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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
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मत्ती 27

यहूदा ह अपन-आप ला फांसी लगा लेथे

(प्रेरितमन के काम 1:18-19)

27 जब बिहनियां होईस, त जम्मो मुखिया पुरोहित अऊ मनखेमन के अगुवामन यीसू ला मार डारे के फैसला करिन। ओमन यीसू ला बांधिन अऊ ओला ले जाके राजपाल पीलातुस के हांथ म सऊंप दीन[a]

यीसू के संग बिस‍वासघात करइया यहूदा ह जब देखिस कि यीसू ला दोसी ठहराय गे हवय, त ओह पछताईस अऊ ओह मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन ला चांदी के तीस सिक्‍का वापिस कर दीस, अऊ कहिस, “मेंह पाप करे हवंव काबरकि मेंह एक निरदोस मनखे ला मरवाय बर ओकर संग बिस‍वासघात करेंव।”

ओमन ह कहिन, “हमन ला एकर ले का मतलब! एला तें जान।”

तब यहूदा ह ओ चांदी के सिक्‍कामन ला मंदिर म फटिक दीस अऊ उहां ले चले गीस अऊ जाके फांसी लगा लीस।

मुखिया पुरोहितमन ओ सिक्‍कामन ला उठाईन अऊ कहिन, “ए पईसा ला खजाना म रखना कानून के मुताबिक सही नो हय, काबरकि एह लहू के कीमत अय।” एकरसेति ओमन ओ पईसा ले कुम्‍हार के खेत ला बिसोय के फैसला करिन ताकि ओ जगह ह परदेसीमन बर मसानघाट के रूप म काम आवय। एकरे कारन, ओ खेत ला आज तक ले लहू के खेत कहे जाथे। ए किसम ले यरमियाह अगमजानी के दुवारा कहे गय ए बचन ह पूरा होईस: “ओमन चांदी के तीस सिक्‍कामन ला ले लीन, जऊन ला इसरायली मनखेमन ओकर कीमत ठहराय रिहिन। 10 अऊ ओमन ओ पईसा के उपयोग कुम्‍हार के खेत बिसोय म करिन जइसने परभू ह मोला हुकूम दे रिहिस।”[b]

यीसू ह रोमन राजपाल पीलातुस के आघू म

(मरकुस 15:2-5; लूका 23:3-5; यूहन्ना 18:33-38)

11 जब यीसू ह राजपाल के आघू म ठाढ़ होईस, त राजपाल ह ओकर ले पुछिस, “का तेंह यहूदीमन के राजा अस?”

यीसू ह ओला जबाब दीस, “हव जी, जइसने तेंह कहत हवस।”

12 जब मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन यीसू ऊपर दोस लगाईन, त ओह कुछू जबाब नइं दीस। 13 तब पीलातुस ह यीसू ला कहिस, “का तेंह नइं सुनत हवस कि ओमन तोर ऊपर कइसने दोस लगावत हवंय।” 14 पर यीसू ह जबाब म एको सबद नइं कहिस। जेकर ले राजपाल ला बहुंत अचरज होईस।

15 राजपाल के ए रीति रिहिस कि फसह तिहार के मऊका म, ओह एक झन कैदी ला छोंड़ देवय, जऊन ला मनखेमन चाहंय। 16 ओ समय म बरब्‍बा नांव के एक बदनाम कैदी जेल म रिहिस। 17 जब भीड़ ह जुरे रिहिस, त पीलातुस ह भीड़ के मनखेमन ले पुछिस, “तुमन कोन ला चाहत हव कि मेंह ओला तुम्‍हर बर छोंड़ देवंव – बरब्‍बा ला या यीसू ला, जऊन ला मसीह कहे जाथे?” 18 काबरकि पीलातुस ह जानत रिहिस कि ओमन जलन के कारन यीसू ला ओकर हांथ म सऊंपे रिहिन।

19 जब पीलातुस ह नियाय के आसन म बईठे रिहिस, त ओकर घरवाली ह ओकर करा ए संदेस पठोईस, “ओ धरमी मनखे संग कुछू झन कर, काबरकि मेंह आज सपना म ओकर कारन बहुंत दुःख उठाय हवंव।”

20 पर मुखिया पुरोहित अऊ अगुवामन भीड़ के मनखेमन ला राजी कर लीन कि ओमन बरब्‍बा ला छोंड़े के अऊ यीसू ला मार डारे के मांग करंय।

21 राजपाल ह ओमन ला फेर पुछिस, “ए दूनों म ले तुमन कोन ला चाहथव कि मेंह तुम्‍हर खातिर छोंड़ देवंव?”

