Book of Common Prayer
संगीत निर्देसक क दाऊद क एक पद।
1 हे यहोवा, मइँ तोहरे भरोसे हउँ,
मोका निरास जिन करा।
मोह पइ कृपालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
2 हे यहोवा, मोर सुना,
अउर तू हालि आइके मोका बचाइ ल्या।
मोर चट्टान बनि जा,
मोर रच्छा करा!
3 हे परमेस्सर, तू मोर चट्टान अहा,
तउ आपन निज नाउँ बरे मोका राह देखाँवा अउर मोर अगुआई करा।
4 मोरे बरे मोर दुस्मनन जाल फइलाएन ह।
ओनके फँदा स तू मोका बचाइ ल्या, काहेकि तू मोर सुरच्छा स्थल अहा।
5 हे परमेस्सर यहोवा, मइँ तउ तोहे पइ भरोसा कइ सकत हउँ।
मइँ आपन जिन्नगी तोहरे हाथे मँ सउँपत हउँ।
मोर रच्छा करा।
6 जउन लबार देवतन क पूजत रहत हीं, ओन लोगन स मोका घिना अहइ।
मइँ तउ बस यहोवा मँ बिस्सास रखत हउँ।
7 हे यहोवा, तोहार करुणा मोका बहोतइ आनन्दित करत ह।
तू मोरे दु:खन क लखि लिहा
अउ तू मोर पीरा क बारे मँ जानत अहा।
8 तू मोरे दुस्मनन क मोहे पइ भारी पड़इ नाहीं देब्या।
तू मोका ओनके फँदन स छोड़उब्या।
9 हे यहोवा, मोह पइ अनेक संकट अहइँ।
तउ मोह पइ कृपा करा।
मइँ ऍतना बियाकुल अहउँ कि मोर आँखिन दुःखत अहइँ।
मोर गटइ अउ पेट पिरात अहइँ।
10 मोरी जिन्नगी क अंत दुःख मँ होत अहइ।
मोर बरिस आह भरइ मँ बीतत अहइँ।
मोर सबइ बेदना मोर सक्ती क निचोड़त अहइँ।
मोर बल मोर साथ छोड़त जात अहइ।
11 मोर सत्रु मोसे घिना राखत हीं।
मोर पड़ोसी मोर बैरी बना अहइँ।
मोर सबहिं रिस्तेदार मोका राहे मँ लखिके
मोसे डेराइ जात हीं
अउर मोसे सब कतरात हीं।
12 मोका लोग पूरी तरह स बिसरि चुका अहइँ।
मइँ तउ कउनो हेरान अउजार सा होइ गवा हउँ।
13 मइँ ओन भयंकर बातन क सुनत हउँ जउन लोग मोरे बारे मँ करत हीं।
उ पचे सबहिं लोग मोरे खिलाफ होइ ग बाटेन।
उ पचे मोका मारि डावइ क जोजना रचत हीं।
14 हे यहोवा, मोर भरोसा तोहे पइ अहइ।
तू मोर परमेस्सर अहा।
15 मोर जिन्नगी तोहरे हाथन मँ अहइ।
मोरे दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या।
ओन लोगन स मोर रच्छा करा, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ।
16 कृपा कइके आपन दास क अपनाइ ल्या।
मोह पइ दाया करा अउर मोर रच्छा करा।
17 हे यहोवा, मइँ तोहार बिनती किहेउँ।
एह बरे मइँ निरास नाहीं होब।
बुरे मनइयन तउ निरास होइ जइहीं।
अउर उ पचे कब्र मँ नीरव चला जइहीं।
18 दुर्जन लोग डींग हाँकत हीं
अउर सज्जन क बारे मँ झूठ बोलत हीं।
उ सबइ दुर्जन बहोत ही अभिमानी होत हीं।
मुला ओनके होंठ जउन झूठ बोलत रहत हीं, बिना सब्दन क होइहीं।
19 हे परमेस्सर, तू आपन भगतन बरे बहोत स अजूबा चीजन क छुपाइके धरे अहा।
तू सबन्क समन्वा अइसे मनइयन बरे जउन तोहार बिस्सासी अहइँ,
भला काम करत अहा।
