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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रकाशन 19:1

स्वर्ग में विजय का यशगान

19 इसके बाद मुझे स्वर्ग से एक ऐसी आवाज़ सुनाई दी मानो एक बड़ी भीड़ ऊँचे शब्द में कह रही हो:

“हाल्लेलूयाह!
उद्धार, महिमा और सामर्थ्य हमारे परमेश्वर के हैं,

प्रकाशन 19:4-10

वे चौबीसों प्राचीन तथा चारों जीवित प्राणी परमेश्वर के सामने, जो सिंहासन पर विराजमान हैं, दण्डवत् ओर वन्दना करते हुए कहने लगे:

“आमेन, हाल्लेलूयाह!”

तब सिंहासन से एक शब्द सुनाई दिया:

“तुम सब, जो परमेश्वर के दास हो,
    तुम सब, जो उनके श्रद्धालु हो—साधारण या विशेष,
परमेश्वर की स्तुति करो.”

तब मुझे बड़ी भीड़ का शब्द तेज़ लहरों तथा बादलों की गर्जन की आवाज़ के समान यह कहता सुनाई दिया:

“हाल्लेलूयाह!
    प्रभु हमारे परमेश्वर, जो सर्वशक्तिमान हैं,
    राज्य कर रहे हैं.
आओ, हम आनन्द मनाएँ, मगन हों
    और उनकी महिमा करें क्योंकि मेमने के विवाह-उत्सव का समय आ गया है और उसकी वधू ने स्वयं को सजा लिया है.
उसे उत्तम मलमल के उज्ज्वल तथा स्वच्छ वस्त्र,
    धारण करने की आज्ञा दी गई.”

यह उत्तम मलमल है पवित्र लोगों के धर्मी काम.

तब स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “लिखो: ‘धन्य हैं वे, जो मेमने के विवाह-भोज में आमन्त्रित हैं!’” तब उसने यह भी कहा, “परमेश्वर के द्वारा भेजा गया यह सन्देश सच है.”

10 इसलिए मैं उस स्वर्गदूत को दण्ड़वत करने उसके चरणों में गिर पड़ा किन्तु उसने मुझसे कहा, “मेरी वन्दना न करो! मैं तो तुम्हारे और तुम्हारे भाइयों के समान ही, जो मसीह येशु के गवाह हैं, दास हूँ. दण्डवत् परमेश्वर को करो! क्योंकि मसीह येशु के विषय का प्रचार ही भविष्यवाणी का आधार है.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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