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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 8

गित्तीथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद।

हे यहोवा, हमार सुआमी, तोहार नाउँ सारी भुइँया पइ बहोतइ अद्भुत बाटइ।
    तोहार नाउँ सरगे मँ हर कइँती तोहका बड़कइ देत बाटइ।

लरिकन अउ नान्ह गदेलन क मुँहन स, तोहरी बड़कइ क गीत गावा जात हीं।
    तू आपन दुस्मनन क चुप करावइ मँ अइसा करत ह।

हे यहोवा, जब मोर निगाह अकासे पइ पड़त ह, जेका तू आपन हाथे स रच्या ह।
    अउर जब मइँ चाँद तारन क लखत हउँ जउन तोहार रचना बाटइ, तउ मइँ अचम्भा स भरि जात हउँ।
मनइयन तोहरे बरे काहे ऍतना महत्वपूर्ण होइ गएन?
    तू ओनका काहे बरे सुमिरत अहा?
मनई क पूत तोहरे बरे काहे महत्वपूर्ण बाटइ?
    काहे तू ओन पइ धियान तलक देत अहा?

मुला तोहरे बरे मनई महत्वपूर्ण अहइ!
    तू मनई क देवता क प्रतिरूप बनाया ह, अउ ओनके मूँड़े पइ महिमा अउ सम्मान क मुकुट धरे अहा।
तू आपन सृस्टि क जउन कछू भी रच्या ह
    मनइयन क ओकर हकदार बनाया ह।
मनई भेड़िन पइ, गोरू धने पइ अउ जंगल क सबहिं हिंसक जन्तुअन पइ राज्ज करत ह।
उ अकासे मँ पंछियन पइ
    अउ समुद्दर मँ तैरत भए जलचरन पइ राज्ज करत ह।
हे यहोवा, हमार सुआमी, सारी धरती पइ तोहार नाउँ बहोतइ अद्भुत अहइ।

भजन संहिता 148

यहोवा क बड़कई करा।

    ओकर बड़कई सरग स करा।
हे सबहिं सरगदूतो, यहोवा क जस गावा।
    ग्रहो अउ नछत्रो ओकर गुण गान करा।
सूरज अउ चाँद, तू पचे यहोवा क गुण गावा।
    अकासे क तारो अउ जोतियो, ओकर बड़कई करा।
यहोवा क बड़कई सबन त ऊँच पर्वत मँ करा!
    हे जल अकासे क ऊपर, ओकर बड़कई करा।
यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
    काहेकि उ आदेस दिहस, अउर सब कछू रचे रहा।
उ ऍन सबन्क बनाएस एह बरे उ सबइ सदा-सदा बना रहइँ।
    उ अपरिवर्तनसील कानून बनाएस।
ओ धरती पइ क हर वस्तु, यहोवा क गुण गावा।
    ओ बिसाल जन्तुओ अउ सबइ महासागरो, ओकर गुण गावा।
आगी अउ ओलन, बरफ अउ कुहासा, तूफानी पवन
    जउन ओकर वचन क पूरा किहेन, ओकर गुण गावा।
पर्वतन अउ सबइ पहाड़न,
    फलदार बृच्छ अउ देवदार क बृच्छ, ओकरे गुण गावा।
10 बनेर पसुअन अउ सब पालतु मवेसी, रेंगइवाले जीव अउ पंछियन, ओकर गुण गावा।
11 धरती क सबहिं राजा लोग अउ सबइ रास्ट्रन,
    प्रमुखन अउ धरती पइ क सबहिं निआवाधीसन, ओकर स्तुति करा।
12 नव जवान मनसेधू अउ नव जवान मेहरारू, ओकर स्तुति करा।
    परमेस्सर बूढ़े लोगन अउ गदेलन क रचेस ह।
13 ओनका यहोवा क नाउँ क स्तुति करइ द्या।
    अकेल्ले ओकरे नाउँ ही ऊँच सम्मानित अहइ।
धरती अउ अकास
    ओकर चमक-दमक स भरि जाइहीं।
14 उ आपन लोगन क मजबूती क स्रोत क निर्माण किहेस।
    उ आपन सबइ भगतन अरथ इस्राएलियन,
अउ ओकरे समीप रहइवाले रास्ट्रन बरे, स्तुति क स्रोत क निर्माण किहेस।

