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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
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मत्ती 17

यीसू के रूपान्‍तरन

(मरकुस 9:2-13; लूका 9:28-36)

17 छै दिन के बाद यीसू ह पतरस, याकूब अऊ याकूब के भाई यूहन्ना ला अपन संग लीस अऊ ओमन ला अकेला एक ऊंचहा पहाड़ म ले गीस। उहां ओमन के आघू म यीसू के रूप ह बदल गीस। ओकर चेहरा ह सूरज सहीं चमकत रहय अऊ ओकर कपड़ा ह अंजोर सहीं पंडरा हो गीस। तब उहां चेलामन के आघू म मूसा अऊ एलियाह परगट होईन अऊ ओमन यीसू के संग गोठियावत रिहिन।

पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, एह बने बात अय कि हमन इहां हवन। यदि तोर ईछा हवय, त मेंह इहां तीन ठन तम्‍बू बनावत हंव – एक ठन तोर बर, एक मूसा बर अऊ एक एलियाह बर।”

जब ओह गोठियावत रिहिस, त एक चमकिला बादर ह ओमन के ऊपर छा गीस, अऊ ओ बादर ले ए अवाज आईस, “एह मोर मयारू बेटा अय। मेंह एकर ले बहुंत खुस हवंव। एकर बात ला सुनव।”

एला सुनके चेलामन मुहूं के भार भुइयां म गिरिन अऊ ओमन बहुंत डर्रा गीन। पर यीसू ह आईस अऊ ओमन ला छुके कहिस, “उठव, झन डर्रावव।” जब ओमन ऊपर देखिन, त ओमन ला यीसू के छोंड़ अऊ कोनो नइं दिखिस।

जब ओमन पहाड़ ले उतरत रिहिन, त यीसू ह ओमन ला हुकूम दीस, “जब तक मनखे के बेटा ह मरे म ले नइं जी उठय, तब तक तुमन जऊन कुछू देखे हवव, ओ बात कोनो ला झन बतावव।”

10 तब चेलामन ओकर ले पुछिन, “त फेर कानून के गुरूमन काबर कहिथें कि पहिली एलियाह के अवई जरूरी अय।”

11 यीसू ह जबाब दीस, “एलियाह ह जरूर आवत हवय अऊ ओह जम्मो चीज ला ठीक करही। 12 पर मेंह तुमन ला कहथंव कि एलियाह ह आ चुके हवय अऊ मनखेमन ओला नइं चिनहिन। पर ओमन जइसने चाहिन, वइसने ओकर संग मनमाना बरताव करिन।” 13 तब चेलामन समझिन कि यीसू ह ओमन ले यूहन्ना बतिसमा देवइया के बारे म कहत रिहिस।

यीसू ह मिरगी के रोगी एक छोकरा ला चंगा करथे

(मरकुस 9:14-29; लूका 9:37-43)

14 जब ओमन भीड़ करा आईन, त एक मनखे ह यीसू करा आईस अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकके कहिस, 15 “हे परभू! मोर बेटा ऊपर दया कर। ओला मिरगी आथे अऊ ओकर कारन बहुंत दुःख झेलथे। ओह अक्सर आगी या पानी म गिर जाथे। 16 मेंह ओला तोर चेलामन करा लानेंव, पर ओमन ओला ठीक नइं कर सकिन।”

17 यीसू ह कहिस, “हे अबिसवासी अऊ ढीठ मनखेमन! मेंह कब तक तुम्‍हर संग रहिहूं? कब तक मेंह तुम्‍हर सहत रहिहूं? लड़का ला इहां मोर करा लानव।” 18 यीसू ह परेत आतमा ला दबकारिस अऊ ओह ओम ले निकर गीस, अऊ ओ छोकरा ह ओहीच बखत ठीक हो गीस।

19 तब चेलामन यीसू करा अकेला म आईन अऊ पुछिन, “हमन ओला काबर नइं निकार सकेंन?”

20 यीसू ह ओमन ला कहिस, “काबरकि तुम्‍हर बहुंत कम बिसवास हवय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि यदि तुम्‍हर बिसवास ह सरसों के दाना के बरोबर घलो हवय, अऊ तुमन ए पहाड़ ले कहव, ‘इहां ले घुंच के उहां चले जा,’ त ओह घुंच जाही। तुम्‍हर बर कोनो घलो बात असंभव नइं होही। 21 पर ए किसम के परेत आतमा ह सिरिप पराथना अऊ उपास के दुवारा निकरथे।”

22 जब चेलामन गलील प्रदेस म जुरिन, त यीसू ह ओमन ला कहिस, “मनखे के बेटा ह मनखेमन के हांथ म पकड़वाय जाही। 23 ओमन ओला मार डारहीं, पर तीसरा दिन ओह जी उठही।” एला सुनके चेलामन बहुंत उदास होईन।

मंदिर के लगान

24 जब यीसू अऊ ओकर चेलामन कफरनहूम म आईन, त मंदिर के लगान लेवइयामन पतरस करा आईन अऊ पुछिन, “का तुम्‍हर गुरू ह मंदिर के लगान नइं पटावय?”