ओमन कहिन, “बरब्‍बा ला।”

22 पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “तब मेंह यीसू के का करंव, जऊन ला मसीह कहे जाथे।”

ओ जम्मो झन जबाब दीन, “एला कुरुस ऊपर चघाय जावय।”

23 पीलातुस ह पुछिस, “काबर? ओह का अपराध करे हवय?” फेर ओमन अऊ चिचियाके कहिन, “एला कुरुस ऊपर चघाय जावय।”

24 जब पीलातुस ह देखिस कि ओकर दुवारा कुछू नइं हो सकथे, पर हुल्‍लड़ होवत हवय, त ओह पानी लीस अऊ भीड़ के आघू म अपन हांथ ला धोके कहिस, “मेंह ए मनखे के मिरतू के दोसी नो हंव। एकर जिम्मेदार तुमन अव।”

25 जम्मो मनखेमन जबाब दीन, “एकर मिरतू के दोस हमर अऊ हमर संतान ऊपर होवय।”

26 तब पीलातुस ह ओमन खातिर बरब्‍बा ला छोंड़ दीस अऊ यीसू ला कोर्रा म पीटवाईस, अऊ ओला कुरुस ऊपर चघाय बर सैनिकमन के हांथ म सऊंप दीस।

सैनिकमन यीसू के हंसी उड़ाथें

(मरकुस 15:16-20; यूहन्ना 19:2-3)

27 तब राजपाल के सैनिकमन यीसू ला राजपाल के महल म ले गीन अऊ सैनिकमन के पूरा दल ला यीसू करा संकेलिन। 28 ओमन यीसू के कपड़ा ला उतारिन अऊ ओला लाल सिंदूरी रंग के चोगा पहिराईन, 29 अऊ तब कांटा के एक मुकुट गुंथके ओकर मुड़ी ऊपर रखिन, अऊ ओकर जेवनी हांथ म एक ठन लउठी धरा दीन अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकिन अऊ ए कहिके ओकर हंसी उड़ाईन, “हे यहूदीमन के राजा, तोला जोहार।” 30 ओमन ओकर ऊपर थूकिन अऊ लउठी म ओकर मुड़ी ला मारिन। 31 यीसू के हंसी उड़ाय के बाद, ओमन ओकर चोगा ला उतार लीन अऊ ओला ओकर खुद के कपड़ा पहिरा दीन। तब ओमन ओला कुरुस ऊपर चघाय बर ले गीन।

यीसू के कुरुस ऊपर चघाय जवई

(मरकुस 15:21-32; लूका 23:26-43; यूहन्ना 19:17-27)

32 जब ओमन सहर ले बाहिर निकरत रिहिन, त ओमन ला कुरेन सहर के सिमोन नांव के एक झन मनखे मिलिस। ओमन ओकर ले जबरदस्‍ती कुरुस ला उठवाके ले गीन[c] 33 ओमन “गुलगुता” नांव के जगह म आईन (गुलगुता के मतलब होथे – खोपड़ी के जगह)। 34 उहां ओमन यीसू ला पित्त मिले अंगूर के मंद पीये बर दीन। यीसू ह ओला चखिस, पर ओला पीये बर नइं चाहिस। 35 जब ओमन यीसू ला कुरुस ऊपर चघा लीन, त ओकर कपड़ा ला बांटा करे बर चिट्ठी डालिन अऊ चिट्ठी के मुताबिक कपड़ा ला बांट लीन। 36 तब ओमन उहां बईठके ओकर पहरा देवन लगिन। 37 अऊ ओकर मुड़ी ऊपर ओकर दोस पतर लिखके टांग दीन, जऊन म ए लिखाय रहय – “एह यहूदीमन के राजा यीसू अय।”[d] 38 यीसू के संग दू झन डाकूमन घलो कुरुस ऊपर चघाय गे रिहिन, एक झन ओकर जेवनी कोति अऊ दूसर झन ओकर डेरी कोति। 39 उहां ले अवइया-जवइयामन यीसू के ठट्ठा करंय अऊ अपन मुड़ी ला डोला-डोला के ए कहंय, 40 “तेंह तो मंदिर ला गिराके ओला तीन दिन म बनवइया अस, अपन-आप ला बंचा ले। कहूं तेंह परमेसर के बेटा अस, त फेर कुरुस ऊपर ले उतर आ।”