यहोवा क बड़कई करा।

अय्यूब 38:1-7

परमेस्सर अय्यूब स बोलत ह

38 फिन यहोवा बौडंर मँ स अय्यूब क जवाब दिहस। परमेस्सर कहेस।

“इ कउन मनई अहइ
    जउन मूर्खता स भरी भइ बातन करत अहइ?”
अय्यूब, तू मनई क तरह सुदृढ़ बना।
    जउन सवाल मइँ पूछउँ ओकर जवाब देइ क तइयार होइ जा।

“अय्यूब, बतावा तू कहाँ रह्या, जब मइँ भुइँया क रचना किहे रहेउँ?
    अगर तू एँतना समुझदार अहा तउ मोका जवाब दया।
अय्यूब, अगर तू एँतना हाज़िर जवाब अहा तउ मोका बता कि इ संसारे क विस्तार कउन तय किहेस?
    कउन इ संसार क नापइ वाला सूत स नापेस?
इ धरती क नींव काहे पइ धरी गइ अहइ?
    कउन धरती क नींव क रुप मँ सवन त जियादा महत्व क पाथर क धरेस ह
जब परमेस्सर अइसा करत रहेन तउ भोर क तारन एक संग खुस होइके गाना गाएन।
    अउर सरगदूतन खुस होअके चिल्ला उठेन।

इब्रनियन 1

परमेस्सर अपने पूत क माध्यम स बोलत ह

परमेस्सर त अतीत मँ नबियन क जरिये कइयउ अवसरन प कउनउ तरह स हमरे पूर्वजन स बातचीत किहेस। मुला इन आखिरी दिने मँ उ हमसे अपने पूत क जरिये बातचीत किहेस, जेका ओ सब कछू क उत्तराधिकारी नियुक्त किहेस अउर जेकरे द्वारा उ समूचे ब्रह्माण्ड क रचना किहेस। उ पूत परमेस्सर क महिमा क प्रभा-मण्डल अहइ अउर ओकरे प्रकृति क प्रतिलिपि अहइ। उ अपने समर्थ बचन क द्वारा सब चीजन क स्थिति बनाए रखत ह। सबके पापन क धोअइ क उ सरगे मँ ओह महामहिम क दहिने हाथे बइठि गवा। एह तरह उ सरगदूतन स एतना ही महान बनि गवा जेतॅना कि ओनके उ किहेन। उ सबइ नाउँ स उत्तिम नाउँ बाटइ जउन उ उत्तराधिकार मँ पाए अहइ।

काहेकि परमेस्सर तउ कउनो सरगदूतन स कभी अइसेन नाहीं कहेसः

“पूत तू मोर,
    आजू तोहार बनि गवा हउँ मइँ पिता।” (A)

अउर न ही कउनो सरगदूत स उ इ कहेस ह,

“पिता ओकर मइँ बनबइ,
    अउर होइ पूत उ मोर।” (B)

अउर फिन उ जब आपन पहिलौट क लड़का अउर महत्वपूर्ण क संसार मँ लावत ह तउ कहत ह,

“परमेस्सर क सरगदूतन सब ओकर नमन करइँ।”[a]

सरगदूतन क बारे मँ बतावत उ कहत ह,

“सरगदूतन उ अपने सब पवन बनावइ
    अउर बनावइ आपन सेवक लपट आगी क।” (C)

मुला अपने पूत क बारे मँ उ कहत हः

“हे परमेस्सर, सास्वत तोहर सिंहासन बा,
    तोहार राजदण्ड बाटइ नेकी;
नेकी ही तोहका पिआरी बा, तोहका घृणा रही पापन स
    तउन परमेस्सर, तोहर परमेस्सर तउ चुना बा तोहका अउर ओह महान आनन्द दिहेस।
    तोहका कहूउँ जियादा तोहरे साथियन स।” (D)

10 उ इहउ कहत ह,

“हे पर्भू सृस्टि क जब होत रहा जन्म मँ तुमने सरग तथा धरती क नींव राख्या
    यह तोहरे हाथ का ही कारज अहइँ।
11 अउर इ सब नस्ट होइ जइहीं
    मुला रहेगा तू चिरन्तर पुरान कपड़ा स फटि जइहीं इ सबइ
12 अउर तू परिधान जइसेन ओनका लपेटब्या
    बदल उ जइहीं फिन कपड़ा जइसेन।
मुला तू तउ अहसेन, जैसा की चाह्या रहब्या
    तोहरे समइ का कबहुँ न अन्त होई।” (E)

