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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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गलातिया 5:25-6:10

25 अब, जबकि हमने पवित्रात्मा द्वारा जीवन प्राप्त किया है, हमारा स्वभाव भी आत्मा से प्रेरित हो. 26 न हम घमण्ड़ी बनें, न एक दूसरे को उकसाएं और न ही आपस में द्वेष रखें.

कृपालुता तथा सतत-प्रयास-प्रवृत्ति सम्बन्धी निर्देश

प्रियजन, यदि तुम्हें यह मालूम हो कि किसी व्यक्ति ने कोई अपराध किया है, तो तुम, जो आत्मिक हो, उसे नम्रतापूर्वक सुधारो किन्तु तुम स्वयं सावधान रहो कि कहीं तुम भी परीक्षा में न पड़ जाओ. एक दूसरे का बोझ उठाया करो. इसके द्वारा तुम मसीह की व्यवस्था को पूरा करोगे. यदि कोई व्यक्ति कुछ न होने पर भी स्वयं को पहुँचा हुआ समझता है तो वह स्वयं को धोखा देता है. हर एक व्यक्ति अपने कामों की जांच स्वयं करे, तब उसके सामने किसी और पर नहीं, खुद अपने पर घमण्ड़ करने का कारण होगा क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना बोझ स्वयं ही उठाएगा.

जिसे वचन की शिक्षा दी जा रही है, वह हर एक उत्तम वस्तु में अपने शिक्षक को सम्मिलित करे.

किसी भ्रम में न रहना, परमेश्वर मज़ाक के विषय नहीं हैं क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटता है. वह, जो अपने शरीर के लिए बोता है, शरीर के द्वारा विनाश की उपज काटेगा, किन्तु वह, जो पवित्रात्मा के लिए बोता है, पवित्रात्मा के द्वारा अनन्त जीवन प्राप्त करेगा. हम भलाई के काम करने में साहस न छोड़ें क्योंकि यदि हम ढ़ीले न हो जाएँ तो हम निर्धारित समय पर उपज अवश्य काटेंगे. 10 जब तक हमारे सामने सुअवसर है, हम सभी का भला करते रहें, विशेषकर विश्वासी परिवार के सदस्यों का.

मत्तियाह 16:21-28

दुःखभोग और क्रूस की मृत्यु की पहिली भविष्यवाणी

(मत्ति 16:21-28; मारक 8:31; 9:1; लूकॉ 9:21-27)

21 इस समय से येशु ने शिष्यों पर यह स्पष्ट करना प्रारम्भ कर दिया कि उनका येरूशालेम नगर जाना, पुरनियों, प्रधान याजक और शास्त्रियों द्वारा उन्हें यातना दिया जाना, मार डाला जाना तथा तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित किया जाना अवश्य है.

22 यह सुन पेतरॉस येशु को अलग ले गए और उन्हें झिड़की देते हुए कहने लगे, “परमेश्वर ऐसा न करें, प्रभु! आपके साथ ऐसा कभी न होगा.”

23 किन्तु येशु पेतरॉस से उन्मुख हो बोले, “दूर हो जा मेरी दृष्टि से, शैतान! तू मेरे लिए बाधा है! तेरा मन परमेश्वर सम्बन्धित विषयों में नहीं परन्तु मनुष्य सम्बन्धी विषयों में है.”

24 इसके बाद येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपना त्याग कर अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले. 25 जो कोई अपने जीवन को बचाना चाहता है, वह उसे गँवा देगा तथा जो कोई मेरे लिए अपने प्राणों की हानि उठाता है, उसे सुरक्षित पाएगा. 26 भला इसका क्या लाभ कि कोई व्यक्ति पूरा संसार तो प्राप्त करे किन्तु अपना प्राण खो दे? किस वस्तु से मनुष्य अपने प्राण का बदला कर सकता है? 27 मानव-पुत्र अपने पिता की महिमा में अपने स्वर्गदूतों के साथ आएगा, तब वह हर एक मनुष्य को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा.

28 “सच तो यह है कि यहाँ कुछ हैं, जो मृत्यु का स्वाद तब तक नहीं चखेंगे, जब तक वे मनुष्य के पुत्र का उसके राज्य में प्रवेश न देख लें.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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