Book of Common Prayer
पारस्परिक एकता के लिए विनती
7 इसलिए एक दूसरे को स्वीकार करो—ठीक जिस प्रकार मसीह ने परमेश्वर की महिमा के लिए हमें स्वीकार किया है. 8 सुनो, परमेश्वर की सच्चाई की पुष्टि करने के लिए मसीह येशु ख़तना किए हुए लोगों के सेवक बन गए कि पूर्वजों से की गई प्रतिज्ञाओं की पुष्टि हो 9 तथा अन्यजाति परमेश्वर की कृपादृष्टि के लिए उनकी महिमा करें, जैसा कि पवित्रशास्त्र का लेख है:
इसलिए मैं अन्यजातियों के बीच आपका धन्यवाद करूँगा.
10 फिर लिखा है:
अन्यजातियों! परमेश्वर की प्रजा के साथ मिल कर आनन्द करो.
11 और यह भी:
सभी अन्यजातियों! तुम प्रभु का धन्यवाद करो—सभी मनुष्य उनका धन्यवाद करें.
12 भविष्यद्वक्ता यशायाह ने भी कहा:
यिश्शै की जड़ में कोपलें होंगी तथा वह, जो उठेगा,
अन्यजातियों पर शासन करेगा.
वह सभी अन्यजातियों की आशा होगा.
13 परमेश्वर, जो आशा के स्रोत हैं, तुम्हारे विश्वास करने में तुम्हें सारे आनन्द और शान्ति से भरकर करें कि तुम पवित्रात्मा के सामर्थ्य के द्वारा आशा में बढ़ते जाओ.
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