M’Cheyne Bible Reading Plan
यीसू के बारह चेलामन
(मरकुस 3:13-19; लूका 6:12-16)
10 यीसू ह अपन बारह चेलामन ला अपन करा बलाईस अऊ ओमन ला परेत आतमामन ला निकारे अऊ हर एक किसम के रोग अऊ बेमारी ला बने करे के अधिकार दीस।
2 बारह प्रेरितमन के नांव ए अय: पहिला सिमोन, जऊन ला पतरस कहे जाथे अऊ ओकर भाई अन्द्रियास; जबदी के बेटा याकूब अऊ ओकर भाई यूहन्ना; 3 फिलिप्पुस अऊ बरतुलमै; थोमा अऊ लगान लेवइया मत्ती; हलफई के बेटा याकूब अऊ तद्दै; 4 सिमोन कनानी अऊ यहूदा इस्करियोती जऊन ह यीसू के संग बिसवासघात करिस।
5 ए बारहों झन ला, यीसू ह ए हुकूम देके पठोईस, “आनजातमन इहां झन जावव अऊ न ही सामरीमन के कोनो सहर म जावव। 6 एकर बदले, इसरायल के घराना के गवांय भेड़मन करा जावव।[a] 7 जब तुमन जावव, त ए संदेस के परचार करव: ‘स्वरग के राज ह लकठा म आ गे हवय।’ 8 बेमरहामन ला चंगा करव, मरे मनखेमन ला जीयावव, कोढ़ी मनखेमन ला सुध करव, परेतमन ला निकारव। मुफत म तुमन ला मिले हवय, एकरसेति मुफत म देवव। 9 अपन जेब म सोना या चांदी या तांबा झन रखव। 10 रसता बर झोला या अतकिहा कुरता या पनही या लउठी झन रखव, काबरकि बनिहार ला ओकर जरूरत के चीज दिये जाना चाही।[b]
11 जऊन कोनो सहर या गांव म तुमन जावव, त उहां कोनो काबिल मनखे के पता लगावव अऊ उहां ले बिदा होवत तक ओकरे घर म ठहिरव। 12 जऊन घर म तुमन जावव, त ओ घर ला आसिस देवव। 13 यदि ओ घर के मनखेमन काबिल होहीं, त तुम्हर सांति ह उहां ठहरही, पर यदि ओमन काबिल नो हंय, त तुम्हर सांति ह तुम्हर करा लहुंट आही। 14 यदि कोनो तुमन ला गरहन नइं करय या तुम्हर गोठ ला नइं सुनय, त ओ घर या सहर ले निकरत बेरा अपन गोड़ के धूर्रा ला झर्रा देवव। 15 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि नियाय के दिन म, ए सहर के मनखेमन ले सदोम अऊ अमोरा सहर के मनखेमन के दसा ह जादा सहे के लइक होही।
16 देखव! मेंह तुमन ला भेड़ियामन के बीच म भेड़मन सहीं पठोवत हवंव। एकरसेति, सांप के सहीं चतुरा अऊ परेवा के सहीं निरदोस बनव। 17 मनखेमन ले सचेत रहव। ओमन ह तुमन ला धरम-सभा ला सऊंप दिहीं अऊ अपन सभा के घर म तुमन ला कोर्रा म मारहीं। 18 मोर कारन, तुमन ला हाकिम अऊ राजामन के आघू म लाने जाही कि तुमन मोर बिसय म ओमन ला अऊ आनजातमन ला गवाही देवव। 19 जब ओमन तुमन ला पकड़थें, त एकर चिंता झन करव कि तुमन ला का कहना हे या कइसने कहना हे, काबरकि ओहीच बखत तुमन ला बताय जाही कि का कहना हे। 20 काबरकि बोलइया तुमन नइं, पर तुम्हर ददा परमेसर के आतमा ह तुमन म होके बोलही।
21 भाई ह अपन भाई ला अऊ ददा ह अपन लइका ला मार डारे बर सऊंप दिहीं। लइकामन ह अपन दाई-ददा के बिरोध म खड़े होहीं अऊ ओमन ला मरवा डारहीं। 22 मोर कारन, जम्मो मनखेमन तुम्हर ले नफरत करहीं, पर जऊन ह आखिरी तक सहत रहिही, ओह उद्धार पाही। 23 जब ओमन तुमन ला एक सहर म सताथें, त तुमन आने सहर म भाग जावव। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि मनखे के बेटा के आय के पहिली, तुमन इसरायल के जम्मो सहर म नइं जा सके होहू।[c] 24 चेला ह अपन गुरू ले बड़े नइं होवय अऊ न ही सेवक ह अपन मालिक ले बड़े होथे। 25 चेला ह अपन गुरू सहीं अऊ सेवक ह अपन मालिक सहीं बन जाना ही बहुंत अय। जब ओमन घर के मुखिया ला बालजबूल (सैतान) कहिन, त फेर ओमन ओकर घर के सदस्यमन ला का कुछू नइं कहिहीं।
