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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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इब्री 9:15-28

15 इसलिए वह एक नई वाचा के मध्यस्थ हैं कि वे सब, जिनको बुलाया गया है, प्रतिज्ञा किया हुआ अनन्त उत्तराधिकार प्राप्त कर सकें क्योंकि इस मृत्यु के द्वारा उन अपराधों का छुटकारा पूरा हो चुका है, जो उस समय किए गए थे, जब पहिली वाचा प्रभावी थी.

16 जहाँ वाचा है, वहाँ ज़रूरी है कि वाचा बाँधनेवाले की मृत्यु हो 17 क्योंकि वाचा उसके बांधनेवाले की मृत्यु के साबित होने पर ही जायज़ होती है. जब तक वह जीवित रहता है, वाचा प्रभावी हो ही नहीं सकती. 18 यही कारण है कि पहिली वाचा भी बिना लहू के प्रभावी नहीं हुई थी. 19 जब मोशेह अपने मुख से व्यवस्था के अनुसार इस्राएल को सारी आज्ञा दे चुके, उन्होंने बछड़ों और बकरों का लहू लेकर जल, लाल ऊन तथा जूफ़ा झाड़ी की छड़ी के द्वारा व्यवस्था की पुस्तक तथा इस्राएली प्रजा दोनों ही पर यह कहते हुए छिड़क दिया: 20 परमेश्वर ने तुम्हें जिस वाचा के पालन की आज्ञा दी है, यह उसी का लहू है. 21 इसी प्रकार उन्होंने तम्बू और सेवा के लिए इस्तेमाल किए सभी पात्रों पर भी लहू छिड़क दिया. 22 वस्तुत: व्यवस्था के अन्तर्गत प्रायः हर एक वस्तु लहू के छिड़काव द्वारा पवित्र की गई. बलि-लहू के बिना पाप-क्षमा सम्भव नहीं.

23 इसलिए यह ज़रूरी था कि स्वर्गीय वस्तुओं का प्रतिरूप इन्हीं के द्वारा शुद्ध किया जाए किन्तु स्वयं स्वर्गीय वस्तुएं इनकी तुलना में उत्तम बलियों द्वारा. 24 मसीह ने जिस पवित्र स्थान में प्रवेश किया, वह मनुष्य के हाथों से बना नहीं था, जो वास्तविक का प्रतिरूप मात्र हो, परन्तु स्वर्ग ही में, कि अब हमारे लिए परमेश्वर की उपस्थिति में प्रकट हों. 25 स्थिति ऐसी भी नहीं कि वह स्वयं को बलि स्वरूप बार-बार भेंट करेंगे, जैसे महापुरोहित अति पवित्र स्थान में वर्ष-प्रतिवर्ष उस बलि-लहू को लेकर प्रवेश किया करता था, जो उसका अपना लहू नहीं होता था, 26 अन्यथा मसीह को सृष्टि के प्रारम्भ से दुःख सहना आवश्यक हो जाता किन्तु अब युगों की समाप्ति पर वह मात्र एक ही बार स्वयं अपनी ही बलि के द्वारा पाप को मिटा देने के लिए प्रकट हो गए. 27 जिस प्रकार हर एक मनुष्य के लिए यह निर्धारित है कि एक बार उसकी मृत्यु हो इसके बाद न्याय, 28 उसी प्रकार मसीह येशु अनेकों के पापों के उठाने के लिए एक ही बार स्वयं को भेंट करने के बाद अब दोबारा प्रकट होंगे—पाप के उठाने के लिए नहीं परन्तु उनकी छुड़ौती के लिए जो उनके इंतज़ार में हैं.

योहन 5:19-29

19 मसीह येशु ने कहा: “मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ; पुत्र स्वयं कुछ नहीं कर सकता. वह वही कर सकता है, जो वह पिता को करते हुए देखता है क्योंकि जो कुछ पिता करते हैं, पुत्र भी वही करता है. 20 पिता पुत्र से प्रेम करते हैं और वह पुत्र को अपनी हर एक योजना से परिचित रखते हैं. वह इनसे भी बड़े-बड़े काम दिखाएंगे, जिन्हें देख तुम चकित हो जाओगे. 21 जिस प्रकार पिता मरे हुओं को जीवित करके जीवन प्रदान करते हैं, उसी प्रकार पुत्र भी जिसे चाहता है, जीवन प्रदान करता है. 22 पिता किसी का न्याय नहीं करते, न्याय करने का सारा अधिकार उन्होंने पुत्र को सौंप दिया है. 23 जिससे सब लोग पुत्र का वैसा ही आदर करें जैसा पिता का करते हैं. वह व्यक्ति, जो पुत्र का आदर नहीं करता, पिता का आदर भी नहीं करता, जिन्होंने पुत्र को भेजा है.

24 “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: जो मेरा वचन सुनता और मेरे भेजनेवाले में विश्वास करता है, अनन्त काल का जीवन उसी का है; उसे दोषी नहीं ठहराया जाता, परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है. 25 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: वह समय आ रहा है परन्तु आ ही गया है, जब सारे मृतक परमेश्वर के पुत्र की आवाज़ सुनेंगे और हर एक सुननेवाला जीवन प्राप्त करेगा. 26 जिस प्रकार पिता अपने आप में जीवन रखता है, उसी प्रकार पुत्र में बसा हुआ जीवन पिता के द्वारा दिया गया जीवन है. 27 मनुष्य का पुत्र होने के कारण उसे न्याय करने का अधिकार भी दिया गया है.

28 “यह सब सुनकर चकित न हो क्योंकि वह समय आ रहा है, जब सभी मरे हुए लोग पुत्र की आवाज़ को सुनेंगे और वे जीवित हो जाएँगे. 29 सुकर्मी जीवन के पुनरुत्थान के लिए और कुकर्मी दण्ड के पुनरुत्थान के लिए.

Saral Hindi Bible (SHB)

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