13 परमेस्सर त कबहूँ कउनो सरगदूत स अइसेन नाहीं कहेसः

“बइठा जा तू दहिने मोरे कि
    ब जब तलक मइँ न तोहरे दस्मनन क चरन क चौकी बनाइ देउँ चरन तल तोहरे।” (F)

14 का सबहिं सरगदूत उद्धार पावइवालन क सेवा क बरे पठई गईन सहायक आतिमा नाहीं अहइँ।

भजन संहिता 34

जब दाऊद अबीमेलेक क समन्वा पागल होइ क देखाँवा किहस। जेहसे अबीमेलेक ओका भगाइ देइ, इ प्रकार दाऊद ओका तजिके चला गवा। उहइ अवसर पइ दाऊद क एक ठु पद।

मइँ यहोवा क सदा धन्न कहब।
    मोरे ओंठन पइ सदा ओकर स्तुति अहइ।
हे नम्र लोगो! सुना अउ खुस होइ जा।
    मोर सेखी यहोवा क बारे मँ अहइ।
मोरे संग यहोवा क गरिमा क गुणगान करा।
    आवा, हम एक साथ घोसना करी कि उ केतॅना अच्छा अहइ।
मइँ परमेस्सर क लगे मदद माँगइ गएउँ, उ मोर सुनेस।
    उ मोका ओन सबहिं बातन स बचाएस जेनसे मइँ डेरात हउँ।
गरीब लोग ओकरे कइँती मदद बरे लखत हीं।
    ओनकर फीका चेहरन खुसी स गाइ उठेन
    काहेकि उ ओनका उत्तर दिहस।
इ दीन जन यहोवा क मदद बरे पुकारेस,
    अउर यहोवा मोर सुनि लिहस।
    अउर उ सब विपत्तियन स मोर रच्छा किहस।
यहोवा क दूत ओकरे भगत जनन क चारिहुँ कइँती डेरा डाए रहत ह।
    अउर यहोवा क दूत ओन लोगन क रच्छा करत ह।
चखा अउर समझा कि यहोवा केतॅना भला बाटइ।
    उ मनई जउन यहोवा क भरोसे अहइ फुरइ खुस रही।
यहोवा क पवित्तर जन क ओकर आराधना करइ चाही।
    यहोवा क भगतन बरे कउनो दूसर सुरच्छित ठउर नाहीं बा।
10 आजु जउन बरिआर अहइँ दुर्बल अउ भूखा होइ जइहीं।
    मुला जउन परमेस्सर क सरण आवत हीं उ सबइ लोग हर उत्तिम वस्तु पइहीं।
11 हे बालको, मोर सुना,
    अउर मइँ तू पचन्क सिखाउब कि यहोवा क सेवा कइसे करइँ।
12 अगर कउनो मनई जिन्नगी स पिरेम करत ह,
    अउर बढ़िया अउ बड़की जिन्नगी क जिअइ चाहत ह
13 तउ उ मनई क बुरा नाहीं बोलइ चाही,
    उ मनई क झूठ नाहीं बोलइ चाही।
14 बुरा काम जिन करा, नेक काम करत रहा।
    सान्ति क कारज करा, सान्ति क प्रयास मँ जुटा रहा जब तलक ओका पाइ न ल्या।
15 यहोवा सज्जन लोगन क रच्छा करत ह।
    ओनकर पराथनन पइ उ कान देत ह।
16 मुला यहोवा, जउन बुरा करम करत हीं, अइसे मनइयन क खिलाफ होत ह।
    एह बरे उ लोग मरइ क पाछे बिसरि दीन्ह जाइहीं।

17 यहोवा स बिनती करा, उ तोहार सुनी।
    उ तू पचन्क तोहरी सबहिं मुसीबतन स बचाइ लेइ।
18 लोगन पइ मुसीबत आइ सकत हीं अउर उ पचे अभिमानी होब तजि देत हीं।
    यहोवा ओन लोगन क निअरे रहत ह।
    जेनकर टूटा मन अहइँ ओनका उ बचाइ लेइ।
19 होइ सकत ह सज्जन भी बिपदन मँ घिर जाइँ।
    मुला यहोवा ओन सज्जन लोगन क ओनकर हर समस्या स रच्छा करी।
20 यहोवा ओनकइ सब हाड़न क रच्छा करी।
    ओनकर एक भी हाड़ नाहीं टूटी।
21 दुट्ठता दुटठ लोगन बरे मउत लावत ह।
    सज्जन क विरोधी नस्ट होइ जइहीं।
22 यहोवा आपन हर दास क आतिमा बचावत ह।
    जउन लोग ओह पइ भरोसा रखत हीं, उ ओन लोगन क नस्ट नाहीं होइ देइ।