41 अइसनेच मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवामन घलो ए कहिके ओकर ठट्ठा करत रिहिन, 42 “एह आने मन ला बंचाईस, फेर एह अपन-आप ला नइं बंचा सकय। एह तो इसरायल के राजा अय। अब एह कुरुस ऊपर ले उतरके आवय, त हमन एकर ऊपर बिसवास करबो। 43 एह परमेसर ऊपर भरोसा रखथे। यदि परमेसर एला चाहथे, त ओह एला छुड़ा ले, काबरकि एह कहे रिहिस, ‘मेंह परमेसर के बेटा अंव।’ ” 44 अइसनेच ओ डाकूमन घलो जऊन मन ओकर संग कुरुस ऊपर चघाय गे रिहिन, ओकर ठट्ठा करिन।

यीसू के मिरतू

(मरकुस 15:33-41; लूका 23:44-49; यूहन्ना 19:28-30)

45 ओ मंझनियां बारह बजे ले लेके तीन बजे तक जम्मो धरती ऊपर अंधियार छाय रिहिस। 46 करीब तीन बजे यीसू ह जोर से नरियाके कहिस, “एली, एली, लमा सबकतनी?” – जेकर मतलब होथे, “हे मोर परमेसर, हे मोर परमेसर, तेंह मोला काबर तियाग देय?”

47 जऊन मन उहां ठाढ़े रिहिन, ओम ले कुछू झन एला सुनके कहिन, “एह एलियाह ला बलावत हवय।”

48 ओमन ले एक झन तुरते दऊड़के एक स्‍पंज ला लानिस, अऊ ओह ओला सिरका म बुड़ोईस अऊ एक ठन पातर लउठी म रखके यीसू ला पीये बर दीस। 49 पर बाकि मनखेमन कहिन, “ओला रहन दे। आवव, हमन देखन, एलियाह ह एला बंचाय बर आथे कि नइं।”

50 अऊ यीसू ह फेर जोर से गोहार पारिस अऊ अपन परान ला तियाग दीस।

51 ओतकीच बेरा मंदिर के परदा ह ऊपर ले खाल्‍हे तक चीराके दू टुकड़ा हो गीस। धरती ह कांप उठिस अऊ चट्टानमन तड़क गीन। 52 कबरमन उघर गीन अऊ कतको पबितर मनखे के मरे देहेंमन फेर जी उठिन। 53 ओमन कबर म ले बाहिर निकरिन, अऊ यीसू के जी उठे के बाद, ओमन पबितर सहर म गीन अऊ कतको मनखेमन ला दिखिन।

54 जब सूबेदार अऊ ओकर सैनिक जऊन मन यीसू के पहरा देवत रिहिन, भुइंडोल अऊ ओ जम्मो घटना ला देखिन, त अब्‍बड़ डर्रा गीन अऊ ओमन कहिन, “सही म एह परमेसर के बेटा रिहिस[e]।”

55 उहां कतको माईलोगन घलो रिहिन, जऊन मन दूरिहा ले यीसू ला देखत रिहिन। ओमन यीसू के सेवा करत गलील प्रदेस ले ओकर संगे-संग आय रिहिन। 56 ओमन म मरियम मगदलिनी, याकूब अऊ यूसुफ के दाई मरियम अऊ जबदी के बेटामन के दाई रिहिन।

यीसू के दफनाय जवई

(मरकुस 15:42-47; लूका 23:50-56; यूहन्ना 19:38-42)