20 दुर्जन लोग सज्जनन क नस्कान पहोंचावइ क बरे जुट जात हीं।
उ सबइ दुर्जन लड़ाइ भड़कावइ क जतन करत हीं।
मुला तू सज्जनन क ओनसे छुपाइ लेत अहा, अउर ओनका बचाइ लेत अहा।
तू सज्जन लोगन क रच्छा आपन सरण मँ करत अहा।
21 यहोवा क स्तुति करा।
जब नगर क दुस्मन लोग घेर लिहे रहेन, तब उ आपन सच्चा पिरेम अजूबी रीति स देखाँएस।
22 मइँ डेरान रहेउँ, अउर मइँ कहे रहेउँ, “मइँ तउ अइसे जगह पइ हउँ जहाँ मोका परमेस्सर नाहीं देख सकत ह।”
मुला हे परमेस्सर, मइँ तोहार बिनती किहेउँ, अउर तू मोर सहायता क पुकार सुनि लिहा।
23 परमेस्सर क भगतन, तोहका यहोवा स पिरेम करइ चाही।
यहोवा ओन लोगन क जउन ओकरे बरे सच्चा अहइँ, रच्छा करत ह।
मुला यहोवा ओनका जउन आपन ताकत क ढोल पीटत हीं।
ओनका उ वइसा ही दण्ड देत ह, जइसा दण्ड ओनका मिलइ चाही।
24 अरे ओ मनइयो जउन यहोवा क मदद बरे प्रतीच्छा करत अहा,
सुदृढ अउ हिम्मती बना!
दाऊद क समर्पित।
1 हे यहोवा, मोरे मुकदमन क लड़ा।
मोरे जुद्धन क लड़ा।
2 हे यहोवा, कवच अउ ढार धारण करा,
खड़ा ह्वा अउ मोर रच्छा करा।
3 बरछी अउ भाला उठावा,
अउर जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ ओनसे जुद्ध करा।
हे यहोवा, मोरी आतिमा स कहा, “मइँ तोहार उद्धार करब।”
4 कछू लोग मोका मारइ पाछे पड़ा अहइँ।
ओनका निरास अउ लज्जित करा।
ओनका मोड़ द्या अउ ओनका भगाइ द्या।
मोका नस्कान पहोंचावइ क कुचक्र जउन रचत अहइँ
ओनका असमंजस मँ डाइ द्या।
5 तू ओनका अइसा भूसा स बनाइ द्या, जेका हवा उड़ाइ लइ जात ह।
ओनके संग अइसा होइ द्या कि, ओनके पाछे यहोवा क दूत पड़इँ।
6 हे यहोवा, ओनकर राह अँधियारी अउ फिसल जाइवाली होइ जाइ।
यहोवा क दूत ओनकइ पाछे पड़इँ।
7 उ पचे बिना कारण मोर बरे फंदा लगाएस ह।
उ पचे बिना कारण मोका फँसावा चाहत हीं।
8 तउ, हे यहोवा, अइसे लोगन क ओनकर आपन ही जालि मँ गिरइ द्या।
ओनका आपन ही फंदन मँ पड़इ द्या।
अउर कउनो न मालूम भवा खतरा ओन पइ पड़द द्या।
9 फुन तउ यहोवा मइँ तोहे मँ आनन्द मनाउब।
यहोवा क संरच्छण मँ मइँ प्रसन्न होब।
10 मइँ आपन पूरे मन स कहब, “हे यहोवा, तोहरे समान कउनो नाहीं अहइ।
तू सबलन स दुर्बलन क बचावत ह।
जउन लोग सक्तीवाला होत हीं,
ओनसे तू चिजियन क छोर लेत अहा अउर दीन अउ बेसहारा लोगन क देत ह।”
11 एक लबार साच्छी दल मोका दुःख देइ बरे कुचक्र रचत अहइ।
उ पचे मोह पइ अपराधन क इलज़ाम लगवात ह जेकरे बरे मइँ जानत ही नाहीं हउँ।
12 मइँ तउ बस भलाई ही भलाई किहेउँ ह।
मुला उ पचे मोसे बुराई करिहीं।
हे यहोवा, मोका उ उत्तिम फल द्या जउन मोका मिलइ चाही।
13 ओन पइ जब दुःख पड़ा, ओनके बरे मइँ दुःख भएउँ।
मइँ खइया क तजिके आपन दुःख परगट किहेउँ।
(जउन मइँ ओनके बरे पराथना किहेउँ, का मोका इहइ मिलइ चाही?)