25 ओह कहिस, “हव, ओह पटाथे।” जब पतरस ह घर के भीतर आईस, त ओकर पुछे के पहिली यीसू ह कहिस, “हे सिमोन, तेंह का सोचथस? ए धरती के राजामन काकर ले लगान लेथें? अपन खुद के बेटामन ले या आने मन ले?”

26 पतरस ह कहिस, “आने मन ले।”

यीसू ह ओला कहिस, “तब तो बेटामन ला लगान पटाय बर नइं पड़य। 27 पर हमन ओमन ला ठेस पहुंचाय नइं चाहथन, एकरसेति तेंह झील म जा अऊ अपन गरी ला खेल। जऊन मछरी पहिली फंसही, ओला पकड़बे अऊ ओकर मुहूं ला खोलबे, त तोला उहां एक ठन सिक्‍का मिलही। ओला लेके मोर अऊ तुम्‍हर तरफ ले ओमन ला लगान पटा देबे।”

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प्रेरितमन के काम 17

थिस्‍सलुनीके सहर म

17 पौलुस अऊ सीलास अमफिपुलिस अऊ अपुलोनिया सहर ले होवत थिस्‍सलुनीके सहर म आईन, जिहां यहूदीमन के एक सभा घर रिहिस। जइसने कि पौलुस के आदत रिहिस, ओह सभा घर म गीस अऊ तीन बिसराम के दिन तक ओमन के संग परमेसर के बचन म ले तर्क देके बताईस। ओह ए साबित करत ओमन ला समझाईस कि मसीह ला दुःख उठाना अऊ मरे म ले जी उठना जरूरी रिहिस। एहीच यीसू जेकर बारे, मेंह तुमन ला बतावत हंव, मसीह अय। तब उहां के कुछू यहूदी अऊ परमेसर के भय मनइया कतको यूनानी मनखे अऊ नामी माईलोगन मन ओकर बात ला मान लीन अऊ ओमन पौलुस अऊ सीलास के संग मिल गीन।

पर यहूदीमन जलन ले भर गीन। एकरसेति ओमन बजार ले कुछू खराप मनखेमन ला अपन संग मिला लीन अऊ भीड़ लगाके सहर म हो-हल्‍ला मचाय लगिन। पौलुस अऊ सीलास के खोज म ओमन यासोन के घर आईन ताकि ओमन ला भीड़ के आघू म लानय। पर जब ओमन ला पौलुस अऊ सीलास उहां नइं मिलिन, त यासोन अऊ कुछू आने भाईमन ला घसीटत सहर के अधिकारीमन करा लानिन अऊ चिचियाके कहिन, “ए मनखे जऊन मन जम्मो ठऊर म समस्या खड़े करे हवंय, अब इहां आय हवंय। अऊ यासोन ह ओमन ला अपन घर म रखे हवय अऊ ए जम्मो झन महाराजा के हुकूम के बिरोध करके कहत हवंय कि यीसू नांव के एक आने राजा हवय।” जब भीड़ के मनखे अऊ सहर के अधिकारीमन ए बात ला सुनिन, त ओमन म कोलाहल मच गीस। तब ओमन यासोन अऊ बाकि भाईमन ले जमानत लेके ओमन ला छोंड़ दीन।

बिरिया सहर म

10 रतिहा होतेच ही, भाईमन पौलुस अऊ सीलास ला बिरिया सहर पठो दीन। उहां हबरके ओमन यहूदीमन के सभा घर म गीन। 11 बिरिया के मनखेमन थिस्‍सलुनीके सहर के मनखेमन ले जादा बने सुभाव के रिहिन, काबरकि ओमन बड़े उत्साह के संग परमेसर के बचन ला गरहन करिन अऊ हर एक दिन ए जाने बर परमेसर के बचन म ले खोजंय कि पौलुस जऊन बात कहत हवय, ओह सच ए कि नइं। 12 उहां के बहुंते यहूदीमन बिसवास करिन अऊ बहुंत संख्‍या म नामी यूनानी माईलोगन अऊ यूनानी मनखेमन घलो बिसवास करिन। 13 जब थिस्‍सलुनीके के यहूदीमन ला ए पता चलिस कि पौलुस ह बिरिया म परमेसर के बचन के परचार करत हवय, त ओमन उहां घलो पहुंच गीन अऊ मनखे के भीड़ ला भड़काईन अऊ हो-हल्‍ला मचाय लगिन। 14 तब भाईमन तुरते पौलुस ला समुंदर तीर म पठो दीन, पर सीलास अऊ तीमुथियुस बिरिया म रूक गीन। 15 ओ मनखे जऊन मन पौलुस ला पहुंचाय गे रिहिन, ओमन ओला अथेने सहर म ले आईन अऊ सीलास अऊ तीमुथियुस बर पौलुस के ए संदेस लेके लहुंटिन कि ओमन जतकी जल्दी हो सके, पौलुस करा आ जावंय।

