई करत रिहिन। 14 परभू म बिसवास करइया अब्बड़ मनखे अऊ माईलोगनमन कलीसिया म मिलत रिहिन। 15 इहां तक कि मनखेमन बेमरहामन ला सड़क ऊपर लान-लानके खटिया अऊ चटई मन म सुता देवत रिहिन कि जब पतरस ह आवय, त कम से कम ओकर छइहां ह ओम के कुछू झन ऊपर पड़ जावय। 16 यरूसलेम के आस-पास के नगर ले घलो कतको मनखेमन बेमरहा अऊ परेत आतमा के सताय मन ला लानय, अऊ ओ जम्मो झन बने हो जावत रिहिन।
प्रेरितमन ला सताय जाथे
17 तब महा पुरोहित अऊ ओकर जम्मो संगवारी जऊन मन सदूकीमन के दल के रिहिन, जलन करे लगिन। 18 ओमन प्रेरितमन ला पकड़के जेल म डाल दीन। 19 पर ओ रतिहा परभू के एक स्वरगदूत ह जेल के कपाटमन ला खोलके ओमन ला बाहिर ले आईस। 20 अऊ ओमन ला कहिस, “जावव, मंदिर म ठाढ़ होके ए नवां जिनगी के जम्मो बात मनखेमन ला सुनावव।”
21 जइसने ओमन ला कहे गे रिहिस, ओमन बिहनियां होतेच ही मंदिर म जाके मनखेमन ला उपदेस देवन लगिन। जब महा पुरोहित अऊ ओकर संगीमन आईन, त ओमन धरम-महासभा जऊन ह इसरायलीमन के मुखियामन के पंचायत रिहिस, बलाईन अऊ जेल ला संदेस पठोईन कि प्रेरितमन ला ओमन करा लाने जावय। 22 पर जब सिपाहीमन जेल म हबरिन, त ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला उहां नइं पाईन। तब ओमन लहुंटके बताईन, 23 “हमन जेल ला बड़े हिफाजत ले बंद अऊ पहरेदारमन ला बाहिर कपाटमन म ठाढ़े पाएन, पर जब हमन कपाटमन ला खोलेन त भीतर म हमन ला कोनो नइं मिलिन।” 24 जब मंदिर के सिपाहीमन के अधिकारी अऊ मुखिया पुरोहितमन ए बात ला सुनिन, त चिंता करके सोचे लगिन कि ए का होवइया हवय?
25 तब एक झन आके ओमन ला बताईस, “देखव, जऊन मन ला तुमन जेल म बंद करे रहेव, ओमन मंदिर के अंगना म ठाढ़ होके मनखेमन ला उपदेस देवत हवंय।” 26 तब अधिकारी ह अपन सिपाहीमन संग गीस अऊ प्रेरितमन ला ले आईस। ओमन बल के उपयोग नइं करिन, काबरकि ओमन डर्रावत रिहिन कि कहूं मनखेमन ओमन ला पथरा फेंकके मार झन डारंय।
27 ओमन प्रेरितमन ला लानके धरम-महासभा के आघू म ठाढ़ करिन। तब महा पुरोहित ह ओमन ले पुछिस, 28 “का हमन तुमन ला चेतउनी देके ए हुकूम नइं दे रहेंन कि तुमन ए नांव म उपदेस झन देवव? तभो ले, तुमन जम्मो यरूसलेम सहर ला अपन उपदेस ले भर दे हवव, अऊ ओ मनखे के हतिया के दोस हमर ऊपर लाने चाहत हव।”
29 तब पतरस अऊ आने प्रेरितमन जबाब दीन, “मनखेमन के हुकूम ले बढ़के परमेसर के हुकूम ला मानना हमर काम ए। 30 हमर पुरखामन के परमेसर ह यीसू ला मरे म ले जियाईस, जऊन ला तुमन कुरुस म लटकाके मार डारे रहेव। 31 ओहीच ला परमेसर ह अगुवा अऊ उद्धार करइया ठहराके अपन जेवनी हांथ कोति सबले बड़े जगह दीस, ताकि ओह इसरायलीमन ला ओमन के पाप ले मन फिराय के सक्ति अऊ ओमन के पाप के छेमा देवय। 32 हमन ए बातमन के गवाह हवन अऊ पबितर आतमा घलो गवाह हवय, जऊन ला परमेसर ह ओ मनखेमन ला दे हवय, जऊन मन ओकर हुकूम मानथें।”
33 एला सुनके ओमन अब्बड़ गुस्सा करिन अऊ ओमन प्रेरितमन ला मार डारे चाहिन। 34 पर गमलीएल नांव के एक फरीसी जऊन ह कानून के गुरू रिहिस अऊ जम्मो मनखेमन ओकर आदर करंय। ओह धरम-महासभा म ठाढ़ होके प्रेरितमन ला थोरकन देर बर बाहिर कर देय के हुकूम दीस 35 अऊ ओह कहिस, “हे इसरायलीमन, जऊन कुछू तुमन ए मनखेमन के संग करे चाहत हव, ओला सोच-समझके करव। 36 कुछू समय पहिली थियूदास ह ए कहत उठे रिहिस कि ओह घलो कुछू अय अऊ करीब चार सौ मनखेमन ओकर संग हो लीन। पर ओह मार डारे गीस, अऊ जतका मनखेमन ओला मानत रिहिन, ओ जम्मो झन एती-ओती हो गीन। 37 ओकर बाद मनखेमन के गनती होय के दिन म गलील प्रदेस के यहूदा ह उठिस। ओह घलो कुछू मनखेमन ला अपन संग कर लीस। पर ओह घलो मार डारे गीस। अऊ जतका मनखेमन ओला मानत रिहिन, ओ जम्मो झन एती-ओती हो गीन। 38 एकरसेति मेंह तुमन ला कहत हंव कि ए मनखेमन ले दूरिहा रहव, अऊ ओमन ला अकेला छोंड़ देवव, काबरकि कहूं ओमन के ए काम मनखेमन कोति ले अय, त आपे-आप बंद हो जाही। 39 पर कहूं एह परमेसर कोति ले अय, तब तुमन ओमन ला कइसने घलो करके नइं रोक सकव। अऊ अइसने झन होवय कि तुमन परमेसर ले अपन-आप ला लड़त पावव।”
40 तब ओमन गमलीएल के बात ला मान लीन अऊ प्रेरितमन ला बलाईन अऊ ओमन ला कोर्रा म पिटवाईन, अऊ ए हुकूम देके छोंड़ दीन कि यीसू के नांव म फेर कभू बात झन करिहव।
41 प्रेरितमन ए बात म खुस होईन कि ओमन यीसू के नांव के खातिर निरादर होय के काबिल ठहरिन, अऊ ओमन खुसी मनावत धरम-महासभा ले बाहिर चले गीन। 42 पर ओमन हर एक दिन मंदिर म अऊ घर-घर म उपदेस करे बर, अऊ ए बात के सुघर संदेस सुनाय बर बंद नइं करिन कि यीसू ह मसीह अय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.