26 एकरसेति, ओमन ले झन डर्रावव। काबरकि हर एक ढंके चीज ह उघारे जाही या हर एक छिपे चीज ह उजागर करे जाही। 27 जऊन बात मेंह तुमन ला अंधियार म कहत हंव, ओला तुमन अंजोर म कहव। जऊन बात, तुमन ला कान म फुसफुसा के कहे जाथे, ओला तुमन घर के छानी ऊपर ले चिचिया-चिचियाके बतावव। 28 ओमन ले झन डर्रावव, जऊन मन सरीर ला मार डारथें, पर आतमा ला नइं मार सकंय। पर ओकर ले डर्रावव, जऊन ह आतमा अऊ सरीर दूनों ला नरक म नास कर सकथे। 29 एक पईसा म दू ठन गौरइया चिरई बिकथे, तभो ले तुम्हर ददा परमेसर के बिगर ईछा के ओम ले एको ठन घलो धरती ऊपर नइं गिरय। 30 अऊ त अऊ तुम्हर मुड़ी के जम्मो चुंदी ह घलो गनाय हवय। 31 एकरसेति झन डर्रावव, तुम्हर महत्व गौरइया चिरईमन ले बहुंत जादा हवय।
32 जऊन कोनो मोला मनखेमन के आघू म स्वीकार करथे, ओला मेंह घलो स्वरग म अपन ददा के आघू म स्वीकार करहूं। 33 पर जऊन कोनो मोला मनखेमन के आघू म इनकार करथे, त ओला मेंह घलो स्वरग म अपन ददा के आघू म इनकार करहूं।
34 ए झन सोचव कि मेंह धरती म सांति स्थापना करे बर आय हवंव। मेंह सांति स्थापना करे बर नइं, पर तलवार चलवाय बर आय हवंव।
35 मेंह बेटा ला ओकर ददा के बिरोध म,
बेटी ला ओकर दाई के बिरोध
म अऊ बहू ला ओकर सास के बिरोध म करे बर आय हवंव।
36 मनखे के बईरी ओकर खुद परिवार के मनखेमन होहीं।
37 जऊन ह अपन ददा या दाई ला मोर ले जादा मया करथे, ओह मोर लइक नो हय। जऊन ह अपन बेटा या बेटी ला मोर ले जादा मया करथे, ओह मोर लइक नो हय; 38 अऊ जऊन ह अपन कुरुस ला उठाके मोर पाछू नइं आवय, ओह मोर लइक नो हय। 39 जऊन ह अपन परान ला बचाथे, ओह ओला गंवाही, अऊ जऊन ह मोर कारन अपन परान ला गंवाथे, ओह ओला बचाही।
40 जऊन ह तुमन ला गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे, अऊ जऊन ह मोला गरहन करथे, ओह ओला गरहन करथे जऊन ह मोला पठोय हवय। 41 जऊन ह एक अगमजानी ला अगमजानी जानके गरहन करथे, त ओह एक अगमजानी के इनाम पाही, अऊ जऊन ह धरमी मनखे ला धरमी मनखे जानके गरहन करथे, ओह एक धरमी मनखे के इनाम पाही। 42 अऊ जऊन ह ए छोटे मन म ले कोनो ला मोर चेला जानके एक गिलास ठंडा पानी पीये बर देथे, त मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओह अपन इनाम जरूर पाही।”
कुरनेलियुस के दरसन
10 कैसरिया सहर म कुरनेलियुस नांव के एक मनखे रिहिस। ओह इतालियानी रेजिमेन्ट नांव के रोमन सेना के अधिकारी (सूबेदार) रिहिस। 2 ओह परमेसर के भक्त रिहिस अऊ अपन जम्मो परिवार के संग परमेसर के भय मानय। ओह गरीब यहूदीमन ला बहुंत दान देवय अऊ परमेसर ले हमेसा पराथना करय। 3 ओह एक दिन मंझनियां, तीन बजे एक दरसन देखिस। दरसन म ओह साफ देखिस कि परमेसर के एक स्वरगदूत ओकर करा आके कहिस, “हे कुरनेलियुस!”
4 कुरनेलियुस ह डर गीस अऊ ओला एक-टक देखके कहिस, “हे परभू, का ए?”