14 ओन लोगन बरे मइँ सोक वस्त्र धारण किहेउँ।
मइँ ओन लोगन क संग मीत वरन भाई जइसा बेउहार किहेउँ।
मइँ उ रोवत मनई जइसा दुःखी भएउँ, जेकर महतारी मरि गइ होइ।
अइसे लोगन स सोक परगट करइ बरे मइँ करिआ वस्त्र पहिर लिहेउँ।
मइँ दुःखे मँ बूड़ेउँ अउर मूँड़ निहुराइके चलेउँ।
15 मुला जब मोसे कउनो एक चूक होइ गइ, उ सबइ लोग मोर खिल्ली उड़ाएन।
उ सबइ लोग फुरइ मोर मीत नाहीं रहेन।
मइँ ओन लोगन क जानत तउ नाहीं।
उ पचे मोका घेरि लिहन अउर मोह पइ प्रहार किहन।
16 उ पचे मोह पइ दुर्जनता क संग मसखरी किहन
अउ उ पचे मोह पइ दाँत पीसेन।
17 मोर सुआमी, तू कब तलक इ सब बुरा होत लखब्या? इ सबइ लोग मोका नास करइ क जतन करत अहइँ।
हे यहोवा, मोर प्राण बचाइ ल्या।
मोरी पियारी जिन्नगी क रच्छा करा।
उ सबइ सिंह जइसा बन गवा अहइँ।
18 हे यहोवा, मइँ महासभा मँ तोहार स्तुति करब।
मइँ बरिआर लोगन क संग रहत भए तोहार जस बखानब।
19 मोर लबार सत्रु हँसत नाहीं रहिहीं।
फुरइ मोर दुस्मन आपन छुपी भइ
जोजना बरे सजा पइहीं।
20 मोर दुस्मन सचमुच सान्ति क जोजनन क नाहीं रचतेन।
उ पचे इ देस क सान्ति प्रिय लोगन क खिलाफत मँ छुप हुपिके बुरा करइ क कुचक्र रचत अहइँ।
21 मोर दुस्मन मोरे बरे बुरी बातन क कहत अहइँ।
उ सबइ झूठ बोलत भए कहत अहइँ, “अहा!
हम सबइ जानत अही तू का करत अहा!”
22 हे यहोवा, तू सचमुच लखत अहा कि का कछू घटत बाटइ।
तउ तू जिन छुपा रहा,
मोका जिन तजा।
23 हे यहोवा, जागा!
मोका रच्छा बरे तइयार होइ जा!
मोरे परमेस्सर यहोवा मोर लड़ाई लड़ा, अउर मोर निआउ करा।
24 हे मोरे परमेस्सर यहोवा, आपन बगइर पच्छ लिहे मोर निआउ करा,
तू ओन लोगन क मोह पइ हँसइ जिन द्या।
25 ओन लोगन क अइसा जिन कहइ द्या,
“अहा! हमका जउन चाही रहा ओका पाइ लीन्ह!”
हे यहोवा, ओनका जिन कहइ द्या, “हम ओका बरबाद कइ दीन्ह।”
26 मइँ आसा करत हउँ कि मोर दुस्मन निरास अउ लज्जित होइहीं।
उ सबइ लोग खुस रहेन जब मोरे संग बुरी बातन घटत रहिन।
उ सबइ सोचा करतेन कि उ सबइ मोसे स्रेस्ठ अहइँ!
तउ अइसे लोगन क लाज मँ बूड़ि जाइ द्या।
27 ओन लोगन क जउन मोका निर्दोख घोसित करइ चाहत ह,
खुसी अउ आनन्दित होइ द्या।
उ पचन क हमेसा कहइ द्या, “यहोवा महान बा!
उ आपन सेवक क अच्छाई चाहत ह।”
28 तउ, हे यहोवा, मइँ लोगन क तोहार अच्छाई बताउब।
हर दिन, मइँ तोहार स्तुति करब।
अय्यूब क जवाब
19 तब अय्यूब जवाब देत भए कहेस।
2 “कब तलक तू पचे मोका सतावत रहब्या
अउर सब्दन स मोका ताड़क रहब्या?