भजन संहिता 150

यहोवा क बड़कई करा।

परमेस्सर क मन्दिर मँ ओकर गुणगान करा।
    आकासे मँ ओकर बड़कई करा जउन ओकर सक्ति दिखावत ह।
ओकर ओन बड़के कारजन बरे ओकर बड़कई करा।
    ओकर सबहिं महानता बरे ओकर स्तुति करा।
तुरही फूँकत अउ नरसिंहा बजावत भए ओकर स्तुति करा।
    ओकर गुणगान वीणा अउ सारंगी बजावत भए करा।
तम्बूरन बजाइके अउ नाचिके ओकर स्तुति करा।
    तारवाला यंत्रन अउर बाँसुरियन बजाइके ओकर गुण गावा।
तू परमेस्सर क जस झंकारत भए झाँझन क बजावत गावा।
    ओकर बड़कई करा।

सबइ जिअत पराणियन यहोवा क स्तुति करइँ।

यहोवा क बड़कई करा!

भजन संहिता 104

हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।
    हे यहोवा, हे मोरे परमेस्सर, तू अति महान अहा।
तू महिमा अउ आदर क ओढ़ना पहिरे अहा।
    जइसे कउनो मनई चोगा पहिरत ही वइसा ही उ प्रकास क पहिरत हीं।
पर्दा क नाईं उ आकासे क फइलावत ह।
    उ ओनके ऊपर आपन निवास स्थान बनाएस।
उ गहिर बादर क प्रयोग आपन रथ बनावइ मँ करत ह।
    उ पवन क पखना पइ चढ़िके अकास पार करत ह।
उ निज सरगदूतन क पवन क नाईं बनावत ह।
    उ निज सेवक क पवन क नाई बनाएस।
इ उहइ अहइ जउन धरती क ओकरी नेंव पइ निर्माण किहस।
    इ कबहुँ न गिरी।
उ जल क चादर स धरती क ढकेस।
    जल पहाड़न क ढाँकि लिहस।
तू आदेस दिहा अउर जल दूरि हट गवा।
    तू जल पइ गरज्या, अउर जल दूर भागा।
पहाड़न स खाले घाटियन मँ ओन सबइ ठउरन पइ
    जेका तू ओकरे बरे तइयार किहे रहा या जल बहा।
तू समुद्दर क चउहद्दी बाँध दिहा
    अउर फुन जल कबहुँ धरती क ढाँकइ नाहीं जाई।

10 उ पानी क पठवत ह
    जउन कि झरनन स पहाड़ियन क बीच मँ घाटियन मँ बहत ह।
11 सबहिं जंगली पसुअन क सबइ धारा पानी देत हीं,
    जेनमाँ जंगली गदहा तलक आइके पिआस बुझावत हीं।
12 जंगल क परिन्दा तलाबन क किनारे रहइ बरे आवत हीं।
    अउ निचके ठाड़ भए बृच्छन क डालियन पइ गावत हीं
13 तू पहाड़न क ऊपर बर्खा पठया ह
    अउर ओन चिजियन ओनका दिहा जेका तू बनाया जउन ओनका चाही।
14 परमेस्सर, पसुअन क खाइ बरे घास उपजाया,
    हम स्रम करित ह अउर उ हमका पैाधा देत ह।
    इ सबइ पौधन उ भोजन अहइँ जेका हम धरती स पाइत ह।
15 परमेस्सर, हमका दाखरस देत ह, जउन हमका खुस करत ह।
    हमार चाम नरम रखइ क तू हमका तेल देत ह।
    हमका पुट्ठ करइ क उ हमका खइया क देत ह।

16 परमेस्सर लबानोन क जउन देवदारू क बिसाल बृच्छ लगाएस ह।
    ओन बिसाल बृच्छ खातिर ओनकर बढ़वार बरे बहोत पानी रहत ह।
17 पंछी ओन बृच्छन पइ आपन घोंसला बनावत हीं।
    देवदार क बृच्छन पइ सारस क बसेरा अहइ।
18 बनैले पहाड़ी बोकरन क घर ऊँच पहाड़ मँ बना अहइँ।
    बीछियन खुद क बड़की चट्टान क आड़ मँ छुपावत अहइँ।