स्वरगदूत ह ओला कहिस, “तोर पराथना अऊ गरीबमन बर तोर दान ह परमेसर करा हबरे हवय। 5 अब याफा सहर म कुछू मनखेमन ला भेज अऊ सिमोन नांव के एक मनखे, जऊन ला पतरस कहे जाथे, बला ले। 6 ओह उहां चमड़ा के धंधा करइया सिमोन के इहां ठहरे हवय, जेकर घर समुंदर के तीर म हवय।”
7 जब ओकर ले बात करइया स्वरगदूत चले गीस, तब ओह अपन दू झन सेवक अऊ अपन सेना के एक सिपाही ला जऊन ह परमेसर के भक्त रिहिस, बलाईस, 8 अऊ ओमन ला जम्मो बात बताके याफा सहर पठोईस।
पतरस के दरसन
9 दूसर दिन लगभग मंझन के बेरा, जब ओमन सहर के लकठा म हबरत रहंय, त पतरस ह छानी ऊपर पराथना करे बर चघिस। 10 ओही घरी ओला भूख लगिस अऊ ओह कुछू खाय बर चाहत रिहिस अऊ जब खाना ह बनत रहय, त ओह एक दरसन देखिस। 11 ओह देखिस कि स्वरग ह खुल गे हवय अऊ एक ठन बड़े चादर सहीं चारों खूंट ले ओमरत धरती कोति उतरत हवय। 12 ओम धरती के जम्मो किसम के चरगोड़िया, पेट के बल रेंगइया जीव-जन्तु अऊ अकास के चिरईमन रहंय। 13 तब पतरस ह ए अवाज सुनिस, “पतरस, उठ! एमन ला मार अऊ खा।”
14 पर पतरस ह कहिस, “नइं परभू, कभू नइं। मेंह कभू कुछू असुध अऊ मइलाहा चीज नइं खाय हवंव[a]।”
15 फेर दूसर बार पतरस ओ अवाज सुनिस, “जऊन कुछू ला परमेसर ह सुध करे हवय, ओला तेंह असुध झन कह।”
16 तीन बार ले अइसने होईस, तब तुरते ओ चादर ला स्वरग म वापिस उठा लिये गीस।
17 जब पतरस ह ए दरसन के मतलब के बारे म सोचत रिहिस, तभे ओ मनखेमन जऊन ला कुरनेलियुस पठोय रिहिस, सिमोन के घर के पता लगावत दुवारी म आके ठाढ़ होईन। 18 ओमन अवाज देके पुछिन, “का सिमोन जऊन ला पतरस कहे जाथे, इहां हवय?”
19 पतरस ह ओ दरसन के बारे म सोचत रहय, तब परमेसर के आतमा ह ओला कहिस, “देख, तीन झन मनखेमन तोला खोजत हवंय। 20 एकरसेति उठ अऊ खाल्हे उतर अऊ ओमन के संग बिगर झिझके चले जा, काबरकि मेंह ओमन ला पठोय हवंव।”
21 तब पतरस ह छानी ले उतरिस अऊ ओ मनखेमन ला कहिस, “देखव, जऊन ला तुमन खोजत हवव, ओह में अंव। तुम्हर आय के का कारन ए?”
22 ओ मनखेमन कहिन, “हमन ला कुरनेलियुस सूबेदार ह पठोय हवय। ओह धरमी अऊ परमेसर के भय मनइया मनखे ए अऊ जम्मो यहूदी मनखेमन ओकर आदर करथें। ओला एक पबितर स्वरगदूत ले ए हुकूम मिले हवय कि ओह तोला अपन घर म बलाके तोर ले परमेसर के बचन सुनय।” 23 तब पतरस ह ओमन ला घर म बलाईस अऊ ओमन के पहुनई करिस।
पतरस ह कुरनेलियुस के घर म
दूसर दिन पतरस ह ओमन के संग गीस अऊ याफा के कुछू भाईमन घलो ओकर संग गीन। 24 ओकर दूसर दिन ओमन कैसरिया हबरिन। उहां कुरनेलियुस अपन रिस्तेदार अऊ मयारू संगीमन संग ओमन के डहार जोहत रहय। 25 जब पतरस ह घर भीतर आवत रिहिस, त कुरनेलियुस ह ओकर ले भेंट करिस अऊ ओकर गोड़ खाल्हे गिरके ओकर आदर करिस। 26 पर पतरस ह ओला उठाके कहिस, “ठाढ़ हो जा, मेंह घलो एक मनखे अंव।”
27 पतरस ह ओकर संग गोठियावत भीतर गीस अऊ उहां अब्बड़ मनखेमन ला देखके कहिस, 28 “तुमन जानत हव कि एह हमर यहूदी कानून के बिरोध म अय कि एक यहूदी ह आनजात के संगति करय या ओकर इहां जावय। पर परमेसर ह मोला देखाय हवय कि मेंह कोनो मनखे ला असुध या मइलाहा झन कहंव। 29 एकरसेति जब मोला बलाय गीस, त बिगर कुछू आपत्ति के मेंह आ गेंव। अब मेंह पुछत हंव कि तेंह मोला काबर बलाय हवस?”