57 जब संझा होईस, त अरमतिया सहर ले एक धनवान मनखे आईस। ओकर नांव यूसुफ रिहिस अऊ ओह खुदे यीसू के चेला रिहिस। 58 ओह पीलातुस करा जाके यीसू के लास ला मांगिस अऊ पीलातुस ह यीसू के लास ला ओला सऊंप देय के हुकूम दीस। 59 यूसुफ ह लास ला लीस अऊ ओला एक ठन साफ मलमल के कपड़ा म लपेटिस, 60 अऊ ओला अपन खुद के नवां कबर म रखिस, जऊन ला ओह चट्टान ला काटके बनवाय रिहिस। तब ओह एक ठन बड़े पथरा ला कबर के मुंहाटी म टेका दीस अऊ उहां ले चले गीस। 61 मरियम मगदलिनी अऊ दूसर मरियम उहां कबर के आघू म बईठे रिहिन।

कबर म पहरेदारी

62 ओकर दूसर दिन, जऊन ह तियारी के दिन के बाद के दिन रिहिस, मुखिया पुरोहित अऊ फरीसी मन पीलातुस करा गीन[f] 63 अऊ कहिन, “महाराज, हमन ला सुरता हवय कि ओ धोखेबाज ह जब जीयत रिहिस, त कहे रिहिस, ‘तीन दिन के बाद मेंह फेर जी उठहूं।’ 64 एकरसेति हुकूम दे कि तीसरा दिन तक ओ कबर के रखवारी करे जावय। अइसने झन होवय कि ओकर चेलामन आवंय अऊ ओकर लास ला चुरा के ले जावंय अऊ मनखेमन ला कहंय कि ओह मरे म ले जी उठे हवय। तब ए आखिरी धोखा ह पहिली ले घलो अऊ खराप होही।”

65 पीलातुस ह ओमन ला कहिस, “तुम्‍हर करा पहरेदारमन हवंय। जावव, अऊ जइसने तुमन उचित समझथव, कबर के रखवारी के परबंध करव।” 66 तब ओमन गीन अऊ कबर के पथरा ऊपर मुहर लगाईन अऊ उहां पहरेदार बईठाके ओमन कबर के रखवारी के परबंध करिन।

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प्रेरितमन के काम 27

पौलुस ह पानी जहाज म रोम जाथे

27 जब ए फैसला होईस कि हमन पानी जहाज म इटली देस जाबो, तब ओमन पौलुस अऊ कुछू आने कैदीमन ला यूलियुस नांव के एक सेना के अधिकारी के हांथ म सऊंप दीन, जऊन ह रोमी पलटन के रिहिस। हमन अद्रमुतियुम के एक पानी जहाज म चघेन, जऊन ह एसिया प्रदेस के तीर के बंदरगाहमन म जवइया रहय। हमन जहाज के लंगर ला समुंदर म खोल देन। थिस्‍सलुनीके के एक मकिदूनी मनखे अरिसतर्खुस घलो हमर संग म रिहिस।

ओकर आने दिन हमन सैदा म उतरेंन, अऊ यूलियुस ह पौलुस ऊपर दया करके ओला ओकर संगीमन करा जाय बर दीस ताकि ओमन पौलुस के जरूरत के चीजमन के पूरती करंय। तब उहां ले हमन फेर जहाज म चघेन अऊ हवा ह हमर उल्टा दिग म बहे के कारन, हमन साइप्रस दीप के आड़ म होवत गेन। हमन किलिकिया अऊ पंफूलिया टापू के समुंदर तीर म ले होवत लूसिया प्रदेस के मूरा म उतरेंन। सेना के अधिकारी ला उहां सिकन्दरिया के एक पानी जहाज मिलिस, जऊन ह इटली जावत रहय। ओह हमन ला ओही जहाज म चघा दीस। हमन बहुंत दिन तक धीरे-धीरे चलत बड़ मुसकुल म कनिदुस नगर हबरेन। हवा ह हमन ला आघू बढ़न नइं देवत रहय। एकरसेति, हमन सलमोने टापू के आघू म ले होवत क्रेते दीप के आड़ म चलेन। हमन तीरे-तीर चलत बड़ मुसकुल म सुभ लंगरबारी नांव के एक जगह म हबरेन, जऊन ह लसया सहर के लकठा म रहय।