3 अब लखा, तू पचे दसउ दाई मोका बेज्जत किहा ह।
मोह पइ वार करत तू पचन्क सर्म नाहीं आवति ह।
4 अउर जदि मइ कउनो बुराई किहेउँ
तउ इ मोर गल्ती अहइ।
5 तू पचे इहइ चाहत अहा कि तू पचे मोहसे उत्तिम देखाँउन।
तू पचे कहत अहा कि मोर कस्ट मोका दोखी साबित करत हीं।
6 मुला उ तउ परमेस्सर अहइ जउन मोरे संग बुरा किहस ह
अउर जउन मोरे चारिहुँ कइँती आपन फदां फइलाएस ह।
7 मइँ गोहरावत हउँ ‘मोरे संग बुरा किहा ह’।
मुला मोका कउनो जवाब नाहीं मिलत ह।
चाहे मइँ निआउ क गुहार गोहरावउँ मोर कउनो नाहीं सुनत ह।
14 मोर रिस्तेदारन मोका तजि दिहन।
मोर मीतन मोका बिसराइ दिहन।
15 मोर घरे क अतिथियन स लइके मेहरारु नउकरन तलक
मोरे संग अइसा बेउहार करत ह जइसा मइँ कउनो अजनबी अहउँ।
16 मइँ आपन नउकर क बोलावत हउँ पर उ मोर नाहीं सुनत ह।
उ पचे मोका मदद बरे भीख माँगाएस ह।
17 मोर पत्नी मोरे साँस क गंध स घिना करत ह।
मोर आपन ही गदेलन मोहसे घिना करत हीं।
18 नान्ह गदेला तलक मोर हँसी उड़ावत हीं।
जब कबहुँ मइँ जागत हउँ, तउ उ पचे मोरे खिलाफ बोलत हीं।
19 मोर आपन मीत मोहसे घिना करत हीं।
हिआँ तलक कि अइसे लोग जउन प्रिय अहइँ, मोर बिरोधी होइ गवा अहइँ।
20 “मइँ एँतना दुर्बल अहउँ जइसे मइँ सिरिफ खाल अउर हाड़न होइ गवा अहउँ।
अब मइँ सिरिफ जिअत हउँ।
21 “हे मोर मीतो मोह पइ दाया करा, दाया करा मोह पइ
काहेकि परमेस्सर क हाथ मोहका छू गवा अहइ।
22 काहे मोका तू भी सतावत अहा जइसे मोका परमेस्सर सताएस ह
काहे तू मोका दुख देत भए कबहुँ अघात्या नाहीं?
23 “जउन मइँ कहत हउँ ओका कउनो क याद राखइ चाही अउ किताबे मँ लिख देइ चाही!
मोर सब्द कउनो क गोल पत्रक पइ लिख देइ चाही!
24 मइँ जउने बातन क कहत ओनका कउनो लोहा क कलम स सीसा पइ लिखा जाइ चाही
या ओनका चट्टाने पइ खोद दीन्ह जाइ चाही ताकि उ हमेसा बरे रहइ जाइ।
25 मोका इ जानत हउँ कि कउनो एक अइसा अहइ जउन मोर बरे बोलब्या अउर मोर रच्छा करब्या।
मोका बिस्सास अहइ कि आखिर मँ उ धरती पइ खड़ा होब्या अउर मोरे बचाव करब्या।
26 मोरे आपन देह छोड़इ अउर मोर चमड़ी तबाह होइक पाछे भी
मइँ जानत हउँ कि मइँ परमेस्सर क लखब।
27 मइँ परमेस्सर क खुद आपन आँखिन स लखब।
खुद स कउनो दूसर नाहीं, परमेस्सर क लखब।
मइँ बता नाहीं केतँना खुसी अनुभव करत हउँ।
पौलुस अउर बरनाबास क साइप्रस स जाब
13 फिन पौलुस अउर ओकर संगी पाफुस स ऩाउ क जरिये पंफूलिया क पिरगा मँ आइ गएऩ। मुला यूहन्ना ओनका हुँवइ छोड़िके यरूसलेम लौटि आवा। 14 ओहर उ पचे आपन जात्रा प बढ़त भए पिरगा स पिसिदिया क नजदीक नगर अन्ताकिया मँ आइ गएन।
फिन सबित क दिना यहूदी आराधनालय मँ जाइके बइठि गएऩ। 15 मूसा क व्यवस्था क मुताबिक अउर नबियन क पोथी क पाठ कइ चुके क पाछे यहूदी आराधनालय क अधिकारियन ओनकइ लगे इ संदेसा कहवाइ पठएन, “भाइयो, मनइयन क उपदेसन देइ बरे तोहरे लगे कहइ क प्रोत्साहन क कउनो अउर बचन अहइ जउन ओका सुनावा।”