30 तब कुरनेलियुस ह जबाब दीस, “चार दिन पहिली, मेंह इहीच बेरा मंझनियां के तीन बजे, अपन घर म पराथना करत रहेंव कि अचानक एक झन मनखे चिकमिकी कपड़ा पहिरे मोर आघू म आके ठाढ़ हो गीस, 31 अऊ ओह कहिस, ‘हे कुरनेलियुस! परमेसर ह तोर पराथना ला सुने हवय अऊ तोर दान, जऊन ला गरीबमन ला देथस, ओला सुरता करे हवय। 32 एकरसेति अब कोनो ला याफा सहर पठोके उहां ले सिमोन जऊन ला पतरस कहे जाथे, बला ले। ओह चमड़ा के धंधा करइया सिमोन के घर म पहुना हवय, जऊन ह समुंदर के तीर म रहिथे।’ 33 तब मेंह तुरते तोर करा मनखेमन ला पठोएंव। तेंह बने करय कि इहां आ गय। अब हमन जम्मो झन इहां परमेसर के आघू म हवन कि ओ हर बात ला सुनन, जऊन ला परभू ह तोला सुनाय के हुकूम दे हवय।”
34 तब पतरस ह कहे के सुरू करिस, “अब मेंह जान गेंव कि एह सच ए कि परमेसर ह काकरो पखियपात नइं करय, 35 पर हर जाति के मनखेमन ला गरहन करथे, जऊन मन ओकर भय मानथें अऊ सही काम करथें। 36 परमेसर ह इसरायलीमन करा संदेस पठोईस; ओमन ला यीसू मसीह के जरिये जऊन ह जम्मो झन के परभू ए, सांति के सुघर संदेस सुनाईस। 37 ओ बात ला तुमन जानत हव, जऊन ह यूहन्ना के बतिसमा के परचार के पाछू गलील राज ले सुरू होके पूरा यहूदिया राज म फइल गे हवय – 38 कि कइसने परमेसर ह नासरत के यीसू ला पबितर आतमा अऊ सामरथ ले अभिसेक करिस, अऊ यीसू ह हर जगह भलई करत अऊ सैतान के सताय जम्मो मनखेमन ला बने करत रिहिस, काबरकि परमेसर ह ओकर संग म रिहिस। 39 हमन ओ जम्मो काम के गवाह अन, जऊन ला ओह यहूदीमन के देस म अऊ यरूसलेम म करिस। ओमन ओला एक ठन रूख (कुरुस) म लटकाके मार डारिन। 40 पर ओला परमेसर ह तीसरा दिन मरे म ले जियाईस अऊ ओला परगट घलो करिस कि मनखेमन ओला देखंय। 41 ओह जम्मो मनखेमन ला देखाई नइं दीस, पर ओ गवाहमन ला देखाई दीस, जऊन मन ला परमेसर ह पहिली ले चुन ले रिहिस; याने कि हमन ला, जऊन मन ओकर मरे म ले जी उठे के पाछू ओकर संग खायेन पीयेन। 42 परभू यीसू ह हमन ला हुकूम दीस कि हमन जम्मो मनखेमन म परचार करन अऊ गवाही देवन कि एह ओही ए, जऊन ला परमेसर ह जीयत अऊ मरे मन के नियाय करइया ठहराईस। 43 जम्मो अगमजानीमन गवाही देथें कि जऊन कोनो यीसू ऊपर बिसवास करही, ओला यीसू के नांव म पाप के छेमा मिलही।”
44 जब पतरस ह ए बचन कहत रिहिस, तभे पबितर आतमा ओ जम्मो झन ऊपर उतरिस, जऊन मन संदेस ला सुनत रहंय। 45 जऊन यहूदी बिसवासीमन पतरस के संग आय रिहिन, ओमन ए देखके चकित होईन कि पबितर आतमा के दान ह आनजातमन ऊपर घलो उंड़ेरे गीस। 46 काबरकि ओमन आनजातमन ला आने-आने भासा बोलत अऊ परमेसर के महिमा करत सुनिन।
47 तब पतरस ह कहिस, “का कोनो अब ए मनखेमन ला पानी ले बतिसमा ले बर मना कर सकथे? एमन घलो हमर सहीं पबितर आतमा पाय हवंय।” 48 एकरसेति ओह हुकूम दीस कि ओमन ला यीसू मसीह के नांव म बतिसमा देय जावय। तब ओमन पतरस ले बिनती करिन कि ओह कुछू दिन ओमन के संग रहय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.