बहुंत दिन हो गे रिहिस अऊ समुंदर के यातरा के जोखिम बढ़ गे रहय, अऊ तब तक उपास के दिन घलो बीत गे रिहिस। एकरसेति पौलुस ह ओमन ला ए सलाह दीस, 10 “हे मनखेमन, मेंह देखत हंव कि हमर ए यातरा म बिपत्ती अवइया हवय अऊ न सिरिप जहाज अऊ माल के बहुंत नुकसान होही, पर हमन ला हमर परान के घलो हानि उठाना पड़ही।” 11 पर सेना के अधिकारी ह पौलुस के बात ला माने के बदले, मांझी अऊ जहाज के मालिक के बात ला मानिस। 12 ओ बंदरगाह ह जड़काला काटे बर ठीक नइं रिहिस, एकरसेति बहुंते मनखेमन ए कहिन कि जहाज ला खोलके यदि हो सकय, त फीनिक्स तक पहुंचे के कोसिस करे जावय अऊ उहां जड़काला काटे जावय। फीनिक्स ह क्रेते के एक बंदरगाह रिहिस, जऊन ह दक्खिन-पछिम अऊ उत्तर-पछिम अंग खुलथे।

समुंदर म आंधी

13 जब हवा ह दक्खिन कोति ले धीरे-धीरे चले के सुरू होईस, त ओमन सोचिन कि ओमन जो चाहथें, ओह पूरा होही। ओमन जहाज ला खोल दीन अऊ क्रेते के तीरे-तीर चले लगिन। 14 पर थोरकन देर म, दीप ले एक बड़े आंधी उठिस जऊन ह उत्तर-पूरबी आंधी कहाथे। 15 आंधी ह जहाज ले टकराईस अऊ जब हवा के उलटा जहाज ला चलाना असंभव हो गीस, त हमन कोसिस करे बर छोंड़ देन, अऊ अइसने हवा म बोहावत चले गेन। 16 कौदा नांव के एक छोटकन टापू के आड़ म जावत-जावत, हमन बड़ मुसकुल म जहाज के डोंगी ला संभालेन। 17 मनखेमन ओला जहाज म रखिन अऊ जहाज ला संभाले बर ओकर चारों कोति दऊंरा (डोर) बांध दीन। सुरतिस के बालू म जहाज के फंस जाय के डर म, ओमन जहाज के लंगर ला खाल्‍हे उतारिन अऊ जहाज ला अइसने हवा म चलन दीन। 18 आंधी ह भयंकर रूप से जहाज म टकराय लगिस, त दूसर दिन ओमन जहाज के माल ला फटिके लगिन। 19 तीसरा दिन ओमन अपन हांथ ले जहाज म लदे वजन नापे के मसीन ला फटिक दीन। 20 जब हमन ला बहुंते दिन तक न सूरज अऊ न तारामन दिखिन अऊ लगातार भारी आंधी चलत रहय, त आखिर म हमन हमर बांचे के जम्मो आसा छोंड़ देन।

21 जब मनखेमन बहुंत दिन तक खाना नइं खाईन, त पौलुस ह ओमन के आघू म ठाढ़ होके कहिस, “हे मनखेमन, यदि तुमन मोर बात ला सुनके जहाज ला क्रेते ले नइं खोले रहितेव, तब हमन ला ए बिपत अऊ हानि नइं उठाय पड़तिस। 22 पर अब मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि हिम्मत करव, काबरकि तुमन के काकरो परान के हानि नइं होवय, सिरिप जहाज ह नास होही। 23 काबरकि जऊन परमेसर के मेंह अंव अऊ जेकर मेंह सेवा करथंव, ओकर एक स्‍वरगदूत ह बिते रतिहा मोर करा आके कहिस, 24 ‘हे पौलुस, झन डर। तोला महाराजा के आघू म ठाढ़ होना जरूरी ए, अऊ परमेसर ह अपन दया ले, ए जम्मो झन के जिनगी ला, जऊन मन तोर संग जावत हवंय, तोला दे हवय।’ 25 एकरसेति, हे मनखेमन हो, हिम्मत करव, काबरकि मोला परमेसर ऊपर बिसवास हवय कि जइसने ओह मोला कहे हवय, वइसनेच होही। 26 पर हमन ला कोनो टापू म पहुंचे बर पड़ही।”