16 ऍह पइ पौलुस खड़ा भवा अउर आपन हाथ हिलावत भवा बोलइ लाग, “हे इस्राएल क मनइयो अउर परमेस्सर स डेराइवाले गैर यहूदियो, सुना: 17 इ इस्राएल क मनइयन क परमेस्सर हमरे पूर्वजन क चुने रहा अउर जब हमार लोग मिस्र मँ ठहरा रहेन, उ ओनका महान बनाए रहा अउर आपन महान सक्ति स उ ओनका उ धरती स बाहेर निकारि लइ आवा रहा। 18 अउर लगभग चालीस बरिस तलक उ जंगल मँ ओनकइ मदद करत रहा। 19 अउर कनान देस क सात जातियन क नास कइके उ धरती इस्राएल क मनइयन क वसीयत क रूप मँ दइ दिहेस। 20 इ सब कछू मँ लगभग साढ़े चार सौ बरिस लगेन।
“ऍकरे पाछे समूएल नबी क समइ तलक उ ओनका अनेक निआव क न्यायकर्ता दिहेस। 21 फिन उ पचे एक राजा क निवेदन किहेन, तउ परमेस्सर बिन्यामीन क गोत क एक मनई कीस क बेटवा साऊल क चालीस बरिस बरे ओनका दइ दिहेस। 22 फिन साऊल क हटाइके उ ओनकइ राजा दाऊद क बनाएस जेकरे बारे मँ उ इ साच्छी दिहेस, ‘मइँ यिसै क बेटवा दाऊद क एक अइसे मनई क रूप मँ मिला ह, जउन मोरे मन क मुताबिक अहइ। जउन कछू मइँ ओसे करावइ चाहत हउँ, उ उ सब कछू क करी।’
23 “इ ही मनई क एक बंसज क आपन प्रण क मुताबिक इस्राएल मँ उद्धार करइया ईसू क रूप मँ लाइ चुका अहइ। 24 ओकरे आवइ स पहिले यूहन्ना इस्राएल क सबहिं मनइयन मँ मनफिराव स बपतिस्मा क प्रचार करत अहइ। 25 यूहन्ना जब आपन काम क पूरा करइ क रहा, तउ उ कहेस रहा, ‘तू मोका जउन समुझत ह, मइँ उ नाहीं हउँ। मुला एक अइसा अहइ जउन मोरे पाछे आवत अहइ। मइँ जेकर पनही क फीतास खोलइ लायक भी नाहीं अहउँ।’
18 यहूदी नेतन ओह समइ तक ओकरे ऊपर बिसवास नाहीं करत रहेन, कि उ मनई आँधर रहा अउर ओकरे आँखिन का प्रकास मिल गवा। जब तक ओकरे महतारी बाप क बोलाइके 19 उ पचे इ नाहीं पूछ लिहेन कि, “का इ तोहार बेटवा अहइ जेकरे बारे मँ तू कहत अहा कि वह आँधर रहा। फिन इ कइसे होइ सकत ह कि अब उ देख सकत ह?”
20 इ सुनिके ओकर महतारी बाप जवाब देत कहेन, “हम जानित ह कि हमार बेटवा अहइ अउर हमार बेटवा पैदाइसी आँधर रहा। 21 मुला हम इ नाहीं जानित कि अब उ कइसे देख सकत ह अउर न तउ हम इ जानित थी कि एका आँखिन मँ प्रकास के दिहेस। अब इहइ स पूछा, इ काफी बड़ा होइ गवा अहइ। अपने बावत इ खुदइ बताय सकत ह।” 22 ओकर महतारी बाप इ बात इ बरे कहे रहेन कि उ यहूदी नेतन स डेरात रहेन। काहेकि उ पहिले स निस्चय कइ चुका रहेन कि जउन मनई ईसू क मसीह मानी तउ ओका आराधनालय स निकार दीन्ह जाई। 23 इ बरे ओकर महतारी बाप कहेन, “उ काफी बड़ा होइ गवा उहइ स पूछा।”
24 यहूदी नेतन उ मनई क जउऩ आँधऱ रहा दूसरी बार बोलाएन, अउर कहेन, “सही सही बोल, अउर जउन तू नीक होइ ग अहा ओकर महिमा परमेस्सर क द्या। हमका पता अहइ कि इ मनई पापी अहइ।”
25 इ सुनिके उ जवाब दिहेस, “मइँ इ नाहीं जानित कि उ पापी अहइ कि नाहीं, मइँ तउ इहइ जानित ह कि मइँ आँधर रहेउँ अउर अब मइँ देख सकित ह।”
26 इ सुनिके उ सबइ ओसे पूछेन, “उ तोहका का किहेस? उ तोहका कइसे आँखी दिहेस?”