19 तू मौसम क पता लगावइ बरे चाँद क रच्या ह।
    सूरज सदा जानत ह कि ओका कहाँ बूढ़ब अहइ।
20 तू अँधियारा बनाया जेहसे रात होइ
    ताकि जंगल क बनैला पसु एहर-ओहर घूमि सकिहीं।
21 उ पचे झपटत सेर जब दहाड़त हीं तब अइसा लगत ह जइसे उ पचे यहोवा क पुकारत होइँ,
    जेका माँगइ स उ ओनका अहार देत।
22 अउर पउ फाटइ पइ जीवजन्तु वापिस घरन क
    लउटत अउ आराम करत हीं।
23 फिन लोग आपन काम करइ क बाहेर निकरत हीं।
    साँझ तलक उ पचे काम मँ लगा रहत हीं।

24 हे यहोवा, तू अचरज भरा बहुतेरा काम किहा।
    धरती तोहरी वस्तुअन स भरी पड़ी अहइ।
    तू जउन कछू करत अहा, ओहमा आपन विवेक देखाँत ह।
25 इ समुद्दर क लखा, इ केतॅना बिसाल अहइ!
    हुआँ बहुतेरी जीव-जन्तु अहइ जेका गना नाहीं जाइ सकिहीं।
    ओहमाँ कछू बिसाल अहइँ अउर कछू नान्ह।
26 समुद्दर क ऊपर जलपोत तैरत हीं,
    अउर लिब्याथान[a] जेका तू बनाएस ह
    समुद्दर मँ खेल-खेलत ह।

27 यहोवा, इ सब कछू तोहरे आसरे पइ अहइ।
    हे परमेस्सर, ओन सबहीं जीवन क खाना तू ठीक समइ पइ देत अहा।
28 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन सबइ जीव-जन्तुअन क खाना जेका उ पचे खात हीं,
    उपलब्ध करावत अहा।
29 फुन जब तू ओनसे मुँह मोड़ लेत अहा तब उ पचे डेराइ जात हीं।
    ओनकर साँस रुकि जात हीं।
उ पचे दुर्बल होइ जात हीं अउर मर जात हीं।
    अउर ओनकर देह फुन धूरि मँ बदलि जात हीं।
30 जब तू आपन आतिमा भेज्या ह, उ ओहसे जीवित होइ जात ह अउर
    धरती पइ जिन्नगी क संग फुन नवा कइ दीन्ह जात ह।

31 यहोवा क महिमा सदा-सदा बनी रहइ।
    यहोवा आपन रचना स सदा आनन्द मँ रहइ।
32 यहोवा क दृस्टि स इ धरती काँप उठी।
    पहाड़न स धुआँ उठइ लग जाइ।

33 मइँ जिन्नगी भइ यहोवा बरे गाउब।
    मइँ जब तलक जिअत हउँ यहोवा क गुण गावत रहब।
34 मोर सोच-बिचार ओका खुस करी।
    मइँ यहोवा क संग खुस अहउँ।
35 धरती स पाप क लोप होइ जाइ।
    दुट्ठ लोग सदा बरे मिटि जाइँ।

हे मोर आतिमा,
    यहोवा क स्तुति करा।

मरकुस 13:21-27

21 “उ दिनन मँ जदि कउनो तोसे कहइ कि, ‘देखा, इ रहा मसीह!’ या ‘उ अहइ मसीह।’ तू ओकर बिसवास न कर्या। 22 काहेकि झूठे मसीहन अउर झूठे नबियन देखॉइ देइहीं अउर उ सबइ अइसा अद्भुत चीन्हन देखइहीं अउर अचरज कारजन करिहीं कि जदि होइ जाए तउ उ पचे चुना गएन मनइयन क भी अड़पेंचे मँ डाइ देइहीं। 23 एह बरे तू सब होसियार रहा। मइँ समइ स पहिले ही तो पचन्क सब कछू बताइ दीन्ह।

24 “उ दिनन मँ दारून कस्ट क समइ क पाछे:

‘सूरज करिया पड़ि जाई,
    चंदा स ओकर चाँदनी न निकसी।
25 अकास स तारे टूटइ लगिहीं,
    अउर अकासे मँ बड़वार सक्ती झकाझोरि दीन्ह जइहीं।’ (A)

26 “तब्बइ मनइयन मनई क पूत क महासक्ती अउर महिमा क संग बदरवन मँ निहरिही। 27 फिन उ आपन दूतन क पठइके चारहु दिसा मँ धरती क छोरे स दूसर छोरे तक सब कइँती स आपन चुना भवा मनइयन क जमा करी।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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