पानी जहाज ह डुब जाथे

27 चौदह रात हो गे, हमन अद्रिया समुंदर म भटकत फिरत रहेंन, तब आधा रतिहा के करीब मांझीमन ला लगिस कि ओमन भुइयां के लकठा म आ गे हवंय। 28 ओमन पानी के थाह लगाईन, त ओमन एक सौ बीस फुट गहिरा पाईन। थोरकन देर बाद, ओमन फेर गहिरई नापिन, त नब्बे फुट गहिरा पाईन। 29 तब ए डरके कि जहाज ह पथरा ले टकरा जाही, ओमन जहाज के पाछू भाग म चार ठन लंगर डारिन अऊ दिन के अंजोर बर पराथना करे लगिन। 30 मांझीमन पानी जहाज ले भागे चाहत रहंय, एकरसेति ओमन जहाज के आघू म कुछू लंगर डारे के ओढ़र म, डोंगी ला समुंदर म उतार दीन। 31 तब पौलुस ह सेना के अधिकारी अऊ सैनिकमन ला कहिस, “कहूं ए मनखेमन जहाज ला छोंड़ दीन, त तुमन नइं बांचव।” 32 तब सैनिकमन डोंगी ले बंधे डोर ला काटके डोंगी ला गिरा दीन।

33 बिहान होय के पहिली, पौलुस ह ओ जम्मो झन ला खाना खाय बर समझाईस। ओह कहिस, “आज चौदह दिन हो गे, तुमन आस लगाय हवव अऊ अभी तक ले कुछू नइं खाय हवव। 34 मेंह तुमन ले बिनती करत हंव कि कुछू खा लेवव। जीयत रहे बर तुमन ला कुछू खाना जरूरी ए। तुमन के काकरो मुड़ के एको ठन बाल घलो बांका नइं होवय।” 35 ए कहिके पौलुस ह कुछू रोटी लीस अऊ जम्मो के आघू म परमेसर ला धनबाद दीस अऊ टोरके खावन लगिस। 36 ओमन जम्मो झन उत्साहित होईन अऊ कुछू खाना खाईन। 37 हमन जम्मो झन मिलके पानी जहाज म दू सौ छिहत्तर मनखे रहेंन। 38 जब खाना खाके ओमन के मन ह भर गे, त अनाज ला समुंदर म फटिक के जहाज ला हरू करन लगिन।

39 जब बिहनियां होईस, त ओमन ओ देस ला नइं चिन्हिन, पर ओमन ला एक रेतिला समुंदर के खाड़ी दिखिस, तब ओमन उहां जहाज ला टिकोय के फैसला करिन। 40 अऊ ओमन लंगरमन ला खोलके समुंदर म छोंड़ दीन अऊ संग म पतवारमन के डोर ला घलो खोल दीन अऊ हवा के आघू म पाल ला चघाके, ओमन समुंदर के तीर कोति चले लगिन। 41 जहाज ह बालू म फंसके टिक गे। जहाज के आघू के भाग ह बालू म धंस गीस अऊ आघू नइं बढ़िस, जबकि पिछला भाग ह समुंदर के भयंकर लहरा ले टूटके कुटी-कुटी हो गीस।

42 तब सैनिकमन कैदीमन ला मार डारे के बिचार करिन, ताकि ओम ले कोनो पानी म उतरके झन भाग सकय। 43 पर सेना के अधिकारी ह पौलुस ला बंचाय बर चाहत रहय, एकरसेति ओह ओमन ला अइसने करे बर मना करिस। ओह ए हुकूम दीस कि जऊन मन तऊर सकथें, ओमन पहिली जहाज ले कूदके तीर म हबरंय। 44 बांचे मनखेमन लकड़ी के पटिया या जहाज के टूटे चीजमन के सहारा लेके उहां पहुंचंय। ए किसम ले जम्मो झन भांठा म पहुंचके बांच गीन।

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