27 उ मनई ओन सबेन्ह क जवाब दिहेस, “मइँ तउ तोहका बताय चुका अहउँ मुला तू मोर बात सुनतइ नाहीं अहा। तू फिन स काहे उहइ बात सुना चाहत अहा? का तू ओकर चेलन बना चाहत अहा?”
28 इहइ बात प उ पचे ओकर बेइज्जती करेन अउर कहेन, “तू ओकर चेला अहा अउर हम सबेन्ह मूसा क चेलन अही। 29 हम सब जानित ही कि परमेस्सर मूसा स बतियात रहा, मुला हम सबेन्ह इ नाहीं जानित कि इ मनई कहाँ स आइ बाटइ?”
30 एकर जवाब देत उ मनई ओनसे कहेस, “बड़ी अचरज की बात अहइ कि तू सबेन्ह इ नाहीं जानत अहा कि उ कहाँ स आइ बाटइ? मुला मोका आँखिन क प्रकास उहइ दिहेस। 31 हम पचे जानित ह कि परमेस्सर पापियन क नाहीं सुनत, उ तउ ओनकइ सुनत ह जउऩ समर्पित अहइँ अउर उहइ परमेस्सर क जउन इच्छा रहत ह, उहइ करत ह। 32 आज तलक इ कबहूँ सुना नाहीं ग रहा कि कउनो आँधरे मनई क कहूँ आँखी क प्रकास दिहे रहा। होइ। 33 जब मनई परमेस्सर क तरफ स नाहीं आइ अहइ तउ उ इ सब कछू नाहीं कइ सकत।”
34 ऍकरे जवाब मँ उ सबइ कहेन, “तू हमेसा स पापी रह्या, जब स तोहार जनम भवा। अउर आज तू हम सबका सिखावइ चला अहा?” इ कहिके यहूदी नेतन ओका धकियाइके बाहेर निकार दिहेन।
आतिमा का आँधर होब
35 ईसू इ सुनेस कि यहूदी नेतन ओका धकियाइके बाहर निकार दिहेन तउ ओसे मिलके उ कहेस, “का तू मनई क पूत मँ बिसवास करत ह?”
36 एकरे जवाब मँ उ मनई बोला, “हे प्रर्भू, इ बतावा कि मनई क पूत कउन अहइ? इ बरे कि मइँ ओकरे मँ बिसवास करइ लागाऊँ!”
37 ईसू ओहसे कहेस, “तू ओका लखि चुका अह अउर उ उहइ मनई अहइ जेहसे तू इ समइ बात करत अहा।” 38 फिन उ कहेस, “पर्भू, मइँ बिसवास करित हउँ!” अउर उ फिन ओकरे सामने ओनके गोड़वा पइ गिर गवा। 39 ईसू कहेस, “मइँ इ दुनिया मँ निआव करइ क बरे आइ अहउँ, जइसे कि जउन देखि नाहीं सकत अहइँ, उ देखइ लागइँ अउर जउन देखत अहइँ, उ सबइ आँधर होइ जाइँ।”
40 कछू फरीसी जउन ईसू क साथे रहेन, इ सुनिके ईसू स कहेन, “हम सब जरूर आँधर नाहीं अही। का हम पचे आँधर अही?”
41 ईसू ओनसे कहेस, “जदि तू आँधर होत्या तउ तू पापी न होत्या मुला जइसे तू सबेन्ह कहत अहा कि देख सकत अहा, इ बरे तू सबेन्ह जरूर पापी अहा।”
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