अथेने सहर म

16 जब पौलुस ह अथेने म सीलास अऊ तीमुथियुस के बाट जोहत रिहिस, तब सहर ला मूरतीमन ले भरे देखके ओह बहुंत उदास होईस। 17 एकरसेति ओह सभा घर म यहूदीमन ले अऊ परमेसर के भक्त यूनानीमन ले अऊ बजार म जऊन कोनो मिलंय, ओमन ले हर दिन बहस करय। 18 कुछू इपिकूरी अऊ इस्तोईकी पंडितमन ओकर ले बिवाद करन लगिन। ओम ले कुछू झन कहिन, “ए बकवादी ह का कहे चाहत हवय?” अऊ आने मन कहिन, “अइसने जान पड़थे कि ओह बिदेसी देवतामन के बारे म गोठियावत हवय।” काबरकि पौलुस ह यीसू के अऊ ओकर मरे म ले जी उठे के परचार करत रहय। 19 तब ओमन पौलुस ला ले गीन अऊ ओला अरियुपगुस के सभा म लानिन अऊ ओकर ले पुछिन, “का हमन जान सकथन कि ए जो नवां बात तेंह बतावत हवस, एह का ए[a]? 20 तेंह हमन ला भाला रकम के बात बतावत हस। हमन जाने बर चाहथन कि एमन के का मतलब होथे?” 21 (अथेने सहर के जम्मो रहइया अऊ परदेसी जऊन मन उहां रहत रिहिन, ओमन नवां – नवां बात कहे अऊ सुने के छोंड़ अऊ कोनो काम म समय नइं बितावत रिहिन)।

22 तब पौलुस ह अरियुपगुस के सभा म ठाढ़ होके कहिस, “हे अथेने सहर के मनखेमन, मेंह देखत हंव कि तुमन हर बात म बहुंत धारमिक अव। 23 जइसने कि मेंह घूमत-घूमत तुम्‍हर पूजा-पाठ के चीजमन ला देखत रहेंव, त मोला एक ठन अइसने बेदी दिखिस, जऊन म ए लिखाय रहय – ‘एक अनजान ईसवर खातिर’। जऊन ला तुमन बिगर जाने पूजा करत हव, मेंह ओकरेच सुघर संदेस तुमन ला सुनाय चाहत हवंव।

24 जऊन परमेसर ह संसार अऊ ओम के जम्मो चीजमन ला बनाईस, ओह स्‍वरग अऊ धरती के परभू ए अऊ ओह मनखे के बनाय मंदिरमन म नइं रहय। 25 अऊ न तो ओला कोनो चीज के घटी हवय कि मनखे ह काम करके ओकर पूरती कर सकय, काबरकि ओह खुद जम्मो झन ला जिनगी अऊ परान अऊ जम्मो कुछू देथे। 26 ओह एकेच मनखे ले जम्मो जात के मनखेमन ला बनाईस कि ओमन जम्मो धरती म रहंय। ओह ओमन बर समय अऊ रहे-बसे के जगह ठहराईस। 27 परमेसर ह अइसने करिस ताकि ओमन परमेसर के खोज म रहंय अऊ ओकर करा पहुंचके ओला पा जावंय। तभो ले, ओह हमन ले कोनो ले दूरिहा नइं ए। 28 काबरकि ओही म हमन जीयत अऊ चलत-फिरत हवन अऊ हमर जिनगी हवय। जइसने कि तुम्‍हर कुछू कबिमन कहे हवंय, ‘हमन ओकर संतान अन।’

29 एकरसेति जब हमन परमेसर के संतान अन, त हमन ला ए नइं सोचना चाही कि ईसवर ह सोना या चांदी या पथरा के मूरती सहीं ए, जऊन ह मनखे के कारीगरी अऊ सोच ले बनाय जाथे। 30 पहिली समय म, परमेसर ह ए किसम के मनखे के अगियानता ला धियान नइं दीस, पर अब ओह हर जगह जम्मो मनखेमन ला पाप ले मन फिराय के हुकूम देवत हवय। 31 काबरकि ओह एक ठन दिन ठहराय हवय, जब ओह अपन ठहराय मनखे के दुवारा संसार के नियाय सही-सही करही। परमेसर ह ओ मनखे ला मरे म ले जियाके ए बात के सबूत जम्मो मनखेमन ला दे हवय।”

32 जब ओमन मरे मनखेमन के फेर जी उठे के बात ला सुनिन, त कुछू मनखेमन पौलुस के हंसी उड़ाईन, पर आने मन कहिन, “एकर बारे म हमन तोर ले फेर कभू सुनबो।” 33 एकरसेति पौलुस ह सभा ले निकरके चले गीस। 34 तभो ले कुछू मनखेमन पौलुस के बात ला मानिन अऊ बिसवास करिन। ओमन म दियुनुसियुस जऊन ह अरियुपगुस सभा के सदस्य रिहिस अऊ दमरिस नांव के एक माईलोगन घलो रिहिस। ओमन के संग कुछू अऊ मनखेमन घलो रिहिन।

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